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शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है?

शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है?
जी हा, जवाब ऐसा जरुरी नहीं कि आपके पास जो स्टॉक है, वो Split हो, लेकिन स्टॉक मार्केट में ऐसा अक्सर होता रहता है, और बहुत सारी कंपनी अपने स्टॉक को ऐसे ही डिवाइड और विभाजित करती रहती है,

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स्मॉल कैप कंपनी के शेयरों का होने जा रहा है बंटवारा, दिवाली से पहले है शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? रिकॉर्ड डेट

स्मॉल कैप कंपनी के शेयरों का होने जा रहा है बंटवारा, दिवाली से पहले है रिकॉर्ड डेट

स्टॉक मार्केट में निवेश करने वाले लोगों के लिए एक बड़ा अपडेट आया है। TPL Plastech Limited ने शेयरों के बंटवारे की मंजूरी दे दी है। कंपनी की तरफ से इस स्टॉक स्प्लिट के लिए रिकॉर्ड डेट भी घोषित कर दिया गया है। आइए जानते हैं कब कंपनी ने रिकॉर्ड डेट तय किया है? साथ ही इस साल कंपनी ने शेयर बाजार में कैसा प्रदर्शन किया है।

कब है रिकॉर्ड डेट?

कंपनी की तरफ से स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया गया है कि TPL Plastech Limited लिमिटेड के शेयरों का बंटवार 1 5 में होगा। यानी 1 कंपनी के एक शेयर का बंटवारा 5 शेयरों में किया जाएगा। जिसका मतलब हुआ कि 10 रुपये के फेसवैल्यू वाले शेयर की नई फेस वैल्यू 2 रुपये हो जाएगी। बता दें, कंपनी ने 20 अक्टूबर 2022 की तारीख को रिकॉर्ड डेट तय किया है। यानी 19 अक्टूबर को कंपनी शेयर बाजार एक्स-स्प्लिट हो जाएगी।

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Tesla share price

तीन गुना तक सस्ता हो रहा टेस्ला का शेयर

क्या होता है स्टॉक स्प्लिट

जब किसी कंपनी के शेयर की कीमत काफी अधिक हो जाती है, तो वह एक महंगा शेयर हो जाता है। अधिक महंगा होने के चलते छोटे शेयर ऐसे शेयरों में निवेश नहीं करते हैं। ऐसे में कंपनी अपने शेयरों को छोटे निवेशकों की पहुंच में रखने के लिए शेयर स्प्लिट करने का फैसला लेती है। शेयर स्प्लिट या स्टॉक स्प्लिट से शेयरों की संख्या बढ़ जाती है और शेयर की कीमत घट जाती है। इससे शेयर की कीमत तो कम हो जाती है, लेकिन कंपनी का बाजार पूंजीकरण समान बना रहता है। कंपनियां स्टॉक में लिक्विडिटी को बढ़ाने के लिए शेयर स्प्लिट का फैसला लेती है।

टेस्ला के एक शेयर के हो जाएंगे तीन

टेस्ला के बोर्ड ने 3:1 के अनुपात में स्टॉक स्प्लिट को मंजूरी दी है। अर्थात टेस्ला के मौजूदा शेयरधारकों को एक शेयर के बदले तीन शेयर मिलेंगे। इससे प्रति शेयर कीमत तो घट जाएगी, लेकिन निवेशक का पोर्टफोलियो पहले के समान ही बना रहेगा। शेयर के सस्ता होने से छोटे निवेशक भी आसानी से कंपनी का शेयर खरीद सकेंगे।
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इस तरह लगा सकते हैं पैसा

टेस्ला एक अमेरिकन इलेक्ट्रिक-ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है। यह कंपनी जून 2010 में नैस्डेक स्टॉक एक्सचेंज (Nasdaq Stock Exchange) पर लिस्ट हुई थी। निवेशक घर बैठे अमेरिका के शेयर बाजार में पैसा लगा सकते हैं। लिबरलाइज्ड रेमिटेंड स्कीम (LRS) के तहत ऐसा हो सकता है। एलआरएस के तहत विदेशी शेयर बाजारों, बांड और ईटीएफ आदि में पैसा लगाया जा सकता है। कई सारे बैंक अपने ग्राहकों को यह सुविधा प्रदान करते हैं। इसके जरिए आप ऑनलाइन ही विदेशी शेयर में निवेश कर सकते हैं। एलआरएस के माध्यम से कोई भारतीय निवासी एक वित्त वर्ष में 2.5 लाख डॉलर (करीब 1.88 करोड़ रुपये) निवेश कर सकते हैं।

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वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनी बजाज फिनसर्व (Bajaj Finserv) के शेयर में मंगलवार के कारोबार के दौरान जबरदस्त रैली देखने को मिली. एक समय यह स्टॉक बीएसई (BSE) पर करीब 06 फीसदी की छलांग लगाकर 1846 रुपये तक पहुंच गया था. दरअसल इसका कारण बजाज फिनसर्व के शेयरों के स्प्लिट (Bajaj Finserv Stock Split) और बोनस (Bajaj Finserv Stock Bonus) की तारीख का नजदीक आना है. बजाज फिनसर्व के शेयरों के स्प्लिट और बोनस के लिए 14 सितंबर को रिकॉर्ड डेट तय किया गया है. इससे ठीक एक दिन पहले आज इसी कारण बजाज फिनसर्व के शेयरों की जमकर ट्रेडिंग हुई है.

स्टॉक स्पलिट से कंपनी और निवेशक के फायदे

  1. स्टॉक स्पलिट से कंपनी को सबसे बड़ा फायदा ये होता है, कि कंपनी के शेयर के मार्केट वैल्यू और फेस वैल्यू दोनों में कमी आ जाती है, और जिस से कंपनी के शेयर नए निवेशको के लिए काफी सस्ते लगने लगते है, और आम निवेशक भी आसानी से निवेशक कर सकता है,

निवेशक के पॉइंट ऑफ़ व्यू से फायदा ये होता है कि – पुराने निवेशक के पास कंपनी के शेयर की संख्या ज्यादा हो जाती है, जिसका लाभ उन्हें डिविडेंड के रुप में होता है, और उन्हें ज्यादा लाभ मिलता है,

और साथ ही अब नए निवेशक आसानी से कंपनी के शेयर खरीद सकते है,

  1. स्टॉक स्पलिट से कंपनी को एक और बड़ा फायदा ये होता है कि कंपनी के शेयर के भाव में कमी और शेयर की संख्या ज्यादा हो जाने से कम्पनी के शेयर में लिक्विडिटी की समस्या में कमी आ जाती है,

कंपनी स्टॉक या शेयर क्यों split क्यों करती है?

Stock Split से कंपनी को होने वाले फायदों को समझने के बाद आप आसानी से समझ सकते है कि कंपनी स्टॉक स्पलिट क्यों करती है, स्टॉक स्पलिट करने के पीछे कंपनी ये चाहती है कि –

  • कंपनी के शेयर की मार्केट में अच्छी liquidity हो, और
  • कंपनी के शेयर में आम जनता भी आसानी से निवेश कर सके,

इस पोस्ट से आपको split stock के बारे में समझने में कुछ हेल्प हुआ होगा, आप अपने बिचार को निचे कमेंट में लिख सकते है,

Face Value Meaning In Hindi

शेयर की वास्तविक कीमत होती है जो कि शेयर प्रमाण पत्र पर अंकित रहती है उसे अंकित मूल्य यानी Face Value कहते हैं। यदि अबस कंपनी की कुल शेयर पूँजी दो करोड़ रुपये है और वह दस रुपये प्रति शेयर के बीस लाख शेयर जारी करती है तो दस रुपये अबस कंपनी के शेयर की Face Value यानी अंकित मूल्य होगी. Face Value को पार वैल्यू Par Value या केवल पार भी कहते हैं.

अब यदि अबस कंपनी का शेयर बाजार में सूचिबध होने के बाद मांग बढ़ने के कारण शेयर बाजार में बढ़ कर रुपये 15 हो जाता है तो अब इसे प्रीमियम वैल्यू या अबव पार Above Par कहेंगे. और यदि शेयर की बाजार कीमत घट कर आठ रुपये रह जाती है तो इसे डिस्काउंट वैल्यू या बिलो पार Below Par कहेंगे. दस रुपये के शेयर की कीमत यदि बाजार में भी दस रुपये ही है तो इसे एट पार At Par कहेंगे. इसे भी पढ़ें IPO क्या है।

निवेश से पहले Face Value ज़रूर देखें

अक्सर शेयर खरीदते समय खरीददार शेयर की Face Value चैक नहीं करते. ध्यान दीजिये की यदि ए कंपनी का एक रुपये Face Value का शेयर बीस रुपये में बिक रहा है और बी कंपनी का दस रुपये Face Value का शेयर बीस रुपये में बिक रहा है तो इसका क्या मतलब होगा? इसका मतलब यह होगा कि ए कंपनी का शेयर अपनी Face Value से बीस गुना कीमत पर बिक रहा है और बी कंपनी का शेयर अपनी फेस वैल्यू से दो गुना कीमत पर बिक रहा है. यानि ए कंपनी का शेयर बी कंपनी के मुकाबले अधिक प्रीमियम पर बिक रहा है.

कंपनी अपने शेयर की Face Value को बदल भी सकती है. कम्पनियां अपने शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? शेयर को स्प्लिट Split यानी विभाजित कर उसके फेस वैल्यू को बदल सकती है. कल्पना शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? कीजिये की यदि आपके पास अबस कंपनी के दस रुपये फेस वैल्यू के सौ शेयर हैं और उनका बाजार भाव पचास रुपये प्रति शेयर है. कंपनी अपने शेयरों को स्प्लिट करके उनकी फेस वैल्यू को पांच रुपये प्रति शेयर कर देती है. ऐसी स्थिती में कम्पनी आपके दस रुपये फेस वैल्यू वाले सौ शेयरों को पांच रुपये फेस वैल्यू के दो सौ शेयरों में परिवर्तित कर देगी. अब आपके शेयर शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? का बाजार भाव भी कम हो कर पच्चीस रुपये प्रति शेयर के आस पास हो जाने की संभावना है.

शेयर Split का फेस वैल्यू पर असर

अधिकतर स्प्लिट होने के बाद शेयरों का बाजार भाव उसी अनुपात में नहीं घटता जिस अनुपात में Face Value घटती है. इसीलिए संभावना है की इस उदहारण में स्प्लिट होने के बाद शेयर की बाजार कीमत पच्चीस रुपये से अधिक होगी. अक्सर कम्पनियाँ अपने शेयरों की शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? बाजार में कीमत बहुत अधिक हो जाने पर शेयरों को स्प्लिट करतीं हैं जिससे शेयर बाज़ार मे स्पलीट करने का मतलब क्या है? उनके शेयरों की कीमत छोटे निवेशकों की पहुँच में रहे और वे इन शेयरों में निवेश कर सकें.

फेस वैल्यू क्या है Face Value meaning in Hindi और इसका क्या महत्व है यह मैंने यहाँ आसान हिंदी में समझाने की कोशिश की है.

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