स्मार्ट निवेश

रांची स्मार्ट सिटी में निवेश के लिए भुवनेश्वर में इंवेस्टर्स मीट का आयोजन, निवेशकों को दिया गया ऑफर
रांची स्मार्ट सिटी में निवेश के लिए भुवनेश्वर में इंवेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया. इस मौके पर रांची के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कहा कि झारखंड भविष्य और अपार संभावनाओं वाला राज्य है. इसलिए निवेशकों को रांची स्मार्ट सिटी में निवेश जरूर करना चाहिए. कार्यक्रम के दौरान निवेशकों को कई ऑफर भी दिए गए हैं.
रांची: झारखंड में निवेश को बढ़ावा देने के लिए इन दिनों इंवेस्टर्स मीट किया जा रहा है. इसके तहत रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन की ओर से ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में इंवेस्टर्स मीट 2021 का आयोजन सोमवार को किया गया. इस अवसर पर रांची के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि पूरे देश में झारखंड भविष्य और अपार स्मार्ट निवेश संभावनाओं वाला राज्य है. इसलिए विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के इच्छुक निवेशकों को रांची स्मार्ट सिटी में निवेश जरूर करना चाहिए.
मुकेश कुमार ने कहा कि देश के तमाम प्रतिष्ठित उद्योगपतियों, केंद्र सरकार के पीएसयू और देश के बड़े संस्थानों का संबंध झारखंड से जरूर रहा है, क्योंकि यहां पर खनिज संपदा के साथ-साथ मौसम और राज्य सरकार की ओर से बिजनेस व्यापार के लिए बनी नीतियां बेहद आकर्षित है. उन्होंने कहा कि इज ऑफ डूइंग बिजनेस में पिछले 5 वर्षों में लगातार झारखंड प्रथम पांच राज्यों की पंक्ति में खड़ा है.
निवेशकों से रांची स्मार्ट सिटी में निवेश करने का आग्रह
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रांची स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के सीईओ अमित कुमार ने भुवनेश्वर स्मार्ट निवेश के निवेशकों से रांची स्मार्ट सिटी में निवेश करने का आग्रह किया और कहा कि भुवनेश्वर में उच्च शिक्षा के लिए काफी संख्या में शैक्षणिक संस्थान हैं. जब हम रांची को एजुकेशन हब के रूप में विकसित कर रहे हैं तो आपका सहयोग जरूरी है. इस शहर को एजुकेशन हब बनाने में आपके अनुभव का महत्वपूर्ण योगदान मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन निवेशकों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं. निवेशकों को कोई असुविधा नहीं हो इसके लिए आकर्षक नीतियां बनाई गई हैं.
रांची को एजुकेशन हब के रूप में किया जाएगा विकसित
अमित कुमार ने कहा कि रांची स्मार्ट सिटी में ई ऑक्शन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और कॉन्टैक्टलेस है. देश के किसी भी कोने में बैठा निवेशक अपने पसंद के प्लॉट के लिए ऑक्शन में भाग ले सकते हैं. राज्य स्मार्ट निवेश सरकार का उद्देश्य है कि झारखंड की राजधानी को एजुकेशन हब के रूप में विकसित किया जाए. ईज ऑफ लिविंग के लिहाज से शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर को विकसित किया जा रहा है. जो अंतिम दौर में हैं. स्मार्ट सिटी क्षेत्र में पारदर्शिता का ख्याल रखते हुए आवासीय, शैक्षणिक, स्वास्थ्य, व्यावसायिक, मिक्स यूज इत्यादि क्षेत्र के लिए चिन्हित प्लॉट्स के ई ऑक्शन को कॉन्टैक्टलेस बनाया गया है. इस पूरे क्षेत्र में प्रदूषणयुक्त इंडस्ट्री लगाने का कोई प्रावधान नहीं है.
इन्वेस्टर्स मीट 2021 में निवेशकों को ये दिया गया ऑफर
- रांची को एजुकेशन हब बनाने के लिए निवेशकों को सरकार देगी पूरी सहायता
- विश्व के टॉप 5 हंड्रेड यूनिवर्सिटी का कोई भी एक विश्वविद्यालय अगर दिलचस्पी दिखाता है तो उसे ₹1 में 25 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाएगी
- शैक्षणिक क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां शैक्षणिक क्षेत्र के लिए चिन्हित प्लॉट्स पर ऑक्शन करेंगे तो उनका कीमत आवासीय की तुलना में एक तिहाई रखा गया है
- रांची स्मार्ट सिटी का मास्टर प्लान ट्रांसिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट पर आधारित है
- किसी भी प्लॉट से 400 मीटर की दूरी के अंदर ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध होगा
- निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए जीआईएस सब स्टेशन का निर्माण
- कोई भी बिजली और टेलीफोन का तार स्मार्ट सिटी क्षेत्र के अंदर ओवरहेड वायर के रूप में नहीं दिखाई देगा
- सभी यूटिलिटी सर्विसेज यूटिलिटी डक्ट के अंदर से होकर हर प्लॉट तक पहुंचेगा
- रांची स्मार्ट सिटी हर निवेशक को तकनीकी सहयोग के लिए तत्पर है
- शहर के विकास में ग्रीन तकनीकी पर विशेष बल दिया गया है
- ईज ऑफ लिविंग को प्रोत्साहित करने को ध्यान में रखते हुए विश्व स्तरीय योजनाएं बनाई गई है
- नए शहर में रिन्यूएबल एनर्जी, सोलर सिस्टम, सीएनजी जल संरक्षण और पर विशेष जोर दिया गया है
निवेशकों के सामने रखा गया स्मार्ट सिटी का रूप रेखा
भुवनेश्वर में आयोजित इंवेस्टर्स मीट 2021 कार्यक्रम में रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक राकेश कुमार नंदकुलयार ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए स्मार्ट सिटी का रूप रेखा और विभिन्न क्षेत्र में कार्य कर रहे संभावित निवेशकों के सामने रखा. इस दौरान रांची स्मार्ट सिटी में क्या कुछ खास है उन हर पहलुओं से निवेशकों को अवगत कराया गया. स्मार्ट सिटी में निवेश के इच्छुक निवेशकों ने भी कई सवाल रखे जिसका जवाब नगर आयुक्त स्मार्ट सिटी, सीईओ और जीएम की ओर से दिया गया. कार्यक्रम में स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन के पीआरओ अमित कुमार भी मौजूद रहे.
स्मार्ट निवेश
स्मार्ट मीटर राष्ट्रीय कार्यक्रम (एसएमएनपी)
एसएमएनपी कार्यक्रम Programme
एसएमएनपी के बारे में
स्मार्ट मीटर राष्ट्रीय कार्यक्रम (एसएमएनपी):
स्मार्ट मीटर राष्ट्रीय कार्यक्रम (एसएमएनपी) का लक्ष्य भारत में 25 करोड़ पारंपरिक मीटर को स्मार्ट मीटर से बदलना है। स्मार्ट मीटर एक वेब-आधारित निगरानी प्रणाली के माध्यम से जुड़े हुए हैं, जो यूटिलिटीज के वाणिज्यिक नुकसान को स्मार्ट निवेश कम करने, राजस्व बढ़ाने और बिजली क्षेत्र में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में काम करेंगे। स्मार्ट मीटर को लगाने के ईईएसएल कारोबारी मॉडल राजस्व संग्रह की वर्तमान मैनुअल प्रणाली में परिवर्तन किया जा रहा है। मैनुअल प्रणाली से कम बिलिंग आती है और कलेक्शन क्षमता कम होती है।
यह कार्यक्रम ‘कॉस्ट प्लस’ यानी लागत मूल्य सहित कीमत के दृष्टिकोण पर आधारित बीओओटी मॉडल के तहत कार्यान्वित किया जा रहा है, जिसका अर्थ है कि सभी पूंजीगत व्यय और संचालन व्यय का वहन ईईएसएल करेगा और राज्यों या यूटिलिटीज को अग्रिम निवेश की आवश्यकता नहीं होगी।
ईईएसएल ने आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार,एनडीएमसी-दिल्ली, राजस्थान, तेलंगाना के साथ स्मार्ट मीटर के लिये और उत्तर स्मार्ट निवेश प्रदेश तथा त्रिपुरा के साथ प्रीपेड मीटर के लिये समझौता ज्ञापन पत्र/समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं।
ईईएसएल की स्मार्ट मीटरिंग परियोजना द्वारा, एनडीएमसी पहला संस्थान बन गया है, जिसने बिना किसी अग्रिम निवेश के अपने सभी उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर दिये हैं।
इस कार्यक्रम के तहत, ईईएसएल ने 1.5 करोड़ स्मार्ट मीटर की खरीद प्रक्रिया पूरी कर ली है। ईईएसएल ने अब तक इस कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश, नई दिल्ली, हरियाणा और बिहार में 13.2 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए हैं।
घर-घर स्मार्ट मीटर लगाएगी गौतम अडानी की कंपनी, 500 करोड़ रुपये निवेश का ऐलान
अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई के मुताबिक 7 लाख स्मार्ट मीटर पहले चरण का लक्ष्य है और शेष 20 लाख उपभोक्ताओं को वित्त वर्ष 2025 के अंत तक स्मार्ट मीटर मिल जाएंगे। इसकी पैरेंट कंपनी अडानी ट्रांसमिशन है।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में घर-घर स्मार्ट मीटर लगाने के लिए गौतम अडानी की कंपनी अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई (एईएमएल) ने बड़े निवेश का ऐलान किया है। कंपनी ने बताया कि वह 2023 के अंत तक मुंबई में 7 लाख उपभोक्ताओं के लिए स्मार्ट मीटर लगाने के लिए 500 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। आपको बता दें कि एईएमएल की पैरेंट कंपनी अडानी ट्रांसमिशन है, जो शेयर बाजार में लिस्टेड है।
क्या है आगे की योजना: अडानी इलेक्ट्रिसिटी मुंबई के मुताबिक 7 लाख स्मार्ट मीटर पहले चरण का लक्ष्य है और शेष 20 लाख उपभोक्ताओं को वित्त वर्ष 2025 के अंत तक स्मार्ट मीटर मिल जाएंगे। मुख्य परिचालन अधिकारी कपिल शर्मा ने बताया कि कंपनी ने 1.10 लाख ऐसे स्मार्ट मीटर लगाए हैं, और शेष 5.90 लाख 2023 के अंत तक पहले चरण को पूरा करने के लिए किए जाएंगे।
शर्मा ने कहा कि मीटर उपभोक्ताओं को बिजली की खपत पर रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करने में मदद करेंगे। इसके अलावा भुगतान न करने की स्थिति में कंपनी को अपनी संग्रह दक्षता में सुधार करने में सक्षम बनाएंगे क्योंकि यह दूर से मीटर को डिस्कनेक्ट कर सकता है।
कितनी होगी लागत: कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी कंदरप पटेल ने कहा कि स्मार्ट मीटर की प्रत्येक इकाई की लागत 1,000 रुपये तक होती है, लेकिन समय के साथ होने वाले परिचालन खर्चों में बचत पहले की लागत से अधिक है। अतिरिक्त खर्च की लागत अंतत: ग्राहकों को ही वहन करनी होगी।
बता दें कि अडानी समूह की इस कंपनी ने करीब 4 साल पहले अनिल धीरूभाई अंबानी समूह से रिलायंस एनर्जी का अधिग्रहण किया था। यह अधिग्रहण 18,000 करोड़ रुपये में हुआ था।
Challenge: 100 स्मार्ट सिटी बनाने के लिए पैसा जुटाना बड़ी चुनौती, 150 अरब डॉलर की होगी जरूरत
नरेंद्र मोदी सरकार की 100 स्मार्ट सिटी बनाने की महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए अगले कुछ साल के दौरान 150 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी।
Surbhi Jain
Updated on: February 01, 2016 18:28 IST
Challenge: 100 स्मार्ट सिटी बनाने के लिए पैसा जुटाना बड़ी चुनौती, 150 अरब डॉलर की होगी जरूरत
मुंबई। नरेंद्र मोदी सरकार की 100 स्मार्ट सिटी बनाने की महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के लिए अगले कुछ साल के दौरान 150 अरब डॉलर के निवेश की जरूरत होगी। प्राइवेट सेक्टर इसमें प्रमुख रूप से योगदान करने वाला होगा। डेलायट की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस 150 अरब डॉलर में से 120 अरब डॉलर प्राइवेट सेक्टर से आएंगे। रिपोर्ट में कहा गया कि स्मार्ट सिटी के लिए पैसा जुटाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। सरकार ने 7.51 अरब डॉलर के शुरुआती खर्च के साथ पहले ही दो कार्यक्रम स्मार्ट शहर मिशन और अटल मिशन फॉर रिजुविनेशन ऑफ अर्बन ट्रांसफार्मेशन (अमृत) शुरू किए है।
पैसा जुटाना बड़ी चुनौती
डेलायट इंडिया के वरिष्ठ निदेशक पी एन सुदर्शन ने कहा, हालांकि, इन स्मार्ट शहरों के लिए फाइनेंसिंग चिंता का विषय है, लेकिन स्मार्ट शहर परियोजना प्रबंधन, सरकार की निर्णय प्रक्रिया तथा नीति और नियामकीय ढांचे का विकास प्रमुख चुनौतियां हैं। सरकार ने हाल में 20 शहरों की लिस्ट जारी की है जिनका विकास स्मार्ट शहर के रूप में किया जाएगा। इस सूची में भुवनेश्वर टॉप पर है। उसके बाद पुणे, जयपुर, सूरत, कोच्चि, अहमदाबाद, जबलपुर, विशाखापट्टनम, शोलापुर, दवानगेरे, इंदौर, नयी दिल्ली, कोयम्बटूर, काकीनाड़ा, बेलागवी, उदयपुर, गुवाहाटी, चेन्नई, लुधियाना और भोपाल का नंबर आता है।
सरकार ने 50,802 करोड़ रुपए किए आवंटित
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016 में सर्विस प्रोवाइडर और ओवर द टाप कंटेंट प्रदाता शहर स्तर के वाईफाई नेटवर्क में भारी निवेश करेंगे। यह स्मार्ट शहरों की सेवाओं की रीढ़ होगी। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने गुरुवार को पहले चरण में 20 शहरों के नाम घोषित किए हैं, जिन्हें स्मार्ट सिटी के तौर पर डेवलप किया जाएगा। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने इन शहरों की घोषणा की। उन्होंने बताया कि सरकार ने पहले चरण के लिए 50,802 करोड़ रुपए का आवंटन भी किया है।
AIIB को नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट प्रौद्योगिकियों में बढ़ाना चाहिए निवेश: सीतारमण
नयी दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) को नवीकरणीय ऊर्जा और स्मार्ट प्रौद्योगिकी में निवेश बढ़ाना चाहिए, इसके साथ ही उन्होंने इस स्मार्ट निवेश बहुपक्षीय एजेंसी से भारत में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने का भी अनुरोध किया. एआईआईबी के अध्यक्ष जिन लिकन ने वित्त मंत्री से यहां मुलाकात की. उन्होंने बैंक से संबंधित कई प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा की.
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एआईआईबी के भारत में बढ़ते पोर्टफोलियो की सराहना की और सुझाव दिया कि एजेंसी को भारत के अहम प्राथमिकता वाले क्षेत्रों मसलन नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा प्रभावशीलता और जलवायु संबंधी स्मार्ट प्रौद्योगिकियों में निवेश बढ़ाना चाहिए और इस ओर निजी वित्त आर्किषत करना चाहिए.’’ भारत एआईआईबी का संस्थापक सदस्य है. इस बहुपक्षीय बैंक में भारत के अधिकार में 7.74 इक्विटी हैं, जबकि चीन की 29.9 फीसदी.
मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत एआईआईबी का सबसे बड़ा ग्राहक है, इसके मद्देनजर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दोहराया कि एआईआईबी को भारत में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करने पर विचार करना चाहिए, जिससे परियोजना अधिकारियों तक पहुंच और संवाद सुगमता से हो सके.’’