Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है?

स्टॉक मार्किट में निवेश कैसे करें । How to invest in Stock Market in India.
स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाले इच्छुक व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के documents और प्रक्रियाएं करनी पड़ती हैं जिनका वर्णन हम Step by step निम्नवत करेंगे। लेकिन उससे पहले व्यक्ति को शेयर बाज़ार की परिभाषा और शेयरों के प्रकार को समझना अति आवश्यक है। हमने तो अपने दैनिक जीवन में बहुत बार सुना है, शायद आपने भी अनेक लोगों के मुहं से सुना होगा की ‘’आज क्या हाल है शेयर बाज़ार का’’ ये सभी वे लोग होते हैं जिनका पैसा शेयर मार्किट में लगा होता है।
यदि आप भी इनमे से एक बनना चाहते हैं और जानना चाहते हैं की स्टॉक मार्किट में निवेश कैसे करें। तो आज हम आपको बताने वाले हैं कुछ Simple se steps जिनका अनुसरण करके एक सामान्य व्यक्ति भी stock market me invest कर सकता है।
स्टॉक मार्किट में निवेश करने के आसान कदम
स्टॉक मार्किट में निवेश कैसे करें (How to invest in Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है? stock market in Hindi):
स्टॉक मार्किट में निवेश करने से पहले व्यक्ति को यह जान लेना बेहद जरुरी है की जिस प्रकार या जितनी जल्दी इससे Kamai होती है । ठीक उसी प्रकार एक छोटी सी गलती इसमें व्यक्ति के पैसों को डूबा भी सकती है। इसलिए व्यक्ति को शेयर बाज़ार के रिस्क के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।
1. बैंक खाता ओपन करें
वैसे तो आज के समय में हर व्यक्ति का किसी न किसी बैंक में कोई न कोई बैंक खाता अवश्य होता है लेकिन यदि नहीं है तो स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाले व्यक्ति को सबसे पहले किसी बैंक में अपना खाता खुलवाना होगा। क्योंकि Brokerage Company से व्यक्ति को कमाए गए पैसे चेक के रूप में दिए जा सकते हैं। और व्यक्ति तभी cheque clear कर पायेगा जब उसका किसी बैंक में खाता होगा।
2. पैन कार्ड बनवाइए
Permanent account number (PAN) किसी भी प्रकार की कोई भी वित्तीय Transaction के लिए बेहद जरुरी होता है, इस 10 digit के नंबर को भारत सरकार का आयकर विभाग जारी करता है। हालाँकि PAN Card विभिन्न प्रक्रियाओं जैसे बैंक में खाता खोलने के लिए, Mutual fund में Invest करने के लिए एवं बहुत सारे वित्तीय कार्य करने के लिए चाहिए होता है। इसलिए Stock market me invest करने के लिए भी PAN की आवश्यकता होती है।
3. ब्रोकर सेलेक्ट कीजिये
शेयर खरीदना और बेचना किसी अन्य वस्तु को खरीदने जैसा आसान बिलकुल नहीं है, की गए और खरीद लिए । इसके लिए स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाले व्यक्ति को Broker का चयन करना होगा। Broker कोई व्यक्ति या कंपनी होती है जिन्होंने SEBI, NSE, BSE इत्यादि से यह कार्य करने के लिए License लिए हुए होते हैं। व्यक्ति को चाहिए की वह किसी विश्वसनीय व्यक्तिगत broker या कंपनी को चुने। इसके अलावा व्यक्ति विभिन्न कंपनीयों के साथ जुड़कर ऑनलाइन भी ट्रेडिंग कर सकता है।
4. डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करें
यदि व्यक्ति ने Broker का चयन कर लिया हो तो अगला Step स्टॉक मार्किट में निवेश करने के लिए Demat aur Trading account खोलने का है। Demat account में व्यक्ति के द्वारा ख़रीदे गए share stock करके रखे जायेंगे, और जो व्यक्ति के Stock portfolio में प्रकट होंगे। कोई भी व्यक्ति शेयर को भौतिक रूप से अपने पास नहीं रख सकता अर्थात इन्हें छू नहीं सकता ।
वे डीमेट के रूप में रखे जाते हैं इसलिए broker के माध्यम से ख़रीदे/बेचे जाने वाले Shares को रखने के लिए demat account की आवश्यकता पड़ती है। इसमें व्यक्ति को कभी भी भौतिक रूप से शेयर का प्रमाण पत्र नहीं मिलता है, लेन देन का Transaction केवल और केवल Demat account में ही reflect होता है।
5. डीपोजटरी के बारे में जानें
India में 1992 में हुए शेयर घोटाले के बाद सन 1996 के depository act के अंतर्गत भारत सरकार ने Demat accounts पर नज़र रखने हेतु दो depository companies National Security depository limited (NSDL) और Central depository services India limited (CDSL) को पंजीकृत किया हुआ है।
हालाँकि निवेशक को यह सेवा Broker द्वारा प्रदान की जाती है, लेकिन फिर भी स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाले निवेशक को DP के बारे में जानना चाहिए। Bombay stock exchange (BSE) Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है? द्वारा प्रमोट की जाने वाली depository CDSL और National stock exchange द्वारा NSDL को प्रमोट किया जाता है । इन दोनों के साथ depositary participant के तौर पर विभिन्न छोटे मोटे Broker कंपनियां और बैंक जुड़े हुए हैं ।
6. बड़े निवेश के लिए UIN की आवश्यकता
स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाला व्यक्ति यदि एक बार में 100000 रूपये से अधिक का Trade करना चाहता है तो उसे unique Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है? identification number की आवश्यकता हो सकती है । और एक लाख से कम का Trade करने वाले नियमित निवेशक बिना UIN के भी Trade कर सकते हैं।
7. शेयर खरीदना और बेचना
शेयर खरीदने और बेचने के लिए स्टॉक मार्किट में निवेश कर चुके व्यक्ति को चाहिए की वह अपनी आवश्यकतानुसार Broker को फ़ोन करके शेयर खरीदने और बेचने को कहे। उदाहरणार्थ: माना ABC कंपनी के शेयर का मूल्य 450 रूपये प्रति शेयर है, और व्यक्ति चाहता है की जब यह Share का मूल्य 425 हो जाय तो वह उसे ख़रीदे।
इस स्थिति में व्यक्ति अपने Broker को फ़ोन करके कंपनी का नाम, ख़रीदे जाने वाली शेयरों की संख्या और प्रति शेयर मूल्य ब्रोकर को बताकर उसके लिए शेयर खरीदने को कह सकता है। और यही क्रिया शेयर बेचने के लिए भी की जा सकती है । इसमें स्टॉक मार्किट में निवेश करने वाला व्यक्ति ब्रोकर को एक निश्चित मूल्य बताकर कह सकता है की जब उसके शेयर का मूल्य यहाँ तक पहुँच जाये तो वह उन्हें बेच दे।
मोबाइल एप्प के माध्यम से स्टॉक मार्किट में निवेश करना
वर्तमान में टेक्नोलॉजी ने स्टॉक मार्किट में निवेश करना भी काफी आसान कर दिया है । क्योंकि आज के इस दौर में कोई भी इच्छुक व्यक्ति घर बैठे ही अपने मोबाइल एप्प के माध्यम से आसानी से स्टॉक मार्किट में निवेश कर सकता है। जेरोधा, पेटीएम मनी एवं अन्य भी कई ऐसी मोबाइल एप्प हैं, जो बेहद कम ब्रोकरेज पर लोगों को स्टॉक खरीदने और बेचने की सुविधा घर बैठे उनके मोबाइल में प्रदान कर रही हैं।
इस तरह की मोबाइल एप्प के माध्यम से भी स्टॉक मार्किट में निवेश करने के लिए बैंक खाता, पैन कार्ड, आधार कार्ड इत्यादि का होना नितांत आवश्यक है। टेक्नोलॉजी की बदौलत वर्तमान में शेयर मार्किट से पैसे कमाने का इच्छुक व्यक्ति आसानी से घर बैठे स्टॉक मार्किट में निवेश कर सकता है।
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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।
146 साल का हुआ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज: कैसा रहा BSE का 1875 से लेकर अब तक का सफर?, जानिए सबकुछ
आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) 146 साल का गया है। 9 जुलाई 1875 में BSE की स्थापना हुई थी। यह एशिया का पहला और सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज है। करीब 41 साल पहले 100 के आधार अंक से शुरू हुआ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स आज 53,000 के पार पहुंच गया है। यानी सेंसेक्स में लगभग 530 गुना की बढ़ोतरी हुई है।
शेयर मार्केट की शुरुआत एक बरगद के पेड़ के नीचे 318 लोगों ने 1 रुपये के एंट्री फीस के साथ की थी। 25 जनवरी, 2001 को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने डॉलेक्स-30 लॉन्च किया था। इसे BSE का डॉलर लिंक्ड वर्जन कहा जाता है।
सेंसेक्स की शुरुआत कहानी
1986 में जब सेंसेक्स की शुरुआत हुई तो इसका बेस इयर 1978-79 को रखा गया और बेस 100 पॉइंट बनाया गया। जुलाई 1990 में ये आंकड़ा 1,000 पॉइंट पर पहुंच गया। 1991 के आर्थिक उदारीकरण के बाद सरकार ने FDI के दरवाजे खोले और बिजनेस करने के कानून में बदलाव किया। मार्केट वैल्यू का डिरेगुलेशन किया गया और अर्थव्यवस्था को सर्विस ओरिएंटेड कर दिया। इसने सेंसेक्स में गति बढ़ाई।
जब सेंसेक्स पहली बार बना, तब क्या बदलाव हुए
सबसे पहले सर्विस इंडस्ट्री, यानी बैंकिंग, टेलीकॉम और आईटी सेक्टर्स की कंपनियों को शामिल किया गया। इसके बाद 90 के दशक के अंत और 2,000 की शुरुआत में आईटी कंपनियों में तेजी से हो रहे डेवलपमेंट को देखते हुए पुरानी कंपनियों की जगह टीसीएस और इंफोसिस को शामिल किया गया। उदारीकरण के बाद से ही भारत की बड़ी कंपनियां घरेलू बिक्री पर ज्यादा निर्भर नहीं हैं। ये सभी कंपनियां एक्सपोर्ट के जरिए बिजनेस बढ़ाती रही हैं। वहीं आईटी सेक्टर में आउटसोर्सिंग की वजह से इन्फोसिस जैसी कंपनियों को फायदा हुआ है। टाटा जैसी ऑटोमोबाइल सेक्टर की कंपनी ने यूके जैसे विकसित बाजारों में कदम रखा है
हर्षद मेहता कांड:मार्च 1992 में सेंसेक्स पहली बार 4 हजार के स्तर पर बंद हुआ, लेकिन इसके बाद सेंसेक्स 2,900 से 4,900 के बीच झूलता रहा और इसे 5 हजार तक पहुंचने में सात साल से ज्यादा लग गया। इसका मुख्य कारण था कि इसी साल हर्षद मेहता के घोटाले का खुलासा होने से शेयर बाजार में भारी बिकवाली हुई थी।
2006 में 10 हजार पार
सेंसेक्स को 5 हजार से 10 हजार तक पहुंचने में 6 साल से ज्यादा समय लग गया। 7 फरवरी 2006 को सेंसेक्स 10,082.28 पर बंद हुआ, लेकिन अगले डेढ़ साल में ही सेंसेक्स 10 से 15 हजार के स्तर पर पहुंच गया।
सेंसेक्स के लिए 2007 सबसे बेहतरीन
9 जुलाई 2007 को सेंसेक्स 15,045.73 पर बंद हुआ। 2007 सेंसेक्स के लिए अब तक सबसे बेहतरीन साल रहा। अगले छह महीने में ही सेंसेक्स 20 हजार के स्तर पर पहुंच गया और दिसंबर 2007 में सेंसेक्स ने 20,000 का स्तर भी पार कर लिया था।
2008 की मंदी ने बाजार का खेल बिगाड़ा
8 जनवरी 2008 को सेंसेक्स ने कारोबार के दौरान पहली बार 21 हजार का स्तर पार किया था, लेकिन इसी साल आई अंतरराष्ट्रीय मंदी ने पूरा खेल बिगाड़ दिया था। मंदी की वजह से पूरी दुनिया के शेयर बाजारों के साथ ही भारतीय शेयर बाजार भी धड़ाम हो गए और 10 जनवरी 2008 को सेंसेक्स 14,889.25 के स्तर पर बंद हुआ. इसी साल 16 जुलाई को सेंसेक्स 12,575.8 पर बंद हुआ। इतना ही नहीं नवंबर 2008 में सेंसेक्स 8,451.01 के स्तर तक पहुंच गया था। इसके बाद सेंसेक्स को फिर वापस 21 हजार के स्तर तक जाने में करीब 3 साल लगे थे।
2014 में बाजार ने नरेंद्र मोदी का शानदार स्वागत किया
साल 2013 में BSE सेंसेक्स ने पलटी मारी और 18 जनवरी 2013 को सेंसेक्स फिर 20,039.04 पर बंद हुआ। 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनी। शेयर बाजार ने भी मोदी सरकार का जमकर स्वागत किया। 16 मई 2014 को ही सेंसेक्स 25,364 के स्तर तक पहुंच गया था। इसके बाद सेंसेक्स को Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है? 25 हजार से 30 हजार तक पहुंचने में तीन साल का समय लगा था।
साल 2017 में 30 हजार का स्तर
साल 2017 के अप्रैल महीने में सेंसेक्स 30,133 तक पहुंचा और अगले एक साल में ही सेंसेक्स 35 हजार के लेवल पर पहुंच गया। 17 जनवरी 2018 को सेंसेक्स 35,081 पर बंद हुआ। 30 अक्टूबर 2019 को सेंसेक्स ने 40,051 के स्तर को छू लिया था।
कोरोना संकट में बड़ा झटका लगा
सेंसेक्स जनवरी 2020 में 42 हजार के करीब पहुंच गया था, लेकिन इसके बाद साल 2020 का कोरोना ने तबाही मचाना शुरू कर दिया था। और यही कारण था कि सेंसेक्स मार्च 2020 में लॉकडाउन के बाद 25,981 तक पहुंच गया था, हालांकि अप्रैल के अंत और मई से सेंसेक्स में फिर से शानदार रिकवरी आने लगी।
15 महीने में 40 से 50 हजार का सफर
30 अक्टूबर 2019 को सेंसेक्स पहली बार 40,000 के पार बंद हुआ। विदेशी और घरेलू निवेशकों के दम पर सेंसेक्स ने करीब एक साल में ही 40 से 45 हजार तक का सफर तय कर लिया। 4 दिसंबर, 2020 को सेंसेक्स 45,079 पर बंद हुआ। इसके करीब डेढ़ महीने बाद ही सेंसेक्स ने 21 जनवरी 2021 को नया रिकॉर्ड बनाते हुए 50 हजार का आंकड़ा पार कर लिया।
किसने की थी बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत?
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की शुरुआत 4 गुजराती और एक पारसी शेयर ब्रोकर्स ने की थी। 1850 के आसपास अपने कारोबार के सिलसिले में मुंबई के टाउन हॉल के सामने बरगद के एक पेड़ के नीचे बैठक किया करते थे। इन ब्रोकर्स की संख्या साल-दर-साल लगातार बढ़ती गई। 1875 में इन्होंने अपना 'द नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन’ Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है? बना लिया, साथ ही, दलाल स्ट्रीट पर एक ऑफिस भी खरीद लिया। आज इसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज कहा जाता है।
दैनिक भास्कर से खास बातचीत में BSE के MD & CEO आशीष चौहान ने कहा कि BSE अपनी स्थापना के बाद पिछले 146 सालों से भारत में इन्वेस्टमेंट और वेल्थ क्रिएशन के लिए काम कर रहा है। BSE की सफलता की कोशिश, 7.2 करोड़ से ज्यादा निवेशक खाते, 4,700 से ज्यादा रजिस्टर्ड कंपनियों और 231 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के इक्विटी मार्केट कैपिटलाइजेशन से देखी जा सकती है। BSE आने वाले समय में भारत को डबल डिजिट एनुअल ग्रोथ हासिल करने में मदद करेगा।
शेयर कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं
शेयर मार्केट में शुरुआती दिनों में निवेश ₹ 5000 से ₹10000 के बीच करना चाहिए शेयर खरीदने और बेचने का तरीका और शेयर मार्केट की जानकारी होने के बाद निवेश की राशि बढ़ा सकते हैं .
यदि आप शेयर खरीदते और बेचते हैं तो आप मुनाफा कमा सकते हैं लेकन उसके लिए आपको शेयर मार्केट की जानकारी होना अति आवश्यक है मौजूदा समय में शेयर बाजार में लोग निवेशकर रहे हैं
शेयर बाजार जोखिमों के अधीन होता है यदि बाजार में गिरावट आई तो द्वारा खरीदे गए शेयरों में पैसे घटने के आसार बढ़ जाते हैं और यदि बाज़ार में बढ़त है तो आपके शेयर आपको मुनाफा देंगे
इसलिए जब मार्केट में मंदी हो तो शेयरों में इन्वेस्ट करना चाहिए और सही भाव देखकर शेयरों को बेच देना चाहिए
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Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है?
- शेयर का चुनाव करें.
- डीमैट अकाउंट में buy के ऑप्शन पर क्लिक करें
- खरीदे जाने वाले शेयरों की संख्या दर्ज करें
- नॉर्मल या सीएनसी ऑप्शन सेट करें
- मार्केट या लिमिट ऑप्शन सेट करें
- शेयर भाव दर्ज करके सबमिट कर दें
शेयर एक तरह से कंपनी अपने ग्राहक को सीधे तौर से स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से ग्राहक को देती है और म्यूच्यूअल फंड मैं सैकड़ों लोगों का पैसा मिला कर किसी कंपनी के शेयर खरीदते है
शेयर खरीदने के लिए आपको पहले डीमैट अकाउंट खुलवाना होगा और ब्रोकर के माध्यम से आप नेशनल स्टॉक एक्सचेंज , मुंबई स्टॉक एक्सचेंज आदि एक्सचेंजों पर ऑनलाइन शेयर खरीद या बेच सकते हैं
खरीदे हुए शेयर आपके NSDL के अकाउंट में जमा हो जाएंगे यह प्रक्रिया बिल्कुल बैंकिंग की तरह होती है बस बैंकिंग में रुपए का लेना देना होता है उसी तरह डीमेट अकाउंट में शेयर का लेना देना या होल्डिंग होती है .
डीमैट अकाउंट ओपन होने के बाद आप डीमैट में अकाउंट में अपनी आवश्यकता अनुसार बैलेंस क्रेडिट करें और शेयर खरीदना और बेचना शुरू कर सकते हैं यहां पर यह कहना सही होगा कि शेयर मार्केट में आप कम पूंजी से शुरुआत करें और अनुभव के साथ साथ ही सही समय आने पर अपनी जमा राशि डीमैट अकाउंट में बढ़ा सकते हैं शेयर मार्केट में लंबी अवधि के लिए खरीद फरोख्त करना शुरू करें
लंबी अवधि के शेयरों में नुकसान होने का चांस बहुत ही कम होता और जैसे ही आप लंबी अवधि के शेयरों में मुनाफा कमाना शुरु कर दें इंट्राडे शेयर में खरीद फरोख्त जारी कर सकते हैं
शेयर मार्केट में पैसा कमाने के लिए आपको शेयर मार्केट के संबंधित न्यूज़ समाचारों से अपडेट रहना होगा समय-समय पर शेयर मार्केट से जुड़े टीवी कार्यक्रम शेयर मार्केट न्यूज़ देखते रहना होगा सबसे पहले आप बैंकिंग सेक्टर में खरीदारी कर सकते हैं क्योंकि यह ऐसे सेक्टर है जिनमें ज्यादा उतार चढ़ाव देखने को नहीं मिलते हैं अन्य सेक्टरों में या नई कंपनियों में नफा के साथ साथ नुकसान भी आपको ज्यादा उठाना पड़ सकता है इसलिए शुरुआती दिनों में ऐसे शेयर का चुनाव करें शेयर बाजार में शेयर खरीदने का यही सबसे सही तरीका है .
भारतीय अर्थव्यवस्था में शेयर मार्केट का महत्वपूर्ण योगदान है जिसमें सभी कंपनियां अच्छा मुनाफा करने की उम्मीद से आम जनता से पैसा जुटाने का तरीका ढूंढती रहती हैं पिछले दिनों covid 19 के संक्रमण के कारण शेयर मार्केट में भारी गिरावट आई बैंकिंग शेयरों से लेकर फार्मा सेक्टर तक गिरावट की चपेट में आ गया लेकिन पिछले कुछ दिनों से शेयर मार्केट में एक अच्छी महंगाई देखने को मिली है फार्मा सेक्टर हो या बैंकिंग सेक्टर सभी सेक्टरों की कंपनियों और बैंकों के शेयरों में रिकवरी हुई हैं
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में भारी कारोबार हुआ SENSEX 52100 और निफ्टी 15700 के आसपास अपना स्कोर बना चुकी है
शेयर बाजार में एक ही शेयर पर 2 व्यक्तियों की सोच अलग-अलग होती है जिस शेयर को आप महंगा होने के लिए खरीद रहे हैं उसी शेयर को दूसरा व्यक्ति या सोचकर बेच रहा है कि आगे जाकर यह शेयर सस्ता हो जाएगा व्यक्तियों की अलग सोच की वजह से ही शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शेयरों की खरीदारी बिकवाली चलती रहती हैं आपकी कमाई इस पर निर्भर करती है कि आपका लिया गया फैसला कितना सही है
शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज
How to open a Demat Account : डीमैट खाता खोलने की प्रक्रिया बहुत आसान होती है. इसके लिए सबसे पहले आपको एर फॉर्म ऑनलाइन भरना होता है. जिसके बाद ई वेरिफिकेशन होता है. ये प्रोसेस पूरी होते ही आपका डीमैट खाता खुल जाता है.
Demat Account : शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने के लिए जरूरी है डीमैट अकाउंट. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.
तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.
क्या होता है डीमैट खाता
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जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.
डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.
कैसे खोलें डीमैट खाता
- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.
- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.
- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद Share Trading कैसे शुरू की जा सकती है? इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.
- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.
- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.
कौन खोलेगा डीमैट खाता
इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.
जरूरी शर्तें
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.