वायदा का उपयोग करके व्यापार कैसे करें

वोलाटिलिटी

वोलाटिलिटी
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स सलाह देते हैं कि बाजार में जब हलचल हो तो निवेशक को SIP की मदद से म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए. इससे आपका नुकसान घट जाएगा और लॉन्ग टर्म में यह ज्यादा रिटर्न देगा. फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, बाजार में जब गिरावट हो तो निवेशकों के पास SIP में टॉप-अप की मदद से पोर्टफोलियो को मल्टीबैगर बनाने का मौका रहता है.

बाजार में 3 से 6 महीनों तक रहेगा उतार-चढ़ाव, इस दौरान अच्छी कंपनियों के शेयरों में करें खरीदारी- नीलेश शाह

नीलेश शाह ने कहा कि सरकार की घोषणा के बाद सरकारी डिफेंस कंपनियों के शेयरों में निवेश करना शुरू करना चाहिए

बाजार में पिछले कुछ दिनों से भारी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। वोलाटिलिटी इंडेक्स कभी ऊपर की ओर बढ़ता हुआ नजर आता है तो निवेशकों की उम्मीदें जगती हैं लेकिन उछाल पर मुनाफावसूली के चलते फिर से इसमें करेक्शन नजर आता है। बाजार में जारी हाई वोलाटिलिटी कब तक जारी रहेगी। ये कम थमेगी और इस दौरान बाजार में किस तरह निवेश की रणनीति अपनानी चाहिए। इन सभी मुद्दों पर सीएनबीसी-आवाज के वोलाटिलिटी साथ मार्केट बिग वॉइस में Envision Capital के MD और CEO नीलेश वोलाटिलिटी शाह ने खुलकर चर्चा की। पेश है उनसे बातचीत के संपादित प्रमुख अंश-

नीलेश शाह ने बाजार की वोलाटिलिटी पर कहा कि बाजार में जो उठापटक नजर आ रही है और सेंट्रल बैंकों द्वारा जो रेट हाईक किये जा रहे हैं। वह बाजार के सामने चुनौती पेश कर रहे हैं। बाजार में महंगाई और ब्याज दर की बड़ी चुनौती सामने आ रही है। ये ऐसी परेशानियां जिससे निकलने में बाजार को 1 या 2 तिमाहियों का समय लग सकता है। यानी कि बाजार को इन चुनौतियों से निजात पाने में 3 से 6 महीनों का वोलाटिलिटी समय लग सकता है।

कैसे करें निवेश

बाजार के जानकार बताते हैं कि आपको इसके लिए म्यूचुअल फंड के जरिए निवेश करना चाहिए। म्यूचुअल फंड्स में भी सिस्टमेटिक इंवेस्टवेंट प्लान (SIP) एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए आप मासिक निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड में बैलेंस एडवांटेज कैटिगरी एक ऐसी कैटिगरी है जो आपके निवेश को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए अच्छा रास्ता है। लेकिन अब आप कम उतार-चढ़ाव के लिए लो वोलाटिलिटी का भी चयन कर सकते हैं।

उतार चढ़ाव से डर तो लो वोलाटिलिटी इंडेक्स

बहुत से निवेशक शेयर बाजार के तेज उतार-चढ़ाव (High volatility) से डर जाते हैं। ऐसे निवेशकों के लिए लो वोलाटिलिटी इंडेक्स (Low volatility index) भी है। यह इंडेक्स मुख्य रूप से निफ्टी का बेंचमार्क होता है। यह निफ्टी अल्फा लो वोलाटिलिटी 30 इंडेक्स के नाम से है। निफ्टी अल्फा लो वोलाटिलिटी -30 इंडेक्स के लिए 30 स्टॉक्स वोलाटिलिटी निफ्टी के 100 और 50 स्टॉक्स निफ्टी मिडकैप से चुने गए हैं।

इसी श्रेणी में नया ईटीएफ

देश की अग्रणी म्यूचुअल फंड कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इसी उतार-चढ़ाव को पीछे छोड़ने के लिए एक ईटीएफ एनएफओ (ETF NFO) लाई है। इसे आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल अल्फा लो वोलाटिलिटी 30 ईटीएफ नाम दिया गया है। यह स्कीम ओपन एंडेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) है। यह निवेशकों को चुने गए शेयरों के पोर्टफोलियो के आधार पर एक्सपोजर देता है। इसका उद्देश्य निफ्टी अल्फा लो-वोलाटिलिटी 30 इंडेक्स द्वारा प्रदान किए गए रिटर्न के आधार पर निवेशकों को लाभ देना है।

Investment tips: स्टॉक मार्केट में जब हलचल ज्यादा हो तो केवल इन पांच बातों का रखें ध्यान, गिरावट में भी चमकेगा आपका पोर्टफोलियो

TV9 Bharatvarsh | Edited By: शशांक शेखर

Updated on: May 29, 2022, 10:55 AM IST

साल 2022 अब तक शेयर बाजार (Share market investors) के लिए उठापटक वाला रहा है. खासकर पिछले दो महीने में बाजार में बहुत बड़ा करेक्शन आया है. सेंसेक्स और निफ्टी में पिछले दो महीने में करीब 9 फीसदी की गिरावट आई है. वोलाटिलिटी मापने वाला इंडेक्स इंडिया विक्स (Vix) में इस साल अब तक 30 फीसदी की तेजी आई है जो बाजार की हलचल को बयां कर रहा है. बाजार पर इस समय कई फैक्टर्स हावी हैं. महंगाई आसमान पर है, एनर्जी की कीमत बढ़ रही है, यूक्रेन क्राइसिस जारी है और चीन में कोरोना के कारण नए सिरे से लॉकडाउन लगाए गए हैं. सप्लाई और डिमांड का सिस्टम बुरी तरह चरमरा गई है. ये सभी फैक्टर्स बाजार पर अपना-अपना असर दिखा रहे हैं.

बाजार में 3 से 6 महीनों तक रहेगा उतार-चढ़ाव, इस दौरान अच्छी कंपनियों के शेयरों में करें खरीदारी- नीलेश शाह

नीलेश शाह ने कहा कि सरकार की घोषणा के बाद सरकारी डिफेंस कंपनियों के शेयरों में निवेश करना शुरू करना चाहिए

बाजार में पिछले कुछ दिनों से भारी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। इंडेक्स कभी ऊपर की ओर बढ़ता हुआ नजर आता है तो निवेशकों की उम्मीदें जगती हैं लेकिन उछाल पर मुनाफावसूली के चलते फिर से इसमें करेक्शन नजर आता है। बाजार में जारी हाई वोलाटिलिटी कब तक जारी रहेगी। ये कम थमेगी और इस दौरान बाजार वोलाटिलिटी में किस तरह निवेश की रणनीति अपनानी चाहिए। इन सभी मुद्दों पर सीएनबीसी-आवाज के साथ मार्केट बिग वॉइस में Envision Capital के MD और CEO नीलेश शाह ने खुलकर चर्चा की। पेश है उनसे बातचीत के संपादित प्रमुख अंश-

नीलेश शाह ने बाजार की वोलाटिलिटी पर कहा कि बाजार में जो उठापटक नजर आ रही है और सेंट्रल बैंकों द्वारा जो रेट हाईक किये जा रहे हैं। वह बाजार के सामने चुनौती पेश कर रहे हैं। बाजार में महंगाई और ब्याज दर की बड़ी चुनौती सामने आ रही है। ये ऐसी परेशानियां जिससे निकलने में बाजार को 1 या 2 तिमाहियों का समय लग सकता है। यानी कि बाजार को इन चुनौतियों से निजात पाने में 3 से 6 महीनों का समय लग सकता है।

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के असर से बचाएंगे लो वोलाटिलिटी फंड

शेयर बाजार ( stock market ) के उतार-चढ़ाव से आप सभी परिचित हैं। कभी यह बहुत ज्यादा बढ़ता है तो कभी कम बढ़ता है। ऐसे में आप अगर इस उतार-चढ़ाव को पीछे छोडऩे चाहते है, तो म्यूचुअल फंड ( mutual funds ) का रास्ता अपना सकते हैं। म्यूचुअल फंड कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ( ICICI Prudential ) इसी उतार-चढ़ाव को पीछे छोडऩे के लिए एक ईटीएफ एनएफओ लाई है। इसे आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल अल्फा लो वोलाटिलिटी वोलाटिलिटी 30 ईटीएफ नाम दिया गया है। यह स्कीम ओपन एंडेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (exchange traded fund) है।

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के असर से बचाएंगे लो वोलाटिलिटी फंड

जयपुर। शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से आप सभी परिचित हैं। कभी यह बहुत ज्यादा बढ़ता है तो कभी कम बढ़ता है। ऐसे में आप अगर इस उतार-चढ़ाव को पीछे छोडऩे चाहते है, तो म्यूचुअल फंड का रास्ता अपना सकते हैं। म्यूचुअल फंड कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल इसी उतार-चढ़ाव को पीछे छोडऩे के लिए एक ईटीएफ वोलाटिलिटी एनएफओ लाई है। इसे आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल अल्फा लो वोलाटिलिटी 30 ईटीएफ नाम दिया गया है। यह स्कीम ओपन एंडेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है। यह निवेशकों को चुने गए शेयरों के पोर्टफोलियो के आधार पर एक्सपोजर देता है। इसका उद्देश्य निफ्टी अल्फा लो-वोलाटिलिटी 30 इंडेक्स द्वारा प्रदान किए गए रिटर्न के आधार पर निवेशकों को लाभ देना है।
यह एनएफओ वोलाटिलिटी इस ईटीएफ के इंडेक्स में विभिन्न सेक्टर के शेयरों के पोर्टफोलियो में निवेश करेगा। यह एक तरह से आपके निवेश को डाइवर्सिफाई करता है। इसका मकसद कम जोखिम और अस्थिरता के साथ निवेशकों की पूंजी को बढ़ाना होगा। इसमें आप कम से कम 5000 रुपए का निवेश कर सकते हैं। यह एनएसई और बीएसई पर लिस्ट होगा। लो वोलाटिलिटी इंडेक्स मुख्य रूप से निफ्टी का बेंचमार्क होता है। यह निफ्टी अल्फा लो वोलाटिलिटी 30 इंडेक्स के नाम से है। निफ्टी अल्फा लो वोलाटिलिटी वोलाटिलिटी-30 इंडेक्स के लिए 30 स्टॉक्स निफ्टी के 100 और 50 स्टॉक्स निफ्टी मिडकैप से चुने गए हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के एमडी व सीईओ निमेश शाह ने कहा कि नई स्कीम में मल्टीफैक्टर स्मार्ट बीटा स्ट्रैटेजी का इस्तेमाल किया जाएगा। इस ईटीएफ के जरिए निवेशकों को स्मार्ट बीटा स्ट्रैटेजी में निवेश करने का मौका मिलेगा। यह निवेश का किफायती तरीका है। यहां निवेशक कई कारक रणनीतियों के आधार पर ईटीएफ के माध्यम से अधिक विविधीकरण प्राप्त कर सकते हैं और रिटर्न ड्राइव करने के लिए किसी एक कारक पर कम निर्भर हो सकते हैं। वोलाटिलिटी इन सभी लाभों के कारण विश्व स्तर पर भी निवेशक इस ओर तेजी से बढ़ रहे हैं। इसमें 10 अगस्त तक निवेश किया जा सकेगा।

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