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डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं

डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं

हिंदी ज्ञान बुक

Mutual Fund क्या है यह कितने तरह के होते है इसमें निवेश कैसे करे

Mutual Fund क्या है यह कितने तरह के होते है इसमें निवेश कैसे करे

म्यूच्यूअल फण्ड कैसे खरीदें ? म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट ? म्यूचुअल फंड प्रकार ? म्यूचुअल फंड में निवेश Mutual Fund भी निवेशक के पास न्यूनतम जोखिम निवेश विकल्प है. इसके अंदर निवेशक को उच्च दर निवेश रिटर्न मिलता है. वो भी रिस्क फ्री यदि आपको म्यूच्यूअल डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं फण्ड के बारे में नहीं पता तो हम आपको बताते है की म्यूच्यूअल फण्ड होता क्या है. बहुत बड़ी बड़ी कंपनी या संगठन मिलके बहुत सरे निवेशको का पैसा इन्वेस्ट करवाके एक फण्ड बनाते है .और बहुत से निवेशको उसके अंदर आप निवेश करते है.और फिर वही कंपनी उस पैसे को अपने अच्छे प्रबंधन कौशल का इस्तेमाल करके बहुत सी जगह इन्वेस्ट करती हैंऔर अच्छा फायदा लेते है.

फिर वही निवेशको को एक अच्छे ब्याज रेट के साथ निवेश के ऊपर ब्याज देते है. और यदि कंपनी के मैनेजमेंट के ऊपर ही निवेशको का रिस्क होता है क्योंकि यदि कंपनी निवेशको का पैसा अच्छी जगह निवेश करती है. तो उसको अच्छा फायदा होगा और निवेशको को भी अच्छा ब्याज रेट से इंटरेस्ट मिलेगा. और यदि कंपनी आपकी निवेश को आगे अच्छी जगह इंवेस्ट न करेगी तो उनको भी नुकसान होगा. और फिर आपको भी अच्छी निवेश से रिटर्न्स नही मिलेगी तो आपको सोच समझ के ही म्यूच्यूअल फण्ड के अंदर निवेश करनी चाहिएऔर म्यूच्यूअल फण्ड निवेश एक खास बात यही है की इसके अन्दर कोई भी नया निवेशक पहली बार इन्वेस्ट कर रहा है.वही बिना किसी डर के आसानी से इन्वेस्ट कर सकता है.

Table of Contents

Mutual Fund के प्रकार

Open Ended Mutual Funds और Closed Ended Mutual Funds Open Ended Mutual Funds plan

Open ended का मतलब की आप इस निवेश योजना में आप अपनी निवेश यूनिट को कभी भी खरीद और कभी भी बेच सकते है.और इसके अंदर आपको छूट होती है. और open ended mutual fund भी अलग अलग प्रकार के होते जैसे डेट फंड, लिक्विड फंड, इक्विटी फंड, बैलेंस्ड फंड इत्यादि.

Debt Fund

Debt fund के अन्दर ज्यादातर सरकारी सुरक्षायें के अंदर निवेशको होती है. और डेब्ट फण्ड के अंदर इक्विटी फंड से कम फायदा होता है. लेकिन यही एक रिस्क फ्री निवेश है और यह एक निश्चित आय के लिए सबसे अच्छे निवेश विकल्प हैं।

Liquid Fund

Liquid mutual fund एक लघु अवधि के निवेश कोष है यानि कि आपके डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं पास थोड़ा समय के लिए पैसे है. और आप उसे थोड़े समय के लिए ही इन्वेस्ट करना चाहते हैं. तो आप liquid Mutual Fund के अंदर निवेश कर सकते हैं. यह आपको रिस्क-फ्री और सेफ इन्वेस्टमेंट ऑप्शन देता है.जो निवेशक थोड़े समय के लिए निवेश करना चाहते हैं उनके लिए ये फण्ड बिलकुल सही है.

Equity Fund

Equity fund शेयर मार्किट अंदर निवेश करते हैं जो निवेशक को लम्बे समय तक निवेश रखना चाहते हैं. उनके लिए इक्विटी फंड बिलकुल सही निकेश विकल्प है. लम्बे समय तक निवेश रखने निवेश करने से अच्छा return मिलता है. लेकिन थोड़ा समय के लिए निवेश करने से इसके अंदर रिस्क ज्यादा होता है .

Balanced Fund

यदि आप कम रिस्क के साथ अधिक से ज्यादा प्रॉफिट कमाना चाहते हैं. तो आप balanced fund में निवेश कर सकते है. balanced fund निश्चित प्रतिभूतियां में निवेश करता है. इसलिए उसके अंदर रिस्क बहुत काम होता है और निवेशको की निवेश बिलकुल सेफ होती है. और इन्वेस्टर अछि रिटर्न्स भी ले सकता है.

Close Ended Mutual Funds plan

Close ended Mutual Fund के अंदर शुरुआत में है. नये fund offer जरुरी होते है. .और निवेशक उसी समय निवेश कर सकता है उसी समय निवेशक का समय भी फिक्स होता है.और उससे पहले इन्वेस्टर अपनी इन्वेस्टमेंट को नहीं खुलवा सकता हैं.यदि खुलवाता है तो उसे कोई फायदा नहीं होगा. Close ended Mutual Fund plan दो प्रकार के होते है .Capital Protection Fund Fixed Maturity Plan.

Capital Protection Fund

यदि आप रिस्क फ्री निवेश करना चाहते हैं और अच्छा फायदा लेना चाहते हैं. तो capital protection fund आप के लिए अच्छा विकल्प है. पूंजी संरक्षण फंड निश्चित आय सुरक्षा के अंदर निवेश की जाती है और यही छोटे इक्विटी में भी निवेश की जाती है और छोटी बड़ी सभी निवेश होती है.और छोटी बड़ी सभी निवेस्ज होती है इसका टाइम फिक्स होने के कारण इस में रिस्क बिलकुल भी नहीं होता है.

Fixed Maturity Plan

Fixed Maturity Plan में पहले से परिपक्वता का समय 6 होता है. और यही dabt इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्टमेंट होती है.इसके अंदर चार्ज बिलकुल कम होता है. और प्रबंधक से पहले तय करने के उपकरण के लिए निवेश कर रहे हैं. जिसे निवेशक का रिस्क बिलकुल कम हो जाता है और निवेशक को अच्छा निवेश return मिलता है.

आईसीआईसीआई म्यूच्यूअल फण्ड इन हिंदी म्यूचुअल फंड क्या है म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें sbi mutual fund in hindi ? Mutual Fund के अंदर छोटे बड़े सभी निवेशक निवेश कर सकते है और म्यूच्यूअल फण्ड एक प्रकार का नहीं होता. यह बहुत प्रकार के होते है यही निवेशक के रिस्क ,इन्वेस्टमेंट समय ,और निवेश के हिसाब से डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं अलग अलग प्रकार के होते है. लेकिन आप म्यूच्यूअल फण्ड में एक रिस्क फ्री निवेश कर सकते है और अच्छी इन्वेस्टमेंट रिटर्न्स ले सकते है.

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Mutual Fund क्या है यह कितने तरह के होते है इसमें निवेश कैसे करे

Mutual Fund क्या है यह कितने तरह के होते है इसमें निवेश कैसे करे

म्यूच्यूअल फण्ड कैसे खरीदें ? म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट ? म्यूचुअल फंड प्रकार ? म्यूचुअल फंड में निवेश Mutual Fund भी निवेशक के पास न्यूनतम जोखिम निवेश विकल्प है. इसके अंदर निवेशक को उच्च दर निवेश रिटर्न मिलता है. वो भी रिस्क फ्री यदि आपको म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में नहीं पता तो हम आपको बताते है की म्यूच्यूअल फण्ड होता क्या है. बहुत बड़ी बड़ी कंपनी या संगठन मिलके बहुत सरे निवेशको का पैसा इन्वेस्ट करवाके एक फण्ड बनाते है .और बहुत से निवेशको उसके अंदर आप निवेश करते है.और फिर वही कंपनी उस पैसे को अपने अच्छे प्रबंधन कौशल का इस्तेमाल करके बहुत सी जगह इन्वेस्ट करती हैंऔर अच्छा फायदा लेते है.

फिर वही निवेशको को एक अच्छे ब्याज रेट के साथ निवेश के ऊपर ब्याज देते है. और यदि कंपनी के मैनेजमेंट के ऊपर ही निवेशको का रिस्क होता है क्योंकि यदि कंपनी निवेशको का पैसा अच्छी जगह निवेश करती है. तो उसको अच्छा फायदा होगा और निवेशको को भी अच्छा ब्याज रेट से इंटरेस्ट मिलेगा. और यदि कंपनी आपकी निवेश को आगे अच्छी जगह इंवेस्ट न करेगी तो उनको भी नुकसान होगा. और फिर आपको भी अच्छी निवेश से रिटर्न्स नही मिलेगी तो आपको सोच समझ के ही म्यूच्यूअल फण्ड के अंदर निवेश करनी चाहिएऔर म्यूच्यूअल फण्ड निवेश एक खास बात यही है की इसके अन्दर कोई भी नया निवेशक पहली बार इन्वेस्ट कर रहा है.वही बिना किसी डर के आसानी से इन्वेस्ट कर सकता है.

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Mutual Fund के प्रकार

Open Ended Mutual Funds और Closed Ended Mutual Funds Open Ended Mutual Funds plan

Open ended का मतलब की आप इस निवेश योजना में आप अपनी निवेश यूनिट को कभी भी खरीद और कभी भी बेच सकते है.और इसके अंदर आपको छूट होती है. और open ended mutual fund भी अलग अलग प्रकार के होते जैसे डेट फंड, लिक्विड फंड, इक्विटी फंड, बैलेंस्ड फंड इत्यादि.

Debt Fund

Debt fund के अन्दर ज्यादातर सरकारी सुरक्षायें के अंदर निवेशको होती है. और डेब्ट फण्ड के अंदर इक्विटी फंड से कम फायदा होता है. लेकिन यही एक रिस्क फ्री निवेश है और यह एक निश्चित आय के लिए सबसे अच्छे निवेश विकल्प हैं।

Liquid Fund

Liquid mutual fund एक लघु अवधि के निवेश कोष है यानि कि आपके पास थोड़ा समय के लिए पैसे है. और आप उसे थोड़े समय के लिए ही इन्वेस्ट करना चाहते हैं. तो आप liquid Mutual Fund के अंदर निवेश कर सकते हैं. यह आपको रिस्क-फ्री और सेफ इन्वेस्टमेंट ऑप्शन देता है.जो निवेशक थोड़े समय के लिए निवेश करना चाहते हैं उनके लिए ये फण्ड बिलकुल सही है.

Equity Fund

Equity fund शेयर मार्किट अंदर निवेश करते हैं जो निवेशक को लम्बे समय तक निवेश रखना चाहते हैं. उनके लिए इक्विटी फंड बिलकुल सही निकेश विकल्प है. लम्बे समय तक निवेश रखने निवेश करने से अच्छा return मिलता है. लेकिन थोड़ा समय के लिए निवेश करने से इसके अंदर रिस्क ज्यादा होता है .

Balanced Fund

यदि आप कम रिस्क के साथ अधिक से ज्यादा प्रॉफिट कमाना चाहते हैं. तो आप balanced fund में निवेश कर सकते है. balanced fund निश्चित प्रतिभूतियां में निवेश करता है. इसलिए उसके अंदर रिस्क बहुत काम होता है और निवेशको की निवेश बिलकुल सेफ होती है. और इन्वेस्टर अछि रिटर्न्स भी ले सकता है.

Close Ended Mutual Funds plan

Close ended Mutual Fund के अंदर शुरुआत में है. नये fund offer जरुरी होते है. .और निवेशक उसी समय निवेश कर सकता है उसी समय निवेशक का समय भी फिक्स होता है.और उससे पहले इन्वेस्टर अपनी इन्वेस्टमेंट को नहीं खुलवा सकता हैं.यदि खुलवाता है तो उसे कोई फायदा नहीं होगा. Close ended Mutual Fund plan दो प्रकार के होते है .Capital Protection Fund Fixed Maturity Plan.

Capital Protection Fund

यदि आप रिस्क फ्री निवेश करना चाहते हैं और अच्छा फायदा लेना चाहते हैं. तो capital protection fund आप के लिए अच्छा विकल्प है. पूंजी संरक्षण फंड निश्चित आय सुरक्षा के अंदर निवेश की जाती है और यही छोटे इक्विटी में भी निवेश की जाती है और छोटी बड़ी सभी निवेश होती है.और छोटी बड़ी सभी निवेस्ज होती है इसका टाइम फिक्स होने के कारण इस में रिस्क बिलकुल भी नहीं होता है.

Fixed Maturity Plan

Fixed Maturity Plan में पहले से परिपक्वता का समय 6 होता है. और यही dabt इंस्ट्रूमेंट में इन्वेस्टमेंट होती है.इसके अंदर चार्ज बिलकुल कम होता है. और प्रबंधक से पहले तय करने के उपकरण के लिए निवेश कर रहे हैं. जिसे निवेशक का रिस्क बिलकुल कम हो जाता है और निवेशक को अच्छा निवेश return मिलता है.

आईसीआईसीआई म्यूच्यूअल फण्ड इन हिंदी म्यूचुअल फंड क्या है म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें sbi mutual fund in hindi ? Mutual Fund के अंदर छोटे बड़े सभी निवेशक निवेश कर सकते है और म्यूच्यूअल फण्ड एक प्रकार का नहीं होता. यह बहुत प्रकार के होते है यही निवेशक के रिस्क ,इन्वेस्टमेंट समय ,और निवेश के हिसाब से अलग अलग प्रकार के होते है. लेकिन आप म्यूच्यूअल फण्ड में एक रिस्क फ्री निवेश कर सकते है और अच्छी इन्वेस्टमेंट रिटर्न्स ले सकते है.

भारत में म्युचुअल फंड्स के प्रकार

म्युचुअल फंड आपको निवेश का एक विविध पोर्टफोलियो बनाने में आपकी मदद करता है और यह निवेश करने के सबसे आसान तरीकों में से एक है, क्युकी इसके लिए आपको किसी दूसरे इंसान की जरुरत नहीं पड़ती। म्युचुअल फंड्स की थोड़ी सी ज्ञान और आपके पास इंटरनेट से जुड़ा आपका स्मार्टफोन अथवा लैपटॉप ही काफी है म्युचुअल फंड्स में निवेश करने के लिए।

लेख में मौजूद सामग्री

संरचना के आधार पर म्युचुअल फंड्स के प्रकार

  1. Open-Ended Funds (ओपन एंडेड फंड्स): वैसे म्युचुअल फंड्स जिसमे निवेशक कभी भी अपनी इक्षा अनुसार इसमें निवेश कर सकते हैं और अपनी सुविधा अनुसार इससे कभी भी पैसे निकाल सकते हैं। अर्थात इस प्रकार के म्युचुअल फंड्स में किसी प्रकार की कोई समय की बाध्यता नहीं होती, इसमें पूरी तरह से आपकी मर्ज़ी चलती है।
  2. Closed-Ended Funds (क्लोज्ड एंडेड फंड्स): वैसे म्युचुअल फंड्स जिसमे निवेशकों के पास समय की बाध्यता होती है और Maturity के पूरा होने पर ही वो इस प्रकार के फंड्स से पैसों को निकाल पाते हैं। Maturity के पूरा होने पर इसमें से पैसे खुद ही निकले जाते हैं अथवा आपके बैंक अकाउंट में भेज दिए जाते है। इस तरह के फंड्स की ख़ास बात यह है की यह शेयर बाज़ार में सूचीबद्ध (Listed) होती हैं।
  3. Interval Funds (इंटरवल फंड्स): ऐसे फंड्स ऊपर दिए गए दोनों फंड्स के बिच में आते हैं, क्यूंकि ऐसे फंड्स में आप मनचाहे एक ख़ास समय अंतराल के दौरान अपने म्यूच्यूअल फंड्स के यूनिट्स को खरीद या बेच सकते हैं।

एसेट के आधार पर म्युचुअल फंड्स के प्रकार

  1. इक्विटी फंड्स: वैसे म्युचुअल फंड्स जो कंपनी के शेयर में पैसों को निवेश करती है और इसमें मिलने वाला प्रॉफिट पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है की शेयर बाजार में कंपनियों के शेयर कैसे पेश आते हैं। ऐसे फंड्स एक तरफ काफी ज़्यादा आपको फायदा पहुंचती है तो वहीँ दूसरी तरफ इसमें बाकियों की तुलना में थोड़े खतरे भी सम्मिलित होते हैं।
  2. डेब्ट फंड्स: वैसे म्युचुअल फंड्स जो निवेशकों के पैसों को फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटी जैसे सरकारी सिक्योरिटी, कॉर्पोरेट बांड्स और ट्रेज़री बिल्स में निवेश करते है उसे डेब्ट फंड्स कहा जाता है। डेब्ट फंड्स थोड़े स्थिर होते हैं और इसमें रिस्क न के बराबर होता है।
  3. हाइब्रिड फंड्स: आप कुछ-कुछ अंदाजा इसके नाम से ही हो गया होगा की, वैसे फंड्स जो इक्विटी फंड्स और डेब्ट फंड्स दोनों ही प्रकार के फंड्स में निवेश करती है, वह हाइब्रिड फंड्स कहलाती है। अब किस फंड्स में कितने का रेश्यो में निवेश किया जाएगा इस बात का फैसला निवेशक कंपनी लेती है। हाइब्रिड फंड्स आम तौर पर बैलेंस भी हो सकते है या फिर इक्विटी फंड्स की तरह रिष्की भी हो सकते हैं।

निवेश लक्ष्य के आधार पर म्युचुअल फंड्स के प्रकार

आप अपनी वित्तीय जरूरतों के अनुरूप भी म्यूच्यूअल फंड्स का चुनाव कर सकते हैं:

  1. कैपिटल प्रोटेक्शन फंड्स: ऐसे म्यूच्यूअल फंड्स में पैसों के कुछ हिस्सों का निवेश कंपनी फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में करती है और कुछ पैसों का निवेश इक्विटी में करती है। जिससे आपके गाढ़ी कमाई के पैसे सुरक्षित भी रहें और साथ ही इसपर आप प्रॉफिट भी कमा सकें। ऐसे फंड्स से मिले प्रॉफिट के पैसे आयकर के दायरे में आते हैं।
  2. ग्रोथ फंड्स: वैसे फंड्स जिनका एकमात्र उद्देश्य प्रॉफिट कमाना है, वह ग्रोथ फंड्स के श्रेणी में आते हैं। ऐसे फंड्स में पैसों का निवेश बहुत ही बेहतर प्रदर्शन कर रहे कंपनी के स्टॉक्स में ही लगाए जाते हैं। ऐसे फंड्स उनके लिए अच्छे माने जाते हैं जो लम्बी अवधी के निवेश करना चाहते हैं।
  3. लिक्विडिटी आधारित फंड्स: कुछ फंड्स को आपके निवेश की लिक्विडिटी के अनुसार फंड्स में विभाजित किये जाते हैं, और यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है की आप कितने समय अंतराल के लिए पैसों को निवेश करना चाहते हैं। इसमें अल्ट्रा शॉर्ट्स टर्म्स फंड्स वैसे निवेशकों को काफी आकर्षित करते हैं जो केवल कुछ समय के लिए निवेश करना चाहते हैं वहीँ दूसरी ओर रिटायरमेंट फंड्स वैसे निवेशकों को आकर्षित करती है जो लम्बी अवधी के लिए निवेश करना चाहते हैं।
  4. पेंशन फंड्स: इस फंड्स के बारे में आप तो इसके नाम से ही समझ गए होंगे की वैसे फंड्स जो लम्बे समय अंतराल में किये गए निवेश के पश्चात आपको नियमित समय अंतराल पर प्रॉफिट देती रहती है, उसे ही पेंशन फंड्स की श्रेणी में रखा जाता है। आमतौर पर हाइब्रिड फंड्स को ही पेंशन फंड्स के तौर पर देखा जाता है।
  5. Fixed Maturity Funds: आप को नाम पढ़कर इस इस बात का अंदाज़ आ गया होगा की आखिर यह किस प्रकार का म्यूच्यूअल फंड्स है। तो वैसे म्यूच्यूअल फंड्स जो केवल कुछ ख़ास समय अवधी के लिए पैसों को निवेश करती है और ऐसे फंड्स का उद्देश्य निवेशकों को समय अवधी पूरा होने के बाद एक मुश्त फायदा पहुँचाना होता है उसे ही Fixed Mutual Funds कहा जाता है। ऐसे फंड्स में आमतौर पर पैसों को सरकारी सिक्योरिटी बांड्स में लगाती है जिसका समय अंतराल निर्धारित होता है।
  6. टैक्स सेविंग फंड्स: वैसे म्यूच्यूअल फंड्स जिनका मुख्य उद्देश्य सेक्शन 80C के तहत आपके आयकर को बचाना होता है, वैसे फंड्स टैक्स सेविंग की श्रेणी में आते हैं। ऐसे म्यूच्यूअल फंड्स में ज़्यादातर पैसों को सिक्योरिटीज फंड्स में निवेश किया जाता है और यह थोड़ा कम रिष्की होता है।

अंतिम शब्द

इस लेख में अपने जाना की भारत में म्यूच्यूअल फंड्स के कितने प्रकार हैं, कहीं न कहीं यह लेख आपको म्युचुअल फंड्स में निवेश के पूर्व आपको अपने अनुसार म्यूच्यूअल फंड्स को चुनने में काफी ज़्यादा मदद करेगा। लेख से सम्बंधित किसी प्रकार की कोई उलझन, समस्या या फिर कोई सुझाव हो तब आप निचे कमेंट करके हमें अवश्य बतलायें, धन्यवाद।

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आकाश कुमार एक Tech-Enthusiast और एक Electronics and Communications Engineering Graduate हैं, और इनका Passion है ब्लॉगिंग करना और लोगो तक सही एवं शटीक जानकारी पहुँचाना। अपने फ्री समय में ये Spotify में गाना सुनना पसंद करते हैं।

म्यूच्यूअल फंड क्या होता हैं? इससे कैसे खरीद सकते हैं What is Mutual Fund and How to Buy in Hindi

हर कोई अपने पैसे को कही न कही निवेश करके उससे एक अच्छा प्रॉफिट कमाना चाहता है। जैसे फिक्स डिपॉजिट या रीक्यूरिंग डिपॉजिट आदि इसके अलावा म्यूच्यूअल फंड भी प्रॉफिट कमाने का एक बेहतर विकल्प है। क्योंकि इस फंड को मैनेज करने के लिए एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर होता है। यही कारण है, कि इसमें नुकसान का खतरा कम होता है और हमें एक अच्छा प्रॉफिट मिल पाता है। कई लोग म्यूच्यूअल फंड और शेयर मार्केट दोनों को एक जैसा समझते हैं, लेकिन यह दोनों मार्केट का एक पार्ट है। पर दोनों अलग अलग तरीके से काम करता है, तो आइए इसे विस्तार से जानते हैं।

म्यूच्यूअल फंड क्या है? (What is Mutual Fund)

एक ऐसा फंड है जिसमे बहुत सारे निवेश करने वाले व्यक्तियों का पैसा एक जगह जमा होता है,और इस पैसे को कंपनियों के प्रोफेशनल अलगअलग जगहो या कंपनियों के ऊपर निवेश करके एक अच्छा मुनाफा करते हैं अलग-अलग जगह या कंपनी पर निवेश करने से यह फायदा होता है कि कुछ कंपनी में अगर नुकसान होता है तो दूसरे में फायदा होता है ज्यादातर जगहो या कंपनियों से फायदा होता है और नुकसान वाले की संख्या बहुत कम होती है आसान भाषा में म्यूचुअल फंड में बहुत सारे निवेशक होते हैं जिसके पैसे को एक जगह जमा करके एक प्रोफेशनल फंड मैनेजर के द्वारा पैसों को मार्केट में लगाकर अधिक से अधिक प्रॉफिट निकालना होता है

इसमें कैसे निवेश करें (How to Invest) :-

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपका उम्र 18 वर्ष होना चाहिए।और निवेश का न्यूनतम राशि ₹500 होता है। इसमें निवेश करने वाला व्यक्ति कोई भी हो सकता है। जिन्हे शेयर मार्केट की जानकारी नहीं है उनके लिए मार्केट में निवेश करने का म्यूचुअल फंड एक बेहतर विकल्प है। म्यूचुअल फंड ऑनलाइन निवेश डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं करने के लिए किसी वेबसाइट या ऐप्प के जरिए निवेश कर सकते हैं। आप GROWW APP के द्वाराम्यूचुअल फंड खरीद सकते हैं।

म्यूच्यूअल फंड कितने प्रकार के होते हैं (Types of Mutual Funds)

म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) के अनेको प्रकार हैं लेकिन हम इसे दो भागों में बांट सकते हैं.

  1. परिपक्वता अवधि (Based on Maturity Term)
  2. निवेश (Based on Investment)
परिपक्वता अवधि Maturity Term के आधार पर म्यूच्यूअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Funds on the basis of Maturity Term)

ओपन एंडेड फंड (Open Ended Fund)

इसके अंतर्गत निवेशक अपने फंड को किसी भी समय खरीद या बेच सकते हैं फंड डेब्ट फंड कितने प्रकार के होते हैं को खरीदने या बेचने का कोई समय सीमा निर्धारित नहीं होता है.

क्लोज इंडेड फंड (Close Ended Fund)

इस योजना के अंतर्गत फंड को परिपक्वत Mature होने का एक निश्चित समय होता है। निवेशक इस फंड को शुरुआत (लॉन्चिंग के समय) में ही खरीद सकते हैं या इसमें निवेश कर सकते हैं। जिसका समय निश्चित होता है इस प्रकार के फंड शेयर मार्केट से जुड़े होते हैं।

मध्यांतर फंड (Interval Fund) :-

यह योजना फंड ओपन एंडेड और क्लोज एंडेड दोनों से मिलकर बना है इसमें दोनों तरह के ऑप्शन उपलब्ध होते हैं। यहा निवेशक को पहले से निर्धारित अंतराल पर ही ट्रेड करने की इजाजत होती है. या हम इसे आसान शब्दों में कहें तो ट्रेडिंग का समय निर्धारित होता है निवेशक इसी दौरान अपना फंड बेच सकते हैं या ट्रेड कर सकते हैं.

निवेश के आधार पर म्यूच्यूअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Funds on the basis of investment ) :-
  • इक्विटी (Equity)
  • डेब्ट (Debt)
  • बैलेंसड (Balanced)
  • सॉल्यूशन ओरिएंटेड (Solution Oriented)

इक्विटी फंड :- इस फण्ड के अंतर्गत निवेशकों को पैसा शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है इस स्कीम में लंबे समय के लिए निवेश करने पर यह आपको एक अच्छा रिटर्न दे सकता है लेकिन कम समय में इसे नुकसान होने की संभावना होती है इसमें आप का रिटर्न शेयर के प्रदर्शन के ऊपर निर्भर करता है निवेशक इस स्कीम मर लंबे समय के Long Term के लिए निवेश कर सकते हैं तभी आपको अच्छा रिटर्न मिल पाएगा।

डेब्ट फंड :- इस म्युचुअल फंड में निवेशक कम समय के लिए निवेश कर सकते हैं। लेकिन इसमें मिलने वाला रिटर्न भी कम होता है क्योंकि इस प्रकार के फण्ड को सुरक्षित माना जाता है. इसको सरकारी या किसी फिक्स्ड इनकम वाले ग्रुप में निवेश किया जाता है। अगर इस फंड को फिक्स डिपोजिट से तुलना करें तो यह अच्छा प्रॉफिट देता है और यह शेयर मार्केट की तुलना में भी सुरक्षित है।

बैलेंसड फंड :- इस प्रकार के फंड को इक्विटी और डेब्ट दोनों म्युचुअल फंड में निवेश किया जाता है. जिसकी वजह से इस म्यूच्यूअल फंड में एक अच्छा रिटर्न मिलता है और जोखिम भी कम होता है.

सॉल्यूशन ओरिएंटेड फंड :- इस म्युचुअल फंड की डिजाइन किसी खास मकसद को पाने के लिए किया गया है। जिसमें बच्चो की पढ़ाई, शादी या पेंशन जैसे योजना हो सकते हैं। इस स्कीम में निवेश कम से कम 5 वर्ष तक करना होता है.

इक्विटी फंड के प्रकार :-

यह फंड भी कई प्रकार के होते हैं। जैसे – लार्ज कैप, मिडकैप, स्मॉलकैप, सेक्टर, डाइवर्सिफाइड और एल्स फंड इत्यादि होता है।

म्युचुअल फंड कितना रिस्की होता है?

अगर आप म्युचुअल फंड में निवेश करते हैं तो यह रिटर्न बहुत अच्छा देता है पर इसके साथ-साथ इसमें नुकसान होने का भी खतरा रहता है. लेकिन शेयर मार्केट में डायरेक्ट इन्वेस्ट करने जितना नहीं होता है. पर कोई भी म्युचुअल फंड के स्कीम लेने से पहले हमें अपने नुकसान सहन करने की क्षमता को जरूर ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि म्युचुअल फंड जोखिम भरा होता है।

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