Bitcoin पर आय

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नए आयकर नियमों और टीडीएस से क्रिप्टो लेनदेन पर पड़ा असर
वित्तीय वर्ष 2022-23 से पहले क्रिप्टो करेंसी आयकर के दायरे में नहीं आती थी. ऐसे में क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन करने वाले अधिकांश लोग वित्तीय लाभ या व्यापारिक फायदा बताकर क्रिप्टो करेंसी को भुना कर उस पर लगने वाले कर को अदा कर देते थे. यह अलग बात है कि क्रिप्टो करेंसी पर लागू नए आयकर नियमों से क्रिप्टो उद्योग पर अब गहरा असर पड़ेगा. इन नए आयकर नियमों के तहत अब क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वालों को क्रिप्टो की बिक्री या एनएफटी से होने वाली आय पर 30 फीसदी आयकर देना होगा, जो कि सबसे ऊंची आयकर दर है. साथ ही अन्य संपत्ति श्रेणियों की तर्ज पर रिटेल निवेशक क्रिप्टो करेंसी में घाटा होने पर एक्सपेंसेस या डिडक्शन का दावा भी नहीं कर सकेंगे.
Cryptocurrency की आय पर लगेगा 30% टैक्स, अभी भी नहीं हुआ यह लीगल
डीएनए हिंदी: क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) के निवेशकों में कुछ समय पहले डर बैठ गया था कि अगर सरकार द्वारा इसे बैन कर दिया गया तो उनके पैसे डूब जाएंगे. इसके बैन होने के इतिहास पर थोड़ा पीछे जाएं तो साल 2018 में RBI ने इसपर बैन Bitcoin पर आय लगाया था. हालांकि 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस पर से बैन हटाने का फैसला दे दिया था. मंगलवार को पारित हुए आम बजट में 30% टैक्स के साथ सरकार ने क्रिप्टो निवेश और आय को एक तरह की मान्यता दी.
भारत में क्रिप्टो के निवेशक
सभी देशों के क्रिप्टो निवेशकों की अगर भारत के क्रिप्टो निवेशकों से तुलना की जाए तो आप पाएंगे कि हमारे देश में किसी भी अन्य देश की तुलना में सबसे ज्यादा क्रिप्टो निवेशक हैं. 1 करोड़ डॉलर के कुल वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) ट्रान्सफर का 42% Bitcoin पर आय भारत से हुआ है. यह आंकड़ा किसी भी दूसरे देश से अधिक है. माना जाता है कि इस निवेश में ब्लैक, वाइट हर तरह के पैसे शामिल हैं. कुछ समय पहले जो आंकड़े आए थे उनके मुताबिक भारत में अब तक 6 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है. कुछ रिपोर्ट 10 लाख करोड़ की बात भी करते हैं.
क्या क्रिप्टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब
Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस Bitcoin पर आय छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं Bitcoin पर आय पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं Bitcoin पर आय किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार Bitcoin पर आय ने इस विषय पर अपना पक्ष भी स्पष्ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 Bitcoin पर आय में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।
बिटकॉइन की तेजी इसके आगे कुछ भी नहीं, एक महीने में इस क्रिप्टोकरेंसी में आया 1000% का उछाल
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मंगलवार को बिटकॉइन 11,755.85 डॉलर के स्तर पर बंद हुआ था और आज इसका भाव 12,771.35 डॉलर तक पहुंच गया है
बिटकॉइन को लेकर RBI ने किया आगाह, लेकिन इसका भाव 12000 डॉलर के भी पार हुआ
दिसंबर के 6 दिन में ही इसका भाव 25 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुका है। 30 नवंबर को बिटकॉइन का भाव 9,677 डॉलर था लेकिन आज यह बढ़कर 12,135 डॉलर हो गया है