भारत में डेमो खातों के साथ दलाल

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भारतीय शेयर मार्केट की तेजी के दीवाने हुए विदेशी निवेशक, सिर्फ 4 दिन में कर डाला इतने हजार करोड़ का निवेश

एफपीआई ने एक से चार नवंबर के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों में 15,280 करोड़ रुपये का निवेश किया।

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: November 06, 2022 13:38 IST

एफपीआई- India TV Hindi News

Photo:FILE एफपीआई

विदेशी निवेशक भारतीय शेयर मार्केट की तेजी के एक बार फिर दीवाने हो गए हैं। दरअसल, वैश्विक मंदी के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने की खबर के बाद शेयर मार्केट में तेजी लौटी है। इस मौके को भुनाने के लिए विदेशी निवेशक भारतीय बाजार का रुख कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, बीते दो महीनों तक भारतीय बाजारों से निकासी करने वाले विदेशी निवेशकों ने नवंबर के पहले हफ्ते यानी सिर्फ चार कारोबारी दिन में जोरदार वापसी करते हुए घरेलू इक्विटी बाजारों में 15,280 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की खरीद की है। विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की भारतीय निवेशक तरफ से नीतिगत दरों में वृद्धि को लेकर नरम रहने की उम्मीद में विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में जमकर खरीदारी की।

उतार-चढ़ाव से भरा रह सकता कारोबार

कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा भारतीय निवेशक कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का प्रवाह निकट समय में मौद्रिक सख्ती से जुड़े आघातों को देखते हुए उतार-चढ़ाव से भरा रह सकता है। इसके साथ ही भू-राजनीतिक स्थिति भी एक कारक बन सकती है। डिपॉजिटरी से मिले आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने एक से चार नवंबर के बीच भारतीय इक्विटी बाजारों में 15,280 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसके पहले एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय बाजारों से आठ करोड़ रुपये और सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये मूल्य की शुद्ध निकासी की थी। इसके पहले एफपीआई ने अगस्त में 51,200 करोड़ रुपये और जुलाई में करीब 5,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध खरीदारी की थी।

नौ माह तक एफपीआई बिकवाल बने हुए थे

उसके पहले के नौ महीनों तक एफपीआई लगातार बिकवाल बने हुए थे। इस तरह इस साल अब तक एफपीआई भारतीय बाजारों से कुल 1.53 लाख करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी कर चुके हैं। सैंक्टम वेल्थ के उत्पाद एवं समाधान सह-प्रमुख मनीष जेलोका ने कहा, "नवंबर के पहले हफ्ते में एफपीआई की तगड़ी मौजूदगी का कारण फेडरल रिजर्व की तरफ से नरमी दिखाने की उम्मीद रहा है।" जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, "अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल और डॉलर के मजबूत होने के समय में भी भारतीय बाजार में एफपीआई का खरीदारी करना एक महत्वपूर्ण पहलू है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था में एफपीआई के विश्वास को दर्शाता है।"

'भारतीय निवेशक'

मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के समक्ष कई चुनौतियां हैं और मौजूदा वैश्विक स्थिति में विदेशी निवेशक सतर्क रुख अपनाए हुए हैं.

Business | Reported by: हिमांशु शेखर मिश्र, Edited by: तूलिका कुशवाहा |मंगलवार अगस्त 2, 2022 02:05 PM IST

भारतीय रुपये ने पिछले महीने 80 रुपये प्रति डॉलर के साथ अपना सर्वकालिक निचला स्तर देखा था. पिछले दिनों में भारतीय निवेशक इसने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले तेजी दिखाई है, मंदी के आसार के बीच बाजार में निवेशक सतर्क हैं, जिससे डॉलर भारतीय निवेशक कमजोर हुआ है. हालांकि, 80 डॉलर तक गिरने के बाद विश्लेषकों ने आशंका जताई थी कि रुपया 82 प्रति डॉलर के पार जा सकता है. मंगलवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में रुपये को लेकर बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि रुपया पस्त नहीं हुआ है, और इसमें उतार-चढ़ाव डॉलर के मूवमेंट की वजह से आ रहा है.

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और निवेशकों को होने वाले जोखिम को लेकर सेबी ने सतर्क कदम उठाया है. भारतीय भारतीय निवेशक प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) बाजार के रुझानों पर नियमित रूप से 'जोखिम' से जुड़ी जानकारी देने की तैयारी कर रहा है.

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री (Transport Minister) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने शनिवार को कहा कि सरकार सड़क जैसी ढांचागत परियोजनाओं के निर्माण के लिए विदेशी निवेशकों से राशि नहीं लेगी और छोटे निवेशकों से ही रकम जुटाएगी.

2021 में भारतीयों ने जिन टॉप पांच स्कैम क्रिप्टो वेबसाइटों की व‍िजिट की, उनमें Coinpayu.com, Adbtc.top, Hackertyper.net, Dualmine.com और Coingain.app शामिल हैं।

CoinSwitch ने अपने तीन साल के इंटरनेशनल बाजार के अनुभव का इस्तेमाल करते हुए भारत में एक सिंपल, फास्ट और सिक्योर क्रिप्टो एक्सचेंज- CoinSwitch Kuber- की शुरुआत की. इसने देश में क्रिप्टो ट्रेडिंग का पूरा गेम ही बदल दिया और इसके जरिए लाखों नए भारतीय निवेशक जुड़े. इनमें से बहुत से निवेशक फर्स्ट टाइम क्रिप्टो इन्वेस्टर थे.

CoinDCX कंपनी ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि बच्चन, जो अब भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX के ब्रांड एंबेसडर हैं, क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए काम करेंगे।

सिन्हा ने कहा, " हमारी अनूठी परिस्थितियों के कारण हमारा सॉल्यूशन भारत के लिए अलग और अनूठा होना चाहिए।"

इस समयसीमा को कम कर अब चार दिन कर दिया गया है. इस बात पर गौर करते हुए समयसीमा कम की गयी है कि सार्वजनिक निर्गम में सभी भारतीय निवेशक आवेदनकर्ताओं के लिये एएसबीए (एप्लीकेशन सपोर्टेड बाई ब्लॉक्ड एमाउंट) अब अनिवार्य है. इस व्यवस्था के तहत आवेदन राशि का हस्तांतरण नहीं होता बल्कि उसे निवेशक के खाते में ‘रोक कर रखा जाता है.’ शेयर आबंटन होने के बाद ही भारतीय निवेशक भारतीय निवेशक राशि ली जाती है. इसके अलावा सार्वजनिक निर्गम में यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) व्यवस्था के बाद अगर मध्यस्थ एएसबीए खाते में संबंधित राशि को निर्गम बंद होने की तिथि से चार कार्य दिवस के भीतर मुक्त नहीं करते हैं, तो वे निवेशकों को क्षतिपूर्ति के लिये जवाबदेह होंगे. भारतीय प्रतिभूति एवं विनमय बोर्ड (सेबी) ने कहा, ‘‘बाजार प्रतिभागियों से विचार-विमर्श के बाद, निवेशकों का पैसा लौटाने की समयसीमा कम कर चार दिन करने का निर्णय किया गया है.’’

FPI Inflow: विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार पर भरोसा कायम, नवंबर में किया 19,000 करोड़ का निवेश

FPI Inflow सितंबर और अक्टूबर के महीने में बिकवाली करने के बाद विदेशी निवेशक एक बार से भारतीय शेयर बाजार को लेकर बुलिश नजर आ रहे हैं। नवंबर के महीने में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार में करीब 19000 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार पर भरोसा बना हुआ है और वे बढ़-चढ़कर भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं। ताजा आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजारों में नवंबर के महीने में पहले से लेकर आखिरी कारोबारी सत्र तक करीब 19,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। ये निवेश ऐसे समय पर किया गया है, जब अमेरिका में महंगाई कम होती दिख रही है और डॉलर की कीमत में नरमी आ रही है।

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डिपाजिटरीज की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में बताया कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने 1 नवंबर से 11 नवंबर तक कुल 18,979 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जबकि पिछले महीने अक्टूबर में विदेशी निवेशकों ने बाजार से 8 करोड़ रुपये और सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये की निकासी की थी। वहीं, इससे पहले विदेशी निवेशकों ने अगस्त में 51,200 करोड़ रुपये और जुलाई में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था।

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जारी रह सकता निवेश

समाचार एजेंसी पीटीआई ने जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट, वीके विजयकुमार का कहना है कि अमेरिका में महंगाई कम होने और डॉलर की कीमत एवं बॉन्ड यील्ड गिरने के कारण आने वाले समय में विदेशी निवेशकों की ओर से आने वाला निवेश जारी रह सकता है।

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बीडीओ इंडिया से मनोज पुरोहित ने कहा कि विदेशी निवेशकों की ओर से इक्विटी निवेश के लिए पसंदीदा जगह होने की बड़ी वजह चीन से निकलने वाले बड़े निवेशों का भारत में आना है।

अन्य विकासशील बाजारों में भी किया निवेश

नवंबर में भारत के अलावा विदेशी निवेश फिलीपींस, दक्षिण कोरिया, ताइवान और थाईलैंड में भी सकारात्मक रहा है।

भारतीय बाजार से मुंह मोड़ रहे हैं विदेशी निवेशक! अक्टूबर में भी शेयरों की बिक्री जारी

सितंबर में शेयरों से 7,600 करोड़ रुपये की निकासी करने के बाद इस महीने अबतक एफपीआई ने पूंजी बाजारों से 1,586 करोड़ रुपये निकाले है। एफपीआई ने अगस्त में शुद्ध रूप से 51,200 करोड़ रुपये की लिवाली की थी।

भारतीय बाजार से मुंह मोड़ रहे हैं विदेशी निवेशक! अक्टूबर में भी शेयरों की बिक्री जारी

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की भारतीय शेयर बाजारों से निकासी की रफ्तार अक्टूबर में कुछ कम हुई है। सितंबर में शेयरों से 7,600 करोड़ रुपये की निकासी करने के बाद इस महीने अबतक एफपीआई ने पूंजी बाजारों से 1,586 करोड़ रुपये निकाले है। एफपीआई ने अगस्त में शुद्ध रूप से 51,200 करोड़ रुपये की लिवाली की थी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के पीएमएस प्रमुख के दिलीप ने कहा कि नवंबर में एफपीआई का शुद्ध प्रवाह काफी हद तक इस आंकड़े के आसपास रहेगा।

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डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने 28 अक्टूबर तक शेयरों से 1,586 करोड़ रुपये की निकासी की है। इस महीने का अभी एक कारोबारी सत्र बचा है। हालांकि, पिछले कुछ दिन के दौरान भारतीय बाजारों में एफपीआई की बिकवाली की रफ्तार धीमी हुई है। वास्तव में पिछले चार कारोबारी सत्रों में वे 6,000 करोड़ रुपये के लिवाल रहे हैं। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि पूंजी की ऊंची लागत, मौजूदा भू-राजनीतिक संकट की वजह से एफपीआई अक्टूबर में बिकवाल रहे हैं। इससे पहले जुलाई में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में करीब 5,000 करोड़ रुपये डाले थे। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर से लगातार नौ माह तक एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे थे। इस साल अभी तक एफपीआई की निकासी 1.70 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुकी है।

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मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ''अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से वृद्धि की संभावना, रुपये में गिरावट, मंदी की आशंका और यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से भारतीय शेयर बाजारों में विदेशी निवेशकों का प्रवाह नकारात्मक रहेगा। इस परिदृश्य में अनिश्चितता का माहौल बना है जिसकी वजह से निवेशक जोखिम लेने से कतरा रहे हैं।'' अक्टूबर में शेयरों के अलावा एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार से भी 1,548 करोड़ रुपये निकाले हैं। भारत के अलावा इस महीने अबतक एफपीआई ने फिलिपीन और ताइवान के बाजार से भी निकासी की है।

भारतीय शेयर बाजार पर फिदा हुए विदेशी निवेशक, सितंबर में अब तक खरीदे ₹12,000 करोड़ के शेयर

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक एक सितंबर से 16 सितंबर के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में 12,084 करोड़ रुपये लगाए हैं।

भारतीय शेयर बाजार पर फिदा हुए विदेशी निवेशक, सितंबर में अब तक खरीदे ₹12,000 करोड़ के शेयर

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने सितंबर महीने में अब तक भारतीय शेयर बाजारों में 12,000 करोड़ रुपये लगाए हैं। उनका निवेश इन अनुमानों पर आधारित है कि मुद्रास्फीति में आ रही नरमी के बीच दुनिया भर के केंद्रीय बैंक विशेषकर अमेरिका का फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में वृद्धि को लेकर कुछ नरम रूख अपना सकते हैं।

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक एक सितंबर से 16 सितंबर के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों में 12,084 करोड़ रुपये लगाए हैं। आर्थिक वृद्धि की गति जारी रहने की उम्मीदों के बल पर एफपीआई शुद्ध लिवाल बने रहे। मॉर्निंग स्टार इंडिया में एसोसिएट निदेशक-प्रबंध शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ''विदेशी निवेशक भारतीय शेयर बाजारों में इस उम्मीद से निवेश कर रहे हैं कि वैश्विक केंद्रीय बैंक विशेषकर फेडरल रिजर्व दरों में वृद्धि पर नरम रूख अपना सकता है क्योंकि अब मुद्रास्फीति घटना शुरू हो गई है।''

इन आंकड़ों के भारतीय निवेशक मुताबिक अगस्त में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 51,200 करोड़ रुपये और जुलाई में करीब 5,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था। भारतीय शेयर बाजारों से लगातार नौ महीनों तक पैसा निकलने के बाद एफपीआई जुलाई में शुद्ध लिवाल बने थे। इसके पहले अक्टूबर 2021 से लेकर जून 2022 के बीच एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों से करीब 2.46 लाख करोड़ रुपये की निकासी की थी।
कोटक सिक्युरिटीज में प्रमुख (इक्विटी शोध-खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा कि मौद्रिक सख्ती, बढ़ती मुद्रास्फीति और भू-राजनीतिक चिंताओं को देखते हुए आने वाले समय में एफपीआई का रूख अस्थिर बना रहेगा।

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