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भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही

भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही
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धन महोत्सव

युद्ध की आशंका के बीच, यूक्रेन ने बिटकॉइन को मान्यता दी, कीमतों में उछाल

रूस के साथ चल रहे संघर्ष और विश्व युद्ध की आशंकाओं के बीच यूक्रेन ने गुरुवार को क्रिप्टोकरेंसी और बिटकॉइन को वैध और विनियमित किया। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, यूक्रेन की संसद में बिटकॉइन कानून पारित किया गया है। बिल के पक्ष में 272 सांसदों ने वोट किया। छह विधायक इसके खिलाफ थे।

ऐसा माना जाता है कि इस बिल के पीछे का मुख्य उद्देश्य क्रिप्टोकरेंसी पर उनके दृष्टिकोण को स्पष्ट करना और बिटकॉइन के खरीदारों की रक्षा करना है क्योंकि बिटकॉइन अब तक देश में कानूनी या अवैध नहीं रहा है।

अल सल्वाडोर ने यूक्रेन से पहले बिटकॉइन को मान्यता दी थी। बिटकॉइन के साथ लेनदेन प्रणाली को सुचारू रूप से लागू करने के लिए, बिटकॉइन वॉलेट केमो लॉन्च किया गया था।

यूक्रेन के उप प्रधान मंत्री मायखाइलो फेडोरोव ने ट्विटर पर कहा: “यूक्रेन पहले से ही क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करने वाले दुनिया के शीर्ष 5 देशों में से एक है। आज हमने एक और कदम आगे बढ़ाया।

Cryptocurrency hindi News: लोकसभा में उठा क्रिप्टो करेंसी का मुद्दा, क्रिप्टो करेंसी को लेकर आरबीआई की चिंता पर क्या है सरकार का रुख..

Cryptocurrency hindi News: लोकसभा में उठा क्रिप्टो करेंसी का मुद्दा, क्रिप्टो करेंसी को लेकर आरबीआई की चिंता पर क्या है सरकार का रुख..

Cryptocurrency hindi News: लोकसभा में उठा क्रिप्टो करेंसी का मुद्दा, क्रिप्टो करेंसी को लेकर आरबीआई की चिंता पर क्या है सरकार का रुख..

Cryptocurrency hindi News: भारत में Cryptocurrency को लेकर आए दिन विवाद खड़े होते रहे हैं। इतना ही नहीं देश में क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किए जाने को लेकर सरकार के रुख से क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों की धड़कनें बढ़ती घटती रही है। हाल की में इस बारे में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आरबीआई की चिताओं का जिक्र करते हुए लोकसभा में सांसद थोल थिरूमावलवन ने सवाल उठाया है।

जानिए क्या है CryptoCurrency? Supreme Court के आदेश के बाद भारत में हो गई है वैध

न्यूज – सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बुधवार को एक बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही इस पर लगे सभी प्रतिबंध हटा लिए हैं। न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्णय दिया और इसमें जस्टिस अनिरुद्ध बोस और वी रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे। यानी अब देश के सभी बैंक Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन शुरू कर सकते हैं। बता दें कि RBI ने साल 2018 में एक सर्कुलर जारी कर क्रिप्टोकरेंसी कारोबार को बैन दिया था।

आरबीआई के सर्कुलर को चुनौती देने के लिए इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आईएएमएआई द्वारा कहा गया कि केंद्रीय बैंक के इस कदम से क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली वैध कारोबारी गतिविधियों पर प्रभावी रूप से पाबंदी लग गई है, जिसके जवाब में आरबीआई ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। आरबीआई ने कहा कि उसने क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से मनी लाउंड्रिंग और टेरर फंडिंग के खतरे के मद्देनजर यह कदम उठाया है।

भारत में 2022 में क्रिप्‍टो करेंसी का भविष्‍य क्‍या है । future of crypto currency in India in 2022

साल 2022 में क्रिप्‍टो करेंसी के भविष्‍य (Future of Crypto Currency in india) को लेकर पिछले कुछ महीनों से भारत में काफी चर्चा हो रही है। इस वर्चुअल करेंसी के दरों में तेज बदलाव को लेकर निवेशकों के मन में हमेशा काफी दुविधा रहती है। रिपोर्टों के मुताबिक, मौजूदा समय में भारत में करीब 100 मिलियन से भी ज्यादा भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही भारतीय नागरिक क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) में ट्रेड यानी ट्रांजेक्‍शन कर रहे हैं। बताया जाता है कि दुनियाभर में भारतीयों के ट्रेड करने की संख्‍या सबसे ज्यादा हैं। यहां हम चर्चा कर रहे हैं कि भारत में क्रिप्‍टो करेंसी का भविष्‍य क्‍या है और आने वाले दिनों में भारत में क्रिप्‍टो करेंसी का भविष्‍य (Future of Crypto Currency in India) यानी उसका हाल कैसे रहेगा।

Cryptocurrency Future india 1

युवाओं ने अब तक करोड़ों रुपये क्रिप्टोकरेंसी में किया निवेश

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IMAI) के अनुसार, (ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल भी इस एसोसिएसन के पार्ट हैं) क्रिप्टो में निवेश करने वालों की भारी तादाद में अनुभवी निवेशकों के अलावा भारत के टियर-2 और टियर-3 जैसे शहरों के युवा भी शामिल हैं। टियर 1 के शहरों में तो इसके निवेशकों की काफी संख्‍या पहले से है। इस एसोसिएशन के अनुसार, भारत के विभिन्‍न शहरों के युवाओं ने करीब छह लाख करोड़ रुपये तक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर रखें हैं।

ज्ञात हो कि क्रिप्टो उद्योग पिछले एक दशक में वर्चुअल करेंसी के डेवलपर्स के एक छोटे से समुदाय भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही से एक ट्रिलियन-डॉलर की वैश्विक अर्थव्यवस्था में विकसित हुआ है, जिसमें परिष्कृत तकनीक, विभिन्न उपयोग के मामले और लाखों उपयोगकर्ता शामिल हैं। इस उल्लेखनीय वृद्धि ने बुनियादी ढांचे की सुरक्षा से लेकर मेटावर्स, एनएफटी और डीएओ जैसी पूरी तरह से नई अर्थव्यवस्थाओं तक के महत्वपूर्ण अवसर पैदा किए हैं। जिसका लाभ खासकर युवा भी उठा रहे हैं। हालांकि, निवेशकों को यह भी आशंका है कि आगामी समय में क्रिप्‍टो करेंसी का भविष्‍य में भारत में कैसा रहेगा।

RBI डिजिटल रुपया “सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)” क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होने के कारण इसे किसी के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है यानी यह डिसेंट्रलाइज है। इस कारण से, क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने एक डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने का विचार किया, जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)” के रूप में जाना जाएगा।

यह डिजिटल मुद्रा या रुपया पैसों का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है, जिसका उपयोग ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से संपर्क रहित लेनदेन करने के लिए किया जाएगा।

केंद्रीय बजट 2022 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी खुद की डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के रूप भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही में जाना जाएगा।

एक ऐसी करेंसी जो पूरी तरह से डिजिटल होगी इसे वर्चुअल करेंसी या वर्चुअल मनी भी कहा जा सकता है क्योंकि यह आपके वॉलेट या हाथ में नहीं दिखेगी लेकिन काम वर्तमान फिजिकल करेंसी जैसा करेंगी।

डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग है?

आरबीआई की डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टोकरेंसी के बीच मुख्य अंतर यह है कि आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही को केंद्रीकृत किया जाएगा यानी इस पर भारत सरकार पर पूर्ण नियंत्रण होगा। जबकि, क्रिप्टो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित एक विकेन्द्रीकृत मंच है जिसे किसी के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।

डिजिटल रुपये को बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य क्रिप्टोकरेंसी से इस मायने में अलग माना जाएगा कि यह सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए इस डिजिटल रुपये को भौतिक रुपये के बराबर माना जाएगा।

डिजिटल रुपया एक वैध मुद्रा मानी जाएगी जबकि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को आभासी संपत्ति यानी virtual assets मान लिया गया है, जिसका अर्थ है कि इन मुद्राओं को कानूनी निविदा (Legal Tender) के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

क्या क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए 30% टैक्स में डिजिटल रुपया शामिल है?

नहीं, आरबीआई डिजिटल रुपया यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) 30% टैक्स से मुक्त है। इसके विपरीत, किसी भी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर 30% कर लगाया जाएगा।

सरकार ने टैक्स लगाकर इनडायरेक्ट (अप्रत्यक्ष) रूप से भारत में क्रिप्टोकरंसी को मान्यता प्रदान कर दी है।

अगर आप किसी भी तरह की क्रिप्टोकरेंसी से कमाई कर रहे हैं तो आप 30% टैक्स देकर इसे व्हाइट मनी में बदल सकते हैं।

केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्राएं दो रूपों में आती हैं: 1. थोक सीबीडीसी (Wholesale CBDCs) और 2. खुदरा सीबीडीसी (Retail CBDCs)।

थोक सीबीडीसी केंद्रीय बैंक के भंडार की तरह हैं। केंद्रीय बैंक इसका उपयोग धन जमा करने या अंतरबैंक हस्तांतरण को निपटाने के लिए करेंगा।

खुदरा सीबीडीसी केवल उपभोक्ताओं और कंपनियों की ओर से संस्थागत सरकार समर्थित डिजिटल मुद्राओं के समान हैं। खुदरा सीबीडीसी मध्यस्थ जोखिम को खत्म करेंगे।

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