बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन

What is Chiliz Cryptocurrency in Hindi-Chiliz क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसमें कैसे निवेश करें?
आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे की What is Chiliz Cryptocurrency in Hindi-Chiliz क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसमें कैसे निवेश करें?
आज बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन कल इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन पैसा कामना काफी आसान हो गया है। आज के समय में बहुत सारे तरीके हैं जिससे की हम अपने घर बैठे ही इन्टरनेट से पैसे कमा सकते हैं। उन सभी तरीको में से एक तरीका है Chiliz क्रिप्टोकरेंसी भी है जिसमे हम इन्वेस्ट करके अच्छे पैसे कमा सकते हैं।
अगर आप Chiliz क्रिप्टोकरेंसी में अपना पैसा इन्वेस्ट करना चाहते है और इसके बारे में डिटेल्स में जानना बहुत जरूरी है और इसके लिए इस पोस्ट को पूरा पढ़े क्योकि इस पोस्ट में हमने Chiliz क्रिप्टोकरेंसी की हर एक चीज के बारे में अच्छे से बताया है।
What is Chiliz Cryptocurrency in Hindi-Chiliz क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसमें कैसे निवेश करें?
Chiliz एक डिजिटल या वर्चुअल करेन्सी है जो पूरी तरह से स्वतंत्र रूप से कार्य करती है मतलब Chiliz करेन्सी को किसी बैंक या सरकार द्वारा कंट्रोल नहीं किया जा सकता है।
जैसा की हमने आपको बताय की Chiliz क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से एक वर्चुअल करेंसी है इसलिए इसमें सारे ट्रांजेक्शन पीयर-टू-पीयर सॉफ्टवेयर और क्रिप्टोग्राफी पर निर्भर करता है और एक सार्वजनिक बहीखाता (Public Ledger) सभी Chiliz क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को रिकॉर्ड करता है और इसकी प्रतियां दुनिया भर के सर्वरों पर रखी जाती हैं।
How to buy Chiliz Coin in Hindi-Chiliz क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदें?
Chiliz क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए बहुत सारे क्रिप्टो एक्सचेंज ब्रोकर है जिनकी मोबाइल एप्प्स के माध्यम से बड़ी आसानी से आप Chiliz क्रिप्टोकरेंसी को खरीद सकते है। CoinSwich और WazirX सबसे बढ़िया क्रिप्टो एक्सचेंज ब्रोकर है।
सबसे पहले, आपको इस प्लेटफॉर्म पर अपना एक अकाउंट खोलना होगा। इसके लिए आपको एक वैलिड ID प्रूफ की जरूरत होगी, जिसके जरिए अनिवार्य KYC की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। साथ ही लेनदेन के लिए आपको अपने बैंक खाते कि जानकारी भी देनी होगी। आपकी दी गई जानकारियों को सत्यापित करने में कुछ घंटे लगते हैं, जिसके बाद आपका अकाउंट खुल जाता है। आप अपने बैंक खाते में जमा राशि का इस्तेमाल कर सीधे Chiliz क्रिप्टोकरेंसी को खरीद सकते हैं।
How to Make Money with Chiliz Coin in Hindi-Chiliz क्रिप्टोकरेंसी से पैसा कैसे कमाया जाता है?
Chiliz क्रिप्टोकरेंसी से पैसा कमाने का सबसे आम तरीका इसे खरीदना और उनके मूल्य बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन बढ़ने तक प्रतीक्षा करना है। एक बार जब Chiliz क्रिप्टोकरेंसी का बाजार मूल्य बढ़ जाता है, तो आप उसे लाभ पर बेच सकते है।
Advantages of Chiliz cryptocurrency in Hindi-Chiliz क्रिप्टोकरेंसी के फायदे?
Chiliz क्रिप्टोकरेंसी के कुछ प्रमुख फायदे नीचे दिए गए हैं-
- Chiliz क्रिप्टोकरेंसी Decentralized होती है इसलिए यह काफी सिक्योर है।
- Chiliz क्रिप्टोकरेंसी से हम एक दूसरे को काफी कम समय में फण्ड को ट्रांसफर कर सकते है।
- Chiliz क्रिप्टोकरेंसी स्वशासित और प्रबंधित इस पर किसी देश की सरकार का कोई कण्ट्रोल नहीं होता।
- Chiliz क्रिप्टोकरेंसी काफी सिक्योर और प्राइवेट है।
Disadvantages of Chiliz cryptocurrency in Hindi- Chiliz क्रिप्टोकरेंसी के नुकसान?
Chiliz क्रिप्टोकरेंसी के कुछ प्रमुख नुकसान नीचे दिए गए हैं-
- Chiliz क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल इलली illegal transactions के लिए किया जा सकता है।
- Chiliz क्रिप्टोकरेंसी पर किसी भी देश का कण्ट्रोल नहीं है इसलिए इसपर भरोसा करना थोड़ा रिस्की है।
- Chiliz क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी तक किसी भी तरीके का कानून नहीं है।
Best Chiliz Cryptocurrency exchange apps-Chiliz क्रिप्टोकरेंसी के लिए सबसे अच्छा ऐप कौन सा है?
आज के समय में बहुत क्रिप्टोकरेंसी ऐप उपलब्ध है जहा से आप Chiliz क्रिप्टोकरेंसी को खरीद सकते है। सबसे अच्छे Chiliz क्रिप्टोकरेंसी के लिए मोबाइल ऐप कुछ इस प्रकार है।
Is Chiliz Coin Legal in India- Chiliz क्रिप्टोकरेंसी भारत में वैध है?
Chiliz क्रिप्टोकरेंसी की कानूनी स्थिति एक देश से दूसरे देश में काफी भिन्न होती है। अपने भारत देश की बात की जाए तो Chiliz क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी तक कोई कानून नहीं बनाया गया है। अगर आप इंडिया से है तो Chiliz क्रिप्टोकरेंसी को खरीद सकते है।
Chiliz क्रिप्टोकरेंसी का फ्यूचर क्या है।
पिछले कुछ सालो में Chiliz क्रिप्टोकरेंसी ने युवाओं को काफी तेजी से अपनी ओर आकर्षित किया है, जिससे युवाओं का एक बड़ा तबका निवेश के लिए Chiliz क्रिप्टोकरेंसी को अपना रहा है। भारत ही नहीं हर देश में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का चलन बढ़ रहा है। लोग इसमें अपना पैसा लगा रहे हैं, लेकिन Chiliz क्रिप्टोकरेंसी का भविष्य क्या होगा इसे लेकर अभी बहुत कुछ साफ़ नहीं है इसलिए अपना पैसा सोच समझकर ही इसमें इन्वेस्ट करे।
Is investing in Chiliz Coin a good idea in Hindi-क्या Chiliz क्रिप्टोकरेंसी में पैसा इन्वेस्ट करना सही है?
Chiliz क्रिप्टोकरेंसी में ज्यादा रिस्क के बावजूद तेजी से मुनाफा और रिटर्न मिलता है और इसकी वजह से बहुत सारे लोग इसमें अपना पैसा इन्वेस्ट करते है।
लेकिन Chiliz क्रिप्टो में निवेश से पहले हमेशा यह ध्यान रहे कि किसी तरह के लालच में आकर ज्यादा पैसे एक साथ न लगाएं। Chiliz क्रिप्टो एक वोलाटाइल यानी उतार-चढ़ाव वाला एसेट क्लास है। ऐसे में Chiliz क्रिप्टो में कभी भी बिना किसी चेतावनी के गिरावट देखने को मिल सकती बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन है और भारी नुकसान हो सकता है, क्योंकि, अभी तक Chiliz क्रिप्टो को लेकर कोई रेगुलेटर नहीं बना, ऐसे में आपका पैसा डूबने का खतरा हो सकता है।
क्या Chiliz क्रिप्टोकरेंसी को कैश में बदल सकते है।
Chiliz क्रिप्टोकरेंसी को डिजिटल मनी, वर्चुअल मनी और इलेक्ट्रॉनिक मनी भी कहा जाता है। Chiliz Cryptocurrency से आप सामान खरीद सकते हैं, Trade कर सकते हैं और इन्वेस्ट कर सकते हैं, लेकिन इसे अपनी तिजोरी में नहीं रख सकते और न ही बैंक बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन के लॉकर में रख सकते हैं। आप एक्सचेंज ब्रोकर के माध्यम से अपनी Chiliz क्रिप्टोकरेंसी को कैश में बदल सकते है। एक्सचेंज ब्रोकर Chiliz क्रिप्टोकरेंसी को एक निश्चित दर पर नकद के लिए एक्सचेंज करेंगे। यह सरल और सुरक्षित है।
Who is the owner of Chiliz Cryptocurrency in Hindi- Chiliz क्रिप्टोकरेंसी का मालिक कौन है?
Chiliz क्रिप्टोकरेंसी कौन से देश का है?
Chiliz क्रिप्टोकरेंसी को कब लॉन्च किया गया था ?
Chiliz क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआती कीमत क्या थी?
Conclusion -इस पोस्ट से आपने क्या सीखा
दोस्तों आज की इस पोस्ट में हमने जाना की What is Chiliz Cryptocurrency in Hindi-Chiliz क्रिप्टोकरेंसी क्या है और इसमें कैसे निवेश करें। इसके साथ ही Chiliz क्रिप्टोकरेंसी से जुडी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी को भी हमने जाना। मुझे उम्मीद है की आपको समझ में आ गया होगा की What is Chiliz Cryptocurrency in Hindi और उसके क्या फायेदे और नुक्सान है।
ब्लॉग: डिजिटल करेंसी का स्वागत कीजिए
डिजिटल करेंसी के पीछे क्रिप्टोकरेंसी का जोर है. क्रिप्टोकरेंसी केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण से पूर्णत: बाहर है. इस करेंसी को बनाने का उद्देश्य था कि सरकारी बैंकों द्वारा कभी-कभी अधिक मात्रा में नोट छाप कर बाजार में डाल दिए जाते हैं जिससे महंगाई बहुत तेजी से बढ़ती है. लोगों की सालों की गाढ़ी कमाई कुछ ही समय में शून्यप्राय हो जाती है.
ब्लॉग: डिजिटल करेंसी का स्वागत कीजिए
Highlights डिजिटल करेंसी एक नंबर होता है जिसे आप अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर रख सकते हैं. कई केंद्रीय बैंकों ने डिजिटल करेंसी जारी करने का मन बनाया है. डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार से हमारी रक्षा नहीं करती है.
भारतीय रिजर्व बैंक डिजिटल करेंसी जारी करने पर विचार कर रहा है. डिजिटल करेंसी हमारे नोट की तरह ही होती है. अंतर यह होता है कि यह कागज पर छपा नोट नहीं होता है बल्कि यह एक नंबर मात्र होता है जिसे आप अपने मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर संभाल कर रख सकते हैं.
उस नंबर को किसी के साथ साझा करते ही उस नंबर में निहित रकम सहज ही दूसरे व्यक्ति के पास पहुंच जाती है.
डिजिटल करेंसी के पीछे क्रिप्टोकरेंसी का जोर है. क्रिप्टोकरेंसी केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण से पूर्णत: बाहर है. इस करेंसी को बनाने का उद्देश्य था कि सरकारी बैंकों द्वारा कभी-कभी अधिक मात्रा में नोट छाप कर बाजार में डाल दिए जाते हैं जिससे महंगाई बहुत तेजी से बढ़ती है. लोगों की सालों की गाढ़ी कमाई कुछ ही समय में शून्यप्राय हो जाती है.
जैसे यदि आप 100 रुपए के नोट से वर्तमान में 5 किलो गेहूं खरीद सकते हैं तो महंगाई तेजी से बढ़ने के बाद उसी 100 रुपये के नोट से आप केवल 1 किलो गेहूं खरीद पाएंगे. इस प्रकार की स्थिति से बचने के लिए इन इंजीनियरों ने क्रिप्टोकरेंसी का आविष्कार किया जिससे कि बैंकों द्वारा नोट अधिक छापे जाने से उनकी क्रिप्टो करेंसी की कीमत पर कोई प्रभाव न पड़े.
केंद्रीय बैंकों बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन द्वारा क्रिप्टोकरेंसी का विरोध तीन कारणों से किया जा रहा है. पहला यह कि अर्थव्यवस्था केंद्रीय बैंक के नियंत्रण से बाहर निकलने को हो जाती है. जैसे यदि देश में महंगाई अधिक हो रही है और रिजर्व बैंक ने मुद्रा के प्रचलन को कम किया तो क्रिप्टो करेंसी का चलन बढ़ सकता है और सरकार की नीति फेल हो सकती है.
दूसरा विरोध यह है कि क्रिप्टो करेंसी फेल हो सकती हैं. जैसे यदि कम्प्यूटर का नंबर हैक हो जाए अथवा क्रिप्टोकरेंसी बहुत भारी संख्या में बनाई जाने लगे तो आज जिस बिटकॉइन को आप ने एक लाख रुपए में खरीदा वह कल पांच हजार रुपए की हो सकती है.
तीसरा विरोध यह कि क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग आपराधिक गतिविधियों को सपोर्ट करने के लिए किया जा सकता है. इसलिए यदि केंद्रीय बैंक जिम्मेदार है और अर्थव्यवस्था सही चल रही है तो क्रिप्टोकरेंसी उसे अस्थिर बना सकती है.
दूसरी तरफ यदि बैंक गैर जिम्मेदार है जैसे महंगाई बेतहाशा बढ़ रही है तो क्रिप्टोकरेंसी लाभप्रद हो जाती है. उस परिस्थिति में व्यापार करना कठिन हो जाता है.
आज आपने किसी व्यापारी से एक बोरी गेहूं का सौदा एक हजार रुपये में किया. कल उस एक हजार रुपये की कीमत आधी रह गई. बेचने वाले ने सौदे से इंकार कर दिया. आप यह सौदा क्रिप्टोकरेंसी में करते तो यह कठिनाई नहीं आती.
अत: यदि केंद्रीय बैंक द्वारा बनाई गई मुद्रा अस्थिर हो तो क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से व्यापार सुचारु रूप से चल सकता है. यदि केंद्रीय बैंक जिम्मेदार है तो क्रिप्टोकरेंसी अस्थिरता पैदा करती है लेकिन यदि केंद्रीय बैंक गैर जिम्मेदार है तो क्रिप्टोकरेंसी लाभप्रद हो सकती है.
इस स्थिति में कई केंद्रीय बैंकों ने डिजिटल करेंसी जारी करने का मन बनाया है. डिजिटल करेंसी और क्रिप्टोकरेंसी में समानता यह है कि दोनों एक नंबर होते हैं जो आपके मोबाइल में रखे जा सकते हैं. लेकिन क्रिप्टो करेंसी की तरह डिजिटल करेंसी गुमनाम नहीं होती है.
रिजर्व बैंक द्वारा इसे उसी तरह जारी किया जाएगा जैसे नोट छापे जाते हैं. इसलिए डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार से हमारी रक्षा नहीं करती है.
नोट छापने की तरह केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी भी भारी मात्रा में जारी कर महंगाई पैदा कर सकती है. लेकिन फिर भी मुद्रा को सुरक्षित रखने में डिजिटल करेंसी मदद करती है क्योंकि आपको नोटों को आग, पानी और चोरों से बचाना नहीं है.
यदि कभी आप अपनी करेंसी का नंबर भूल जाएं अथवा आपका मोबाइल चोरी हो जाए तो आपकी पहचान करके उसे वापस प्राप्त करने की व्यवस्था की जा सकती है.
मेरा मानना है कि डिजिटल करेंसी का हमें स्वागत करना चाहिए भले यह केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना आचरण से हमारी रक्षा नहीं करती है. केंद्रीय बैंक के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार को इस प्रकार के तकनीकी आविष्कारों से नहीं रोका जा सकता है.
उसे ठीक करने का कार्य अंतत: राजनीति का है और उस व्यवस्था को सुदृढ़ करना चाहिए. पर डिजिटल करेंसी के माध्यम से नोट को छापने और रखने का खर्च कम होता है और आपस में लेनदेन भी सुलभ हो सकता है इसलिए हमें डिजिटल करेंसी का स्वागत करना चाहिए.
Terror Funding: क्रिप्टोकरेंसी का टेरर फंडिंग के लिए इस्तेमाल! J&K में एसआईए की छापेमारी में मिले ये सबूत
भारत आतंकी गतिविधियों से बहुत ज्यादा प्रभावित रहा है। कश्मीर में लंबे समय से आतंकी गतिविधियों के कारण हालात समान्य नहीं हो पा रहे हैं। अब वहां आतंक को खाद पानी देने के लिए बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल होने की बातें सामने आ रही हैं।
Om prakash Napit
क्रिप्टोकरेंसी पर अब बड़े और गंभीर सवाल उठ रहे हैं। क्रिप्टोकरेंसी के तार टेरर फंडिंग से जुड़े रहे हैं, ऐसे में यह दुनिया के लिए कितना खतरनाक है, क्रिप्टोबाजार में निवेश किया गया पैसा कितना सुरक्षित है, यह बड़़ा सवाल है? जम्मू-कश्मीर पुलिस की राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) की ओर से की गई छापेमारी में कई सबूत मिलने से यह सवालों के घेरे में है। गौरतलब है कि एसआईएने बुधवार को बिटकॉइन ट्रेड (Bitcoin Trade) के मामले में कई स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान जांच एजेंसी को डिजिटल उपकरण, सिम कार्ड, मोबाइल फोन और कई जरूरी कागजात बरामद हुए जो टेरर फंडिग में बिटकॉइन के इस्तेमाल ओर इशारा करते हैं। जांच में यह बात सामने आई है कि आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पैसा बिटक्वाइन के रूप में भेजा गया है।
टेरर फंडिंग क्रिप्टोबाजार के लिए खतरे की घंटी
भारत सरकार ने किसी भी तरह की क्रिप्टोकरेंसी लीगल नहीं है। इसके बाद भी लोग बड़े पैमाने पर इसमें निवेश कर रहे हैं। भारत में अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी में कुल निवेश वर्ष 2021 में 15 गुना बढ़कर 438.18 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। टेरर फंडिंग में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल की खबर आने से एक बाद तो साफ हो गई है कि क्रिप्टोकरेंसी में जो भी पैसा निवेश किया जा रहा है वह सुरक्षित तो कतई नहीं है।
अधिकतर देशों में क्रिप्टो के नियमन के लिए कानून नहीं
दुनिया के अधिकतर देशों में क्रिप्टो को रेग्युलेट करने के लिए कोई कानून भी नहीं है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) 2020 के दिशानिर्देशों के अनुरुप महज कुछ देशों ने ही क्रिप्टो को रेग्यूलेट करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं ताकि डिजिटल करेंसी या एनएफटी (Non-Fungible Tokens) का इस्तेमाल मनी लॉउंड्रिंग या टेरर फंडिंग के लिए नहीं किया जा सके।
एशियाई देश क्रिप्टो के टेरर कनेक्शन पर बरत रहे लापरवाही
कुछ ऐसे एशियाई देश भी हैं जहां आतंकवाद का इतिहास रहा है और क्रिप्टो के बढ़ते चलन ने इस खतरे को कई गुना और बढ़ा दिया है, पर वे इसके खिलाफ अब तक सतर्क नहीं हुए हैं। ऐसे देशों की लिस्ट में पहला नाम इंडोनेशिया का है जिसने अब तक FATF के गाइडलाइन के अनुसार क्रिप्टो को रेग्यूलेट करने के लिए कानून नहीं बनाए हैं। फिलिपिंस भी मनी लाउंड्रिंग के खिलाफ सख्त बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन कानून लागू नहीं कर पाने की वजह से FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल होने की कगार पर खड़ा है।
बैंक इंडोनेशिया ने जताया था अंदेशा
बैंक इंडोनेशिया का पेमेंट सिस्टम ब्लूप्रिंट 2025 भी इस आशंका पर मुहर लगाता है कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लाउंड्रिंग और आतंकी गतिविधियों में किया जा सकता है। इस ब्लूप्रिंट में कहा गया है क्रिप्टो के माध्यम से लेनदेन को सुरक्षित बनाने के लिए कानून की सख्त जरूरत है। इंडोनेशिया में अभी ऐसे साइबर कानूनों की कमी है।
फिलिपिंस में भी हुआ इस्तेमाल
फिलिपिंस की एंटी मनी लाउंड्रिंग काउंसिल ने Terrorism and Terrorism Financing Risk Assessment 2021 नाम की अपनी रिपोर्ट में कहा है कि साल 2019 और 2020 के बीच देश में लगभग 1.बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन 77 मिलियन फिलिपाइन पेसो का संदिग्ध लेनदेन क्रिप्टो के माध्यम से किया गया। उसके बावजूद देश में आश्चर्यजनक रूप से क्रिप्टो को लीगल टेंडर के रूप में उपयोग करने की छूट है, क्रिप्टो में किए गए निवेश को वहां यूनियन बैंक ऑफ फिलीपींस के एटीएम से नकद के रूप में भी निकालने की सुविधा है।
भारत में भी ठोस कानून की जरूरत
भारत में क्रिप्टो को रेग्युलेट करने के लिए ठोस कानून की कमी है। अब देश की सुरक्षा एजेंसियों को भी टेरर फंडिंग में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल के सबूत मिलने लगे हैं। दुनिया में क्रिप्टो के बढ़ते प्रचलन के बीच इस बात पर मंथन किए जाने की जरूरत है कि आखिर आतंकी संगठनों के बीच क्रिप्टो के इस्तेमाल का प्रचलन क्यों बढ़ रहा है? आतंकी संगठन सुरक्षा एजेंसियों को झांसा देने के लिए नए-नए तौर-तरीकों की तलाश में लगे रहते हैं। क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल आतंकी ग्रुप्स में इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि इसके माध्यम से किए गए लेनदेन को ट्रेस करना आसान नहीं होता। क्रिप्टो के इस्तेमाल से वे पर्दे के पीछे रख कर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम दे पाते हैं। आतंकी संगठन नए आतंकी भर्ती करने, हथियारों का भुगतान करने जैसे कामों में क्रिप्टो का इस्तेमाल करते हैं।
इस्लामिक स्टेट ने शुरू किया क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल का चलन
आतंकियों के बीच टेरर फंडिंग के लिए क्रिप्टो के इस्तेमाल का पहला मामला मई 2020 में सामने आया था। तब Philippine Institute for Peace, Violence बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन and Terrorism Research (PIPTVR) ने दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट की ओर से क्रिप्टोकरेंसी में लेनेदेन करने के मामले का खुलासा किया था। यह सब कुछ फिलिपिंस की सरकार के नाक के नीचे हो रहा था। इस पैसे का इस्तेमाल इस्लामिक स्टेट ने दक्षिणी फिलिपिंस के मिंडानाओ क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया था।
आतंकियों के बिटकॉइन कनेक्शन ने बढ़ाई चिंता
आतंकी संगठन अगर अपने हिसाब से क्रिप्टोबाजार को नियंत्रित करने लगे तो क्रिप्टो का यह बुलबुला कभी भी फूट सकता है, इससे क्रिप्टो में निवेश करने वाले एक बड़े वर्ग को झटका लग सकता है। वैसे भी 2022 की शुरुआत से ही दुनियाभर के क्रिप्टोकरेंसी बाजार का हाल बुरा है। वर्तमान में दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन 22,824 अमेरिकी डॉलर (1,821,550.94 रुपये) के लेवल पर कारोबार कर रही है। पिछले एक वर्षों के दौरान में 42 प्रतिशत से अधिक की कमी दर्ज की जा चुकी है।
Since Independence की पड़ताल: भारत को बदनाम करने की इंटरनेशनल साजिश, पाक ने अपनी विदेशी एम्बेसी का किया इस्तेमाल
Cryptocurrency: विदेश में धन भेजकर क्रिप्टोकरेंसी में नहीं कर पाएंगे निवेश, ICICI बैंक ने लगाई रोक
पिछले कुछ महीनों से देश में क्रिप्टोकरेंसी की ओर लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है। अगर आप भी विदेश में पैसा भेजकर उसे क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं तो अब ऐसा नहीं होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि आईसीआईसीआई बैंक ने इस पर रोक लगा दी है.
विदेशों में निवेश करने के लिए धन भेजने वाले ग्राहकों से आईसीआईसीआई बैंक ने कहा है कि इस पैसे का उपयोग दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन या किसी अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए नहीं किया जा सकता। इसके लिए आईसीआईसीआई बैंक ने अपने 'रिटेल आउटवर्ड्स रेमिटेंस एप्लीकेशन फॉर्म' में बदलाव किया है। इसके तहत अब ग्राहकों को आउटवर्ड्स रेमिटेंस आवेदन पत्र देना होगा। ग्राहकों को आरबीआई लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) के तहत विदेशों में संपत्तियों को खरीदने के लिए पैसा ट्रांसफर के लिए हस्ताक्षर करने होंगे। बैंक ने ग्राहकों को कहा है कि जब भी वे विदेश में पैसा भेजेंगे तो उन्हें यह बताना होगा कि वे इसका निवेश क्रिप्टो में नहीं करेंगे।
मालूम हो कि चार फरवरी 2004 को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 के कानूनी ढांचे के तहत एलआरएस को पेश किया गया था। लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत, अधिकृत डीलर किसी भी खाते या लेनदेन या दोनों के लिए एक वित्तीय वर्ष तक रेजिडेंट द्वारा स्वतंत्र रूप से रेमिटेंस की अनुमति दे सकते हैं। यह योजना कॉर्पोरेट, पार्टनरशिप फर्मों, ट्रस्ट आदि के लिए उपलब्ध नहीं है।
दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक को क्रिप्टोकरेंसी के कारण देश में वित्तीय स्थिरता का खतरा पैदा होने की चिंता है। इसलिए केंद्रीय बैंक भारत में क्रिप्टोकरेंसी के चलन के खिलाफ खड़ा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी के संदर्भ में उनकी सबसे बड़ी चिंता 'वित्तीय स्थिरता' के नजरिए से है।
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को बैन किया था। लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल करेंसी, जिसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहते हैं, उससे ट्रेड को मंजूरी दे दी थी। कोर्ट के इस आदेश के बाद वर्चुअल करेंसी जैसे बिटक्वाइन में कानूनी रूप से लेन-देन किया जा सकता है।
क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2019 के ड्राफ्ट में यह प्रस्ताव दिया गया था कि देश में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री करने वालों को 10 साल की जेल की सजा मिलेगी। ड्राफ्ट के मुताबिक इसकी जद में वे सभी लोग आएंगे जो क्रिप्टोकरेंसी तैयार करेगा, उसे बेचेगा, क्रिप्टोकरेंसी रखेगा, किसी को भेजेगा या क्रिप्टोकरेंसी में किसी प्रकार की डील करेगा। इन सभी मामलों में दोषी पाए जाने वालों को 10 साल तक की जेल की सजा मिलती थी। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने यह प्रतिबंध हटा दिया है।
‘क्रिप्टो बिल 2021’ के तहत भारत सरकार सभी ‘प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी’ को कर सकती है ‘बैन’?
India Will Ban Cryptocurrency? क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार के नए बिल का रूख अब कुछ स्पष्ट होता नज़र आने लगा है और इसलिए अब ये क्रिप्टो निवेशकों के लिए एक चिंता का विषय भी बन गया है। असल में भारत सरकार इस नए बिल के तहत देश के भीतर सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन करने की योजना बना रही है।
जी हाँ! सरकार जल्द शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में नए ‘क्रिप्टोकरेंसी बिल’ को पेश करने जा रही है। इस बिल को सरकार ने ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ का नाम दिया है।
ऐसी तमाम ख़बरें सबसे पहले पाने के लिए जुड़ें बढ़ रहा क्रिप्टोकरेंसी का चलन हमारे टेलीग्राम चैनल से!: (टेलीग्राम चैनल लिंक)
इस विधेयक में की गई सिफ़ारिशों में से एक है कि देश में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाया जाए। और ज़ाहिर है अगर ये बिल संसद में पास हो गया, (जिसकी संभावनाएँ अधिक है) तो ये देश के भीतर बिटकॉइन (Bitcoin) जैसी क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों के लिए परेशानी का सबब बन सकता है।
लेकिन साफ़ कर दें कि प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के साथ ही इस बिल में कुछ रियायतों या अपवादों (Exceptions) का भी ज़िक्र किया गया है, जिसका मक़सद इस नई तकनीक और इसके उपयोग को पूरी तरीक़े से ख़ारिच ना करते हुए, उसको उचित मायनों में बढ़ावा देने का है।
पर इसका मतलब क्या हुआ? सरल शब्दों में कहें तो अगर Bitcoin और Ethereum जैसी लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी अगर सरकार की अपवाद (Exceptions) लिस्ट की शर्तों के अंदर आती हुई नज़र आई तो शायद इनके ट्रेड में निवेशकों को उतनी परेशानी का सामना ना करना पड़े।
India Cryptocurrency Ban: Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021
दिलचस्प ये है कि ‘द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा कथित रूप से जल्द जारी की जा सकनें वाली सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के लिए एक फ्रेमवर्क बनाने की भी मांग की गई है।
एक सवाल ये भी उठता है कि कुछ ही हफ़्तों पहले जब संसदीय समिति की एक बैठक के बाद दबी आवाज़ों में ऐसे संकेत मिल रहे थे कि क्रिप्टोकरेंसी को देश में बतौर संपत्ति (ऐसेट्स) मान्यता दी जा सकती है, तो ऐसे में अचानक क्या हुआ?
लेकिन ग़ौर से देखने पर इस सवाल का जवाब शायद RBI की नई संभावित डिजिटल करेंसी में छिपा मिलता है। हम सब जानते हैं कि RBI शुरू से ही क्रिप्टोकरेंसी के चलन के तरीक़ों का आलोचक रहा है।
RBI के मौजूदा गवर्नर, शक्तिकांत दास ने यहाँ तक कहा है कि वे एक व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता को देखते हुए इस विषय को बेहद गंभीर और किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए एक बड़ा खतरा मानते हैं। ख़ासकर जब तक इसको रेगुलेट नहीं किया जाता।
और सबसे अहम बात ये कि हाल ही में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक रूप से क्रिप्टोकरेंसी को ख़तरा बता चुके हैं, जो युवाओं को बर्बाद कर सकता है।
पीएम मोदी के अनुसार सभी लोकतांत्रिक देशों को साथ आकार ये प्रयास करने की ज़रूरत है कि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी तरीक़े से गलत हाथो में ना जाए।
बता दें इस नए क्रिप्टो बिल के साथ ही सरकार इस बार के शीतक़ालीन संसद सत्र में क़रीब कुल 26 बिलों को पेश करती नज़र आएगी।
वैसे क्रिप्टो इंडस्ट्री से जुड़े लोगों और प्रतिनिधियों को उम्मीद है कि सारकर क्रिप्टो को बैन करने के बजाए उसको रेगुलेट करने की दिशा में कोई कदम उठा सकती है।
देखिए ये तो ज़ाहिर है कि एक बार देश में क्रिप्टोकरेंसी का वैधानिक दायरा तय हो जाता है, तो इस बाजार में एक स्थिरता आ सकेगी और निवेशकों का भी हित इसी में है। जैसे अभी का उदाहरण ही देखिए, कुछ दिनों पहले तक तेज़ी से बढ़ रहे क्रिप्टोकरेंसी के दाम इस ख़बर के सामने आते ही वापस गिरने लगे हैं।