भारत में डेमो खातों के साथ दलाल

मुद्रा और साख

मुद्रा और साख
3. यात्री चेक- यात्रियों की सुविधा के लिए यात्री चेक बैंकों द्वारा जारी किये जाते हैं। कोई भी यात्री बैंक में निश्चित रकम जमा कर देने पर यात्री बैंक की किसी भी शाखा में यात्री चेक प्रस्तुत कर मुद्रा प्राप्त कर सकता है। इस चेक पर यात्री के हस्ताक्षर के नमूने भी अकित रहते हैं। जिसके चलते कोई दूसरा व्यक्ति रुपया नहीं प्राप्त कर सकता है।

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Q ATM क्या है?

Ans– ATM एक प्लास्टिक मुद्रा है। इसका विस्तारित रूप automatic tailor machine है। इसके द्वारा 24 घंटे रूपये निकालें मुद्रा और साख तथा जमा करने की सुविधा प्रदान की जाती है। एटीएम इस्तेमाल करते समय चार अंको की गुप्त पीन का प्रयोग करना पड़ता है इस इनके बगैर एटीएम का संचालन असंभव है।

Ans– शाख मुद्रा वह मुद्रा का साधन है, जिसमें साख पत्र के आधार पर मुद्रा का विनिमय किया जाता है। जैसे– चेक, ड्राफ्ट इत्यादि

Q मौद्रिक प्रणाली क्या है?

Ans– मौद्रिक प्रणाली में मुद्रा विनिमय के माध्यम से कार्य होता है। इस प्रणाली में पहले कोई व्यक्ति किसी वस्तु या सेवा को बेचकर मुद्रा प्राप्त करते है और फिर उस मुद्रा से अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं। इस प्रणाली में मुद्रा का होना आवश्यक है। इसीलिए इसे मध्य प्रणाली भी कहते हैं।

Ans– वस्तु विनिमय एक माध्यम है जिसके द्वारा वस्तु के बदले वस्तु प्राप्त किए जाते हैं। जब मुद्रा नहीं थी तो उस समय मुख्य साधन वस्तु विनिमय ही था।

अभी भी चावल, धान, गेहूं इत्यादि के बदले सब्जी तथा घर में प्रयोग होने वाले वस्तुएं हम खरीदते हैं। वस्तु विनिमय प्रणाली अभी भी देहाती क्षेत्रों में मौजूद है।

Q क्रेडिट कार्ड क्या है?

Ans– क्रेडिट कार्ड प्लास्टिक मुद्रा का ही रूप है । इस मुद्रा और साख कार्ड के द्वारा कार्ड धारक कम समय में कुछ शर्त पर मुद्रा का निष्कासन कर सकता है । जैसे- वीजा कार्ड, मास्टर कार्ड इत्यादि

Ans–बैंक ड्राफ्ट एक पत्र है, जो बैंक अपने साख या किसी अन्य बैंक को आदेश देती है कि पत्र में अंकित राशि उस व्यक्तियों को प्रदान किया जाए। इस माध्यम से आसानी से कम खर्च में मुद्रा एक स्थान से दूसरे स्थान भेजे जा सकते हैं।

राजनीतिक क्षेत्र में क्रांति

समय जैसे-जैसे बदलता गया, वैसे-वैसे विनिमय का माध्यम भी मुद्रा और साख बदलता गया । Money ने पूरा काया ही पलट दिया । इसने राजनीतिक क्षेत्र में क्रांति ही ला दी। जनता सरकार को टैक्स चुकाता हैं,Tax पहले भी देता था अपनी इच्छा के बिना लेकिन आज जनता अपनी इच्छा से सरकार को Tax Pay करता है और इसके मुद्रा और साख बदले में उसे कुछ अधिकार भी प्राप्त होते हैं।

मुद्रा के माध्यम से ही किसी देश की राष्ट्रीय आय तथा प्रति व्यक्ति आय का माप होता हैं। यदि प्रत्येक व्यक्ति की वास्तिवक आय बढ़ती रहती है तो देश आर्थिक कल्याण की ओर आगे बढ़ता हैं, अन्यथा नहीं बढ़ता मुद्रा और साख है।

अर्थशास्त्र के विभिन्न क्षेत्रों में मुद्रा का महत्व

आधुनिक युग में उत्पादन अनेक तत्वों के सहयोग का परिणाम है जिनमें भूमि, श्रम, पूंजी, संगठन एवं साहस का समावेश होता हैं। इन सभी तत्वों के मूल्य का सामूहिक योग लागत होती है जो मुद्रा में निर्धारित की जाती हैं।

जब किसी भी माल को तैयार कर लिया जाता है तो उसे बेचने की बारी आती है। मुद्रा प्रत्येक वस्तु की लागत का अनुमान लगाने में सहायक होती हैं और लागत के आधार पर ही वस्तु का मूल्य निर्धारित किया जाता हैं। मूल्य निश्चित किए बिना किसी भी वस्तु की बिक्री संभव नहीं हैं।

वास्तव में, संपूर्ण विक्रय-व्यवस्था मुद्रा पर ही आधारित हैं। मुद्रा विनिमय का माध्यम और मूल्यमापक का कार्य करती हैं। इस प्रकार मुद्रा ने वस्तु विनिमय की कठिनाइयों को दूर कर दिया हैं।

उपभोग क्षेत्र

आर्थिक क्रियाओं में उपभोग का सबसे पहला स्थान हैं। मनुष्य जिस वस्तु का उपभोग करना चाहता हैं, उसकी खरीद की मात्रा वस्तु की कीमत पर निर्भर करती हैं और कीमत के निर्धारण में मुद्रा की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। उपभोग का उद्देश्य अधिकतम संतोष प्राप्त करना होता हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपनी सीमित आय को इस प्रकार व्यय करना चाहता है कि उसे अधिकतम संतोष प्राप्त हो सके ।

यह मुद्रा द्वारा ही संभव है क्योंकि मुद्रा द्वारा ही यह जाना जा सकता है कि किस वस्तु के उपभोग से कितना संतोष प्राप्त हो सकेगा।

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