चलने की औसत

IND vs NZ 1st ODI Weather Report: बारिश ने टी20 सीरीज का चलने की औसत मजा किया था किरकिरा, पहले वनडे में डालेगी खलल? पढ़ें- मौसम और पिच रिपोर्ट
Weather Report on India vs New Zealand Match in Auckland: न्यूजीलैंड दौरे पर टीम इंडिया (India tour of New Zealand) शुक्रवार से वनडे (ODI Series) खेलने को तैयार है। रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) समेत अन्य सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया गया है। ऐसे में अनुभवी ओपनर शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की कप्तानी में टीम इंडिया (Team India) कीवी टीम से भिड़ेगी। इससे पहले दोनों देशों के बीच टी20 सीरीज (IND vs NZ T20 Series) खेली गई। टीम इंडिया (Team India) ने उसे 1-0 से अपने नाम किया।
ऑकलैंड में कैसा रहेगा मौसम (Auckland Weather Report)
बारिश की वजह से पहला टी20 रद्द (1st T20) हो गया था। दूसरे मैच (2nd T20) में भी बारिश हुई थी, लेकिन मैच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। तीसरे टी20 (3rd T20) में बारिश के कारण पूरा मैच नहीं हो सका है और डकवर्थ लुईस नियम (DLS) के तहत मैच टाई रहा। भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला वनडे (IND vs NZ 1st ODI) ऑकलैंड (Auckland) के ईडेन पार्क (Eden Park) में खेला जाएगा। ईएसपीएन क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार ऑकलैंड में 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान रहने की संभावना है। इसके अलावा बादल छाए रहने और हवा चलने की उम्मीद है। अच्छी बात ये है कि बारिश की कोई संभावना नहीं जताई गई है।
ईडेन पार्क पिच रिपोर्ट (Eden Park Pitch Report)
ऑकलैंड (Auckland) में ईडन पार्क (Eden Park) रग्बी का ग्राउंड है। यहां सामने की बाउंड्री काफी छोटी हैं। यहां गेंदबाजों से शॉर्ट और वाइड गेंद करने पर फायदा होगा। विकेटकीपर के पीछे बाउंड्री और भी छोटी होगी, ऐसे में सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) के 360 डिग्री स्ट्रोकप्ले देखने को मिल सकती है। इकॉनमी रेट की बात करें तो स्पिनर्स (4.79) ने तेज गेंदबाजों (5.03) की तुलना में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया है।
ईडेन पार्क ग्राउंड रिकॉर्ड (Eden Park Ground Record)
ऑकलैंड (Auckland) के ईडन पार्क (Eden Park) में अबतक 79 वनडे खेले गए हैं। इसमें से पहले पहले बैटिंग करने वाली टीम 30 बार जीती है। पहले गेंदबाजी करने वाली टीम 44 बार जीती है। पहली पारी का औसत स्कोर 220 है। दूसरी पारी का औसत स्कोर 195 है। यहां सर्वोच्च स्कोर 340/5 है। न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था। यह यहां का चेज किया हुआ है सबसे बड़ा टारगेट है। सबसे छोटा स्कोर 73/10 है। श्रीलंका ने न्यूजीलैंड को केवल 26.3 ओवर में आउट कर दिया था।
रियान की 174 रनों चलने की औसत की पारी ने असम को सेमीफ़ाइनल में पहुंचाया
एक ओवर में सात छक्के जड़ने के लिस्ट-ए रिकॉर्ड के साथ 220 रनों की नाबाद पारी खेलने वाले ऋतुराज गायकवाड़ और 174 रन बनाने वाले रियान पराग ने अहमदाबाद में खेले गए विजय हज़ारे ट्रॉफ़ी के क्वार्टर फ़ाइनल मैचों में सुर्ख़ियां बटोरी। गायकवाड़ और रियान की पारियों ने क्रमश: महाराष्ट्र और असम को अंतिम चार में पहुंचाया।
कर्नाटका और सौराष्ट्र ने भी अंतिम चार में प्रवेश कर लिया है और अब पहले सेमीफ़ाइनल में वह आमने-सामने होंगे। वहीं दूसरा सेमीफ़ाइनल महाराष्ट्र और असम के बीच खेला जाएगा।
गायकवाड़ के 13वें लिस्ट-ए शतक के दम पर महाराष्ट्र ने चलने की औसत उत्तर प्रदेश को 58 रनों से हराया। पहले बल्लेबाज़ी करते हुए महाराष्ट्र की पारी 30वें ओवर तक दूसरे ही गियर में चल रही थी। इसके बाद गायकवाड़ ने आक्रामक रूप धारण किया और टीम को 330 के अच्छे स्कोर तक पहुंचाया। पारी के 49वें ओवर में उन्होंने बाएं हाथ के स्पिनर शिवा सिंह को आड़े हाथों लिया और सात छक्कों समेत उस ओवर में 43 रन बटोरे।
लक्ष्य का पीछा करते हुए उत्तर प्रदेश के आर्यन जुयाल ने भी शतक जड़ा लेकिन मध्य क्रम में साझेदारियां नहीं बनने के कारण टीम को हार मिली। जुयाल ने 143 गेंदों पर 159 रन बनाए लेकिन 32वें ओवर में 152 के स्कोर पर सात विकेट गंवाने के बाद लक्ष्य हासिल करना कठिन होता चला गया। महाराष्ट्र की ओर से 20 वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर राजवर्धन हंगारगेकर ने लिस्ट-ए करियर में पहली बार एक पारी में पांच विकेट लिए। मैच के बाद गायकवाड़ ने प्लेयर ऑफ़ द मैच का ख़िताब उनके साथ बांटा।
2018 बैच के जुयाल के अंडर-19 साथी रियान ने अपने लिस्ट-ए करियर का तीसरा शतक जड़ते हुए जम्मू और कश्मीर के 351 रनों के लक्ष्य को सफलतापूर्वक तरीक़े से हासिल किया। रियान के करियर के तीनों शतक इसी प्रतियोगिता में असम के लिए खेलते हुए आए हैं और अब वह इस सीज़न में तीसरे सर्वाधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। आठ पारियों में 122.88 के स्ट्राइक रेट और 76.71 की औसत से उन्होंने 537 रन बनाए हैं। उन्होंने नौ विकेट भी अपने नाम किए हैं तब जब भारतीय टीम को ऐसे बल्लेबाज़ों की तलाश हैं जो गेंद के साथ योगदान दे सकें।
नाडियाड में चिराग जानी ने ऑलराउंड खेल दिखाते हुए तमिलनाडु के अभियान पर रोक लगाई। पहले बल्ले के साथ 31 गेंदों पर नाबाद 52 रन बनाकर उन्होंने टीम को 293 के स्कोर तक पहुंचाया। इसके बाद तीन विकेट लेकर उन्होंने सौराष्ट्र को 44 रनों से जीत दिलाई।
लीग चरण में लगातार पांच मैचों में 150 से अधिक की साझेदारी निभाने वाले बी साई सुदर्शन और नारायण जगदीशन क्रमशः 24 और आठ ही रन बना पाए। मध्य क्रम के सामने चुनौती थी और टीम में वापसी कर रहे दिनेश कार्तिक भी केवल नौ रन बनाकर आउट हुए। आर साई किशोर ने सर्वाधिक 74 रनों की पारी खेली लेकिन वह टीम की हार को नहीं रोक पाए।
मोटेरा में अभिषेक शर्मा का शतक पंजाब के काम नहीं आया और कर्नाटका ने पंजाब के 235 रनों के लक्ष्य को अंततः हासिल कर लिया। कर्नाटका के लिए आर समर्थ ने 71 रन बनाए और मध्य क्रम के नहीं चलने के बावजूद उनकी टीम ने जीत दर्ज की। विद्धवत कवेरप्पा ने चार विकेट लिए। सात मैचों में 16 विकेटों के साथ वह इस सीज़न में तीसरे सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं।
सुचेता कृपलानी पुण्यतिथि: कहानी आजाद भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री की
1946 की बात है. आजादी से ठीक एक बरस पहले की. भारत विभाजन की मांग को लेकर जिन्ना ने डायरेक्ट एक्शन की घोषणा की. अंग्रेजों के साथ विभाजन के मुद्दे पर समझौता हो चलने की औसत गया था. खबर जंगल की आग की तरह फैली कि भारत दो मुल्कों में बंटने जा रहा है. हिंदुओं का देश हिंदुस्तान और मुसलमानों का पाकिस्तान. उसी के बाद बंगाल के नोआखाली में (जो अब बांग्लादेश में है) में भयानक दंगे भड़क गए. उन दंगों के दौरान गांधीजी की सभी तस्वीरों में बगल में साड़ी पहने, चश्मा लगाए एक गंभीर मुखमुद्रा वाली औसत कद की महिला दिखाई देती है.
वह महिला सुचेता कृपलानी थीं. स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ और आजाद भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री. गांधी के रास्ते पर चलने वाली और फिर एक दिन गांधी, नेहरू और कांग्रेस के खिलाफ ही बगावत करने वाली सुचेता कृपलानी.
आज सुचेता कृपालानी की पुण्यतिथि है.
सुचेता कृपलानी की संक्षिप्त जीवनी
सुचेता कृपलानी का जन्म का नाम सुचेता मजूमदार है. 25 जून, 1908 चलने की औसत को हरियाणा के अंबाला शहर में रह रहे एक संपन्न बंगाली ब्राह्मण परिवार में उनका जन्म हुआ. पिता सरकारी डॉक्टर थे. हर साल दो साल में उनका तबादला होता रहता. सो उनकी शुरुआती शिक्षा कई शहरों में हुई. कॉलेज की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली से की. सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास में ग्रेजुएट हुईं.
यह आजादी की लड़ाई का वक्त था. चारों ओर जोश और उम्मीद का आलम था. ऐसे में सुचेता उस प्रवाह में बहने से खुद को कैसे रोक सकती थीं. दिल्ली में पढ़ाई के दौरान भी कॉलेज से अकसर वो किसी राजनीतिक सभा-सम्मेलन में शिरकत करने पहुंच जातीं. कभी गांधी, कभी, नेहरू, कभी पटेल, कोई न कोई राजनीतिक हलचल शहर में होती ही रहती थी.
वो पूरा मन बना चुकी थीं कि कॉलेज के बाद पूरी तरह आजादी की लड़ाई में शामिल हो जाएंगी, लेकिन तभी उनके घर में एक बड़ी ट्रेजेडी हो गई. एक के बाद एक घर में पिता और बहन दोनों का इंतकाल हो गया.
घर की जिम्मेदारी अचानक सुचेता के कंधों पर आ पड़ी. परिवार चलाने के लिए उन्होंने आंदोलन का ख्याल छोड़ बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में नौकरी कर ली. वो बीएचयू में संवैधानिक इतिहास की लेक्चरर हो गईं.
जेबी कृपलानी से विवाह और आंदोलन में हिस्सेदारी
1936 में उन्होंने कांग्रेस के प्रसिद्ध नेता जेबी कृपलानी से विवाह कर लिया. सुचेता के घरवाले तो इस शादी के खिलाफ थे ही, खुद महात्मा गांधी भी इस विवाह के पक्ष में नहीं थे. कृपलानी सुचेता से उम्र में 20 साल बड़े थे. गांधी को डर था कि इस विवाह से कृपलानी का मन अपने काम से भटक सकता है. वो गांधी का दाहिना हाथ हुआ करते थे.
लेकिन गांधी का डर निराधार साबित हुआ. कृपलानी ने तो स्वतंत्रता आंदोलन का साथ नहीं छोड़ा, उल्टे सुचेता भी पूरी तरह इस काम में लग गईं. 1940 में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महिला शाखा ‘अखिल भारतीय महिला कांग्रेस’ की स्थापना की. 1942 में गांधी के साथ भारत छोड़ो आंदोलन में लगी रहीं और जेल भी गईं. 1946 में उन्हें संविधान सभा का सदस्य चुना गया. 1949 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत का प्रतिनिधित्व किया.
कृपलानी और नेहरू के बीच बढ़ती दूरियां
आजादी के बाद पहली सरकार बनी और उस सरकार में प्रधानमंत्री बने जवाहरलाल नेहरू. लेकिन अब तक जेबी कृपलानी और नेहरू के बीच कुछ-कुछ राजनीतिक मतभेद होने लगे थे. इन मतभेदों के बढ़ने पर कृपालानी ने कांग्रेस छोड़ दिया और अपनी खुद की पार्टी बना ली. नाम रखा- ‘किसान मजदूर प्रजा पार्टी.’
सुचेता भी अपने पति के साथ कांग्रेस छोड़ नई पार्टी में शामिल हो गईं. 1952 में किसान मजदूर पार्टी की ओर से नई दिल्ली से चुनाव भी लड़ा, लेकिन वहां भी उनके मतभेद होने लगे, जिसके चलते उन्होंने कांग्रेस वापसी का फैसला किया. 1957 में नई दिल्ली सीट से दोबारा कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव में खड़ी हुईं और जीतीं भी. उन्हें राज्यमंत्री बनाया गया. 1958 से लेकर 1960 तक वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव रही.
1962 में उन्होंने उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ा और कानपुर से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं. उन्हें श्रम, सामुदायिक विकास और उद्योग विभाग में कैबिनेट मंत्री का पद मिला.
उत्तर प्रदेश और देश की पहली महिला मुख्यमंत्री
यह वही समय था, जब कांग्रेस के भीतर भी बगावत और विद्रोह के सुर उभर रहे थे. कांग्रेस के लोग ही कांग्रेस को चुनौती देने लगे थे. यूपी में नेहरू के खिलाफ बगावत कर रहे लोगों में सबसे बड़ा नाम था चंद्रभानु गुप्ता का. राजनीतिक स्थितियां तब कुछ ऐसी बनीं कि नेहरू ने जबर्दस्ती चंद्रभानु गुप्ता का इस्तीफा ले लिया.
इस इस्तीफे के बाद कांग्रेस में साफतौर पर दो धड़े बन गए. एक धड़ा नेहरू के साथ था, जिसका नेतृत्व कमलापति त्रिपाठी कर रहे थे और दूसरा नेहरू के खिलाफ था, जिसकी कमान चंद्रभानु गुप्ता के हाथों में थी. गुप्ता का जलवा और उत्तर प्रदेश के अवाम उनकी पैठ बहुत गहरी थी.
चंद्रभानु गुप्ता के इस्तीफे के बाद तलाश थी प्रदेश के नए मुख्यमंत्री की, जो किसी भी हाल में कमलापति त्रिपाठी यानी नेहरू के गुट से नहीं हो सकता था. गुप्ता बहुत तत्परता से किसी नए चेहरे की तलाश में थे.
उसी समय जेबी कृपलानी बीमार पड़े और उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया. चंद्रभानु उन्हें देखने अस्पताल पहुंचे और अपनी परेशानी उनसे साझा की. कृपलानी ने अपने बगल में बैठी पत्नी सुचेता की ओर इशारा करके कहा कि इसे बनाइए प्रदेश का नया मुख्यमंत्री.
चंद्रभानु गुप्ता को जवाब मिल गया था. हालांकि केंद्र की कांग्रेस सरकार और नेहरू, दोनों ही इस फैसले से खुश नहीं थे. लेकिन प्रदेश को मुख्यमंत्री पद के लिए नया चेहरा मिल गया था.
इस तरह 1963 में सुचेता कृपलानी उत्तर प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री और आजाद भारत की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं. उन्होंने 1963 से लेकर 1967 तक प्रदेश के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला.
सुचेता कृपलानी की आत्मकथा- ‘एन अनफिनिश्ड ऑटोबायोग्राफी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद राजनीति में वह ज्यादा लंबे समय तक नहीं रहीं. 1971 में उन्होंने सियासत से संन्यास ले लिया. उनकी कोई संतान नहीं थी. उन्होंने अपनी वसीयत में अपनी सारी धन-संपदा लोक कल्याण समिति को दे दी थी. राजनीति छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी आत्मकथा लिखी, जो तीन भागों में प्रकाशित हुई. आत्मकथा का नाम है- ‘एन अनफिनिश्ड ऑटोबायोग्राफी.’ 1 दिसंबर, 1974 को महज 66 साल की उम्र में उनका हार्ट अटैक से निधन हो गया.
IND vs NZ 1st ODI Weather Report: बारिश ने टी20 सीरीज का मजा किया था किरकिरा, पहले वनडे में डालेगी खलल? पढ़ें- मौसम और पिच रिपोर्ट
India vs New Zealand Weather Forecast & Pitch Report Update of Eden Park Stadium Auckland in Hindi: भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला वनडे (IND vs NZ 1st ODI) ऑकलैंड (Auckland) के ईडेन पार्क (Eden Park) में खेला जाएगा। यहां सामने की बाउंड्री काफी छोटी है।
भारत बनाम न्यूजीलैंड मौसम पूर्वानुमान और पिच रिपोर्ट। (फोटो – ब्लैककैप्ट ट्विटर)
Weather Report on India vs New Zealand Match in Auckland: न्यूजीलैंड दौरे पर टीम इंडिया (India tour of New Zealand) शुक्रवार से वनडे (ODI Series) खेलने को तैयार है। रोहित शर्मा (Rohit Sharma) और विराट कोहली (Virat Kohli) समेत अन्य सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया गया है। ऐसे में अनुभवी ओपनर शिखर धवन (Shikhar Dhawan) की कप्तानी में टीम इंडिया (Team India) कीवी टीम से भिड़ेगी। इससे पहले दोनों देशों के बीच टी20 सीरीज (IND vs NZ T20 Series) खेली गई। टीम इंडिया (Team India) ने उसे 1-0 से अपने नाम किया।
ऑकलैंड में कैसा रहेगा मौसम (Auckland Weather Report)
बारिश की वजह से पहला टी20 रद्द (1st T20) हो गया था। दूसरे मैच (2nd T20) में भी बारिश हुई थी, लेकिन मैच पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था। तीसरे टी20 (3rd T20) में बारिश के कारण पूरा मैच नहीं हो सका है और डकवर्थ लुईस नियम (DLS) के तहत मैच टाई रहा। भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला वनडे (IND vs NZ 1st ODI) ऑकलैंड (Auckland) के ईडेन पार्क (Eden Park) में खेला जाएगा। ईएसपीएन क्रिकइंफो की रिपोर्ट के अनुसार ऑकलैंड में 18 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान रहने की संभावना है। इसके अलावा बादल छाए रहने और हवा चलने की उम्मीद है। अच्छी बात ये है कि बारिश की कोई संभावना नहीं जताई गई है।
ईडेन पार्क पिच रिपोर्ट (Eden Park Pitch Report)
ऑकलैंड (Auckland) में ईडन पार्क (Eden Park) रग्बी का ग्राउंड है। यहां सामने की बाउंड्री काफी छोटी हैं। यहां गेंदबाजों से शॉर्ट और वाइड गेंद करने पर फायदा होगा। विकेटकीपर के पीछे बाउंड्री और भी छोटी होगी, ऐसे में सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) के 360 डिग्री स्ट्रोकप्ले देखने को मिल सकती है। इकॉनमी रेट की बात करें तो स्पिनर्स (4.79) ने तेज गेंदबाजों (5.03) की तुलना में थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया है।
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ईडेन पार्क ग्राउंड रिकॉर्ड (Eden Park Ground Record)
ऑकलैंड (Auckland) के ईडन पार्क (Eden Park) में अबतक 79 वनडे खेले गए हैं। इसमें से पहले पहले बैटिंग करने वाली टीम 30 बार जीती है। पहले गेंदबाजी करने वाली टीम 44 बार जीती है। पहली पारी का औसत स्कोर 220 है। दूसरी पारी का औसत स्कोर 195 है। यहां सर्वोच्च स्कोर 340/5 है। न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाया था। यह यहां का चेज किया हुआ है सबसे बड़ा टारगेट है। सबसे छोटा स्कोर 73/10 है। श्रीलंका ने न्यूजीलैंड को केवल 26.3 ओवर में आउट कर दिया था।