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Cryptocurrency Price Today: बिटकॉइन में नजर आई तेजी, आज ये रहा क्रिप्टो बाजार का हाल

बिटकॉइन (Bitcoin Price Today) 0.84% उछलकर 41,718.99 डॉलर पर कारोबार करता नजर आया

Cryptocurrency Price Today: क्रिप्टोकरेंसी बाजार आज हरे निशान पर कारोबार करता नजर आया। कारोबार के दौरान ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप (Global Crypto Market Cap) में 0.32% का उछाल दिखाई दिया। क्रिप्टो बाजार में उछाल के बाद 1.93 ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैप हो गया। अभी 2 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा अभी काफी दूर लग रहा है। कारोबार के दौरान सभी क्रिप्टोकरेंसी में एक फीसदी से कम या एक फीसदी तक की तेजी के साथ कारोबार कर रहे थे।

बिटकॉइन में नजर आई तेजी

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Coinmarketcap के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया की सबसे बड़ी और फेमस क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin Price Today) 0.84% उछलकर 41,718.99 डॉलर पर कारोबार करता नजर आया। मार्केट शेयर के हिसाब से बिटकॉइन सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है। जबकि, दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी ईथर, जो इथेरियम ब्लॉकचेन से जुड़ी है, इस क्रिप्टोकरेंसी का प्राइस (Ethereum Price Today) बीते 24 घंटों में 0.38% बढ़कर 3,101.13 डॉलर पर पहुंच गया। आज बिटकॉइन का बाजार घटकर 41.1% हो गया है, जबकि इथेरियम की बाजार हिस्सेदारी 19.4% रही।

ये रहा क्रिप्टो बाजार का हाल

एवलॉन्च (Avalanche), शिबा इनु (Shiba Inu), सोलाना (Solana – SOL), एक्सआरपी (XRP), डोजकॉइन (Dogecoin – DOGE) में गिरावट आई। डोजकॉइन, आज ये क्रिप्टो 2.13% की गिरावट के साथ 0.141 डॉलर पर कारोबार करती नजर आई। वहीं, शिबा इनु में 1.01 प्रतिशत की गिरावट रही। इसके अलावा कर्डानो,टेरा लूना में भी तेजी नजर आई। एवलॉन्च, एक्सआरपी लाल निशान पर रहे।

Cryptocurrency : क्या क्रिप्टोकरेंसी फ्यूचर करेंसी बन पाएगी?

इसका जवाब आपके पास ही है, क्या आपने आज से दस वर्ष पूर्व ये सोचा था कि आप अपने मोबाइल फोन और इन्टरनेट की मदद से पैसे ट्रांसफर कर पाएंगे। उस वक्त भी कुछ लोग जो दूरदर्शी थे उन्होंने इसका आंकलन कर लिया था।

Published: November 14, 2022 09:39:56 am

इसका जवाब आपके पास ही है, क्या आपने आज से दस वर्ष पूर्व ये सोचा था कि आप अपने मोबाइल फोन और इन्टरनेट की मदद से पैसे ट्रांसफर कर पाएंगे। उस वक्त भी कुछ लोग जो दूरदर्शी थे उन्होंने इसका आंकलन कर लिया था। आज पूरी बाजार व्यवस्था डिजीटल होती जा रही है और आने वाला वक्त भी डिजीटल करेंसी का है। इसलिए सभी आर्थिक रूप से बड़े देश अपनी खुद की डिजीटल करेंसी लॉन्च कर रहे हैं जैसे कि भारत का सीबीसीडी (सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी)। क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से गैर सरकारी और डिजिटल वित्तीय व्यवस्था है, जिसमें कोई भी ट्रांजेक्शन शुल्क या निःशुल्क नहीं लिया जाता है। ये पूरी तरह से ब्लॅाकचैन तकनीक पर आधारित है, जिसको हैक करना असम्भव है। इसकी विशेष तकनीक और आधारभूत सटीक रणनीती के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप क्रिप्टो में ट्रेड कैसे करें बुद्धिल व्यास की Beginner to Intermediate book को पढ़कर समझ सकते हैं, जिससे आप अपने निवेश को सुरक्षित रूप सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में से कई गुणा ज्यादा बेहतर रिटर्न के लायक बना सकते हैं।

Cryptocurrency : क्या क्रिप्टोकरेंसी फ्यूचर करेंसी बन पाएगी?

क्रिप्टोकरेंसी में फ्यूचर करेंसी बनने के सभी गुण

जब किसी देश पर कोई आपदा, बाह्य आक्रमण या अस्थिरता आती है तो उस देश की करेंसी की कीमत लगातार कम होती जाती है। आप पाकिस्तान या नॉर्थ कोरिया की करेंसी का उदाहरण ले सकते हैं पर क्रिप्टोकरेंसी पर इन सभी घटनाओं का कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ता है, इसलिए ये कहना ज्यादा सही है कि क्रिप्टोकरेंसी में फ्यूचर करेंसी बनने के सभी गुण मौजूद है। ये ज्यादा सुरक्षित और आकर्षक मुद्रा है, जिसकी वजह से लगातार मांग बनी हुई है और यही इसकी खासियत है कि ये संख्या में निश्चित है कोई भी मनमाने तरीके से क्रिप्टोकरेंसी को नहीं बना सकता जिस कारण से डिमांड एंड सप्लाई नियम के अनुसार लॉन्ग टर्म में इसकी कीमत हमेशा बढ़ती रहेगी। 2011 से क्रिप्टोकरेंसी में उतार चढाव देखकर ये कह सकते हैं कि ये शॅार्ट टर्म में नकारात्मक है जबकि लॉग टर्म में ग्रोथ दिखाता है। कुछ लोग बिटकॉइन के शॅार्ट टर्म ग्रोथ को लेकर काफी उत्साहित हैं।

Bitcoin सहित लगभग सभी क्रिप्टोकरेंसी में दर्ज हुई भारी गिरावट

Kavita Singh Rathore

राज एक्सप्रेस। क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी करेंसी है, जो ज्यादातर सुर्ख़ियों में बनी रहती है। इसको लेकर कई नियम निर्धारित किए गए हैं। क्योंकि, कई देशों में इसे इल्लीगल माना जाता है। क्रिप्टोकरेंसी में सबसे ज्यादा नाम जो सुना जाता है वो बिटकॉइन (Bitcoin) का है और बिटकॉइन आज कल काफी ट्रैंड में चल रहा है। आज कल आपने हर किसी को बिटकॉइन में इन्वेस्ट करने की बात कहते सुना होगा। काफी लोकप्रियता होने के बाद भी बीते कुछ समय से Bitcoin में गिरावट दर्ज की जा रही है और गिरावट का ये दौर अब भी जारी है।

Bitcoin में फिर दर्ज हुई गिरावट :

दरअसल, पिछले साल के दौरान मोदी सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा ऐलान किया उसके बाद भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने को लेकर संसद में एक बिल पेश सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में किया गया था। उसके बाद से ही क्रिप्टो मार्केट के नंबर वन पर रहने वाली वर्चुल क्वॉइन Bitcoin सहित अन्य दूसरी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत में कई बार गिरावट दर्ज की जा चुकी है वहीं, आज शनिवार को एक बार फिर Bitcoin की कीमत में दर्ज हुई गिरावट के बाद यह 39,000 के स्तर से भी नीचे आ पहुंची। हालांकि, यह गिरावट Bitcoin के साथ ही अन्य क्रिप्टोकरेंसी में भी दर्ज की गई है। इस हिसाब से ईथर और मीम में भी गिरावट देखने को मिली है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट :

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'बाजार से प्रोत्साहन वापस लेने के फेडरल रिजर्व के इरादे से, दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को भारी नुकसान हुआ। Bitcoin की कीमत शुक्रवार को 12% से अधिक टूट गई और 36,000 डॉलर से गिरकर जुलाई के बाद के अपने निम्नतम स्तर पर आ गई। Bitcoin नवंबर में अपने पीक पर था, तब से अब तक यह 45% नीचे आ चुका है।' एक नजर यदि पूरे क्रिप्टो मार्केट पर डाली जाए तो, मार्केट वैल्यू को 1 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

क्रिप्टो-केंद्रित स्टॉक में सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में गिरावट :

ब्लूमबर्ग द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार से ही क्रिप्टो-केंद्रित स्टॉक (Crypto Centric Stock) में गिरावट दर्ज की जा रही है। इस दौरान ऐसा भी हुआ था जब कॉइनबेस ग्लोबल इंक (Coinbase Global Inc) में लगभग 16% की गिरावट आई और 2021 के वसंत में पब्लिक डेब्यू करने के बाद से यह अपने निम्नतम स्तर पर आ गया। इसी तरह सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में MicroStrategy Inc. ने 18% की गिरावट दर्ज की। Bitcoin सहित अन्य डिजिटल करेंसी-

लगातार गिरावट के बीच जारी रखते हुए Bitcoin की कीमत शनिवार को 9.4% की गिरावट के साथ 36,सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में 436.88 डॉलर पर कारोबार करती नजर आई। जबकि इसमें साल की शुरुआत से ही 14% की गिरावट दर्ज की गई थी।

Ethereum की कीमत 12.1% की गिरावट के साथ 2,593.50 डॉलर पर कारोबार करती नजर आई।

Binance Coin की कीमत 9.9% की गिरावट के साथ 386.64 डॉलर पर कारोबार करती नजर आई।

Cardano की कीमत 8.6% की गिरावट के साथ 1.14 डॉलर पर कारोबार करती नजर आई।

सोलाना की कीमत 12.4% की गिरावट के साथ 111.59 डॉलर पर कारोबार करती नजर आई।

Dogecoin की कीमत 7% की गिरावट के साथ 0.143498 डॉलर पर कारोबार करती नजर आई।

शीबा इनु की कीमत 15.6% की भारी गिरावट के साथ 0.00002218 डॉलर पर कारोबार करती नजर आई।

गौरतलब है कि, इससे पहले कोरोना के नए Omicron वेरिएंट के चलते भी Bitcoin के साथ ही अन्य क्रिप्टोकरेंसीज में गिरावट देखने को मिली थी। तब, Bitcoin की कीमत दर्ज हुई गिरावट के बाद वह साल की शुरुआत के दिनों में 48,000 डॉलर से नीचे आ पहुंची थी।

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Cryptocurrency: जानिए सभी करेंसी के नाम और उनकी कीमतों के बारे में

Cryptocurrency: जानिए सभी करेंसी के नाम और उनकी कीमतों के बारे में

आजकल हर जगह Cryptocurrency का खूब जिक्र किया जा रहा है. वहीं हर कोई व्यक्ति जानना चाहता है, कि आखिर क्यों यह इतने कम समय में एक महत्वपूर्ण चीज बन गई है. आपको बता दें, की दुनिया में हर जगह पर Cryptocurrency को लेकर लोगों के बीच काफी उत्साह है. अभी कुछ लोगों को इसके बारे में थोड़ी बहुत जानकारी है. लेकिन अभी, उन्हें यह नहीं पता कि इसका इस्तेमाल कैसे करना है.

आपको बता दें, कि Cryptocurrency डिजिटल दुनिया की देन है. आजकल की डिजिटल दुनिया में कई तरह की खोज की जा रही हैं. इन्हीं खोजों में से एक खोज का नाम Cryptocurrency है. इसके नाम से पता चल रहा है, कि यह किसी प्रकार की मुद्रा या करेंसी है. इसे एक ई-करेंसी या डिजिटल करेंसी के रूप में देखा जाता है. बता दें, कि यह अन्य करेंसियों जैसी नहीं होती है. इन करेंसी का लेन-देन कंप्यूटर के माध्यम से ही किया जाता है. आप भी Cryptocurrency को यूरो, डॉलर या फिर किसी भी मुद्रा से खरीद सकते हैं.

Cryptocurrency के इस्तेमाल से दो लोगों के बीच डिजिटली हो रहे लेन-देन को सुरक्षित तरीके से किया जा सकता है. ई-करेंसी को, डिजिटल या वास्तविक करेंसी के आदान-प्रदान के लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाने लगा है. जिसके कारण ई-करेंसी, डिजिटल या वास्तविक करेंसी को Cryptocurrency कहा जाता है.

जानिए प्रसिद्ध Cryptocurrency के नाम की सूची और उनकी कीमत

आपकी जानकारी के लिए बता दें, कि दुनिया में आज कई तरह की Cryptocurrency मौजूद हैं. इन Cryptocurrency को लोगों द्वारा खूब खरीदा भी जा रहा है. जानिए कुछ ऐसी Cryptocurrency के बारे में.

बिटकॉइन(Bitcoin): दुनिया की सबसे पहले बनाई जाने वाली Cryptocurrency या डिजिटल करेंसी की बात करें तो वो बिटकॉइन है. बिटकॉइन Cryptocurrency की खोज साल 2009 में की गई थी. आपको बता दें, इस करेंसी की खोज एक जापान के निवासी द्वारा की गई थी, जिसका नाम Satoshi Nakamoto बताया जाता है. इस वक्त 1 बिटकॉइन की कीमत भारतीय रुपए के अनुसार लगभग 33,85,337.29 रुपए है.

लाइटक्वाइन (Litecoin): लाइटक्वाइन एक तरह की Cryptocurrency है. आपको बता दें, कि इसे Charles Li द्वारा बनाया गया है. वहीं इस मुद्रा का चिह्न LTC है. इस क्रिप्टोकरेंसी को साल 2011 में बाजार में उतारा गया था. इस वक्त एक 1 LTC की कीमत भारतीय रुपए के अनुसार करीब 13,296.75 रुपए है.

इथेरियम (Ethereum): इथेरियम को 2015 में शुरू किया गया था. इस मुद्रा को Vitalik Buterin द्वारा बनाया गया है. आपको बता दें, कि साल 2016 में इथेरियम दो भागों में बाँट दिया था. जिसमें से एक भाग इथेरियम के नाम से जाना जाता है, और एक इथेरियम क्लासिक के नाम से. इथेरियम Cryptocurrency का चिह्न ETH है. वहीं इस मुद्रा के मूल्य की बात करें तो 1 ETH का भारतीय मूल्य 2,46,788.32 रुपए है.

इथेरियम क्लासिक क्रिप्टोकरेंसी का चिह्न ETC है. भारतीय रुपए की कीमत के हिसाब से एक ETC की कीमत 531.69 रुपए है. इस मुद्रा से जुड़ी एक ethereumclassic.github.io वेबसाइट भी है जहां पर आपको इससे जुड़ी कई सारी जानकारी मिल जाएंगी.

रिपल (Ripple): साल 2012 से शुरू हुई रिपल करेंसी को XRP चिह्न से जाना जाता है. इस Cryptocurrency को Chris Larsen और Jed McCaleb द्वारा बनाया गया है. वहीं इस Cryptocurrency की कीमत की बात करें, तो एक XRP की भारतीय रुपए में कीमत केवल 83.39 रुपए की है.

बिटकॉइन कैश (बीसीएच): बिटकॉइन कैश का निशान BCH है. 1 BCH Cryptocurrency की कीमत भारतीय रुपए के हिसाब से 45,784.33 रुपए है. इस करेंसी को अगस्त, 2017 को शुरू किया गया है.

मॉनिरो (Monero): मॉनिरो भी एक तरह की Cryptocurrency है, जिसको XMR चिह्न से जाना जाता है. इस मुद्रा को 2014 में बाजार में लाया गया था. मॉनिरो को Monero Core द्वारा बनाया गया है. वहीं 1 XMR की कीमत इस समय भारत में 19,344.91 रुपए है.

एनईएम (NEM): इस Cryptocurrency को 2014 में शुरू किया गया था. इसकी एक वेबसाइट भी है जो कि https://nem.io/ है. वहीं इस मुद्रा का चिन्ह XEM है. भारत में इस समय एक XEM की कीमत महज 25.67 रुपए है.

डैश (DASH): इस Cryptocurrency को 2014 में बाजार में लाया गया है. डैश को बनाने के पीछे Ivan Dafield और Kyle Hagan की मेहनत जुड़ी हुई है. वहीं इस Cryptocurrency को DASH का चिह्न दिया गया है. 1 DASH भारतीय रुपए के हिसाब से 14,878.81 रुपए के बराबर है.

भारत में Cryptocurrency को कानूनी रुप से मान्यता प्राप्त नहीं है. यद्यपि आप अभी भी क्रिप्टो एक्सचेंजों के माध्यम से Cryptocurrency खरीद सकते हैं.अभी कोई आधिकारिक नियामक ढांचा नहीं होने कि वजह से क्रिप्टो इनोवेशन पर रोक है. अप्रैल 2018 में, RBI ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को Cryptocurrency लेनदेन का समर्थन करने से प्रतिबंधित कर दिया. हालाँकि, मार्च 2020 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने असंवैधानिक होने के आधार पर प्रतिबंध को हटा दिया.

सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में

Photo used for representation purpose only. File | Photo Credit: Reuters

‘‘ये महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में ना जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।’’

क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन का उदाहरण देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते गुरुवार, 18 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया की ओर से आयोजित ‘‘सिडनी संवाद’’ में ये बातें कहीं थी। पीएम मोदी ने सभी लोकतांत्रिक देशों से साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने का आह्वान किया था कि वे क्रिप्टोकरेंसी गलत हाथों में ना जाने दें, अन्यथा युवाओं का भविष्य बर्बाद हो सकता है। उन्होंने डिजिटल क्रांति से उभरती चुनौतियों से निपटने के लिए समान सोच वाले देशों के एकजुट होने की आवश्यकता पर भी बल दिया था। पीएम मोदी के इस भाषण के बाद देश में क्रिप्टोकरंसी के भविष्य को लेकर बहस एक बार फिर तेज़ हो गई थी।

दरअसल, देश में बीते कुछ समय से क्रिप्टोकरंसी को लेकर संशय का माहौल बना हुआ है। कई लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या भारत सरकार निजी क्रिप्टोकरंसी को बैन कर देगी। अब इसी कश्मक्श के बीच मंगलवार को लोकसभा ने संसद के आगामी शीतकालीन सत्र के लिए तैयार की गई अपनी विधायी कार्य योजना की जानकारी सार्वजनिक की। जिसमें क्रिप्टो करेंसी और डिजिटल मुद्रा पर क़ानून बनाने का बिल भी दर्ज है। इस बिल को क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021 नाम दिया गया है।

देश में सभी डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी पर लग सकता है प्रतिबंध?

लोकसभा की कार्य योजना के मुताबिक इस बिल को लाने का उद्देश्य भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) की ओर से जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के निर्माण के लिए एक सुविधाजनक व्यवस्था तैयार करना और देश में सभी डिजिटल क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना है।

बता दें कि 2018 में आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था। लेकिन मार्च 2020 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने आरबीआई के प्रतिबंध के ख़िलाफ़ फ़ैसला सुनाते हुए कहा था कि सरकार को 'कोई निर्णय लेते हुए इस मामले पर क़ानून बनाना चाहिए।' जिसके बाद पिछले सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में एक साल में देश के भीतर क्रिप्टोकरंसी का बाजार बहुत ज्यादा बढ़ा है। भारत क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध का ऐलान करने वाली दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है। इससे पहले सितंबर में चीन ने क्रिप्टोकरंसी में हर तरह के लेनदेन को अवैध करार दे दिया था।

क्या है पूरा मामला?

क्रिप्टोकरेंसी को अगर आसान भाषा में समझेें तो ये किसी मुद्रा का एक डिजिटल रूप है। यह किसी सिक्के या नोट की तरह ठोस रूप में आपकी जेब में नहीं होता है। यह पूरी तरह से ऑनलाइन मुद्रा है और व्यापार के रूप में बिना किसी नियमों के इसके ज़रिए व्यापार होता है। इसको कोई सरकार या कोई विनियामक अथॉरिटी जारी नहीं करती है। यही कारण है कि इसकी सुरक्षा हमेशा सवालों के घेरे में रही है। केंद्रीय रिज़र्व बैंक ने इस साल फिर से डिजिटल करेंसी के कारण साइबर धोखाधड़ी के मुद्दे को उठाया है।

आरबीआई जारी करेगा अपनी डिजिटल करेंसी!

मीडिया में आई खबरों की मानें तो आरबीआई काफ़ी समय से अपनी डिजिटल करेंसी जारी करने की दिशा में सोच रहा है, लेकिन यह अभी तक तय नहीं है कि इसका पायलट प्रॉजेक्ट कब तक शुरू होगा। अभी तक इस बिल की सटीक रूपरेखा सार्वजनिक नहीं की गई है और न ही इस पर कोई सार्वजनिक तौर पर विचार-विमर्श हुआ है।

वित्त मंत्रालय काफ़ी समय से इस बिल पर कुछ नहीं बोल रहा है और ऐसा माना जा रहा है कि यह बिल अगस्त से ही मंत्रिमंडल की अनुमति के लिए तैयार है। इस बिल को लेकर काफ़ी सवाल जुड़े हुए हैं क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी में काफ़ी लोगों का निवेश है। अगर सरकार सभी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित कर देती है, तो उन लोगों का क्या होगा जिन्होंने निवेश किया हुआ है।

'द हिंदू' की रिपोर्ट के मुताबिक़ बीती 13 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी पर नियम बनाने को लेकर एक बैठक की थी, जिसमें केंद्रीय बैंक, गृह और वित्त मंत्रालय के आला अधिकारी शामिल हुए थे। इस बैठक के दौरान यह सहमति बनी है कि 'बड़े-बड़े वादों और ग़ैर-पारदर्शी विज्ञापनों से युवाओं को गुमराह करने की कोशिशों' को रोका जाए। इसी दौरान यह भी पाया गया कि अनियंत्रित क्रिप्टो मार्केट मनी सभी क्रिप्टोकरेंसी के बारे में लॉन्ड्रिंग और टेरर फ़ंडिंग के लिए इस्तेमाल हो सकती है। इसी कारण सरकार इस क्षेत्र के लिए तेज़ी से क़दम उठाने को दृढ़ संकल्प है।

मालूम हो कि इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं है कि कितने भारतीयों के पास क्रिप्टोकरेंसी है या कितने लोग इसमें व्यापार करते हैं, लेकिन कई मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि करोड़ों लोग डिजिटल करेंसी में निवेश कर रहे हैं और महामारी के दौरान इसमें बढ़ोतरी हुई है। चेनालिसिस नामक संस्था के मुताबिक पिछले एक साल में देश के भीतर क्रिप्टोकरंसी में निवेश करीब 600 प्रतिशत बढ़ा है।

करोड़ों निवेशकों के भविष्य खतरे में?

एक अनुमान के मुताबिक एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत में क्रिप्टोकरंसी धारकों की संख्या डेढ़ से दस करोड़ के बीच हो सकती है। इसकी कीमत अरबों डॉलर में आंकी गई है। भारत सरकार के इस आदेश ने इन लोगों के निवेश को खतरे में डाल दिया है। ससंदीय बुलेटिन के मुताबिक नए लोकसभा सत्र में लाए जाने वाले बिल में अपवाद के तौर पर कुछ विकल्प भी होंगे ताकि क्रिप्टो तकनीक को बढ़ावा दिया जाए। लेकिन इस बिल के बारे में कोई और जानकारी फिलहाल नहीं दी गई है।

गौरतलब है कि भारत में 2013 में क्रिप्टोकरंसी की शुरुआत हुई थी, लेकिन तब भी से इसे लेकर संदेह जाहिर किए जाते रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा विवादास्पद नोटबंदी करने के बाद क्रिप्टोकरंसी के जरिए लेनदेन में धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। बीते कुछ महीनों में भारत में क्रिप्टोकरंसी के विज्ञापनों की बाढ़ आ गई थी। कॉइनस्विचकूबर, कॉइनडीसीएक् और अन्य घरेलू क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज टीवी चैनलों, वेबसाइटों और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों पर जमकर विज्ञापन दे रहे थे। माना जा रहा है कि सरकार ने इन सभी को ध्यान में रखते हुए इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में सदन के पटल पर रखने का फैसला लिया है। ऐसे में अब ये बिल निवेशकों को कितनी राहत देगा या उन्हें कितना नुकसान देगा ये देखना होगा।

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