Binance दोहरा निवेश कैसे काम करता है

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PPF खाता क्या है? जानिए PPF खाता से 11 लाभ क्या है?
PPF खाता क्या है?
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पीपीएफ (PPF) खाते कैसे खोलें? पीपीएफ (PPF) खाते से क्या लाभ है? पीपीएफ (PPF) स्कीम क्या है? पीपीएफ (PPF) पर कितना ब्याज मिलता है? ऐसे बहुत सारे प्रश्न पिछले दिनों पूछा गया। आपके मन में भी इनमें से कोई प्रश्न है तो इसका उत्तर मैं दे रहा हूं।
कुछ समय पहले मैंने एक लेख लिखा था जिसका नाम है सुकन्या समृद्धि योजना इसे शॉर्टकट में SSY या SSA बोला जात है। अभी वर्तमान में जितने भी छोटी बचत योजना है उन सभी में से सबसे ज्यादा ब्याज सुकन्या समृद्धि योजना में ही दिया जाता है।
इसलिए यदि आपके घर में कोई बच्ची है जिसकी आयु 10 वर्ष से कम है तो आप सुकन्या समृद्धि खाता जरूर खुुुुलवाएं।
कुछ लोगों ने पूछा कि हमारे घर कोई लड़की नहीं है या लड़की है कि तो उसकी उम्र 10 साल से ज्यादा है। हमारे लिए कौन सा बचत योजना सबसे अच्छा रहेगा। कुछ लोग Mutual Funds, शेयर मार्केट (Stock Market), एसआईपी (SIP) में निवेश करने से डरते हैं।
वह सोचते हैं इसमें पैसा डूब जाएगा। बहुत से व्यक्ति को रिस्क कैपेसिटी नहीं होती है। वास्तव में बात सही है जिसमें रिस्क कैपेसिटी नहीं हो उसे स्टॉक मार्केट (Stock Market) या मुचल फंड (Mutual Fund) में निवेश नहीं करना चाहिए।
उनके लिए जिनके बेटी नहीं होने के कारण सुकन्या समृद्धि खाता Binance दोहरा निवेश कैसे काम करता है नहीं खुलवा सकते हैं। स्टॉक मार्केट में निवेश नहीं कर सकते हैं। सबसे अच्छा है पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF। 50 साल से भी ज्यादा समय से यह एक लोकप्रिय सेविंग स्कीम है।
यह सरकार द्वारा गारंटीड स्कीम है। इसमें सरकार ब्याज समेत वापस करने की गारंटी लेती है। इसमें किसी प्रकार का कोई भी खतरा नहीं है। इसलिए इसमें आप जरूर निवेश करें।
लेकिन मैं हमेशा कहता हूं निवेश करने से पहले हर पहलू की जांच कर ले। क्योंकि आपकी कमाई बहुत मेहनत की कमाई है। किसी के कहने से कहीं भी निवेश ना करें। तो जानते हैं पीपीएफ अकाउंट के बारे में ए टू जेड सभी बातें।
पीपीएफ खाता कहां खुलवा सकते हैं?
पीपीएफ खाता का पूरे भारत में कहीं भी किसी भी डाकघर अथवा बैंक में खुलवा सकते हैं। सरकारी बैंक में एसबीआई, पंजाब नेशनल बैंक के साथ-सथ सभी सरकारी बैंक एवं आईसीआईसी बैंक, एचडीएफसी बैंक जैसे प्राइवेट बैंक में भी आप पीपीएफ खाता खुलवा सकते हैं।
कई छोटे डाकघर ब्रांच या छोटे बैंक ब्रांच में यह सुविधा उपलब्ध नहीं होती है। इसलिए आप अपने शहर के मुख्य डाकघर और बड़े बैंक ब्रांच में संपर्क कर सकते हैं।
पीपीएफ खाता कैसे खुलवा सकते हैं?
यह खाता आप दो प्रकार से खुलवा सकते हैं एक ऑफलाइन और दूसरा ऑनलाइन।
आपको संबंधित डाकघर अथवा बैंक ब्रांच में जाकर कुछ आवश्यक दस्तावेज जैसे आपका फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड का फोटो कॉपी दस्तावेज जमा करके आसानी से ऑफलाइन खाता खुलवा सकते हैं।
ऑनलाइन खाता खुलवाने के लिए आप संबंधित डाकघर एवं बैंक के वेबसाइट पर जाकर अपना नाम एड्रेस सब कुछ डालने के बाद आवश्यक दस्तावेज का फोटो अपलोड करके यह खाता 2 मिनट में खुलवा सकते हैं।
पीपीएफ खाते से 11 लाभ
मनुष्य बिना लाभ से कोई भी काम नहीं करता। इसलिए आपको यह जानकारी होना आवश्यक है कि पीपीएफ खाता खुलवाने से हमें क्या लाभ मिलेगा। पीपीएफ खाता खुलवाने से निम्नलिखित लाभ है।
1. सुकन्या समृद्धि खाता के बाद सबसे ज्यादा ब्याज इसी खाते में दिया जाता हैै। वर्तमान में पीपीएफ खाता पर ब्याज दर 7.1% दिया जा रहा है।
2. सरकार द्वारा गारंटी स्कीम है। इसलिए आंख बंदकर निवेश कर सकते हैं और चैन की नींद सो सकते हैं।
3. प्रतिवर्ष कम से कम 500 और अधिकतम 1.5 लाख रुपया किस में जमा कर सकते हैं।
4. आयकर की धारा 80c के तहत इसमें जमा की गई राशि पर टैक्स में छूट मिलता है। अच्छा ब्याज के साथ आपको टैक्स बचत भी हो जाती है। यानी दोहरा फायदा मिल जाता है।
5. अवधि पूरा होने पर मिलने वाला मूलधन और ब्याज पूरी तरह आयकर से मुक्त होती हैं। आपको किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ता है।
6. आपके जमा पर लोन की भी सुविधा मिल जाती हैं। यदि आप चाहें तो जितनी ब्याज दर आपको मिल रही हैं उससे मात्र 1% ज्यादा ब्याज दर पर लोन ले सकते हैं।
आज के समय में पर्सनल लोन का ब्याज दर 13 से 15% तक है। इसमें यदि आपको (7.1+1) = 8.1% पर लोन मिल रहा है तो यह आपके लिए बहुत लाभदायक साबित हो सकता है।
7. पीपीएफ खाता की पूरे होने की अवधि 15 वर्ष होती हैं। यदि आप चाहें तो 15 वर्ष बाद 5 वर्ष के लिए इसे और बढ़ा सकते हैं।
8. 6 वर्ष पूरे होने के बाद यदि आपको कोई जरूरी काम पर गया तो आप इसमें से पैसा निकाल भी सकते हैं।
9. यदि किसी कारण बस आप किसी वित्तीय वर्ष इसमें पैसे जमा नहीं कर पाए तो आपका खाता बंद हो जाता है। इस स्थिति में मात्र ₹ 50 फाइन जमा करके पुनः खाता खुलवा सकते हैं।
यदि किसी कारण बस पिछले 3 साल तक आप इसमें पैसे जमा नहीं कर पाए तो 50 रुपए की दर से ₹ 150 फाइन जमा करके पुनः खाता खुलवा सकते हैं।
10. एक व्यक्ति एक ही पीपीएफ खाता खुलवा सकता है। कभी भी दो पीपीएफ खाता खुलवाने का प्रयास ना करें। यह एक कानूनी अपराध है।
11. यदि कोई व्यक्ति जघन्य अपराध में दोषी पाया जाता है तो सरकार उसके सभी बैंक खाता को सील कर देती हैं। लेकिन पीपीएफ ही ऐसा खाता है जो किसी भी स्थिति में सरकार द्वारा सील नहीं किया जा सकता है।
स्टेशन गुरुजी
मेरे वेबसाइट का नाम स्टेशन गुरुजी है। मैं यहां पर पढ़ाई लिखाई, मोटिवेशनल कहानी, वित्तीय जानकारी इत्यादि विषय पर जानकारी शेयर करता रहता हूं। यह आपके लिए काफी लाभदायक हो सकता है।
आप गूगल में जाकर स्टेशन गुरुजी और उसके आगे अपना सवाल लिखें आपको उसका जवाब मिल जाएगा। आप मुझे ईमेल भी कर सकते हैं। मेरा ईमेल पता है [email protected]
NRI, OSI को भारतीय शेयर बाजारों में निवेश की मिले इजाजत : FIIDS ने वित्त मंत्री से की मांग
एफआईआईडीएस ने सीतारमण को दिए अपने ज्ञापन में कहा कि हाल के एक सर्वेक्षण में प्रवासी भारतीय समुदाय के 88 फीसदी लोगों ने इस कदम का समर्थन किया था
FIIDS ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से की मांग (फाइल फोटो)
प्रवासी भारतीयों की एक प्रमुख संस्था एफआईआईडीएस ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कहा कि प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) और भारत के विदेशी नागरिक (ओसीआई) कार्डधारकों को भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करने की इजाजत दी जाए. फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (एफआईआईडीएस), अमेरिका ने कहा कि इस तरह के कदम से वैश्विक भारतीय समुदाय के निवेश से भारतीय अर्थव्यवस्था को और बढ़ावा मिलेगा.
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एफआईआईडीएस एक अमेरिका स्थित संस्थान है, जो भारत-अमेरिका संबंधों को बढ़ावा देने के लिए काम करता है. सीतारमण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक वसंत बैठक में भाग लेने के बाद इस समय वेस्ट कोस्ट में हैं.
एफआईआईडीएस ने सीतारमण को दिए अपने ज्ञापन में कहा कि हाल के एक सर्वेक्षण में प्रवासी भारतीय समुदाय के 88 फीसदी लोगों ने इस कदम का समर्थन किया था. संस्थान ने दोहरा कराधान अपवंचन समझौते (डीटीएए) के विस्तार का आग्रह भी किया, ताकि भारत में हुई आय पर अमेरिका में कर देने से बचा जा सके.
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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कम मेहनत से ज्यादा कैसे कमाएं
कम मेहनत से ज्यादा कैसे कमाएं और अपने पैसे को ही कमाई पर लगा दें। कैसे कम जानकारी और कम मेहनत से आप पक्के तौर पर अपने पैसे को कमाई पर लगा सकते हैं जिससे रिस्क भी कम हो और पैसे बढ़ने का पूरा चांस हो। आपको कुछ ऐसे तरीक़े बताते हैं जिससे आप शेयर बाजार में कम मेहनत से ज्यादा कैसे कमाएं। ना आपको ज्यादा समय देना पड़े और ना ही ज्यादा जानकारी रखने की जरूरत पड़े।
कम मेहनत से ज्यादा कैसे कमाएं
कम मेहनत से ज्यादा कैसे कमाएं – आपका पैसा ही आपके लिए पैसा बनाएगा
मेरे ब्लॉग पर अधिकतर ऐसे लोग जानकारी लेने के लिए आते हैं जिन्हें शेयर बाजार की ज़्यादा जानकरी नहीं होती है और वे कुछ कच्ची पक्की जानकरी तो ले लेते हैं पर वह आत्मविश्वास नहीं जगा पाते जिससे कि वे बाजार में निवेश कर सकें। आज कुछ ऐसी स्ट्रेटजी की बात करते हैं जिसमें आपका पैसा ही आपके लिए पैसा बनाएगा। तो आज समझने की कोशिश करते हैं कि कम मेहनत से ज्यादा कैसे कमाएं।
कम मेहनत से ज्यादा कैसे कमाएं – अल्पकालिक दृष्टिकोण का त्याग करें
कई निवेशक अल्पकालिक दृष्टिकोण के साथ शेयर खरीदते हैं और घुमावदार रणनीति का पालन करते हैं। यानी एक शेयर ख़रीदा तो दूसरा बेचा। कुछ दिन बाद फिर पहला बेच कर तीसरा खरीद लिया। निवेशक के रूप में यह सबसे खतरनाक गलती है जो कि लोग अक्सर करते हैं। शेयर बाजार में जानकारी से भी अधिक महत्वपूर्ण है कि आपका दृष्टिकोण आपके निवेश के प्रति कैसा है।
कम मेहनत से ज्यादा कैसे कमाएं Earn More with Less Hard Work
अक्सर आपने लोगों को यह कहते हुए सुना होगा कि अमीर लोगों का पैसा ही उनके लिए कमाई करता है। इसका मतलब क्या है और यह कैसे काम करता है? यदि आप एक दुकान चलते हैं तो उसकी कमाई को जोड़ कर एक और दुकान बनाइए और दूसरी दुकान को किराए पर दे दीजिए या किसी को सैलरी पर रखिए और दूसरी दुकान उसे चलाने के लिए दे दीजिए। इस प्रकार दूसरी दुकान में लगाया पैसा आपके के लिए कमाई करेगा। अगला सवाल यह है कि शेयर मार्केट में निवेश करते समय आप इस मॉडल को कैसे दोहरा सकते हैं? यहाँ आपको कुछ सिंपल ट्रिक्स बताते हैं जिससे कम मेहनत से ज्यादा कैसे कमाएं और आपके बिना आपके पैसे बढ़ते रहें।
व्यवस्थित तरीका अपनाएँ Systematic Approach
सब से पहले निवेश की एक व्यवस्थित विधि को अपनाएं। शेयर बाजार में शुरुआत करने के लिए SIP में निवेश की विधि को अपनाएं। इस तरीक़े से एक फिक्सड राशि आपके बैंक खाते से निवेश के लिए हर महीने जमा हो जाती है। इससे आप बाजार के उतार चढ़ाव की चिंता और परेशानियों से मुक्त हो जाते हैं। इससे आपका निवेश निरंतर होता रहता है और आप अनुशासित तरीक़े से निवेश करते हैं। यहाँ आपको बस पहली बार SIP की शुरुआत करनी होती है, उसके बाद हर महीने सारा काम ऑटमैटिक होता है। आप शेयर मार्केट के अलावा बैंक RD या पोस्ट ऑफ़िस RD का तरीका भी अपना सकते हैं।
कंपाउंडिंग की शक्ति Power of Compounding
कई निवेशक अल्पकाल के दृष्टिकोण के साथ खरीदो और बेचो की रणनीति का पालन करते हैं। एक निवेशक के तौर पर यह बहुत खतरनाक हो सकता है। इसके बजाय, लंबे समय तक मजबूत व्यवसाय और जानकार मैनेजमेंट वाली कम्पनी के स्टॉक में निवेश करके ‘कंपाउंडिंग की शक्ति’ का पूरा लाभ ले सकते है। कंपाउंडिंग की शक्ति समय के साथ आपके पैसे को कई गुणा बढ़ा सकती है और धन इकट्ठा करने में महत्वपूर्ण तरीके से आपकी मदद कर सकती है। ऐसे कई जाने माने कम्पनियों के शेयर हैं जो पिछले पाँच वर्षों में पांच से दस गुना तक बढ़ गए हैं। ऐसे कई शेयर है जो कि ऐसी रिटर्न दे सकते हैं जिनकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते। बस एक शर्त है कि आप लम्बे समय तक उनमें निवेश करें और उसे बढ़ने का पूरा मौका दें।
पैसिव इंकम के अन्य रास्ते भी देखें Passive Income
पैसिव इंकम यानी कमाई के ऐसे जरिए जहां आप निष्क्रिय रहते हैं और आपका निवेश बढ़ता रहे और आप कम मेहनत से ज्यादा कैसे कमाएं। शेयर मार्केट के अलावा भी आप पैसिव इंकम के अन्य साधन भी बना सकते हैं। पैसिव इंकम आपको बिना चिंता के जीवन जीने का मौका देती है। यहां पढ़ें बिजनेस कैसे शुरू करें हमारी साइट पर।
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भले ही यह आपको पैसे कमाने में सीधे मदद नहीं करता है मगर यह आपके खर्चों को कम करेगा और आपकी जेब में हर महीने के अंत में आपको अधिक पैसा बचाने में मदद करेगा।
जब आप योजना बनाते हैं कि कम मेहनत से ज्यादा कैसे कमाएं तो शुरू करने के लिए आप अपने बारे में सोचें कि आप क्या काम बेहतर तरीके से कर सकते हैं। अपने लक्षयों को समझें। भले ही उल्लिखित विचार शुरू करने में आपको कुछ पैसे की आवश्यकता होगी। मगर यह निश्चित रूप से आपको लंबे समय तक अपने पैसे को कई गुणा करने में मदद करेगा।
ULIP Policy में निवेश के जबरदस्त फायदे
आजकल हर कोई पैसा इन्वेस्ट करने के नए व फायदेमंद तरीके ढूढ़ रहा है। ऐसे में ULIP Policy निवेश करने का एक नया लाभदायक विकल्प ले कर आयी है। ulip plan के अंदर बीमा कम्पनियां बीमा लाभ के साथ - साथ निवेश करने का मौका भी देती हैं। आजकल सभी जगह यूलिप की चर्चा सुनने को मिल रही है। इसमे कम्पनियां आपके द्वारा दिये गए प्रीमियम की राशि मे से लाइफ कवर व कुछ अन्य खर्चे काटकर आपका पैसा सही जगह invest कर देती है। इस तरह आपको ulip policy के द्वारा दोहरे लाभ प्राप्त होते हैं। आइये इसके बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं।
Ulip policy kya hai
सबसे पहले हैं यह जान लेते हैं कि यूलिप को यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान कहा जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इन्श्योरेंस कंपनियां बीमा देने के साथ - साथ पैसा निवेश करने का अवसर भी देती हैं। इस प्रक्रिया के कारण आपको term insurance भी मिल जाता है और आपकी प्रीमियम किस्त में से लाइफ कवर और अन्य खर्चो को काटकर कुछ पैसा निवेश कर दिया जाता है। Invest किये गए इन पैसों पर mutual fund की तरह ही रिटर्न मिलता है। इस तरह आपको यूलिप पॉलिसी के द्वारा दुगने लाभ प्राप्त होते हैं। आज के समझदार लोग इस policy में अपना हाथ आजमा रहे हैं।
यूलिप Binance दोहरा निवेश कैसे काम करता है कैसे काम करता है
यह बीमा और निवेश को आपस में जोड़ता है। इसमें प्रीमियम की राशि का एक भाग इंश्योरेंस कवरेज प्रदान करने के लिए प्रयोग किया जाता है। बाकी का सारा पैसा कर्ज और इक्विटी प्रतिभूतियों में इन्वेस्ट किया जाता है। ताकि पॉलिसी धारक को पूरा और संतुष्टिपूर्ण लाभ मिल सके।
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Ulip के फायदे
पॉलिसी में लचीलापन
इस प्लान में पूरी तरह से लचीलापन है, क्योंकि यूलिप में आपको अपनी जरूरत के हिसाब से निवेश की अन्य योजनाओं में स्विच करने का मौका मिलता है।
जीवन बीमा का लाभ
इस बीमा पॉलिसी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें कई विशेषताओं के साथ जीवन सुरक्षा कवरेज दिया जाता है। जोकि बीमित व्यक्तियों को एक अच्छा लाभ देता है।
टैक्स फ्री की सुविधा
Ulip policy के अंतर्गत आपको कोई tex नही देना है, क्योंकि यह इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के सेक्शन 80-C और 10-D के तहत पूरी तरह से टैक्स फ्री है। इस कारण आपको कोई सरकारी कर जमा नहीं करना है।
विदड्रॉअल की सुविधा
इस योजना के द्वारा आप आवश्यकता पड़ने पर आंशिक निकासी कर सकते हैं, क्योंकि इसमें आंशिक निकासी का विकल्प मौजूद है। यदि आपका पांच वर्ष का लॉक इन पीरियड पूरा हो गया है तो आप आंशिक निकासी ऑप्शन की मदद से पैसा निकाल कर अपनी परेशानी को हल कर सकते हैं।
डबल फायदेमंद साबित होना
यूलिप में ही एकमात्र ऐसे plan हैं जो आपको बीमा के साथ निवेश का मौका देते हैं। पॉलिसी लेते समय आप सम एश्योर्ड का ऑप्शन चुन सकते हैं, जिसमें एक फिक्स राशि insurance करने वाले व्यक्ति की मृत्यु के बाद नॉमिनी को मिल जाती है।
दीर्घकालिन लक्ष्यों के लिए बेस्ट विकल्प
इस योजना Binance दोहरा निवेश कैसे काम करता है के द्वारा आप लॉन्ग टर्म लक्ष्यों को आसानी से पा सकते हो। यदि आप घर खरीदना, शादी, बेटे की शिक्षा या बुढ़ापे के बारे में सोचते हो तो ये प्लान आपके लिए एक अच्छा साधन हो सकता है। इसमे आपका पैसा लगातार कंपाउंड होता रहता है जोकि आपको रिटर्न में मोटी रकम देने में सहायक होता है।
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Best ulip policy प्रदान करने वाली कंपनियां
Sbi life insurance
Aviva life insurance
Max life insurance
Dhfl pramerica life insurance
Reliance edelweiss tokio life insurance
हमारे देश मे कई best ulip policy हैं, जिनमें बीमा करवाकर आप पूरे जीवनभर लाभान्वित रहेंगे। आपको युवावस्था और रिटायरमेंट के बाद जिंदगी जीने में कोई परेशानी नहीं होगी। किसी चीज की कमी महसूस नहीं होगी। यूलिप पॉलिसी से जो रिटर्न मिलता है, उससे आपका जीवन आरामदायक गुजर सकता है। इसके अलावा यदि कोई दुर्घटना हो जाती है तो आपके जीवनसाथी व बच्चों को भी रिटर्न में बहुत कुछ मिल जाता है। यहां आपको बीमा के साथ पैसा निवेश का मौका मिलता है। ये दोहरे लाभ आपको हमेशा फायदा देते रहते हैं। Ulip policy के द्वारा आप अपने जीवन को सुरक्षित कर सकते हैं।
हमारी ये पोस्ट कैसी लगी। हमें उम्मीद है कि आपको ये पोस्ट जरूर पसंद आयी होगी। यदि करियर से सम्बंधित कोई समस्या या problem हो तो आप हमें comment के द्वारा पूछ सकते हैं। यदि आप हमें करियर से संबंधित कोई जानकारी देना चाहते हैं या कोई गेस्ट पोस्ट भेजना चाहते हैं तो आप हमें [email protected] पर भेज सकते हैं।
Financial Accounting Kya Hai | Financial Accounting In Hindi
Financial Accounting Kya hai
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Financial Accounting Kya hai
वित्तीय लेखांकन(Financial Accounting) एक विशेष प्रकार का लेखांकन है जिसमें समय की अवधि के लिए व्यावसायिक संचालन से उत्पन्न होने वाले लेनदेन का दस्तावेजीकरण, सारांश और रिपोर्टिंग की एक विधि शामिल है। इस तरह के लेन-देन खातों की तैयारी में उल्लिखित हैं, जिसमें बैलेंस शीट, आय विवरण और नकदी प्रवाह विवरण शामिल हैं, जो एक विशेष अवधि में कंपनी के वित्तीय परिणामों का दस्तावेजीकरण करते हैं।
वित्तीय लेखांकन कैसे काम करता है ?
वित्तीय लेखांकन स्थापित लेखांकन सिद्धांतों की एक श्रृंखला का उपयोग करता है। वित्तीय लेखांकन के दौरान उपयोग करने के लिए लेखांकन सिद्धांतों का चयन व्यवसाय द्वारा सामना की जाने वाली नियामक और रिपोर्टिंग आवश्यकताओं पर निर्भर करता है। यू.एस. सार्वजनिक कंपनियों के लिए, व्यवसायों को आम तौर पर स्वीकृत लेखा सिद्धांतों (जीएएपी) के अनुसार वित्तीय लेखांकन करने की आवश्यकता होती है। इन लेखांकन सिद्धांतों की स्थापना निवेशकों, लेनदारों, नियामकों और कर अधिकारियों को लगातार जानकारी प्रदान करना है।
दोहरी प्रविष्टि और प्रोद्भवन लेखांकन (Double Entry & Accrual Accounting)
वित्तीय लेखांकन के केंद्र में प्रणाली है जिसे दोहरी प्रविष्टि बहीखाता पद्धति (या “दोहरी प्रविष्टि लेखांकन”) के रूप में जाना जाता है। कंपनी द्वारा किए जाने वाले प्रत्येक वित्तीय लेनदेन को इस प्रणाली का उपयोग करके रिकॉर्ड किया जाता है।
“दोहरी प्रविष्टि” शब्द का अर्थ है कि प्रत्येक लेनदेन कम से कम दो खातों को प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई कंपनी अपने बैंक से 50,000 रुपये उधार लेती है, तो कंपनी का नकद खाता बढ़ता है, और कंपनी के नोट्स देय खाते में वृद्धि होती है। दोहरी प्रविष्टि का अर्थ यह भी है कि किसी एक खाते में डेबिट के रूप में दर्ज की गई राशि होनी चाहिए, और किसी एक खाते में क्रेडिट के रूप में दर्ज की गई राशि होनी चाहिए। किसी भी लेन-देन के लिए, डेबिट राशि क्रेडिट राशि के बराबर होनी चाहिए।
डबल-एंट्री अकाउंटिंग का लाभ यह है: किसी भी समय, किसी कंपनी के एसेट अकाउंट्स का बैलेंस उसकी देनदारी और स्टॉकहोल्डर्स (या मालिक के) इक्विटी अकाउंट्स के बैलेंस के बराबर होगा।
लेखांकन के प्रोद्भवन आधार (लेखांकन के “नकद आधार” के विपरीत) का पालन करने के लिए वित्तीय लेखांकन की आवश्यकता होती है। प्रोद्भवन आधार के तहत, राजस्व की सूचना तब दी जाती है जब वे अर्जित किए जाते हैं, न कि जब धन प्राप्त होता है। इसी तरह, खर्चों की सूचना तब दी जाती है जब वे खर्च किए जाते हैं, न कि जब उनका भुगतान किया जाता है। उदाहरण के लिए, हालांकि एक पत्रिका प्रकाशक को वार्षिक सदस्यता के लिए ग्राहक से 2400/- का चेक प्राप्त होता है, प्रकाशक राजस्व के रूप में 200/- की मासिक राशि (वार्षिक सदस्यता राशि का बारहवां हिस्सा) के रूप में रिपोर्ट करता है। इसी तरह, यह हर महीने अपने संपत्ति कर व्यय को वार्षिक संपत्ति कर बिल के बारहवें हिस्से के रूप में रिपोर्ट करता है।
वित्तीय विवरण ( Financial Statement )
- वित्तीय लेखांकन निम्नलिखित सामान्य-उद्देश्य, बाहरी, वित्तीय विवरण उत्पन्न करता है:
- आय विवरण
- बैलेंस शीट
- नकदी प्रवाह का विवरण
- शेयरधारकों की इक्विटी का विवरण
1.आय विवरण (Income Statement)
एक आय विवरण एक वित्तीय विवरण है जो आपको कंपनी की आय और व्यय दिखाता है। यह भी दर्शाता है कि कोई कंपनी एक निश्चित अवधि के लिए लाभ या हानि कमा रही है या नहीं। बैलेंस शीट और कैश फ्लो स्टेटमेंट के साथ आय विवरण, आपको अपने व्यवसाय के वित्तीय स्वास्थ्य को समझने में मदद करता है।
आय विवरण को लाभ और हानि विवरण, संचालन का विवरण, वित्तीय परिणाम या आय का विवरण, या आय विवरण के रूप में भी जाना जाता है।
2.बैलेंस शीट(Balance Sheet)
वह टर्म बैलेंस शीट एक वित्तीय विवरण को संदर्भित करता है जो एक विशिष्ट समय पर कंपनी की संपत्ति, देनदारियों और शेयरधारक इक्विटी की रिपोर्ट करता है। बैलेंस शीट निवेशकों के लिए रिटर्न की दरों की गणना करने और कंपनी की पूंजी संरचना का मूल्यांकन करने का आधार प्रदान करती है। संक्षेप में, बैलेंस शीट एक वित्तीय विवरण है जो एक कंपनी के स्वामित्व और बकाया के साथ-साथ शेयरधारकों द्वारा निवेश की गई राशि का एक विशिष्ट बिंदु प्रदान करता है। मौलिक विश्लेषण या वित्तीय अनुपात की गणना करने के लिए बैलेंस शीट का उपयोग अन्य महत्वपूर्ण वित्तीय विवरणों के साथ किया जा सकता है।
3.नकदी प्रवाह का विवरण (Statement of Cash Flows)
कैश फ्लो स्टेटमेंट एक वित्तीय विवरण है जो एक कंपनी को उसके चालू संचालन और बाहरी निवेश स्रोतों से प्राप्त होने वाले सभी नकदी प्रवाह के बारे में समग्र डेटा प्रदान करता है। इसमें सभी नकद बहिर्वाह भी शामिल हैं जो एक निश्चित अवधि के दौरान व्यावसायिक गतिविधियों और निवेश के लिए भुगतान करते हैं।
4.शेयरधारकों की इक्विटी का विवरण (Statement of Stockholders’ Equity)
स्टॉकहोल्डर्स (या शेयरहोल्डर्स) इक्विटी का स्टेटमेंट स्टॉकहोल्डर्स की इक्विटी में उसी अवधि के लिए आय स्टेटमेंट और कैश फ्लो स्टेटमेंट के रूप में बदलाव को सूचीबद्ध करता है। परिवर्तनों में शुद्ध आय, अन्य व्यापक आय, लाभांश, सामान्य स्टॉक की पुनर्खरीद और स्टॉक विकल्पों का प्रयोग जैसे आइटम शामिल होंगे।
Financial Accounting Kya hai
वित्तीय लेखांकन के उद्देश्य ( Objectives of Financial Accounting)
1.लेन-देन की व्यवस्थित रिकॉर्डिंग:
लेखांकन का मूल उद्देश्य व्यावसायिक लेनदेन के वित्तीय पहलुओं (यानी बही-खाते) को व्यवस्थित रूप से रिकॉर्ड करना है। इन रिकॉर्ड किए गए लेनदेन को बाद में वर्गीकृत किया जाता है और वित्तीय विवरणों की तैयारी और उनके विश्लेषण और व्याख्या के लिए तार्किक रूप से सारांशित किया जाता है।
2.ऊपर दर्ज किए गए लेनदेन के परिणाम का पता लगाना:
लेखाकार एक विशेष अवधि के लिए व्यवसाय संचालन के परिणाम जानने के लिए लाभ और हानि खाता तैयार करता है। यदि व्यय राजस्व से अधिक हो तो कहा जाता है कि व्यापार घाटे में चल रहा है। लाभ और हानि खाता प्रबंधन और विभिन्न हितधारकों को तर्कसंगत निर्णय लेने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, यदि व्यवसाय लाभकारी या लाभदायक साबित नहीं होता है, तो प्रबंधन द्वारा उपचारात्मक कदम उठाने के लिए ऐसी स्थिति के कारणों की जांच की जा सकती है।
3.व्यवसाय की वित्तीय स्थिति का पता लगाना:
व्यवसायी न केवल किसी विशेष अवधि के लिए लाभ या हानि के संदर्भ में व्यवसाय के परिणाम जानने में रुचि रखता है, बल्कि यह जानने के लिए भी उत्सुक रहता है कि बाहरी लोगों के प्रति उसका क्या बकाया है और उसके पास क्या है (संपत्ति) एक निश्चित तिथि पर। यह जानने के लिए, लेखाकार एक विशेष समय पर व्यवसाय की संपत्ति और देनदारियों का वित्तीय स्थिति विवरण तैयार करता है और व्यवसाय के वित्तीय स्वास्थ्य का पता लगाने में मदद करता है।
4.सॉल्वेंसी की स्थिति जानने के लिए:
बैलेंस शीट तैयार करके, प्रबंधन न केवल यह बताता है कि उद्यम के स्वामित्व और बकाया क्या है, बल्कि यह शॉर्ट टर्म (तरलता की स्थिति) में अपनी देनदारियों को पूरा करने के लिए चिंता की क्षमता के बारे में भी जानकारी देता है। लंबे समय तक (सॉल्वेंसी की स्थिति) जब वे देय होते हैं।
निष्कर्ष :
आज आपने सीखा Financial Accounting Kya hai तथा यह कैसे काम करता है । इस आर्टिकल से रिलेटेड कोई भी चीज़ समझ न आ रही हो या आप हमसे कुछ पूछना चाहते है। तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद हो, तो इससे अपने दोस्तों में भी शेयर करें।
आपको दिन शुभ रहे।