सीमाएँ आदेश

Panchayat Chunav: मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए लगी आचार संहिता हुई समाप्त
मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए लगी आचार संहिता समाप्त हो गई है. राज्य निर्वाचन आयोग ने अब फोटोयुक्त मतदाता सूची के वार्षिक पुनरीक्षण का काम समय सीमा में करने के निर्देश जिला कलेक्टरों को दिए है.
By: अजय त्रिपाठी, जबलपुर | Updated at : सीमाएँ आदेश 30 Dec 2021 11:10 AM (IST)
MP Panchayat Chunav: मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए लगी आचार संहिता समाप्त हो गई है. राज्य निर्वाचन आयोग ने अब फोटोयुक्त मतदाता सूची के वार्षिक पुनरीक्षण का काम समय सीमा में करने के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को दिए है. इसका कार्यक्रम भी घोषित कर दिया गया है. राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने सभी कलेक्टर्स एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के साथ त्रि-स्तरीय पंचायतों की निर्वाचन प्रक्रिया निरस्त होने तथा एक जनवरी 2022 की संदर्भ तिथि के आधार पर पंचायतों की फोटोयुक्त मतदाता-सूची के वार्षिक पुनरीक्षण पर चर्चा की. सिंह ने कहा कि पुनरीक्षण कार्य निर्धारित समय-सीमा में अनिवार्य रूप से करें.
क्या है पूरा मामला
राज्य निर्वाचन आयुक्त सिंह ने कहा कि पंचायतों के आगामी आम निर्वाचन अध्यादेश क्रमांक-14 सन 2021 की वापसी के बाद निर्मित स्थितियों एवं सर्वोच्च न्यायालय के 17 दिसम्बर, 2021 के आदेश के अनुपालन में कराए जाएंगे. मध्यप्रदेश शासन द्वारा अध्यादेश वापस लेने से त्रि-स्तरीय पंचायतों के परिसीमन एवं आरक्षण का स्टेटस प्रभावित हुआ है. त्रि-स्तरीय पंचायतों की स्थिति 21 नवम्बर, 2021 के पूर्व अनुसार प्रभावशील होगी. ग्राम पंचायतों की वर्तमान सीमा के अनुरूप नवीन मतदाता-सूची तैयार की जानी है. परिसीमन प्रभावित होने से वर्तमान मतदाता-सूची निष्प्रभावी हो गई है. ग्राम पंचायत एवं उनके वार्ड, जनपद पंचायत तथा जिला पंचायत एवं उनके निर्वाचन क्षेत्र की सीमाएँ भी 21 नवम्बर, 2021 के पूर्व विद्यमान स्थिति अनुसार अस्तित्व में आ गई हैं. स्थानों/सीटों के आरक्षण की स्थिति भी तद्नुसार प्रभावशील हुई है. किन्तु इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया जाना आवश्यक होगा. इन परिस्थितियों में पूर्व प्रचलित निर्वाचन प्रक्रिया को निरंतर रखा जाना विधि-संगत नहीं था. इसीलिये 4 दिसम्बर, 2021 को जारी पंचायत आम निर्वाचन का कार्यक्रम एवं उसके अनुसरण में की गई निर्वाचन संबंधी सभी कार्यवाइयों को निरस्त किया गया है.
निर्वाचन आयुक्त ने निर्देशित किया कि पूर्व घोषित निर्वाचन कार्यक्रम अनुसार प्रथम एवं द्वितीय चरण के लिये की गई नाम निर्देशन-पत्र प्राप्त सीमाएँ आदेश करने से लेकर प्रतीक आवंटन तक की कार्यवाही से संबंधित सभी अभिलेखों का संधारण किया जाये. अभ्यर्थियों द्वारा जमा प्रतिभूति राशि की वापसी अभ्यर्थी से आवेदन प्राप्त कर की जाये. ईव्हीएम को पुन: उनके बॉक्स में जमा कर जिला निर्वाचन अधिकारी के स्टोर रूम में सुरक्षित रखा जाये. उन्होंने बताया कि उपरोक्त परिस्थिति में आदर्श आचरण संहिता स्वत: समाप्त हो गई है.
मतदाता-सूची का वार्षिक पुनरीक्षण
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग बी.एस. जामोद ने बताया कि एक जनवरी, 2022 की संदर्भ तिथि के आधार सीमाएँ आदेश पर पंचायतों की फोटोयुक्त मतदाता-सूची के वार्षिक पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है. रजिस्ट्रीकरण एवं सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की नियुक्ति 30 दिसम्बर, 2021 तक की जायेगी. फोटोयुक्त प्रारूप मतदाता-सूची का ग्राम पंचायत एवं अन्य विहित स्थानों पर सार्वजनिक प्रकाशन 4 जनवरी, 2022 को किया जायेगा. स्टेण्डिंग कमेटी की बैठकों का आयोजन 4 एवं 5 जनवरी को किया जायेगा. प्रारूप मतदाता-सूची के संबंध में दावा-आपत्ति केन्द्रों पर 4 से 9 जनवरी, 2022 तक दावे-आपत्ति प्राप्त किये जायेंगे. इस दौरान 18 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता दावा प्रस्तुत कर मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकते हैं. दावा-आपत्तियों का निराकरण 12 जनवरी तक किया जायेगा. फोटोयुक्त अंतिम मतदाता-सूची का सार्वजनिक प्रकाशन 16 जनवरी, 2022 को ग्राम पंचायत तथा अन्य विहित स्थानों पर किया जायेगा.
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Published at : 30 Dec 2021 11:31 AM (IST) Tags: Election Commission MP MP News panchayat chunav हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
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बीडीएल ने दि. 31 मार्च, 2021 (बुधवार) सुबह 11.00 बजे से 4:30 तक सभी एम एस एम ई के एस सी/ एस टी उद्यमियों के लिए ग्राहक पंजीकरण करने के लिए विशेष अभियान आयोजित करने का प्रस्ताव किया। सभी एम एस एम ई के एस सी/ एस टी उद्यमियों से अनुरोध किया जाता है कि इस सुविधा का लाभ उठाएँ।
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पृष्ठ : सम्पूर्ण गाँधी वांग्मय Sampurna Gandhi, vol. 12.pdf/३०५
श्री एसेलेन और श्री वाइली प्रतिष्ठित सज्जन होते हुए भी सम्भवतः जाँचपर स्पष्ट प्रकाश नहीं डाल सकेंगे क्योंकि उनकी अपनी मानवीय सीमाएँ हैं और वे अपने आपको अपने एशियाई विरोधी विचारोंसे, जिन्हें वे अनेक बार व्यक्त कर चुके हैं, पृथक नहीं कर सकते। यदि सरकार भारतीयोंका प्रतिनिधित्व कर सकनेवाले लोगोंको नामजद करती, और इस प्रकार उनकी भावनाओंका आदर करती तथा जो कैदी अभी जेलमें हैं उन्हें रिहा कर देती, तो मैं समझता हूँ कि वे सरकारकी, और इसलिए साम्राज्यकी भी मददकर सकते और सम्भवतः और अधिक कष्ट सहे बिना इस समस्याको समाप्त कर सकते। लेकिन सम्भव है, उन्हें शायद अभी और कष्ट सहना पड़े। शायद उनके पाप इतने बड़े हैं कि उन्हें और अधिक तपस्या करना लाजिमी हो।
इसलिए मैं आशा करता हूँ कि आप अपने को उस पुकारकी प्रतिक्रियाके लिए तैयार रखेंगे। शायद सरकार हमारी उचित और न्यायसंगत प्रार्थनाओंको ठुकरा दे और तब फिरसे संघर्षकी गतिको बढ़ानेके लिए हमें और अधिक तपस्यामें से गुजरना होगा यहाँतक कि सरकार सेनाको यह आदेश दे दे कि वह हमें भी गोलियोंसे छलनी कर दे। मेरे दोस्तो! क्या आप इसके लिए तैयार हैं? (आवाजें: 'हाँ')। क्या आप हमारे उन देशभाइयोंके भाग्यका अनुसरण करने को तैयार हैं जिन्होंने अपने प्राण उत्सर्ग कर दिये हैं। ('हाँ' की आवाजें) तब यदि सरकार हमारी मांग पूरी न करे, तो मैं आज यह योजना प्रस्तुत कर रहा हूँ: हम सब नये सालके पहले दिन फिरसे संवर्ष करने, कैद-भुगतने और कूच करने के लिए तैयार हो जायें। (करतल ध्वनि)। शुद्धि करनेका एकमात्र तरीका यही है और यह भीतर व बाहरसे शोक मनानेका एक ऐसा ठोस ढंग है जो कि भगवान के सामने भी न्यायोचित ठहरेगा। यही सलाह हम अपने स्वतन्त्र व गिरमिटिया देशभाइयोंको देते हैं कि वे हड़ताल करें और चाहे इसका अर्थ उनके लिए मृत्यु ही हो, मुझे पूरा विश्वास है कि वह उचित क़दम होगा।
उन्होंने आगे कहा कि यदि आप शान्त जीवनको स्वीकार करते हैं, तो न केवल ईश्वरके कोपभाजन होंगे, वरन् यूरोपीय संसारके उस समूचे भागके अपमानके भी भागी बनेंगे जो ब्रिटिश साम्राज्यको बनाता है। (हर्षध्वनि)। मैं आशा करता हूँ कि प्रत्येक स्त्री, पुरुष और सयाना बच्चा संघर्ष के लिए तैयार रहेगा। मेरे विचारसे यह संघर्ष मानव स्वतंत्रताका संघर्ष है और इस प्रकार प्रत्येक व्यक्तिके अपने-अपने धर्मका भी। अतः मैं आशा करता हूँ कि लोग इसमें भाग लेते हुए अपने स्वार्थ, अपने वेतन, व्यापार बल्कि अपने परिवार और शरीरको भी परवाह नहीं करेंगे। यह मुख्यतः एक धार्मिक संघर्ष है (हर्षध्वनि); क्योंकि कोई भी संघर्ष जिसमें अपनी आत्माको स्वतन्त्रता और बलका प्रश्न हो वह एक धार्मिक संघर्ष ही हो सकता है। अतएव मैं आशा करता हूँ कि आप आह्वान किये जानेपर संघर्षमें कूद पड़ने के लिए तैयार रहेंगे और उन लोगोंकी बात नहीं सुनेंगे जो विचलित हों और जो ठहरनेको या संघर्षसे विमुख होनको कहें। यह संघर्ष ऐसा है जिसमें एक बिलकुल स्पष्ट प्रश्न अन्तहित है जो नितान्त सादा है।
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