टाइटनव्यापार

असल में तनिष्क की शुरुआत 1984s में ही टाइटन कंपनी द्वारा हो गई थी पर अपने संघर्षों के कारण ये अपने उत्पाद को अपने ग्राहक तक नहीं पहुंचा प् रहे थे,
शनि का चंद्रमा टाइटन
टाइटन शनि का सबसे बड़ा चंद्रमा है और हमारे सौर मंडल का दूसरा सबसे बड़ा चाँद है। केवल चांद बड़ा है जोवियन चाँद, गैनिमेड। टाइटन हमारे चंद्रमा से 50% बड़ा और ग्रह बुध से बड़ा है। टाइटन बर्फ और चट्टान से बना है टाइटन वैज्ञानिकों के लिए विशेष रुचि है क्योंकि यह घने वातावरण और बादलों के साथ एकमात्र चंद्रमा है। इसका वातावरण अन्य हाइड्रोकार्बन के निशान के साथ, नाइट्रोजन और मीथेन से बना है।
टाइटन की खोज डच खगोल विज्ञानी क्रिस्टियान ह्यूजेन्स ने की थी, जब उन्हें गैलिलियो गैलीलिया के चार जोवियन चंद्रमा की खोज से प्रेरित किया गया था। उसने 25 टाइटनव्यापार मार्च, 1655 को चंद्रमा की खोज की, जिससे यह छठवाँ चांद की खोज की गई। चंद्रमा को मूल रूप से एक नंबर के नाम पर रखा गया था, लेकिन यूनानी दैवीय अस्तित्व के बाद जॉन हेर्सल द्वारा टाइटन का नाम बदल दिया गया था।
टाइटन को चुपचाप शनि पर बंद कर दिया गया है, जैसे हमारे अपने चंद्रमा, जिसका अर्थ है कि एक तरफ शनि ग्रह की परिक्रमा करता है क्योंकि यह ग्रह परिक्रमा करता है। यह अपनी कक्षीय अवधि को भी अपनी घूर्णी अवधि के समान बनाता है: टाइटन का दिन उसी वर्ष के समान है। वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर एक तरल की नदियों और झीलें पाई हैं तरल पानी के अस्तित्व के लिए सतह बहुत ठंडा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि तरल हाइड्रोकार्बन से बना हो सकता है।
टाइटन तथ्य
- कक्षीय अवधि: 15.95 पृथ्वी के दिन
- रोटेशन अवधि: 15.95 पृथ्वी दिवस
- व्यास: 5,150 किमी
- शनि से दूरी: 1,221,870 किमी
- गुरुत्वाकर्षण की ताकत: 1.4 एन / किग्रा
- औसत तापमान: -179.5 डिग्री सेल्सियस (-291.1 डिग्री सेल्सियस)
सचित्र मार्गदर्शिका स्टोरीबोर्ड में समझ और प्रतिधारण को प्रोत्साहित करने के लिए एक दृश्य के साथ आसानी से पचाने योग्य जानकारी होती है। Storyboard That छात्र एजेंसी के बारे में भावुक है, और हम चाहते हैं कि हर कोई कहानीकार बनें। स्टोरीबोर्ड छात्रों को क्या सीखा है, और दूसरों को सिखाने के लिए एक उत्कृष्ट माध्यम प्रदान करते हैं।
सुल्तान’ने तोड़ा टाइटन का रिकॉर्ड, बना देश का सबसे महंगा बकरा कीमत 11 लाख रुपये, जानिए क्या है इसकी खासियत और क्या खाता है?
सुल्तान‘ देश का सबसे महंगा बकरा बन गया है। ‘सुल्तान’ ने देश की सबसे महंगी बकरी बनने का ‘टाइटन’ का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। हाल ही में टाइटन को भोपाल के एक शख्स ने 7 लाख रुपये में खरीदा था। देश का टाइटनव्यापार सबसे महंगा बकरा ‘सुल्तान’ रविवार को आगर-मालवा स्थित लक्की पशु बाजार में बिक्री के लिए पहुंचा। बकरी के मालिक ने इसकी कीमत 11 लाख रुपये रखी है।
बकरी के मालिक शाहरुख ने बताया कि 14 महीने की इस बकरी का वजन 60 किलो है। बादाम और काजू खाने वाली यह देश की सबसे महंगी बकरी है। मुस्लिम समुदाय का बकरीद का त्योहार 10 जुलाई को मनाया जाएगा। बकरीद से पहले बाजारों में रौनक रहती है. नतीजा एक से बढ़कर एक महंगी बकरी मंडियों में बिक्री के लिए पहुंच रही है। बकरी-बकरी पालने वालों के पास पैसे खत्म हो गए हैं।
तनिष्क ज्वेलरी का संघर्ष – Tanishq Jewellery Struggle.
2000s के समय तनिष्क का व्यापार बढ़ने टाइटनव्यापार लगा इसने कई ऐसे फैसले लिए और अपने में सुधार करके अपने ग्राहकों का विशवास जीता और 2003 में, इन्होने अपने 5 Retail Store से व्यापार को फैला करके ये Titan Company में, 40% की कमाई करके देने लगे थे,
अपने 20s में इन्होने खुद को फैलाने के इरादे से ये अपने व्यपार को देश से बाहर ले जाना चाहते थे तो tanishq Brand में अपनी शाखा Chicago और New Jersey में डाली और अपनी कुछ आंतरिक समस्यायों के कारन इन्हे वो दुकाने बंद करनी पढ़ गई थी,
2008s तक tanishq brand ने अपने पैर इतनी तेजी से फैलाय थे की इन्होने 105+ से भी ज्यादा स्टोर 71+ शहर में डालने में कामयाब टाइटनव्यापार रहे थे,
- Swiggy Food Chain Success Story जानिए –
- Zomato Food Chain Success Story जानिए –
तनिष्क क्यों इतनी प्रसिद्ध है ?
(Tanishq) तनिष्क ब्रांड अपने 22k प्योर Gold और Diamond के लिए जाना जाता है इसे से वह इतना प्रसिद्ध है अपने 200+ से भी ज्यादा Outlet के साथ भारत का पहला सबसे बड़ा Jewellery Retail Store का राजा बना बैठा है,
तनिष्क (Tanishq) अपनी आकर्षित डिज़ाइन (Design) से लोगो के मनको लुभाता है और उनके दिलों पर राज करता है, वह अपनी simple लेकिन creative डिज़ाइन के लिए ज्यादा बिख्यात है,तनिष्क ने सबसे ज्यादा लोगो का भरोशा कमाया है, उसने लोगो के भरोसे को फर्स्ट प्रायोरिटी (First Priority) देकर प्रॉफिट (Profit) समझा इसी बजह से तनिष्क आज भारत की सबसे बड़ी ज्वेलरी ब्रांड बन पाया है और ज्वेलरी के व्यपार में भरोसा पहला सबसे ज्यादा जरुरी होता है।
तनिष्क ब्रांड का टाटा कंपनी से क्या सम्बन्ध है ?
इस ब्रांड ने अपने आभूषणों से उपभोगताओं को अपनी और खींच कर एक बहुत बड़ा ग्राहकों का समूह बना लिया है, तनिष्क ब्रांड जो की टाइटन कंपनी चलाती है और टाइटन कंपनी टाटा कम्पनी की एक मूल (parent) कंपनी है,
(Tanishq) तनिष्क ब्रांड टाटा समूह और TIDCO ( Tamil Nadu Industrial Development Corporation) की मूल संपत्ति है, तनिष्क ब्रांड ने 2021 में, 18 हज़ार करोड़ की सेल्स करके खुद को टाटा कंपनी की एक सफल ब्रांड बताया है।
तनिष्क की एक संघर्षित घटना।
(Tanishq) तनिष्क ब्रांड ने जो अपनी इतनी बड़ी जीत हासिल की इसमें कुछ न कुछ तो गबाना पड़ता है काफी सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, ऐसे ही तनिष्क ब्रांड ने भी किया था,
तनिष्क ने 2020 में दिवाली के समय एक विज्ञापन करबाया करबाया था वो विज्ञापन हिन्दू और मुस्लिम समूह के बाद-विवाद का हिस्सा बनने लगा इस विज्ञापन का बहुत बहिस्कार हुआ, सोशल मीडिया पर बहुत नकारात्मक कमेंट का सामना करना पड़ा था,
NDTV की रिपोर्ट मुताविक कच्छ गुजरात के शोरूम पर अटैक किया गया था, गुजरात पुलिस ने इस क्लेम के निरस्त कर दिया था, और इन्हे अपना विज्ञापन रूकबना पढ़ा था, इसमें हिन्दूओ की भावनाओं को ठेश पहुंची थी, उस साल तनिष्क को काफी कुछ झेलना पढ़ा था और उस साल की दिवाली भी इन्हे बिना पटाखों की माननी पड़ी थी।
Bakrid 2022: जाने कहां सजा है कुर्बानी के बकरों का बाजार, ड्रायफ्रूट, घी, मक्खन खाने वाले बकरों की कीमत भी लाखों में,नाम भी मशहूर
बकरीद करीब है. (Bakrid 2022) इसलिए कुर्बानी के बकरों का बाजार भी सज गया है. जहां टाइटन नाम का एक बकरा 7 लाख में बिका है. सिर्फ टाइटन ही नहीं इस बाजार में गुंड़ा और तैमूर नाम के बकरों की भी अच्छी कीमत मिली है. कुर्बानी के बकरों टाइटनव्यापार का यह मेल 3 दिन चलता है. (Country most expensive goat sold in Bhopal)
भोपाल। मुस्लिम समाज का सबसे प्रमुख त्यौहार है बकरीद (Bakrid 2022) जो नजदीक ही है. इसके लिए तीन दिनों तक चलने वाला कुर्बानी के बकरों का बाजार भी गुलजार है. भोपाल ऐसा शहर है, जहां लोग बड़े शौक से बकरीद पर ऊंची कीमत हासिल करने के लिए बकरों को न सिर्फ पालन पोषण करते हैं बल्कि वे इन बकरों की खास डाइट भी मैंटेन करते है. काजू,बादाम, घी, मक्खन और आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां खाने से मजबूत हुई इन बकरों की कद काठी के चलते उन्हें इनकी कीमत भी लाखों में मिलती है. यही वजह है कि भोपाल के बकरा बाजार में दूसरे शहरों मुंबई, पुणे से भी खरीदार यहां पहुंचते हैं. भोपाल टाइटनव्यापार में लगे मेले के पहले दिन बकरीद पर कुर्बानी के लिए एक बकरा 7 लाख रुपए में बिका है. (Bhopal Goat Titan worth 7 lakh)