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इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने

स्टॉक्स को कितने समय तक होल्ड करना चाहिए?

शेयर बाजार जिस तरह से काम करता है और स्टॉक खरीदने और बेचने की पूरी प्रक्रिया अपने भविष्य के जैसी unpredictable है. शेयरों और उनके द्वारा होने वाले उतार-चढ़ाव को समय देना लगभग असंभव है. शेयर बाजार में लिस्टेड हर एक शेयर की अपना कार्य (functions) और अस्थिरता (Volatility) होती हैं. इसलिए, यह जानना आसान नहीं है कि किसी व्यक्ति को कितने कम समय के लिए स्टॉकस को अपने पास रखना चाहिए. निवेशक या ट्रेडर्स जो भी स्टॉक में निवेश करता है या सिर्फ ट्रेडिंग के लिए उसको पसंद करता है, वह अगले दिन अपने प्रॉफिट को बढ़ा सकता है या आपको बस नुकसान पहुचाकर बाहर निकल सकता है. यही कारण है कि आपको इस बारे में कुछ जानकारी होनी चाहिए कि आपको अपने चुने हुए स्टॉक्स को कितने समय तक होल्ड करना चाहिए.

आपके निवेश का पूरा होराईजन पूरी तरह से आपके शेयरों के लिए किए गए निर्णयों और वर्तमान समय में बाजार की स्थिति पर निर्भर करता है. हालांकि, अगर आपको लगता है कि आप कम समय अवधि के निवेश में चीजों को इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने सेटल कर सकते हैं तो जाहिर है कि आप आगे बढ़ सकते हैं.

अपने पास स्टॉक्स को कितने समय तक होल्ड करना चाहिए?

हर दूसरे निर्णय की तरह जो आप एक अच्छे स्टॉक चुनने से लेकर समय सीमा तय करने तक अपने ट्रेडिंग और निवेश समय अवधि में करेंगे, जिसके लिए आप स्टॉक को अपने पास कब तक रखना चाहते हैं, यह सब आप पर निर्भर करता है. यह सब आपकी निवेश की रणनीतियों और आपके आगे की योजनाओं पर निर्भर करता है जो आप अपने दिमाग में रखे हुए हैं. हालांकि, जहां तक ​​विशेषज्ञों और कुछ बड़े निवेशकों के साथ चर्चा की बात है, तो उनका कहना है कि एक फंडामेंटल ट्रेडर के लिए लंबी समय अवधि का निवेश ज्यादा प्रोफिटेबल और फायदेमंद साबित हो सकता है.

शेयर बाजार में लंबी समय अवधि का मतलब है कि कुछ महीनों या शायद कुछ वर्षों के लिए स्टॉक को अपने पास होल्ड करके रखना. यह भी कहा जाता है कि कम समय के लिए स्टॉक रखना एक सट्टे जैसा होता है और उसे निवेश नहीं कहा जा सकता है जो आगे जाके आपके पैसे खोने के जोखिम और चांस को बढ़ाता है.

आखिर में, बाजार की रणनीति और आपके द्वारा दी जाने वाली फिलोसोफी और आपके शेयरों की समय सीमा ऐसी चीजें हैं जो आपके लाभ और नुकसान को तय करेंगी. यदि आप उस प्रकार के निवेशक हैं जो खरीदने और रखने वालों में से हैं और आप लंबी समय अवधि तक उसपे टिके रहते हैं तो आपके लिए बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.

बाजार में होते कम समय के उतार-चढ़ाव बहुत सामान्य है और इससे सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि जब निवेशक नुकसान देखना शुरू करते हैं तो कई बार वह डर जाते हैं और वह मार्केट से बाहर निकाल जाते हैं. यहीं से वे ईमोस्नली सोचना शुरू कर देते हैं और ईमोसन में निर्णय लेते हैं जो उन्हें लंबे समय तक लाभ कमाने की रणनीति में नुकसान पहुंचाते हैं. जब आप अपनी भावनाओं को अपने रास्ते में आने देते हैं इसे मार्केट सेंटिमेंट का शिकार होना कहा जाता है

सामान्य तौर पर और कभी-कभी वास्तव में निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए यह बेहतर होता है कि वे लंबी समय अवधि के लिए स्टॉक को अपने पास होल्ड करके रखें. ऐसा समय भी आता हैं जब बाजार बहुत बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है और आपके निवेश का स्तर अनुमानित राशि बहुत ही नीचे गिर जाता है. हालांकि, ऐसे समय में, आपको यह विश्वास होना चाहिए कि अंत में बाजार की स्थिती ठीक हो जाएगी और आपका निवेश भी ऐसा ही रहेगा.

लंबे समय के लिए स्टॉक को होल्ड करने के फायदे

अब तक, हमने इस बातो को स्पष्ट और स्थापित किया है कि स्टॉक को शॉर्ट टर्म के लिए होल्ड करने के बजाय लंबी समय अवधि के लिए होल्ड करना एक अच्छा निर्णय है. इसलिए, आइए कुछ अन्य लाभों के बारे में संक्षेप में बात करें जो आपके द्वारा लंबी समय अवधि के लिए स्टॉक को होल्ड करने पर मिलते हैं.

लंबी समय के निवेश लगभग हमेशा आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने ज्यादा गेन और लाभ देते हैं और जब निवेशक लम्बे समय तक निवेशित रहने की कोशिश करते हैं और अपने निवेश को उसी के अनुसार समय देते हैं तो वे बाजार से अच्छा प्रदर्शन करते हैं.

दूसरीबात, लंबी समय अवधि के लिए स्टॉक होल्ड करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह कम खर्चीला होता है. इसका मतलब है कि जब आप लंबे समय के लिए अपने पोर्टफोलियो में स्टॉक रखते हैं, तो यह ज्यादा लागत प्रभावी (cost-effective) हो जाता है क्योंकि आप स्टॉक को जितने ज्यादा समय तक अपने पास रखते इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने हैं, आपको उतना ही कम फीस देनी पड़ती है.

इसमें चक्रवृद्धि ब्याज होता है जिसकी गणना आपके स्टिक पोर्टफोलियो की प्रिंसपल बेलेंस राशि पर की जाती है. इसलिए, आपके पोर्टफोलियो में जमा होने वाला कोई भी डिविडेंड या ब्याज समय के साथ यौगिक (accumulated) हो जाता है जो बदले में आपके खाते में जमा राशि को बढ़ाता जाता है जिसका असर आप लम्बे समय के बाद देख सकते है.

जिन सिक्यूरीटी को लंबी समय अवधि के लिए या एक वर्ष से अधिक के समय के लिए होल्ड करते है, उस के संचित लाभ (gains accumulated) पर अधिकतम 20% टेक्स लगता है. जबकि शॉर्ट टर्म हैंडल और होल्डिंग्स में होने वाले लाभ को अपने निवेश पर टैक्स का लगभग 37% टेक्स चुकाना पड़ता है.

आपको स्टॉक कब बेचना चाहिए?

जब बाजार की स्थिति सामान्य होती है और एक अप्राप्त इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने लाभ की तुलना में बहुत ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं हो रहा है और लगभग 20% -25% का लाभ अच्छा प्रतिशत होगा, इसे कमाई करने वाला दांव कहा जा सकता है.

हालांकि, अगर आप स्टॉक की स्थिति को देखते हुए सोचते हैं कि यह अभी तक अपनी पूरी क्षमता तक नहीं पहुंचा है, तो आप हर तरह से स्टॉक को अपने पास रख सकते हैं और समय के साथ यदि आपके निर्णय बदल गए हैं और आपको लगता है कि यह एक निश्चित कीमत के बाद नीचे की ओर जाएगा और आपकी राय में अच्छी तरह से संरेखित (aligning) नहीं हो रही है, तो आप केवल उस स्टॉक को बेचने और प्रॉफिट को लेने का निर्णय ले सकते हैं.

निष्कर्ष

हमें उम्मीद है कि अब तक आप समझ गए होंगे कि जिन शेयरस को लम्बे समय तक होल्ड करके रखते हैं वे स्टॉक शॉर्ट टर्म के लिए किए गए निवेश से बेहतर होते हैं. हालांकि, यह सब बाजार की स्थिति और विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझावों पर भी निर्भर करता है, और यह भी कि आप कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं.

यदि कोई एसा समय आता इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने है जब आपके द्वारा पसंद किए गए स्टॉक पर और अपनी राय पर सवाल उठाना शुरू करते हैं या आप अपने निवेश के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं, तो यह ठीक होगा कि आप उन्हें बेच दें और वहा से बाहर निकल जाएं. आप जिस रणनीति का उपयोग करते हैं और सोचते हैं कि लंबे समय के लिए कोनसा बेहतर है, वही लागू होनी चाहिए.

इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाए?

दोस्तों Intraday trading में पैसे लगाने से पहले आपको मार्केट में चल रहे ट्रेंडस और खबरों के बारे में जानकारी होनी चाहिए क्योंकि एक गलत खबर आपका पूरे पैसौ का नुकसान करवा सकती हैइसके लिए आपको मार्केट में चल रहे ट्रेंड्स का एनालिसिस और अच्छी स्टडी करनी जिसके लिए आप किसी टूल्स का भी उपयोग कर सकते हैं। मार्केट ट्रेंड का एनालिसिस करने के लिए कई सारे टूल्स मार्केट में उपलब्ध है। ट्रेंड्स का एनालिसिस करने के बाद आप सही समय पर सही स्टॉक में अपना पैसा इंट्राडे ट्रेडिंग में लगा सकते हैं।

2.अपने लक्ष्य को निर्धारित करें

कई बार आपने देखा होगा की कई लोग अपनी दिनचर्या को सरल बनाने के लिए एक सूची तैयार करते है। उस सूची की मदद से वह दिन के ख़त्म होने तक अपने सारे काम आसानी से पूरा कर लेते है और कही न कही अपने जीवन के लक्ष्य को भी पूरा करने में सक्षम होते है।इसी तरह से एक ट्रेडर के लिए भी काफी ज़रूरी है कि वह एक लक्ष्य के साथ इंट्राडे ट्रेड में आए इस तरह से वह कई चीज़े जैसे किस तरह के स्टॉक्स का चयन करना है, कितने पैसो से ट्रेड करना है जैसे पेहलूओं की समझ के साथ ट्रेड करने से आप ट्रेडिंग में सफलता प्राप्त कर सकते है

3. 2 मिनट में आप राजा और रंक हो सकते हैं

Intraday trading से कभी-कभी तो मिनटों में भी शेयर ट्रेडिंग करके पैसे कमा लेते हैं। जैसे कि आपने अभी किसी शेयर में पोजीशन ली और पांच-दस मिनट में उसका प्राइस बढ़ गया और आपने प्रॉफिट बुक कर लिया। इस तरह आप शेयर मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करके मिनटों में प्रॉफिट कमा सकते हैं।

4. नियम

कभी-कभी अकेले भटकने से बेहतर झुंड के साथ चलना बेहतर होता है. हमें सामान्य मार्किट में या फिर उस shares को सर्च करे, जिन्होंने ट्रेडर्स को अच्छा मुनाफा दिया है. जब भी शेयर बाजार में तेज से गिराबट आती है तब ट्रेडर्स को उन शेयर को तलाश करनी चाहिए जिनकी कीमत गिरती है, जब वह गिरते है तो आपके विश्लेषण के मुताबिक उनकी कीमत बढेगी

5.इंट्राडे स्टॉक चुने

इंट्राडे स्टॉक चुनने का विकल्प इंट्राडे के अनुभव के स्तर, ट्रेडिंग की शैली, उपलब्ध पूंजी की मात्रा, ट्रेडर की जोखिम लेने की शक्ति , बाजार की स्थिति आदि सहित कई कारकों पर निर्भर करता है। यह ट्रेडर की ट्रेडिंग योजना का एक हिस्सा है, हालांकि, प्रक्रिया गतिशील है और समय-समय पर विकसित होती रहती है क्योंकि ट्रेडर अपने अनुभवों से सीखता रहता हैं और अपनी ताकत और कमजोरियों को समझता हैं

क्योकि शेयर मार्केट जोखिमों के अधीन है

naidisha.tech यहाँ दी गई किसी भी जानकारी की वजह से हुऐ किसी भी नुकसान के लिए इस ब्लॉग के लेखक व ब्लॉग जिम्मेदार नही होंगे। Nai Disha लेखक इस ब्लॉग में किसी भी पूर्व सुचना के कोई भी बदलाव करने के लिए पूर्णतः स्वतंत्र है

खोलना चाहते हैं डीमैट अकाउंट, आइए हम बताते हैं कैसे चुने नए युग का डिस्काउंट ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म

ट्रे़डिंग पोर्टल पर इजी-टू-यूज इंटरफेस से नए निवेशकों को आसानी से सौदे डालने की सुविधा होती है। नए जमाने के डिजिटल टेक्नोलॉजी पर आधारित डिस्काउंट ब्रोकरेज हाउस इजी-टू-यूज इंटरफेज पर फोकस करते हैं

सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने नवंबर में इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में बोलते हुए बताया था कि वर्तमान वित्त वर्ष में हर महीने करीब 26 लाख डीमैट अकाउंट खोले गए हैं जबकि 2019-20 में हर महीने करीब 4 लाख डीमैट अकाउंट खोले गए थे।

कोविड-19 महामारी की पहली लहर के दौरान तमाम नई पीढ़ी के निवेशक इक्विटी बाजार में किस्मत आजमाते दिखे हैं। सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने नवंबर में इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में बोलते हुए बताया था कि वर्तमान वित्त वर्ष में हर महीने करीब 26 लाख डीमैट अकाउंट खोले गए हैं जबकि 2019-20 में हर महीने करीब 4 लाख डीमैट अकाउंट खोले गए थे।

कम उम्र में निवेश की शुरुआत बहुत अच्छी बात है लेकिन इसके साथ ही इस बात की भी बहुत अहमियत होती है कि आप कहां निवेश कर रहे हैं और किसके जरिए निवेश कर रहे हैं। इस समय बाजार में कई पुरानी और नई पीढ़ी के ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध है जिसमें Zerodha, Upstox, Groww, FYERS और Paytm Money जैसे नाम शामिल हैं। सही ब्रोकर का चुनाव इक्विटी इन्वेस्टमेंट में काफी अहमियत रखता है। इसको ध्यान में रखते हुए यहां हम आपको कुछ ऐसी गाइडलाइन दे रहे हैं जिसके जरिए आप डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सही ब्रोकरेज फर्म का चुनाव कर सकते हैं।

ट्रेडिशनल बनाम डिस्काउंट ब्रोकरेज

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बता दें कि ट्रेडिशनल ब्रोकरेज फर्म अपने ग्राहकों को रेगुलर ट्रेडिंग टिप्स देते हैं। उनका बिजनेस मॉडल इस सोच पर आधारित होता है कि अधिकांश लोगों को इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए ट्रेडिंग आइडियाज की इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने जरुरत होती है जबकि डिस्काउंट ब्रोकरेज एक फिनटेक प्लेटफॉर्म होते हैं जो स्टैंडर्डाइज्ड एक्सीक्यूशन सेवाएं उपलब्ध कराते हैं लेकिन परंपरागत ब्रोकिंग फंडो की तरह अपने ग्राहको को कोई ट्रेडिंग टिप्स नहीं देते।

FYERS के Tejas Khoday का कहना है कि डिस्काउंट ब्रोकरेज भारत में उस तेजी से बढ़ते ट्रेडिंग कम्यूनिटी को अपनी सेवाएं देते हैं जो सेल्फ एजूकेटेड होते हैं और जो स्वतंत्र रुप से अपने निर्णय लेते हैं।

एक fintech consultant पारिजात गर्ग का कहना है कि अगर कोई निवेशक अपने निवेश के लिए इंस्टीट्यूशनल रिसर्च एडवाइस, ऑर्डर के लिए डेस्क सपोर्ट, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस और मार्जिन आधारित ट्रेडिंग की मांग करता है तो उसको फुल ब्रोकरेज हाउसों में अपना डीमैट अकाउंट खुलवाना चाहिए।

जानकारों का कहना है कि डिस्काउंट ब्रोकरेज हाउसों का कारोबार पारदर्शी होता है और इनका फीस स्ट्रक्चर उनकी वेबसाइट पर दिया होता है। वे लगभग 20 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन के आधार पर अपनी फीस लेते हैं। इसके लिए ट्रेड वैल्यू की सीमा नहीं होती है। इससे ट्रेडरों और इन्वेस्टरों को लगभग 95-98 फीसदी की बचत हासिल होती है। ऐसे में जो लोग भारी मात्रा में इंट्राडे और पोजिशनल ट्रेडिंग करते हैं उनकी ब्रोकरेज फीस में काफी कटौती होती है।

इसके विपरीत ट्रेडिशनल ब्रोकरों का फीस स्ट्रक्चर एक क्लाइंट से दूसरे क्लाइंट के लिए अलग-अलग होता है और यह वॉल्यूम पर भी निर्भर करता है। कभी -कभी परंपरागत ब्रोकरेज फर्म अपने पुराने ग्राहकों की फीस कम कर देते हैं। इसके अलावा कुछ परंपरागत ब्रोकर फर्म मोलभाव को भी मंजूरी देते हैं। परंपरागत ब्रोकर फर्मों की फीस ट्रांजैक्शन वैल्यू के 0.3-0.5 फीसदी तक हो सकती है।

FYERS के तेजस खोडे (Tejas Khoday) का कहना है कि ब्रोकर का चुनाव करते हुए आपको उसके फाउंडर की विश्वनीयता को ध्यान में रखना चाहिए। अगर ब्रोकरेज फर्म की मैनेजमेंट टीम मजबूत, अनुभवशाली, ईमानदार और विश्वनीय है तो वह आपके लिए बेहतर साबित हो सकते हैं।

इसके अलावा ट्रे़डिंग पोर्टल पर इजी-टू-यूज इंटरफेस से नए निवेशकों को आसानी से सौदे डालने की सुविधा होती है। नए जमाने के डिजिटल टेक्नोलॉजी पर आधारित डिस्काउंट ब्रोकरेज हाउस इजी-टू-यूज इंटरफेज पर फोकस करते हैं जिससे की नए निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। इसके साथ ही ब्रोकरेज फर्म का चुनाव करते समय वैल्यू एडेड सर्विसेस को भी ध्यान में रखें। इस तरह की सर्विसेज में कैपिटल गेन रिपोर्ट, इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने ट्रेड कन्फर्मेशन की रिपोर्ट, दूसरे तरह के टूल और कैल्क्यूलेटर शामिल होते हैं।

PrimeInvestor.in. के Srikanth Meenakshi का कहना है कि कुछ डिस्काउंट ब्रोकर डोमेस्टिक और इंटरनेशनल स्टॉक मार्केट में निवेश की सुविधा देते हैं। इस तरह की वैल्यू एडेड सेवाएं उस समय काम की होती है जब कोई निवेशक विदेशी शेयरों में निवेश करना चाहता है। इसके अलावा डिस्काउंट ब्रोकर्स आपको हाई क्वालिटी रिसर्च रिपोर्ट भी उपलब्ध कराते हैं जो इनडिपेंडेंट रिसर्च संगठनों द्वारा जारी किए जाते हैं। उदाहरण के लिए FYERS ने इक्विटी रिसर्च रिपोर्ट के लिए William O'Neil के साथ करार कर रखा है जिसकी सुविधा अतरिक्त भुगतान करके ली जा सकती है। कई डिस्काउंट ब्रोकर ब्लॉग, वीडियो और पॉडकास्ट के जरिए आपको तमाम जानकारी उपलब्ध कराते हैं।

जानकारों को सलाह है कि अगर आप किसी डिस्काउंट ब्रोकर फर्म के जरिए निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए उन लोगों से बात करें जो इस तरह के ऐप यूज करते हैं। इसके अलावा आप गूगल प्ले स्टोर या एप्पल ऐप स्टोर पर जाकर ऐप की रिव्यू और रेटिंग देखें। उन पर निवेशकों के अपने अनुभव पढ़ें और उसके आधार पर अच्छे स्टॉक रेटिंग वाले ऐप का चुनाव करें। इसके अलावा सोशल मीडिया पर जाकर भी डिस्काउंट ब्रोकर से संबंधित शिकायतों, अपडेट आदि के बारे में जानकारी ली जा सकती है।

How to select share for investment?

How to select share for investment? शेयर मार्केट में निवेश के लिए शेयर कैसे चुने ?

यह सवाल उन सभी के मन में आता है जो पहले - पहल शेयर मार्केट में निवेश करने के बारे में सोचते हैं। अगर आपने शेयर मार्किट में उतरने का फैसला कर लिया है तो पहले इस मार्केट के बारे में जानकारी प्राप्त करें।

यह जानकारी आपको इंटरनेट, समाचार पत्र और बिज़नेस न्यूज़ चैनल (ज़ी बिज़नेस और CNBC आवाज़) से मिल जाएगी।

अपने लैपटॉप या मोबाइल पर ट्रेड कैसे करना है ये आपका Demate एकाउंट खोलने वाला ब्रोकर बता देगा। लॉगिन पॉसवर्ड आने के बाद, चेक या नेट बैंकिंग के माध्यम इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने से अपने Demate एकाउंट में पैसा डालना होता है। फिर उसी पैसे से शेयर खरीद कर रखें (होल्ड करें ) या ट्रेडिंग कर सकते हैं।

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शेयर का चुनाव कैसे करें ( How to select share for investment)

1. टिप्स से दूर रहें -

शेयर का चुनाव करने की टिप्स आपको चारो तरफ से मिलेगी, आपका ब्रोकर भी आपको बता देगा कि कौनसा शेयर खरीदें। कुछ टिप्स दोस्तों से भी मिल सकती है इसके अतिरिक्त बिज़नेस चैनल में सुबह से शाम तक शेयर खरीदने की टिप्स दी जाती है आपके पास रिसर्च कंपनियों के फ़ोन आना भी शुरू हो जाएंगे, जो मंथली फीस लेकर आपको कौनसा शेयर खरीदना है ये बताएंगी।

दोस्तों जरा सोचिये अगर किसी को कन्फर्म पता हो कि कौन सा शेयर कितना बढ़ेगा तो क्या वो आपको बताने के लिए बैठा रहेगा? वो खुद इन्वेस्ट करके करोड़पति नहीं बन जायेगा। इसलिए ऐसे टिप्स प्रोवाइडर तथाकथित रिसर्च कंपनियों से दूर रहने की सलाह रहेगी।

2. चार्ट रीडिंग सीखें -

दोस्तों यदि आपकी दूसरों की सलाह पर चलने की आदत पड़ गई तो आप शेयर मार्केट में कुछ भी नहीं सीख पाएंगे इसलिए बेहतर ये होगा कि आप कंपनी की परफॉरमेंस को देखें और चार्ट रीडिंग को समझने की कोशिश करें।

इसके लिए moneycontrol.com या investing.com जैसी वेबसाइट सहायक होगी। चार्ट रीडिंग से सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल पता करके सपोर्ट के पास शेयर खरीदें और रेजिस्टेंस पास निकल जाएँ।

3. फाइनल डिसीजन स्वयं लें -

यदि दूसरों की सलाह जिनमें बिज़नेस चैनल भी शामिल हैं, पर लिए गए शेयर में आपका नुकसान होता है तो आपका ही कैपिटल टूटेगा, धन की हानि होगी और आगे काम करने का उत्साह ठंडा पड़ जायेगा।

किसी दूसरे व्यक्ति की एनालिसिस और उसकी इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने मंशा क्या है ये आपको पता नहीं होता। चैनल में आने वाले व्यक्ति सिर्फ टिप्स देने का काम करते हैं, इन्वेस्ट शायद ही कभी करते हैं। इसलिए बेहतर होगा शेयर का चुनाव स्वयं करने की आदत डालें।

4. अच्छे फंडामेंटल वाले शेयर चुनें -

शेयर का चुनाव निवेश के लिए करना अलग है और ट्रेडिंग लिए अलग. निवेश के लिए फंडामेंटल बहुत महत्वपूर्ण होता है पर ट्रेडिंग के लिए उसका उतना महत्व नहीं होता।

निवेश के लिए शेयर खरीदते समय आपको कंपनी की मजबूत बैलेंस शीट, कंपनी का परफॉर्मेंस उसकी कैपिटल, प्रॉफिट आदि का ध्यान रखना होता है।
जबकि ट्रेडर को इन बातों से फर्क नहीं पड़ता, उसे सुबह खरीदकर मार्किट बंद होने तक उस शेयर को बेचकर अपना मुनाफा बुक करना लक्ष्य होता है। ट्रेडिंग के लिए शेयर खरीदने और बेचने की बात हम आने वाली पोस्ट में करेंगे।

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5. निफ़्टी 50 के शेयर चुनें - -

शेयर लेने के लिये अपने कंप्यूटर या मोबाइल के ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर निफ़्टी 50 ओपन करें वहां आपको भारत की टॉप कंपनियों के शेयर रेट की लिस्ट दिखेगी। इसी लिस्ट में से आपको चुनाव करना है इन 50 में से चार- पांच कंपनियों का चुनाव करें फिर उनकी थोड़ी जानकारी इंटरनेट से निकालें।

6. शेयर का ट्रेंड देखें -

कुछ शेयर, सेंसेक्स या निफ़्टी के बुल रन (आगे जाने) के बाद भी नहीं बढ़ते, ऐसे शेयर्स से दूर रहें। जिन कंपनियों का शेयर खरीदना चाहते हैं, पिछले 6 से 12 महीने में उनके शेयर का ट्रेंड क्या रहा है- ऊपर की तरफ या नीचे की तरफ ये देखें।

डाउन ट्रेंड वाले shares से बचें, हो सकता है वहाँ कोई बड़ी प्रॉब्लम कम्पनी में हो। कंपनी का चुनाव करते समय उसकी वर्तमान परफॉर्मेंस के साथ भविष्य में उस सेक्टर की क्या स्थिति होगी इसका भी विचार करें।

7. पेनी स्टॉक से बचें --

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8. पूरी रकम एक साथ न लगाएं - -

इन्वेस्टमेंट की शुरुआत में अपनी कुल पूंजी का एक तिहाई हिस्सा ही लगाएं क्योंकि यदि अगर आपने पूरा पैसा लगा दिया और उस शेयर में या मार्केट में तेज गिरावट आ गई तो आपको लंबा नुकसान हो सकता है इससे बचने के लिए थोड़ा थोड़ा पैसा 2 -3 बार में लगाएं।
जब हम शेयर खरीदते हैं तो हमारी सोच होती है, अब ये शेयर ऊपर ही जाएगा परंतु वैसा होना जरूरी नहीं है। किसी एक शेयर में रकम लगाने से रिस्क बहुत बढ़ जाता है। परन्तु बहुत अधिक shares में इन्वेस्टमेंट करने से उन्हें वाच करना नए इन्वेस्टर के लिए मुश्किल होगा। इसलिए 4 या 5 कंपनियों का चयन कर सकते हैं।

9. थोड़ी गिरावट से परेशान न हों -

शेयर मार्केट कभी भी लगातार एक दिशा में नहीं जाता, उसमे गिरावट भी आती है। थोड़ी गिरावट से परेशान ना हों। अपने मुनाफे के साथ अपना स्टॉप लॉस सोच कर रखें।

शेयर का रेट आप की सोची हुयी हानि या लाभ के स्तर पर आये तो सौदा काट दे, विशेषकर हानि होने की दशा में यह सोच कर ना रूके कि आगे चलकर रेट बढ़ेगा।
सभी शेयर, बाजार की दिशा के अनुसार नहीं बढ़ते। इसलिए आपके सभी शेयर अच्छा परफॉर्म करेंगे ऐसा न सोचें। शेयर के गिरने की कारणों पर विचार करें तो कई कारण हो सकते हैं इसलिए stop-loss के करीब शेयर का रेट आने पर उससे निकल जाएँ।

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10. वोलैटिलिटी के लिए तैयार रहें -

शेयर बाजार एक ऐसा स्थान है जहां कभी भी कुछ भी हो सकता है। इसलिए अपने आप को मानसिक रूप से तैयार रखें बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयर भी कुछ दिनों या 1 दिन में 30 से 40 परसेंट तक गिर जाते हैं या बढ़ जाते हैं। पर ऐसा हमेशा नहीं होता। सरकार के द्वारा की गई किसी घोषणा, कंपनी में कोई बड़ा घोटाला, किसी बड़े पदाधिकारी का इस्तीफा आदि के कारण ऐसा हो सकता है।
शेयर मार्केट पर GOD फैक्टर भी अपना प्रभाव डालता है. GOD के G यानि गोल्ड की कीमत, O यानी ऑयल प्राइस में होने वाला उतार-चढ़ाव और D का मतलब डॉलर इंडेक्स में होने वाला उतार-चढ़ाव।इन तीनों फैक्टर का प्रभाव शेयर मार्केट पर दिखाई पड़ता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने

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ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?पूरी जानकारी | Trading in Hindi

  • Post author: ShareMarketIndia
  • Post published: March 8, 2022
  • Post category: शेयर मार्केट
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ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?पूरी जानकारी | Trading in Hindi

आजकल लोग इंटरनेट से पैसे कमाने के अलग अलग तरीके खोजते रहते है। ट्रेडिंग भी एक ऐसा तरीका है जिससे आप हजारों रुपए कमा सकते है। तो आइये जानते है ट्रेडिंग क्या है? कैसे सीखें?

शेयर मार्केट में कम समय में ज्यादा पैसे कमाने के लिए लोग ट्रेडिंग करते है। ट्रेडिंग करके कुछ लोग दिन के हजारों रुपए कमाते है।लेकिन ज्यादातर लोग ट्रेडिंग में पैसे गवांते है या फिर थोडे ही पैसे कमा पाते है। क्युकी वह लोग ट्रेडिंग क्या है(Trading in Hindi),कैसे सीखें?, ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है, इन सबकी जानकारी लिए बिना ही ट्रेडिंग करना शुरू करते है।

इसलिए आपको सबसे पहले ट्रेडिंग क्या है? ये जानना जरूरी है।

Table of Contents

ट्रेडिंग क्या है? | Trading in Hindi

ट्रेडिंग का अर्थ होता है व्यापार। दो व्यक्ति या संस्था के बीच वस्तु और सेवाओं का आदान प्रदान इसी को ट्रेडिंग यानी व्यापार कहते है। बहुत पुराने समय से दुनिया में ट्रेडिंग यानी व्यापार होता आ रहा है। पुराने समय में लोग एक वस्तु के बदले दूसरी इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सबसे अच्छा स्टॉक कैसे चुने वस्तु देते थे। उसके बाद वस्तु के बदले पैसे देने लगे।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का अर्थ होता है शेयर की खरीदी और बिक्री। जैसे कि हम किसी वस्तु की खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाते हैं वैसे ही शेयर मार्केट में कंपनियों के शेयर कि खरीद और बिक्री करके मुनाफा कमाया जाता है।

ट्रेडिंग करने में बहुत जोखिम होता है ऐसा कहा जाता है क्योंकि इसमें यह कोई नहीं जानता कि भविष्य में कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या मूवमेंट आयेगा। अक्सर ऐसा होता कि अगर शेयर से जुड़ी कोई अच्छी न्यूज़ आती है तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देती है। और अगर शेयर से जुड़ी कुछ बुरी न्यूज़ आती है तो शेयर के भाव में गिरावट देखने को मिल सकती है।

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है? | Online Trading in Hindi

इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के मदत से शेयर को खरीदने और बेचने की सुविधा को ऑनलाइन ट्रेडिंग (Online Trading in Hindi) कहा जाता है। शेयर के अलावा आप मच्यूल फंड, करेंसी,कमोडिटी और अन्य वित्तीय सिक्योरिटीज को आप ऑनलाइन खरीद सकते है।

किसी भी ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर के साथ घर बैठे अकाउंट खुलवाकर आप ट्रेडिंग शुरू कर सकते है।

ट्रेडिंग कितने प्रकार की होती है? | Types of Trading in Hindi

ट्रेडिंग के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते है।

इंट्राडे ट्रेडिंग, पोजिशनल,स्विंग ट्रेडिंग। आइए सबसे पहले जानते है इंत्राडे ट्रेडिंग क्या है?

इंट्राडे ट्रेडिंग | Intraday Trading in Hindi

बहुत से लोग शेयर मार्केट में कम समय में मुनाफा कमाना चाहते है। उनके लिए इंट्राडे ट्रेडिंग अच्छा ऑप्शन हो सकता है।

एक ही दिन के अंदर शेयर खरीदकर बेचना इसी को इंट्राडे ट्रेडिंग कहता है।शेयर मार्केट सुबह 9:15 को खुलता है और 3:30 को बंद होता है। उसी समय के बीच में अगर आप शेयर खरीद कर बीच देते है तो उसे इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए आपको शेयर मार्केट के बारे में अच्छी जानकारी होनी चाहिए। अगर आप अच्छे से इंट्राडे ट्रेडिंग सीख गए तो आप दिन के हजारों रुपए कमा सकत है। लेकिन इसमें नुकसान होने की भी पूरी संभावना होती है। इंट्राडे ट्रेडिंग में रहने वाली जोखिमों से अज्ञात होते हुए कई बार ट्रेडर इंट्राडे ट्रेडिंग में भारी नुक्सान कर बैठते है।

मेरी राय ये है कि अगर आप नए है तो आपको इंट्राडे ट्रेडिंग में ज्यादा पैसे नहीं लगाने चाहिए।

पोजिशनल ट्रेडिंग | Positional Trading in Hindi

यदि आप शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना चाहते हैं, लेकिन हर दिन के उतार-चढ़ाव पर नजर नहीं रख सकते हैं, और लंबे समय के लिए भी निवेश नहीं करना चाहते हैं, तो फिर पोजिशनल ट्रेडिंग आपके लिए अच्छा मार्ग हो सकता है।

पोजीशनल ट्रेडिंग में ट्रेडर अपने शेयर इंट्राडे से ज्यादा समय के लिए होल्ड कर सकते।यह समय एक दिन,एक हफ्ता या एक महीना भी हो सकता है।

जबकि पोजीशन ट्रेडिंग सुनने में आसान लग रही होगी लेकिन, इसके लिए अच्छे फंडामेंटल और टेक्निकल रिसर्च की आवश्यकता होती है। साथ ही शेयर मार्केट के बारे में अच्छी और ठोस जानकारी भी जरूरी होती है।

स्विंग ट्रेडिंग | Swing Trading in Hindi

स्विंग ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है पर जहां ट्रेडर शेयर थोड़े समय के लिए शेयर खरीदते हैताकि उससे मुनाफा कमा सकें। यह समय आमतौर पर कुछ दिनों और कई हफ्तों के बीच होता है।

स्विंग ट्रेडर शेयर की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव और गति के रुझानों को जानने के लिए और शेयर खरीदने या बेचने के लिए ट्रेडिंग गतिविधि में एक पैटर्न का विश्लेषण करता है। स्विंग ट्रेडिंग आम तौर पर लार्ज कैप शेयर पे कि जाती है।

स्विंग ट्रेडर्स आमतौर पर स्विंग ट्रेडिंग के लिए शेयर चुनने के लिए तकनीकी विश्लेषण(टेक्निकल एनालिसिस) का उपयोग करते हैं। अगर आपको स्विंग ट्रेडिंग सीखनी है तो आपको टेक्निकल एनालिसिस आना ही चाहिए । स्विंग ट्रेडिंग में भी रिस्क होती है इसलिए बिना समझे पैसे नहीं लगाना चाहिए।

ट्रेडिंग कैसे सीखे | How to Learn Trading in Hindi

आपने ट्रेडिंग क्या है? ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है ये बाते तो जान ली आइए अब जानते जानते है कि ट्रेडिंग कैसे सीखे(How to Learn Trading in Hindi)

यूटयूब एक ऐसा जरिया है जहां से आप ट्रेडिंग सीख सकते है।आपको यूट्यूब के ऊपर बहुत सारे चैनल मिलेंगे जहां से आप फ्री में ट्रेडिंग सीख सकते है। गूगल पर भी ऐसी बहुत वेबसाइट उपलब्ध है जहां से आप ट्रेडिंग के बारे में जानकारी ले सकते है।

ट्रेडिंग सीखनी के लिए आप किसी अच्छी किताब को पढ़ सकते है।दोस्तों अगर आपको किताबे पढ़ना पसंद है तो आप किताब से भी ट्रेडिंग सीख सकते हो।आप ऐसे लोगों की किताब पढ़े जिन्होंने ट्रेडिंग में सफल होकर अच्छा पैसा कमाया है।आपको इंटरनेट पर ट्रेडिंग के ऊपर बहुत सारे ई-बुक भी मिल जाएंगे जिन्हें आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर पर पढ़ सकते है।

दोस्तों आपको शेयर मार्केट के बारे ऑनलाइन और ऑफलाइन बहुत सारे फ्री और पेड कोर्सेस मिल जाएंगे।इन कोर्सेस कि मदद से आप ट्रेडिंग सीख सकते हो।

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