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NAV क्या है

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Mutual Fund में आपने भी लगाया है पैसा? कैसे निकालते हैं फंड की NAV, जान लें फॉर्मूला

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Mutual Funds Net Asset Value Formula: म्‍यूचुअल फंड स्‍कीम्‍स में निवेश करना आज के समय में काफी आसान हो गया है. आप मोबाइल ऐप की भी मदद से SIP शुरू कर सकते हैं. बहरहाल, म्‍यूचुअल फंड में निवेश से पहले हमें कुछ बेसिक बातों को जरूर ध्‍यान में रखना चाहिए. जैसेकि, जिस फंड को आप चुन रहे हैं उसका बीते सालों का रिटर्न कैसा है, रिस्‍क फैक्‍टर कैसा है, एक्‍सपेंश रेश्‍यो कितना है, किस एसेट क्‍लास में निवेश है, NAV (नेट एसेट वैल्‍यू) कितनी है. इसमें किसी भी फंड की NAV काफी अहम होती है. क्‍योंकि एनएवी के आधार पर तय होगा कि आपको स्‍कीम की कितनी यूनिट अलॉट होगी. अब हमें यह समझना जरूरी है कि यह NAV क्‍या है और इसे कैसे निकालते हैं?

क्‍या है NAV निकालने का फॉर्मूला?

म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश पर आपको NAV (नेट वैल्यू असेट) की समझ कर लेनी चाहिए. NAV म्यूचुअल फंड यूनिट की वैल्‍यू होती है. दरअसल, एनएवी आपको किसी भी समय पर फंड की प्रति यूनिट वैल्‍यू को बताती है. यानी, किसी समय पर एक यूनिट की कीमत कितनी है, यही एनएवी है. प्रत्‍येक फंड की NAV ट्रेडिंग सेशन खत्‍म होने के बाद रोज एक बार अपडेट की जाती है. NAV निकालने का एक फॉर्मूला होता है. NAV = (वैल्‍यू ऑफ एसेट्स - वैल्‍यू ऑफ लायबिलिटीज)/ नंबर ऑफ यूनिट आउटस्‍टैडिंग

यहां यह बात ध्‍यान देने वाली है कि लॉन्‍ग टर्म के लिए SIP में निवेश करने से कम्‍पाउंडिग का फायदा मिलता है. अगर फंड का NAV लगातार बढ़ता है, तो SIP के बजाय एकमुश्‍त निवेश ज्‍यादा फायदा दे सकता है.

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म्‍यूचुअल फंड: निवेश का अच्‍छा ऑप्‍शन

म्‍यूचुअल फंड एक ऐसा तरीका है, जिसके जरिए आप किसी भी एसेट क्‍लास में निवेश कर सकते हैं. गोल्‍ड खरीदने का प्‍लान है तो आपको गोल्‍ड फंड का ऑप्‍शन मिलेगा. इसी तरह, फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट के लिए डेट फंड, रीयल एस्‍टेट के लिए इंफ्रा फंड जैसे ऑप्‍शन आपको मिल जाएंगे. म्‍यूचुअल फंड निवेश में आपको एक प्रोफेशनल की सलाह मिलती है. एक फंड मैनेजर की ओर से आपके पैसे का मैनेजमेंट किया जाता है. म्‍यूचुअल फंड में निवेश दो NAV क्या है तरीके से किया जा सकता है. एक है कि आप किसी फंड में एकमुश्‍त (lump sum) पैसा लगा दें. दूसरा तरीका SIP का है. SIP यानी सिस्‍टमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान, इसमें रेग्‍युलर मंथली निवेश करना होता है. SIP के जरिए 100 रुपये से भी निवेश शुरू किया जा सकता है.

NAV full form | NAV full form in hindi? | what is full form of NAV?

The Full Form of "NAV" is "Net Asset Value". And this Full Form is under "Other" category.

एनएवी का फुलफॉर्म क्या है?

"एनएवी" का पूर्ण रूप (फुल फॉर्म ) "निवल परिसंपत्ति मूल्य" होता है। और यह पूर्ण रूप (फुल फॉर्म ) "Other" केटेगेरी के अंतर्गत है।

एनएवी क्या है और उसके क्या महत्व है

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जो लोग म्यूचुअल फण्ड में निवेश करना चाहते हैं उन लोगो को NAV के बारे में पता होना बेहद जरुरी है | जिन लोगो को शेयर बाज़ार की कोई जानकारी नही होती या जो शेयर बाज़ार में निवेश कर कोई रिस्क नहीं लेना चाहते ऐसे लोगों के लिए म्यूचुअल फण्ड एक अच्छा विकल्प है।

NAV (Net Asset Value) से तात्पर्य ‘कुल संपत्ति का मूल्य’ होता है | म्यूचुअल फण्ड में नेट एसेट वैल्यू से तात्पर्य यह है कि हर दिन के आखिर में उस फंड के पोर्टफोलियो में मौजूद कुल बाजार मूल्य को सभी यूनिटों का भाग दे कर निकालना तथा दिन के अंत में जो एनएवी प्रति यूनिट हासिल होता है उसी के आधार पर अगले दिन उन यूनिटों की खरीद-बिक्री की जाती है।

एनएवी को म्यूचुअल फण्ड की यूनिट की बुक वैल्यू कहा जा सकता है क्योंकि जब म्यूचुअल फण्ड को समाप्त किया जाता है तो उस म्यूचुअल फण्ड में यूनिट धारक को प्रत्येक यूनिट के बदले एक कीमत मिलती है, वही उस यूनिट का उस दिन का एनएवी होता है | प्रत्येक कारोबारी दिवस में फण्ड के पोर्टफोलियो के बाजार मूल्य के अनुसार ही यूनिट का एनएवी भी घटता बढ़ता रहता है |

म्यूचुअल फण्ड के यूनिट के ग्रोथ को एनएवी ही दर्शाता है | साफ़ शब्दों में कहा जाए तो किसी फण्ड में 12 रुपये प्रति यूनिट एनएवी पर निवेश करने के एक साल बाद यदि उस यूनिट का एनएवी 15 रुपये प्रति यूनिट हो जाता है तो उस फण्ड ने 25% ग्रोथ की है | कुछ लोगो ने गलत धारणा बनायीं है कि कम एनएवी वाला म्यूचुअल फण्ड अच्छा रिटर्न देता है और ज्यादा एनएवी वाला फण्ड कम रिटर्न देता है | एनएवी देखकर ये कभी भी नही बताया जा सकता है कि भविष्य में वह फण्ड कैसा रिटर्न देगा |

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NAV क्या है?

क्या आप NAV का अर्थ ढूंढ रहे हैं? निम्न छवि पर, आप NAV की प्रमुख परिभाषाएँ देख सकते हैं। यदि आप चाहें, तो आप प्रिंट करने के लिए छवि फ़ाइल भी डाउनलोड कर सकते हैं, या आप इसे फेसबुक, ट्विटर, Pinterest, Google, आदि के माध्यम से अपने मित्र के साथ साझा कर सकते हैं NAV के सभी अर्थ देखने के लिए, कृपया नीचे स्क्रॉल NAV क्या है NAV क्या है करें। परिभाषाओं की पूरी सूची को वर्णमाला क्रम में नीचे तालिका में दिखाया गया है।

NAV के प्रमुख अर्थ

निम्नलिखित छवि NAV का सबसे अधिक इस्तेमाल किया अर्थ प्रस्तुत करता है। आप ऑफ़लाइन उपयोग के लिए PNG प्रारूप में छवि फ़ाइल को डाउन कर सकते हैं या ईमेल द्वारा अपने दोस्तों को भेज सकते हैं।यदि आप एक गैर-व्यावसायिक वेबसाइट के वेबमास्टर हैं, तो कृपया बेझिझक अपनी वेबसाइट पर NAV परिभाषाओं की छवि प्रकाशित करें।

nav का क्या अर्थ है

सभी परिभाषाएँ NAV की

जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, आप निम्न तालिका में NAV के सभी अर्थ देखेंगे। कृपया जान लें कि सभी परिभाषाएँ वर्णानुक्रम में सूचीबद्ध हैं।आप अंग्रेजी और आपकी स्थानीय भाषा में परिभाषा सहित प्रत्येक परिभाषा की विस्तृत जानकारी देखने के लिए दाईं ओर लिंक पर क्लिक कर सकते हैं।

घर बैठे म्यूचुअल फंड में कैसे करें निवेश और किस म्यूचुअल फंड में लगाएं पैसा?

बाजार में उतार चढ़ाव के बीच म्यूचुअल फंड में निवेश ज्यादा बेहतर विकल्प

Written by: Sarabjeet Kaur
Updated on: June 22, 2020 20:24 IST

Mutual Fund investment- India TV Hindi News

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Mutual Fund investment

नई दिल्ली। कोरोना संकट में आर्थिक स्थिति बिगड़ने से लोग पहले के मुकाबले निवेश को लेकर ज्यादा जागरूक हो गए हैं। निवेशक अब अपना पैसा सुरक्षित और सही जगह पर लगाना चाहते हैं। ऐसे में जानकारों का मानना है कि जिन्हें शेयर बाजार का ज्यादा ज्ञान नहीं है उनके लिए आज भी म्यूचुअल फंड निवेश के लिए एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता हैं। ऐसे में कई लोग हैं जो घर बैठे ही बिना किसी ब्रोकर या एजेंट की मदद से म्यूचुअल फंड में पैसा लगाना चाहते हैं। अगर आप भी चाहते हैं बेहतर तरीके से म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश करना और जानना चाहते हैं कि वो कौन से ऐसे म्यूचुअल फंड है जहां आपको पैसा लगाना चाहिए तो पढ़िए ये खास रिपोर्ट।

कैसे करें म्यूचुअल फंड में निवेश?

· किसी भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से पहले ये जानना जरुरी है कि म्यूचुअल फंड आखिर होता क्या है? निवेशकों से लेकर म्यूचुअल फंड कंपनियां शेयर बाजार में पैसा लगाती है और उसके बदले निवेशकों से उसका चार्ज भी करती हैं। माना जाता है कि एसआईपी के जरिए यानी की सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना काफी सही रहता है।

· निवेशक जिस भी म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं उसके वेबसाइट में सीधे जाकर या फिर ब्रोकर के जरिए निवेश कर सकते हैं

· लेकिन, अगर बिना किसी ब्रोकर के कमीशन चार्ज दिए आप म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं तो कई मनी ऐप के जरिए निवेश किया जा सकता है

· ध्यान रहे कि आप जिस भी म्यूचुअल फंड को किसी ब्रोकर की मदद से लेंगे उसे रेगुलर प्लान कहा जाएगा जिसमें आपको कमीशन चार्ज देना पड़ेगा

· वहीं अगर आप खुद से फंड में निवेश करते हैं तो वो डायरेक्ट प्लान के अंदर आएगा और किसी तरह का कमीशन चार्ज नहीं होगा। लंबी अवधि के निवेशकों को खुद से निवेश करने में ज्यादा फायदा होता है।

· निवेशकों को बस सही तरीके से फंड के बारे रिसर्च करना जरुरी होता है। वहीं ये भी जानना है आवश्यक होता है कि किन शेयरों में कंपनी ने पैसा लगाया हुआ है

· म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए अपने KYC को अपडेट करना पड़ता है। जैसे ही आप पैन नंबर के साथ आधार नंबर की डिटेल्स देंगे आपके निवेश की सारी जानकारी फंड हाउस को मिल जाएगी

· घर बैठे कई मोबाइल ऐप जैसे कि ET Money, PAYTM Money, CAMS, KTrack Mobile app, Groww, Zerodha Coin जैसे ऐप के जरिए डायरेक्ट निवेश कर सकते हैं

· ध्यान दें कि पहले इन ऐप की जानकारी अच्छी तरह से लेना अनिवार्य है

· पता कर लें कि ऐप कितने सहीं है और इन ऐप के जरिए पैसा म्यूचुअल फंड में लगाना कितना सुरक्षित है

· कुछ मोबाइल ऐप नाम मात्र का कमिशन चार्ज करते हैं जिनका असर निवेशकों की रकम पर कुछ खास नहीं पड़ता है।

पैसाबाज़ार डॉट कॉम के डायरेक्टर एंड ग्रुप हेड (इंवेस्टमेंट) साहिल अरोड़ा के मुताबिक- “अब कोई भी व्यक्ति मोबाइल ऐप या विभिन्न ऑनलाइन फाइनेंशियल पोर्टल, फंड हाउस, एमएफ डिस्ट्रीब्यूटर और आरटीए की वेबसाइट द्वारा म्यूचुअल फंड में ऑनलाइन निवेश कर सकता है। हालांकि, फंड हाउस और आरटीए की वेबसाइटों या ऐप के माध्यम से निवेश कई आईडी और पासवर्ड के कारण बोझिल हो सकता है। इसलिए, ऑनलाइन निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट पोर्टल के माध्यम से निवेश करना है, जो निवेशकों को एक ही एमएफ पोर्टफोलियो के अंतर्गत कई म्यूचुअल फंड में अपना निवेश करने में सक्षम बनाता है”।

· ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट पोर्टल या ऐप के जरिए निवेशक कई सेवाओं का फायदा उठा सकता है।

· निवेश का निर्णय लेने में निवेशकों की मदद करने के लिए अपनी ओर से कुछ एमएफ फंड की सिफारिश करते हैं, बाज़ार विश्लेषण, विभिन्न एमएफ टूल, कैलकुलेटर भी प्रदान करते हैं

· साहिल का कहना है कि “म्यूचुअल फंड और फंड बाज़ार की जानकारी ना रखने वाले भी इन ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केट पोर्टल के माध्यम से बिना कोई अतिरिक्त पैसा दिये डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं”

कौन से म्यूचुअल फंड में करें निवेश?

चार तरह के म्यूचुअल फंड्स हैं जिनमें निवेश किया जा सकता है।

1.इक्विटी म्यूचुअल फंड

2.डेट म्यूचुअल फंड

3.हाइब्रिड म्यूचुअल फंड

4.सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड

हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव काफी देखने को मिल रहा है ऐसे में निवेशकों को अपने जरुरत के हिसाब से किसी भी तरह के म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सलाह दी जाती है। काफी फंड्स से NAV में गिरावट देखने को भी मिल रही है। इसलिए, जो बेहतर रिटर्न वाले म्यूचुअल फंड्स हैं उनमें लंबी अवधि के लिए मौजूदा स्तर में निवेश किया जा सकता है।

बैंक बाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी कहते हैं- “लंबी अवधि के निवेश के लिए म्यूचुअल फंड्स को अच्छी तरह से जांच लें और उनके द्वारा शेयर बाजार में कंपनियों के निवेश, फंडामेंटल्स को देख लें। साथ ही बाजार के हिसाब से क्या सही है क्या गलत उसकी पूरी जानकारी नोट करते रहें। अगर अगले 6 महीनों में उन फंड्स में कोई बेहतर बदलाव नहीं दिखे तो फिर से एक बार दूसरे फंड्स की भी जानकारी लें या फिर कुछ दिन उन्ही फंड्स में निवेश को बरकरार रखें। अगर आप किसी तरह के रिस्क को नहीं ले सकतें तो किसी और बेहतर म्यूचुअल फंड में लंबे या मध्यम अवधि के लिए पैसा लगा सकते हैं”।

छोटी अवधि के निवेशकों को सलाह है कि वो थोड़ा बाजार के संभलने का इंतजार करें और धीरे-धीरे अपने इक्विटी इनवेस्टमेंट को डेट फंड्स में निवेश करके बदलें।

शेट्टी के मुताबिक-“ज्यादातर निवेशकों को सलाह है कि वो कुछ 6 महीने तक बाजार की चाल को ध्यान से देखें। उसके बाद ही निवेश करें ताकि बेहतर रिटर्न मिल सके”।

म्यूचुअल फंड्स जिनमें निवेश किया जा सकता है:

· अगर मल्टी कैप फंड की बात करें तो इन्वेसको इंडिया कॉण्ट्रा फंड, एक्सिस मल्टीकैप फंड और आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल मल्टीकैप फंड में निवेश करें

· निफ्टी 100 इन्डेक्स, आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल निफ्टी इन्डेक्स और निप्पॉन इंडिया इन्डेक्स निफ्टी फंड

· अल्ट्रा-शॉर्ट फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल अल्ट्रा-शॉर्ट फंड, एक्सिस अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म और आईडीएफसी अल्ट्रा-शॉर्ट टर्म निवेश के लिए सही विकल्प है

· अगर निवेशक इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत टैक्स बचना चाहते हैं, वो ईएलएसएस फंड जैसे कि – मीराए एसेट टैक्स सेवर, इन्वेस्को इंडिया टैक्स, एक्सिस लॉन्ग टर्म इक्विटी या आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल लॉन्ग टर्म इक्विटी में लॉक-इन करके निवेश कर सकते हैं।

साहिल अरोड़ा ये भी कहते हैं कि –“मल्टी-कैप फंड में निवेश करें क्योंकि वो बाज़ार में सभी क्षेत्रों और मौजूद सभी छोटी-बड़ी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं, उनके ऊपर निवेश के लिए सेबी द्वारा कोई सीमा नहीं लगाई गई है। निवेशकों को अपना 20% इन्डेक्स फंड में भी निवेश करना चाहिए क्योंकि इन फंड का रिटर्न संबंधित बेंचमार्क के साथ घटता-बढ़ता है और बेंचमार्क इन्डेक्स में मौजूद कंपनियों की जितनी हिस्सेदारी होती है फंड का निवेश उनमें उसी तरह बटा होता है।

इसलिए अगर मैनेज फंड बाज़ार में मंदी के दौरान लाभ नहीं कमा पाते हैं तो निवेशक इन्डेक्स फंड के द्वारा बाज़ार में उछाल आते ही तुरंत लाभ कमा सकता है।

तीन वर्ष से कम के निवेश के लिए, निवेशकों को अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड में निवेश करना सही विकल्प है। छोटी अवधि में इक्विटी में बहुत ज़्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है हैं और कोरोना के वजह से शेयर बाज़ार में मंदी कब तक रहेगी ये कहना फिलहाल किसी भी जानकार के लिए मुश्किल है। ऐसे में अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन डेट फंड इक्विटी-फंड के मुकाबले अधिक सुरक्षित होते हैं और बैंक फिक्स्ड डिपॉज़िट से अधिक रिटर्न देते हैं।

किसी भी फंड में निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की NAV क्या है जानकारी अवश्य लें। साथ ही हर फंड का 3-5 साल का प्रदर्शन जरुर देखें। कंपनी के बेंचमार्क के साथ फंडामेंटल्स को जांच लें ताकि भविश्य में ज्यादा नुकसान झेलना नहीं पड़े। बेंचमार्क अगर लगातार किसी फंड का बेहतर प्रदर्शन कर रहा है तो उस फंड हाउस में निवेश करना बेहतर रिटर्न दे सकता है। साथ ही निवेश से पहले ऑनलाइन ब्रोकरेज हाउसेज द्वारा फंड्स को दिए गए रेटिंग और रिटर्न को चेक जरुर करें।

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