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मुख्य व्यापारिक स्थिति

मुख्य व्यापारिक स्थिति
इमरान खान ने आगे कहा, "हमें वास्तव में दोनों देशों के साथ संबंध की जरूरत है। जो मैं नहीं चाहता वह एक और शीत युद्ध की स्थिति है जब हम ब्लॉक में हैं जैसे कि पिछले शीत युद्ध में हम संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबद्ध थे।पूरा मध्य एशिया, अफगानिस्तान हमारी कक्षा से बाहर हो गया।" उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान के लिए उनकी मुख्य चिंता यह थी कि कैसे 120 मिलियन लोगों को गरीबी से बाहर निकाला जाए।

मोहम्मद बिन राशिद यूएई सरकार की वार्षिक बैठकों के दौरान 'वी द यूएई 2031' के लॉन्च के साक्षी बने

दुबई, 22 नवंबर, 2022 (डब्ल्यूएएम) -- यूएई के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और दुबई के शासक हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने अगले 50 सालों के लिए एक राष्ट्रीय योजना और रोड मैप 'वी द यूएई 2031' का शुभारंभ किया।

राष्ट्रीय योजना सामाजिक, आर्थिक, निवेश और विकास पहलुओं पर ध्यान देने के साथ अगले दस सालों के भीतर देश के भविष्य को आकार देने वाला एक एकीकृत कार्यक्रम है।

यह योजना वैश्विक साझेदार, आकर्षक और प्रभावशाली आर्थिक केंद्र के रूप में यूएई की स्थिति को बढ़ाने का प्रयास करती है। साथ ही इसका उद्देश्य यूएई के सफल आर्थिक मॉडल और सभी वैश्विक भागीदारों को प्रदान किए जाने वाले अवसरों को उजागर करना है।

हिज हाइनेस शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने कहा कि 'वी द यूएई 2031' देश की प्रगति को एक अधिक कुशल और विकसित भविष्य की दिशा में आकार देगा, जिसमें सभी संस्थाएं और संस्थान एक एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर सहयोग करेंगे।

पाकिस्तान और भारत के बीच अच्छे संबंध पर बोले इमरान खान- भाजपा राज में ऐसा होने की गुजाइंश नहीं

Imran Khan wants good ties between Pakistan India but says no chance of it during BJP govt | पाकिस्तान और भारत के बीच अच्छे संबंध पर बोले इमरान खान- भाजपा राज में ऐसा होने की गुजाइंश नहीं

Highlights इमरान खान ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यदि दोनों पड़ोस देश एक-दूसरे के साथ व्यापार स्थापित करते हैं तो क्या आर्थिक फायदे हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि फायदे तो काफी होंगे, लेकिन तब उन्होंने दलील दी कि कश्मीर मुद्दा मुख्य बाधक है। खान ने कहा कि मैं समझता हूं कि यह संभव है लेकिन भाजपा सरकार बहुत कट्टर है तथा उसका इन मुद्दों पर राष्ट्रवादी दृष्टिकोण है।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि वो भारत के साथ अपने देश के अच्छे संबंध चाहते हैं, लेकिन राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में रहते हुए ऐसा होने मुख्य व्यापारिक स्थिति की गुजाइंश नहीं है। ब्रिटिश अखबार 'द टेलीग्राफ' के साथ एक इंटरव्यू में 70 वर्षीय खान ने उन आर्थिक लाभों पर प्रकाश डाला, जो दोनों पड़ोसी देशों के बीच व्यापार स्थापित करने पर हासिल किए जा सकते हैं।

Rashifal 24 November 2022 : मेष मिथुन के लिए भाग्योदय, धन लाभ, यात्रा, सिंह तुला क्रोध पर रखें नियंत्रण, जानें 12 राशियों का भविष्यफल

Aaj Ka Rashifal 24 November 2022 : आज के पंचांग की बात करें तो सूर्य दक्षिणायन है। सूर्य दक्षिण गोल, हेमंत ऋतु, मध्याह्न 1:30 से शाम 3:00 बजे तक राहुकाल 24 नवंबर गुरुवार, मार्गशीर्ष, शक संवत 1944, मार्गशीर्ष शुक्ल प्रतिपदा रात्रि 1:38 तक उसके उपरांत द्वितीय तिथि शुरू। आइए जानते हैं 12 राशियों का भविष्यफल

Aaj Ka Rashifal 24 November 2022 :गुरु मार्गी हो गए हैं। गुरु के मार्गी होने का लाभ कई राशियों को मिलेगा। राहु मेष राशि में है। वृषभ राशि में मंगल की स्थिति है। तुला राशि में केतु विराजमान है। सूर्य बुध और चंद्रमा वृश्चिक राशि में बैठे हैं। शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं जबकि गुरु मार्गी होकर मीन राशि में गोचर कर रहे हैं। मंगल अभी भी अपनी वक्री अवस्था में चल रहे हैं।

BJP के सत्ता में रहने तक भारत से अच्छे रिश्ते नामुमकिन. मोदी सरकार के लिए इमरान खान के जहरीले बोल

Khushbu Rawal

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: November 22, 2022 7:43 IST

imran khan- India TV Hindi

Image Source : PTI इमरान खान

लाहौर: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि उनके देश को भारत के साथ रिश्ते सुधारने की जरूरत है, लेकिन यह भी साफ कर दिया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सत्ता में रहने तक अच्छे रिश्ते बनना मुमकिन नहीं है। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को ब्रिटिश दैनिक द टेलीग्राफ के साथ एक इंटरव्यू में पीटीआई अध्यक्ष ने उन आर्थिक लाभों पर प्रकाश डाला, जो दोनों पड़ोसी देशों के एक-दूसरे के साथ व्यापार मुख्य व्यापारिक स्थिति स्थापित करने से हासिल हो सकते हैं।

व्यापार संतुलन का अर्थ (Balance of Trade meaning in hindi )

सामान्यतः व्यापार संतुलन किसी भी देश के आयातों व निर्यातों के अंतर को स्पष्ट करता है। यानि कि हम दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि " दो या दो से अधिक देशों के बीच किसी निश्चित समय में होने वाले आयात व निर्यात के अंतर को व्यापार शेष या व्यापार संतुलन कहते हैं।"

बेनहम के अनुसार- " किसी देश का व्यापार संतुलन उस संबंध को व्यक्त करता है। जो एक निश्चित समयावधि में उसके आयात व निर्यात के मध्य पाया जाता है। "

जब दो देशों के आयात व निर्यात आपस में बराबर होते हैं तो उनका व्यापार, संतुलन की दशा में कहलायेगा। परंतु व्यवहार में ऐसी संभावना बहुत कम होती है। किसी देश का या तो आयात अधिक होता है अथवा निर्यात।

जब एक देश के आयातों की तुलना में, उसके निर्यात अधिक होते हैं। तो वह अनुकूल व्यापार संतुलन कहलाता है। इसके विपरीत जब निर्यातों की तुलना में आयात अधिक होते हैं तो तो वह प्रतिकूल व्यापार संतुलन कहलाता है।

भुगतान संतुलन का अर्थ (Balance of Payment meaning in hindi)

भुगतान-संतुलन या भुगतान-शेष का अर्थ, किसी भी देश विदेश की वस्तुओं के आयातों एवं निर्यातों और उनके मूल्यों के समस्त लेखा-जोखा होता है। विश्व के प्रत्येक देशों के बीच विभिन्न वस्तुओं के आयातों और निर्यातों के अलावा अन्य प्रकार के लेन देन भी किये जाते हैं उदाहरणार्थ- बीमा से सम्बंधित लेन देन, जहाजों का किराया, बैंकों से सम्बंधित शुल्क, ब्याज, लाभ का हिसाब, पूँजी के स्थानांतरण से सम्बंधित लेन देन व सेवाओं का पुरस्कार आदि।

व्यापार संतुलन के अतिरिक्त जब अन्य सभी विदेशी लेन देन भी सम्मिलित कर लिए जाते हैं। तो वह भुगतान शेष अथवा भुगतान संतुलन balance of payment कहलाता है। इस प्रकार भुगतान संतुलन किसी देश में एक निश्चित समय मे समस्त विदेशी लेन देन का विवरण होता है।

प्रो. बेनहम के अनुसार- " किसी देश का भुगतान संतुलन किसी दिए हुए समय में सम्पूर्ण विश्व के साथ उसके लेन देन का लेखा जोखा होता मुख्य व्यापारिक स्थिति है। "

व्यापार संतुलन व भुगतान संतुलन में अंतर (Differences between Balance of Trade and Balance of Payment in hindi)

यदि हम तुलनात्मक अध्ययन करें तो व्यापार संतुलन और भुगतान संतुलन के बीच अंतर को हम निम्नलिखित अंतर के माध्यम से जान सकते हैं।

1. व्यापार सतुलन में आयात निर्यात की जाने वाली दृश्य मदों को ही शामिल किया जाता है। अर्थात इसमें केवल उन मदों को शामिल किया जाता है जिनका विशेष लेखा-जोखा बंदरगाहों पर होता है। जैसे- माल तथा वस्तुएँ। जबकि भुगतान संतुलन में दृश्य मदों के साथ अदृस्य मदों को भी शामिल किया जाता है। अर्थात इनमें उन वस्तुओं को भी शामिल किया जाता है जिनका लेखा-जोखा बंदरगाहों पर नहीं होता। जैसे- बीमा व्यय, बैंक शुल्क, पूँजी व ब्याज का हस्तांतरण, विशेषज्ञों की सेवाएं आदि।

2. व्यापार संतुलन को, भुगतान संतुलन का एक भाग कहा जा सकता है। क्योंकि भुगतान संतुलन की धारणा व्यापक होती है। यानि कि सीधे शब्दों में कहा जाए तो भुगतान संतुलन में व्यापार संतुलन समाहित होता है।

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