बिटकॉइन ट्रेडर क्या है?

क्या है Bitcoin? कैसे करते हैं इस वर्चुअल करेंसी में ट्रेडिंग, जानिए आपके काम का सबकुछ
Bitcoin की शुरुआत 2009 में हुई थी. शुरुआती कुछ सालों में बिटकॉइन में धीरे-धीरे बढ़ रही थी. लेकिन, 2015 के बाद से इसमें बड़ी तेजी देखने को मिली और यह दुनिया की नजरों में आ गई.
बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. (Reuters)
दुनियाभर में क्रिप्टोकरंसी (CryptoCurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है. बिटकॉइन में निवेश करने वाले अमीर लोग इस ऑनलाइन करंसी (Online Currency) के जरिए अपनी पूंजी को तेजी से बढ़ाना चाहते हैं. यही वजह है कि इसके दाम भी नई ऊंचाइयां छू रहे हैं. 3 साल बाद एक बार फिर बिटकॉाइन में बड़ी तेजी देखने को मिली है. साल 2017 में बिटकॉइन में अपना रिकॉर्ड हाई (Bitcoin record High) बनाया था. इसके बाद नीचे की तरफ फिसलती गई. लेकिन, अब 3 साल का नया हाई बना दिया है. दुनियाभर में इस करंसी में लोग पैसा लगा रहे हैं. लेकिन, भारत सरकार (India Government) का मानना है कि उसके पास वर्चुअल करंसी (Virtual currency) का कोई डेटा नहीं है और इसलिए इसकी ट्रेडिंग में खतरा हो सकता है.
कब हुई थी बिटकॉइन की शुरुआत? (History of Bitcoin)
बिटकॉइन की शुरुआत 2009 में हुई थी. शुरुआती कुछ सालों में बिटकॉइन में धीरे-धीरे बढ़ रही थी. लेकिन, 2015 के बाद से इसमें बड़ी तेजी देखने को मिली और यह दुनिया की नजरों में आ गई. कई देशों में इस वर्चुअल करंसी में ट्रेडिंग (Virtual Currency trading) को लीगल माना गया और बिटकॉइन की कीमत लगातार बढ़ती गई. मौजूदा वक्त में इसकी कीमत 18000 डॉलर के पार निकल चुकी है. यह एक तरह की डिजिटल करंसी (Digital Currency) है. इसकी शुरुआत सतोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) नाम के शख्स ने की थी. भारत में भी गुपचुप तरीके से बिटकॉइन ट्रेडिंग (Bitcoin me trading kaise karein) की जा रही है. हालांकि, सरकार ने अब तक इसे लेकर नीतियां नहीं बनाई हैं. वहीं, सुप्रीम कोर्ट से इसकी मंजूरी मिल चुकी है.
कैसे होती है बिटकॉइन में ट्रेडिंग? (How to trade in bitcoin?)
बिटकॉइन ट्रेडिंग डिजिटल वॉलेट (Digital wallet) के जरिए होती है. बिटकॉइन की कीमत दुनियाभर में एक समय पर समान रहती है. इसलिए इसकी ट्रेडिंग मशहूर हो गई. दुनियाभर की गतिविधियों के हिसाब से बिटकॉइन की कीमत घटती बढ़ती रहती है. इसे कोई देश निर्धारित नहीं करता बल्कि डिजिटली कंट्रोल (Digitally controlled currency) होने वाली करंसी है. बिटकॉइन ट्रेडिंग का कोई निर्धारित समय नहीं होता है. इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बहुत तेजी से होता है.
बिटकॉइन का भी है एक्सचेंज (Bitcoin cryptocurrency trading exchange)
Kraken के जरिए बिटकॉइन में ट्रेडिंग (Bitcoin trading) की जा सकती है. यह क्रिप्टोकरंसी का एक्सचेंज (Cryptocurrency exchange) है. जिसे 2011 में बनाया गया था. इसके लिए पहले अपना अकाउंट बनाना होता है. इसके बाद ईमेल के जरिए अकाउंट कन्फर्म करना होता है. अकाउंट वेरिफाइ (Account verification) होने के बाद आप ट्रेडिंग मेथड सिलेक्ट कर सकते हैं. ट्रेडिंग बिटकॉइन ट्रेडर क्या है? के लिए चार्ट (Bitcoin trading chart) मौजूद होता है, जिसमें बिटकॉइन की कीमत की हिस्ट्री होती है. आप समय पर बिटकॉइन का ऑर्डर (How to order bitcoin) देकर खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं. बिटकॉइन की कीमतों में बदलाव बहुत ही अप्रत्याशित और तेज होता है. इन्वेस्टमेंट के हिसाब से लोगों को ये काफी लुभावना लगता है.
खरीद-फरोख्त की नहीं होती कोई जानकारी (Bitcoin investment details)
बिटकॉइन (Bitcoin) के लेनदेन का एक लेजर बनाया जाता है. दुनिया में लाखों व्यापारी भी बिटकॉइन से लेनदेन करते हैं. हालांकि, किसी भी केंद्रीय बैंक ने अभी इसको मान्यता नहीं दी है. अमेरिका की कई दिग्गज कंपनियां भी बिटकॉइन को स्वीकार करती हैं. इंटरनेट की दुनिया में इसकी खरीद-फरोख्त कराने वाले कई एक्सचेंज हैं. इंटरनेट की कई वेबसाइट और ऐप के माध्यम से इसकी खरीद-फरोख्त होती है. इसमें खरीद-फरोख्त करने वालों की जानकारी छुपी रहती है.
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क्या है बिटकॉइन का नुकसान? (Disadvantage of Bitcoin)
बिटकॉइन करेंसी से सबसे बड़ा नुकसान यह है कि अगर आपका कंप्यूटर हैक हो गया तो फिर यह वापस नहीं होगी यानी रिकवर नहीं होगी. इतना ही नहीं इसकी चोरी होने की आप पुलिस में या कहीं बिटकॉइन ट्रेडर क्या है? भी शिकायत दर्ज नहीं करा सकते हैं.
Crypto Trading : कैसे करते हैं क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और कैसे होती है इसकी ट्रेडिंग, समझिए
Crypto Trading : क्रिप्टोकरेंसी ट्रेड ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का इस्तेमाल करती है. आप अपने क्रिप्टो टोकन या तो सीधे बायर को बेच सकते हैं या फिर ज्यादा सुरक्षित रहते हुए एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकते हैं.
Cryptocurrency Trading : क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर है बहुत से भ्रम. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एन्क्रिप्शन के जरिए सुरक्षित रहने वाली एक डिजिटल करेंसी है. माइनिंग के जरिए नई करेंसी या टोकन जेनरेट किए जाते हैं. माइनिंग का मतलब उत्कृष्ट कंप्यूटरों पर जटिल गणितीय समीकरणों को हल करने से है. इस प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं और इसी तरह नए क्रिप्टो कॉइन जेनरेट होते हैं. लेकिन जो निवेशक होते हैं, वो पहले से मौजूद कॉइन्स में ही ट्रेडिंग कर सकते हैं. क्रिप्टो मार्केट में उतार-चढ़ाव का कोई हिसाब नहीं रहता है. मार्केट अचानक उठता है, अचानक गिरता है, इससे बहुत से लोग लखपति बन चुके हैं, लेकिन बहुतों ने अपना पैसा भी उतनी ही तेजी से डुबोया है.
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अगर आपको क्रिप्टो ट्रेडिंग को लेकर कुछ कंफ्यूजन है कि आखिर यह कैसे काम करता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बहुत से लोग यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि वर्चुअल करेंसी में कैसे निवेश करें. हम इस एक्सप्लेनर में यही एक्सप्लेन करने की कोशिश कर रहे हैं कि आप क्रिप्टोकरेंसी में कैसे निवेश कर सकते हैं, और क्या आपको निवेश करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी क्या है?
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, ये समझने के लिए समझिए कि यह क्या नहीं है. यह हमारा ट्रेडिशनल, सरकारी करेंसी नहीं है, लेकिन इसे लेकर स्वीकार्यता बढ़ रही है. ट्रेडिशनल करेंसी एक सेंट्रलाइज्ड डिस्टिब्यूशन यानी एक बिंदु से वितरित होने वाले सिस्टम पर काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी को डिसेंट्रलाइज्ड टेक्नॉलजी, ब्लॉकचेन, के जरिए मेंटेन किया जाता है. इससे इस सिस्टम में काफी पारदर्शिता रहती है, लेकिन एन्क्रिप्शन के चलते एनॉनिमिटी रहती है यानी कि कुछ चीजें गुप्त रहती हैं. क्रिप्टो के समर्थकों का कहना है कि यह वर्चुअल करेंसी निवेशकों को यह ताकत देती है कि आपस में डील करें, न कि ट्रेडिशनल करेंसी की तरह नियमन संस्थाओं के तहत.
क्रिप्टो एक्सचेंज का एक वर्चुअल माध्यम है. इसे प्रॉडक्ट या सर्विस खरीदने के लिए इस्तेमाल में लिया जा सकता है. जो क्रिप्टो ट्रांजैक्शन होते हैं. उन्हें पब्लिक लेज़र यानी बहीखाते में रखा जाता है और क्रिप्टोग्राफी से सिक्योर किया जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी की ट्रेडिंग कैसे होती है?
इसके लिए आपको पहले ये जानना होगा कि यह बनता कैसे है. क्रिप्टो जेनरेट करने की प्रक्रिया को माइनिंग कहते हैं. और ये काम बहुत ही उत्कृष्ट कंप्यूटर्स में जटिल क्रिप्टोग्राफिक इक्वेशन्स यानी समीकरणों को हल करके किया जाता है. इसके बदले में यूजर को रिवॉर्ड के रूप में कॉइन मिलती है. इसके बाद इसे उस कॉइन के एक्सचेंज पर बेचा जाता है.
कौन कर सकता है ट्रेडिंग?
ऐसे लोग जो कंप्यूटर या टेक सैवी नहीं हैं, वो कैसे क्रिप्टो बिटकॉइन ट्रेडर क्या है? निवेश की दुनिया में प्रवेश कर सकते हैं? ऐसा जरूरी नहीं है कि हर निवेशक क्रिप्टो माइनिंग करता है. अधिकतर निवेशक बाजार में पहले से मौजूद कॉइन्स या टोकन्स में ट्रेडिंग करते हैं. क्रिप्टो इन्वेस्टर बनने के लिए माइनर बनना जरूरी नहीं है. आप असली पैसों से एक्सचेंज पर मौजूद हजारों कॉइन्स और टोकन्स में से कोई भी खरीद सकते हैं. भारत में ऐसे बहुत सारे एक्सचेंज हैं तो कम फीस या कमीशन में ये सुविधा देते हैं. लेकिन यह जानना जरूरी है कि क्रिप्टो में निवेश जोखिम भरा है और मार्केट कभी-कभी जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखता है. इसलिए फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स निवेशकों से एक ही बार में बाजार में पूरी तरह घुसने की बजाय रिस्क को झेलने की क्षमता रखने की सलाह देते हैं.
यह समझना भी जरूरी है कि सिक्योर इन्वेस्टमेंट, सेफ इन्वेस्टमेंट नहीं होता है. यानी कि आपका निवेश ब्लॉकचेन में तो सुरक्षित रहेगा लेकिन बाजार में उतार-चढ़ाव का असर इसपर होगा ही होगा, इसलिए निवेशकों को पैसा लगाने से पहले जरूरी रिसर्च करना चाहिए.
क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल क्या है?
यह डिजिटल कॉइन उसी तरह का निवेश है, जैसे हम सोने में निवेश करके इसे स्टोर करके रखते हैं. लेकिन अब कुछ कंपनियां भी अपने प्रॉडक्ट्स और सर्विसेज़ के लिए क्रिप्टो में पेमेंट को समर्थन दे रही हैं. वहीं, कुछ देश तो इसे कानूनी वैधता देने पर विचार कर रहे हैं.
बिटकॉइन कैसे ख़रीदे | Top Bitcoin App, Invest Kaise Kare,
बिटकॉइन क्या है इसके बारे पूरी जानकारी इस पोस्ट में जानें.
बिटकॉइन कैसे ख़रीदे
बिटकॉइन में निवेश कैसे करें? सबसे पहले, आपको बिटकॉइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर जाना होगा और एक खाता बनाना होगा जहां आपको बिटकॉइन का व्यापार करने के लिए एक वॉलेट दिया जाता है।
वॉलेट बनने के बाद आपको उसमें फंड लगाना होता है और उसी फंड के जरिए आप अलग-अलग सिक्कों या क्रिप्टोकरेंसी में पैसा लगा सकते हैं।
ऑनलाइन कई क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं जो आपको मुफ्त में बिटकॉइन वॉलेट बनाने की अनुमति देते हैं। भारतीय बिटकॉइन ट्रेडिंग कैसे करते हैं, पॉपुलर बिटकॉइन ट्रेडिंग एप्लिकेशन की एक लिस्ट नीचे शेयर की गई है।
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Trading Kaise Kare
बिटकॉइन में ट्रेडिंग करना आज बहुत आसान हो गया है और कोई भी इसे कर सकता है बिटकॉइन ट्रेडिंग मोबाइल ऐप के माध्यम से की जा सकती है।
क्रिप्टोक्यूरेंसी ट्रेडिंग बिटकॉइन ट्रेडर क्या है? ब्लॉकचेन तकनीक पर काम करती है और निवेश को सुरक्षित रखने के लिए एन्क्रिप्शन कोड का उपयोग करती है। आप अधिक सुरक्षा के बदले में या तो अपना क्रिप्टो सिक्का सीधे खरीदार या व्यापारी को बेच सकते हैं।
यहां मैं आपको बिटकॉइन में निवेश कैसे करें और कहां करें और बिटकॉइन खरीदने के लिए सबसे पॉपुलर मोबाइल एप्प कौन है, जानकारी शेयर किया है.
Top 8 Bitcoin Trading App
यह 8 बिटकॉइन ऐप जहां आप बिटकॉइन खरीद सकते हैं। ये मोबाइल ऐप नौसिखियों के लिए बहुत अच्छे हैं। इन मोबाइल ऐप में बिटकॉइन खरीदना और बेचना बहुत आसान है। बिटकॉइन का रेट क्या है? और दर बढ़ रही है या घट रही है, आप तुरंत जान सकते हैं।
बिटकॉइन कैसे ख़रीदे FAQ’s;
बिटकॉइन कैसे ख़रीदे? इससे रिलेटेड सवालों का महत्वपूर्ण जानकारी…
Q. Bitcoin Me Account Kaise Banaye
बिटकॉइन का व्यापार करने के लिए आपको पहले एक वॉलेट की आवश्यकता होती है। अगर आप वॉलेट बनाना चाहते हैं और ट्रेड करना चाहते हैं, तो ऊपर दिए गए बिटकॉइन ट्रेडिंग मोबाइल ऐप में से कोई भी इंस्टॉल करें और कुछ दस्तावेजों और मोबाइल नंबर के साथ वॉलेट बनाएं।
बिटकॉइन वॉलेट बनाने में आपको कम से कम 5 मिनट का समय लग सकता है।
Q. बिटकॉइन का भविष्य 2025
बिटकॉइन का भविष्य क्या है यानि 2025 तक इसकी कीमत क्या होने वाली है? कुछ रिपोर्टों के अनुसार, बिटकॉइन की दर शुरुआत से कभी नहीं गिरी है। हमेशा बढ़ते देखा है। शुरुआत में इसकी कीमत एक डॉलर से भी कम थी, लेकिन आज यह लाखों तक पहुंच गई है।
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Summary: उम्मीद है कि आपको बिटकॉइन कैसे ख़रीदे, Bitcoin Trading Kaise Kare, Trading App, बिटकॉइन का भविष्य 2025 तक कैसा रहेगा, इस तरह की सवालों का समाधानइस पोस्ट के जरिये मिली है.
यदि आप बिटकॉइन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं जो इस पोस्ट में साझा नहीं किया गया है, तो आप बेझिझक हमसे प्रश्न पूछ सकते हैं और उसके लिए आप कमेंट बॉक्स में जाकर प्रश्न लिखें।
Cryptocurrency : बिटकॉइन पेमेंट में कितनी पारदर्शिता रहती है? यहां दूर करिए क्रिप्टो पर अपने भ्रम
Bitcoin के सभी ट्रांजैक्शन की जानकारी सार्वजनिक तौर पर स्टोर होती है और परमानेंटली इसके नेटवर्क पर रहती है. यानी कि इस पब्लिक नेटवर्क पर कोई भी किसी भी ट्रांजैक्शन के बैलेंस और बिटकॉइन एड्रेस जैसी जानकारी को एक्सेस कर सकता है.
Bitcoin Investment : बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बहुत सारे भ्रम फैले हुए हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
सबसे पुरानी और पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन में निवेश (Bitcoin Investment) क्या गुप्त रहता है? क्या निवेश में कोई पारदर्शिता नहीं रहती? क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अकसर लोग ये सवाल करते हैं, जोकि जायज भी हैं. पिछले एक साल में क्रिप्टोकरेंसी निवेश का एक पॉपुलर विकल्प बन गया है. खासकर, बिटकॉइन, ईथर और टेदर जैसे क्रिप्टोकॉइन्स ने जबरदस्त तेजी दिखाई है. बिटकॉइन इस साल अप्रैल में 60,000 डॉलर के लेवल पर पहुंच गया था. बहुत लोगों को अब भी लगता है कि बिटकॉइन के ट्रांजैक्शन एनॉनिमस रहते हैंं, यानी कि इसके ट्रांजैक्शन की जानकारी गुप्त रहती है, लेकिन यह बात कितनी सच है?
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आइए पहले देखते हैं कि बिटकॉइन का खुद इसपर क्या कहना है:
बिटकॉइन अपनी वेबसाइट पर कहता है कि इसके सभी ट्रांजैक्शन की जानकारी सार्वजनिक तौर पर स्टोर होती है और परमानेंटली इसके नेटवर्क पर रहती है. यानी कि इस पब्लिक नेटवर्क पर कोई भी किसी भी ट्रांजैक्शन के बैलेंस और बिटकॉइन एड्रेस जैसी जानकारी को एक्सेस कर सकता है. हालांकि, कंपनी बताती है कि इस एड्रेस के पीछे निवेशक की पहचान सुरक्षित रहती है, उसे सार्वजनिक नहीं किया जाता है, ये जानकारी बस किसी परचेज़ यानी खरीददारी के वक्त ही बाहर आती है.
वेबसाइट पर कहा गया है कि इसलिए जरूरी है कि आप किसी बिटकॉइन एड्रेस को बस एक बार इस्तेमाल करें क्योंकि अपनी प्राइवेसी की जिम्मेदारी के लिए आपको एहतियाती कदम उठाने होंगे.
ज्यादा पारदर्शिता
बिटकॉइन एटीएम ऑपरेटर कंपनी CoinFlip के को-फाउंडर और COO बेन वाइस ने जून, 2021 में कहा कि बहुत से लोग सोचते हैं कि बिटकॉइन ट्रांजैक्शन एनॉनिमस रहते हैं या उन्हें ट्रेस नहीं किया जा सकता है, वो लोग असल में वर्चुअल करेंसी के प्रोसेस को लेकर गलत जानकारी रखते हैं. डिजिटल असेट्स पर हो रहे एक वेबिनार में बोलते हुए कहा कि बिटकॉइन एनॉनिमस नहीं है, अगर इसे ऐसा कुछ कहना ही है, तो इसे ज्यादा से ज्यादा स्यूडो-एनॉनिमस यानी छद्म रूप में गुप्त कह सकते हैं.
इसका कारण बताते हुए वाइस ने कहा कि कोई भी बड़ी मात्रा में बिटकॉइन बिना केवीआईसी, आईडी या फिर ड्राइविंग लाइसेंस के नहीं खरीद सकता है. उन्होंने बताया कि बिटकॉइन के एनॉनिमस होने की शंका इस धारणा से निकलती है कि क्रिप्टोकरेंसी में डील करना गैर कानूनी है और इसलिए यह ट्रेडर की पहचान छिपाकर रखता है. Business Insider के मुताबिक, उन्होंने कहा कि दरअसल, बिटकॉइन निवेश में हमारे मौजूदा फाइनेंशियल सिस्टम से ज्यादा पारदर्शिता है.
पब्लिक लेजर
बस बिटकॉइन ही नहीं, Monero, DASH और Verge जैसी कुछ प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी भी कुछ हद तक ट्रेसेबल हैं यानी इन्हें ट्रेस किया जा सकता है, वो इसलिए क्योंकि क्रिप्टो इको सिस्टम में हर ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड होता है और हर कोई इसे एक्सेस कर सकता है. इस पब्लिक लेजर में ट्रांजैक्शन का अमाउंट, टाइम और यहां तक कि सेंडर और रिसीवर के क्रिप्टो वॉलेट्स की जानकारी भी रहती है.
सीधी-सीधी बात ये है कि आप तब तक एनॉनिमस यानी गुप्त रहते हैं, जबतक कि आपने किसी क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग नहीं की है या फिर कोई ट्रांजैक्शन नहीं किया है. जैसे ही आप कोई ट्रांजैक्शन करते हैं, इसकी जानकारी लेजर पर दर्ज हो जाती है, ऐसे में आप इस निवेश में एनॉनिमस नहीं रह सकते.