Invesment क्या होता है और इन्वेस्टमेंट कैसे करे

हिंदी योगी
म्युचुअल फंड: म्युचुअल फंड में निवेश कैसे करे-How To Invest In Mutual Fund (in Hindi
Mutual Fund के बारे में - About Mutual Fund
हर व्यक्ति चाहता है की वह जो भी कमाए उसका एक हिस्सा किसी Invesment क्या होता है और इन्वेस्टमेंट कैसे करे ऐसे जगह इन्वेस्ट करे जहाँ उसकी गाढ़ी कमाई का पैसा safe भी रहे और ज्यादा से ज्यादा return भी दें.
पहले के ज़माने में लोगो के पास इन्वेस्टमेंट करने के लिए कुछ गिने-चुने ऑप्शन होते थे जैसे बैंक सेविंग अकाउंट , गोल्ड , प्रॉपर्टी , फिक्स्ड डिपॉज़िट इत्यादि और अच्छी बात यह थी की लोग वहां से खूब पैसे भी कमाते थे परन्तु महंगाई के इस दौर में अब वो इन्वेस्टमेंट भी इतने अच्छे नहीं रहे.
प्रॉपर्टी और गोल्ड भी इतने महंगे हो चुके है की आम आदमी वहां पैसा लगाने की सोंच भी नहीं सकता।
तो ऐसी कौन सी जगह है जहाँ हम कम पैसे लगा कर इन्वेस्टमेंट शुरू कर सकते है और अच्छे return भी कमा सकते है?
तो हम बात कर रहे है mutual fund के बारे में ( about mutual fund ) . जी हां, Mutual Fund आज के समय का सबसे सुरक्षित और ज्यादा return देने वाला इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है.
सभी लोगो को इसके बारे में पता नहीं है और जिन्हे मालूम भी है उन्हें ज्यादा नॉलेज नहीं होने के कारण वह म्युचुअल फंड में इन्वेस्ट नहीं कर पाते और इसलिए वह अपनी गाढ़ी कमाई को पोस्ट ऑफिस , LIC , या फिक्स्ड डिपाजिट में इन्वेस्ट करते है जहाँ उन्हें inflation rate से के बराबर या उससे भी काम return मिलता है.
लेकिन आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, हम आपको अपने इस पोस्ट में mutual fund के बारे में सारी जानकारी देंगे जैसे mutual fund क्या है , mutual fund में इन्वेस्ट कैसे करे , कौन से mutual fund अच्छे है इत्यादि, जिसके बाद आप भी अपने पैसे को mutual fund में इन्वेस्ट कर अच्छा return कमा सकते है.
तो आइये बिना देरी किये शुरू करते है.
Mutual Fund क्या है - What is Mutual Fund
mutual fund एक प्रकार का financial instrument है जहाँ एक फंड मैनेजर आपके द्वारा दिए गए पैसे को अलग-अलग securities में invest करता है जैसे शेयर, बांड, कमर्शियल पेपर, डिबेंचर इत्यादि। यह फंड मैनेजर highly qualified होने के साथ-साथ अपने filled के एक्सपर्ट भी होते है जिन्हे 10-12 साल का experience होता है.
और इसलिए जब भी आप म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते है तो आपको कुछ करने की आवश्यकता नहीं होती। आपको सिर्फ कुछ डॉक्युमेंट के साथ अपना पैसा आपके द्वारा चुने गए म्यूचुअल फंड हाउस को देना होता है और बाकी आगे काम म्यूचुअल फंड हाउस करता है.
म्यूचुअल फंड काम कैसे करता है - How Mutual Fund Work?
जब भी आप किसी mutual fund में पैसा invest करते है तो आपका पैसा उस mutual fund house के पास जाता है. फिर उन पैसे को mutual fund house आपके द्वारा चुने गए म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर को सौंप देता है. और फंड मैनेजर उस mutual fund के अंदर आये सभी investors के रूपये को, उस fund के goal के अनुसार अलग-अलग asset class में इन्वेस्ट कर देता है.
Mutual Fund कितने प्रकार के होते है - Types Of Mutual Fund
म्यूचुअल फंड मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते है :- 1.) Equity Fund 2.) Debt Fund 3.) Hybrid or Balance fund
1.) Equity Fund :- Equity fund वह फंड है जिसमें investors के सभी पैसो को स्टॉक अथवा शेयर (stock or share ) में लगाया जाता है. इस फंड में बाकी फंड के मुकाबले risk or return high होता है. यह fund एक लम्बी अवधि के लिए होता है जिसमें average return 20%-22% तक मिल सकता है.
equity fund को भी 3 category में divide किया जा सकता है 1.) लार्ज कैप म्यूचुअल फंड 2.) मिड कैप म्यूचुअल फंड 3.) स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड
2). Debt Fund :- Debt Fund में investors के पैसों को सबसे सुरक्षित और फिक्स्ड इनकम securities में लगाया जाता है जैसे Govt. Bonds , treasury bills।
इस फंड में मार्किट के उतार चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं। जो investor बिलकुल जोखिम नहीं उठाना चाहते, वो इस फंड में इन्वेस्ट कर सकते है. इस फंड में रेगुलर इनकम आती है परन्तु return भी काम होते है.
3.) Balance Fund : – जैसा की नाम से ही पता चल रहा है की बैलेंस फंड में दो तरह के फंड को बैलेंस किया जाता है.
बैलेंस फंड के अंतर्गत, फंड मैनेजर investors के पैसों को 2 पार्ट में डिवाइड करता है. एक को Equity market में इन्वेस्ट करता है और दूसरे को debt मार्किट में.
फंड का Debt market में इन्वेस्ट होने की वजह से इसमें investors के पैसो का झोखीम equity market के मुकाबले कब हो जाता है. और दूसरी और फंड का एक portion equity market में इन्वेस्ट होने के कारण return भी अच्छा मिलने के चांस होते है
PC में GTA 5 Download KARNE का Tarika (DOWNLOAD GTA 5 in 5 min )
GTA 5 Kaise Download Kare PC me ? GTA 5 Gaming की दुनिया में बहुत पड़ी गेम है जिसे हर कोई खलेना चाहता है और खेलना पसंद करना है जिसे खलेने के लिए लोग पैसे दे कर खेलते है जिसके पास LAPTOP या PC नहीं और जिनके पास है उन्हे नहीं पता की GTA 5 Kaise Download Kare PC me क्युकी यह काम को Download करने के लिए आपको GTA 5 परचेज करना होता है gta 5 download kaise kare
GTA 5 बहुत ही पॉपुलर गेम है जो एक online और offline दोनों तरीको से खेला जा सकता है यह काम 2013 में लोगो के दिन में छा गयी थी और तब से ले कर आज एक यह गेम का पागल पान हर एक गमर में है GTA ROCKSTAR NORTH कंपनी ने बनाया था जो की मोबाइल और pc दोनों में चल सके यह गेम को आप शेयर भी कर सकते हो जिसे यह गेम दूसरे के डिवाइस में भी चल सके GTA की 2013 से बहुत सरे गेम सीरीज आगयी है और आगे भी यह चलती रखेगी (gta 5 kaise download kare) यह भी पढ़े Laptop या PC में NET जल्दी ख़तम हो रहा है LAPTOP में ज्यादा NET USE करना क्या करे
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आज इस पोस्ट मे हम आप बताएंगे कैसे आप अपने घर से अपने मोबाइल से free मे बिना कोई पैसे लगाए हर दिन कमा सकते है 7000 से 8000 रूपये , और अगर आप महीने की बात करे तो हर महीने 3000 $ यानि लगभग 2 लाख से 250000 रूपये कमा सकते है ,
ये एक ऐसा काम है जो कोई भी कर सकता है और अपने free , खाली समय मे भी कर सकते है , तो आइये बताते है क्या काम है
सबसे पहले आप अपने mobile मे canva app download कर लीजिए , इसके बाद आप इस पर thumbnail , poster , visiting cards ,और इसी तरह की अलग अलग design करना सीखिए , जब आप ये अच्छी तरह से सीख गए है तो आपको अगला काम क्या करना है
इसके बाद आपको एक upwork नाम की website पर जाकर अपना अकाउंट बनाना है , इस पर जब आप account बनाने जाएंगे तो आपको 2 option दिखाई देंगे , I want hire और i want to work as a freelancer ,
आपको दूसरे वाले पर क्लिक करना है , अपना अकाउंट का process पूरा करना है ,
इसके बाद आपको अपने mobile से canva की मदद से 8 से 10 बहुत अच्छे अच्छे design के thumbnail , posters , visiting cards और logo आदि बनाकर अपने profile के साथ upload कर देना है , आप जब इस website पर जाएंगे तो आपको यहा पर 20 $ per hour से लेकर 75 $ per hour तक के प्रोफाइल दिखेंगे ,
आपको अपने rate ऐसे रखने है जो न ज्यादा महंगे हो और न ही बहुत सस्ते यानि आप starting मे 25 $ per hour का rate लिखना है , बाद मे धीरे धीरे आप अपना rate बढ़ा ले ,
आप देखंगे कुछ दिन बाद आपको यहाँ पर काम मिलने लगेगा और आप यहाँ से हर दिन का 100 $ तक का काम आराम से कर लेंगे ,
यहाँ पर ज्यादा काम पाने के लिए इस website की premium service buy करनी होती है ,वो आपकी मर्जी होती है की आप करे या न करे
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जबरदस्त रिटर्न के लिए अच्छी और मुनाफा बनाने वाली कंपनी Invesment क्या होता है और इन्वेस्टमेंट कैसे करे की तलाश हर निवेशक को होती है. हो सकता है ऐसे में आपका मन टेस्ला, अमेजन या नेटफ्लिक्स जैसी कंपनी पर आया हो जो भारतीय बाजार नहीं बल्कि US के बाजार में निवेश के लिए मौजूद है. आइए ऐसे में समझते हैं एक भारतीय निवेशक के लिए अमेरिकी बाजार में निवेश से जुड़े विभिन्न पहलुओं को-
अमेरिका में बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पैकेज के ऐलान के बाद S&P 500 इंडेक्स अप्रैल में पहली बार 4,000 का स्तर पार कर गया.
कितना बड़ा है US स्टॉक मार्केट?
अमेरिकी शेयर बाजार दुनिया का सबसे बड़ा इक्विटी मार्केट है. US के दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और नैस्डैक में अमेजन, टेस्ला, माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, इत्यादि विश्व की सबसे बड़ी कंपनियों के शेयर लिस्टेड हैं. अमेरिकी बाजार से जुड़े विभिन्न इंडेक्स जैसे S&P 500 इंडेक्स, डाउ जोंस इंडस्ट्रियल एवरेज और नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्सों का इस्तेमाल निवेशकों की दृष्टि से US और विश्व की अर्थव्यस्था को समझने के लिए किया जाता है. साथ ही दुनिया के दूसरे बाजारों पर भी इनकी दिशा का बड़ा असर होता है. दूसरे देशों की कंपनियां भी विभिन्न वजहों से अपनी लिस्टिंग US बाजार में करवाती है.
निवेश के क्या हो सकते हैं फायदे?
निवेशक हमेशा रिस्क को कम करने के लिए अपने पोर्टफोलियो में विभिन्न सेक्टर और अलग अलग तरह के स्टॉक्स रखना चाहते हैं. इस दृष्टि से किसी भी बाहरी बाजार में निवेश नए विकल्पों को खोल देता है. US बाजार में कई दूसरे देशों की कंपनियों भी खुद को लिस्ट करवाती है.
बीते वर्षों में अमेरिकी बाजार में भारतीय बाजार की तुलना में कम वोलैटिलिटी देखी गई है. काफी बार रिटर्न के मामले में भी US के बाजार का प्रदर्शन भारतीय बाजार से बेहतर रहा है. रुपये के डॉलर की तुलना में कमजोर होने का भी निवेशकों को फायदा मिल सकता है.
स्टार्टअप हब होने के कारण US में अच्छी क्षमता वाली कंपनियों में शुरुआत में निवेश का मौका होता है. इसी तरह भारत या अन्य बाजारों में कई बड़ी कंपनियों की सब्सिडियरी लिस्ट होती है जबकि US बाजार में सीधे निवेश से ज्यादातर ऐसी कंपनियों में आसानी से निवेश कर सकते हैं.
कैसे कर सकते हैं निवेश शुरु?
US बाजार में निवेश के दो रास्ते हैं.
पहला तरीका सीधे निवेश का है. इसमें निवेशक भारतीय बाजार की तरह ही ब्रोकर के साथ रजिस्ट्रेशन कर स्टॉक्स में खरीद बिक्री कर सकता है. आजकल भारतीय ब्रोकरेज कंपनियां भी अमेरिकी ब्रोकरेज हाउस के साथ करार कर निवेशकों को आसान निवेश की सुविधा देती हैं. निवेशक जरूरी पैन कार्ड, घर के पते को सत्यापित करने वाले ID के साथ सीधे अमेरिकी ब्रोकरेज कंपनी के साथ भी बाजार में व्यापार के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.
दूसरा तरीका म्यूचुअल फंड के रास्ते निवेश का हो सकता है. भारत में अनेकों म्यूचुअल फंड US बाजार आधारित फंड चलाते हैं. ऐसे फंड या तो सीधा अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड शेयरों में निवेश करते हैं या ऐसे बाजारों से जुड़े दूसरे म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. इस प्रक्रिया में किसी अलग तरह के रजिस्ट्रेशन और बाजार के गहरी समझ की जरूरत नहीं है.
पैसों के लेनदेन की क्या है प्रक्रिया?
अमेरिकी बाजार में निवेश के लिए भारतीय करेंसी को US डॉलर में बदलना होता है. फॉरेन एक्सचेंज संबंधी गतिविधि होने के कारण यहां RBI के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के नियमों का पालन जरूरी है. नियमों के तहत एक व्यक्ति बिना विशेष अनुमति के एक वित्तीय वर्ष में 2,50,000 डॉलर यानी करीब 1 करोड़ 80 लाख रूपये भारतीय सीमा के बाहर निवेश कर सकता है.
किसी भी बाजार में निवेश से बनाए पैसे पर भारत सरकार टैक्स लगाती है. नियमों के अनुसार अवधि के मुताबिक शार्ट या लांग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स लगाया जा सकता है. हालांकि डिविडेंड पर टैक्स US गवर्नमेंट लगाती है.
निवेश से पहले किन बातों को समझना जरूरी?
US या अन्य विदेशी बाजारों में निवेश से पहले इन्वेस्टमेंट से जुड़े विभिन्न तरह की फीस और चार्ज को समझना काफी जरूरी है. रुपये को डॉलर में कन्वर्ट करने की प्रक्रिया से लेकर म्यूचुअल फंड द्वारा चार्ज की जाने वाली एक्स्ट्रा फीस कमाई पर असर डाल सकती है. ब्रोकरेज कंपनियां भी स्पेशल दरों पर ब्रोकरेज चार्ज करती है. ऐसे में बेहतर है कि शार्ट टर्म के लिए और ज्यादा समझ के बिना निवेश ना करें. लंबे समय के निवेश ज्यादा रिटर्न दिला सकता है. ज्यादा रिस्क से बचने के लिए इंटरनेशनल म्यूचुअल फंड में निवेश बेहतर हो सकता है.
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काम की खबर: नजारा का IPO तो खुला, लेकिन जानिए कैसे करें IPO में निवेश, डीमैट अकाउंट है जरूरी
हमारे देश में बचत के पैसे लगाने यानी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन्ही में से एक है 'इनीशियल पब्लिक ऑफर' यानि IPO। निवेश का ये तरीका आज कल ट्रेंड में है। अगर आप भी IPO में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि IPO क्या होता है? दरअसल, जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर्स छोटे-बड़े निवेशकों के लिए जारी करती है तो उसका जरिया IPO होता है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है।
IPO होता क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले फायदे और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।
कंपनी IPO क्यों जारी करती है?
जब किसी कंपनी को अपना काम बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है तो वह IPO जारी करती है। ये IPO कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास धन की कमी हो वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय IPO से पैसा जुटाना चाहती हैं। शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को बेचकर पैसा जुटाती है। बदले में IPO खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। मतलब जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक होते हैं।
क्या इसमें निवेश करने में रिस्क हो सकता है?
इसमें कंपनी के शेयरों की परफॉर्मेंस के बारे में कोई आंकड़े या जानकारी लोगों के पास नहीं होती है, इसलिए इसे थोड़ा रिस्की तो माना ही जाता है। लेकिन जो व्यक्ति पहली बार शेयर बाजार में निवेश करता है उसके लिए IPO बेहतर विकल्प है।
IPO में निवेश कैसे करें?
अगर आप IPO में इन्वेस्ट करना चाहते है तो उसके लिए आपको डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है। ये अकाउंट एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट और एक्सिस डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है। इसके बाद आपको जिस कंपनी में निवेश करना है उसमें आवेदन करें। निवेश के लिए जरूरी रकम आपके डीमैड एकाउंट से लिंक्ड एकाउंट में होनी चाहिए। निवेश की रकम तब तक आपके एकाउंट से नहीं कटती जब तक आपको शेयर अलॉट नहीं हो जाता।
जब भी कोई कंपनी IPO निकालती है उससे पहले इसका एक समय किया जाता है जो 3-5 दिन का होता है। उसी समय में उस कंपनी का IPO ओपन रहता है। जैसे शेयर मार्केट से हम एक, दो या अपने चुनाव से शेयर खरीदते है यहां ऐसा नहीं होता। यहां आपको कंपनी द्वारा तय किए गए लॉट में शेयर खरीदना होता है। ये शेयर की कीमत के हिसाब से 10, 20, 50, 100, 150, 200 या अधिक भी हो सकता है। वहां आपको 1 शेयर की कीमत भी दिखाई देती है।
IPO की कीमत कैसे तय होती है?
IPO की कीमत दो तरह से तय होती है। इसमें पहला होता है प्राइस बैंड और दूसरा फिक्स्ड प्राइस इश्यू ।
प्राइस बैंड कैसे?
शेयर की कीमत को फेस वैल्यू कहा जाता है। जिन कंपनियों को आईपीओ लाने की इजाजत होती है वे अपने शेयर्स की कीमत तय कर सकती हैं। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सेबी और बैंकों को रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी होती है। कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बुक-रनर के साथ मिलकर प्राइस बैंड तय करता है। भारत में 20% प्राइस बैंड की इजाजत है। इसका मतलब है कि बैंड की अधिकतम सीमा फ्लोर प्राइस से 20% से ज्यादा नहीं हो सकती है। फ्लोर प्राइस वह न्यूनतम कीमत है, जिस पर बोली लगाई जा सकती है। प्राइस बैंड उस दायरे को कहते हैं जिसके अंदर शेयर जारी किए जाते हैं। मान लीजिए प्राइस बैंड 100 से 105 का है और इश्यू बंद होने पर शेयर की कीमत 105 तय होती है तो 105 रुपए को कट ऑफ प्राइस कहा जाता है। अमूमन प्राइस बैंड की ऊपरी कीमत ही कट ऑफ होती है।
आखिरी कीमत
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट अविनाश गोरक्षकर के अनुसार बैंड प्राइस तय होने के बाद निवेशक किसी भी कीमत के लिए बोली लगा सकता है। बोली लगाने वाला कटऑफ बोली भी लगा सकता है। इसका मतलब है कि अंतिम रूप से कोई भी कीमत तय हो, वह उस पर इतने शेयर खरीदेगा। बोली के बाद कंपनी ऐसी कीमत तय करती है, जहां उसे लगता है कि उसके सारे शेयर बिक जाएंगे।
अगर IPO में कंपनी के शेयर नहीं बिकते हैं तो क्या होगा?
अगर कोई कंपनी अपना IPO लाती है और निवेशक शेयर नहीं खरीदता है तो कंपनी अपना IPO वापस ले सकती है। हालांकि कितने प्रतिशत शेयर बिकने चाहिए इसको लेकर कोई अलग नियम नहीं है।
ज्यादा मांग आने पर क्या होगा?
मान लीजिए कोई कंपनी IPO में अपने 100 शेयर लेकर आई है लेकिन 200 शेयरों की मांग आ जाती है तो कंपनी सेबी द्वारा तय फॉर्मूले के हिसाब से शेयर अलॉट होते हैं। कंप्यूटराइज्ड लॉटरी के जरिए आई हुई अर्जियों का चयन होता है। इसके अनुसार जैसे किसी निवेशक ने 10 शेयर मांगे हैं तो उस 5 शेयर भी मिल सकते हैं या किसी निवेशक को शेयर नहीं मिलना भी संभव होता है।