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जानें अन्य क्रिप्टोकरेंसी का हाल

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भारत का पहला क्रिप्टोकरेंसी इंडेक्स IC15 हुआ लॉन्च

Cryptocurrency: लोगों में कम होता जा रहा है क्रिप्टो का क्रेज? बाजार की हालत में हो सकते हैं ये बड़े उलटफेर, आप भी हो जाएं सावधान

Cryptocurrency: अगर यही हाल रहा तो इस साल बिटकॉइन की कीमत 14,000 डॉलर तक भी लुढ़क सकती है। छोटी क्रिप्टोकरेंसी भी गिर गई हैं, जो बिटकॉइन के साथ मिलकर चलती हैं। दूसरा सबसे बड़ा डिजिटल टोकन, एथेरियम, 12 प्रतिशत गिरकर 1,045 डॉलर पर आ गया है, जो 15 महीने का नया निचला स्तर है।

नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय इक्विटी बाजार से पैसा निकालना जारी रखा है और इसी बीच वैश्विक आर्थिक मंदी के मद्देनजर क्रिप्टो बाजार और डिजिटल परिसंपत्ति क्षेत्र में बिकवाली भी तेज हो गई है। कॉइनमार्केटकैप के आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह पूरे क्रिप्टोकरेंसी बाजार से 200 अरब डॉलर से अधिक का सफाया हो गया और फरवरी 2021 के बाद पहली बार वैश्विक क्रिप्टो बाजार पूंजीकरण 1 खरब डॉलर से नीचे गिर गया। उच्च महंगाई दर, बढ़ती ब्याज दरों, रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन के लॉकडाउन जैसे कारकों से उत्पन्न अस्थिर बाजार स्थितियों के बीच बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में गिरावट के कारण भारत में पहले से ही डूबते नजर आ रहे क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भी भारी बिकवाली देखी जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में क्रिप्टो निवेशक और व्यापारी वर्तमान में सावधानी बरत रहे हैं और क्रिप्टो खरीदारी में एक खास गिरावट देखी गई है। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स के सह-संस्थापक निश्चल शेट्टी ने कहा, भारतीय निवेशक सतर्क हैं और वेट एंड वॉच (बाजार पर नजर रखते हुए इंतजार) ²ष्टिकोण अपना रहे हैं।

दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (बीटीसी) पिछले साल नवंबर में 69,000 डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर के बाद से लगभग 70 प्रतिशत गिर चुकी है। इस सप्ताह यह 20,000 रुपये से 21,000 रुपये प्रति कॉइन के आसपास मंडरा रहा है। विश्लेषकों के मुताबिक, अगर यही हाल रहा तो इस साल बिटकॉइन की कीमत 14,000 डॉलर तक भी लुढ़क सकती है। छोटी क्रिप्टोकरेंसी भी गिर गई हैं, जो बिटकॉइन के साथ मिलकर चलती हैं। दूसरा सबसे बड़ा डिजिटल टोकन, एथेरियम, 12 प्रतिशत गिरकर 1,045 डॉलर पर आ गया है, जो 15 महीने का नया निचला स्तर है। वर्तमान गिरावट का मतलब है कि नवंबर 2021 से एथेरियम ने अपने मूल्य का 77 प्रतिशत खो दिया है।

एथेरियम की बिक्री इस सप्ताह फिर से शुरू हुई, इसकी कीमत में जून में एक और 25 प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, ऐसे निराशाजनक परि²श्य में शॉर्ट-वीडियो मेकिंग ऐप चिंगारी द्वारा भारत का अपना गैरी डिजिटल टोकन लगभग 40 फीसदी बढ़ गया है। सबसे तेजी से बढ़ते ब्लॉकचैन सोशल ऐप, चिंगारी ने इस सप्ताह 4 करोड़ मासिक औसत यूजर्स (एमएयू) को सशक्त बनाने के लिए गारी (जीएआरआई) माइनिंग प्रोग्राम की घोषणा की, जो अपने प्लेटफॉर्म पर अपने क्रिएटर्स और यूजर्स को क्रिप्टो की पेशकश करने वाला दुनिया का पहला सोशल ऐप बन गया है।

चिंगारी और गारी टोकन के सह-संस्थापक और सीईओ सुमित घोष ने कहा, यह कार्यक्रम बड़े और विनम्र क्रिएटर्स के लिए एक समान अवसर सुनिश्चित करेगा। अब, ऐप पर क्रिएटर्स और यूजर्स गारी टोकन कमा सकते हैं, जिन्हें पैसे के लिए एक्सचेंजों पर कारोबार किया जानें अन्य क्रिप्टोकरेंसी का हाल जा सकता है और क्रिएटर अपनी आय के एकमात्र स्रोत के रूप में ब्रांड सहयोग की दया पर ही निर्भर नहीं रहेंगे। इस बीच, भारत में क्रिप्टोकरेंसी का भाग्य अभी भी अधर में लटका हुआ है और बहुप्रतीक्षित क्रिप्टो बिल को अभी तक स्पष्ट तौर पर नहीं देखा गया है। अप्रैल में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी बाजार के आकार के बारे में अपनी शंकाओं को दोहराया था और सभी देशों के लिए स्वीकार्य एक नियामक तंत्र की आवश्यकता पर जोर दिया था, ताकि धन को लूटने और आतंकवाद को निधि देने के लिए इसके उपयोग को रोका जा सके। उन्होंने इस मुद्दे को चिंताजनक करार दिया था।

परिणामस्वरूप भारत क्रिप्टोकरेंसी और क्रिप्टो संपत्ति के बीच अंतर करता है और मंत्री ने फरवरी में इन लेनदेन से आय पर 30 प्रतिशत कर की घोषणा की थी, जिसमें स्रोत पर 1 प्रतिशत की कटौती शामिल है। देश अगले साल भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा अपनी डिजिटल मुद्रा रखने की ओर अग्रसर है जो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित होगी यूनोकॉइन के सह-संस्थापक और सीईओ सात्विक विश्वनाथ के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है और इसलिए इसे लगातार अपडेट करने के लिए नियमों की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा, अगर हम क्रिप्टो के लिए दिशानिर्देश लाने की कोशिश करते हैं तो यह सफल होने की संभावना नहीं है।

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि केवल क्रिप्टोकरेंसी ही नहीं, डीआईएफआई (विकेंद्रीकृत वित्त) प्लेटफॉर्म के निवेशकों को भी इस विशेष प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी सेवा की लिक्विडिटी के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच सावधानी और जांच करने की आवश्यकता है। डेफी प्लेटफॉर्म और सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी उधारदाताओं में से एक, सेल्सियस नेटवर्क ने चेताते हुए घोषणा की है कि यह अपने 17 लाख ग्राहकों के लिए सभी निकासी, स्वैप और खातों के बीच हस्तांतरण को रोक रहा है। दुनिया के सबसे बड़े स्वतंत्र वित्तीय सलाहकारों में से एक, डेवीरे ग्रुप के सीईओ, निगेल ग्रीन ने कहा, व्यापक क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र को फिर से हिला दिया गया है – बिटकॉइन जैसी वास्तविक क्रिप्टोकरेंसी द्वारा नहीं, बल्कि डेफी द्वारा।

भास्कर एक्सप्लेनर: क्रिप्टोकरेंसी पर नहीं लगेगा पूर्ण प्रतिबंध, नए सिरे से नियम बनाएगी सरकार; जानें इस डिजिटल करेंसी के बारे में सबकुछ

केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी यानी डिजिटल करेंसी पर पूरी तरह से बैन लगाने के मूड में नहीं है। देश में क्रिप्टोकरेंसी के चलन के लिए सरकार नए सिरे से नियम बनाएगी। इसके लिए सरकार एक्सपर्ट के नए पैनल का गठन कर सकती है। इससे पहले भी सरकार ने एक्सपर्ट पैनल का गठन किया था। यह पैनल सरकार को अपनी सिफारिशें दे चुका है। आइए आपको बताते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी क्या होती है और अभी देश में इसको लेकर क्या नियम-कानून हैं.

क्या हैं एक्सपर्ट कमेटी की सिफारिशें?
केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर पूर्व वित्त सचिव सुभाष गर्ग की अध्यक्षता में एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया था। इस कमेटी ने 2019 में अपनी सिफारिशों में क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। सरकार का मानना है कि सुभाष गर्ग की अध्यक्षता वाली कमेटी की सिफारिशें पुरानी हो गई हैं। अब क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के बजाए नए सिरे से नियम बनाने की जरूरत है।

क्या करेगी नई कमेटी?
नई कमेटी क्रिप्टोकरेंसी में इस्तेमाल होने वाले ब्लॉकचेन की तकनीक में बढ़ोतरी की संभावना तलाश करेगी। साथ ही कमेटी क्रिप्टो को करेंसी के बजाए डिजिटल असेट्स के रूप में रेगुलेट करने के लिए सुझाव देगी। इस कमेटी को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रस्तावित डिजिटल रुपए के संचालन के तौर-तरीकों पर स्टडी करने के लिए भी कहा जा सकता है। हालांकि, अभी नए कमेटी के गठन का प्रस्ताव प्रारंभिक चरण में है और इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है।

क्या हैं वित्त मंत्रालय की तैयारियां?
वित्त मंत्रालय देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग की बढ़ती संख्या पर नजर रखे हुए है। क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े संभावित जोखिमों को लेकर मंत्रालय सभी हितधारकों के संपर्क में है। हाल ही में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने क्रिप्टो और बैंकिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों के साथ बैठक की थी। अनुराग ठाकुर ने कहा था कि कमेटी में शामिल किए जाने वाले लोगों के नामों पर विचार चल रहा है। कमेटी में विपक्षी दलों के प्रतिनिधि भी शामिल हो सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हुए डेवलपमेंट को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को उनकी टीम इस महीने के अंत तक जानकारी दे सकती है।

डिजिटल करेंसी को लेकर सरकार की तैयारी?
देश में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियम बनाने के लिए सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 तैयार किया था। इस बिल को संसद के बजट सत्र में पेश किया जाना था, लेकिन किन्हीं कारणों से अभी तक इसे पेश नहीं किया जा सका है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बिल को संसद के आगामी मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है। यह ड्राफ्ट बिल गर्ग कमेटी की सिफारिशों के आधार पर तैयार किया गया है। मौजूदा बिल में देश में क्रिप्टोकरेंसी असेट्स रखना आपराधिक बनाया गया है।

RBI की डिजिटल करेंसी को लेकर तैयारी?
इसी साल 25 जनवरी को RBI ने पेमेंट सिस्टम को लेकर एक बुकलेट जारी की थी। इसमें कहा गया था कि RBI नई डिजिटल करेंसी या रुपए के डिजिटल वर्जन को क्रिप्टोकरेंसी का दर्जा देने की संभावनाएं तलाशेगा। इसी साल लोकसभा बुलेटिन में कहा गया था कि क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021 के जरिए भारत की ऑफिशियल डिजिटल करेंसी का रास्ता तैयार किया जाएगा। इसके लिए RBI फ्रेमवर्क तैयार करेगा।

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी होती है। इसे डिजिटल करेंसी भी कहा जाता है। डॉलर या रुपए जैसी करेंसी की तरह क्रिप्टोकरेंसी से भी लेन-देन किया जा सकता है। दुनिया में इस वक्त 4 हजार से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं। बिटकॉइन इनमें सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है। हर बिटकॉइन ट्रांजेक्शन ब्लॉकचेन के जरिए पब्लिक लिस्ट में रिकॉर्ड होता है। जो डिसेंट्रलाइज तरीके से अलग-अलग यूजर्स द्वारा किया जाने वाला रिकॉर्ड मेंटेनेंस सिस्टम है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियम
देश में क्रिप्टोकरेंसी का प्रचलन तेजी से बढ़ा है, लेकिन इसको लेकर देश में कोई कानून या गाइडलाइंस नहीं है। 2018 में RBI ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक सर्कुलर जारी किया था। इसमें RBI ने सभी वित्तीय संस्थानों से क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी सेवा प्रदान करने पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल फरवरी में RBI की ओर से लगाए गए प्रतिबंध को खारिज कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारत में क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार हो रहा है। सरकार ने 2019 में भी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने और इसको आपराधिक बनाने के लिए बिल तैयार किया था। हालांकि, यह बिल संसद में पेश नहीं हो पाया था।

क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास

  • 1983 में सबसे पहले अमेरिकन क्रिप्टोग्राफर डेविड चाम ने ई-कैश (ecash) नाम से क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक मनी बनाई थी।
  • 1995 में डिजिकैश के जरिए इसे लागू किया गया।
  • इस पहली क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक मनी को किसी बैंक से नोटों के रूप में विड्रॉल करने के लिए एक सॉफ्टवेयर की आवश्यकता थी।
  • यह सॉफ्टवेयर पूरी तरह से एनक्रिप्टेड था। सॉफ्टवेयर के जरिए क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक मनी प्राप्त करने वाले को एनक्रिप्टेड-की यानी खास प्रकार की चाभी दी जाती थी।
  • इस सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से पैसा जारी करने वाला बैंक, सरकार या अन्य थर्ड पार्टी ट्रांजेक्शन को ट्रैक नहीं कर पाते थे।
  • 1996 में अमेरिका की नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी ने क्रिप्टोकरेंसी सिस्टम के बारे में बताने वाला एक पेपर पब्लिश किया।
  • 2009 में सातोशी नाकामोतो नाम के वर्चुअल निर्माता ने बिटकॉइन नाम की क्रिप्टोकरेंसी बनाई। इसके बाद ही क्रिप्टोकरेंसी को दुनियाभर में लोकप्रियता मिली।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीद सकते हैं?
क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वेबसाइट के जरिए इनकी खरीद की जा सकती है। इसके लिए पहले एक्सचेंज पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। फिर बैंक खाते या क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान कर क्रिप्टोकरेंसी की यूनिट खरीद सकते हैं। ग्राहक को अपने देश के नियम-कानून ध्यान में रखने होते हैं। अलग-अलग एक्सचेंज कमीशन के रूप में कुछ चार्ज लेते हैं। ग्राहक क्रिप्टोकरेंसी को ऑनलाइन वॉलेट में रख सकते हैं।

कैसे तैयार होती है क्रिप्टोकरेंसी?
क्रिप्टोकरेंसी को माइनिंग के जरिए तैयार किया जाता है। यह वर्चुअल माइनिंग होती है जिसमें क्रिप्टोकरेंसी पाने के लिए एक बेहद जटिल डिजिटल पहेली को हल करना पड़ता है। इस पहेली को हल करने के लिए अपने खुद के एल्गोरिद्म (प्रोग्रामिंग कोड) और साथ ही बहुत ज्यादा कंप्यूटिंग पावर की जरूरत पड़ती है। इसलिए सैद्धांतिक तौर पर कह सकते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी बना सकता है, लेकिन व्यावहारिक रूप से देखें तो इसे बनाना बहुत ही मुश्किल काम जानें अन्य क्रिप्टोकरेंसी का हाल है।

क्रिप्टो मालिकों की नई सूची ने भारत के बारे में एक अद्भुत डेटा का किया खुलासा, जानें क्रीप्टो लेनदेन में भारत का क्या है स्थान

देश की आबादी के मुताबिक यूक्रेन सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी मालिकों के सर्वाधिक प्रतिशत वाला देश है।

Ankit Awasthi

Cryptocurrency price in india

क्रिप्टो मालिकों की नई सूची ने भारत के बारे में एक अद्भुत डेटा का किया खुलासा (social media)

Cryptocurrency price in india : भारत में अभी तक क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency Law) पर कानून भले ही स्पष्ट नहीं हो सका हो। लेकिन ऑनलाइन (Online) माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency meaning) खरीदने वाले लोगों की देश में कोई कमी नहीं है। बिटकॉइन (Bitcoin) और एथेरियम (Ethereum) जैसी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में निवेश करने वाले लोगों में भारतीय पहले पायदान पर हैं । जो जल्द से जल्द अपने निवेश के माध्यम से मुनाफा कमाने की चाह रखते हैं। जानें अन्य क्रिप्टोकरेंसी का हाल हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत में बिटकॉइन के मालिकों की संख्या दुनिया भर में किसी भी अन्य देश की तुलना में सर्वाधिक है। अनेक क्रिप्टोकरेंसी वेबसाइट (Cryptocurrency website) जैसे ब्रोकरचूस (brokerchoose) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत में व्यक्तिगत क्रीप्टो धारकों अर्थात व्यक्तिगत रूप से क्रिप्टोकरेंसी मालिकों (मोबाइल ऐप की मदद से क्रीप्टोकरेंसी खरीदना) की संख्या सबसे ज़्यादा है।

ब्रोकर खोज और तुलनात्मक प्लेटफॉर्म (broker discovery and comparison platform)

ब्रोकरचूस की रिपोर्ट के अनुसार वार्षिक प्रसार सूचकांक (annual proliferation index) द्वारा यह दिखाया गया है कि किन देशों में व्यक्तिगत बिटकॉइन मालिकों की संख्या ज्यादा जानें अन्य क्रिप्टोकरेंसी का हाल है (राशि के अनुसार), इस सूची में सबसे ऊपर भारत का कब्जा है, जिसके बाद क्रमानुसार संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) और रूस (Russia) का स्थान है। इस रिपोर्ट के अनुसार इन देशों में बिटकॉइन के खरीददार बड़ी संख्या में मौजूद हैं। यदि कुल जनसंख्या के आधार पर बात करें तो बिटकॉइन खरीदने की दर में भारत का 5वाँ स्थान है, वहीं भारत बिटकॉइन खरीदने की दर में अमेरिका और चीन से थोड़ा पीछे है।

क्रिप्टो मालिकों का प्रतिशत (देश अनुसार)

देश की आबादी के मुताबिक यूक्रेन सार्वजनिक क्रिप्टोकरेंसी मालिकों के सर्वाधिक प्रतिशत वाला देश है। यूक्रेन की कुल आबादी का 12.73 प्रतिशत क्रिप्टोकरेंसी की मालिक है। इसके बाद रूस की कुल आबादी का 11.91 प्रतिशत, केन्या की 8.52 प्रतिशत, संयुक्त राज्य अमेरिका की 8.31 प्रतिशत और भारत की लगभग 7.3 प्रतिशत आबादी क्रिप्टोकरेंसी की मालिक है। विश्व बैंक के डेटा के अनुसार क्रीप्टो मालिक में जनसंख्या के आधार पर भारत सर्वोच्च स्थान पर काबिज़ है, जिसमें भारत की 10.7 मिलियन,अमेरिका की 2.74 मिलियन और रूस की 1.74 मिलियन आबादी किसी भी दर के रूप से क्रिप्टोकरेंसी की मालिक है।

क्रीप्टो खोज रैंकिंग में शीर्ष पर अमेरिका

क्रिप्टोकरेंसी पर किये गए अध्ययन में यह भी शामिल है कि किन देशों में बिटकॉइन खोज अर्थात क्रीप्टो करेंसी के बारे में जानकारी एकत्र करने को लेकर अधिक महत्त्व दिया जा रहा है, इसमें अमेरिका शीर्ष पर काबिज है । संयुक्त राज्य अमेरिका उन देशों की सूची में पहले स्थान पर है । जहां इंटरनेट का उपयोग कर क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सीखने और जानने को लेकर देशवासी सबसे अधिक रुचि रखते हैं। भारत, यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom- England, Scotland, Wales and Northern Ireland) और कनाडा में भी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानकारी बटोरने के लिहाज से इंटरनेट द्वारा सर्वाधिक खोजें की गईं। वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया भर में प्रचार प्रसार के बाद भारत में अधिक से अधिक लोग क्रिप्टोकरेंसी में रुचि ले रहे हैं। इस पर भरोसा कर इसे खरीदने में भी अपनी इच्छा ज़ाहिर कर रहे हैं।

भारत में तेज़ी से बढ़ रहे क्रिप्टोकरेंसी निवेशक

सर्वे और क्रीप्टो जांच एजेंसी Chainalysis की एक हालिया रिपोर्ट से यह सामने आया है कि वैश्विक क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स (global crypto adoption index) में भारत 154 देशों में से दूसरे स्थान पर काबिज़ है। इस सर्वे में कुल 154 देशों ने भाग लिया था। शोध के निष्कर्षों के अनुसार भारत में क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की संख्या में तेज़ी से वृद्धि हुई है। भारत में बिटकॉइन लेनदेन का कुल 42 प्रतिशत हिस्सा मौजूद है, वहीं इसी के साथ क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र के विकास में कुल 64.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। हालांकि, में क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को नियंत्रित करने के लिए सरकार और कानून अभी भी काम कर रही है, वर्तमान में क्रीप्टो लेनदेन सम्बन्धी कोई भी नियमावली ठीक तरीके से लागू न होने के बावजूद भारत में क्रीप्टो में निवेश करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन तेज़ी से बढ़ती का रही है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला कर सकता है नया खेल

भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2020 में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध हटा दिया था । जिससे यह तो साफ है कि अब क्रिप्टोकरेंसी खरीदना या उनका उपयोग करना और क्रीप्टो का लेनदेन भारत में गैरकानूनी नहीं है। मुख्य तौर पर क्रीप्टो के लेनदेन में कोई भी बिचौलिए के शामिल ना होने की वजह से क्रिप्टोकरेंसी में सहायता प्राप्त भुगतान (assisted payments) पारंपरिक भुगतानों (traditional payments) की तुलना में सुरक्षित और कम खर्चीले दोनों हैं। साथ ही क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में लगातार उछाल आना और क्रिप्टोकरेंसी बेंचने पर बेहतर कीमत मिलना भी लोगों का इसकी ओर रूझान बढ़ने का कारण बना है।

भारत का पहला क्रिप्टोकरेंसी इंडेक्स हुआ लॉन्च: जानें, IC15 क्रिप्टो इंडेक्स कैसे काम करता है और आपको कैसे मदद करेगा

क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल कैश प्रणाली है। यह एक निजी कंप्यूटर चेन से जुड़ी हुई होती है और कंप्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है। क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है। कई देश इसे लीगल कर चुके हैं।

क्रिप्टोकरेंसी इंडेक्स

भारत का पहला क्रिप्टोकरेंसी इंडेक्स IC15 हुआ लॉन्च

दुनिया भर में तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को देखते हुए हाल ही में क्रिप्टो सुपर ऐप क्रिप्टोवायर (CryptoWire) ने देश का पहला क्रिप्टोकरेंसी सूचकांक (Cryptocurrency Index) आईसी15 लॉन्च किया है। हालाँकि, क्रिप्टोकरेेंसी को रेग्युलेट करने के लिए केंद्र सरकार ‘क्रिप्‍टोकरेंसी एंड रेग्‍युलेशन ऑफ ऑफ‍िशियल डि‍जिटल करेंसी बिल 2021′ नाम के विधेयक को संसद के बजट सत्र में पेश करने की तैयारी में है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बिल ‘कुछ अपवादों’ के साथ सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की बात करता है।

अगर क्रिप्टोवायर के IC15 की बात करें तो यह सूचकांक दुनिया के प्रमुख क्रिप्टो बाजारों (एक्सचेंज) पर सूचीबद्ध एवं व्यापक रूप से कारोबार करने वाली शीर्ष 15 क्रिप्टोकरेंसी के प्रदर्शन पर नजर रखेगा करेगा। आइए आपको बताते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी सूचकांक आईसी15 क्या है और यह किस प्रकार से काम करेगा?

कैसे काम करेगा क्रिप्टो इंडेक्स IC15?

सूचकांक आईसी15 में बिटकॉइन, एथेरियम, एक्सआरपी, लाइटकॉइन, बिनांस कॉइन, सोलाना, टेरा और चेनलिंक जैसी क्रिप्टोकरेंसी शामिल हैं। क्रिप्टोवायर ने एक इंडेक्स गवर्नेंस कमेटी (Index Governance Committee) का गठन किया है, जिसमें डोमेन एक्सपर्ट, कारोबारी और शिक्षाविद शामिल हैं। ये मार्केट कैपिटलाइजेशन (Market Capitalization) के मामले में टॉप 400 क्वाइंन्स में से क्रिप्टोकरेंसी का चयन करेंगे।

समीक्षा अवधि के दौरान एक क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार कम-से-कम 90 प्रतिशत होना चाहिए और ट्रेडिंग वैल्यू के मामले में 100 शीर्ष करेंसी में होनी चाहिए। सर्कुलेटिंग मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के मामले में योग्य क्रिप्टोकरेंसी शीर्ष 50 में भी होनी चाहिए। समिति शीर्ष 15 क्रिप्टोकरेंसी का चयन करेगी। सूचकांक का आधार मूल्य 10,000 तय किया गया है और आधार तिथि एक अप्रैल 2018 है।

यह सूचकांक 80 प्रतिशत से अधिक बाजार गतिविधियों की निगरानी करेगा। इस प्रकार, यह संबंधित बाजार की वास्तविक स्थिति को सामने लाएगा। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी। इसके अलावा, क्रिप्टोवायर की सूचकांक संचालन समिति हर तिमाही में इसे पुनः संतुलित करेगी और उस पर पैनी नजर रखने के अलावा उसे क्रियान्वित करेगी।

क्रिप्टोवायर के प्रबंध निदेशक जिगीश सोनागारा ने बताया, “यह न केवल कमाई से पहले सीखने की बेहतरीन पहल है, बल्कि एक शक्तिशाली टूल है, जो बिजनेस में आपको अपना लक्ष्य हासिल करने में मदद करेगा। हमारा दृष्टिकोण संभावनाओं का मूल्यांकन करने और निर्णय लेने के लिए सभी संभव उपकरण पेश करके बाजार के विकास को सुविधाजनक बनाना और जोखिम को काफी हद तक कम करना है।”

क्या है क्रिप्टोकरेंसी

बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल कैश प्रणाली है। यह एक निजी कंप्यूटर चेन से जुड़ी हुई होती है और कंप्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है। क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता है। कई देश इसे लीगल कर चुके हैं। क्रिप्टोकरेंसी को आज सबसे आसान और लोकप्रिय तरीका क्रिप्टो एक्सचेंज कहते हैं, इसके जरिए इसे खरीदना आसान हो गया है।

दुनिया भर में सैकड़ों क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज काम कर रहे हैं। भारत में काम कर रहे वजीरएक्स, जेबपे, क्वाइनस्विच कुबेर, क्वाइन डीसीएक्स गो समेत कई एक्सचेंज संचालित है, जहाँ से बिटक्वाइन, इथेरियम, टेथर और डॉजक्वाइन समेत दुनिया भर की डिजिटल मुद्राएँ खरीदी जा सकती हैं।

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