फॉरेक्स मार्केट

शेयरों में निवेश करने से पहले

शेयरों में निवेश करने से पहले

7. कमाई का कुछ हिस्सा करें सुरक्षित निवेश: शेयर बाजार से होने वाली कमाई के कुछ हिस्से को सुरक्षित निवेश के तौर पर दूसरे जगह पर भी लगाएं. इसके अलावा शेयरों में निवेश करने से पहले अपने मुनाफे को बीच-बीच में कैश करते हैं. सबसे अहम और हर रिटेल निवेशक के जरूरी बात यह है कि वे बिना जानकारी शेयर बाजार से दूर रहें, और निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें. देश के बड़े निवेशकों को फॉलो करें, उनकी बातों को गंभीरता से लें. (Photo: Getty Images)

छोटी रकम से करें निवेश की शुरुआत

शेयरों में निवेश करने से पहले ध्यान में रखने योग्य बातें

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शेयर बाजार में निवेश अब एक जटिल या अत्यधिक मांग वाली गतिविधि नहीं है। डिजिटल होने के कदम ने नए लोगों के लिए ट्रेडिंग को आसान और पेशेवर निवेशकों के लिए ट्रेडिंग को सक्षम किया है। डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता व्यवस्थित करना 20 मिनट का कार्य है, जो आपको भारत और विदेशों में ऑनलाइन शेयर बाजार तक पहुंच प्रदान करते हैं। शेयरों में निवेश करने में आसानी के बावजूद, वित्तीय बाजारों में निवेश करने में डुबकी लगाने से पहले आपको कुछ चीजें याद रखना चाहिए।

वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें

निवेश शुरू करने से पहले वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित करना बेहद महत्वपूर्ण है।आप अपने पैसे कैसे खर्च करना चाहते हैं और आपको कितनी बचत करने की जरूरत हैं, इस पर एक उचित योजना के बिना निवेश एक उद्देश्यहीन मेहनत है। आप सोच सकते हैं कि अपने वित्तीय लक्ष्यों की प्रतीक्षा करने में,अपने पैसे को अपने बचत खाते में बेकार रखे रहने के बजाय शेयर बाजार में निवेश करना बेहतर है, ताकि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को तैयार कर सकें। लेकिन स्टॉक निवेश के अवसरों की व्यापक विविधता के साथ, यदि आप क्षितिज पर कुछ व्यापक वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित नहीं करते हैं तो आपको यह नहीं पता होगा कि कब प्रवेश करें या कब बाहर निकलें।वित्तीय लक्ष्य आपको यह निर्धारित करने में सहायता करते हैं कि आपको कितने समय तक और कितना निवेश करने की आवश्यकता है। यह आपको उस निवेश रणनीति को भी सूचित करता है जो आपके पैसे को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। जिन कंपनियों और शेयरों में आप निवेश करना चुनते हैं, वे स्पष्ट वित्तीय लक्ष्यों के उप-उत्पाद हैं।

Investment Tips: शेयर मार्केट से करोड़पति कैसे बनें? आपका भी है यही सवाल? ये 7 जवाब

अमित कुमार दुबे

पैसा कमाना हर किसी को अच्छा लगता है. कहा जाता है कि शेयर बाजार में बहुत पैसा है. कुछ लोगों को उदाहरण दिया जाता है कि इन्होंने महज 5000 रुपये से निवेश की शुरुआत की थी, और आज शेयर बाजार से करोड़ों रुपये बना रहे हैं. आखिर उनकी सफलता का राज क्या है, आज हम आपको बताएंगे? (Photo: Getty Images)

How can I earn 1 crore easily

दरअसल, आप भी कुछ आसान टिप्स को फॉलो कर शेयर बाजार से पैसे बना सकते हैं. शेयर बाजार में कुछ बातों का ध्यान रखकर आप लखपति से करोड़पति बन सकते हैं. लेकिन अक्सर लोग पैसे बनाने की होड़ में नियम और रिस्क को भूल जाते हैं, या फिर कहें जानबूझकर नजरअंदाज कर देते हैं. और फिर उनकी उनकी शिकायत होती है कि शेयर बाजार से बड़ा नुकसान हो गया. (Photo: Getty Images)

बाजार में कभी भी जल्‍दबाजी न करें

स्‍टॉक मार्केट में कभी भी जल्‍दबाजी न करें. शेयर के दाम बढ़ने से पहले खरीदना और गिरने से पहले तुरंत बेचने का फैसला नुकसान करा सकता है. ज्‍यादातर निवेशक यह मानते हैं कि ट्राइंग टू टाइम इन मार्केट सही स्‍ट्रैटजी नहीं है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि किसी भी स्‍टॉक में सटीक टॉप और बॉटम का अंदाजा लगाना मुमकिन नहीं है. अगर बाजार से पैसा कमाना है, तो इस तरह की स्‍ट्रैटजी से बचें.

बाजार में अनुशासन बहुत जरूरी है. बाजार के इतिहास देखें तो शेयरों में निवेश करने से पहले बुल मार्केट में भी अधिकांश निवेशकों में डर होता है. शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव के चलते निवेशक अपनी कमाई डुबो देते हैं, वो भी तब जब मार्केट में बुलिश ट्रेंड रहा. यानी, तेजी का दौर रहा. इसलिए निवेशकों को निवेश को लेकर अनुशासन भरा रवैया रखना चाहिए. अगर लॉन्‍ग टर्म में कमाई करना चाहते हैं, तो निवेश का सिस्‍टमेटिक अप्रोच होना जरूरी है.

बाजार में अपना सरप्‍लस फंड ही लगाएं

अकसर यह सुनने में आता है कि शेयरों में निवेश के चलते कोई व्‍यक्ति भारी कर्ज में फंस गया. अगर आप शेयर बाजार में निवेश की शेयरों में निवेश करने से पहले शुरुआत कर रहे हैं तो हमेशा सरप्‍लस फंड ही निवेश करें. सरप्‍लस फंड से मतलब कि जो आपके पास आपके खर्चों और अन्‍य जरूरतों को पूरा करने के बाद बचता है. अगर आपको मुनाफ होने लगता है, तो आप उस पैसे को दोबारा निवेश करेंगे. कभी भी लोन या कर्ज लेकर निवेश न करें.

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भावनाओं पर काबू शेयरों में निवेश करने से पहले रखें

बाजार में हमेशा भावनाओं में बहकर फैसला नहीं करना चाहिए. अगर आपका शेयर खरीदने-बेचने को लेकर इमोशंस पर कंट्रोल नहीं है तो आप भारी नुकसान करा सकते हैं. जब बाजार में तेजी रहती है तो ट्रेडर्स ज्‍यादा आकर्षित होते हैं और उस चक्‍कर में गलत शेयरों में पैसा लगा बैठते हैं. डर और लालच, ये दो ऐसे फैक्‍टर हैं, जिन पर शेयर में ट्रेडिंग के दौरान कंट्रोल होना चाहिए.

शेयर बाजार में निवेश को लेकर एक वास्‍तविक गोल रखें. निवेशकों को हमेशा लगता है कि उन्‍होंने जो निवेश किया है वह बेस्‍ट रिटर्न देगा. लेकिन अगर आपका फाइनेंशियल गोल रियलस्टिक नहीं है तो आप परेशानी में फंस सकते हैं. बाजार में कभी भी समान रिटर्न की उम्‍मीद न करें.


(नोट: स्‍टॉक मार्केट के ये टिप्‍स ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के ब्‍लॉग से लिया गया है.)
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Investment Tips : विदेशी शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले समझें जरूरी बातें, फिर यूं करें शुरुआत

विदेशी बाजार में पैसा लगाने से पहले कुछ जरूरी बातें जरूर समझ लें.

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निवेशक जागरूक हुए हैं और डायवर्सिफिकेशन के लिए विदेशों बाजारों में पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं. आरबीआई के आंकड़ों को देख . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 24, 2022, 17:30 IST
भारत के लोगों का विदेशी बाजारों में निवेश लगाता बढ़ रहा है.
तकनीक ने ओवरसीज़ निवेश करना काफी आसान बना दिया है.
भारत में कई म्यूचुअल फंड हाउस विदेशी निवेश का विकल्प मुहैया कराते हैं.

नई दिल्ली. निवेशक इन दिनों विदेशी शेयरों में भी निवेश कर रहे हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आंकड़ों के हिसाब से 2021-22 में भारतीयों ने 19,611 मिलियन डॉलर का निवेश विदेशी बाजारों में किया है. इससे पिछले साल यह महज 12,684 मिलियन डॉलर था.

भारत सरकार की लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत एक भारतीय एक वित्त वर्ष में 2,50,000 (ढाई लाख) डॉलर विदेश भेज सकता है. रिजर्व बैंक ने समय के साथ इस सीमा में बढ़ोतरी की है. साल 2004 में जब यह स्कीम शुरू हुई थी, तब इसकी सीमा महज 25 हजार डॉलर थी. म्यूचुअल फंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर निवेश करना आसान हो गया है. इसका प्रोसेस कुछ यूं है…

Investment tips: अगर पहली बार शेयर बाजार में करते हैं निवेश तो इन 5 बातों का रखें ध्यान और चुने बेस्ट स्टॉक, लॉन्ग टर्म में मिलेगा बंपर रिटर्न

Best shares for investment: अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो निवेश के लिए सही स्टॉक का चयन करना कठिन होता है. अगर सही स्टॉक का चयन कर लिया जाता है तो लंबी अवधि में यह शेयरों में निवेश करने से पहले मल्टी बैगर रिटर्न साबित होगा. पोर्टफोलियो में किसी स्टॉक को शामिल करने से इन पांच बातों का जरूर ध्यान रखें.

Share Market Investment tips: कोरोना काल में शेयर बाजार के प्रति लोगों का नजरिया बदला और बहुत बड़े पैमाने पर नए निवेशक बाजार की तरफ आकर्षित हुए हैं. इस समय देश में 9 करोड़ के करीब डीमैट अकाउंट होल्डर्स हैं. वित्त वर्ष 2018-19 के अंत में देश में डीमैट अकाउंट होल्डर्स की संख्या महज 3.60 करोड़ के करीब थी. इससे साफ पता चलता है कि बाजार में नए निवेशकों की भरमार है. बाजार में इस समय उठा-पटक जारी है. एक्सपर्ट लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह दे रहे हैं. ऐसे में शेयरों में निवेश करने से पहले निवेशकों के लिए सही स्टॉक का चयन करना बहुत जरूरी हो जाता है. नए निवेशकों के लिए यह बहुत कठिन काम है.

जिन प्रोडक्ट्स का करते हैं इस्तेमाल, वैसी कंपनियों को चुनें

बाजार के जानकारों के मुताबिक, नए निवेशकों ऐसे स्टॉक का सलेक्शन करना चाहिए जिनके प्रोडक्ट का वे इस्तेमाल करते हैं. अगर आप लंबी अवधि से किसी कंपनी का प्रोडक्ट इस्तेमाल कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे तो वह कंपनी एक अच्छा विकल्प है. उदाहरण के लिए FMCG और बैंकिंग सर्विस की कंपनियां.

आपने जिस कंपनी का सलेक्शन किया वह रेवेन्यू जेनरेट कर रही है या नहीं, यह बेहद महत्वपूर्ण है. अगर कंपनी का रेवेन्यू बढ़ रहा है और प्रॉफिट ग्रोथ में भी उछाल आ रहा है तो यह अच्छी बात है. इसके साथ में कंपनी के कर्ज पर भी गौर करना जरूरी है. अगर कंपनी के कर्ज में लगातार गिरावट आ रही तो आपका स्टॉक सलेक्शन अच्छा है.

कंपनी की वैल्युएशन उचित हो

कंपनी की वैल्युएशन का सही पता लगाना जरूरी है. इसके लिए PE Ratio (प्राइस टू अर्निंग रेशियो), PEG Ratio (प्राइस अर्निंग टू ग्रोथ रेशियो), PB Ratio (प्राइस टू बुक रेशियो) का सहारा लिया जा सकता है. एक साल, तीन साल, पांच साल, सात साल, दस साल. इन नंबर्स के साथ अगर तमाम रेशियो का कैलकुलेशन करते हैं तो यह पता लगाना आसान होगा कि रेवेन्यू और प्रॉफिट में ग्रोथ के साथ-साथ कंपनी की वैल्युएशन बढ़ रही है या नहीं.

इतना सबकुछ करने के बाद कंपनी का कॉर्पोरेट गवर्नंस का सही होना जरूरी है. पिछले दिनों एयर इंडिया को टाटा ने खरीदा और सिर्फ टाटा के नाम पर एयर इंडिया के प्रति लोगों का नजरिया बदल गया. ऐसे में किसी भी कंपनी के फ्यूचल के लिए लीडरशिप का मजबूत होना जरूरी है. अगर कंपनी के प्रमोटर ने शेयर को प्लेज यानी गिरवी नहीं रखा है, तो यह अच्छा संकेत है. इन तमाम फैक्टर्स की मदद से निवेश के लिए सही कंपनी और स्टॉक का सलेक्शन किया जा सकता है.

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