मूल्य सीमाएं

PLI Yojana For Value Added Steel: सरकार ने विशेष इस्पात यानी मूल्य वर्धित स्टील मूल्य सीमाएं के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (PLI) के तहत आवेदन देने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 जुलाई, 2022 कर दी है. यह चौथा मौका है जब समयसीमा बढ़ायी गयी है.
देश की सीमा पर बैठे फ़ौजी कई तरह से कठिनाइयों का मुकाबला करते हैं। सैनिकों के जीवन से किन-किन जीवन मूल्यों को अपनाया जा सकता है? - Hindi Course - A
देश की सीमा पर बैठे फ़ौजी कई तरह से कठिनाइयों का मुकाबला करते हैं। सैनिकों के जीवन से किन-किन जीवन मूल्यों को अपनाया जा सकता है?
देश की सीमा पर बैठे फ़ौजी अत्यंत प्रतिकूल परिस्थितियों में देश की रक्षा करते हुए कठिनाइयों का मुकाबला करते हैं। ये फ़ौजी रेगिस्तान की गरम मूल्य सीमाएं मूल्य सीमाएं लू तथा पचास डिग्री सेल्सियस से अधिक गरमी में हॉफ-हॉफकर देश की चौकसी करते हैं। दूसरी ओर ये भारत के उत्तरी एवं पूर्वोत्तर राज्यों की सीमा पर माइनस पंद्रह डिग्री सेल्सियस में काम करते हैं। वे पेट्रोल के अलावा सब कुछ जमा देने वाले वातावरण की भी परवाह नहीं करते हैं।
ये फ़ौजी खुद रात-रात भर जागकर देशवासियों को चैन की नींद सोने का अवसर देते हैं। इन विपरीत स्थितियों में काम करते हुए उन्हें समय-असमय दुश्मन की गोलियों का सामना करना पड़ जाता है, पर वे अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटते हैं। इन सैनिकों के जीवन से हमें मातृभूमि से असीम लगाव, देश प्रेम, देशभक्ति, देश के लिए सर्वस्व समर्पण की भावना, देश-हित को सर्वोपरि समझने, मातृभूमि के लिए प्राणों की बाजी लगाने, कर्तव्य के प्रति सजग रहने तथा त्याग करने जैसे जीवन मूल्य अपनाना चाहिए।
मूल्य सीमाएं
👉🏻आज कल अधिकांश राज्यों में गेहूं, चना सहित अन्य रबी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का काम चल रहा है, अलग-अलग राज्यों में उपज की खरीद वहां के तय नियमों के अनुसार पर की जाती है। केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को प्रमुख फसलों की खरीद के लिए लक्ष्य तय किया जाता है। उसी तय किए लक्ष्य के अनुसार राज्यों द्वारा खरीद की जाती है। ये खरीद लक्ष्य से अधिक भी हो सकती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीद के निर्धारित नियमों के अनुसार ये मूल्य सीमाएं तय किया जाता है कि एक किसान एक दिन में कितने क्विंटल उपज बेच सकता है।इसी क्रम में मध्यप्रदेश में इस समय चने की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का काम जोर-शोर से चल रहा है। यहां एक किसान एक दिन में अधिकतम 25 क्विंटल चना ही बेच सकता था जिसे अब बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में मध्यप्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने बताया कि पूर्व में उपार्जन केंद्रों पर चना फसल की प्रतिदिन प्रति किसान उपार्जन सीमा मात्र 25 क्विंटल थी, जिसे अब बढ़ाकर 40 क्विंटल कर दिया गया है। 👉🏻क्यों बढ़ाई चना फसल बेचने की लिमिट - कृषि मंत्री ने कहा कि किसान अपनी ट्राली में 40 क्विंटल चना लेकर आता था लेकिन 25 क्विंटल की सीमा होने के कारण किसानों को 15 क्विंटल चना वापस ले जाना पड़ता था। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने दिल्ली में हुई चर्चा में किए गए अनुरोध पर किसानों के हित में निर्णय लेते हुए सीमा को 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल करने के निर्देश दे दिए गए हैं। अब एक किसान एक दिन में 40 क्विंटल तक चना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकेगा। इससे प्रदेश केे किसानों को लाभ होगा। 👉🏻चना खरीद की लिमिट बढऩे से किसानों को क्या होगा फायदा - चना खरीद की लिमिट बढऩे से किसानों को बार-बार मंडी नहीं आना पड़ेगा। इससे उनके समय और खर्च की बचत होगी। वे एक बार में ही अपनी उपज मंडी लाकर बेच सकेंगे। पहले 25 क्विंटल की लिमिट होने से किसानों को दो बार मंडी आना पड़ता था। वहीं ट्रोली भी आधी खाली रहती थी। जिससे उनका मंडी आने का खर्च बढ़ जाता था और समय भी बर्बाद होता था। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य कृषि मंत्री कमल पटेल ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से लिमिट को 40 क्विंटल तक बढ़ाने का आग्रह किया था जिसे स्वीकार कर लिया गया। 👉🏻क्या है चने सहित अन्य रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23 - ➡️चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5230 रुपए प्रति क्विंटल है। ➡️गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2015 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है। ➡️सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपए प्रति क्विंटल रहेगा। ➡️जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1635 रुपए प्रति क्विंटल है। स्रोत:- Agrostar India, 👉🏻किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर करें धन्यवाद!
Big News : केंद्र ने बढ़ाई समर्थन मूल्य पर मूंग-उड़द खरीद की सीमा, किसान एक दिन में बेच सकेगा 40 क्विंटल
- News18 Madhya Pradesh
- Last Updated : September 06, 2022, 23:12 IST
दिल्ली. एमपी में अब किसान समर्थन मूल्य पर मूंग और उड़द की ज्यादा बिक्री कर सकेंगे. केंद्र सरकार ने इसकी खरीद की सीमा 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल कर दिया है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने दिल्ली में ये ऐलान किया. यानि किसान अब एक दिन में 40 क्विंटल फसल बेच सकेंगे.
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मूल्य सीमाएं
👉🏻आज कल अधिकांश राज्यों में गेहूं, चना सहित अन्य रबी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का काम चल रहा है, अलग-अलग राज्यों में उपज की खरीद वहां के तय नियमों के अनुसार पर की जाती है। केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को प्रमुख फसलों की खरीद के लिए लक्ष्य तय किया जाता है। उसी तय किए लक्ष्य के अनुसार राज्यों द्वारा खरीद की जाती है। ये खरीद लक्ष्य से अधिक भी हो सकती है। न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीद के निर्धारित नियमों के अनुसार ये तय किया जाता है कि एक किसान एक दिन में कितने क्विंटल उपज बेच सकता है।इसी क्रम में मध्यप्रदेश में इस समय चने की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का काम जोर-शोर से चल रहा है। यहां एक किसान एक दिन में अधिकतम 25 क्विंटल चना ही बेच सकता था जिसे अब बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में मध्यप्रदेश के किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने बताया कि पूर्व में उपार्जन केंद्रों पर चना फसल की प्रतिदिन प्रति किसान उपार्जन सीमा मात्र 25 क्विंटल थी, जिसे अब बढ़ाकर 40 क्विंटल कर दिया गया है। 👉🏻क्यों बढ़ाई चना फसल बेचने की लिमिट - कृषि मंत्री ने कहा कि किसान अपनी ट्राली में 40 क्विंटल चना लेकर आता था लेकिन 25 क्विंटल की सीमा होने के कारण किसानों को 15 क्विंटल चना वापस ले जाना पड़ता था। उन्होंने बताया कि केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने दिल्ली में हुई चर्चा में किए गए अनुरोध पर किसानों के हित में निर्णय लेते हुए सीमा को 25 क्विंटल से बढ़ाकर 40 क्विंटल करने के निर्देश दे दिए गए हैं। अब एक किसान एक दिन में 40 क्विंटल तक चना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच सकेगा। इससे प्रदेश केे किसानों को लाभ होगा। 👉🏻चना खरीद की लिमिट बढऩे से किसानों को क्या होगा फायदा - चना खरीद की लिमिट बढऩे से किसानों को बार-बार मंडी नहीं आना पड़ेगा। इससे उनके समय और खर्च की बचत होगी। वे एक बार में ही अपनी उपज मंडी लाकर बेच सकेंगे। पहले 25 क्विंटल की लिमिट होने से किसानों को दो बार मंडी आना पड़ता था। वहीं ट्रोली भी आधी खाली रहती थी। जिससे उनका मंडी आने का खर्च बढ़ जाता था और समय भी बर्बाद होता था। इस बात को ध्यान में रखते हुए राज्य कृषि मंत्री कमल पटेल ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से लिमिट को 40 क्विंटल तक बढ़ाने का आग्रह किया था जिसे स्वीकार कर लिया गया। 👉🏻क्या है चने सहित अन्य रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2022-23 - ➡️चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5230 रुपए प्रति क्विंटल है। ➡️गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2015 रुपए प्रति क्विंटल रखा गया है। ➡️सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5050 रुपए प्रति क्विंटल रहेगा। ➡️जौ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1635 रुपए प्रति क्विंटल है। स्रोत:- Agrostar India, 👉🏻किसान भाइयों ये जानकारी आपको कैसी लगी? हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं और लाइक एवं शेयर मूल्य सीमाएं करें धन्यवाद!
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शुरू में मूल्य वर्धित इस्पात विनिर्माताओं के लिये पीएलआई योजना के तहत आवेदन देने की अंतिम तारीख 29 मार्च थी. बाद में इसे बढ़ाकर 30 अप्रैल और फिर 31 मई, 2022 किया गया.
इस्पात मंत्रालय की 29 जून को जारी अधिसूचना के अनुसार पीएलआई योजना के तहत मूल्य वर्धित इस्पात के लिये आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 जुलाई, 2022 कर दी गयी है. इसके तहत आवेदन 31 जुलाई, 2022 तक दिये जा सकते हैं.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में मूल्य वर्धित इस्पात के विनिर्माण को गति देने के लिये पिछले साल 22 जुलाई को 6,322 करोड़ रुपये की पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी.मूल्य सीमाएं
इस कदम से 40,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त निवेश और 5.25 लाख रोजगार सृजित मूल्य सीमाएं होने का अनुमान है.
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