क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता

केंद्र के फैसले से बिटकॉइन बोल्ड: दुनिया में क्रिप्टो का मार्केट गिरा; बिटकॉइन में 8.74% की गिरावट; इस करेंसी से जुड़ी हर बात जानिए
केंद्र सरकार की क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की खबर के बाद ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसियों में गिरावट देखने को मिल रही है। हालाकि आज सुबह 10 बजे बिटकॉइन 17% से ज्यादा गिरावट देखी जा रही था लेकिन शाम तक इसमें रिकवरी देखने को मिली। शाम साढ़े 5 बजे इसमें 8.72% रह गई थी। यानी निवेशकों का भरोसा क्रिप्टोकरेंसियों पर बना हुआ है।
क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिए विंटर सेशन में बिल लाने की खबर सामने आने के बाद ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखी जा रही है। कीमत 24/11 को शाम साढ़े 5 बजे की है।
क्रिप्टोकरेंसी के लिए सरकार 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने वाला विधेयक संसद में पेश करेगी। बिल में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है। इसके बाद इसकी कीमत में 17% से ज्यादा की गिरावट आ गई थी।
क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिए विंटर सेशन में बिल लाने की खबर सामने आने के बाद ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखी जा रही है। कीमत 24/11 को सुबह 10 बजे की है।
हालांकि क्रिप्टो करेंसी टेक्नोलॉजी क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ ढील भी दे सकती है। ढील वाली कौन सी क्रिप्टोकरेंसी होंगी ये अभी साफ नहीं है। वहीं बिल की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए सुविधाजनक फ्रेमवर्क मिलेगा।
शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 समेत कुल 26 विधेयक पेश किए जाएंगे। लिस्ट में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ा बिल 10वें नंबर पर है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी के 1.5 से 2 करोड़ यूजर हैं। इस बिल के कानून बनने से ये सभी यूजर प्रभावित हो सकते हैं।
लोकसभा बुलेटिन में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े बिल की शीतकालीन सत्र में पेश किए जाने की जानकारी दी गई है। लिस्ट में ये बिल 10वें नंबर पर है।
अभी क्रिप्टो को लेकर कोई रेगुलेशन नहीं
वर्तमान में, देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कोई भी रेगुलेशन क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता नहीं है। इस वजह से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की थी और मजबूत रेगुलेटरी स्टेप्स उठाने के संकेत दिए थे। सरकार का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर रेगुलेशन नहीं होने से इसका उपयोग टैरर फंडिंग और काला धन की आवाजाही में हो रहा है।
क्रिप्टो को रोका नहीं जा सकता, लेकिन रेगुलेट किया जाना चाहिए
PM की बैठक के बाद क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भाजपा नेता जयंत सिन्हा की अध्यक्षता वाले पार्लियामेंट्री पैनल की पहली बैठक हुई थी। इस बैठक में आम सहमति बनी थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसे रेगुलेट किया जाना चाहिए।
क्रिप्टोकरेंसी से फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की चिंता
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास का भी बयान सामने आया था। दास ने SBI कॉन्क्लेव में कहा था, 'जब RBI ये कहता है कि क्रिप्टोकरेंसी से मैक्रोइकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्टेबिलिटी की चिंताएं हैं, तो इस मुद्दे पर गहरी चर्चा की जरूरत है।'
दुनियाभर में क्रिप्टो करेंसी को किस तरह लिया जा रहा है?
- इसे लेकर देशों का रिस्पॉन्स एक-सा नहीं है। मसलन, भारत और चीन जैसे देश इसका विरोध करते हैं। भारत में तो रिजर्व बैंक ने इस पर बैन लगा रखा था, पर अमेरिका समेत कई देश इसके अनुकूल स्कीम बना रहे हैं। सेंट्रल अमेरिका के अल सल्वाडोर की कांग्रेस ने 8 जून 2021 को बिटकॉइन कानून पास किया और यह छोटा देश बिटकॉइन को लीगल टेंडर बनाने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।
- अल सल्वाडोर में पहले अमेरिकी डॉलर से ही लेन-देन होते थे। अब वहां डिजिटल करेंसी में भी लेन-देन होते हैं। उसकी देखा-देखी, कई दक्षिण अमेरिकी और अफ्रीकी देश भी बिटकॉइन को लीगल स्टेटस देने पर विचार कर रहे हैं।
- दक्षिण कोरिया जैसे बड़े देश भी क्रिप्टो करेंसी और एक्सचेंज को रेगुलेट करने के लिए कानूनी स्ट्रक्चर बनाने पर काम कर रहे हैं। दूसरी ओर क्रिप्टो फ्रेंडली मियामी, US ने हाल ही में क्रिप्टो एनक्लेव का आयोजन किया। पूरी दुनिया में बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी को अपनाने के प्रयास हो रहे हैं। कुछ देशों ने बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टो करेंसी पर आधारित म्यूचुअल फंड भी लॉन्च किए हैं।
क्रिप्टोकरेंसी क्या है, यह कैसे काम करती है?
क्रिप्टोकरेंसी पर किसी का कंट्रोल नहीं है, यह पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड व्यवस्था है। कोई भी सरकार या कंपनी इस पर नियंत्रण नहीं कर सकती। इसी वजह से इसमें अस्थिरता भी है। यह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी और डिस्ट्रिब्यूटेड सिस्टम पर काम करती है, जिसे न तो कोई हैक कर सकता है और न ही किसी तरह की छेड़छाड़।
क्या है डिजिटल करेंसी जिसे RBI लाना चाहती है? सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC देश की फिएट करेंसी (जैसे रुपया, डॉलर या यूरो) का एक डिजिटल संस्करण है। इसे केंद्रीय बैंक जारी करता है। साथ ही इसकी गारंटी भी देता है। यह फिएट करेंसी के साथ ही वन टु वन एक्चेंजेबल है। इससे ट्रांजैक्शन बिना किसी मध्यस्थ या बैंक के हो जाता है।
रिजर्व बैंक से डिजिटल करेंसी आपको मिलेगी और आप जिसे पेमेंट या ट्रांसफर करेंगे, उसके पास पहुंच जाएगी। न तो किसी वॉलेट में जाएगी और न ही बैंक अकाउंट में। बिल्कुल कैश की तरह काम करेगी, पर होगी डिजिटल।
क्या यह क्रिप्टोकरेंसी का ही रूप होगा?
नहीं। क्रिप्टोकरेंसी के प्रति कोई लाएबल नहीं होता है, जबकि इसके ठीक विपरीत डिजिटल करेंसी केंद्रीय बैंक की देनदारी होगी। क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में बहुत उतार-चढ़ाव होता है। क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग होती है। इसके लिए ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है। इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है। इसके उलट डिजिटल करेंसी को केंद्रीय बैंक जारी करता है।
What is Cryptocurrency Bill: क्रिप्टोकरेंसी बिल आखिर क्या है, सरकार इसकी मदद से क्रिप्टो पर कैसे पाएगी काबू? जानें सबकुछ
मोदी सरकार ने सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की तैयारी कर ली है। इसके मद्देनजर संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी बिल पेश किया जाएगा। शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है।
क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बचाने के लिए मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है। इसके तहत भारत सरकार ने मंगलवार (23 नवंबर) को क्रिप्टोकरेंसी बिल लाने का एलान किया, जिसके तहत देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया जाएगा। इस खबर के सामने आते ही क्रिप्टो मार्केट बुरी तरह धराशायी हो गया। वहीं, सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में 25 से 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। क्रिप्टो मार्केट में आए इस भूचाल को देखते हुए समझते हैं कि क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और इसकी मदद से केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कैसे काबू पाएगी?
क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल?
जानकारी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए केंद्र सरकार की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जाएगा। इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बना रही है। इसकी तकनीक और इस्तेमाल को लेकर भी तैयारी की जा रही है। साथ ही, इस बिल के तहत ऐसा प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लग जाएगा। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए 26 बिल सूचीबद्ध किए गए हैं। इनमें क्रिप्टोकरेंसी बिल भी शामिल है।
सात दिन पहले हुई थी संसदीय समिति की बैठक
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में करीब सात दिन पहले यानी 16 नवंबर को पहली बार संसदीय समिति की एक बैठक हुई थी। इसमें क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के अलावा अन्य पक्षों को लेकर क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलुओं पर विचार किया गया। इस मीटिंग में यह बात सामने आई थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता। इसके नियमन की जरूरत है।
सिडनी संवाद में पीएम मोदी ने किया था जिक्र
बता दें कि पीएम मोदी भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई मंत्रालयों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर चुके हैं। इसके अलावा सिडनी संवाद कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने अपने संबोधन में क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए। यह बेहद जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर काम करें। साथ ही, सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न पड़े, क्योंकि इससे हमारे युवाओं पर गलत असर पड़ेगा।
विस्तार
क्रिप्टोकरेंसी के अनियमित उतार-चढ़ाव से निवेशकों को बचाने के लिए क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता मोदी सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला कर लिया है। इसके तहत भारत सरकार ने मंगलवार (23 नवंबर) को क्रिप्टोकरेंसी बिल लाने का एलान किया, जिसके तहत देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया जाएगा। इस खबर के सामने आते ही क्रिप्टो मार्केट बुरी तरह धराशायी हो गया। वहीं, सभी तरह की क्रिप्टोकरेंसी में 25 से 30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। क्रिप्टो मार्केट में आए इस भूचाल को देखते हुए समझते हैं कि क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल और इसकी मदद से केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर कैसे काबू पाएगी?
क्या है क्रिप्टोकरेंसी बिल?
जानकारी के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए केंद्र सरकार की ओर से संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 पेश किया जाएगा। इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बना रही है। इसकी तकनीक और इस्तेमाल को लेकर भी तैयारी की जा रही है। साथ ही, इस बिल के तहत ऐसा प्रावधान लाया जाएगा, जिससे सारी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लग जाएगा। गौरतलब है कि शीतकालीन सत्र में पेश करने के लिए 26 बिल सूचीबद्ध किए गए हैं। इनमें क्रिप्टोकरेंसी बिल भी शामिल है।
सात दिन पहले हुई थी संसदीय समिति की बैठक
गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में करीब सात दिन पहले यानी 16 नवंबर को पहली बार संसदीय समिति की एक बैठक हुई थी। इसमें क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के अलावा अन्य पक्षों को लेकर क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलुओं पर विचार किया गया। इस मीटिंग में यह बात सामने आई थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता। इसके नियमन की जरूरत है।
सिडनी संवाद में पीएम मोदी ने किया था जिक्र
बता दें कि पीएम मोदी भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई मंत्रालयों के साथ उच्चस्तरीय बैठक कर चुके हैं। इसके अलावा सिडनी संवाद कार्यक्रम के दौरान भी उन्होंने अपने संबोधन में क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र किया था। पीएम मोदी ने कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए। यह बेहद जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर काम करें। साथ ही, सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न पड़े, क्योंकि इससे हमारे युवाओं पर गलत असर पड़ेगा।
Crypto गलत हाथों में नहीं पड़ना चाहिए, युवाओं का नुकसान हो सकता है : क्रिप्टोकरेंसी पर PM नरेंद्र मोदी का अहम बयान
PM Modi on Cryptocurrency : क्रिप्टोकरेंसी पर पीएम ने कहा कि 'सभी देशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि क्रिप्टो गलत हाथों में न पड़े.' पीएम का यह बयान तब आया है, जब अभी पिछले दिन एक संसदीय समिति से यह राय निकलकर आई थी कि क्रिप्टो को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसके नियमन की जरूरत है.
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क्रिप्टोकरेंसी की वैधता और इसके नियमन पर भारत में चर्चा गरम है. सरकार कितनी गंभीरता और तेजी से इस संबंध में अपना स्टैंड तैयार कर रही है, इसका सबूत हैं पिछले एक हफ्ते में हुईं दो अहम बैठकें और गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इसपर आया ताजा बयान. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘सिडनी संवाद' को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को लेकर एक अहम बात कही. पीएम ने कहा कि 'सभी देशों को यह सुनिश्चित करना होगा कि क्रिप्टो गलत हाथों में न पड़े.' पीएम का यह बयान तब आया है, जब अभी पिछले दिन एक संसदीय समिति से यह राय निकलकर आई थी कि क्रिप्टो को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसके नियमन की जरूरत है. पीएम मोदी ने भी इस संबंध में एक बैठक ली थी.
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पीएम ने गुरुवार को संबोधन में क्रिप्टोकरेंसी का ज़िक्र करते हुए कहा कि 'क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन का उदाहरण ले लीजिए. यह बहुत जरूरी है कि सभी लोकतांत्रिक देश इसपर काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न पड़े, क्योंकि इससे हमारे युवा पर गलत असर पड़ेगा.'
Take crypto-currency or bitcoin for example.
It is important that all democratic nations work together on this and ensure it does not end up in wrong hands, which can spoil our youth: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 18, 2021पीएम आज 'India's Technology: Evolution and Revolution' विषय पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि 'हम एक युग में होने वाले ऐसे बदलाव के दौर में हैं, जब तकनीक और डेटा हमारे नए हथियार बन रहे हैं.'
पीएम मोदी की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हुई थी बैठक
बता दें कि पिछले हफ्ते पीएम मोदी की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बैठक हुई थी, जिसमें क्रिप्टो बाजार के नियमन, इसके खतरों और दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हुए फैसलों और चलन पर चर्चा की गई थी. बैठक के बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि 'सरकार इस तथ्य से अवगत है कि यह एक विकसित तकनीक है, इसलिए इसपर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और इसपर सक्रिय कदम उठाए जाएंगे. इस बात पर भी सहमति थी कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र में उठाए गए कदम प्रगतिशील और दूरदर्शी होंगे.'
वहीं, इस हफ्ते की शुरुआत में वित्त मामलों में गठित संसद की स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) की क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन. क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलू पर विचार करने के लिए एक बैठक हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार नेमाना कि वर्चुअल करेंसी पर रोक नहीं लगाई जा सकती, लेकिन इसका नियमन यानी रेगुलेशन जरूरी है.
विशेषज्ञ पवन दुग्गल कहते हैं कि क्रिप्टोकरेंसीज पर बैन संभव नहीं है, इसे रेगुलेट करने के लिए भारत को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आइलैंड माने जाने वाले माल्टा सहित एस्तोनिया, बेलारूस और स्विट्जरलैंड जैसे देशों ने जो कानूनी पहल शुरू की है उसे स्टडी करके आगे बढ़ना होगा.दुग्गल ने NDTV से कहा, "करोड़ों भारतीय नागरिकों ने क्रिप्टो करेंसीमें पैसा लगाया है, अभी उनके निवेश को सुरक्षित रखने या उनकी शिकायतों के निवारण के लिए कोई नियम कानून नहीं है. लीगल रिड्रेसल अभी संभव नहीं है.यह आंधी है जो आ रही है. इसमें कुछ लोग कैसे बनाएंगे अधिकतर को नुकसान होगा." एसोचैम नेशनल काउंसिल ऑफ डायरेक्ट टैक्स के चेयरमैन वेद जयंती भी मानते हैं कि क्रिप्टो करेंसी पर प्रतिबंध लगाना संभव नहीं है इस इसे रेगुलेट करने के लिए सरकार को जल्दी पहल करनी होगी क्योंकि इसमें 'स्पेक्युलेशन' की संभावना अभी काफी ज्यादा है.जाहिर है देश में क्रिप्टो करेंसी के बढ़ते मार्केट और निवेशकों के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए सरकार को इस मार्केट को रेगुलेट करने के लिए जल्दी पहल करनी होगी.
Cryptocurrency in India: क्रिप्टोकरेंसी को कानून के दायरे में लाने के खिलाफ हैं 54 फीसदी भारतीय-सर्वे
भारत सरकार ने मंगलवार को क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill) लाने की घोषणा कर दी.
सरकार क्रिप्टोकरेंसी के नियमन के लिए जो बिल ला रही है उसका नाम है- क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता Bill, 2021). इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार कर रही है.
- News18Hindi
- Last Updated : November 25, 2021, 12:38 IST
Cryptocurrency News: इस बात की खबरें तेजी से फैल रही हैं कि भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrencies) को बैन किया जा सकता है. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता में इस बारे में बिल लेकर आ रही है. संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर, सोमवार से शुरू हो रहा है.
सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी पर बिल (Cryptocurrency Bill) लाने की घोषणा आने के बाद ही भारत में क्रिप्टो बाजार (Cryptocurrency Price Today) धड़ाम हो गया. लगभग हर बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में बड़ी गिरावट दर्ज की गई.
सरकार क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) नाम से क्रिप्टोकरेंसी के नियमन का बिल ला रही है. इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक फ्रेमवर्क तैयार कर रही है.
क्या कहता है सर्वे (Opinion Poll on Crypto)
भारत में एक बड़ा वर्ग क्रिप्टोकरेंसी को कानून के दायरे (cryptocurrencies legalized) में लाने के खिलाफ है. क्रेप्टोकरेंसी को लेकर एक ओपिनियन पोल जारी किया गया. इस सर्वे में यह बात निकलकर सामने आई कि 54 प्रतिशत भारतीय क्रिप्टो को कानून के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं हैं.
15 दिन चले इस सर्वे में देश के अलग-अलग हिस्सों से 56 हजार लोगों को शामिल किया गया और क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उनके विचार जाने गए. केवल 26 फीसदी लोगों ने क्रिप्टो को कानूनी दायरे में लाने की बात कही, जबकि 20 फीसदी लोगों की इस बारे में कोई राय नहीं थी.
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वालों में भारत में सबसे आगे है. इसके बाद भी ज्यादातर लोग इसे कानून के दायरे में लाने के पक्ष में नहीं हैं.
संसद की स्थायी समिति में विचार
बता दें कि पिछले हफ्ते क्रिप्टोकरेंसी के संबंध में संसदीय समिति की एक बैठक हुई थी. 16 नवंबर को वित्त मामलों में गठित संसद क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता की स्थायी समिति (Standing Committee on Finance) की क्रिप्टो एक्सचेंज, ब्लॉकचेन, क्रिप्टो एसेट काउंसिल, उद्योग जगत के प्रतिनिधियों और अन्य संबंधित पक्षों के साथ क्रिप्टोकरेंसी के नियमन और प्रोत्साहन से जुड़े पहलू पर विचार किया था. इस मीटिंग में यह बात निकल सामने आई थी कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता, लेकिन इसके नियमन की जरूरत है.
क्रिप्टोकरेंसी बिल (Cryptocurrency Bill)
केंद्र सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021) पेश करेगी. इस बिल के माध्यम से सरकार रिजर्व बैंक इंडिया के तहत एक आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता जारी करने के लिए आसान फ्रेमवर्क तैयार करने की योजना बना रही है. इसकी तकनीक और इस्तेमाल को लेकर भी तैयारी की जा रही है. साथ ही, इस बिल के तहत ऐसा प्रावधान लाया क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता जाएगा, जिससे सारी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लग जाएगा.
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Cryptocurrency के रेगुलेशन को लेकर संसदीय पैनल ने की चर्चा, कई सदस्यों ने प्रतिबंध पर जताया विरोध
संसदीय स्थायी समिति ने सोमवार को उद्योग संघों और विशेषज्ञों के साथ 'क्रिप्टोफाइनेंस: अवसर और चुनौतियां (CryptoFinance: Opportunities and Challenges)' मामले पर एक बैठक की है।
संसदीय स्थायी समिति ने सोमवार को उद्योग संघों और विशेषज्ञों के साथ 'क्रिप्टोफाइनेंस: अवसर और चुनौतियां (CryptoFinance: Opportunities and Challenges)' मामले पर एक बैठक की। इस बैठक में निष्कर्ष निकाला कि क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं जा सकता है, लेकिन इसे विनियमित किया जाना चाहिए। एएनआई ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा, "इस बात पर आम सहमति थी कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के क्रिप्टो करेंसी को रोका नहीं जा सकता लिए एक नियामक तंत्र स्थापित किया जाना चाहिए। उद्योग संघों और हितधारकों को यह स्पष्ट नहीं था कि नियामक कौन होना चाहिए।"
सांसदों द्वारा उठाई गई सबसे गंभीर चिंता निवेशकों के पैसे की सुरक्षा थी। सभी सांसदों में से किसी एक ने राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों में पूरे पृष्ठ के क्रिप्टोकरेंसी विज्ञापनों पर भी चिंता व्यक्त की। विशेषज्ञों ने कहा कि क्रिप्टो निवेशकों के लोकतंत्र का एक प्रकार है। सूत्रों ने एएनआई को बताया कि वित्त पर संसदीय स्थायी समिति के सदस्य अब चाहते हैं कि सरकारी अधिकारी इसके सामने पेश हों और उनकी चिंताओं को दूर करें।
रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क से बात करते हुए मार्केट एक्सपर्ट अजय बग्गा (Ajay Bagga) ने कहा, 'सरकार क्रिप्टो के घरेलू इस्तेमाल को रेगुलेट करने की कोशिश करेगी। सरकार तकनीक को अपनाना चाहती है। इस पर टैक्स लगेगा, जीएसटी लगेगा। यह सेबी के अधीन हो सकता है आरबीआई के अधीन नहीं। आरबीआई केंद्रीय मुद्रा ला सकता है।" भारत में CoinSwitch, Kuber और CoinDCX नाम के क्रिप्टो यूनिकॉर्न है।
यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) द्वारा शनिवार को क्रिप्टोकरेंसी और संबंधित वित्तीय मुद्दों पर विशेषज्ञों के साथ बैठक की अध्यक्षता करने के बाद आया है। बैठक के दौरान क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल से जुड़े हर पहलू पर विस्तृत चर्चा हुई।
इस बैठक में आतंकी समूहों को फंड देने और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए क्रिप्टो के अवैध इस्तेमाल पर भी चर्चा हुई। सूत्रों ने बताया कि "बैठक में यह भी चर्चा की गई कि अनियमित क्रिप्टो बाजारों को मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फाइनेंसिंग के लिए रास्ता नहीं बनने दिया जा सकता है। सरकार इस तथ्य से अवगत है कि यह एक विकसित तकनीक है इसलिए सरकार कड़ी नजर रखेगी और सक्रिय कदम उठाएगी।"