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कमीशन मुक्त में निवेश कैसे करें?

कमीशन मुक्त में निवेश कैसे करें?
By Pulkit Jain | 2021-06-30T11:19:20+00:00 January 30th, 2021 | Categories: ITR Filing | Comments Off on 5 इनकम टैक्स के प्रमुख

जीएसटी सुविधा केंद्र

5 इनकम टैक्स के प्रमुख

धारा 14 आयकर अधिनियम, 1961 के अनुसार, एक व्यक्ति के लिए पांच मुख्य आयकर प्रमुख हैं। आयकर की गणना एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसकी गणना एक व्यक्ति की आय के अनुसार की जाती है। एक परेशानी मुक्त गणना के लिए, आय को ठीक से वर्गीकृत किया जाना चाहिए ताकि उसी के संबंध में कोई भ्रम न हो। सरकार ने आय के स्रोतों को अलग-अलग शीर्षों के तहत वर्गीकृत किया है और फिर आयकर की गणना तदनुसार की जाती है। प्रावधान और नियम आयकर अधिनियम में उल्लिखित विवरण के अनुसार हैं

  • वेतन से आय
  • घर की संपत्ति से आय
  • लाभ या व्यवसाय या व्यवसाय के लाभ
  • कैपिटल गेन्स से आय
  • अन्य स्रोतों से आय

वेतन से आय

आयकर प्रमुखों का पहला सिर वेतन से आय है, जो इस खंड को अनिवार्य रूप से किसी भी पारिश्रमिक को आत्मसात करता है, जो किसी व्यक्ति द्वारा रोजगार के अनुबंध के आधार पर प्रदान की गई सेवाओं के संदर्भ में प्राप्त होता है। यह राशि केवल आयकर के लिए विचार करने के लिए अर्हता प्राप्त करती है, यदि क्रमशः भुगतानकर्ता और आदाता के बीच नियोक्ता-कर्मचारी संबंध है। वेतन में मूल वेतन या वेतन, अग्रिम वेतन, पेंशन, कमीशन, ग्रेच्युटी, अनुलाभ के साथ-साथ वार्षिक बोनस भी शामिल होना चाहिए।

भत्ते : एक भत्ता एक निश्चित मौद्रिक राशि है जो नियोक्ता द्वारा कर्मचारी को कार्यालय के काम से संबंधित खर्चों के लिए भुगतान किया जाता है। भत्ते को आमतौर पर वेतन में शामिल किया जाता है और कर पर छूट दी जाती है जब तक कि छूट उपलब्ध न हो।

विशिष्ट कर छूट वेतन के हिस्से के रूप में नियोक्ताओं द्वारा अनुमत भत्ते हैं। उनमें से कुछ हैं।

घर की संपत्ति से आय

आयकर प्रमुखों का दूसरा प्रमुख घर की संपत्ति से आय है, आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार, धारा 22 से 27 घर के संपत्ति या भूमि से किसी व्यक्ति की कुल मानक आय की गणना के प्रावधानों के लिए समर्पित है। वह धारण करती है। एक दिलचस्प पहलू यह है कि यह शुल्क संपत्ति या जमीन से प्राप्त होता है न कि प्राप्त किराए की राशि पर। हालांकि, यदि संपत्ति का उपयोग व्यापार के सामान्य पाठ्यक्रम को छोड़ने के लिए किया जाता है, तो किराए से आय पर विचार किया जाएगा।

आयकर प्रमुखों का तीसरा प्रमुख व्यवसाय के मुनाफे से आपका स्वागत है जिसमें कुल आय की गणना व्यवसाय या पेशे के लाभ से अर्जित आय से की जाएगी। अर्जित व्यय और राजस्व के बीच का अंतर चारित्रिक होगा। यहाँ सिर के नीचे आय करदाता की एक सूची है:

  • आकलन वर्ष के दौरान निर्धारिती द्वारा अर्जित लाभ
  • एक संगठन द्वारा आय पर लाभ
  • एक निश्चित लाइसेंस की बिक्री पर मुनाफा
  • एक सरकारी योजना के तहत निर्यात पर एक व्यक्ति द्वारा प्राप्त नकद
  • किसी फर्म में साझेदारी के परिणामस्वरूप प्राप्त लाभ, वेतन या बोनस
  • किसी व्यवसाय में प्राप्त लाभ

कैपिटल गेन्स से आय

कैपिटल गेन्स एक कैपिटल एसेट को बेच या ट्रांसफर करके एक निर्धारिती द्वारा अर्जित लाभ या लाभ है, जिसे एक निवेश के रूप में रखा गया था। कोई भी संपत्ति, जो व्यापार या पेशे के लिए एक निर्धारिती द्वारा आयोजित की जाती है, पूंजीगत लाभ के रूप में कहा जाता है।

आय का कोई अन्य रूप, जो कि उपर्युक्त खंडों में वर्गीकृत नहीं है, को इस श्रेणी में क्रमबद्ध किया जा सकता है। बैंक जमा, लॉटरी पुरस्कार, कार्ड गेम, जुआ या अन्य खेल पुरस्कारों से ब्याज आय इस श्रेणी में शामिल हैं। ये आय आयकर अधिनियम की धारा 56 (2) में जिम्मेदार हैं और आयकर के लिए प्रभार्य हैं।

ITR फाइलिंग पर किसी भी तरह की मदद के लिए कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लें। आप अपने आईटीआर सॉफ्टवेयर के जरिए खुद आईटीआर फाइल कर सकते हैं या आयकर रिटर्न दाखिल करने में सीए की मदद ले सकते हैं।

PF में निवेश करने वालों को झटका, कैसे होगा नुकसान जानें विस्‍तार से


नई दिल्‍ली । बजट 2021 के ऐलान के बाद प्रोविडेंट फंड (PF) में निवेश करने वालों को झटका लगा है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि अब एक वित्त वर्ष में केवल 2.5 लाख रुपये तक निवेश करने पर ही टैक्स में छूट का लाभ मिलेगा. यानी इससे अधिक निवेश किया है तो ब्याज से कमाई कमीशन मुक्त में निवेश कैसे करें? टैक्स के दायरे में आएगी. फिलहाल पीएफ पर ब्याज दर 8 प्रतिशत है और ब्याज से होने वाली इनकम पूरी तरह टैक्स फ्री है.

मतलब यह है कि अगर किसी के पीएफ में साल में 2.5 लाख से ज्यादा जमा होता है तो उसको इस पर मिलने वाले Return पर ब्याज देना होगा. यह नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू होगा. नए नियम के मुताबिक ऐसे व्यक्ति जिनका भविष्य निधि अंशदान किसी वित्तीय वर्ष में 2.5 लाख या उससे अधिक है, तो वे अगले वित्तीय वर्ष से अर्जित ब्याज पर कर छूट का लाभ नहीं ले पाएंगे. कर्मचारियों के प्रोविडेंट फंड में निवेश से सालाना 2.5 लाख रुपये तक के निवेश से होने वाली रिटर्न आय को ही टैक्स फ्री रखा गया. अब इससे ऊपर के निवेश से मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स लगेगा.

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बजट 2021 पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘बड़ी कमाई करने वाले कर्मचारियों द्वारा अर्जित इनकम के लिए टैक्ट छूट को युक्तिसंगत बनाने की खातिर कर्मचारियों के विभिन्न भविष्य निधि के लिए 2.5 लाख के सालाना कंट्रीब्यूशन से अर्जित रिटर्न पर टैक्स छूट को रोकना प्रस्तावित है. अभी तक प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले रिटर्न को टैक्स से मुक्त रखा गया था.’

बजट पेश करने के बाद आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘EPFO श्रमिकों के कल्याण के लिए है और इस कदम से वे प्रभावित नहीं होंगे. यह केवल EPFO में आने वाली भारी-भरकम रकम के लिए जिन्हें टैक्स से राहत मिलती है और 8 फीसदी का रिटर्न भी मिलता है.’

कांग्रेस ने साधा निशाना : गौरतलब है कि प्रोविडेंट फंड, नेशनल पेंशन स्कीम में निवेश पर भी टैक्स लाभ कमीशन मुक्त में निवेश कैसे करें? मिलता है. इसके तहत निवेश सेक्शन 80सी के तहत आता है. इसके अलावा इंट्रेस्ट इनकम और विदड्रॉल भी पूरी तरह टैक्स फ्री है. वहीं पीएफ को भी टैक्स के दायरे में लाने पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस नेता सुष्मिता देव ने ट्वीट किया, मोदी सरकार के बजट 2021 में सरकारी संपत्ति को पूंजीपति मित्रों को बेचने की योजना है. वंचित तबके को कोई राहत नहीं दी गई है. पीएफ को टैक्स के दायरे में लाकर सबसे बड़ी मार मिडिल क्लास पर पड़ी है. पेट्रोल, डीजल और एलपीजी पर कोई राहत नहीं है.नरेगा फंड में 42 फीसदी की कटौती करके ग्रामीण महिला पर चोट पड़ी है.

जीएसटी सुविधा केंद्र के साथ मनी ट्रांसफर और एईपीएस एजेंट बनें

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वे दिन आ गए हैं जब आपको देश के दूसरे हिस्से में रहने वाले अपने प्रियजनों को पैसे ट्रांसफर करने के लिए लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता था। मनी ट्रांसफर सेवा के साथ, भारत में किसी भी बैंक खाते में पैसे ले जाना परेशानी से मुक्त हो गया है।

योग्यता पात्रता मानदंड समझें ? यही पर है।

पहले और सबसे महत्वपूर्ण विचार ने इस अवसर के बारे में आपके दिमाग पर हमला किया कि क्या आप पात्रता मानदंड को पूरा करते हैं या नहीं। चिंता न करें, और आप यहां पात्रता मानदंड की जांच कर सकते हैं।

कोई भी भारतीय नागरिक जीएसटी सुविधा केंद्र शुरू कर सकता है और अन्य व्यवसायों का समर्थन कर सकता है। जीएसटी सुविधा केंद्र जीएसटी सुविधा केंद्र है जिसे जीएसपी ने नाम दिया है और अधिकृत किया है। कोई भी भारतीय नागरिक बाजार के किसी भी आकार की सेवा करने के लिए जीएसके शुरू कर सकता है।

योग्यता मापदंड

  • भारत का नागरिक होना चाहिए
  • 18 वर्ष की आयु पूरी कर ली हो
  • कंप्यूटर का बेसिक ज्ञान होना चाहिए
  • न्यूनतम 12 वीं पास होना चाहिए

उम्मीदवारों को जीएसटी सुविधा केंद्र के साथ मनी ट्रांसफर और एईपीएस एजेंट बनने के लिए किसी अन्य अतिरिक्त अनुभव की आवश्यकता नहीं है। बेरोजगार लोगों के अलावा, अतिरिक्त आय की तलाश में लोग जीएसटी सुविधा केंद्र से जुड़ सकते हैं।

आवेदन कैसे करें?

आवेदन प्रक्रिया बहुत सरल है। आवेदन प्रक्रिया के दौरान आवश्यक दस्तावेजों की सूची आवेदन प्रक्रिया के विवरण के साथ नीचे उल्लिखित है। और अधिक जानने के लिए आगे पढ़ें:

चरण 1 – केवाईसी सबमिशन

  • 1 फोटोग्राफ
    1 फोटो आईडी कार्ड (या तो आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड या पासपोर्ट)

पते का सबूत

चरण 2 – सत्यापन

  • दस्तावेजों का सत्यापन
  • पते का सत्यापन

चरण 3 – भुगतान प्रक्रिया

  • आपको 25 साल के लाइसेंस के लिए भुगतान करना होगा
  • समझौते के लिए आपको भुगतान करना होगा

कब मिलेगा कमीशन?

  • अकाउंट खोलने की सुविधा देने वाले पीओपी को सितंबर से कमीशन मिलना शुरू हो जाएगा। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुताबिक 1 सितंबर 2022 से लागू होने वाली इस योजना में पीओपी को कम से कम 10 हजार रुपये कमीशन ले सकेंगे।
  • पेंशन नियामक ने कहा कि नेशनल पेंशन सिस्टम में योगदान के लिए सीधे बैंक अकाउंट से संबंधित एजेंसी को पैसा ट्रांसफर करना ई-एनपीएस की तरह है। इसलिए इस पर कमीशन संबंधित पीओपी को दिया जाएगा। डायरेक्ट ट्रांसफर पर पीओपी को एक निश्चित अवधि पर मिलने वाला कमीशन 0.20 % होगा। इससे संबंधित एजेंसी को सीधे फंड ट्रांसफर करने की सुविधा को ग्राहकों पर फोकस किया गया है।
  • आपको बता दें कि नेशनल पेंशन सिस्टम में 40 % एन्युटी का ऑप्शन होता है।
  • तो फिर हर साल एन्युटी रेट 6% पर रिटायरमेंट के बाद आपको कई सारे रुपये की राशि मिलती है। आपकी बाकी बची रकम एन्युटी में जाएगी। अब इसी एन्युटी की रकम से आपको हर महीने कुछ रुपये पेंशन में मिलेगी। आपको बता दें कि एन्युटी की रकम जितनी ज्यादा रखेंगे उतनी ज्यादा पेंशन मिलेगी।

नेशनल पेंशन सिस्टम क्या होती है?

national pension system

  • नेशनल पेंशन सिस्टम को साल 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था। लेकिन फिर नेशनल पेंशन सिस्टम की स्कीम को साल 2009 में सभी कैटेगरी के लोगों के लिए शुरू कर दिया गया।
  • आपको बता दें कि यह सरकार की चलाई जा रही यह एक कंट्रीब्यूटरी पेंशन स्कीम है। साथ ही आपकी एन्युटी की रकम और उसकी परफॉर्मेंस के आधार पर मंथली पेंशन भी मिलती है।
  • आपको बता दें कि एन्युटी एक प्रकार की निवेश योजना है जो ज्यादातर लोगों के लिए रिटायरमेंट के बाद बहुत उपयोगी होती है।
  • इससे कोई भी व्यक्ति अपने वर्किंग लाइफ की अवधि के समय पेंशन अकाउंट में नियमित रूप से योगदान दे सकता है लेकिन जमा हुए पैसे को एक हिस्से को वह एक कमीशन मुक्त में निवेश कैसे करें? बार में ही निकाल भी सकता है।
  • इसके अलावा बचे हुए पैसे का इस्तेमाल रिटायरमेंट के बाद नियमित पेंशन हासिल करने के लिए व्यक्ति कर सकता है।
  • व्यक्ति के निवेश और उस पर मिलने वाले रिटर्न से नेशनल पेंशन सिस्टम अकाउंट बढ़ता है। आपको बता दें कि एनपीएस एक लंबे समय का निवेश प्लान होता है।

सितंबर में क्या मिलेगा फायदा?

what is national pension system

  • नेशनल पेंशन सिस्टम के लिए खाता खोलने की सुविधा देने वाले पीओपी (पॉइंट ऑफ प्रेजेंस) इस महीने से कमीशन के रूप में आपको ज्यादा से ज्यादा 10 हजार रुपये दे सकता है।
  • आपको बता दें कि यह कमीशन तब मिलेगा जब सब्सक्राइबर्स ऑल सिटीजन मॉडल के तहत सीधे अपने खाते से पैसा संबंधित यूनिट को भेजने का विकल्प चुनते हैं।

कब मिलेगा कमीशन?

  • अकाउंट खोलने की सुविधा देने वाले पीओपी को सितंबर से कमीशन मिलना शुरू हो जाएगा। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के मुताबिक 1 सितंबर 2022 से लागू होने वाली इस योजना में पीओपी को कम से कम 10 हजार रुपये कमीशन ले सकेंगे।
  • पेंशन नियामक ने कहा कि नेशनल पेंशन सिस्टम में योगदान के लिए सीधे बैंक अकाउंट से संबंधित एजेंसी को पैसा ट्रांसफर करना ई-एनपीएस की तरह है। इसलिए इस पर कमीशन संबंधित पीओपी को दिया जाएगा। डायरेक्ट ट्रांसफर पर पीओपी को एक निश्चित अवधि पर मिलने वाला कमीशन 0.20 % होगा। इससे संबंधित एजेंसी को सीधे फंड ट्रांसफर करने की सुविधा को ग्राहकों पर फोकस किया गया है।
  • आपको बता दें कि नेशनल पेंशन सिस्टम में 40 % एन्युटी का ऑप्शन होता है।
  • तो फिर हर साल एन्युटी रेट 6% पर रिटायरमेंट के बाद आपको कई सारे रुपये की राशि मिलती है। आपकी बाकी बची रकम एन्युटी में जाएगी। अब इसी एन्युटी की रकम से आपको हर महीने कुछ रुपये पेंशन में मिलेगी। आपको बता दें कि एन्युटी की रकम जितनी ज्यादा रखेंगे उतनी ज्यादा पेंशन मिलेगी।
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