स्वचालित व्यापार

Trading कितने प्रकार के होते हैं

Trading कितने प्रकार के होते हैं

Trading in Hindi | ट्रेडिंग कैसे सीखें | ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

Trading क्या होती है और कैसे की जाती है? अगर आपके मन में भी सवाल है तो आपको आज बहुत मज़ा आने वाला है क्योंकि आज हम ट्रेडिंग से जुड़ी सभी जानकारी आपके साथ शेयर करने वाले हैं। हम जानेंगे कैसे दुनिया में लोग मात्र एक दिन में ट्रेडिंग से हज़ारों रूपये कमा लेते हैं और आप ऐसा कैसे कर सकते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के 100 सबसे अमीर आदमियों की लिस्ट में 2 ट्रेडर भी शामिल है जिन्होंने अपनी ट्रेडिंग कला के बल पर बेशुमार दौलत इकट्ठा की है। हालाँकि ऐसे भी लाखों उदाहरण हैं जहाँ ट्रेडिंग ने लोगो को डुबो दिया । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने ट्रेडिंग साइकोलॉजी से जुड़ी किताबें नहीं पढ़ी थी।

मार्किट लोगों के मूड से चलता है और अगर आपको पब्लिक के मन का नहीं पता तो आप एक सफल ट्रेडर नहीं बन पाओगे इसलिए पहले शेयर मार्किट की बेस्ट किताबें पढ़कर ज्ञान अर्जित करें और उसके बाद ही ट्रेडिंग करना शुरू करें।

Trading मीनिंग इन हिंदी

आसान हिंदी भाषा में ट्रेडिंग का मतलब होता है ‘व्यापर’ या ‘लेनदेन’। अब व्यापार तो वैसे किसी भी चीज़ का हो सकता है लेकिन क्योंकि हम यहाँ शेयर मार्किट की बात कर रहे हैं तो यहाँ ट्रेडिंग का मतलब है शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया।

ट्रेडिंग क्या होती है?

जब आप किसी कंपनी के शेयर को कम दाम पर खरीदते हैं और कुछ मिनट, घंटे, या दिनों बाद उस शेयर की कीमत बढ़ जाने के बाद ज़्यादा दाम पर बेचते हैं तो इसी को हम सफल ट्रेडिंग कहते हैं। एक ट्रेडर को सफल तभी कहा जा सकता है जब वह कोई भी शेयर मुनाफे के साथ बेचे अन्यथा अपना नुकसान तो वे लोग भी करते हैं जिन्हे ट्रेडिंग का T भी नहीं पता।

Trading meaning in hindi

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

अब जैसा की हमने आपसे ट्रेडिंग की परिभाषा में कहा की आप किसी शेयर को कुछ मिनटों से लेकर हफ्ते भर तक होल्ड कर सकते है। उसी समय अवधि के अनुसार ट्रेडिंग को मुख्य रूप से दो प्रकार में विभाजित किया गया है:

इंट्राडे ट्रेडिंग(Intraday Trading):

इंट्राडे का हिंदी में मतलब है ‘दिन के अंदर’। जब आप किसी शेयर को एक ही दिन में खरीदते और मार्किट बंद होने से पहले बेच देते हैं तो उस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। इसमें आपको सुबह मार्किट खुलते ही पोजीशन बनानी होती है क्योंकि अच्छे मौके सुबह ही मिलते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग का ही एक और टाइप होता है जिसे हम कहते है स्कल्पिंग(Scalping) जिसमे मार्किट खुलने के एक घंटे के अंदर ही शेयर का खरीदना और बेचना दोनों हो जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading)

स्विंग का हिंदी में मतलब होता है ‘झूलना’ और ट्रेडिंग जगत में भी इसका मतलब होता है किसी शेयर को एक से ज़्यादा ट्रेडिंग सेशन तक पकड़ के रखना और कुछ दिन या हफ़्तों बाद बेचना। हम ऐसा कह सकते है कि आपको एक शेयर लेकर कुछ दिनों या हफ़्तों तक झूलना है और जब उसकी कीमत आपके मुताबिक बढ़ जाये तो उसे बेच देना है। अब क्योंकि स्विंग Trading में हम एक दिन से ज़्यादा शेयर को होल्ड करते हैं इसे हम डिलीवरी(Delivery) ट्रेडिंग भी कहते है।

अगर आप एक हफ्ते के आगे तक अगर कोई शेयर होल्ड करते हैं तो आप पोज़िशनल(Positional) ट्रेडिंग कर रहे हैं और अगर आप 1 महीने से ज़्यादा कोई शेयर रखते है तो फिर आप ट्रेडिंग नहीं इन्वेस्टिंग कर रहे हैं क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की अधिकतम अवधि 2 महीने है। उसमे भी लोग एक हफ्ते से ज़्यादा किसी शेयर को होल्ड नहीं करते तो एक महीना तो बहुत दूर की बात है।

ट्रेडिंग कैसे सीखें? How to Learn Trading in Hindi?

ट्रेडिंग एक ऐसी चीज़ है जो आपको एक दिन में नहीं आएगी। इसके लिए आपको रोज़ पढ़ना पड़ेगा। जिस प्रकार अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते उन्हें पढ़ना पड़ता है। वैसे ही ट्रेडिंग का ज्ञान लेने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और Trading Psychology से जुड़ी किताबों को पढ़ना पड़ेगा तब जाकर कुछ बात बनेगी।

इसके बाद भी सिर्फ पढ़ने से काम नहीं चलेगा। आपको मार्किट का रुख देखकर अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी पड़ेगी और जिस शेयर में ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं उसके कैंडलस्टिक चार्ट को देखकर उसका तकनिकी विश्लेषण करना होगा। इसके बाद ही आपको पता चल पायेगा कि वो शेयर ऊपर जायेगा या नहीं।

मार्किट से बड़ा गुरु कोई नहीं है इसलिए अगर आप Trading सीखना चाहते हैं तो लाइव ट्रेडिंग सेशन के दौरान किसी भी स्टॉक को पकड़ लें जिसके प्राइस में तेजी से बदलाव हो रहे हो। उस शेयर के पीछे के पैटर्न को देखकर आने वाले पैटर्न का अंदाज़ा लगाएं और खुद का टेस्ट करें।

स्टॉक मार्किट में एक्सपर्ट निवेशक बनने के लिए आप seekhonivesh.com पर हमारे आर्टिकल पढ़ सकते है। आपको लगभग हर दिन एक नयी जानकारी मिलेगी जो आपको एक सफल निवेशक और बेहतर इंसान बनने में मदद करेगी।

ट्रेडिंग कैसे की जाती है?

Trading शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले एक डीमैट अकाउंट की ज़रूरत पड़ती है जो आपको स्टॉक एक्सचेंज के साथ जोड़ता है। बिना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के बिना आप शेयर खरीदने की सोच भी नहीं सकते।

अगर आपने डीमैट अकाउंट खुलवा लिया है तो आप बिना किसी दिक्कत के ट्रेडिंग शुरू कर सकते है। दुनिया के शेयर बाज़ारों की टाइमिंग अलग अलग होती है जैसे भारतीय स्टॉक मार्किट सुबह 9:15 पर खुलता है और दोपहर 3:30 बजे बंद हो जाता है जबकि अन्य स्टॉक एक्सचेंज जैसे यूरोप,ऑस्ट्रेलिया, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और अमेरिकी नैस्डेक की ओपन टाइमिंग काफी अलग है।

तो जिस मार्किट में आपको Trading करनी है उसकी ओपनिंग और क्लोजिंग टाइमिंग पता करें। फिर ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाएं। ट्रेडिंग अकाउंट इंट्राडे ट्रेडिंग में मदद करेगा और डीमैट आपको स्विंग ट्रेडिंग करने में मदद करेगा क्योंकि आपके ख़रीदे गए शेयर डीमैट के अंदर ही रखे जायेंगे। ये दोनों काम करने के बाद आप आराम से किसी भी शेयर में ट्रेड करना शुरू कर सकते हैं।

शुरुआत में हमेशा बहुत कम पैसे लगाकर देखें ताकि अगर नुकसान भी हो तो कम हो। अगर आप पहली बार में कामयाब नहीं होते हैं तो घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि हमने पहले से ही कम पैसो से शुरुआत की है और वे ही पैसे लगाएं जिनके जाने का आपको गम न हो और लोन लेकर ट्रेड करने की सोच रहे हैं तो ऐसा ख्याल भी मन से निकाल दें।

लोन लेकर ट्रेड करना पाप है इसलिए Trading करने के लिए केवल उन्हों पैसो का इस्तेमाल करे जो अगर चले भी जाये तो आपके परिवार पर कोई असर न पड़े पर अगर आपको रिस्क लेना का शोक है तो आईपीओ में निवेश करना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

ट्रेडिंग क्या है?- Trading कितने प्रकार की होती है

दोस्तों अगर आप शेयर मार्केट यानी स्टॉक मार्केट में निवेश करने की सोच रहे हों तो आपको शेयर बाजार में निवेश करने से पहले शेयर मार्केट के बारे में सारी जानकारी पता होनी चाहिए तभी आप शेयर मार्केट में निवेश कर अच्छा खासा पैसा बना पायेगे अगर आप बिना Share Market की जानकारी के शेयर बाजार में निवेश करते हों तो आपका पैसा डूब सकता है, शेयर मार्केट में आपने Trading शब्द जरुर सुना होगा लेकिन अगर आप ट्रेडिंग के बारे में नहीं जानते तो चलो आपको आज इस ब्लॉग पोस्ट में बताते है की आखिर ट्रेडिंग क्या है? ( trading kya hai ) ओर ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है.

ट्रेडिंग क्या है?

किसी वस्तु या सेवा को अच्छे दाम में खरीदना तथा कुछ ही समय में जब उस वस्तु या सेवा का दाम खरीदे गये दाम से ऊपर चले जाये उसे बेच देना ट्रेडिंग कहलाती है,

ट्रेडर्स का ट्रेडिंग करने का मुख्य मकसद किसी वस्तु या सेवा को खरीद कर कम समय में लाभ कमाना होता है. इसलिए आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग को बहुत ज्यादा पसंद किया जाता है, बहुत सारे ट्रेडर्स शेयरों पर ट्रेडिंग कर हजारों से लेकर लाखों रुपये रोजाना कमा लेते है.

Types of Trading

ट्रेडिंग को हिन्दी में क्या कहाँ जाता है?

ट्रेडिंग को हिन्दी भाषा में 'व्यापार ' कहते है यानी आसान भाषा में कहे तो खरीदने ओर बेचने का व्यापार.

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? ( Types of Trading )

शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट में वैसे तो ट्रेडिंग बहुत प्रकार की होती है, लेकिन ज्यादातर ट्रेडर्स चार- पाँच प्रकार की ट्रेडिंग करना ही पसंद करते है , जो निम्न है

  • Scalping Trading
  • Intraday Trading
  • BTST और STBT Trading
  • Swing Trading
  • Positional Trading

1- Scalping Trading

वह trade जो कुछ मिनटो के अंदर - अंदर कर दी जाती है मतलब आसानी से समझें तो इस ट्रेड में ट्रेडर्स कुछ ही मिनट के भीतर शेयर बिक्री कर तथा उसे बेच मुनाफा कमा लेते है ऐसी ट्रेड को Scalping Trading कहते है, ओर इस ट्रेडिंग में trade कर रहे ट्रेडर्स को Scalpers कहाँ जाता है, इस ट्रेडिंग को बहुत Trading कितने प्रकार के होते हैं रिस्की माना जाता है, क्योंकि इसमें आपको कुछ ही मिनटो के अंदर अपने अनुमान, सूझ - बूझ के चलते शेयर पर ट्रेडिंग कर उससे मुनाफा निकालना पड़ता है |

2- Intraday Trading

वह ट्रेड जिसको एक दिन के लिए ट्रेड किया जाता है उसे Intraday Trading कहते है, Trading कितने प्रकार के होते हैं मतलब आसानी से समझें तो इस ट्रेड में ट्रेडर्स सुबह मार्केट खुलने ( 9:15 am ) के बाद शेयर खरीद लेते है, ओर शाम को मार्केट बंद ( 3:30 pm ) होने से पहले शेयर को बेच कर मुनाफा कमाते है, इस प्रकार के ट्रेडर्स को Intraday Traders कहते है, Intraday ट्रेडिंग भी Scalping ट्रेडिंग के समान ही होती है लेकिन इसमें Scalping ट्रेडिंग से कम रिस्क होता है क्योंकि इसमें ट्रेडर्स शेयर को तभी खरीदता है जब शेयर के दाम कम हों ओर उसको लगता है, की उस शेयर के दाम कुछ मिनटो या घंटो में ऊपर जाने वाले है, ओर जैसे ही शेयर के दाम ऊपर जाते है, वह उसे बेच मुनाफा कमा लेता है|

3- BTST और STBT Trading

BTST का फुल फॉर्म होता है, BUY TODAY SELL TOMORROW जिसका हिन्दी में मतलब होता है आज खरीदे कल बेचे यानी इस ट्रेडिंग में ट्रेडर्स आज इस उम्मीद के साथ शेयर खरीदता है, की कल उस शेयर की कीमत बढ़ जायेगी ओर जैसे ही अगले दिन मार्केट खुलता है ट्रेडर्स अपने ट्रेड किये गये शेयर को बेच कर मुनाफा कमा लेता है, इसमें ये होता है की ट्रेडर्स आज मार्केट बंद होने से पहले मार्केट को देखता है ओर उसको अगर लगता है की कल मार्केट में इन शेयर में उछाल देखने को मिलेगा तो वो शेयर buy कर लेता है ओर जब दूसरे दिन मार्केट खुलती है तो वो शेयर को Sell कर मुनाफा कमा लेता है |

STBT का फुल फॉर्म होता है, SELL TODAY BUY TOMORROW जिसका हिन्दी में मतलब होता है आज बेचे कल खरीदे यानी यह ट्रेडिंग ठीक BTST के उलट होती है, इसमें आज सेल करना होता है, और अगले दिन शेयर की कीमत जब ओर गिर जाये तब उसे buy किया जाता है तथा Sell और Buy के बीच के अंतर को प्रॉफिट में गिना जाता है |

4- Swing Trading

वह trade जिसमें ट्रेडर्स शेयर को कुछ दिनों से लेकर हफ्तों तक के लिए खरीद कर होल्ड रखते है, तथा ग्रोथ दिखने पर बेच कर मुनाफा कमाते है, इसमें ट्रेडर्स एक अच्छे शेयर को देख उसमे trade करते है, जो ट्रेड दिनों से लेकर हफ्तों तक की होती है ओर जैसे ट्रेड में थोड़ा सा उछाल देखने को मिलता है ट्रेडर्स शेयर को बेच मुनाफा बना लेते है |

5- Positional Trading

पोजीशनल ट्रेडिंग में ट्रेडर्स, trade को महीनो तक होल्ड करके रखते है, तथा जब उस ट्रेड में जब अच्छा उछाल देखने को मिलता है उसे बेच कर मुनाफा कमाते है,

आसानी से समझें तो इस ट्रेडिंग में ट्रेडर्स किसी कंपनी के शेयर को एक महीने से एक साल तक होल्ड करके रखता है, तथा जब उस शेयर में अच्छा उछाल देखने को मिलता है, तब ट्रेडर्स उस शेयर को बेच कर अच्छा मुनाफा कमा लेता है|

क्या आप शेयर ट्रेडिंग के बारे में ये बातें जानते हैं?

आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी होती है, तब शेयर खरीदने का सबसे अच्छा समय माना जाता है.

stock-market-investors-thin

आपको यह ध्यान में रखना होगा कि शेयरों में निवेश से काफी जोखिम जुड़ा होता है. अगर आप खुद कंपनियों के नतीजे समझने, उसके शेयरों का मूल्यांकन करने और बाजार की चाल समझ सकते सकते हैं तभी आपको शेयरों में सीधे निवेश करना चाहिए.

किसी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले उसके कारोबार, शेयरों की सही कीमत (मूल्यांकन) और उसके कारोबार की संभावनाओं को जानना जरूरी है. शेयर बाजार में शेयरों के भाव स्थिर नहीं रहते. आम तौर पर जब शेयर का भाव कम होता है या बाजार में कमजोरी पर शेयर खरीदने के लिए सबसे अच्छा समय माना जाता है.

आपने जो शेयर खरीदा है, जब उसका दाम बढ़ जाए तो उसे आप बेच सकते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की शुरुआत बहुत कम रकम से की जा सकती है.

शेयर ट्रेडिंग कितने तरह के होते हैं?

1. इंट्रा-डे ट्रेडिंग (Intra Day Trading)
इंट्रा-डे ट्रेडिंग में एक ही दिन में शेयर खरीद कर उसे बेच दिया जाता है. मार्केट खुलने के बाद आप शेयर खरीदते हैं और मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच देते हैं.
इसे डे-ट्रेडिंग, MIS (Margin Intra day Square off) आदि भी कहते हैं.

Intra Day ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर आपके ट्रेडिंग Trading कितने प्रकार के होते हैं अकाउंट में मौजूद रकम का 20 गुना आप को मुहैया कराता है. इसका मतलब यह है कि आप उधार रकम लेकर शेयर खरीद सकते हैं और उसी दिन बेच कर उसे वापस कर सकते हैं. यह वास्तव में वैसे निवेशकों के लिए जिन्हें बाजार की बहुत ज्यादा समझ होती है.

2. स्कैल्पर ट्रेडिंग ( Scalper Trading)
यह शेयर ट्रेडिंग का ऐसा तरीका है, जिसमें शेयर को खरीदने के 5-10 मिनट के अंदर ही बेच दिया जाता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग किसी कानून के आने या आर्थिक जगत की किसी बड़ी खबर आने पर की जाती है.

शेयर मार्केट के पुराने दिग्गज स्कैल्पर ट्रेडिंग करते हैं. इसमें जोखिम सबसे ज्यादा होता है. स्कैल्पर ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कंपनियां मार्जिन मुहैया कराती हैं.

3. स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) या शार्ट टर्म ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग थोड़े लंबे समय के लिए किया जाता है. इसमें आम तौर पर शेयर खरीदने के बाद उसकी डीमैट अकाउंट में डिलीवरी ले ली जाती है. स्विंग ट्रेडिंग के लिए ब्रोकर कोई मार्जिन मुहैया नहीं कराता है.

अगर आप अपने निवेश के लक्ष्य के हिसाब से 5-10 % लाभ की उम्मीद पर शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर रहे है, तो स्विंग ट्रेडिंग से आप पैसे कमा सकते हैं.

4. LONG TERM ट्रेडिंग
जब आप किसी शेयर को खरीद कर लंबी अवधि के लिए रख लेते हैं तो उसे Long term ट्रेडिंग कहते हैं. स्टॉक मार्केट में ट्रेड करने के बाद अगर आप एक निवेशक के रूप में किसी शेयर में 6 महीने से लेकर कुछ साल तक बने रहें तो यह लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग है.

अगर आप किसी कंपनी के शेयर को एक, तीन या पांच साल या इससे ज्यादा अवधि के लिए खरीदते सकते हैं. कंपनी के कारोबार में अगर तेजी से वृद्धि हो तो लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग में आप बहुत अच्छा लाभ कमा सकते हैं.

आप जिन बड़े निवेशकों के बारे में सुनते हैं वे सभी लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग से ही मुनाफा कमाते हैं. इनमें राकेश झुनझुनवाला, पोरिन्जू वेलियथ, डॉली खन्ना जैसे नाम शामिल हैं.

हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें.

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कितने प्रकार से की जाती हैं

आज हम समझेंगे Types of Trading Style कि हम कितने प्रकार से ट्रेडिंग कर सकते हैं जब एक बार आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने का निर्णय ले लेते हैं तो उसके बाद सबसे बड़ा निर्णय यह होता है कि आप किस प्रकार की शेयर ट्रेडिंग करना चाहते हैं शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके मौजूद हैं आज इन्ही तरीकों को समझने का प्रयास करेंगे ट्रेडिंग करने का कोई सा भी तरीका बहुत ज्यादा अच्छा या बुरा नहीं होता है बल्कि आपकी बाजार से उम्मीदें बाजार की जानकारी और रिस्क लेने की क्षमता के अनुसार ट्रेडिंग स्टाइल आपके लिए सही या गलत हो सकता है एक अच्छा ट्रेडिंग स्टाइल चुनने के लिए आपको आपके इमोशन Technical Analysis की जानकारी और ट्रेडिंग साइकोलॉजी का Analysis करना पड़ता है यह जानने के लिए कि कौन सा ट्रेडिंग स्टाइल आपके लिए अच्छा है ट्रेडिंग की शुरुआत में आप सभी ट्रेडिंग स्टाइल को ट्राई करके जरूर देखें और उसके बाद यह Analysis करिए कि कौन से ट्रेडिंग स्टाइल में आपका सक्सेस रेट अच्छा है उसके बाद जिस ट्रेडिंग स्टाइल पर आपको पूरा विश्वास है कि आप उसे सही तरीके से कर सकते हैं उसी ट्रेडिंग स्टाइल को चुनिए

तो चलिए अब हम कुछ ट्रेडिंग टाइप को समझ लेते हैं जो कि शेयर बाजार में बहुत ही पॉपुलर हैं सबसे पहले हम समझते हैं स्कल्पिन ट्रेडिंग को

दोस्तों यह ट्रेडिंग करने का सबसे छोटे समय का तरीका है स्कल्पिग ट्रेडिंग में शेयर्स को लेने के बाद कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटओं में बेच दिया जाता है इससे बाजार में जो छोटे-छोटे मोमेंट आते हैं उनका फायदा उठाया जाता है और बाजार के बंद होने तक बहुत सारे ट्रेड किए जाते हैं उदाहरण के लिए मान लीजिए ABC शेयर का प्राइस ₹100 और आपने ₹100 के प्राइस पर 10000 शेयर खरीद लिए आप जैसे ही ABC शेयर का प्राइस ₹100 से बढ़कर ₹100.50 पैसे हो जाता है आप यह 10000 शेयर बेच देते हैं तो इसमें आपको ₹5000 का प्रॉफिट होगा इसे ही स्कल्पिग ट्रेडिंग कहते हैं

शेयर मार्केट में कितने प्रकार से ट्रेडिंग की जाती हैं

अब हम समझते हैं दूसरा तरीका इसे कहते हैं BTSTऔर STBT मतलब कि Buy Today Sell Tomorrow, Sell Today Buy Tomorrow इस में शेयर्स को आज के दिन की आखरी कैंडल में खरीदा या बेचा जाता है और अगले दिन बाजार आज की कैंडल के क्लोज प्राइस से ज्यादा या कम ओपन होता है इसका फायदा उठाने को बीटीएसपी और एसटीबीटी ट्रेडिंग कहते हैं

उदाहरण:- के लिए मान लीजिए कि abc शेयर का प्राइस आज 10% गिर चुका है और आपको Technical Analysis की मदद से यह लगता है कि कल शेयर और गिरेगा यह शेयर बहुत गिर चुका है कल यह थोड़ा सा ऊपर जाएगा तो इस आधार पर अगर आप आज शेयर खरीदारी करते हैं या बिकवाली करते हैं और कल बाजार खुलते ही Exit कर लेते हैं इसे ही बीटीएसटी एंड एसटीबीटी ट्रेडिंग कहते हैं

अब हम समझते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग को जिसे day ट्रेडिंग भी कहते हैं इंट्राडे ट्रेडिंग के अंदर शेयर्स को खरीदकर कुछ घंटों या मार्केट बंद होने से पहले बेंच दिया जाता है इसमें दिन के दरमियान आने वाले मोमेंट का फायदा उठाया जाता है

उदाहरण:- के लिए मान abc शेयर की कीमत ₹100 आपने इस शेयर को ₹100 की प्राइस पर खरीद लिया है अब बाजार बंद होने से पहले abc शेयर का जो भी प्राइस हो आपको प्रॉफिट हो या Trading कितने प्रकार के होते हैं लॉस। बुक करके निकलना ही होगा इसे ही इंट्राडे ट्रेडिंग कहते हैं

हम समझते हैं स्विंग ट्रेडिंग को जब शेयर्स को कुछ दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक रखकर सेल कर दिया जाता है तो इससे स्विंग ट्रेडिंग कहते हैं उदाहरण:- के लिए मान लीजिए abc शेयर अभी 100 रुपए पर चल रहा है और शेयर ने आज ही breakout दिया है तो आने वाले 1 से 2 हफ्तों में जो शेयर का मोमेंट होगा उसका फायदा उठा कर पैसा कमाना स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है

अब हम समझते हैं पोजीशनल ट्रेडिंग को इसमें किसी शेयर को खरीद कर कुछ हफ्तों से लेकर कुछ महीनों या 1 साल के अंदर बेच दिया जाता है इसे पोजीशनल ट्रेडिंग कहते हैं इसमें लंबे मूवमेंट का फायदा उठाकर प्रॉफिट कमाया जाता है

उदाहरण के लिए मान लीजिए कि abc शेयर्स जिसका प्राइस ₹100 और अपने कंपनी के फंडामेंटल और टेक्निकल एनालिसिस की मदद से यह जान लिया है कि abc शेयर आने वाले 8 से 10 महीनों में 140 से ₹150 तक जा सकता है और शेयर खरीदकर 10 महीने बाद बेच देते हैं इसे ही पोजीशनल ट्रेडिंग कहते हैं

शेयर मार्केट में कितने प्रकार से ट्रेडिंग की जाती हैं

अब हम समझते हैं मोमेंटम ट्रेडिंग को जब किसी शेयर में ब्रेक आउट होता है तो उस ब्रेकआउट पर ट्रेडिंग करने को मोमेंटम ट्रेडिंग कहते हैं ब्रेकआउट कई प्रकार के होते हैं

Trading Kya Hai – ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? सम्पूर्ण जानकारी

Trading Kya Hai - ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? सम्पूर्ण जानकारी

ट्रेडिंग करने के लिए व्यक्ति घर बैठे ट्रेडिंग एप्लीकेशन पर अपने ऑनलाइन डिमैट अकाउंट अथवा ट्रेडर अकाउंट को ओपन कर सकता है और ट्रेडिंग कर सकता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि “ट्रेडिंग क्या है” और “ट्रेडिंग के प्रकार क्या है?”

ट्रेडिंग क्या है? (Trading Kya Hai)

ट्रेडिंग की सरल व्याख्या होती है व्यापार करना। ट्रेडिंग के अंतर्गत किसी सर्विस या फिर प्रोडक्ट का आदान प्रदान करके पैसे कमाए जाते हैं। ट्रेडिंग शब्द स्टॉक मार्केट से जुड़ा हुआ होता है।

स्टॉक मार्केट के अंतर्गत ट्रेडिंग करके लोग किसी कंपनी के शेयर को खरीद के पैसे कमाते हैं या फिर किसी कंपनी के शेयर को खरीद करके फिर से उसे दोबारा बेच करके पैसे कमाते हैं।

सामान्य तौर पर ट्रेडिंग 1 साल की होती है। 1 साल से अधिक हो जाने पर इसे इन्वेस्टमेंट कहा जाता है। ट्रेडिंग ऑनलाइन Trading कितने प्रकार के होते हैं अधिकतर की जाती है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?

ऑनलाइन ट्रेडिंग के अंतर्गत वर्चुअल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके शेयर की खरीदी और बिक्री की जाती है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए विभिन्न वित्तीय कंपनी के द्वारा कस्टमर को सुविधा दी जाती है। ऑनलाइन ट्रेडिंग के द्वारा इक्विटी, Trading कितने प्रकार के होते हैं म्यूचुअल फंड, आईपीओ, कमोडिटी, करेंसी इत्यादि की खरीदी और बिक्री की जा सकती है।

स्विंग ट्रेडिंग क्या है?

स्विंग ट्रेडिंग ऐसी ट्रेडिंग होती है जो 1 दिन भी जारी रह सकती है या फिर यह लगातार विभिन्न हफ्तों तक चलती रह सकती है।

जिस व्यक्ति के द्वारा इस प्रकार की ट्रेडिंग की जाती है वह ट्रेडिंग स्टार्ट करने से पहले एक पैटर्न आने का वेट करते रहते हैं।

इस प्रकार की ट्रेडिंग करने वाले व्यक्ति पेशेवर ट्रेडर्स नहीं होते हैं, इसकी जगह पर वह उभरते ट्रेंड और ट्रेड की पहचान करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस और मूलभूत चीजों को एक साथ मिलाकर इस्तेमाल करते है।

डिलीवर ट्रेडिंग क्या है?

इस प्रकार की ट्रेडिंग में इन्वेस्टर स्टॉक को होल्ड कर सकता है अर्थात वह डिमैट अकाउंट में स्टॉक को होल्ड करके रख सकता है।

इस प्रकार की ट्रेडिंग में कोई भी टाइम लिमिट नहीं होती है जिसका मतलब यह होता है कि व्यक्ति जब चाहे तब स्टॉक की सेलिंग कर सकता है। डिलीवर ट्रेडिंग में व्यक्ति के पास यह अधिकार होता है कि वह अपनी इच्छा के अनुसार शेयर को होल्ड कर सके।

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है?

ट्रेडिंग Trading कितने प्रकार के होते हैं के मुख्य 4 प्रकार हैं जिनके नाम और जानकारी निम्नानुसार है।

Intraday trading

शेयर मार्केट जब ओपन होता है और जब बंद होता है तो इसके बीच के दरमियान आप जो शेयर खरीद लेते हैं या फिर जिस शेयर को आप बेच देते हैं उसे ही इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है।

यह ट्रेडिंग सेम डे में होती है। जैसे कि आपने किसी शेयर को सोमवार को खरीदा और आपने सोमवार को ही शेयर मार्केट बंद होने से पहले उसे बेच दिया तो यह इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाएगा।

Swing trading

ट्रेडिंग के ऐसे प्रकार जिसमें स्टोक को खरीद कर उसे कुछ ही दिनों में या फिर कुछ ही सप्ताह में बेच सकते हो उसे ही स्विंग ट्रेडिंग कहा जाता है। स्विंग ट्रेडिंग को ट्रेडिंग किंग भी कहते हैं।

Short term trading

ऐसी ट्रेडिंग जो छोटी अवधि के लिए होती है उसे ही शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहा जाता है। यह ट्रेडिंग कुछ सप्ताह के लिए होती है या फिर कुछ महीने के लिए होती है।

इस प्रकार के ट्रेडिंग में व्यक्ति को अपने स्टॉक पर नजर बनाकर रखनी होती है तभी वह अपने स्टोक को मिनिमाइज कर सकता है।

Long term trading

लोंग टर्म ट्रेडिंग लंबे समय के लिए होती है। जैसे कि 1 साल, 5 साल, 10 साल इत्यादि।

ट्रेडिंग कैसे सीखे?

ट्रेडिंग सीखने के लिए आप ऑनलाइन यूट्यूब वीडियो देख सकते हैं, ऑनलाइन कोर्स कर सकते हैं, ट्रेडिंग से संबंधित ब्लाग को पढ़ सकते हैं अथवा ट्रेनिंग से संबंधित किताबों को पढ़ सकते हैं। यूट्यूब पर बहुत सारे ट्रेडिंग वीडियो मौजूद है, आप उन्हें देख कर के ट्रेडिंग के बारे में सीख सकते हैं।

इसके अलावा ऑनलाइन बहुत सारे कोर्स भी है जिसे करके आप ट्रेडिंग की अच्छी जानकारी हासिल कर सकते हैं, साथ ही आप ट्रेडिंग के बारे में अधिक जानकारी पाने के लिए किसी ट्रेडिंग ब्लॉग को जाकर के विजिट कर सकते हैं।

इसके अलावा ट्रेडिंग सीखने के लिए आप शेयर मार्केट के एक्सपर्ट से मिल सकते हैं या फिर जो व्यक्ति शेयर मार्केट में काम कर रहा है उसके साथ कुछ दिन तक काम कर सकते हैं।

ट्रेडिंग कैसे करते हैं यह कैसे काम करती है?

ट्रेडिंग करने के लिए ट्रेडिंग के विभिन्न प्रकारों में से आप जिस प्रकार की ट्रेडिंग करना चाहते हैं उसका सिलेक्शन करना होता है।

इसके पश्चात आपको ट्रेडिंग एप्लीकेशन अथवा ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर अपना डिमैट अकाउंट बनाना होता है। इसके बाद आप ट्रेडिंग की प्रक्रिया का पालन करते हुए ट्रेडिंग कर सकते हैं।

बेस्ट ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?

इंडिया में विभिन्न ट्रेडिंग कंपनी और ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म है जो कस्टमर को आसान सी प्रक्रिया का पालन करते हुए ट्रेडिंग करने की सुविधा देते हैं।

आपको बस उन ट्रेडिंग कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट अथवा और एप्लीकेशन पर जा करके अपना ट्रेडिंग अकाउंट और डिमैट अकाउंट बनाना होता है, उसके पश्चात आप जिस प्रकार की ट्रेडिंग करना चाहते हैं उस प्रकार की ट्रेडिंग कर सकते हैं।

नीचे भारत Trading कितने प्रकार के होते हैं में मौजूद कुछ प्रमुख और बेस्ट ट्रेडिंग कंपनी की लिस्ट आपको दी गई है। इनमें से किसी भी कंपनी के साथ अटैच हो करके आप ट्रेडिंग कर सकते हैं।

ट्रेडिंग करके पैसा कैसे कमाएं?

ट्रेडिंग से पैसा कमाने के लिए आप किसी भी कंपनी के शेयर को कम दाम में खरीदे और जब उस कंपनी के शेयर के दामों में बढ़ोतरी हो तब आप उस कंपनी के शेयर को बेच दें। इस प्रकार से आप मुनाफा कमा सकते हैं।

हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि आपको किसी भी कंपनी के शेयर को खरीद लेना है बल्कि पूरी सावधानी के साथ आपको इस बात का एनालिसिस करना है। कि कौन सी कंपनी भविष्य में तरक्की कर सकती है और कौन सी कंपनी के शेयर भविष्य में बढ़ सकते हैं।

आपको उसी कंपनी के शेयर को खरीदना चाहिए जो कंपनी लगातार तरक्की कर रही है क्योंकि अगर आप बिना सोचे समझे किसी भी कंपनी में पैसा लगा देंगे तो हो सकता है कि कंपनी की परफॉर्मेंस अच्छी ना हो और कंपनी घाटे में चली जाए।

इससे आपके पैसे डूब जाएंगे। स्टार्टिंग में शेयर बाजार से पैसा कमाने के लिए आप किसी ट्रेडर की सहायता ले सकते हैं जो अनुभवी हो।

ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट में क्या अंतर होता है?

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर के आप काफी अधिक पैसे कमा सकते हैं क्योंकि यहां पर पैसे कमाने की कोई भी लिमिट नहीं होती है। ट्रेडिंग 1 साल से कम की अवधि के लिए की जाती है।

कुछ ट्रेडिंग रोजाना होती है तो कुछ ट्रेडिंग कुछ महीने के लिए या फिर कुछ सप्ताह के लिए होती है, वही जो इन्वेस्टमेंट होता है वह 1 साल से अधिक के लिए होता है और लंबे समय के लिए होता है। इन्वेस्टमेंट को लंबे समय के लिए होल्ड करके रखा जाता है।

एक अच्छा ट्रेडर कैसे बनें?

कहा जाता है कि किसी काम को अगर सीखना है तो उस काम के साथ जुड़ना पड़ता है या फिर उस काम को कर चुके अथवा कर रहे व्यक्ति के साथ दैनिक तौर पर कुछ समय व्यतीत करने होते हैं।

इसलिए एक बेहतरीन ट्रेडर बनने के लिए आपको पहले से ही शेयर मार्केट में काम कर रहे अनुभवी लोगों का साथ करना है और उनके साथ लगातार शेयर मार्केट की बारीकियों को सीखना है।

क्योंकि जो व्यक्ति पहले से ही इस फील्ड में है उससे बेहतर आपको शेयर मार्केट की जानकारी अन्य कोई भी व्यक्ति नहीं दे सकता है।

आप अपने एक्स्ट्रा समय में चाहे तो यूट्यूब वीडियो अथवा ब्लॉग के द्वारा अपने शेयर मार्केट के ज्ञान को बढ़ा सकते हैं।

रेटिंग: 4.77
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 433
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *