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अमेरिकी मगरमच्छ

अमेरिकी मगरमच्छ
इंसानों की तरह मूछें, हाथी जैसे दांत. पानी में रहने वाले 'मिस्टर वाल' को देख लीजिए
किसी शिकारी के जाल में नहीं फंसा गुस्ताव
इस मगरमच्छ को पकड़ने के तमाम प्रयासों में से एक को 'कैप्चरिंग द किलर क्रोक' नाम की टीवी डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है। लेकिन हर प्रयास की तरह यह भी असफल साबित हुआ। गुस्ताव को पकड़ने के लिए मगरमच्छ शिकारी पैट्रिस फेय ने मिशन को अंजाम दिया था। लेकिन उनके जाल में सिर्फ क्षेत्र के कुछ छोटे मगरमच्छ ही फंसे। रिपोर्ट के अनुसार, गुस्ताव को पकड़ने के लिए टीम ने कई जाल बिछाए लेकिन विशालकाय जीव उनमें से किसी में भी नहीं फंसा।

Jungle News : अफ्रीका का सबसे बड़ा मगरमच्छ, निगल चुका है 300 जिंदगियां. जाल तो दूर बंदूक की गोली भी बेअसर!

Giant Crocodile Gustave : मगरमच्छ पानी का सबसे खतरनाक शिकारी होता है। जो आतंक जंगल में शेर का होता है, वही पानी में मगरमच्छ का होता है। अफ्रीका के सबसे बड़े मगरमच्छ गुस्ताव के बारे में कहा जाता है कि वह अब तक 300 लोगों की जानें ले चुका है।

crocodile

फोटो : ट्विटर

हाइलाइट्स

  • दुनिया का सबसे शातिर और खतरनाक सरीसृप होता है मगरमच्छ
  • अफ्रीका का सबसे बड़ा मगरमच्छ है गुस्ताव, ले चुका है 300 जानें
  • करीब एक टन वजन, छह मीटर लंबाई, लग चुकी हैं तीन गोलियां

इंसानों की तरह मूछें, हाथी जैसे दांत. पानी में रहने वाले 'मिस्टर वाल' को देख लीजिए
किसी शिकारी के जाल में नहीं फंसा गुस्ताव
इस मगरमच्छ को पकड़ने के तमाम प्रयासों में से एक को 'कैप्चरिंग द किलर क्रोक' नाम की टीवी डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है। लेकिन हर प्रयास की तरह यह भी असफल साबित हुआ। गुस्ताव को पकड़ने के लिए मगरमच्छ शिकारी पैट्रिस फेय ने मिशन को अंजाम दिया था। लेकिन उनके जाल में सिर्फ क्षेत्र के कुछ छोटे मगरमच्छ ही फंसे। रिपोर्ट के अनुसार, गुस्ताव को पकड़ने के लिए टीम ने कई जाल बिछाए लेकिन विशालकाय जीव उनमें से किसी में भी नहीं फंसा।

पानी में मिला पिंजरा, गायब चारा
कई बार असफल होने के बाद शिकारियों ने एक आखिरी कोशिश की। उन्होंने जिंदा जानवरों के साथ एक पिंजरा लगाया। इस उम्मीद के साथ कि चारे की लालच में मगरमच्छ उसमें फंस जाएगा। शिकारी यह देखकर हैरान हो गए कि एक तूफानी रात के अगले दिन बकरी पिंजरे से गायब थी और खतरनाक जीव पिंजरे को पानी में खींच ले गया था। हालांकि टीम यह पता करने में नाकाम रही कि पिंजरा तूफान की वजह से टूटा या गुस्ताव उसे तोड़ने में कामयाब रहा। आखिरकार टीम ने अपनी हार स्वीकार कर ली।

बंदूक की गोलियां भी बेअसर
मगरमच्छ के शिकारी पैट्रिस फेव ने कथित तौर पर कई साल तक गुस्ताव पर अध्ययन किया है। उनके अनुसार, यह अन्य मगरमच्छ से तीन गुना बड़ा और बेहद खतरनाक है। इस खतरनाक जीव को मारना भी आसान नहीं है क्योंकि गुस्ताव के शरीर पर पहले से तीन गोलियों के निशान हैं। जब जीव अपने तट को छोड़कर साथी की तलाश में अमेरिकी मगरमच्छ निकलता है तो स्थानीय लोग खौफ से भर जाते हैं। माना जाता है कि वह यात्रा के दौरान कई जिंदगियों को निगल लेता है।

इन विशाल सरीसृपों के बारे में जानें।

मगरमच्छ का फोटो


मगरमच्छ और मगरमच्छ सरीसृप हैं। इसका मतलब है कि वे ठंडे खून वाले हैं और अपने शरीर के तापमान को अपने परिवेश के साथ विनियमित करना है। मगरमच्छ इसे छाया या पानी में ठंडा करके और धूप में गर्म करके करते हैं। मगरमच्छ और मगरमच्छ, अधिकांश सरीसृपों की तरह, भी अंडे देते हैं और उनकी त्वचा कठोर, सूखे तराजू से ढकी अमेरिकी मगरमच्छ होती है।

कभी-कभी मगरमच्छों को शॉर्ट के लिए गेटर्स कहा जाता है और कभी-कभी मगरमच्छों को शॉर्ट्स के लिए क्रोक कहा जाता है।

मगरमच्छ और मगरमच्छ में क्या अंतर है?

आप मगरमच्छों और मगरमच्छों को उनके घोंसले की चौड़ाई से अलग बता सकते हैं। मगरमच्छ की एक अमेरिकी मगरमच्छ चौड़ी, चौड़ी नाक होगी जबकि एक मगरमच्छ के पास आमतौर पर एक संकीर्ण नाक होगी। मगरमच्छ आम तौर पर गहरे रंग के होते हैं।

मगरमच्छ ताजे पानी के वातावरण के पास रहते हैं। केवल दो प्रकार के मगरमच्छ (अमेरिकी मगरमच्छ और चीनी मगरमच्छ) हैं और दुनिया में केवल दो ही देश हैं जहाँ मगरमच्छ पाए जा सकते हैं: चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका। अमेरिका में मगरमच्छ दक्षिण-पूर्व में पाए जाते हैं, ज्यादातर फ्लोरिडा और लुइसियाना ।

पानी में मगरमच्छ

मगरमच्छ एशिया, अमेरिका, अफ्रीका और, उष्णकटिबंधीय में अधिक व्यापक पाए जाते हैं ऑस्ट्रेलिया । मगरमच्छ हैं जो खारे पानी के साथ-साथ ताजे पानी में भी रहते हैं।


वे कितने तेज हैं?

मगरमच्छ और मगरमच्छ विपुल तैराक हैं। वे बहुत तेज तैर सकते हैं। वे पानी से बाहर धीमी गति से दिखाई देते हैं क्योंकि वे धूप में घंटों तक पड़े रहते हैं और केवल एक बार धीरे-धीरे चल सकते हैं। लेकिन यह मूर्ख मत बनने दो। एक हमलावर अमेरिकी मगरमच्छ गैटर या क्रोक छोटी दूरी पर बहुत तेजी से आगे बढ़ सकता है। वे बहुत तेजी से आगे बढ़ सकते हैं जितना कि मनुष्य चला सकता है। ये जानवर बहुत खतरनाक हैं और इंसानों के लिए सबसे खतरनाक जानवर हैं।

उन्हें कितना बड़ा मिलता है?

मगरमच्छ और मगरमच्छ काफी बड़े हो सकते हैं। सबसे बड़ा दर्ज किया गया मगरमच्छ 19 फीट लंबा है जबकि सबसे बड़ा मगरमच्छ 28 फीट लंबा होने का अनुमान है।

वे क्या खाते है?

मगरमच्छ और मगरमच्छ मांसाहारी होते हैं जिसका अर्थ है कि वे मांस खाते हैं। वे मार सकते हैं और बहुत ज्यादा खा सकते हैं वे कुछ भी पकड़ सकते हैं। इसमें मछली, हिरण, मेंढक, पक्षी और भैंस शामिल हैं, बस कुछ का नाम लेने के लिए। अपने सभी तेज दांतों के बावजूद, वे अपना भोजन चबाते नहीं हैं। वे अपने दांतों का उपयोग चूजों को फाड़ने और उन्हें पूरा निगलने के लिए करते हैं।

अमेरिकी मगरमच्छ

वायरल : अमेरिकी के मछुआरे ने पकड़ा मछली की तरह दिखाई देने वाला मगरमच्छ, देख कर लोगो के उडे होश

इंटरनेट पर मगरमच्छ के शिकार करने की खबर से सुर्खियां बटोर रहे शख्स का नाम एडगर बताया जा रहा है, जिसने एक धनुष और तीर (bow and arrow) की मदद से एक विशाल और अजीबोगरीब दिखने वाले मगरमच्छ को पकड़ा है. वायरल हो रहा यह वीडियो टेक्सास (Texas) के फाल्कन झील के तट का बताया जा रहा है, जहां मछुआरे ने धनुष और तीर की मदद से मछ्ली जैसे दिख रहे इस मगरमच्छ का शिकार किया.

आपने आज तक लोगों को मछलियों (fish) का शिकार करते देखा होगा या फिर सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी किसी को मगरमच्छ (Crocodile) का शिकार करते देखा है? ऐसा करना तो दूर, ऐसा करने के बारे में सोचने तक में अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाएंगे, लेकिन हाल अमेरिकी मगरमच्छ ही में एक मछुआरे (Fisherman) ने ऐसा कर दिखाया है. सोशल मीडिया (Social Media) पर इन दिनों एक अमेरिकी मछुआरा मगरमच्छ के शिकार करने की खबर से खूब सुर्खियां बटोर रहा है. गौर करने वाली बात तो यह है कि यह मगरमच्छ हूबहू मछली की तरह दिखाई देता है.

न्यूज़वीक के अनुसार (According to Newsweek), घड़ियाल गार (alligator gars) की यह अमेरिकी मगरमच्छ सबसे बड़ी प्रजाति है और यह 10 फीट तक लंबी हो सकती है. वे बहुत लंबे समय तक जीवित भी रह सकते हैं, जिसका अनुमान मछली के आकार से लगाया जा सकता है. विश्व रिकॉर्ड लगभग 9 फीट लंबा था और 90 साल से अधिक पुराना होने का अनुमान है.

नहीं रहा शाकाहारी मगरमच्छ ‘बबिया’, 70 साल से प्रसाद खाकर कर रहा था मंदिर की रखवाली

ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के झील में एक समय में सिर्फ एक ही मगरमच्छ रहता है. जब उस मगरमच्छ की मौत हो जाती है, तब कोई दूसरा मगरमच्छ अपने आप उस झील में चला आता है, पर ये एक रहस्य ही है कि मगरमच्छ आखिर आते कहां से हैं?

TV9 Bharatvarsh | Edited By: Sonu Sharma

Updated on: Oct 10, 2022, 5:26 PM IST

ये तो आप जानते ही होंगे कि मगरमच्छ मांसाहारी होते हैं और इनकी गिनती दुनिया के सबसे खतरनाक जानवरों में होती है, पर क्या आप जानते हैं कि भारत में एक शाकाहारी मगरमच्छ भी था, जो केरल के श्री अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर की रखवाली करता था? जी हां, यह बात बिल्कुल सच है. हालांकि इस रहस्यमय शाकाहारी मगरमच्छ की अब मौत हो गई है. मंदिर के झील में इस मगरमच्छ का मृत शरीर पाया गया. अंदाजा लगाया जा रहा है कि बीते रविवार को ही उसकी मौत हो गई थी.

ये तो आप जानते ही होंगे कि मगरमच्छ मांसाहारी होते हैं और इनकी गिनती दुनिया के सबसे खतरनाक जानवरों में होती है, पर क्या आप जानते हैं कि भारत में एक शाकाहारी मगरमच्छ भी था, जो केरल के श्री अनंतपद्मनाभ स्वामी मंदिर की रखवाली करता था? जी हां, यह बात बिल्कुल सच है. हालांकि इस रहस्यमय शाकाहारी मगरमच्छ की अब मौत हो गई है. मंदिर के झील में इस मगरमच्छ का मृत शरीर पाया गया. अंदाजा लगाया जा रहा है कि बीते रविवार को अमेरिकी मगरमच्छ ही उसकी मौत हो गई थी.

इस शाकाहारी मगरमच्छ का नाम बबिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बबिया पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहा था. दो दिन से तो वह खाना भी नहीं खा रहा था, जबकि पहले जब मंदिर के पुजारी उसे प्रसाद खाने के लिए बुलाते थे तो वह भागकर चला आता था.

इस शाकाहारी मगरमच्छ का नाम बबिया था. मीडिया रिपोर्ट्स अमेरिकी मगरमच्छ के मुताबिक, बबिया पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहा था. दो दिन से तो वह खाना भी नहीं खा रहा था, जबकि पहले जब मंदिर के पुजारी उसे प्रसाद खाने के लिए बुलाते थे तो वह भागकर चला आता था.

बताया जाता है कि दिन में दो बार उसे मंदिर का प्रसाद खाने के लिए दिया जाता था. वह चावल और गुड़ से बना दलिया ही खाता था. मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए आने वाले भक्त भी उसे प्रसाद खिलाते थे. लोग इसे भगवान का दूत कहते थे.

बताया जाता है कि दिन में दो बार उसे मंदिर का प्रसाद खाने के लिए दिया जाता था. वह चावल और गुड़ से बना दलिया ही खाता था. मंदिर में भगवान के दर्शन के लिए आने वाले भक्त भी उसे प्रसाद खिलाते थे. लोग इसे भगवान का दूत कहते थे.

आपको जानकर हैरानी होगी कि बबिया जिस झील में रहता था, उसमें मछलियां भी हैं, लेकिन वह कभी भी मछलियों को नहीं खाता था. यहां तक कि झील में नहाने के दौरान भक्तों को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता था. यह दुनिया में अपनी तरह का इकलौता मगरमच्छ था.

आपको जानकर हैरानी होगी कि बबिया जिस झील में रहता था, उसमें मछलियां भी हैं, लेकिन वह अमेरिकी मगरमच्छ कभी भी मछलियों को नहीं खाता था. यहां तक कि झील में नहाने के दौरान भक्तों को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाता था. यह दुनिया में अपनी तरह का इकलौता मगरमच्छ था.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस शाकाहारी मगरमच्छ को मंदिर के प्रांगण में ही दफनाया जाएगा. मंदिर के ट्रस्टी उदय कुमार आर गट्टी ने बताया कि मृत्यु के बाद किसी स्वामी को जो सम्मान दिया जाता है, वहीं सम्मान बबिया को भी दिया जाएगा. कहा जा रहा है कि इस मगरमच्छ की अंतिम विदाई में करीब 1000 लोग शामिल होंगे.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस शाकाहारी मगरमच्छ को मंदिर के प्रांगण में ही दफनाया जाएगा. मंदिर के ट्रस्टी उदय कुमार आर गट्टी ने बताया कि मृत्यु के बाद किसी स्वामी को जो सम्मान दिया जाता है, वहीं सम्मान बबिया को भी दिया जाएगा. कहा जा रहा है कि इस मगरमच्छ की अंतिम विदाई में करीब 1000 लोग शामिल होंगे.

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