शुरुआती लोगों की मुख्य गलतियाँ

क्रिप्टो-करेंसी से लाभ

क्रिप्टो-करेंसी से लाभ
क्रिप्टो करेंसी के लाभ अधिक हैं और घाटा कम। पहला, क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसमें धोखाधड़ी की उम्मीद ना के बराबर है।अधिक पैसा होने पर क्रिप्टो करेंसी में निवेश करना फायदेमंद है क्योंकि इसकी कीमतों में बहुत तेजी से उछाल आता है। लिहाजा, निवेश के लिए यह एक अच्छा प्लेटफॉर्म है। तीसरा, अधिकतर क्रिप्टो करेंसी के वॉलेट उपलब्ध हैं जिसके चलते ऑनलाइन खरीदारी, पैसे का लेन-देन सरल हो चुका है।

RBI गर्वनर बोले, क्रिप्टोकरेंसी खतरनाक, रिकवरी की राह पर इकोनॉमी; लाभ की ओर लौट रहे बैंक

RBI गर्वनर बोले, क्रिप्टोकरेंसी खतरनाक, रिकवरी की राह पर इकोनॉमी; लाभ की ओर लौट रहे बैंक

शक्तिकांत दास ने कहा क्रिप्‍टोकरेंसी एक स्‍पष्‍ट खतरा (फोटो-Express Archive)

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गर्वनर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने क्रिप्‍टोकरेंसी (Crypto Currency) को लेकर बड़ी बात कही है। उन्‍होंने क्रिप्टोकरेंसी को एक स्‍पष्‍ट खतरा बताया है और इससे सावधान रहने की सलाह दी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि बिना किसी अंतर्निहित के विश्वास के आधार पर मूल्य प्राप्त करने वाली किसी भी चीज़ को जोड़ना केवल अटकलें हैं। उन्‍होंने आरबीआई की रिपोर्ट को लेकर कहा कि इकोनॉमी रिकवरी की राह पर है तो वहीं भारतीय बैंक लाभ की ओर लौट रहे हैं।

क्रिप्टो या डिजिटल करेंसी से डरिए मत, युवाओं को ऑनलाइन सेवाओं के विस्तार का लाभ लेने दीजिए

चित्रण प्रज्ञा घोष | दिप्रिंट

कोविड क्रिप्टो-करेंसी से लाभ के बाद की दुनिया ग्लोबल डिजिटल सेवाओं के विस्फोट से रू-ब-रू है और क्रिप्टो-करेंसी से लाभ इस बार बात केवल सॉफ्टवेयर इंजीनीयरों की नहीं है. दुनिया भर में ज्यादा से ज्यादा व्यवसाय, घर और संस्थाएं अब डिजिटल अर्थव्यवस्था के किसी-न-किसी पहलू से जुड़ रहे हैं. महामारी के बाद, योग की कक्षाओं से लेकर हिसाब-किताब रखने के मामले उन सेवाओं की मांग काफी बढ़ गई है जो दुनिया के किसी भी कोने से दी जा सकती है.

अब सवाल यह है कि नीति निर्माता यह व्यवस्था कैसे करते हैं कि भारत की श्रम शक्ति और अर्थव्यवस्था को डिजिटल माध्यम से आपस में जुड़ी वैश्विक सेवाओं के क्रिप्टो-करेंसी से लाभ बाज़ार के विस्तार से किस तरह फायदा दिलाते हैं. इस नई दुनिया में भारत के लिए लाभ उठाने की बड़ी संभावनाएं हैं. उसके पास दुनिया की सबसे युवा और सबसे विशाल श्रम शक्ति मौजूद है.

भारत को बढ़त

चीन ने बड़े पैमाने पर मैनुफैक्चरिंग से निर्यात में वैश्विक वृद्धि की लहर का फायदा उठाया जबकि इसमें चूक
गया. प्रारंभिक स्थितियों के लिहाज से भारत क्रिप्टो-करेंसी से लाभ के पास बेहतर क्षमता है कि वह सेवाओं के क्षेत्र में विस्तार क्रिप्टो-करेंसी से लाभ के
कारण जो अगली लहर आ रही है उसका लाभ उठा सके.

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इस विस्तार के कई पहलू हो सकते हैं. पारंपरिक सॉफ्टवेयर सेवाओं के निर्यात से लेकर कानून, मेडिकल,
अकाउंटिंग, शिक्षा और सेहत जैसे नए क्षेत्रों में जो वैश्विक वृद्धि होगी वह भारत के लिए सामाजिक और
सांस्कृतिक रूप से अधिक मुफीद होगी.

नीतिगत ढांचा

भारत में आर्थिक सुधारों का एजेंडा आमतौर पर इस पर केन्द्रित नहीं रहा है कि सरकार क्या करे बल्कि इस
पर रहा है कि किन प्रतिबंधों को हटाना ज़रूरी है. इसलिए, अंतरराष्ट्रीय व्यापार संधियां भारतीय फ़र्मों को कानूनी, मेडिकल, अकाउंटिंग और सॉफ्टवेयर आदि की सेवाओं का निर्यात करने की छूट दे सकती हैं लेकिन सीमा पार डिजिटल भुगतान पर प्रतिबंध लोगों को क्रिप्टो-करेंसी से लाभ उपलब्ध अवसरों का पूरा फायदा लेने से रोक सकते हैं.

सीमा पार डिजिटल भुगतान को घरेलू डिजिटल भुगतान जितना आसान बनाने से छोटे व्यवसायों, व्यक्तियों क्रिप्टो-करेंसी से लाभ और
परिवारों को वैश्विक व्यापार करने में मदद मिलेगी.

अमेरिका और यूरोप में जो बड़े वित्तीय पैकेज दिया गए उन्होंने परिवारों की ओर से मैनुफैक्चर्ड माल की मांग
बढ़ा दी. राजनीतिक मोर्चे पर, मुख्य ज़ोर उस मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार बचाने पर रहा है जो चीन चला
गया. मजदूर संघ और मतदाता मांग कर रहे हैं कि कारखानों को वापस अमेरिका लाया जाए. परिवारों की ओर
सेवाओं के लिए मांग भी बढ़ी है और अधिक बढ़ सकती है. अमेरिका और यूरोप की कंपनियों के लिए यह
गुंजाइश बढ़ रही है कि वे लोगों को ‘वर्क फ्रॉम होम’ वाली व्यवस्था के तहत काम पर रखें.

क्रिप्टो की कीमत किस प्रकार तय की जाती है?

आज कल हजारों क्रिप्टोकरेंसी प्रचलन में हैं, लेकिन कुछ की कीमत दसियों हज़ार डॉलर है जबकि अन्य की कीमत काफी कम हैं। इसका कारण क्या है? और कुछ क्रिप्टोकरेंसी दूसरों की तुलना में अधिक मूल्यवान क्यों हैं?

माइनिंग के माध्यम से बनाए गए सारे बिटक्वाइन (या क्वाइन) माइनर के पास नहीं होते। इसके बजाए कई क्वाइंस को एक्सचेंज प्लेटफॉर्म और अन्य साइटों को खरीदने के लिए बेच दिया जाता है, इस तरह वे पूरे बाजार में फैल जाते हैं। जिस कीमत पर टोकन आम जनता को बेचा जाएगा, उसे विभिन्न मानदंडों द्वारा निर्धारित किया जाता है।

इसके साथ ही माइनिंग की लागत का मुद्दा होता है। माइनिंग उपकरण और बिजली की लागत को कवर करने के लायक राशि के लिए प्रूफ-ऑफ-वर्क टोकन बेचा जाना चाहिए। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी की कीमत निर्धारित करने में मांग और आपूर्ति सबसे महत्वपूर्ण कारक होते हैं।

निष्कर्ष

जबकि हम में से बहुत से लोग क्रिप्टोकरेंसी से अपरिचित हैं, उनके आंतरिक कामकाज और बुनियादी सिद्धांतों को आसानी से वर्णित किया जा सकता है, जिससे हमें इस नवीन अवधारणा की बेहतर समझ मिलती है।

अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टो-करेंसी से लाभ क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।

क्रिप्टो करेंसी क्या है और यह कैसे करता है काम

नई दिल्ली, क्रिप्टो करेंसी एक ऐसी मुद्रा है जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है। यह एक स्वतंत्र मुद्रा है जिस पर किसी का मालिकाना हक नहीं होता है। यह दो लोगों के बीच में होता है।यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती। अमूमन रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं की तरह ही इस मुद्रा का संचालन किसी राज्य, देश, संस्था या सरकार द्वारा नहीं किया जाता। यह एक डिजिटल क्रिप्टो-करेंसी से लाभ करेंसी होती है जिसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है। आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है।

सबसे पहले क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत 2009 में हुई थी जो “बिटकॉइन” थी। इसको जापान के सतोषी नाकमोतो नाम के एक इंजीनियर ने बनाया था। 2009 से लेकर वर्तमान समय तक लगभग 1000 प्रकार की क्रिप्टो करेंसी बाजार में मौजूद हैं, जो पियर टू पियर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के रूप में कार्य करती है। बिटकॉइन के अलावा भी अन्य क्रिप्टो करेंसी बाजार में उपलब्ध हैं ।जिनका प्रयोग आजकल अधिक हो रहा है, जैसे- रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कोइन, वॉइस कॉइन और मोनरो।

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भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गर्वनर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने क्रिप्‍टोकरेंसी (Crypto Currency) को लेकर बड़ी बात कही है। उन्‍होंने क्रिप्टोकरेंसी को एक स्‍पष्‍ट खतरा बताया है और इससे सावधान रहने की सलाह दी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि बिना किसी अंतर्निहित के विश्वास के आधार पर मूल्य प्राप्त करने वाली किसी भी चीज़ को जोड़ना केवल अटकलें हैं। उन्‍होंने आरबीआई की रिपोर्ट को लेकर कहा कि इकोनॉमी रिकवरी की राह पर है तो वहीं भारतीय बैंक लाभ की ओर लौट रहे हैं।

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