गलत ब्रेकआउट

4) त्वचा को रगड़ना
बेशक त्वचा को एक्सफोलिएट करने से मृत कोशिकाओं से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। लेकिन सर्दियों में ऐसा करने से नुकसान हो सकता है। शुष्क और ठंडे मौसम के कारण आपकी त्वचा पहले से ही खराब होने लगती है, ऐसे में बार-बार त्वचा को रगड़ने से नुकसान हो सकता है। हालांकि सप्ताह में एक बार अपनी त्वचा को एक्सफोलिएट करना ठीक है। अगर आपकी त्वचा बहुत शुष्क है, तो अपनी त्वचा को हल्के से एक्सफोलिएट करें।
मुंहासों से बचने के लिए इन 6 खाद्य पदार्थों को आज ही कहें बाय बाय
एक्ने एक जटिल स्थिति है। चित्र : शटरस्टॉक
क्या आपके साथ कभी गलत ब्रेकआउट ऐसा हुआ है कि कुछ खाद्य पदार्थ खाने से पिंपल्स और ब्रेकआउट होने लगते हैं? ऐसा इसलिए, क्योंकि हमारे खाने की आदतें हमारी त्वचा को भी प्रभावित कर सकती हैं। गलत खान-पान से मुंहासे निकलने का खतरा बढ़ सकता है। इतना ही नहीं, ये खाद्य पदार्थ लालिमा, बेचैनी और निशान भी पैदा कर सकते हैं।
यही कारण है कि मुंहासों को रोकने के लिए आपको कुछ खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। लेकिन इससे पहले कि हम इन खाद्य पदार्थों के बारे में जानें, आपको पहले यह समझना चाहिए कि भोजन कैसे गलत ब्रेकआउट मुंहासों के लिए जिम्मेदार है, सेलिब्रिटी त्वचा विशेषज्ञ डॉ अजय राणा की मदद से।
आहार और मुंहासों के बीच एक मजबूत संबंध है
डॉ राणा के अनुसार, “दूध और मांस, और मीठे खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों सहित उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन के परिणामस्वरूप मुंहासों की संभावना बढ़ सकती है। उच्च वसा, उच्च चीनी वाले खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन मुंहासों से जुड़ा हुआ है।”
वह कहते हैं, “जब उच्च शर्करा और कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ शरीर में पहुंचते हैं, तो वे आपके इंसुलिन वृद्धि कारक में वृद्धि का कारण बन सकते हैं, और यह पाइलोसेबेसियस को अवरुद्ध करता है, जो मूल रूप से हमारे चेहरे पर तेल-स्रावित ग्रंथियां हैं। यह उन्हें सांस लेने की अनुमति नहीं देते हैं। यदि किसी की त्वचा तैलीय है, तो उनके पास अति सक्रिय पाइलोसेबेसियस हैं। ”
डॉ राणा यह भी बताते हैं कि जब रक्त शर्करा का स्तर तेजी से बढ़ता है, तो वे शरीर को इंसुलिन नामक एक हार्मोन जारी करने का कारण बनते हैं।
मुंहासों से बचने के लिए ये 6 खाद्य पदार्थ अवॉइड करें:
राणा कहते हैं, “ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जो शरीर में इंसुलिन के स्तर में वृद्धि कर सकते हैं और मुंहासों का कारण बन सकते हैं। पास्ता, सफेद चावल, सफेद ब्रेड और चीनी जैसे खाद्य पदार्थों में इंसुलिन पैदा करने वाले प्रभाव होते हैं, और इन्हें उच्च ग्लाइसेमिक कार्बोहाइड्रेट माना जाता है। वास्तव में, वे साधारण शर्करा से बने होते हैं और इसलिए, वे मुंहासों के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
चीनी का सेवन कम करें : चित्र : शटरस्टॉक
क्यों टेक्निकल एनालिसिस कभी काम करता है और कभी नहीं करता ?
टेक्निकल एनालिसिस में कीमतों का अभ्यास किया जाता है , जो की बाज़ार में लोंगो के मनोदशा और भावनावो का प्रतिनिधित्व स्वरुप है | इसी गलत ब्रेकआउट वजह से टेक्निकल एनालिसिस ज्यादातर बार काम करता है , क्योकि सामान्य रूप से लोग समान परिस्थितियों में एक जैसे निर्णय या फिर गलतिया करते है | जो चार्ट पर समान प्राइस पैटर्न्स या फिर टेक्निकल पैटर्न बनाते रहते है और यह प्रक्रिया बार बार होती रहती है | कीमतों की दिशा या ट्रेंड्स गलत ब्रेकआउट चार्ट पर मूविंग अवेरेजेस और इंडीकेटर्स की मदत से खोजी जा सकती है | और उनकी हद या फिर सीमा चार्ट पर सपोर्ट और रेजिस्टेंस खीचकर निर्देशित किये जा सकते है | ये एक सीधी और साधा तरीका है मगर इसमें अनुभव जरुरी होता है | जब कीमते रेजिस्टेंस को लांघकर ट्रेड करने लगाती है तो उसे “बुलिश ब्रेकआउट” कहा जाता है , उसी तरह जब कीमते सपोर्ट क निचे टूट जाती है तो उसे “बिअरिश ब्रेकडाउन” कहा जाता है | ब्रेकआउट की घटना एक ट्रेडर के लिए बहुत महत्व पूर्ण होती है और वो ट्रेडर्स के लिए एक शक्तिशाली हत्यार की तरह काम करता है | ब्रेकआउट कीमतों और इंडीकेटर्स में भी देखा जा सकता है और उपयोगी होता है | ब्रेकआउट लगभग ८०-९०% समय काम करता है और सही दिशा में ट्रेड करने वालो को मोटा मुनाफा कमाकर देता है | ज्यादातर गलत ब्रेकआउट ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन मुख्य दिशा परिवर्तन के समय होता है और ट्रेडर्स को एक मुनाफे वाली रैली मिल जाती है |
कभी कभी टेक्निकल एनालिसिस क्यों काम नहीं करता ?
टेक्निकल एनालिसिस कभी कभी किसी ट्रेडर के लिए कम नहीं करता और उसका मुख्य कारण होता है , अनुभव की कमी | जो लोग या ट्रेडर्स मार्केट में नए है वो ज्यादातर पकीमतों को या फिर इंडीकेटर्स को अच्छे से नहीं समज पाते और गलती कर बैठते है | इसी कहते है की लिए एक यशस्वी ट्रेडर्स के पीछे उसके अनुभव का हाथ होता है | ज्यादातर व्यावसायिक और नए ट्रेडर्स एक ही तकनीक अपनाते है मगर व्यवसायिक ट्रेडर मुनाफा कमाता है और उसी तकनीक से नए ट्रेडर्स को नुकसान होता है | यह कही बार देखा गया है | दूसरा यह की बहुत बार ट्रेडर्स चार्ट्स, प्राइस पैटर्न और इंडीकेटर्स के ऊपर इतना निर्भर हो जाते है की वो मार्केट की परिस्थितियों को जानना और समज़ना भूल जाते , और अपने इस छोटे कोष से बाहर न आने की वजह से गलत साबित होते रहते है | यही व्यवसायिक ट्रेडर्स मार्केट और उतार-चढाव के हिसाब से अपनी तकनीक और इंडीकेटर्स को ट्यून करते रहते है | जैसे की ज्यादा चढ़ उतार वाले मार्केट में चार्ट पर फाल्स ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन होने पर ट्रेडर्स को मुख्य ट्रेंड के साथ रहना चाहिए | दूसरा उदहारण में बुल मार्केट में कीमते ओवर बाउट स्थिति में हप्ते गलत ब्रेकआउट या फिर महीनो तक ट्रेंड करती है और बीच बिच में गलत सेल सिग्नल निर्माण होते है | कभी कभी कुछ तकनीक कुछ वक्त तक ही काम करते जाते है क्योकि मुख्य मार्केट मेकर्स वही टेक्निक्स उपयोग में लाते है और उनपर ही उस वक्त भरोसा बैठ होता है , इसे “सेल्फ फुल फिलिंग प्रोफेसी” भी कहा जाता है | कुछ ट्रेडर्स बहुत सामान्य तकनीक उपयोग करते है और फिर भी मुनाफा कमाते है और कुछ जटिल और महंगी ट्रेडिंग सिस्टम का उपयोग करके भी सदा नुकसान में ही बैठे होते है | ये इस लिए होता है क्योकि व्यावसायिक ट्रेडर्स जो गैर प्रचलित ट्रेडिंग की रणनीति बनाते है वो अनुभव पर आधारित होती है और उसकी मार्केट पर पूरी पकड़ होती है | ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश मुनाफा कमाना है न की वैज्ञानिक तरीकेसे सही रहना |
मुंहासों से बचने के लिए ये 6 खाद्य पदार्थ अवॉइड करें:
राणा कहते हैं, “ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जो शरीर में इंसुलिन के स्तर में वृद्धि कर सकते हैं और मुंहासों का कारण बन सकते हैं। पास्ता, सफेद चावल, सफेद ब्रेड गलत ब्रेकआउट और चीनी जैसे खाद्य पदार्थों में इंसुलिन पैदा करने वाले प्रभाव होते हैं, और इन्हें उच्च ग्लाइसेमिक कार्बोहाइड्रेट माना जाता है। वास्तव में, वे साधारण शर्करा से बने होते हैं और इसलिए, वे मुंहासों के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
चीनी का सेवन कम करें : चित्र : शटरस्टॉक
2. डेयरी उत्पाद
पनीर, फुल-फैट दही, दूध और आइसक्रीम जैसे डेयरी उत्पादों का सेवन मुंहासों के पीछे मुख्य कारण हैं। डेयरी उत्पादों में कैसिइन होता है, जो कुछ हार्मोन के स्तर को बढ़ाने का कारण हैं। जो हमारी त्वचा द्वारा उत्पादित तेल पदार्थ सीबम के बढ़ते उत्पादन से जुड़े होते हैं, जो बदले में मुंहासों से जुड़ा हुआ है।
चॉकलेट हमारी गो-टू स्वीट गलत ब्रेकआउट है! लेकिन यह आपके लिए चिंता का विषय हो सकता है, क्योंकि बहुत अधिक चॉकलेट खाने से मुंहासों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चॉकलेट कोको, दूध और चीनी से भरी हुई हैं, जो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली में हस्तक्षेप कर सकती हैं और परिणामस्वरूप, पिंपल्स का कारण बन सकती हैं।
डॉ राणा कहते हैं, “चॉकलेट मुंहासों को भी खराब कर सकता है, लेकिन यह सभी लोगों को प्रभावित नहीं करता है।”
4. उच्च ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ
हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग के अनुसार, कार्बोहाइड्रेट सहित जीआई में उच्च खाद्य गलत ब्रेकआउट पदार्थ, रक्त शर्करा के स्तर को तेजी से बढ़ाते हैं, जो सूजन को बढ़ाता है। यह त्वचा को अधिक तेल का उत्पादन करने और छिद्रों को बंद करने का कारण बनता है।
सावधान! तुरंत सुधार लें गलत ब्रेकआउट ये 7 गलत आदतें, एक्जिमा-सोरायसिस जैसे चर्म रोग होने में नहीं लगेगी देर
Highlights सर्दियों में गर्म पानी से नहाना आपके त्वचा के लिए मुसीबत बन सकता है किसी भी तरह के क्रीम के इस्तेमाल से बचना चाहिए
सेहतमंद त्वचा खूबसूरती का सबसे अनमोल तोहफा है, लेकिन सर्दी त्वचा की खूबसूरती को छीन लेती है। सर्दियों में तापमान में गिरावट और ठंडी हवा चलने से त्वचा को बेहद नुकसान पहुंचता है। ठंडी हवा आपकी त्वचा से प्राकृतिक नमी खत्म कर देती है, जिससे त्वचा में सूखापन और खुजली होती है। शुष्क त्वचा, एक्जिमा और सोरायसिस का कारण बन सकता है। हम आपको बता रहे हैं कि सर्दियों के दिनों आपकी कौन-कौन से गलत आदतें त्वचा को ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं।
कभी कभी टेक्निकल एनालिसिस क्यों काम नहीं करता ?
टेक्निकल एनालिसिस कभी कभी किसी ट्रेडर के लिए कम नहीं करता और उसका मुख्य कारण होता है , अनुभव की कमी | जो लोग या ट्रेडर्स मार्केट में नए है वो ज्यादातर पकीमतों को या फिर इंडीकेटर्स को अच्छे से नहीं समज पाते और गलती कर बैठते है | इसी कहते है की लिए एक यशस्वी ट्रेडर्स के पीछे उसके अनुभव का हाथ होता है | ज्यादातर व्यावसायिक और नए ट्रेडर्स एक गलत ब्रेकआउट ही तकनीक अपनाते है मगर व्यवसायिक ट्रेडर मुनाफा कमाता है और उसी तकनीक से नए ट्रेडर्स को नुकसान होता है | यह कही बार देखा गया है | दूसरा यह की बहुत बार ट्रेडर्स चार्ट्स, प्राइस पैटर्न और इंडीकेटर्स के ऊपर इतना निर्भर हो जाते है की वो मार्केट की परिस्थितियों को जानना और समज़ना भूल जाते , और अपने इस छोटे कोष से बाहर न आने की वजह से गलत साबित होते रहते है | यही व्यवसायिक ट्रेडर्स मार्केट और उतार-चढाव के हिसाब से अपनी तकनीक और इंडीकेटर्स को ट्यून करते रहते है | जैसे की ज्यादा चढ़ उतार वाले मार्केट में चार्ट पर फाल्स ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन होने पर ट्रेडर्स को मुख्य ट्रेंड के साथ रहना चाहिए | दूसरा उदहारण में बुल मार्केट में कीमते ओवर बाउट स्थिति में हप्ते या फिर महीनो तक ट्रेंड करती है और बीच बिच में गलत सेल सिग्नल निर्माण होते है | कभी कभी कुछ तकनीक कुछ वक्त तक ही काम करते जाते है क्योकि मुख्य मार्केट मेकर्स वही टेक्निक्स उपयोग में लाते है और उनपर ही उस वक्त भरोसा बैठ होता है , इसे “सेल्फ फुल फिलिंग प्रोफेसी” भी कहा जाता है | कुछ ट्रेडर्स बहुत सामान्य तकनीक उपयोग करते है और फिर भी मुनाफा कमाते है और कुछ जटिल और महंगी ट्रेडिंग सिस्टम का उपयोग करके भी सदा नुकसान में ही बैठे होते है | ये इस लिए होता है क्योकि व्यावसायिक ट्रेडर्स जो गैर प्रचलित ट्रेडिंग की रणनीति बनाते है वो अनुभव पर आधारित होती है और उसकी मार्केट पर पूरी पकड़ होती है | ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश मुनाफा कमाना है न की वैज्ञानिक तरीकेसे सही रहना |