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कॉइनडीसीएक्स क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज

कॉइनडीसीएक्स क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज
सेल्फी फोटो अपलोड करने के बाद आपको अपने आधार कार्ड का फ्रंट और बैक का फोटो अपलोड करना होगा।

CoinDCX go Application ( CryptoCurrancy)

Coindcx क्या है coindcx की जानकरी

क्रिप्टो करेंसी में बहुत सारे अलग-अलग क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफार्म है। जिसमें 200 से अधिक क्रिप्टो करेंसी अलग-अलग प्रकार की है। यहां पर एक लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी Coindcx जो सिंगापुर की कंपनी के द्वारा बनाया गया क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफार्म है और इस कंपनी ने इस क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफार्म को साल 2018 में लांच किया वर्तमान समय में कॉइनडीसीएक्स का मुख्यालय भारत मुंबई में भी स्थित है। आज के आर्टिकल में हम आपको Coindcx क्या है और इसे कैसे खरीदें इसके बारे में जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

यह एक प्रकार का क्रिप्टो एक्सचेंज प्ल सीटफॉर्म है। जिसके माध्यम से आप बिटकॉइन और एथेरियम जैसे लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी को खरीद सकते हैं और बेज सकते हैं। DCX के क्षेत्र में इसे सर्वश्रेष्ठ क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफार्म के रूप में जाना जा रहा है। जिस प्रकार से क्रिप्टो में बिटकॉइन स्टेडियम के नाम प्रसिद्ध है।

देश भर में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर DGGI की नकेल, 70 करोड़ रुपये की कर चोरी का खुलासा

देश भर में क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर DGGI की नकेल, 70 करोड़ रुपये की कर चोरी का खुलासा

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) द्वारा जीएसटी की बड़े पैमाने पर कर चोरी के बाद, जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय ने देश में संचालित क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों पर बड़ी कार्रवाई की है। सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "क्रिप्टोकरेंसी सेवा प्रदाताओं के लगभग आधा दर्जन दफ्तरों की तलाशी ली गई है और डीजीजीआई द्वारा बड़े पैमाने पर माल और सेवा कर (जीएसटी) चोरी का पता चला है।" क्रिप्टो वॉलेट और एक्सचेंज ऐसे प्लेटफॉर्म हैं जहां मार्चेंट और कस्टमर बिटकॉइन, एथेरियम, रिपल आदि जैसी डिजिटल संपत्ति के साथ लेनदेन कर सकते हैं।

इन क्रिप्टो एक्सचेंजों की हो रही जांच

सूत्रों के अनुसार, मुंबई सीजीएसटी और डीजीजीआई द्वारा क्रिप्टोक्यरेंसी ट्रेड पर कार्रवाई के दौरान लगभग 70 करोड़ रुपये की कर चोरी का पता चला है। सूत्रों ने कहा, "डीजीजीआई मैसर्स बिटसिफर लैब्स एलएलपी के कॉइनस्विच कुबेर, मेसर्स नेब्लियो टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के कॉइनडीसीएक्स, मेसर्स आई ब्लॉक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के बाययूकॉइन और मैसर्स यूनोकॉइन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के यूनोकॉइन की जांच कर रहा है।"

आधिकारिक सूत्रों ने आगे कहा, "वे (कंपनियां) क्रिप्टो कॉइन की खरीद और बिक्री के लिए मध्यस्थ सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इन सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी की दर से जीएसटी लगता है, जिससे ये सभी बचते रहे हैं।" एक अन्य आधिकारिक सूत्र, जो इस सर्च का हिस्सा था, ने एएनआई को बताया, "ये सेवा प्रदाता बिटकॉइन के आदान-प्रदान में शामिल होने की सुविधा के लिए एक कमीशन ले रहे थे, लेकिन जीएसटी कर का भुगतान नहीं कर रहे थे। इन लेनदेन को डीजीजीआई द्वारा इंटरसेप्ट किया गया था और उन्हें सबूत के साथ पकड़ा गया है। यह साबित हुआ कि जीएसटी का भुगतान नहीं हो रहा है।"

Cryptocurrency: भारत से बोरिया बिस्तर बांध रहे क्रिप्टो एक्सचेंज और डेवलपर

Neel Mani Lal

Cryptocurrency

Cryptocurrency In India

Cryptocurrency: भारत में क्रिप्टोकरेंसी के अनिश्चित भविष्य को देखते हुये कई भारतीय क्रिप्टो उद्यमी और डेवलपर्स देश से बाहर अन्यत्र अपना बेस बना रहे हैं। भारत के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज "वज़ीरएक्स" के कॉइनडीसीएक्स क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज सह-संस्थापक, निश्चल शेट्टी (WazirX co-founder Nischal Shetty) और सिद्धार्थ मेनन, अपने परिवारों के साथ दुबई चले गए हैं। "पॉलीगॉन" के सह-संस्थापक संदीप नेलवाल (कॉइनडीसीएक्स क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज Polygon Co-Founder Sandeep Nelwal) भी उन लोगों में शामिल हैं, जो पिछले दो वर्षों में दुबई में स्थानांतरित हुए हैं। इसके पहले ज़ेबपे और वॉल्द सिंगापुर में स्थानांतरित हो चुके हैं। कॉइनडीसीएक्स की अब सिंगापुर शाखा ऑपरेट कर रही है। यह डेवलपमेंट कुछ क्रिप्टो प्लेटफार्मों के खिलाफ प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा की गई कार्रवाई, हर कुछ हफ्तों में जारी किए जा रहे नए नियमों और नियामक बदलावों के मद्देनजर हुए हैं।

CoinDCX go deposit fees या Charges कितने लगेंगे?

CoinDCX Charges की बात करे तो फिलाल हमें Trading Fee ना के बराबर लगेगी और Deposit Fee की बात करें तो यह 0.1 प्रतिशत लगेगी. यह बिलकुल देखा जाये तो ना के बराबर है.

यह भारत मे ही बनी ऐप है, इसे 2017 मे शुरु किया गया था और 2018 से सुमित गुप्ता CoinDCX के CEO बने हुये है. और CoinDCX headquarters मुंबई मे बना हुआ है.

क्या काॅईन डिसीएक्स सुरक्षित है? ( Is CoinDCX go safe)

हां, बहुत सभी ब्रोकर तुलना करनेवाली वेबसाईट पर जाकर देखे तो इस प्लॅटफॉर्म को सुरक्षित बताया गया है आप इसे इस्तमाल भी कर सकते है. यह ऐप सभी रुल्स को फोलो करके ही बनी है, इसमे कॉइनडीसीएक्स क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज अभीतक कोई भी फ्रोड या घोटाला कभी सुनने को मिला है.
कंपनी की तरफ से इसे बिलकुल सुरक्षित बताया गया है. आप इसे बेजिझक इस्तमाल कर सकते हो और यह प्ले स्टोअर पर भी उपलब्ध है यानी आप इसे सिक्युर मान सकते हो.

अगर आपको कोई भी Complaint है या Customer Care Support चाहिये तो आप उनको इस [email protected] ईमेल पर लिख सकते हो. वेबसाईट पर उनका ऑफिस का पता भी दिया है जिसपर आप संपर्क कर सकते हो. फिलाल कोई CoinDCX Phone Number तो कही नहीं दिया गया है लेकिन आप उन्हें मेल कर सकते है.

क्या भारत मे काॅईन डिसीएक्स लिगल है? ( Is CoinDCX legal in India? )

पहले भारत मे कॉइनडीसीएक्स क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज Bitcoin को बैन नहीं है लेकिन यह बिलकुल Unregulater है यानी किसी का भी इसके ऊपर कोई कंट्रोल नहीं है अगर आपके साथ कोई धोका होता है तो आप इसपर कुछ नहीं कर सकते क्योंकि इसपर कोई रुल नहीं बना है लेकिन भारत सरकार जल्द ही इसपर आधिकारीक तौर पर कंट्रोल करनेवाला बिल लाने वाली है.

वैसे देखा कॉइनडीसीएक्स क्रिप्टोकरेन्सी एक्सचेंज जाये तो हर एक के प्लस और मायनस चीजें है.
अगर आप एक नये इनवेस्टर है तो आपको CoinSwitch के साथ जा सकते है और अगर आप एक एडवांस लेवल के इनवेस्टर है तो आप CoinDCX go Platform के साथ जा सकते है और अगर आपको इनवेस्टमेंट नहीं CryptoCurrancy Trading करनी है तो आपके लिये WazirX App बेहतर साबित होगी.

तीन साल से सरकारी असमंजस: क्रिप्टो में भारतीयों के 6 लाख करोड़ से ज्यादा लग चुके, फ्रॉड हुआ तो धेला भी नहीं मिलेगा

क्रिप्टो करेंसी में अब तक भारतीयों के 6 लाख करोड़ रु. से ज्यादा निवेश हो चुके हैं। देश में कुल 4 क्रिप्टो एक्सचेंज काम कर रही हैं। लेकिन, ज्यादातर निवेशकों को शायद ही इस बात का अंदाजा हो कि यदि कोई हेराफेरी होती है तो वे कानूनी तौर पर कुछ भी नहीं कर पाएंगे। साइबर कानूनों के विशेषज्ञ और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विराग गुप्ता कहते हैं- ‘अनरेगुलेटेड एक्सचेंज या क्रिप्टो के कारोबारी यदि फ्रॉड करके गायब हो जाएं तो निवेशकों की जमापूंजी डूबनी तय है।

ऐसे में पीड़ित लोगों के पास सिर्फ दो विकल्प हाेंगे। पहला- पुलिस में आपराधिक शिकायत दर्ज कराना। दूसरा- कोर्ट में सिविल मुकदमा दायर करके एक्सचेंज या क्रिप्टो कारोबारी से हर्जाने की मांग करना। लेकिन जिस मामले पर संसद अभी तक कोई कानून नहीं बना पाई है, उस पर एक पुलिस अफसर क्या ही कर लेगा, यह समझा जा सकता है।’ एक वित्तीय कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि बैंक, म्यूचुअल फंड या जीरोधा जैसे स्टॉक ट्रेडिंग प्लेटफार्म खोलने के लिए कंपनियों को कई प्रकार के लाइसेंस, जांच और प्रतीक्षा अवधि से गुजरना पड़ता है।

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