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डिजिटल मुद्रा

डिजिटल मुद्रा
नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह 1 नवंबर से होलसेल सेगमेंट में डिजिटल रुपये (ई रुपये) के इस्तेमाल के लिए एक पायलट प्रोजक्ट शुरू करेगा। यह प्रोजेक्ट सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन के निपटान के लिए है।

डिजिटल मुद्रा के लिए बारीक, समन्वित नजरिए की जरूरत: आरबीआई

नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की पहली डिजिटल मुद्रा की पेशकश के लिए एक बारीक और समन्वित नजरिए की जरूरत है, क्योंकि इसके अर्थव्यवस्था और मौद्रिक नीति के लिए विभिन्न निहितार्थ होंगे।

आरबीआई 2022-23 में ‘ब्लॉकचेन’ तकनीक का उपयोग करके केंद्रीय बैंक समर्थित डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) लाने की योजना बना रहा है।

उन्होंने इक्रियर द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘बैंकिंग प्रणाली पर, डेटा गोपनीयता पर, मौद्रिक नीति पर इसके प्रभाव के संदर्भ में कौन सा मॉडल काम करेगा, कौन सा डिजाइन अच्छी तरह से काम करेगा, इस संदर्भ में भारी अनिश्चितताओं को देखते हुए, मुझे लगता है कि लगभग सभी केंद्रीय बैंक इस दिशा में बहुत ही सावधानीपूर्वक और समन्वित तरीके से आगे बढ़ेंगे, और हम कोई अपवाद नहीं हैं।’’

डिप्टी गवर्नर ने कहा कि जरूरी सबक वैश्विक अनुभवों से नहीं मिलते, बल्कि मूल रूप से अपने अनुभव से आते हैं।

कार्यक्रम में मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा कि सीबीडीसी की शुरुआत के बावजूद क्रिप्टो करेंसी को विनियमित करने की जरूरत कम नहीं होगी, क्योंकि वे वजूद में बनी रहेंगी।

Digital Currency : आज लॉन्च होगी देश की पहली डिजिटल मुद्रा, पहले यह लोग कर सकेंगे इस्तेमाल

Digital currency: आरबीआई ने कहा, आगे एक महीने के अंदर रिलेट सेगमेंट के लिए भी डिजिटल करेंसी को लॉन्च करने की योजना है।

Virendra Singh

Digital currency

Digital currency (सोशल मीडिया)

Digital currency: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मंगलवार को देश की पहली डिजिटल करेंसी को बाजार में उतारने जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) को जारी किया जा रहा है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस साल 1 फरवरी को पेश हुए आम बजट में CBDC को लॉन्च करने की घोषणा की थी। शुरुआती तौर पर फिलहाल इसका उपयोग सरकारी सिक्योरिटी (प्रतिभूतियों) के लेन देन के लिए शुरू किया जा रहा है। अगर यह सरकार का पायलट प्रोजेक्ट सफल होता है तो आने समय इसको अन्य लोगों के उपयोग के लिए भी जारी किया जाएगा। CBDC के पायलट प्रोजेक्ट के लिए शुरुआती तौर पर देश की नौ सार्वजनिक और निजी बैंकों का चयन किया गया है।

करेंसी पर आरबीआई का बयान

आरबीआई की ओर से सोमवार को बयान में कहा कि CBDC का उपयोग पायलट प्रोजेक्ट सरकारी सिक्योरिटिज के सेंकडरी बाजार के लेन देन का सेलमेंट के लिए किया जाएगा। केंद्रीय बैंक ने कहा कि आगे एक महीने के अंदर रिलेट सेगमेंट के लिए भी डिजिटल करेंसी को लॉन्च करनी योजना है। फिलहाल शुरुआती तौर पर इस डिजिटल करेंसी का उपयोग कुछ चुनिंदा लोगों और स्थान पर ही किया जाएगा। इस चुनिंदा लोगों में ग्राहक और कारोबारी शामिल किये गए हैं। डिजिटल करेंसी को उतारने के पीछे का मकसद पर आरबीआई ने कहा कि मुद्रा के मौजूदा स्वरूपों का पूकर करना है,जिसके लोगों को वर्तमान में पेमेंट भुगतान प्रणालियों के साथ अन्य भुगतान का ऑप्सन मिले।

बाद में जारी होगी CBDC रिटेल

आपको बतां दें कि आज फिलहाल CBDC होलसेल को लॉन्च किया जा रहा है। इसमें बड़े वित्तीय संस्थान शामिल हैं,जिसमें बैंक, बड़ी नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों के साथ अन्य बड़े सौदे करने वाले संस्थान हैं। वहीं, बाद में CBDC रिटेल को जारी किया जाएगा,जिसका इस्तेमाल दैनिक जीवन के लेनदेन में किया जाएगा। दो तरह की डिजिटल करेंसी होगी।

इन बैंकों को किया शामिल

CBDC होलसेल के लॉंचिंग पायलट प्रोजेक्ट में आरबीआई ने जिन सरकारी और निजी क्षेत्र की बैंकों को चयन किया है। इसमें एसबीआई, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं,जबकि निजी बैंकों में आईसीआईसीआई बैंक कोटक बैंक, फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक को शामिल किया गया है।

क्या है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)?

दरअसल, केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राएँ (CBDC) किसी देश के केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की गई विनियमित डिजिटल करेंसी होती है। यह मुद्रा केवल डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक रूप में उपलब्ध होती है। यह क्रिप्टोकरेंसी जैसी एक डिजिटल टोकन है।

डिजिटल मुद्रा

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डिजिटल मुद्रा चलन में आने को तैयार

डिजिटल मुद्रा चलन में आने को तैयार

डिजिटल मुद्रा चलन में आने को तैयार

नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि वह 1 नवंबर से होलसेल सेगमेंट में डिजिटल रुपये (ई रुपये) के इस्तेमाल के लिए एक पायलट प्रोजक्ट शुरू करेगा। यह प्रोजेक्ट सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन के निपटान के लिए है।

डिजिटल मुद्रा के उपयोग से अंतर-बैंक बाजार को और अधिक कुशल बनाने की उम्मीद है। यह निपटान जोखिम को कम करने के साथ लेनदेन की लागत को भी कम करेगा। पायलट प्रोजेक्ट से मिली सीख के आधार पर भविष्य की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।

आरबीआई ने घोषणा की थी कि इस पायलट प्रोजेक्ट के एक महीने के भीतर रिटेल सेगमेंट के लिए इसी तरह का एक प्रोजेक्ट लॉन्च किया जाएगा। इसके बारे में जल्द ही सार्वजनिक रूप से बताया जाएगा।

ये सभी तैयारियां वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा अपने बजट भाषण में की गई घोषणा के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा था कि चालू वित्तीय वर्ष के दौरान रिजर्व बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) लॉन्च करेगा।

आइए समझने की कोशिश करते हैं कि वास्तव में सीबीडीसी या डिजिटल मुद्रा क्या है।

आरबीआई सीबीडीसी को डिजिटल रूप में केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कानूनी निविदा के रूप में परिभाषित करता है। यह संप्रभु मुद्रा के समान है और कागजी मुद्रा की तरह इसका लेनदेन किया जा सकता है।

सीबीडीसी की खासियत होगी कि यह यह केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी की गई एक संप्रभु मुद्रा होगी, यह केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट पर एक दायित्व के रूप में होगी, इसे भुगतान के माध्यम के रूप में स्वीकार किया जाएगा।

इसके अलावा सीबीडीसी नकदी के खिलाफ मुक्त रूप से परिवर्तनीय होगी। इससे धन के लेनदेन की लागत कम होने की उम्मीद है।

कागजी मुद्रा का चलन कम होने से कें्र दीय बैंक सीबीडीसी अपनाने को प्रेरित हो रहे हैं। स्वीडन की तरह मुद्रा के अधिक स्वीकार्य इलेक्ट्रॉनिक रूप को लोकप्रिय बनाना चाहते हैं।

नकदी को साथ लेकर एक जगह से दूसरी जगह जाने में आने वाली बाधा भी डिजिटल मुद्रा को अपनाने का एक प्रमुख कारण है। केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्राओं के लिए जनता की जरूरतों को पूरा भी करना चाहते हैं।

इसके अलावा अन्य डिजिटल भुगतान प्रणालियों की अपेक्षा सीबीडीसी के कुछ स्पष्ट लाभ हैं। एक संप्रभु मुद्रा होने के नाते यह निपटान को सुनिश्चित करता है और इस प्रकार वित्तीय प्रणाली में जोखिम को कम करता है। सीबीडीसी सीमा पार भुगतान को समय पर और काम खर्च में सुनिश्चित कर सकता है।

भारत ने डिजिटल भुगतान में प्रभावशाली प्रगति की है। डिजिटल रूप में लेनदेन की लागत यहां शायद दुनिया में सबसे कम है। उपयोगकर्ताओं के पास लेनदेन पर्याप्त विकल्प है। आरबीआई की ओर से कहा गया है कि पांच वर्षों में डिजिटल भुगतान 55 प्रतिशत बढ़ा है।

भारत की अत्याधुनिक भुगतान प्रणाली सस्ती, सुलभ, सुविधाजनक, कुशल और सुरक्षित है। डिजिटल मुद्रा भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी, वित्तीय समावेशन को बढ़ाएगी और भुगतान प्रणाली को और अधिक कुशल बनाएगी।

BOB Digital Mudra Loan Online Apply: 50,000 से 10 लाख़ का Loan, मोबाइल से करें आवेदन

जैसा कि आप सभी जानते हैं कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट एंड फाइनेंस एजेंसी लोन स्कीम भारत की पहल कदमी कर रही है, जो व्यक्तियों को एम एस एम ई तथा एसएमई लोन प्रदान करती है। इसके माध्यम से तीन प्रकार की लोन योजनाएं आयोजित की गई है शिशु, किशोर तथा तरुण।

मुद्रा लोन योजना के तहत ₹1000000 तक की राशि प्रदान की जाती है। आपको मालूम होगा कि इस लोन के लिए आपको किसी प्रकार की सिक्योरिटी जमा कराने की जरूरत नहीं होती है इस लोन का भुगतान करने के लिए आपको 5 साल तक का समय दिया जाता है। इससे संबंधित और जानकारी हासिल करने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।

बैंक ऑफ बड़ौदा डिजिटल मुद्रा लोन

देश के तीसरे सबसे बड़े बैंक (बैंक ऑफ बड़ौदा) ने अभी हाल ही में डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म लांच किया। इस प्लेटफार्म से संभावित रिटेल लोन प्राप्त करने वाले को उसकी जगह और समय के अनुसार बिना किसी कागजी कार्यवाही के उसे डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से ऋण प्राप्त करने के लिए बेहतर अवसर सुविधा प्रदान करता है। डिजिटल मुद्रा लोन स्कीम के माध्यम से आप 50000 से लेकर 1000000 रुपए तक का लोन प्राप्त कर सकते हैं।

BOB डिजिटल मुद्रा लोन के लाभ

बैंक ऑफ बड़ौदा डिजिटल मुद्रा लोन के विभिन्न लाभों की चर्चा निम्नलिखित है-

आवेदन की प्रक्रिया का आसान होना- जब कोई व्यक्ति अपना व्यवसाय डिजिटल मुद्रा स्थापित करना चाहता है तो उसको उसे स्थापित करने बढ़ाने के लिए कई प्रकार की योजनाओं की आवश्यकता पड़ती है जब आप इस तरीके की परेशानियों में उलझे हुए होते हैं तो आपके पास इतना समय नहीं होता है कि आप ऋण प्राप्त कर सकें। बैंक ऑफ बड़ौदा ने जो डिजिटल प्लेटफार्म लॉन्च किया है वे आपकी इस तरह की समस्याओं का समाधान बहुत ही कम समय में कर सकता है। अगर आपने अभी तक आवेदन नहीं किया है तो जल्दी करें।

कागजी कार्रवाई का ना होना – आप इस बात से भली-भांति परिचित होंगे कि जब हम कोई ऋण प्राप्त करते हैं तो हमें किस प्रकार के दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है और सिक्योरिटी भी हमें जमाने करानी होती परंतु यह प्लेटफार्म आपको इन तमाम तरह की की दिक्कतों से छुटकारा दिलाता है।

समय की बचत – जिस प्रकार बैंक ऑफ बड़ौदा ने डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से आवेदक की जानकारी के संग्रह सत्यापन को संचालित करने में सक्षम बनाया है। इसके परिणाम स्वरूप डिजिटल मुद्रा ऋण के लिए टर्न अराउंड समय को कुशलतापूर्वक घटाकर 30 मिनट तक कर दिया। जिसका नतीजा यह है कि यह प्लेटफार्म आपकी आवश्यकताओं और को बहुत जल्दी तथा तेज़ प्रक्रिया के साथ पूरा करेगा।

बैंक ऑफ बड़ौदा डिजिटल मुद्रा लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज –

अब हम यहां पर लोन से संबंधित दस्तावेजों की चर्चा करेंगे जो कि आपको लोन लेने के लिए अनिवार्य है-

  • आवेदक का आधार कार्ड।
  • आवेदक का पैन कार्ड।
  • आवेदक की पासबुक।
  • आवेदक का आधार कार्ड मोबाइल नंबर से लिंक होना चाहिए।

बड़ोदा बैंक मुद्रा लोन के लिए Eligibility Criteria –

अभी हमने आवश्यक दस्तावेजों के बारे में चर्चा की अतः इस बात की चर्चा करेंगे की लोन लेने के लिए किस प्रकार की नियम और शर्तें है-

  • सर्वप्रथम वह भारत का मूल निवासी होना चाहिए।
  • जो आवेदक यह लोन प्राप्त करना चाहता है उसका खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में होना अनिवार्य है।
  • आवेदक का आधार कार्ड मोबाइल नंबर से लिंक होना भी अनिवार्य है।
  • अगर किसी आवेदक का बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता नहीं है तथा वे इस लोन को प्राप्त करना चाहता है तो उसके लिए उसे सबसे पहले बैंक ऑफ बड़ौदा में जाकर खाता खुलवाना होगा।

BOB मुद्रा लोन के लिए कैसे आवेदन करें

आवेदक इस बात से परिचित होंगे कि इसकी प्रक्रिया ऑनलाइन है अगर आप ऑनलाइन प्रक्रिया में खुद को असमर्थ महसूस कर रहा है तो परेशान ना हो ना आपके साथ कुछ ऐसे स्टेप्स साझा करेंगे जिसकी मदद से आप आसानी पूर्वक आवेदन कर पाएंगे चलिए आइए देखते है –

  • आपको इसकी ऑफिशल वेबसाइट पर विजिट करना होगा।
  • उसके बाद आपके सामने इसका होमपेज खोलेगा जहां पर आप को e-mudra लोन का ऑप्शन दिखाई देगा आपको उसके ऊपर क्लिक कर देना।
  • आपके क्लिक करने के बाद आपके सामने एक नया पोस्ट खुलकर सामने आएगा इसमें आपको बैंक द्वारा कुछ निर्देश दिए जाएंगे आपको उन्हें ध्यान पूर्वक पढ़ना है तथा नीचे लिखे क्लिक आप्शन पर क्लिक कर देना।
  • इसके बाद आपको अपना वह मोबाइल नंबर दर्ज करना है जो आप के आधार कार्ड से लिंक है।
  • उसके बाद आपको लोन की ब्रांच ई भरनी होगी जितना आप प्राप्त करना चाहते हैं।
  • आपको सबमिट बटन पर क्लिक कर देना है क्लिक करने के बाद आपके सामने एक नया पेज खुल कर आएगा।
  • आपको अपने दस्तावेजों से संबंधित जानकारी दर्ज करनी होगी। जानकारी दर्ज हो जाने के बाद आपके सामने एक वेलकम पेज खुलेगा।

उस पेज का आपको प्रिंट आउट निकाल कर उसे सेव कर रख लेना बैंक ऑफ बड़ौदा के द्वारा आपके अकाउंट में जल्द ही वह लोन आपको कुछ ही समय में प्रदान करा दिया जाएगा।

डिजिटल मुद्रा का जमाना आएगा

चीन भी अपनी डिजिटल मुद्रा को लॉन्च करके मुद्रा और भुगतान प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में कार्य कर रहा है। ऐसे में भारत के लिए डिजिटल करंसी को लॉन्च करना न केवल वित्तीय प्रणाली में बदलाव लाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह रणनीतिक दृष्टि से भी काफी आवश्यक है…

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि इसकी आंतरिक समिति केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा जारी करने के तौर-तरीकों पर विचार कर रही है और बहुत जल्दी इस बारे में अपनी सिफारिश देगी। आरबीआई से जुड़े गैर आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी लाने पर विचार कर रहा है। केंद्रीय बैंक डिजिटल करंसी की संभावनाओं के अध्ययन और दिशा-निर्देश तय करने के लिए आरबीआई ने एक अंतर-विभागीय समिति भी बना दी है, जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी पर फैसला लेना है। डिजिटल मुद्रा प्रस्तावित सेंट्रल बैंक डिजिटल करंसी एक लीगल करंसी है और डिजिटल तरीके से सेंट्रल बैंक की लाइबिलिटी है जो सॉवरेन करंसी के रूप में उपलब्ध है। यह करंसी का इलेक्ट्रॉनिक रूप है जिसे कैश से तब्दील किया जा सकता है। आरबीआई ने पूर्व में भी आधिकारिक रूप से डिजिटल मुद्रा लाने की घोषणा की थी। डिजिटल मुद्रा को क्रिप्टो करंसी भी कहा जाता है। लाइटकोइन, जैकैश, एथ्यूरम, बिटकॉइन आदि सभी डिजिटल मुद्राओं के उदाहरण हैं जिनमें से बिटकॉइन सबसे लोकप्रिय है। डिजिटल मुद्रा का लेनदेन मूलतः इंटरनेट पर होता है। डिजिटल वॉलेट एक तरह का अकाउंट है जिसमें आप अपनी डिजिटल मुद्रा रखते हैं। इंटरनेट के माध्यम से डिजिटल मुद्रा का एक डिजिटल वॉलेट से दूसरे डिजिटल वॉलेट में ट्रांसफर होता है। इस प्रक्रिया में हमें बैंक के माध्यम से जाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। डिजिटल वॉलेट को फोन, कंप्यूटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के माध्यम से इस्तेमाल किया जा सकता है।

आप डिजिटल मुद्रा को किसी भी अन्य मुद्रा जैसे रुपया, डॉलर आदि के बदले में डिजिटल मुद्रा एक्सचेंजों पर खरीद सकते हैं। इस मुद्रा को लेकर कई चिंताएं भी हैं। सरकार ने पिछले सप्ताह निजी क्रिप्टो करंसी बंद करने के लिए कदम उठाया था। बिटकॉइन जैसी निजी क्रिप्टो करंसी पर प्रतिबंध लगाने से पहले केंद्र सरकार निवेशकों को इससे बाहर निकलने का मौका दे सकती है। डिजिटल करंसी बिल 2021 में जुर्माना देकर क्रिप्टो करंसी की रकम को एसेट में बदलने का प्रावधान किया गया है। ऐसे में जिन्होंने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करंसी में निवेश किया है तो जुर्माना भरकर इसे वैध करा सकते हैं। देश में इस पर प्रतिबंध लगाने से पहले केंद्र सरकार निवेशकों को यह राहत दे सकती है। संसद में लिस्ट किए गए विधेयक में इस बात के प्रावधान हैं। प्रस्तावित क्रिप्टो करंसी बिल में ऐसी सभी निजी क्रिप्टो करंसी से निवेशकों को बाहर निकालने के प्रावधान हैं। इसमें क्रिप्टो निवेशक करंसी को कानूनी तौर पर एसेट यानी संपत्ति में बदल सकेंगे। हालांकि उन्हें भारी भरकम जुर्माना चुकाना होगा। वित्त मंत्रालय द्वारा इस बिल को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। इसलिए जुर्माना कितना होगा, यह बताना अभी मुमकिन नहीं है। डिजिटल करंसी बिल 2021 का मकसद भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा या सरकारी क्रिप्टो करंसी के निर्माण के लिए एक कानूनी रास्ता तैयार किया जाना है। लोकसभा सचिवालय ने एक बुलेटिन में भी कहा है कि भारत में सभी निजी क्रिप्टो करंसी को प्रतिबंधित करने की कवायद चल रही है। यह कानून क्रिप्टो करंसी की तकनीक और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कुछ अपवादों की अनुमति देगा।

इस बिल में निजी क्रिप्टो करंसी की होल्डिंग, सेल्स, इश्युइंग, माइनिंग, ट्रांसफरिंग और क्रिप्टो करंसी का उपयोग करने पर दंडनीय अपराध घोषित किया जा सकता है। इसके तहत भारी जुर्माना, कैद या दोनों का प्रावधान होगा। कुछ रिपोर्टों के मुताबिक सरकार ने सभी निजी क्रिप्टो करंसी और इससे संबंधित सभी तरह के संस्थानों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। यानी इसकी जद में क्रिप्टो करंसी के ट्रेड के लिए चलने वाले निजी एक्सचेंज भी आएंगे। डिजिटल रुपया बैंकों की अनुमति अथवा उनके साथ साझेदारी किए बिना भारत की लगभग सभी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को फिनटेक कंपनी के रूप में परिवर्तित कर देगा। तकनीकी कंपनियों के लिए उन ग्राहकों को लुभाना आसान होगा जिनकी पहुंच बैंकिंग सिस्टम तक नहीं है। सरकार द्वारा समर्थित आधिकारिक डिजिटल मुद्रा आम उपयोगकर्त्ताओं और उपभोक्ताओं को नकदी का उपयोग न करने के प्रति प्रोत्साहित करने में महत्त्वपूर्ण हो सकती है, जो कि कर चोरी पर नियंत्रण हेतु काफी उपयोगी होगा। डिजिटल रुपया स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट की मदद से कैशबैक, पैसे भेजने, ऋण देने, बीमा-शेयर खरीदने और दूसरे वित्तीय लेन-देनों को आसान बना देगा। अगर डिजिटल करंसी चलन में आ जाती है तो हमारे वित्तीय ट्रांजैक्शन और उसके तरीके काफी हद तक बदल जाएंगे। इस बेहतर शुरुआत से नोटों और सिक्कों की जगह डिजिटल करंसी का इस्तेमाल होगा जो भारत में नया चलन होगा। लेन-देन के तरीकों में पारदर्शिता बढ़ने से बदलाव तो होगा ही, इससे ब्लैक मनी पर भी थोड़ी बहुत रोक लग सकती है। डिजिटल करंसी आने से केंद्रीय बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी का पालन सहज हो जाएगा। इसमें डिजिटल लेसर तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकेगा और इस तकनीक से विदेश में लेन-देन का पता लगाना भी बेहद आसान हो जाएगा। देश के लोग इसे किस हद तक स्वीकार कर पाएंगे, इस बारे में अभी ठीक से कहना मुश्किल है, लेकिन इससे हमारे रोज के लेनदेन में अभूतपूर्व तकनीकी ताकत युक्त बदलाव देखने को मिलेगा।

भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा समर्थित डिजिटल रुपया भारतीय नागरिकों को सशक्त बनाने और उन्हें तेज़ी से बढ़ती वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में अपना स्थान तलाशने में मदद करेगा। साथ ही इससे भारतीय नागरिकों को देश की पुरानी बैंकिंग प्रणाली से भी मुक्ति मिलेगी और भारत के बैंकिंग मॉडल में एक नया आयाम जुड़ सकेगा। अर्थव्यवस्था में तरलता, डिजिटल मुद्रा बैंकिंग प्रणाली और वित्तीय बाज़ार आदि पर डिजिटल रुपए के प्रभाव को देखते हुए यह आवश्यक है कि भारत के नीति निर्माताओं द्वारा भारत में सरकार समर्थित डिजिटल मुद्रा की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार किया जाए। केंद्रीय बैंक द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को किसी संपत्ति अथवा पारंपरिक मुद्रा का समर्थन प्राप्त होगा, जिसके कारण इसका मूल्य अन्य डिजिटल मुद्राओं जैसे एथरियम और बिटकॉइन की तरह अस्थिर नहीं होगा। आने वाले समय में चीन और अमरीका के बीच छद्म डिजिटल मुद्रा युद्ध देखने को मिल सकता है। इसलिए यदि ऐसे में भारत भी अपनी डिजिटल मुद्रा लॉन्च करता है तो उसे अंतरराष्ट्रीय तनाव का सामना करना पड़ सकता है और हमें इसके लिए पहले से ही तैयार रहना चाहिए। चीन भी अपनी डिजिटल मुद्रा को लॉन्च करके मुद्रा और भुगतान प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने की दिशा में कार्य कर रहा है। ऐसे में भारत के लिए डिजिटल करंसी को लॉन्च करना न केवल वित्तीय प्रणाली में बदलाव लाने की दिशा में महत्त्वपूर्ण है, बल्कि यह रणनीतिक दृष्टि से भी काफी आवश्यक है। विश्व भर में आज ऐसे तमाम देश हैं जो सरकार द्वारा समर्थित डिजिटल मुद्रा की संभावना की तलाश कर रहे हैं। ऐसे में भारत को डिजिटल मुद्रा विकसित करने हेतु प्रतिस्पर्द्धा में पीछे नहीं रहना चाहिए और जल्द से जल्द इस प्रकार की संभावनाओं की तलाश करनी चाहिए।

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