ट्रेडिंग सत्र क्या हैं

Trading Muhurat: दीपावली के दिन सिर्फ एक घंटे के लिए खुलता है शेयर बाजार, जानें क्या है ट्रेडिंग मुहूर्त
दीपावली के दिन सभी धन-धान्य की देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। ज्यादातर दुकाने और ऑफिस बंद होते हैं। लेकिन दिवाली का त्योहार शेयर बाजार और उसके इनवेस्टर्स के लिए बहुत खास रहता है। उस दिन शेयर मार्केट दिन-भर भले ही बंद रहता है, मगर शाम को एक खास मुहूर्त कुछ समय के लिए ओपन होता है, जिसे ट्रेडिंग मुहूर्त कहा जाता है। आइए जानते हैं क्या है ट्रेडिंग मुहूर्त और दीपावली पर इसे लेकर क्या है परंपरा।
क्या है ट्रेडिंग मुहूर्त
दरअसल, दिवाली के दिन शेयर मार्केट में सालों से ट्रेडिंग मुहूर्त का रिवाज चला आ रहा है। शेयर बाजार की परंपरा के मुताबिक दिवाली के दिन सामान्य दिनों की तरह दिन के वक्त ट्रेडिंग नहीं की जाती है, लेकिन शाम को ट्रेडिंग मुहूर्त के लिए स्टॉक एक्सचेंज विशेष रूप से एक घंटे के लिए खोले जाते हैं। दिवाली पर शेयर मार्केट में इनवेस्ट करना बेहद शुभ माना जाता है। ट्रेडिंग मुहूर्त के दिन निवेशक बाजार में ट्रेडिंग कम और निवेश पर ज्यादा फोकस करते हैं। बता दें कि ट्रेडिंग मुहूर्त का चलन BSE में 1957 और NSE में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि ट्रेडिंग मुहूर्त पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है।
ट्रेडिंग मुहूर्त का समय
अगर बात करें इस बार के ट्रेडिंग मुहूर्त की, तो देश में शेयर बाजार में इस साल दिवाली के दिन यानि 24 अक्टूबर को शाम 6:15 बजे से लेकर शाम 7:15 बजे के बीच ट्रेडिंग मुहूर्त की जाएगी। 24 अक्टूबर को शाम 6 बजे प्री ओपनिंग सेशन शुरू होगा और 6:08 पर समाप्त हो जाएगा। ट्रेडिंग मुहूर्त में मैचिंग का समय शाम 6:08 से 6:15 बजे तक का होगा। हालांकि कॉल ऑप्शन में ट्रेड मॉडिफिकेशन शाम 7:45 बजे खत्म हो जाएगा।
वैसे तो दिवाली के दिन शेयर बाजार में भी छुट्टी होती है। अन्य दिनों की तरह सुबह 9.15 बजे से शेयरों की खरीद बिक्री नहीं की जाती है। लेकिन शाम को ट्रेडिंग मुहूर्त के तहत 1 घंटे के लिए शेयरों का न केवल ट्रेडिंग सत्र क्या हैं सौदा होता है, बल्कि मूहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान ही शेयर बाजार में की गई सभी बाइंग और सेलिंग का सेटलमेंट भी किया जाता है।
मुहूर्त ट्रेडिंग का क्या मतलब है?
शेयर बाजार में मुहूर्त ट्रेडिंग दीपावली के दिन होती है. यह सत्र एक घंटे का होता है.
दिवाली को लक्ष्मी का त्योहार माना जाता है. इसी वजह से छुट्टी होने के बावजूद इस दिन शेयर बाजार कुछ समय के लिए खुलता है.
मुहर्त ट्रेडिंग के बाद प्रार्थना की जाती है कि नया साल शेयर बाजार के लिए अच्छा रहे. इस दौरन नफे-नुकसान की चिंता किए बगैर बाजार में सौदे किये जाते हैं.
क्या होती है मुहूर्त ट्रेडिंग?
भारतीय परंपरा के अनुसार, देश के कई हिस्सों में दिवाली के साथ ही नए वित्त वर्ष की शुरुआत होती है. इस शुभ मुहूर्त पर शेयर बाजार के कारोबारी विशेष शेयर ट्रेडिंग करते हैं. इसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है.
क्या है मुहूर्त ट्रेडिंग का समय?
महुर्त ट्रेडिंग का समय बहुत पहले से निर्धारित नहीं होता. बीएसई और एनएसई दिवाली से कुछ दिन पहले शुभ मुहर्त के आधार पर इसका ऐलान करते हैं. पूरा सत्र एक घंटे का होता है. इस दौरान शेयरों की खरीद-फरोख्त सामान्य रूप से की जाती है. खास बात यह है मुहर्त ट्रेडिंग कारोबारी घंटों के इतर भी हो सकती है.
आम निवेशक भी मुहूर्त ट्रेडिंग में कारोबार कर सकते हैं. इस दौरान बीएसई पर टॉप वॉल्यूम वाले शेयरों का सम्मान किया जाता है. फिर लक्ष्मी पूजन होती है. इसके बाद ट्रेडिंग शुरू होती है. दोनों ही एक्सचेजों का स्पेशल मुहर्त ट्रेडिंग सत्र एक साथ शुरू होता है और साथ ही बंद होता है.
परंपराओं को मानने वाले पहला ऑर्डर अक्सर खरीद का देते हैं. दलाल स्ट्रीट के कुछ निवेशक अब भी मानते हैं कि इस दिन खरीदे गए शेयरों को अपने पास बनाए रखना चाहिए ताकि इन्हें अगली पीढ़ी को ट्रांसफर किया जा सके.
मुहूर्त ट्रेडिंग का इतिहास
एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज बीएसई 1957 से मुहूर्त ट्रेडिंग का आयोजन कर रहा है. एनएसई में 1992 से यह परंपरा चली आ रही है. बीते सालों में इस दौरान मार्केट के प्रदर्शन पर नजर डालें तो, अधिकांश मौकों पर मुहूर्त ट्रेडिंग के दिन स्टॉक मार्केट निश्चित दायरे में रहा है.
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दिवाली ट्रेडिंग सत्र क्या हैं ट्रेडिंग सत्र क्या हैं के दिन इतने बजे पैसे लगाने से होगी धन की वर्षा! जानिए कब है शुभ मुहूर्त
यह सांकेतिक कारोबारी सत्र शाम को 6:15 बजे से 7:15 बजे के बीच होगा। ऐसी मान्यता है कि मुहूर्त के दौरान सौदे करना शुभ होता है और वित्तीय समृद्धि लाता है। अधिकतर निवेशक इस खास दिन का इंतजार करते हैं।
वैसे तो दिवाली के दिन ट्रेडिंग सत्र क्या हैं शेयर बाजार में कारोबार नहीं होगा लेकिन शाम के वक्त एक घंटे के लिए आपको पैसे लगाने का मौका मिलेगा। दरअसल, ट्रेडिंग सत्र क्या हैं हिंदू संवत वर्ष 2079 की शुरुआत के पहले दिन दीपावली है। इस मौके पर प्रमुख शेयर बाजार बीएसई और एनएसई ट्रेडिंग सत्र क्या हैं में एक घंटे का विशेष कारोबारी सत्र ‘मुहूर्त ट्रेडिंग’ होगा।
क्या है टाइमिंग: यह सांकेतिक कारोबारी सत्र शाम को 6:15 बजे से 7:15 बजे के बीच होगा। ऐसी मान्यता है कि मुहूर्त के दौरान सौदे करना शुभ होता है और वित्तीय समृद्धि लाता है। अधिकतर निवेशक इस खास दिन का इंतजार करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस ट्रेडिंग सत्र क्या हैं मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान पैसे लगाने पर निवेशक मालामाल होंगे।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट: अपस्टॉक्स में निदेशक पुनीत माहेश्वरी ने कहा, ‘‘किसी भी नई चीज की शुरुआत करने के लिए दीपावली को सबसे अच्छा वक्त माना जाता है। बाजार में धारणा सकारात्मक है और विभिन्न क्षेत्रों में खरीदारी हो रही है। माना जाता है कि इस सत्र के दौरान खरीदारी करने पर निवेशक को सालभर लाभ मिलता है।’’
उन्होंने कहा कि यह सत्र केवल एक घंटे का है इसलिए नए कारोबारियों को इस दौरान सतर्कता बरतनी चाहिए क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव आता रहता है।
सेंकटम वैल्थ से जुड़े मनीष जेलोका ने कहा कि संवत 2078 के दौरान भारतीय शेयर बाजारों ने वैश्विक बाजारों की तुलना में कहीं अच्छा प्रदर्शन किया था जो संवत 2079 में भी जारी रहने की उम्मीद है। बता दें कि शेयर बाजार 26 अक्टूबर को बंद रहेंगे।
Stock Market Holiday: दिवाली बलिप्रतिपदा ट्रेडिंग सत्र क्या हैं पर आज शेयर बाजार बंद, बीएसई-एनएसई में नहीं होगा कारोबार
Stock Market Holiday: बुधवार यानी 26 अक्टूबर 2022 को बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर ट्रेडिंग पूरे सत्र के लिए बंद रहेगी।
भारतीय शेयर बाजार बुधवार को दिवाली बलिप्रतिपदा के कारण बंद रहेगा, इसलिए आज स्टॉक मार्केट में कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं होगी। बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार बुधवार यानी 26 अक्टूबर 2022 को बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर ट्रेडिंग पूरे सत्र के लिए बंद रहेगी।
बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर 2022 के लिए शेयर बाजार की छुट्टियों की सूची के अनुसार, आज शेयर बाजार के इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट और एसएलबी सेगमेंट में कोई खरीद-बिक्री नहीं होगी। इस बीच करेंसी डेरिवेटिव्स सेगमेंट और इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स सेगमेंट में ट्रेडिंग भी आज निलंबित रहेगी।
कमोडिटी सेगमेंट की बात करें तो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के तीनों मार्केट में पहले हाफ में ट्रेडिंग नहीं होगी, जबकि 26 अक्टूबर, 2022 को दूसरे हफ में शाम 5 बजे (शाम के सत्र) में ट्रेडिंग होगी।
इससे पहले बेंचमार्क इंडेक्स मंगलवार को लगातार सात दिनों तक बढ़त के बाद लाल निशान पर बंद हुए। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 287.70 अंक गिरकर 59,543.96 के लेवल पर आ गया, जबकि निफ्टी 74 अंकों की गिरावट के साथ 17,656 के स्तर पर बंद हुआ। शेयर बाजार में अगली छुट्टी आठ नवंबर को गुरुनानक जयंती के दिन रहेगी।
विस्तार
भारतीय शेयर बाजार बुधवार को दिवाली बलिप्रतिपदा के कारण बंद रहेगा, इसलिए आज स्टॉक मार्केट में कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं होगी। बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार बुधवार यानी 26 अक्टूबर 2022 को बीएसई (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज) और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर ट्रेडिंग पूरे सत्र के लिए बंद रहेगी।
बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट पर 2022 के लिए शेयर बाजार की छुट्टियों की सूची के अनुसार, आज शेयर बाजार के इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट और एसएलबी सेगमेंट में कोई खरीद-बिक्री नहीं होगी। इस बीच करेंसी डेरिवेटिव्स सेगमेंट और इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स सेगमेंट में ट्रेडिंग भी आज निलंबित रहेगी।
कमोडिटी सेगमेंट की बात करें तो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के तीनों मार्केट में पहले हाफ में ट्रेडिंग नहीं होगी, जबकि 26 अक्टूबर, 2022 को दूसरे हफ में शाम 5 बजे (शाम के सत्र) में ट्रेडिंग होगी।
इससे पहले बेंचमार्क इंडेक्स मंगलवार को लगातार सात दिनों तक बढ़त के बाद लाल निशान पर बंद हुए। इस दौरान बीएसई सेंसेक्स 287.70 अंक गिरकर 59,543.96 के लेवल पर आ गया, जबकि निफ्टी 74 अंकों की गिरावट के साथ 17,656 के स्तर पर बंद हुआ। शेयर बाजार में अगली छुट्टी आठ नवंबर को गुरुनानक जयंती के दिन रहेगी।
हर्श् वोरा कि चेकलिस्ट मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए
मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग के साथ-साथ लॉन्ग टर्म निवेश ट्रेडिंग सत्र क्या हैं के फंडामेंटल वैसे तो साल के बाकी दिनों के समान ही रहते हैं, पर यह एक घंटे का सत्र ऐतिहासिक ट्रेडिंग सत्र क्या हैं महत्व रखता है। यह पहली बार 1957 में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में एक नए हिंदू कैलेंडर वर्ष की शुरुआत के उपलक्ष्य में शुरू हुआ था और तब से हर साल आयोजित किया जाता है। नए साल का स्वागत करने के लिए, निवेशक आमतौर पर टोकन के रूप में केवल थोड़ी मात्रा में स्टॉक खरीदते हैं।
पर थोड़ी मात्रा में ही क्यों? एक कारण, इस घंटे के दौरान ट्रेडिंग वॉल्यूम कम होते हैं। इसका कारण यह है कि, एक घंटे की सीमित अवधि में, निवेशकों को उन पोजीशंस को क्लोज करने का समय नहीं मिल पाता है जिन्हें वे सत्र की शुरुआत में ले सकते हैं। इसे देखते हुए वे यह करने से बचते हैं। चूंकि दिवाली पर छुट्टी होती है, इसलिए बाजार में लोग भी रोज़ की तरह सक्रिय नहीं होते हैं।
दूसरा, चूंकि यह एक शुभ समय माना जाता है, इसलिए व्यापारी और निवेशक दोनों ही स्टॉक बेचने से बचते हैं, जब तक कि बाजार के फंडामेंटल ऐसा नहीं सुझाते। सक्रिय सेलर्स की कमी का मतलब बाजार में लिक्विडिटी कम होती है, जो बाजार की भागीदारी को बाधित करता है।
तो सवाल यह है कि हमें इस ट्रेडिंग सत्र में क्या करना चाहिए और कौन सी चेकलिस्ट हमारे फैसलों का मार्गदर्शन करेगी?
लंबी अवधि के निवेशकों के लिए ध्यान में रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अपने निवेश के फंडामेंटल पर टिके रहें। मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान, भावनात्मक उत्साह न दिखाएँ और रैंडम टिप्स के आधार पर स्टॉक न खरीदें। महत्वपूर्ण बात यह है कि लंबी अवधि में स्टॉक की कीमत कमाई में वृद्धि के साथ बढ़ती ही हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी कंपनी की आय में वृद्धि कम है, तो इस कंपनी में निवेश न करना बेहतर है।
इसी तरह, कंपनी के फंडामेंटल को जानने और ट्रैक करने के लिए अन्य मैट्रिक्स हैं; रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड, डेब्ट टू इक्विटी रेश्यो, प्राइस टू अर्निंग रेश्यो, ट्रेडिंग सत्र क्या हैं और बहुत कुछ होता है।
बात यह है कि, दिवाली के शुभ समय का उपयोग स्टॉक या म्यूचुअल फंड में, उनके फंडामेंटल्स का आकलन करने के बाद, अपने दीर्घकालिक निवेश करने के लिए करना बुद्धिमानी होगी।
और, याद रखें कि एक घंटे की ट्रेडिंग अवधि इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए अनुकूल नहीं होती है, विशेष रूप से कम वॉल्यूम और लिक्विडिटी को देखते हुए। स्विंग ट्रेडिंग के लिए (जिसका अर्थ है एक दिन से अधिक समय तक पोजीशन रखना), केवल तभी ट्रेड करें जब सेटअप सही हो और बाजार आकर्षक अवसर प्रदान कर रहा हो। यदि ऐसा नहीं होता है, तो आप इस घंटे का उपयोग टिकरटेप के स्क्रीनर का उपयोग करके फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयरों की जांच करने के लिए कर सकते हैं, और उन पर शोध कर अच्छे स्टॉक्स का पता लगा सकते हैं।
याद रखें, ट्रेड लेना केवल 1% कार्य होता है। अन्य 99% में स्टॉक की जांच करना, उन पर पूरी तरह से शोध करना, या अपनी रणनीतियों को बैक-टेस्ट करना होता है। इस शुभ समय के दौरान आप जो भी शोध या बैक-टेस्ट करेंगे, वह भी उतना ही फायदेमंद हो सकता है।
Harsh Vora is a proprietary investor and day trader with more than 10 yrs of experience in financial markets. He is interviewed on ET NOW and his columns are published in national financial newspapers like Live Mint, Money Control, and Business Standard.