खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है?

खातों का अर्थ एवं वर्गीकरण – लेखांकन
लेखांकन प्रणाली वित्तीय लेन देनों के प्रवाह एवं वित्तीय स्थिति से जुड़ी सूचना का अभिलेखन करती है, उनको संजोकर रखती है तथा उन्हें दोहराती है। वित्तीय लेनदेनों के प्रवाह मूलतः आय से अंत:प्रवाह तथा व्यय से बाह्य प्रवाह के कारण बनते हैं। वित्तीय स्थिति के तत्व जैसे कि सम्पत्ति, मुद्रा प्राप्ति अथवा उसके व्यय को प्राथमिक समूहों में से एक अर्थात परिसम्पत्तियां, देयताएं एवं समता से जोड़ा जाता है। इस प्राथमिक समूह में प्रत्येक सम्पत्ति, देयता, आय एवं व्यय का प्रतिनिधित्व उनका खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? सम्बंधित ‘खाता’ करता है। ‘खाता’ सम्पत्ति, देयता, पूँजी, आय एवं व्यय से सम्बन्धित वित्तीय अंत:प्रवाह एवं बाह्य प्रवाह का अभिलेखन मात्र होता है। खाता व्यक्ति विशेष अथवा मद विशेष से जुड़े सभी व्यावसायिक लेनदेनों का अभिलेखा होता है। लेखांकन में हम प्रत्येक सम्पत्ति, देयता, व्यय एवं आय का अलग-अलग हिसाब रखते हैं। और इस हिसाब को जिस शीर्षक के अंतर्गत रखा जाता है उसे ‘खाता’ कहते हैं। जैसे कि मदन का खाता, बृज का खाता, भवन खाता, किराया खाता, कटौती खाता आदि। मदन के साथ किए गए सभी लेन देनों को मदन के खाते में लिखा जाएगा। इसी प्रकार से बृज से सम्बन्धित लेनदेनों को ‘बृज’ के खाते में दर्ज किया जाएगा। इस प्रकार से खाता किसी व्यक्ति अथवा मद विशेष से जुड़े लेन देनों का व्यवस्थित लेखा है। यह वह लेन देन है, जो एक विशेष समय के दौरान घटित होता है और जिनको मद्रा में मापा जा सकता है। खाता एक शीर्षक है जिसके अंतर्गत उससे सम्बन्धित लेनदेनों को एकजुट, वर्गीकृत एवं अभिलेखित किया जाता है। उदाहरण : माल अथवा सेवाओं के विक्रय को ‘विक्रय खाता’ में लिखा जाता है। इसी प्रकार से वित्तीय वर्ष में हुए व्यय उनके अपने-अपने व्यय खातों में लिखे जाते हैं।
खातों का वर्गीकण दो प्रकार से किया जा सकता है :
i. पारम्परिक वर्गीकरण
ii. आधुनिक वर्गीकरण
प्रकृति अथवा पारम्परिक वर्गीकरण आधारित खातों का वर्गीकरण
(i)व्यक्तिगत खाते : व्यक्तियों अथवा व्यक्तियों के समूह के नाम से खातों को व्यक्तिगत खाते कहते हैं। जैसे रमेश, महेश, मै० एम.के. कम्प्यूटर्स आदि।
(ii)नाममात्र खाते : व्यय अथवा हानि तथा आय एवं लाभ के खातों को नाममात्र के खाते कहते हैं। जैसे कि मजदूरी खाता, कमीशन प्राप्ति खाता आदि।
(iii) वास्तविक खाते : सम्पत्तियों के खातों को वास्तविक खाते कहते हैं। जैसे कि भवन, फर्नीचर आदि।
आधुनिक वर्गीकरण
इस वर्गीकरण के आधार पर खातों को पांच वर्गों में निम्नासार बांटा जा सकता है :
(i) पूँजी (ii) सम्पत्तियाँ (iii) देयताएँ (iv) व्यय तथा (v) आगम
आगे खातों का वर्गीकरण उनके आन्तरिक प्रवाह अथवा बाह्य प्रवाह, एक लेखा वर्ष के संदर्भ में, पर आधारित है।
Mukesh Parmar & Associates
प्रत्येक लेनदेन में दो पहलू या पक्ष होते हैं। खाता-बही (Ledger) में प्रत्येक पक्ष का एक खाता बनाया जाता है। खाता (Account) खाता बही (लेजर) का वह भाग है जिसमें व्यक्ति, वस्तुओं अथवा सेवाओं के सम्बन्ध में किए हुए लेनदेनों का सामूहिक विवरण लिखा जाता है। इस प्रकार प्रत्येक खाते की स्थिति का पता लग जाता है कि वह खाता लेनदार (Creditor) है तथा देनदार (Detor)। दोहरी प्रणाली के अनुसार स्रोतों में लेनदेनों को लिखने के लिए खातों के वर्गीकरण को जानना आवश्यक है।
- व्यक्तिगत खाते (Personal accounts)
- 1. एक व्यक्ति का खाता, (जैसे राम का खाता, मोहन का खाता, पूंजी खाता)
- 2. फर्म का खाता (जैसे गुप्ता ब्रदर्स, मै. गणेश प्रसाद राजीव कुमार)
- अव्यक्तिगत खाते (Impersonal accounts)
- वास्तविक खाते (real accounts)
- माल खाता (Goods account),
- रोकड खाता (cash account)
- मशीन खाता
- भवन खाता आदि
- नाममात्र खाते (nominal accounts)
- आय के खाते
- प्राप्त ब्याज खाता
- कमीशन खाता, आदि
- व्यय के खाते
- वेतन खाता
- किराया खाता
- मजदूरी खाता
- ब्याज खाता आदि
व्यक्तिगत खाते
जिन खातों का सम्बन्ध किसी विशेष व्यक्ति से होता है, वे व्यक्तिगत खाते कहलाते हैं। व्यक्ति का अर्थ स्वयं व्यक्ति, फर्म, कम्पनी और अन्य किसी प्रकार की व्यापारिक संस्था होता है। दूसरे शब्दों में, सब लेनदारों तथा देनदारों के खाते व्यक्तिगत खाते होते हैं। इस दृष्टि से पूंजी (capital) तथा आहरण (drawing) के खाते भी व्यक्तिगत होते हैं क्योंकि इनमें व्यापार के स्वामी से सम्बन्धित लेनदेन लिखे जाते हैं। व्यापार के स्वामी के व्यक्तिगत खाते को पूंजी खाता कहा जाता है। व्यापार के स्वामी द्वारा व्यवसाय से मुद्रा निकालने के लिए आहरण खाता खोला जाता है। इस प्रकार आहरण खाता भी व्यक्तिगत खाता होता है।
वास्तविक खाते
वस्तुओं और सम्पत्ति के खाते वास्तविक खाते कहलाते हैं। इन खातों को वास्तविक इसलिए कहा जाता है कि इनमें वर्णित वस्तुएं, विशेष सम्पत्ति के रूप में व्यापार में प्रयोग की जाती है। आवश्यकता पड़ने पर इन्हें बेचकर व्यापारी अपनी पूंजी को धन के रूप में परिवर्तित कर सकता है। वास्तविक खाते आर्थिक चिट्ठे में सम्पत्ति की तरह दिखाये जाते हैं। जैसे मशीन, भवन, माल, यन्त्र, फर्नीचर, रोकड व बैंक आदि के वास्तविक खाते होते हैं।
नाममात्र के खाते
इन खातों को अवास्तविक खाते भी कहते हैं। व्यापार में अनेक खर्च की मदें, आय की मदें तथा लाभ अथवा हानि की मदें होती हैं। इन सबके लिए अलग-अलग खाते बनते हैं जिनको ‘नाममात्र’ के खाते कहते हैं। व्यक्तिगत अथवा वास्तविक खातों की तरह इनका कोई मूर्त आधार नहीं होता। उदाहरण के लिए वेतन, मजदूरी, कमीशन, ब्याज इत्यादि के खाते नाममात्र खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? के खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? खाते होते हैं।
खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है?
खाता (Account) का क्या अर्थ है? खाता की परिभाषाएँ; लेखांकन में, एक खाता सामान्य खाता बही में एक रिकॉर्ड होता है जिसका उपयोग लेनदेन को सॉर्ट और स्टोर करने के लिए किया जाता है; खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? 1) व्यक्तिगत खाते, 2) वास्तविक खाते, और 3) नाममात्र के खाते; लेखांकन या अकाउंटेंसी आर्थिक संस्थाओं जैसे व्यवसायों और निगमों के बारे में वित्तीय जानकारी का खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? माप, प्रसंस्करण और संचार है।
खातों के वर्गीकरण को जानें और समझें।
खातों का वर्गीकरण निम्नानुसार दिया गया है:
व्यक्तिगत खाते (Personal Accounts):
व्यक्तियों, फर्मों, कंपनियों, सहकारी समितियों, बैंकों, वित्तीय संस्थानों से संबंधित खातों को व्यक्तिगत खातों के रूप में जाना जाता खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? है।
व्यक्तिगत खातों को आगे तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
- प्राकृतिक व्यक्तिगत खाते (Natural Personal Accounts): व्यक्तियों के खाते (प्राकृतिक व्यक्ति) जैसे कि अखिलेश का खाता, राजेश का खाता, सोहन का खाता प्राकृतिक व्यक्तिगत खाते हैं।
- कृत्रिम व्यक्तिगत खाते (Artificial Personal Accounts): फर्मों, कंपनियों, बैंकों, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, लायंस क्लब, मैसर्स शाम एंड संस, पंजाब नेशनल खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? बैंक, नेशनल कॉलेज जैसे वित्तीय संस्थानों के खाते कृत्रिम व्यक्तिगत खाते हैं।
- प्रतिनिधि व्यक्तिगत खाते (Representative Personal Accounts): सीमित खर्च और आय से संबंधित लेनदेन रिकॉर्ड करने वाले खातों को नाममात्र खातों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है; लेकिन, कुछ मामलों में (लेखांकन की अवधारणा के मिलान के कारण) एक विशेष तिथि पर राशि, व्यक्तियों के लिए देय है या व्यक्तियों से वसूली योग्य है।
- व्यय या आय के विशेष प्रमुख से संबंधित है, और।
- ऐसे व्यक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है जिनके लिए यह देय है या जिनसे यह वसूली योग्य है।
ऐसे खातों को प्रतिनिधि व्यक्तिगत खाते के रूप में वर्गीकृत किया जाता है जैसे, बकाया खाता, पूर्व-भुगतान बीमा खाता आदि।
वास्तविक खाते (Real Accounts):
वास्तविक खाते संपत्ति / संपत्ति से संबंधित खाते हैं; इन्हें मूर्त वास्तविक खाते और अमूर्त वास्तविक खाते में वर्गीकृत किया जा सकता है; मूर्त संपत्ति (जो छुई, खरीदी और बेची जा सकती है) जैसे भवन, संयंत्र, मशीनरी, नकदी, फर्नीचर आदि से संबंधित खातों को मूर्त वास्तविक खातों के रूप में वर्गीकृत किया गया है; अमूर्त वास्तविक खाते (जिनमें भौतिक आकार नहीं है) अमूर्त संपत्ति से संबंधित खाते हैं जैसे सद्भावना, ट्रेडमार्क, कॉपीराइट, पेटेंट आदि।
नाममात्र के खाते (Nominal Accounts):
आय, व्यय, हानि और लाभ से संबंधित खातों को नाममात्र खातों के रूप में वर्गीकृत किया गया है; उदाहरण के लिए मजदूरी खाता, किराया खाता, ब्याज खाता, वेतन खाता, खराब ऋण खाते, खरीद; खाता आदि नाममात्र के खातों की श्रेणी में आते हैं।
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Accounts कितने प्रकार के होते हैं तथा उनके Rules के बारे में Full जानकारी
हमें बहुत अच्छा लगा यह जानकर की आप हमारी साइट पर आकर Accounts के बारे में पढ़ते हैं और बहुत कुछ आपको सीखने को मिलता रहा है। आज फिर हम आपके लिए यह लेख प्रकाशित कर रहे हैं जिसमें आपको खातों (Accounts) के बारे में बताएंगे कि Accounts कितने प्रकार के होते हैं। Accounts के Rules क्या हैं और बताएंगे की खातों के अनुसार Journal में Entry कैसे की जाती है। अगर आप बैंक अकाउंट के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़िए, आपको Bank Accounts के प्रकार और उनके उपयोग के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी।
जर्नल में एंट्री करने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है कि विचारहीन व्यवहार कौनसे दो खातों को प्रभावित करते हैं। इनमें से कौनसे खाते को Dr किया जाए और कौनसे खाते को Cr किया जाए। अतः अलग – अलग प्रकार के खातों एवम् उनसे Related नियमों की जानकारी हासिल करना आवश्यक है।
- जर्नल (Journal) की पूरी जानकारी – Advantage and Defenition of Journal
खाते कितने प्रकार के होते हैं व उनके नियमों को विस्तार से समझाइए। Kinds of Accounts and Their Rules
खाते (Accounts) के तीन प्रकार होते हैं।
- व्यक्तिगत खाता (Personal Account)
- वस्तुगत या वास्तविक खाता (Real Account)
- अवस्तुगत या आय व्यय से संबंधित या नाम मात्र का खाता (Nominal Account)
अब आपको यह तो पता चल गया होगा कि खाते कितने प्रकार के होते हैं। आइए अब हम आपको इनकी पहचान और नियमों के बारे में समझा देते हैं।
- लेखांकन का अर्थ एवं परिभाषा । Manual Accounts क्या है
Feature में जब भी आप जर्नल या टैली में एंट्री करेंगे तो आपको ये नियम follow करने होंगे। इन नियमों के अनुसार ही आप व्यवसाय में होने वाले दो पक्षों के बीच व्यवहार में खातों को अलग अलग कर सकेंगे।
वह खाते जो किसी व्यक्ति, फर्म, संस्था अथवा कंपनी से संबंधित होते हैं। व्यक्तिगत (Personal) खाते कहलाते हैं।
For example: Shyam का खाता, Rani Account, Sanjay Account, Tarun Baverages Limited Account, Karnataka Vishvavidyalay Account, Life Insurance Corporation Account, Drawings Account, Capital Account, Bank Account etc.
अगर दो पक्षों के बीच लेन-देन में व्यक्तिगत खाता प्रभावित होता खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? है तो यह नियम लागू होगा।
✓ पाने वाले व्यक्ति के खाते को Debit करो तथा देने वाले व्यक्ति के खाते को Credit करो।- Debtors और Creditors क्या हैं । Business Information for The Accountant
2. वस्तुगत या वास्तविक खाता (Real Account) –
वह खाते जो किसी वस्तु या संपत्ति से संबंधित होते हैं वस्तुगत (Real) खाते कहलाते कहलाते हैं। इस खाते में वस्तुओं का लेनदेन तथा खरीदना और बेचना शामिल होता है।
For example: Furniture A/c, Machinery A/c, Building A/c, Cash A/c, Purchase A/c, Sales A/c, Purchase Return a/c, Sales Return Account etc. खाते वस्तुगत खाते के अन्दर आते हैं।
जर्नल में एंट्री करने का नियम –
✓ जो वस्तु व्यापार में आती है उसे Debit करो और जो वस्तुएं पर से जाती है उसे Credit करो।- Business में Stock क्या है और Accounting में इसकी गणना कैसे की जाती हैं ?
3. अवास्तविक खाता (Nominal Account) –
Income or Expenses से Related Accounts जैसे कि लाभ हानि (loss and profit) खाता अवास्तविक (Nominal) खातों के अंतर्गत आते हैं। इन्हें नाम मात्र का खाता या आय व्यय से संबंधित खाता भी कहते हैं।
For Example: Insurance Premium Account, Salary a/c, Commission a/c, Intrest a/c, Office Expenses a/c, Wages a/c, Rent a/c, Depreciation of value a/c, Carriage Account etc. खाते Nominal अकाउंट के अंदर आते हैं।जर्नल में लेखा करने के नियम –
✓ समस्त व्यय एवं हानियों को Debit करो तथा समस्त आय एवं लाभ को Credit करो।
नॉमिनल खाते में आमदनी खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? को क्रेडिट किया जाता है व खर्चों को डेबिट किया जाता है।- Business or Manual Accounting से Related Questions and Answers
आपने इस आर्टिकल में खातों के कितने प्रकार होते हैं व इनके नियम क्या हैं (What are the types of accounts in business and their rules) के बारे में पढ़ा। अगर आपको इस पोस्ट से कुछ फायदा हुआ है तो खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? अपने मित्रों के साथ शेयर करें। हां अगर कोई कंफ्यूजन या कंटेंट को समझने पढ़ने में परेशानी हो रही हो तो कमेंट में पूछ सकते है। Good Luck!
) अव्यक्तिगत खाते कितने प्रकार के होते है
(1) एकखाता (Account) का क्या अर्थ है? खाता की परिभाषाएँ; लेखांकन में, एक खाता सामान्य खाता बही में एक रिकॉर्ड होता है जिसका उपयोग लेनदेन को सॉर्ट और स्टोर करने के लिए किया जाता है; खातों का वर्गीकरण कितने प्रकार का होता है? 1) व्यक्तिगत खाते,