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विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना

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Foreign Exchange Reserves: देश का विदेशी मुद्रा भंडार में शानदार इजाफा, 641 अरब डॉलर पर पहुंचा आंकड़ा

Foreign Exchange reserves: इस हफ्ते देश के विदेशी मुद्रा भंडार में अच्छी बढ़त देखने को मिली है. 15 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में फॉरेक्स एक्सचेंज रिजर्व 1.492 अरब डॉलर बढ़कर 641.008 अरब डॉलर हो गया.

By: abp news | Updated at : 23 Oct 2021 12:37 PM (IST)

Foreign Exchange reserves: इस हफ्ते देश के विदेशी मुद्रा भंडार में अच्छी बढ़त देखने को मिली है. 15 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में फॉरेक्स एक्सचेंज रिजर्व 1.492 अरब डॉलर बढ़कर 641.008 अरब डॉलर हो गया है. भारतीय रिजर्व बैंक ने ताजा आंकड़े जारी कर इस बारे में जानकारी दी है. वहीं, इससे पहले वाले हफ्ते की बात करें यानी 8 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह नें यह भंडार 2.039 अरब डॉलर के इजाफे के साथ 639.516 अरब डॉलर पर पहुंच गया था.

क्या है इजाफे का कारण?
इसके अलावा अगर इसका रिकॉर्ड स्तर देखें तो 3 सितंबर विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना 2021 को खत्म हुए हफ्ते में 642.453 अरब डॉलर की सर्वकालिक ऊंचाई पर आ गया था. आरबीआई की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, 15 अक्टूबर को खत्म हुए समीक्षाधीन हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी की मुख्य वजह फॉरेन करेंसी एसेट्स (FCAs) में इजाफा रहा, जो कुल रिजर्व का मुख्य हिस्सा है.

यूरो, पाउंड जैसी दूसरी मुद्राओं में हुआ इजाफा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी साप्ताहिक डेटा के मुताबिक, FCAs 950 मिलियन डॉलर बढ़कर 577.951 अरब डॉलर पर पहुंच गए हैं. डॉलर में बताई जाने वाली विदेशी मुद्रा संपत्ति में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल है.

गोल्ड रिजर्व में भी हुआ इजाफा
समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व (gold reserve) 55.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 38.579 अरब डॉलर हो गया. रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुकाबिक, IMF में देश का SDR 2.1 करोड़ डॉलर घटकर 19.247 अरब डॉलर रह गया. आईएमएफ में देश का आरक्षित विदेशीमुद्रा भंडार 60 लाख डॉलर बढ़कर 5.231 अरब डॉलर हो गया.

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9 अक्टूबक को समाप्त हफ्ते में कैसा रहा रिजर्व?
आपको बता दें 9 अक्टूबर को समाप्त हुए हफ्ते में भी गोल्ड रिजर्व (gold reserve) में इजाफा देखा गया था. उस दौरान गोल्ड रिजर्व 12.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 37.558 अरब डॉलर हो गया था.

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Published at : 23 Oct 2021 12:37 PM (IST) Tags: Reserve Bank of India RBI Governor gold reserve foreign exchange reserves Forex reserves हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

क़ानूनी पेशे की संरचना सामंती, पितृसत्तात्मक और महिलाओं के अनुकूल नहीं है: सीजेआई चंद्रचूड़

भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक आयोजन के दौरान कहा कि कभी-कभी क़ानून और न्याय एक ही रास्ते पर नहीं चलते हैं. क़ानून न्याय का ज़रिया हो सकता है, तो उत्पीड़न का औज़ार भी हो सकता है. क़ानून उत्पीड़न का औज़ार न बने, बल्कि न्याय का ज़रिया बने. The post क़ानूनी पेशे की संरचना सामंती, पितृसत्तात्मक और महिलाओं के अनुकूल नहीं है: सीजेआई चंद्रचूड़ appeared first on The Wire - Hindi.

भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने एक आयोजन के दौरान कहा कि कभी-कभी क़ानून और न्याय एक ही रास्ते पर नहीं चलते हैं. क़ानून न्याय का विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना ज़रिया हो सकता है, तो उत्पीड़न का औज़ार भी हो सकता है. क़ानून उत्पीड़न का औज़ार न बने, बल्कि न्याय का ज़रिया बने.

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शनिवार को कहा कि कानून के पेशे की संरचना ‘सामंती, पितृसत्तात्मक और महिलाओं को जगह नहीं देने वाली’ बनी हुई है. साथ ही, उन्होंने कहा कि इसमें अधिक संख्या में महिलाओं एवं समाज के वंचित वर्गों के लोगों के प्रवेश की खातिर लोकतांत्रिक व प्रतिभा आधारित प्रक्रिया अपनाने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के समक्ष कई चुनौतियां हैं और उनमें से पहली चुनौती उम्मीदों को पूरा करने की है, क्योंकि प्रत्येक सामाजिक एवं कानूनी विषय तथा बड़ी संख्या में राजनीतिक मुद्दे उच्चतम न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आते हैं.

जस्टिस चंद्रचूड ने बीते बुधवार (9 नवंबर) को प्रधान न्यायाधीश के तौर पर कार्यभार संभाला था.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘एक चीज, जो हमें समझने की जरूरत है, वह यह है कि न्यायपालिका में कौन प्रवेश करेगा वह बहुत हद तक कानून के पेशे की संरचना पर निर्भर करता है.’

सीजेआई ने ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट’ में कहा, ‘यहां तक कि आज के समय में भी पूरे भारत में कानून के पेशे की संरचना सामंती, पितृसत्तात्मक और विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना महिलाओं को जगह नहीं देने वाली बनी हुई है.’

उन्होंने कहा, ‘इसलिए, जब हम न्यायपालिका में महिलाओं को अधिक संख्या में शामिल करने की बात करते हैं तो हमारे लिए समान रूप से यह जरूरी है कि अब महिलाओं के लिए जगह बनाकर भविष्य की राह तैयार की जाए.’

उन्होंने कहा, ‘पहला कदम वरिष्ठ अधिवक्ताओं के चेंबर में प्रवेश करना है, जो ओल्ड बॉयज क्लब बना हुआ है.’

उन्होंने कहा, ‘अपने संपर्कों का उपयोग कर आप चेंबर में कैसे पहुंच बनाएंगे? जब तक कानून के पेशे में प्रवेश बिंदु पर हमारे पास लोकतांत्रिक एवं प्रतिभा आधारित पहुंच नहीं होगी, महिलाएं और वंचित वर्गों से जुड़े लोग अधिक संख्या में नहीं होंगे.’

उन्होंने कहा कि अदालत की कार्यवाही का सीधा प्रसारण एक नया प्रयोग है, जिसने एक अन्तर्दृष्टि दी कि कानूनी तंत्र में बदलाव लाने में प्रौद्योगिकी क्या कर सकता है. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालयों और जिला अदालतों की कार्यवाही का भी सीधा प्रसारण होना चाहिए.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘हम इंटरनेट युग में रह रहे हैं और यहां सोशल मीडिया भी रहने वाला है.’

उन्होंने कहा, ‘इसलिए, मेरा मानना है कि हमें नए समाधान तलाशने, वर्तमान दौर की चुनौतियों को समझने की कोशिश करने एवं उनसे निपटने की जरूरत है.’

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘संवैधानिक लोकतंत्र में एक सबसे बड़ा खतरा अपारदर्शिता का है. जब आप अपनी प्रक्रिया को खोलते हैं तो आप कुछ हद तक जवाबदेही, पारदर्शिता पैदा करते हैं और नागरिकों की जरूरतों के प्रति जवाबदेही की भावना पैदा करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘जब मैं (न्यायपालिका की कार्यवाही का) सीधा प्रसारण की बात करता हूं, मैं बड़े मामलों का ही सीधा प्रसारण करने को नहीं कहता. हमें न सिर्फ उच्च न्यायालय की कार्यवाही का, बल्कि जिला अदालतों की कार्यवाही का भी सीधा प्रसारण करने की जरूरत है.’

उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया ने एक बड़ी चुनौती पेश की है और अदालत कक्ष में विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना न्यायाधीश जो कुछ कहते हैं, उसके हर शब्द की ‘रियल टाइम’ (उसी क्षण) रिपोर्टिंग हो रही है तथा ‘एक न्यायाधीश के तौर पर आपका निरंतर मूल्यांकन किया जाता है.’

सीजेआई ने कहा, ‘आपमें से विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना जो लोग वकील हैं, अपने सहकर्मियों से कह सकते हैं कि अदालत में बातचीत के दौरान न्यायाधीश द्वारा कहा जाने वाला प्रत्येक शब्द न्यायाधीश के विचार या अंतिम निष्कर्ष को प्रदर्शित नहीं करता है.’

भारत के उच्चतम न्यायालय की तुलना अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से करने के विषय पर उन्होंने कहा कि यहां के शीर्ष न्यायालय की तुलना अन्य विकसित देशों से नहीं की जा सकती, क्योंकि ‘अपनी संस्थाओं के लिए हमारी एक अनूठी भारतीय संरचना है.’

उन्होंने कहा, ‘जब आप हमारी तुलना अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट से करते हैं तो यह जानना जरूरी है कि वह एक साल में 180 मामलों की सुनवाई करता है, ब्रिटेन का सुप्रीम कोर्ट एक साल में 85 मामलों की सुनवाई करता है, लेकिन हमारे उच्चतम न्यायालय में प्रत्येक न्यायाधीश सोमवार और शुक्रवार को करीब 75 से 85 मामलों की सुनवाई करते हैं तथा मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को 30 से 40 मामलों की सुनवाई करते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘जिन मामलों से हम निपटते हैं, उनमें से कई जरूरी नहीं कि समाचार पत्रों या ऐसे मामलों में शुमार होते हों जिनसे निपटना सोशल मीडिया पर पर्याप्त महत्वपूर्ण माना जाता है. ये नियमित मामले होते हैं.’

उन्होंने कहा, ‘तो सवाल यह है कि क्या सुप्रीम कोर्ट के जज को, जिसमें देश ने इतना निवेश किया है, पेंशन और भरण-पोषण जैसे छोटे मामलों से निपटना चाहिए. मेरा जवाब ‘हां’ है क्योंकि यही वास्तव में सर्वोच्च न्यायालय की भूमिका है.’

सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि लोकतंत्र में न्यायिक संस्था के रूप में अदालतों के फलने-फूलने की क्षमता उस विश्वास में निहित है, जो यह लोगों के मन में पैदा करता है.

क़ानून उत्पीड़न का औज़ार न बने, बल्कि न्याय का ज़रिया बना रहे: सीजेआई चंद्रचूड़

सीजेआई चंद्रचूड़ ने इस दौरान यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना सभी निर्णयकर्ताओं की जिम्मेदारी है कि कानून उत्पीड़न का औजार न बने, बल्कि न्याय का जरिया बना रहे.

उन्होंने कहा कि नागरिकों से उम्मीदें रखना अच्छी चीज है, लेकिन ‘हमें संस्थाओं के रूप में अदालतों की सीमाएं और क्षमताओं को समझने की जरूरत है.’

सीजेआई ने कहा, ‘कभी-कभी कानून और न्याय एक ही रास्ते पर नहीं चलते हैं. कानून न्याय का जरिया हो सकता है, लेकिन कानून उत्पीड़न का औजार भी हो सकता है. हम जानते हैं कि औपनिवेशिक काल में इसी कानून का, जो आज कानून की किताबों में मौजूद है, उत्पीड़न के औजार के रूप में इस्तेमाल किया जाता था.’

उन्होंने कहा, ‘इसलिए नागरिक के तौर हम कैसे सुनिश्चित कर सकते हैं कि कानून न्याय का जरिया बने और उत्पीड़न का औजार नहीं बने. मुझे लगता है कि उपाय ऐसा होना चाहिए, जिसमें सभी निर्णयकर्ता शामिल हों, न कि महज न्यायाधीश.’

उन्होंने कहा कि लंबे समय में न्यायिक संस्थाओं को करुणा एवं दया की भावना और नागरिकों की समस्याओं का समाधान ही टिका कर रखेगा.

जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘जब आपमें अनसुनी आवाज को सुनने, अनदेखे चेहरे को देखने की क्षमता होती है, तब कानून एवं विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना न्याय के बीच संतुलन बनाकर आप एक न्यायाधीश के तौर पर अपने मिशन को सच में पूरा कर सकते हैं.’

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विदेशी मुद्रा बाजार की संरचना

यदि आप को foreign currency को खरीदना व् बेचना है तो आप को विदेशी मुद्रा बाजार की संरचना का पता होना चाहिए। विदेशी मुद्रा बाजार अरबों डॉलर का व्यापार हर रोज किया जाता है । इस की सरचना इसके मुख्ये तीन खिलाडी बनाते है । ओओ उनके बारे में जाने ।



1. वाणिज्यिक बैंक

वाणिज्यिक बैंक अपने customers के लिए या अपने लिए विदेशी मुद्रा को खरीदते या बेचते हैं। इस तरह विदेशी मुद्रा बाजार वाणिज्यिक बैंकों द्वारा कवर किया जाता है, जो इस की संरचना का प्रमुख हिस्सा है। वे अपने ग्राहकों को देने या लेने के लिए तैयार कर रहे हैं यह उसे rate पर foreign currency खरीदते या बेचते है जो उनका गाहक चाहता है । पर याद रखे कि यह जरुरी नहीं है कि यह same rate पर खरीद या बेच सके । क्यूकी lots of other factors affect करते है ।

2. विदेशी मुद्रा दलाल

विदेशी मुद्रा बाजार की संरचना का दूसरा बड़ा हिस्सा विदेशी मुद्रा दलालों का है। वे कमीशन एजेंट हैं। वे विक्रेताओं के पास विदेशी मुद्रा के खरीदारों को लाने के लिए मदद करते है। अन्य उद्योगों के दलालों की तरह, उनके ग्राहकों की ओर से विदेशी मुद्रा खरीदते या बेचते है । बाजार का उनकों बहुत deeply पता होता है ।

3. विदेशी बाजार

जैसे सब्जी मंडी होती है वैसे ही विदेशी मुद्रा की खरीद व बेच का भी बाजार होता है प्रमुख बाजारों लंदन विदेशी मुद्रा बाजार, न्यू यॉर्क विदेशी मुद्रा बाजार, सिंगापुर विदेशी मुद्रा बाजार के नाम आ सकते हैं। सभी अपने निर्धारित समय पर खुलते व् बंद होते हैं। यदि हम इसे एक श्रृंखला में रखेंगे तो, पूरे विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार 24 घंटे के लिए खुला हुआ दिखाई देगा ।


उपरोक्त लेख को अपनी विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना मातृभाषा में पड़े ।

विदेशी मुद्रा बाजार की संरचना को और detail में जानने के लिए पड़ने योग्य पुस्तक ( संदर्भ )

संपादकीय-द हिन्दू

 Image Source: BBC

1. संशोधित PSLV ने तीन विदेशी उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया:

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पीएसएलवी-सी53 ने इसरो, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) ने दूसरे समर्पित मिशन में सिंगापुर के तीन उपग्रहों को उनकी इच्छित कक्षाओं में स्थापित किया।
  • इस मिशन ने वैज्ञानिक प्रयोगों के संचालन के लिए कक्षा में एक स्थिर मंच के रूप में अपने पीएसएलवी-चौथे चरण “पीएसएलवी कक्षीय प्रायोगिक मॉड्यूल (पीओईएम)” का उपयोग करके इसरो के लिए एक अतिरिक्त उद्देश्य भी पूरा किया।
  • इसरो द्वारा ps 4 stage ko हासिल करने तथा आकाशीय कक्षाओं में लागत प्रभावी प्रयोग , स्टार्टअप, स्टूडनेट्स और वैज्ञानिक समुदाय की बढ़ती मांगो को पूरा कर सकता है।

2. निजी क्षेत्र में कुष्ठ रोग की दवाओं की कमी पर चिंता:

  • भारत में निजी क्षेत्र क्लोफ़ाज़िमाइन (Clofazimine) की कमी का सामना कर रहा है जो कुष्ठ रोग के इलाज के लिए एक प्रमुख दवा है जबकि वैकल्पिक दवाएं विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना बहुत महंगी हैं तथा पहुँच से दूर है।
  • क्लोफ़ाज़िमाइन (Clofazimine), मल्टीबैसिलरी लेप्रोसी (Multibacillary Leprosy (MB-MDT) ) मामलों के मल्टी ड्रग ट्रीटमेंट में तीन आवश्यक दवाओं रिफैम्पिसिन और डैप्सोन में से एक है।
  • क्लोफ़ाज़िमाइन (Clofazimine) ने मल्टीड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरकुलोसिस के खिलाफ सक्रियता दिखाई है और डब्ल्यूएचओ द्वारा दवा प्रतिरोध के इलाज के लिए इसकी सिफारिश की गई है।
  • अध्ययनों से पता चलता है कि भारत में हर साल कुष्ठ रोग के 1,25,000 से अधिक नए रोगियों की संख्या में इजाफा होता है।
  • क्लोफ़ाज़िमाइन की कमी भारतीय कुष्ठ उपचार परिदृश्य को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है क्योंकि त्वचा और कुष्ठ रोग विशेषज्ञ कुष्ठ रोगियों के इलाज में एक गंभीर चुनौती का सामना कर रहे हैं।

UPSC प्रारंभिक परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न:

प्रश्न 1. एंथ्रेक्स के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना

  1. एंथ्रेक्स एक गंभीर संक्रामक रोग है जो बेसिलस ऐंथरैसिस नामक ग्राम-ऋणात्मक, छड़ी के आकार के जीवाणु के कारण होता है।
  2. यह मुख्य रूप से जानवरों को प्रभावित करता है। मनुष्य किसी जानवर के संपर्क में आने या साँस के द्वारा जीवाणुओं को अंदर लेने से संक्रमित हो सकता है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से गलत है/हैं?

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही नहीं है: एंथ्रेक्स एक गंभीर संक्रामक रोग है जो बेसिलस एन्थ्रेसीस नामक ग्राम-पॉजिटिव (सकारात्मक), रॉड के आकार के बैक्टीरिया के कारण होता है।
  • कथन 2 सही है: एंथ्रेक्स मुख्य रूप से पशुधन और जंगली जानवरों को प्रभावित करता है और मनुष्य बीमार जानवरों के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क से यासाँस के द्वारा जीवाणुओं को अंदर लेने से संक्रमित हो सकता है।

प्रश्न 2. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (स्तर – मध्यम)

  1. ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) चार चरणों वाला रॉकेट है।
  2. PSLV कक्षीय प्रायोगिक मॉड्यूल (POEM) एक ऐसा मंच है जो कक्षीय प्रयोग में मदद करेगा।
  3. POEM, PS4 टैंक के चारों ओर लगे सौर पैनल और लीथियम -आयन बैटरी से ऊर्जा प्राप्त करेगा।

उत्तर: d

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) एक चार चरणों वाला रॉकेट है,जिस बारी-बारी से ठोस और तरल प्रणोदन प्रणाली का उपयोग में किया जाता है।
  • कथन 2 सही है: पीएसएलवी कक्षीय प्रायोगिक मॉड्यूल (पीओईएम) एक ऐसा मंच है जो इसरो के पीएसएलवी के अंतिम चरण का उपयोग करके कक्षा में प्रयोग करने में मदद करेगा।
  • कथन 3 सही है: POEM PS4 टैंक के चारों ओर लगे सौर पैनलों और ली-आयन बैटरी से अपनी ऊर्जा प्राप्त करेगा और यह चार सन सेंसर, एक मैग्नेटोमीटर, जायरोस और एनएवीआईसी का उपयोग करके उन्हें नेविगेट करेगा।

प्रश्न 3. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं? (स्तर – मध्यम)

  1. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना वर्ष 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा की गई थी।
  2. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के गठन से पूर्व, इसके द्वारा किए जाने वाले कार्यों का निष्पादन मंत्रिमंडल सचिव द्वारा किया जाता था।
  3. राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का नेतृत्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) करता है।

उत्तर: a

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: NSC की स्थापना 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार द्वारा की गई थी।
  • ब्रजेश मिश्रा ने देश के पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के रूप में कार्य किया।
  • कथन 2 सही नहीं है: NSC के गठन से पहले, इन कार्यों को प्रधान मंत्री के प्रधान सचिव द्वारा किया जाता था।
  • कथन 3 सही नहीं है: NSC का नेतृत्व प्रधान मंत्री करते हैं।
  • एनएसए एनएससी का सचिव होता है। (NSA is the Secretary of NSC.)

प्रश्न 4. हाल ही में चर्चा में रहा स्नेक आइलैंड किसका भाग है? (स्तर – सरल)

उत्तर: c

व्याख्या:

  • स्नेक आइलैंड जिसे सर्पेंट आइलैंड या ज़मीनी द्वीप (Zmiinyi Island/Snake Island) भी कहा जाता है, काला सागर में स्थित एक द्वीप है विदेशी मुद्रा भंडार की संरचना जो यूक्रेन के अधीन आता है।
  • स्नेक आइलैंड डेन्यूब नदी के मुहाने के करीब स्थित है, जो यूक्रेन के साथ रोमानिया की सीमा बनता है।

प्रश्न 5. कभी-कभी समाचारों में उल्लिखित “गुच्ची” के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए: (स्तर – कठिन)

  1. यह एक कवक है।
  2. यह कुछ हिमालयी वन क्षेत्रों में उगता है।
  3. उत्तर-पूर्वी भारत के हिमालय की तलहटी में इसकी वाणिज्यिक रूप से खेती की जाती है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

उत्तर: c

व्याख्या:

  • कथन 1 सही है: गुच्ची मशरूम एस्कोमाइकोटा (Ascomycota) के परिवार मोरचेलासी (Morchellaceae) के कवक की एक प्रजाति है।
  • कथन 2 सही है: गुच्ची मशरूम कुछ हिमालयी वन क्षेत्रों में उगती है।
  • कथन 3 सही नहीं है: गुच्ची मशरूम की खेती व्यावसायिक रूप से नहीं की जा सकती है क्योंकि यह जंगलों में ही उगती हैं।
  • वे समशीतोष्ण क्षेत्रों एवं हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल तथा जम्मू और कश्मीर की तलहटी में शंकुधारी जंगलों में उगते हैं।

UPSC मुख्य परीक्षा के लिए अभ्यास प्रश्न :

प्रश्न 1. रुपया क्यों गिर रहा है और यह भारतीय अर्थव्यवस्था और लोगों को कैसे प्रभावित करेगा? [जीएस-3, अर्थव्यवस्था] (150 शब्द, 10 अंक)

प्रश्न 2. भारत में फिल्म सेंसरशिप से सम्बंधित विवादों के बारे में चर्चा कीजिए। [जीएस-2, राजनीति] (150 शब्द, 10 अंक)

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