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ट्रेडर कौन होते है

ट्रेडर कौन होते है
झुनझुनवाला ने अपने करियर की शुरुआत महज 5,000 रुपये से की थी. दिग्गज निवेशक ने साल 1985 में दलाल स्ट्रीट (Dalal Street) का सफर शुरू किया था, तब BSE सेंसेक्स 150 अंक के स्तर पर था. राकेश झुनझुनवाला के मुताबिक 1988 में उनकी नेट वर्थ एक करोड़ रुपये थी, जो 1993 में बढ़कर 200 करोड़ हो गई. फोर्ब्स के मुताबिक आज राकेश झुनझुनवाला (Rakesh Jhunjhunwala net worth) के पास 36,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की दौलत है. (Photo: Getty Images)

रामदेव अग्रवाल (Raamdeo Agrawal)

इंट्राडे के लिये बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम | Best Trading Chart Time Frame In Hindi

बहुत से ट्रेडर्स को ये नही समझ मे आता है कि इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाईम फ्रेम कौन सा है ?

बहुत से नए ट्रेडर्स अक्सर इस उलझन में रहते हैं कि ट्रेडिंग के समय ऐसा कौन सा Best Trading Chart Time Frame प्रयोग किया जाए,

जिससे ट्रेडिंग में ज्यादा शुद्धता आ सके तथा नुकसान की संभावना को भी कम किया जा सके।

इस लेख में हमलोग इसी बात पर चर्चा करेंगे कि किस बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम का प्रयोग किया जाए जिससे ट्रेडिंग में ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके।

जैसा कि हम जानते हैं कि ट्रेडिंग तीन प्रकार से होती है –

पहली इंट्राडे ट्रेडिंग जिसमें हमे उसी दिन शेयर की खरीद – बिक्री करनी होती है, तथा उसी दिन मार्केट बंद होने से पहले अपनी पोजिशन बन्द करनी होती है।

बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम ( Best Trading Chart Time Frame In Hindi )

जैसा कि ऊपर बताया गया है कि शेयर बाजार में भिन्न – भिन्न प्रकार से ट्रेडिंग की जाती है। और हर प्रकार की ट्रेडिंग में चार्ट भी अलग – अलग समयानुसार ही देखा जाता है।

वैसे तो चार्ट को अपनी सुविधा और अनुभव के आधार पर अलग – अलग समय चक्र के अनुसार देखा और समझ जाता है।

किन्तु नए Traders को Stock Market का ज्यादा अनुभव नही होता है इसलिए वो चार्ट को लेकर हमेशा दुविधा में रहते हैं।

भिन्न – भिन्न समय ढांचे में चार्ट को देखते रहने पर भी नए ट्रेडर को किसी भी Sock का कोई स्पष्ट रुझान या Trend समझ मे नही आता है।

वो ये समझ ही नही पाते हैं कि आखिर Best Trading Chart Time Frame है क्या ?

इस लेख में नए ट्रेडरों की इसी उलझन को सुलझाने का प्रयत्न किया जा रहा है कि किस प्रकार की ट्रेडिंग के लिए कौन सा बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम अच्छा होता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम ( Best Trading Chart Time Frame For Intraday In Hindi )

किसी भी चार्ट में सबसे पहला एक मिनट का टाइम फ्रेम होता है जिसमे एक इंट्राडे ट्रेडर ब्रेकआउट ( Brakeout ) की स्थिति ढूंढने का प्रयास करता है।

परन्तु इसमे बहुत ज्यादा शुद्धता नही होती है क्योंकि एक मिनट मे बनने वाले चार्ट पैटर्न से केवल किसी स्टॉक की क्षणिक स्थिति ही पता चलती है इसलिए एक मिनट के टाइम फ्रेम पर ट्रेडिंग करना उचित नही होता है।

बेस्ट-ट्रेडिंग-चार्ट-टाइम-फ्रेम

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए पांच से पंद्रह मिनट का टाइम फ्रेम बेस्ट चार्ट टाइम फ्रेम होता है।

स्विंग ट्रेडिंग ( Swing Trading ) के लिए बेस्ट ट्रेडिंग चार्ट टाइम फ्रेम

यदि हम स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो इसके लिए आधे घण्टे या एक घण्टे के टाइम फ्रेम का प्रयोग कर सकते हैं।

बहुत से इंट्राडे ट्रेडर भी आधे घंटे के टाइम फ्रेम को देखते हैं, क्योंकि चार्ट टाइम फ्रेम जितना बड़ा होगा उसके संकेत भी उतने ही सटीक होंगे।

किसी स्टॉक का सही ट्रेंड बड़े टाइम फ्रेम से ही सटीक पता चलता है। जो Trend आपको बड़े टाइम फ्रेम में दिखेगा वही Trend छोटे चार्ट टाइम फ्रेम में भी होगा।

उदाहरण के लिए यदि आधे घण्टे के टाइम फ्रेम में कोई स्टॉक तेजी दर्शा रहा है तो पांच मिनट के टाइम फ्रेम में भी वो तेजी ही दिखाएगा।

Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है

जब भी नए लोग शेयर मार्केट में आते है। उसके मन में ये सवाल जरूर आता ही हैं। Trading और Investing क्या है इन दोनों में क्या अंतर होते हैं। ये सवाल मन में आना जायज भी हैं। जब तब नए लोगो को ये समझ नहीं आते उसे कैसे पता लगेगा उसका जोखिम क्षमता और लक्ष्य के हिसाब से, Trading और Investing में उसके लिए किया बेहतर होगा। आज हम जानेंगे Trading और Investing होता ट्रेडर कौन होते है क्या है, दोनों में क्या अंतर हैं, Trading कितने तरह की होते हैं। साथ ही साथ जानेंगे कि ट्रेडिंग से हर रोज कमाई कर सकते है या नहीं।

Table of Contents

Trading क्या होता है:-

जब भी आप शेयर को खरीदते हो और उस दिन ही बेच देते हो। तब इसे Trading कहते हैं। मतलब आप Stock Trading में ज्यादा समय तक शेयर को अपने पास नहीं रख सकते हो। मान लीजिए आप एक शेयर खरीदा 200 रुपये में प्रॉफिट होने पर आपने उस दिन ही 220 रुपये में बेच दिया। इसी प्रोसेस को कहते है ट्रेडिंग। Trading करते वक्त Trader हमेशा Technical Analysis के साथ चलते हैं। जिससे उस कंपनी के शेयर प्राइस को कुछ समय आगे का शेयर प्राइस अंदाजा हो जाता ट्रेडर कौन होते है हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कंपनी क्या काम करती है, भविष्य की योजना क्या हैं। सिर्फ ये देखा जाएगा शेयर प्राइस किस तरफ जा रही है। Trading करते समय न्यूज़ पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता हैं. क्युकी कोई अच्छी खबर किसी भी शेयर को ऊपर ले जा सकती हैं। और बुरी खबर एकदम से नीचे भी ला सकती हैं।

Trading के प्रकार (Types of Trading):-

बहुत सारे Types of Trading होते है मुख्य रूप से 5 तरह का होता है। जिससे ट्रेडर ट्रेडिंग करके पैसा कमाई कर सके।

Investing क्या होता है:-

जब कोई शेयर आज खरीद के बहुत साल बाद बेच देते है तब इसे Investing कहते हैं। इन्वेस्टिंग में आप बहुत लंबे समय के शेयर को अपने Demat Account में रखते हो। कंपनी के वित्तीय विवरण, पिछले प्रदर्शन, भविष्य में होने वाले ग्रोथ को देखते हुए ही किसी भी शेयर में इन्वेस्ट करता हैं। Investing में Fundamental Analysis करना बहुत जरुरी हैं। जिससे आपको कंपनी के बारे अच्छी नॉलेज होगा और भविष्य में अच्छा रितर्न कमाके देगा।

Trading और Investment क्या हैं, दोनों में क्या अंतर है

क्या Trading से रोज पैसा कमाई कर सकते है:-

जी बिल्कुल आप ट्रेडिंग से हर रोज पैसा कमाई कर सकते हो। लेकिन जैसा कि हम जानते है Share Market रिस्क भी होता हैं। जिस तरह आप रेगुलर कमाई कर सकते है ठीक उसी तरह नुकसान भी हो सकता हैं। लाभ और नुकसान निर्भर करता है आपके ट्रेडिंग रणनीति के ऊपर। कब आप कौन सा ट्रेड ले रहे हो और आप कितना सही हो। जहा लोग बहुत ट्रेडर कौन होते है कम समय में लाखो रूपया कमा लेते है वही कुछ लोग कम समय में लाखों रुपये का नुकसान भी कर लेते हैं।

अगर आप नए निवेशक हो तो आपको सबसे पहले Investing की तरफ जाना चाहिए। क्युकी अच्छा शेयर कम समय में नीचे भी आ सकता हैं। लेकिन लंबे समय में वो शेयर जरूर ऊपर जाएगा ही। आपको एसी शेयर में निवेश करना चाहिए जो शेयर भबिस्य में बढ़ने की पूरी संभावना रहती हैं।

आशा करता हु आपको Trading और Investment क्या हैं, दोनों ट्रेडर कौन होते है में क्या अंतर है, कितने Types के होते है आपको अच्छी तरह से समझमे आ गया होगा । इससे जुड़ी कोई सवाल या सुझाब है तो कमेंट में जरुर बताए। शेयर मार्केट के बारे में बिस्तार से जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।

शेयर बाजार से कौन कमाता है सबसे ज्यादा पैसा, इन 5 को आप ट्रेडर कौन होते है जानते हैं?

अमित कुमार दुबे

हर कोई शेयर बाजार से पैसा बनाना चाहता है. पिछले कुछ महीनों में शेयर बाजार के प्रति रिटेल निवेशकों का झुकाव बढ़ा है. लेकिन अधिकतर लोग शेयर बाजार से पैसे नहीं कमा पाते हैं. कम अनुभव और बाजार की चाल को सही से नहीं समझ पाने के कारण स्टॉक मार्केट में नाकामी मिलती है. लेकिन कई ऐसे लोग हैं, जो बाजार की नब्ज को समझते हैं और आज देश से बड़े निवेशक माने जाते हैं. आज हम आपको 5 ऐसी शख्सियत के बारे में बताने जा रहे हैं, जो हर शेयर बाजार से करोड़ों कमाते हैं. एक तरह से ये शेयर ट्रेडर कौन होते है बाजार के धनकुबेर हैं. (Photo: Getty Images)

बिग बुल राकेश झुनझुनवाला

ट्रेडर कौन होते है

अक्सर 'मूमेंटम ट्रेडिंगÓ को गलत रुप से परिभाषित किया जाता है। मूमेंटम ट्रेडर उस व्यक्ति को कहा जाता है जो रुझानों पर नजर रखता है और उस हिसाब से निवेश करता है। जो लोग रुझान के विपरीत कारोबार करते हैं उन्हें काउंटर-मूमेंटम ट्रेडर कहा जाता है। एक तीसरी श्रेणी नॉन-मूमेंटम ट्रेडर की होती है जो उन निचले स्तरों पर कारोबार कर रहे शेयरों में निवेश करते हैं जिनके भविष्य में चढऩे की संभावना होता है। यह तरीका उसके बहुत करीब है जो एक बुनियादी निवेशक मूल्यांकन देख कर करता है।

जोखिम प्रबंधन के लिहाज से इन तीनों शेयरों की तुलना करना आवश्यक हो जाता है। ट्रेंड और काउंटर ट्रेंड यांत्रिक नियमों से बने होते ट्रेडर कौन होते है हैं। बाजार में तेजी को देखते हुए कारोबारी खरीद मूल्य से कम पर स्टॉप लॉस लगा देते हैं। अगर रुझान बरकरार रहता है तो स्टॉप ऊपर चला जाता है और कारोबार बरकरार रह जाता है। अगर रुझान विफल होता है तो ट्रेडर कौन होते है स्टॉप पर असर पड़ता है और बाहर निकलने पर कुछ नुकसान होता है। काउंटर- टें्रड ट्रेडर अक्सर उस समय शेयर या ट्रेडर कौन होते है शेयर वायदा की शॉर्ट सेलिंग करता है जब उसे रुझान बरकरार रहने के आसान कम नजर आते हैं। स्टॉप लॉस विक्रय मूल्य के ऊपर लगाया जाता है। और उसका फैसला सही साबित होता है तो वह कुछ मुनाफा कमाता है या नहीं तो नुकसान होता है। यह नियम उस समय बदल जाते हैं जब मूमेंटम ट्रेडर गिरते बाजार में शॉर्ट पोजीशन लेते हैं या काउंटर-ट्रेडर गिरावट में लॉन्ग पोजीशन लेते हैं। इस तरह का कारोबार थोड़ा जोखिम भरा होता है।
क्रियान्वयन और अपनी पोजीशन के प्रबंधन की बेहतर समझ होने से कारोबारी अपने संभावित नुकसान का अंदाजा लगाने में अधिक सक्षम साबित होते हैं। काउंटर-ट्रेडर कीमत का लक्ष्य तय करते हैं जबकि ट्रेंड ट्रेडर ऐसा नहीं करते हैं। नॉन-मूमेंटम ट्रेड बिना किसी यांत्रिक नियमों के हो सकता है। कारोबारी या निवेशक उन शेयरों की ओर देख रहे हैं जिनका प्रदर्शन काफी लंबे समय से अपेक्षाकृत खराब रहा है लेकिन फिर भी बुनियाद मजबूती दिख रही है। निवेशक प्राय: शेयर के निश्चित रुझान को नहीं देखते हुए इसका मूल्यांकन तुलनात्मक प्रदर्शन देखकर करते हैं। व्यवहार में नॉन-मूमेंटम ट्रेडर शायद ही स्टॉप लॉस, कीमत लक्ष्य या समय सीमा निर्धारित करते हैं। आखिर नॉन-मूमेंटम ट्रेडर के साथ कौन से जोखिम जुड़े होते हैं? इस तरह के कारोबार महंगे नहीं होते हैं इसलिए एक खतरे की आशंका तो कम हो जाती है। थोड़ी देर के लिए मान लें कि इस श्रेणी में आने वाला निवेशक में किसी भी पोजीशन से निपटने की क्षमता होती है। अगर शेयर नीचे जाता है और पूंजी का नुकसान होता है लेकिन कोई स्पष्टï स्टॉप लॉस नहीं होता है। निवेशक में नुकसान झेलने की सीमा होती है जहां निवेशक कुछ रकम गंवा कर भी बाहर निकल जाता है। लेकिन नुकसान अगर धीरे-धीरे बढऩे लगता है तो कारोबारी को कई कष्टïपूर्ण फैसले लेने पड़ सकते हैं। बिना स्टॉप लॉस के हमेशा नुकसान देने वाले कारोबार पर बने रहने की प्रवृत्ति होती है और यह सोच काम करती है कि स्थिति अनुकूल हो जाएगी।

Share Market में Bulls और Bears का क्या मतलब होता है ?

Mumbai : आपने Share Market की दुनिया में Bulls और Bears का नाम कई बार सुना होगा लेकिन हैरत ज़रूर हुए होगी की इन दोनों का मतलब क्या होता है। आइए जानते है Bulls और Bears का मतलब। निवेश की दुनिया में Bulls और Bears बहुत ही आम शब्द है जिनका इस्तेमाल Share बाजार के हालत को बयां करने के लिए किया जाता है। इन शब्दो का इस्तेमाल सामान्यत: Share बाजार की स्थिति, कि क्या बाजार चढ़ रहा है या घट रहा है को दर्शाता है। साथ ही Trader और Investor होने के नाते, बाजार का बढ़ना – ट्रेडर कौन होते है घटना आपके Portfolio पर असर डालता है। इसलिए इन दोनों ही शब्दों का जानना आपके लिए ज़रूरी है।

जानिये Bulls कौन होते है?

सीधे शब्दों में कहा जाए की Bulls( तेजड़िया ) कौन होते है तो इसका जवाब है की वो सभी इन्वेस्टर ट्रेडर कौन होते है या ट्रेडर जो Share बाजार के लिए पॉजिटिव है की बाजार अभी ऊपर जाएगा, उन्हें Bulls कहा जाता है। लेकिन Trader और Investor के अलावा कभी कभी चढ़ते Share बाजार को भी Bull Market कह दिया जाता है। वैसे तो बाजार मे Bulls और Bears दोनों ही मैजूद रहते है पर एक तथ्य ये भी है की Market में Bulls, Bears की तुलना में ज़्यादा होते है यानी की Share बाजार में ज़्यादातर लोग सोचते है की Market ऊपर जाए और उन्हें मुनाफा हो।

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