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शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है

शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है
शेयर बाजार क्या है

शेयर मार्केट क्या है और कैसे काम करता हैं | Share Market In Hindi

Share Market In Hindi: शेयर बाजार एक ऐसा मंच है जहां निवेशक शेयर, बांड और डेरिवेटिव जैसे वित्तीय साधनों में व्यापार करने के लिए आते हैं। स्टॉक एक्सचेंज इस लेनदेन के एक सूत्रधार के रूप में काम करता है और शेयरों की खरीद और बिक्री को सक्षम बनाता है।

भारतीय शेयर बाजार का परिचय (Introduction to the Indian Stock Market)

Table of Contents

शेयर बाजार निवेश का सबसे बड़ा जरिया है। भारत में मुख्य रूप से दो स्टॉक एक्सचेंज हैं, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई)। कंपनियां पहली बार अपने शेयरों को आईपीओ के जरिए स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करती हैं। निवेशक इन शेयरों में द्वितीयक बाजार के माध्यम से व्यापार कर सकते हैं।

भारत में दो स्टॉक एक्सचेंजों में कुछ अवसरों पर INR 6,00,000 करोड़ के शेयरों का कारोबार हुआ है। भारत में शुरुआती लोग अक्सर शेयर बाजार में जुए में निवेश करने पर विचार करते हैं, लेकिन शेयर बाजार की एक बुनियादी समझ उस धारणा को बदल सकती है।

भारतीय शेयर बाजारों का विनियमन (Regulation of the Indian Stock Markets)

भारत में शेयर बाजारों का विनियमन और पर्यवेक्षण भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के पास है। सेबी का गठन 1992 के सेबी अधिनियम के तहत एक स्वतंत्र पहचान के रूप में किया गया था और स्टॉक एक्सचेंजों का निरीक्षण करने की शक्ति रखता है। निरीक्षण प्रशासनिक नियंत्रण के पहलुओं के साथ बाजार के संचालन और संगठनात्मक संरचना की समीक्षा करते हैं। सेबी की मुख्य भूमिका में शामिल हैं:

  • निवेशकों के विकास के लिए एक निष्पक्ष और न्यायसंगत बाजार सुनिश्चित करना
  • एक्सचेंज संगठन का अनुपालन, सिस्टम सिक्योरिटीज कॉन्ट्रैक्ट्स (विनियमन) अधिनियम (एससी (आर) अधिनियम), 1956 के तहत बनाए गए नियमों के अनुसार इसका अभ्यास करता है।
  • सेबी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों और निर्देशों का कार्यान्वयन सुनिश्चित करें
  • जाँच करें कि क्या एक्सचेंज ने सभी शर्तों का अनुपालन किया है और एससी (आर) अधिनियम 1956 की धारा 4 के तहत, यदि आवश्यक हो तो अनुदान का नवीनीकरण किया है।

शेयर बाजार के प्रकार (Share Market In Hindi)

शेयर बाजार दो प्रकार के होते हैं, प्राथमिक और द्वितीयक बाजार।

प्राथमिक शेयर बाजार (Primary Share Market)

यह प्राथमिक बाजार में है कि कंपनियां अपने शेयर जारी करने और धन जुटाने के लिए खुद को पंजीकृत करती हैं। इस प्रक्रिया को स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के रूप में भी जाना जाता है। प्राथमिक बाजार में प्रवेश करने का उद्देश्य धन जुटाना है और यदि कंपनी पहली बार अपने शेयर बेच रही है तो इसे प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) कहा जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, कंपनी एक सार्वजनिक इकाई बन जाती है।

द्वितीयक बाजार (Secondary Market)

प्राथमिक बाजार में नई प्रतिभूतियों के बेचे जाने के बाद कंपनी के शेयरों का द्वितीयक बाजार में कारोबार होता है। इस तरह निवेशक अपने शेयर बेचकर बाहर निकल सकते हैं। द्वितीयक बाजार में होने वाले ये लेन-देन व्यापार कहलाते हैं। इसमें निवेशकों की एक-दूसरे से खरीदारी करने और सहमत मूल्य पर आपस में बेचने की गतिविधि शामिल है। एक दलाल एक मध्यस्थ है जो इन लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है।

शेयर बाजार कैसे काम करते हैं (How do the Share Markets work)

स्टॉक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म को समझना (Understanding the Stock Exchange Platform)

स्टॉक एक्सचेंज वास्तव में एक ऐसा मंच है जो स्टॉक और डेरिवेटिव जैसे वित्तीय साधनों का व्यापार करता है। इस प्लेटफॉर्म पर गतिविधियों को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड द्वारा नियंत्रित किया जाता है। ट्रेड करने के लिए प्रतिभागियों को सेबी और स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकरण कराना होता है। व्यापारिक गतिविधियों में दलाली, कंपनियों द्वारा शेयर जारी करना आदि शामिल हैं।

सेकेंडरी मार्केट में कंपनी की लिस्टिंग (Listing of the Company in the Secondary Market)

किसी कंपनी के शेयर पहली बार प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश या आईपीओ के माध्यम से द्वितीयक बाजार में सूचीबद्ध होते हैं। शेयरों का आवंटन लिस्टिंग से पहले होता है और शेयरों के लिए बोली लगाने वाले निवेशकों को निवेशकों की संख्या के आधार पर अपना हिस्सा मिलता शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है है।

द्वितीयक बाजार में व्यापार (Trading in the Secondary Market)

एक बार कंपनी सूचीबद्ध हो जाने के बाद, निवेशकों द्वारा द्वितीयक बाजार में शेयरों का कारोबार किया जा सकता है। यह खरीदारों और विक्रेताओं के लिए लेन-देन करने और मुनाफा कमाने या कुछ मामलों में नुकसान का बाजार है।

स्टॉक ब्रोकर्स (Stock Brokers)

हजारों की संख्या में निवेशकों की संख्या के कारण, उन्हें एक स्थान पर इकट्ठा शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है करना मुश्किल है। इसलिए, व्यापार करने के लिए, स्टॉक ब्रोकर और ब्रोकरेज फर्म तस्वीर में आते हैं।

ये ऐसी संस्थाएं हैं जो स्टॉक एक्सचेंज में पंजीकृत हैं और निवेशकों और एक्सचेंज के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती हैं। जब आप किसी शेयर को किसी निश्चित दर पर खरीदने का ऑर्डर देते हैं, तो ब्रोकर इसे एक्सचेंज में प्रोसेस करता है जहां कई पार्टियां शामिल होती हैं।

आपके आदेश का पारित होना (Passing of your order)

आपका खरीद ऑर्डर ब्रोकर द्वारा एक्सचेंज को पास कर दिया जाता है, जहां उसका मिलान उसी के लिए बेचने के ऑर्डर के लिए किया जाता है। विनिमय तब होता है जब विक्रेता और खरीदार एक कीमत पर सहमत होते हैं और इसे अंतिम रूप देते हैं; फिर आदेश की पुष्टि की जाती है।

समझौता (Settlement)

एक बार जब आप किसी कीमत को अंतिम रूप दे देते हैं, तो एक्सचेंज यह सुनिश्चित करने के लिए विवरण की पुष्टि करता है कि लेनदेन में कोई चूक नहीं है। एक्सचेंज तब शेयरों के स्वामित्व के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है जिसे निपटान के रूप में जाना जाता है। ऐसा होने पर आपको एक संदेश प्राप्त होता है। इस संदेश के संचार में ब्रोकरेज ऑर्डर विभाग, एक्सचेंज फ्लोर ट्रेडर्स आदि जैसे कई पक्ष शामिल होते हैं।

शेयर बाजार क्या है

शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है शेयर मार्केट की जानकारी, शेयर कैसे खरीदें हिंदी में विस्तार से शेयर मार्किट गाईड आसान भाषा में। जब भी हम किसी बाज़ार की कल्पना करते है तो हमारे दिमाग में किसी ऐसी जगह की इमेज बनती है जहाँ बहुत-सी दुकानें होंगी या कोई मॉल जहां जाकर आप खरीदारी कर सकते हैं मगर शेयर बाजार ऐसा बाजार नहीं है. शेयर बाजार में खरीदने और बेचने का काम पूरी तरह से कंप्यूटर द्वारा ऑटोमेटिक तरीके से होता है. कोई भी शेयर खरीदने या बेचने वाला अपने ब्रोकर के द्वारा एक्सचेंज पर अपना आर्डर देता है और पलक झपकते ही पेंडिंग आर्डरों के अनुसार ऑटोमेटिकली सौदे का मिलान हो जाता है.

शेयर बाजार क्या है

शेयर बाजार क्या है

शेयर बाजार क्या है

शेयर बाजार में काम के घंटों में ब्रोकर अपने ग्राहकों के लिए उनके द्वारा दिए गए आर्डर टर्मिनल में डाल देते हैं. इसके बदले में शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है ब्रोकर को ब्रोकरेज या दलाली मिलती है। शेयर बाजार के बारे में अधिक जानकारी ओर अन्य पहलुओं को जानने के लिये Share Market information in Hindi विस्तार से पढ़ें।

कैसे होता है शेयर बाजार में काम

हम कह सकते हैं कि मुख्यतः शेयर बाजार की तीन कड़ियाँ हैं स्टॉक एक्सचेंज, ब्रोकर और निवेशक. ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज के सदस्य होते है और केवल वे ही उस स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग कर सकते हैं. ग्राहक सीधे जाकर शेयर खरीद या बेच नहीं सकते उन्हें केवल ब्रोकर के जरिए ही जाना पड़ता है. ऐसा नहीं है कि शेयर बाजार में निवेश करने के लिये कोई मोटी राशि कि जरुरत है, यहां पढिये शेयर बाजार में कम से कम कितने पैसे लगा सकते हैं।

शेयर बाजार क्या है – भारत के प्रमुख स्टॉक एक्स्चेंज

देश में मुख्यतः BSE यानी मुंबई स्टॉक एक्सचेंज और NSE यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज हैं जिन पर शेयरों का कारोबार होता है. BSE और NSE दुनिया के बड़े स्टॉक एक्सचेंज हैं. अधिकतर कंपनियां जिनके शेयर मार्केट में ट्रेड होते हैं इन दोनों स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड है मगर यह भी हो सकता है कि कोई कंपनी इन दोनों में से किसी एक ही एक्सचेंज पर लिस्टेड हों.

डीमैट अकाउंट है ज़रूरी

देश के मुख्यता सभी बड़े बैंक या उनकी सबसिडी कंपनियां और अन्य बड़ी वित्तीय कंपनियां इन एक्सचेंजों में ब्रोकर के तौर पर काम करती हैं. ग्राहक इन ब्रोकर कम्पनियों के पास जाकर अपने डीमैट अकाउंट की जानकारी देकर अपना खाता ब्रोकर के पास खुलवा सकता है. इस प्रकार ग्राहक का डीमैट एकाउंट ब्रोकर के अकाउंट से जुड़ जाता है और खरीदी अथवा बेची गई शेयर्स ग्राहक के डीमैट अकाउंट से ट्रांसफर हो जाती हैं. इसी प्रकार ग्राहक अपना बैंक खाता भी ब्रोकर के खाते के साथ जोड़ सकता है जिससे खरीदे अथवा बेचे गए शेयरों की धनराशि ग्राहक के खाते में ट्रांसफर की जाती है.

डीमैट अकाउंट से जुड़ता है ट्रेडिंग अकाउंट

ग्राहक द्वारा खरीदे गए शेयर इलेक्ट्रॉनिक रूप में उसके डीमैट एकाउंट में पड़े रहते हैं जब भी कोई कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है तो डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक खाते में डिविडेंड की राशि पहुंच जाती है. इसी प्रकार यदि कंपनी बोनस शेयरों की घोषणा करती है तो बोनस शेयर भी शेयरहोल्डर के डीमैट अकाउंट में पहुंच जाते हैं. ग्राहक जब शेयर बेचता है तो उसी डीमैट अकाउंट से वह शेयर ट्रान्सफर हो जाता है.

शेयरों में कारोबार करने के लिए एक निवेशक के पास डीमैट अकाउंट, ब्रोकर के पास ट्रेडिंग अकाउंट और उससे जुडा एक बैंक खाता होना जरूरी है. कई बैंक इसके लिए थ्री इन वन खाता खोलने की सुविधा भी देते हैं. अधिकतर ब्रोकर हाउस आपको ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग की सुविधा भी प्रदान करते हैं इसके अलावा आप फोन करके भी अपने ऑर्डर दे सकते है.

यदि आप भी शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं तो शेयर बाजार क्या है और शेयर बाजार कैसे काम करता है यह आपके लिए समझना बहुत आवश्यक है.

Whats is Share Market : शेयर बाजार क्या हैं व कैसे काम करता है

Whats is Share Market आज हम शेयर मार्केट के बारे में बात करने वाले हैं की share market kya hai और शेयर मार्केट कैसे काम करता हैं बहुत से लोगो को इसके शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है बारे में पता नहीं होता की यह कैसे काम करता हैं तो आज हम आपको शेयर मार्केट से जुडी पूरी जानकारी बतायेगे

Share Market kaise kharide

Share Market Kya Hai अगर आप घर बैठे पैसा कमाना चाहते हैं तो share market एक बहुत ही अच्छा तरीका हैं इससे आप लाखों रुपये घर बैठे कमा सकते हैं व आपको इसमे ज्यादा मेहनत करने की भी जरुरत नही पडती आप बहुत आसानी से ये काम कर सकते हैं

पर इसमे risk भी बहुत होता हैं इसलिए आपको इसका इस्तेमाल पूरी सावधानी से करना चाहिए अन्यथा आपको इसमे नुकसान भी वहन करना पड सकता हैं आज हम इन सभी points की उपर चर्चा करेगें जिससे की आपको ज्यादा से ज्यादा लाभ हो सके व share bazar in Hindi उसके बारे मे आपको पूरी जानकारी प्राप्त हो सके.

Share Market क्या है

शेयर मार्केट एक ऐसा market हैं जहाँ पर आप बडी बडी company के share खरीद व बेच सकते हैं यहाँ पर लगभग आपको सभी company के शेयर मिल जायेगे व आप जिस शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है company के शेयर खरीदना चाहो उसके शेयर खरीद सकते हैं व जितने रुपए के शेयर खरीदना चाहो उतने खरीद सकते हैं इसमें आपको ऊपर कोई पाबंदी नही होती.

Company के फायदे व नुकसान के आधार पर प्रतिदिन इसकी कीमतों में उतार चढाव होता रहता हैं ये उस company के लाभ व नुकसान पर निर्भर करता हैं की उसके share की कीमतें बढती हैं या घटती है.

आप जिस companies के share खरीद रहे हैं उस company को फायदा हुआ तो आपको दुगुना व तीन गुना फायदा भी हो सकता या ज्यादा भी हो सकता हैं पर अगर नुकसान हुआ तो आपका लगाया गया पैसा भी जा सकता हैं जिसके कारण इसे बहुत risky कहा जाता है.

जैसे की share market in Hindi मे‌ पैसे कमाना भी आसान हैं तो पैसे शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है गवाना भी उतना ही आसान हैं पर आप सावधानी पूर्वक कार्य करे तो शायद आप नुकसान होने से बच सकते हैं उसमे सावधानी एक ही चीज़ की रखनी हैं की आप सही company के share खरीदे जिसमें आपको पैसे का नुकसान न हो.

Share Market में Share कब खरीदने चाहिए

Share market kya hai इसकी जानकारी तो आपको मिल गयी हैं अब important points ये हैं की आपको share कब खरीदने चाहिए तो इसके लिए आप पहले share market के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त करें क्योंकि आपको जितना ज्यादा experience होगा आप उतनी ही अधिक कमाई शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है कर पायेगे.

Share market के उतार चढाव के बारे में जानकारी पाने के लिए आपको economic times के newspaper पढने चाहिए व आप NDTV Business New channel देख कर भी इसके उतार चढाव के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

Share market in Hindi ये बहुत risk से भरा हुआ मार्केट हैं इसलिए हमारी राय यहीं हैं की आप इसमे तभी निवेश करे जब आपकी आर्थिक स्थिति अच्छी हो व उसने ही पैसे निवेश करे जितना आप नुकसान सहन कर सके क्योंकि इसमें नुकसान होनी की भी बहुत सम्भावना होती हैं इसलिए अगर आपका पैसा डूब जाये तो भी आपकी आर्थिक स्थिति पर ज्यादा फर्क ना पडे.

Share market मे पैसे लगाने से पहले आप इसमे ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर ले क्युँकि यहाँ पर fraud companies भी बहुत होती हैं इसके कारण अगर आपको इसमे अच्छा खासा experience हैं तो आप यहाँ पर नुकसान होने से खुद को बचा सकते हैं व आप जिस company के share खरीद रहे हैं उस company के background के बारे मे भी अच्छे से जानकारी प्राप्त कर ले उसके बाद ही इसके निवेश करें.

Share Kaise Kharide

अगर आप share market मे‌ पैसे निवेश करना चाहते हैं व share खरीदना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एक Demat account बनाना होता हैं ये बैक account की तरह ही होता हैं उसमे आपके bank से पैसे transfer करने होते हैं व जितने पैसे आप अपने demat account में रखोगे आप उतने ही पैसो के share खरीद सकते हैं व आपके share भी इसी account मे रहते हैं.

अगर आप share बेचते हैं तो वो पैसे भी demat account मे रहैंगे यहाँ से वो पैसे आपको अपने बैक मे transfer करने होते‌ हैं व demat account से share खरीदने के लिए भी आपको बैक से इस account मे पैसे लेने होते हैं जिसके बाद आप share खरीद पायेगे.

Demat Account कैसे खोले

Demat account क्या हैं इसके बारे मे तो आपको जानकारी पता चल ही गयी हैं अब आप सोच रहे होगें की demat account खोलते कैसे हैं तो इसके लिए आपको एक share market brokers यानि दलाल की जरुरत होती हैं जो आपका demat account खुलवाता हैं

अगर आप किसी broker को नही जानते तो आप demat account खोलने के लिए किसी company से contact कर सकते हैं वो खुद उनके दलाल को आपके पास भेजेगे जो की आपका account open करवाने मे मदद करते हैं.

व इसका एक फायदा ये भी होता हैं की दलाल आपको कई बार कुछ companies के बारे मे suggest करेगें जहां आप निवेश कर सकते हैं उसमे नुकसान की संभावना कम होती हैं पर इसके लिए वो आपसे पैसे भी लेते है.

Demat account खोलने के‌ लिए आपका किसी भी बैक मे एक saving account होना जरुरी हैं व आपके पास aadhar card, pan card आदि होने जरुरी हैं जिससे आप demat account खोल पायेगे.

भारत मे 2 main stock exchange हैं.

  1. Bombay Stock Exchange (BSE)
  2. National Stock Exchange (NSE)

यही पर सभी share ख़रीदे व बेचे जाते हैं और जो Broker होते हैं वो इसी के सदस्य होते हैं आप इन share market brokers की मदद से ही stock market मे trading कर सकते हैं.

Calculation – आज के आर्टिकल में हम आपको Share Market क्या है और शेयर कैसे खरीदते है इसके बारे में जानकारी दी है हमे उम्मीद है की आपको हमारे द्वारा बताई गयी जानकारी जरूर पसंद आयी होगी अगर आपको जानकारी अच्छी लगे तो इसे अपने मित्रो के साथ शेयर जरूर करे व अधिक जानकारी के लिए आप हमे कमेंट कर सकते है.

जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

Share market: जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. आइए इसका जवाब बताते हैं.

  • शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
  • अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
  • राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर

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जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

नई दिल्ली: आपने शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ी तमाम खबरें सुनी होंगी. जिसमें शेयर मार्केट में गिरावट और बढ़त जैसी खबरें आम हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. इस सवाल का जवाब है नहीं. आपको बता दें कि शेयर मार्केट में डूबा हुआ पैसा गायब हो जाता है. आइए इसको समझाते हैं.

कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश

आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.

डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर

शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्‍थितियों में शेयरों का मूल्‍य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.

कैसे काम करता है शेयर बाजार

मान लीजिए किसी के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है. लेकिन उसे जमीन पर उतारने के लिए पैसा नहीं है. वो किसी निवेशक के पास गया लेकिन बात नहीं बनी और ज्यादा पैसे की जरूरत है. ऐसे में एक कंपनी बनाई जाएगी. वो कंपनी सेबी से संपर्क कर शेयर बाजार में उतरने की बात करती है. कागजी कार्रवाई पूरा करती है और फिर शेयर बाजार का खेल शुरू होता है. शेयर बाजार में आने के लिए नई कंपनी होना जरूरी नहीं है. पुरानी कंपनियां भी शेयर बाजार में आ सकती हैं.

शेयर का मतलब हिस्सा है. इसका मतलब जो कंपनियां शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में लिस्टेड होती हैं उनकी हिस्सेदारी बंटी रहती है. स्टॉक मार्केट में आने के लिए सेबी, बीएसई और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) में रजिस्टर करवाना होता है. जिस कंपनी में कोई भी निवेशक शेयर खरीदता है वो उस कंपनी में हिस्सेदार हो जाता है. ये हिस्सेदारी खरीदे गए शेयरों की संख्या पर निर्भर करती है. शेयर खरीदने और बेचने का काम ब्रोकर्स यानी दलाल करते हैं. कंपनी और शेयरधारकों के बीच सबसे जरूरी कड़ी का काम ब्रोकर्स ही करते हैं.

निफ्टी और सेंसेक्स कैसे तय होते हैं?

इन दोनों सूचकाकों को तय करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो लोग उसके शेयर खरीदना चाहेंगे और शेयर की मांग बढ़ने से उसके दाम बढ़ेंगे. अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब रहेगा तो लोग शेयर बेचना शुरू कर देंगे और शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं.

इसके अलावा कई दूसरी चीजें हैं जिनसे निफ्टी और सेंसेक्स पर असर पड़ता है. मसलन भारत जैसे कृषि प्रधान देश में बारिश अच्छी या खराब होने का असर भी शेयर मार्केट पर पड़ता है. खराब बारिश से बाजार में पैसा कम आएगा और मांग घटेगी. ऐसे में शेयर बाजार भी गिरता है. हर राजनीतिक घटना का शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. चीन और अमेरिका के कारोबारी युद्ध से लेकर ईरान-अमेरिका तनाव का असर भी शेयर बाजार पर पड़ता है. इन सब चीजों से व्यापार प्रभावित होते हैं.

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