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टेक्निकल एनालिसिस क्या है

टेक्निकल एनालिसिस क्या है

Support Level- सपोर्ट लेवल

क्या होता है सपोर्ट?
सपोर्ट या सपोर्ट लेवल (Support Level) उस प्राइस लेवल को संदर्भित करता है कि कोई एसेट समय की अवधि में नीचे नहीं गिरता है। किसी एसेट के सपोर्ट लेवल का निर्माण बाजार में प्रवेश करने वाले खरीदारों द्वारा तब किया जाता है, जब कभी एसेट एक निम्नतर प्राइस लेवल तक गिर जाता है। टेक्निकल विश्लेषण में, सरल सपोर्ट लेवल का चार्ट विचार किए जाने वाले टाइम पीरियड के लिए सबसे निचले लो के साथ एक पंक्ति ड्रॉ करने के द्वारा बनाया जा सकता है। सपोर्ट लेवल समग्र प्राइस ट्रेंड के साथ सपाट या तिरछी या नीचे हो सकता है। सपोर्ट के अधिक उन्नत संस्करणों की पहचान के लिए अन्य टेक्निकल इंडीकेटर या चार्टिंग टेक्नीक्स का उपयोग किया जा सकता है।

मुख्य बातें
- सपोर्ट लेवल एक प्राइस प्वॉइंट का प्रतिनिधित्व करता है जिसमें कोई एसेट दी गई समय अवधि में नीचे गिरने के लिए संघर्ष करता है।

- विभिन्न टेक्निकल इंडीकेटरों का उपयोग करने के जरिये या सरल तरीके से उस अवधि के लिए सबसे नीचे के लो को कनेक्ट करते हुए एक लाइन ड्रॉ करने के द्वारा एक सपोर्ट लेवल को देखा जा सकता है।

सपोर्ट लेवल आपको क्या बताता है?
सामान्य वित्तीय शब्दो में सपोर्ट लेवेल वह लेवल होता है जिस पर खरीदार खरीद करने या स्टाॅक में प्रवेश करने टेक्निकल एनालिसिस क्या है की तरफ प्रवृत्त होते हैं। यह उस स्टॉक शेयर प्राइस की तरफ संदर्भित करता है जिससे कंपनी शायद ही नीचे जाती है। जब किसी स्टॉक की कीमत सपोर्ट लेवल की दिशा में गिरती है तो सपोर्ट लेवल बना रहता है और इसकी पुष्टि हो जाती है या स्टॉक में गिरावट जारी रहती है और पहले प्रदर्शित सपोर्ट लेवल को निश्चित रूप से नए लो को शामिल करने के लिए परिवर्तित होना चाहिए। स्टाॅक्स में सपोर्ट लेवल का सृजन लिमिट ऑर्डरों द्वारा या केवल ट्रेडरों और निवेशकों के मार्केट एक्शन से किया जा सकता है। सपोर्ट और रेसिस्टैंस लेवल टेक्निकल एनालिसिस के मूल में होते हैं। फंडामेंटल एनालिसिस स्टॉक के भविष्य की दिशा को निर्धारित करने के लिए कंपनी के प्रदर्शन और इतिहास पर विचार करता है, जबकि टेक्निकल एनालिसिस पैटर्न व प्राइस के ट्रेंड का उपयोग करता है।

What is technical analysis ? टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है ?

शेयर मार्केट में अगर आपको ट्रेडिंग करणी है तो सब से पहले important होता है टेक्निकल एनालिसिस को समजना बिना technical analysis को समझे आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर के प्रॉफिट नहीं कमा सकते । technical analysis एक बहुत बडी कन्सेप्ट है जीसमे अलग अलग तरिके से technical analysis हम कर सकते है आज हम इसी के बारे में जान ने वाले है। जेसे मौसम विभाग अगले कुछ दिनो में मौसम कैसा रहेगा उसकी जानकारी पहले हि बता देता है वेसे हि Technical analysis हमे शेयर कि price के उतार चढाव बाजार कि स्तिथी का अंदाज पहले हि बता देता है ओर इस से हमे शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने में आसानी होती है।

Technical analysis कि खोज ओर इसका उपयोग जपान के व्यापारी 'मुनेहीसा होम्मा' ने किया था । Technical analysis शेयर मार्केट का एक अहम् हिस्सा है । intraday ट्रेडिंग के लिए तो यह बहुत जरुरी होता है। Technical analysis यांनी कंपनी के पिछले कुछ साल का विश्लेषण करके future में कंपनी कि ग्रोथ कैसे रहेगी यह बताता है। ओर वर्तमान समय कि भी जानकारी देता है । Technical analysis में चार्ट indicators, सपोर्ट ओर रेसिस्टंट , चार्ट पॅटर्न इन सबका समावेश होता है। चार्ट के आधार पर कंपनी के शेयर कि वर्तमान व भविष्य कि स्थिती का पता चलता है ओर इसे हि Technical analysis कहते है।

* Chart चार्ट ; कंपनी के शेयर कि किंमत में उतार ओर चढाव कि स्थिती दर्शाने वाले को चार्ट केहते है । चार्ट के भी कही सारे प्रकार होते है। यह अलग अलग थयोरी पर आधारित होते है ओर इन से हमे शेयर वर्तमान ओर भविष्य कि स्थिती कि जानकारी मिलने में काफी सहायता होती है।

1) line chart ( लाइन चार्ट ) : Line chart सब से सिम्पल चार्ट होता है। यह शेयर कि किंमत में होणे वाले उतार चढाव को दर्शता है साथ में हि शेयर मार्केट के ट्रेंड को भी दर्शता है । यह एक सिधी लाईन होती है ओर कुछ बिंदू ओ को जोडते हुए आगे बढती है जीसमे सिर्फ शेयर कि दिन कि क्लोसिंग किंमत का हि पता चलता है, शेयर कि high price ओर low price का पता इससे नहीं पता चलता इसलीये ट्रेडर इस चार्ट का उपयोग जादा नहीं करते । यह चार्ट किसी भी टाइम फ्रेम में देखा जा सकता है । यह कैसे दिखाई देता है इसकी एक फोटो नीचे दि हुई है ।

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2 ) Bar Chart ( बार चार्ट ) : यह चार्ट भी एक बहुत फेमस चार्ट है। लाईन चार्ट के टेक्निकल एनालिसिस क्या है मुकाबले यह अच्छे संकेत दर्शता है ओर ज्यादा जानकारी प्रदान करता है । इस चार्ट में लंबे लंबे बार बने हुए होते है ओर बार का सबसे उपर का पॉईंट दिन कि high price ओर सबसे नीचे वाला पॉईंट दिन का low price दर्शता है। इस चार्ट में दाइ ओर आडी लाईन होती है वह open price म दर्शाती है ओर बाई ओर कि लाईन close price दर्शाती है। लाईन चार्ट से ज्यादा हमे बार चार्ट अधिक संकेत देता है । बार चार्ट कि फोटो नीचे दि गयी है ।

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3 ) Candlestick Chart ( केनडेलस्टिक चार्ट ) : यह चार्ट शेयर मार्केट में सबसे ज्यादा इस्तमाल किया जाणे वाला चार्ट है । इस का संशोधन जपान में हुआ है । यह चार्ट हर ट्रेडर कि पेहली पसदं है क्यू कि इस से शेयर मार्केट के उतार चढाव को समझने में काफी आसनी होती है । शेयर कि किंमत का भी उतार चढाव हर एक टाइम फ्रेम में सटिक पता चलता है । इस चार्ट में एक लंबी मोमबत्ती जेसी कॅडेल बनी होती है जिसके उपर के पॉईंट को शेयर का दिन का high का पता चलता है ओर सबसे नीचे पॉईंट से शेयर का low पता चलता है। इसकी मिडल बॉडी से शेयर कि open price ओर close price का भी पता चल जाता है। यह दो कलर कि होती हे एक रेड ओर ग्रीन रेड कॅडेल बीअरीश होती है टेक्निकल एनालिसिस क्या है ओर ग्रीन बुलीश होती है। इस चार्ट के काफी सारे प्रकार है जो कि शेयर के ट्रेंड ओर किंमत के उतार चढाव को दर्शाते है । इसका उपयोग Equity, commodity, currancy में भी किया जाता है। इसकी फोटो नीचे दि गयी है जिससे टेक्निकल एनालिसिस क्या है यह आपको समझने में आसानी होगी ।

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* SUPPORT AND RESISTANCE : support or resistance एक technical analysis का हि हिस्सा है। यह एक पॉईंट लेव्हल होता है ओर मार्केट कि दिशा बदलणे का काम करता है । जिससे हमे बाजार का ट्रेंड पता चलता है ,ओर ट्रेंडिंग करणे आसानी होती है।

1 ) सपोर्ट ( support ) : सपोर्ट उसे बोला जाता है जो हमे नीचे गिरने नहीं देता है। वेसे हि स्टॉक मार्केट में भी शेयर कि price को नीचे नहीं गिरने देता है उसे सपोर्ट कहा जाता है। शेयर मार्केट में जब bearish ट्रेंड चल रहा होता है तब एक निश्चित गिरावट के बाद price एक पॉईंट लेव्हल पर आकर रुक जाती है ओर उससे नीचे नहीं जाती है । ऊस लेव्हल को support कहा जाता है। उस पॉईंट से buyer फिर से activate हो जाते है ओर खरीदारि बड जाती है । ऐसा एक बार हुआ तो उसे मायनर सपोर्ट कहा जाता है । दुसरी बार उसी पॉईंट पर मार्केट उपर गया तो उसे स्ट्रॉंग सपोर्ट कहा जाता है ओर तिसरी बार वह मेजर सपोर्ट बन जाता है जो कि आसनी से तूटता नहीं है।

2) रेसिस्टन्स ( Resistance ): यह सपोर्ट के बिलकुल उलटा होता है जेसें शेयर कि price में बडोतरी हो रही है ओर एक limit के बाद वहा से price फिर से गिरणा सुरू हो जाती है उस point को resistance कहा जाता है । यह कंडिशन आपको बुलीश ट्रेंड में दिखाई देती है । एक निश्चित पॉईंट के उपर price नहीं जाती है उसी को रेसिस्टन्स कहा जाता है । ऐसा अगर एक बार होता है तो उसे minor resistance माना जाता है । दुसरी बार उसी पॉईंट से price नीचे आयी तो उसे strong resistance कहा जाता है ओर तिसरी बार वह मेजर resistance बन जाता है जो आसानी से नहीं तूट पाता है ।

* INDICATORS ( इंडिकेटर्स) : इंडिकेटर्स Technical Analysis का हि एक पार्ट है जो के चार्ट पॅटर्न ओर Candlesticks पॅटर्न को दिशा देणे में important भूमिका निभाता है । stock market में कही सारे indicators होते है जो हमे ट्रेडिंग करणे में काम आते है । indicators के भी 2 प्रकार होते है । leading indicators और lagging टेक्निकल एनालिसिस क्या है indicators वेसे तो बाजार में सेकडो indicators है लेकिन इन सब इंडिकेटर्स को सिखने कि जरूरत नहीं है, क्यू कि सभी indicators अलग अलग अलग स्टॉक पर अलग अलग singnal देते है । इस से आप confuse हो सकते हो । इसलीये आपको वही इंडिकेटर को सिखना है जो कि सही तरिके से काम करते है ओर ट्रेडिंग करणे में आपको सहायता कर सकते है । कोई भी indicator 100% सटिकता नहीं देता है । ऐसा अगर होता तो सभी trader एक हि इंडिकेटर को use करते । share market में इंडिकेटर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है । कोई भी दो तीन इंडिकेटर को आप अगर अच्छे से सिख लेते हो तो आप शेयर मार्केट से अच्छा मूनाफा कमा सकते हो । कुछ important इंडिकेटर जो आपको सिखने हि चाहीए उसमे नाम आता है.

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3. Bolinger band

4. super trend

5. moving average

6 . stochastic Oscillator

यह सारे महत्वपूर्ण इंडिकेटर्स है टेक्निकल एनालिसिस क्या है जो आपको ट्रेडिंग करणे में हेल्प कर सकते है ।

Technical Analysis

शेयर मार्केट में टेक्निकल एनालिसिस क्या है ?

टेक्निकल एनालिसिस

टेक्निकल एनालिसिस ऐतिहासिक बाजार डेटा का अध्ययन है, जिसमें मूल्य और मात्रा शामिल है। बाजार मनोविज्ञान, व्यवहार अर्थशास्त्र …

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Technical Analysis क्या है Short-Term Trading कैसे करे ?

शेयर बाजार में ट्रेडिंग शुरू करने से पहले अगर हमने अगर सबसे ज़्यादा किसी वस्तु के बारे में सुना है तो वो Technical Analysis है। Technical Analysis की शुरुआत शेयर बाजार से पहले ही हो चुकी थी। सामान्यत Technical Analysis टेक्निकल एनालिसिस क्या है का उपयोग Intra-Day Trading और Short-term Trading के ज़्यादा किया जाता है।

Technical Analysis क्या है

Technical Analysis में हमे किसी शेयर के प्राइस एक्शन , वॉल्यूम , डेलिवरी डाटा को देख़ते है और एक निष्कर्ष निकालते है की शेयर का भाव ऊपर जाएगा या नीचे जायगा। Technical Analysis में हम विभ्भिन इंडिकेटर्स की सहायता से एक शेयर में हो रही गतिविधियों को समझते है।

फंडामेंटल बनाम टेक्निकल एनालिसिस

Technical Analysis में ऐतिहासिक आंकड़ों को मध्यनज़र रखते हुए किसी शेयर पर निष्कर्ष निकालते निकाला जाता है। जबकि Fundamental Analysis में कमपनी के वयवसाय , बिज़नेस मॉडल , फाइनेंसियल स्टेटमेंट , मैनजमेंट आदि को देख कर निवेश किया जाता है। Technical Analysis में शेयर के प्राइस एक्शन , वॉल्यूम टेक्निकल एनालिसिस क्या है के बेसिक्स पर शेयर के ट्रेंड का पता लगाया जाता है ताकि शार्ट-टर्म में ट्रेडिंग की जा सके।

तकनीकी विश्लेषक का टूलबॉक्स - TECHNICAL ANALYST'S TOOLBOX

Charts

Charts Technical Analysis का सबसे महवपूर्ण टूल है जिसकी सहायता से किसी शेयर के प्राइस को अलग अलग समय पर देखा जा सकता है। चार्ट्स की सहायता से शेयर के ओपन हाई लौ क्लोज का भी आसानी से पता चलता है।

1. Line Chart : जैसा की नाम से हमे पता चल रहा है की Line Chart हमे किसी भी शेयर के प्राइस को लाइन्स के माध्यम से प्रदर्शित करता है। Line Chart चार्ट्स का सबसे बेसिस चार्ट है। इसमें शेयर के ओपन , हाई , लौ ,क्लोज का पता लगाना थोड़ा मुश्किल है।

2. candlestick chart : Candlestick chart Technical Analysis में सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला चार्ट है। Candlestick chart में किसी भी शेयर शेयर के भाव को शेयर के OPEN , HIGH, LOW , CLOSE के साथ आसानी से देखा जा सकता है। इसका उपयोग किसी टाइम फ्रेम में शेयर को देखने के लिए किया जाता है। Candlestick टेक्निकल एनालिसिस क्या है chart में दो तरह की कैंडल्स होती है ग्रीन और रेड। ग्रीन कैंडल बुलिश का और रेड कैंडल बेयरिश का प्रतीक है

3. Bar chart : Bar Chart में भी सामान्यत Candlestick chart की तरह ही किसी भी शेयर शेयर के भाव को शेयर के OPEN , HIGH, LOW , CLOSE के साथ आसानी से देखा जा सकता है। इसका भी उपयोग किसी टाइम फ्रेम में शेयर को देखने के लिए किया जाता है। Bar Chart में बस शेयर के प्राइस और ओपन हाई लौ क्लोज को बार के रूप में दर्शाया जाता है

4. Point and figure chart : Point and figure chart एक Old Chart Technique है इस तकनीक को Hoyle नामक एक लेखक ने 1898 में अपनी पुस्तक में इंट्रोडूसे किया था इसमें जीरो और क्रॉस दो तरह के फिगर होते है। जीरो को रेड यानि बेयरिश और क्रॉस को ग्रीन यानि बुलिश के रूप में दर्शाया जाता है

टेक्निकल एनालिसिस किस तरह होता है

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