शुरुआती लोगों की मुख्य गलतियाँ

समर्थन क्या है?

समर्थन क्या है?
क्यों जरूरी है एमएसपी
धान के उत्पादन में भारत का नाम शीर्ष देशों की सूची में आता है, दूसरे देशों में भी बडे पैमाने पर चावल का निर्यात किया जाता है. ऐसे में दिनरात मेहनत करके धान उगाने वाले किसानों को उनकी फसल का वाजिब दाम दिलाना बेहद जरूरी हो जाता है. साथ ही, एमएसपी से खेती में खर्च होने वाली अनुमानित लागत भी कवर हो जाती है, और बिचौलियों अनावश्यक हस्तक्षेप भी खत्म हो जाता समर्थन क्या है? है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुये 8 जून को केंद्रीय कैबिनेट बैठक ने खरीफ विपणन सीजन 2022-23 के लिये 14 फसलों की 17 किस्मों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है.

Minimum Support Price 2021-22 MSP - न्यूनतम समर्थन मूल्य खरीफ व रबी फसल 2021-22 PDF

जब किसान खरीफ या रबी कोई भी फसल उगाती है। जब फसल का उत्पादन होता है तो उसके पास एक समस्या आती है कि इस अनाज को कहां बेचे ? इसका उसे उचित मूल्य मूल्य मिल पाएगा भी कि नहीं?

इसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार खरीफ या रबी सीजन से पहले यानिकी फसल उगाने से ठीक पहले कुछ निर्धारित फसलों का मूल्य निर्धारित कर देती है कि इस फसल को हम इतने रुपए में खरीदेंगे ।

अगर कभी किसी फसल का उत्पादन बहुत अधिक या बंपर हो जाती है तो सामान्यत: देखा जाता है कि उस फसल का मूल्य कम हो जाता है । क्योंकि आप सभी जानते ही हैं कि जब किसी समर्थन क्या है? वस्तु की Supply आपूर्ति अधिक होती है तो उसका मूल्य (Price) गिरने लगती है । किसानों को ऐसी ही नुकसान से बचाने के लिए ही न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाता है । न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण समर्थन क्या है? खरीफ और रबी सीजन से पहले सरकार कर देती है ताकि किसानों को नुकसान ना हो ।

MSP की सिफारिश कौन करता है ?

रबी या खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की सिफारिश CACP यानी कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (Commission for Agricultural Cost and Prices) करती है । यह CACP अपनी सिफारिश CCEA (Cabinet Committee on Economic Affairs) को देता है । यह CACP की बात मान भी सकती हैं और नहीं भी ।

CACP का नाम पहले Agricultural Price Commission (APC) था, जिसकी स्थापना 1 जनवरी 1965 को हुई। जिसे 1985 में बदलकर CACP (Commission for Agricultural Cost and Prices) कर दिया गया ।

MSP तय कैसे होता है ?

कृषि सुधारों के लिए सन 2004 में स्वामीनाथन आयोग बना था । इस आयोग ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने के लिए कई फार्मूले सुझाए समर्थन क्या है? थे । डॉ. एम. एस. स्वामीनाथन समिति ने यह सिफारिश की थी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य , औसत उत्पादन से कम से कम 50% अधिक होना चाहिए ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में NDA सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू किया और 2018 - 19 के बजट में उत्पादन लागत का कम से कम डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) करने की घोषणा की मतलब मान लो कि किसी फसल को उगाने में किसान को ₹100 की लागत आती है तो सरकार उसे ₹150 में खरीदेगी ।

कितनी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तय की गई है?
How many crops are there in MSP? :-

न्यूनतम समर्थन मूल्य रबी व खरीफ की कुछ अनाज वाली फसलों के लिए तय किया जाता है । फिलहाल 23 फसलों के लिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करती है जिसका विवरण नीचे दी गई है ।

लघु वन उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का परिचय (MFP)

MFP1


वन आदिवासियों के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन का एक जटिल तत्व है, और यह अनुमान है कि भारत में, लगभग 300 मिलियन आदिवासी और अन्य स्थानीय लोग अपने निर्वाह और आजीविका के लिए वनों पर निर्भर हैं। भारत में 3,000 पौधों की प्रजातियों की अनुमानित विविधता है, जिसमें से एनटीएफपी, जिसे आमतौर पर माइनर फॉरेस्ट प्रोडक्शंस (एमएफपी) के रूप में जाना जाता है।

आदिवासियों की अधिकांश आबादी वन क्षेत्रों में रहती है और माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस पर अपनी आजीविका और आय सृजन के लिए काफी हद तक निर्भर करती है जो आदिवासी समुदाय के लिए निर्वाह और नकदी आय का एक बड़ा स्रोत बनती है। लघु वनोपज भी आदिवासियों के लिए एक प्रमुख भाग भोजन, फल, दवाएं और अन्य उपभोग की वस्तुएं बनाते हैं।

Kharif Marketing season 2022-23: धान की MSP को ज्यादा नहीं बढ़ा पाई केंद्र सरकार, अब किसानों के समर्थन में आई 14 राज्य सरकारें

By: ABP Live | Updated at : 13 Jun 2022 03:28 PM (IST)

खरीफ विपणन सीजन 2022-23 (फाइल तस्वीर)

Paddy Price Exception: भारत में धान की खेती मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, बिहार और असम आदि राज्यों में की जाती है. यहां का धान दुनियाभर में निर्यात किया जाता है. यही कारण है कि केंद्र सरकार ने 8 जून को वर्ष 2022-23 के लिये धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़त की घोषणा की. लेकिन कुछ राज्य सरकारों के मुताबिक धान के समर्थन क्या है? MSP को अपेक्षित मूल्य जितना नहीं बढ़ाया गया. जानकारी के लिये बता दें कि फसल बिक्री के दौरान किसानों के हितों की रक्षा करने के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) निर्धारित की जाती है.

मुझे नहीं पता था कि समर्थन मूल्य क्या होता है, राजीव गांधी किसान न्याय योजना क्या है

रायपुर: खड़गंवा ब्लाक के चिरमी गांव के रहने वाले दुर्गेश को आज मुख्यमंत्री के हाथों 6.25 एकड़ रकबा का वन अधिकार प्रमाण पत्र मिला है. दुर्गेश को इस बात की खुशी है कि ये प्रमाण पत्र खुद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के हाथों मिला है. वन अधिकार पट्टा मिलने से दुर्गेश न सिर्फ अपना धान बेच पाएंगे बल्कि शासन की अन्य योजनाओं का लाभ भी ले सकेंगे.

खड़गंवा ब्लाक के ही जिलीबांध गांव के रहने वाले छोटेलाल को आज मुख्यमंत्री के हाथोम 5 एकड़ रकबे का वन अधिकार प्रमाण पत्र मिला है. छोटेलाल का कहना है कि वो न तो धान के समर्थन मूल्य के बारे में जानते थे नही राजीव गांधी किसान न्याय योजना के बारे में, क्यूंकि वन अधिकार पट्टा नहीं होने से वो धान बेच ही नहीं पाते थे लेकिन अब वो समर्थन मूल्य पर धान बेच सकेंगे और बोनस भी ले सकेंगे.

7 अनाज :-

5 दाले :-

7 तिलहन :-
  • मूँगफली
  • रेपसीड-सरसो
  • सोयाबीन
  • कुसुम
  • निगरस
4 वाणिज्यिक फसले :-
  • खोपरा
  • गन्ना
  • कपास
  • कच्चा जूट

न्यूनतम समर्थन मूल्य से किसे फायदा होता है:-

सरकार अपनी सार्वजानिक वितरण प्रणाली को बनाये रखने के लिये गेहूँ और चावल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय करती है। इस प्रकार सरकार का ध्यान न्यूनतम समर्थन मूल्य में केवल गेहूँ और चावल पर रहता है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य का फायदा उठाने में 1% की भागीदारी बड़े किसानो की है। 3% बड़े किसान गेहूँ बेचने वाले है जबकि 56% किसान छोटे जिनकी जमीन (2-10 हेक्टेयर) तक है।

विभिन्न राज्यों के द्धारा गेहूँ और चावल की खरीद का विविरण निम्न प्रकार समर्थन क्या है? है :-

STATEWISE PROCUREMENT OF RICE 2020-21

STATE WISE PROCUREMENT OF WHEAT 2020-21

सुधार की जरूरत और आगे का रास्ता :-

1. न्यूनतम समर्थन मूल्य की खरीद अभी दो वस्तुओ गेहूँ तथा चावल तक ही सीमित है। हमें चाहिये की हम अन्य वस्तुओ के उत्पादन की तरफ भी ध्यान दे तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में किसानो को जागरूक करे।

2. न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा हमें किसानो को फार्म लॉ के बारे में भी शिक्षित करना होगा। नये फार्म लॉ के अनुसार किसान अपने उत्पादन को APMC (कृषि उपज मंडी समिति) के बाहर भी बेच सकता है। जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य की आवश्यकता ही इसलिए है क्योकि APMC (कृषि उपज मंडी समिति) के बाहर किसान को उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल पता है। इसके बावजूद भी APMC (कृषि उपज मंडी समिति) के द्धारा की गयी उत्पादन की खरीद ना के बराबर है। 3. सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य में सम्मिलित सभी वस्तुओ को बराबर हिस्सेदारी देकर अन्य वस्तुओ के उत्पादन पर भी ध्यान देना चाइये।

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