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बोलिंगर बैंड क्या हैं

बोलिंगर बैंड क्या हैं
व्यापारिक सत्रों को प्राथमिकता दें जहां कीमतें बग़ल में चलती हैं।

बोलिंगर बैंड

तकनीकी विश्लेषण

संकेतक (CCI) क्या है? CCI या कमोडिटी चैनल इंडिकेटर एक लचीला संकेतक है जिसका उपयोग सिक्के की पहचान करने के लिए किया जाता है .

वेल्स वाइल्डर द्वारा विकसित पैराबोलिक एसएआर मूल्य और समय आधारित व्यापार प्रणाली को संदर्भित करता है। SAR है .

एमएफआई संकेतक क्या है? ट्रेडिंग में एमएफआई संकेतक का उपयोग कर तकनीक

एमएफआई संकेतक क्या है? MFI (मनी फ्लो इंडेक्स) इंडिकेटर या मनी फ्लो इंडिकेटर एक ऑसिलेटर है जो मूल्य का उपयोग करता है .

स्टोचस्टिक क्या है? स्टोचैस्टिक तकनीकी विश्लेषण में एक दोलन सूचक है जो समापन मूल्य और पिछले ट्रेडिंग रेंज की तुलना करता है .

RSI क्या है सापेक्ष शक्ति सूचकांक का विवरण देखें

RSI क्या है? वियतनामी में आरएसआई (रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स) सापेक्ष शक्ति का सूचक है। यह एक संकेतक है .

बोलिंगर बैंड क्या है? बोलिंगर बैंड तकनीकी विश्लेषण में एक संकेतक है जिसका उपयोग अस्थिरता को मापने या सिग्नल उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।

इलियट लहर क्या है? ट्रेडिंग पैटर्न और रणनीतियों की पहचान करने के लिए गाइड

इलियट वेव क्या है? इलियट तरंगें वे विधि हैं जो व्यापारी बाजार की भविष्यवाणियां बनाने के लिए उपयोग करते हैं और .

फाइबोनैचि क्या है? फाइबोनैचि तकनीकी विश्लेषण में उपयोग किया जाने वाला एक संकेतक है जो संख्या और गुणांक की एक श्रृंखला से बना है .

Binomo पर बोलिंगर बैंड के साथ समर्थन और प्रतिरोध को कैसे संयोजित करें

 Binomo पर बोलिंगर बैंड के साथ समर्थन और प्रतिरोध को कैसे संयोजित करें

- तीन प्रमुख परिसंपत्ति जोड़े: EUR/USD, USD/CAD, USD/JPY।

- 5 मिनट का जापानी कैंडलस्टिक चार्ट।

- बोलिंगर बैंड सेटअप (20,2)।

- 15 मिनट या उससे अधिक की समाप्ति समय।


फिर, आपको कीमत के स्तर (समर्थन और प्रतिरोध) को निर्धारित करने की आवश्यकता है। मजबूत और कमजोर स्तरों को इन स्तरों को छूने पर मूल्य प्रतिक्षेप की विभिन्न संभावनाओं के बोलिंगर बैंड क्या हैं अनुरूप होना चाहिए।

फॉर्मूला:

यूपी ऑर्डर खोलें = बोलिंगर बैंड के निचले बैंड से कीमत गिरती है + एक कैंडलस्टिक सपोर्ट पर बंद होता है।

एक डाउन ऑर्डर खोलें = बोलिंगर बैंड के ऊपरी बैंड से कीमत टूट जाती है + एक कैंडलस्टिक प्रतिरोध पर बंद हो जाती है।


पूंजी प्रबंधन के तरीके बोलिंजर बैंड

Binomo पर बोलिंगर बैंड के साथ समर्थन और प्रतिरोध को कैसे संयोजित करें

इस रणनीति के लिए पूंजी का प्रबंधन करने का सबसे अच्छा तरीका निरंतर राशि के साथ ऑर्डर खोलना बेहतर है। लगभग 70% की दर के साथ, यह एक ऐसी रणनीति है जो आपको कोई छोटा लाभ नहीं देती है।

अतीत में इस रणनीति का परीक्षण करते समय हमने कुछ छोटे नोट बनाए हैं।

लगातार आदेश न खोलें।

Binomo पर बोलिंगर बैंड के साथ समर्थन और प्रतिरोध को कैसे संयोजित करें

क्योंकि यह एक रिवर्सल ट्रेडिंग रणनीति है।

आप एक बार में केवल एक ही ऑर्डर खोल सकते हैं। यह तब होता है जब लाल मोमबत्ती निचले बैंड से गिरती है और समर्थन से टकराती है। फिर, एक कैंडलस्टिक सपोर्ट पर बंद हो जाती है और एक नई कैंडलस्टिक दिखाई देती है। अगर कीमत में गिरावट जारी रहती है और आप ऑर्डर बोलिंगर बैंड क्या हैं खोलना जारी रखते हैं, तो आपको और नुकसान होने की संभावना है।

Bollinger Bands कैसे काम करते हैं ?

जैसे की Bollinger Band में ३ लाइने होती हैं Upper, Middle और Lower .

Middle Band पिछले कुछ दिनों का Simple Moving Average हैं और Upper Band, Middle Band Moving Average का Standard Deviation हैं।

1.Bollinger Band – Standard Deviation.

Bollinger Band - Standard Deviation.

Bollinger Band – Standard Deviation.

यह Bands Price में होने वाली volatility के हिसाब से बदलते हैं।

अगर Price में volatility बढ़ (High) जाती हैं बोलिंगर बैंड क्या हैं तो यह Band large हो जाता हैं याने के Bands के बिच अंतर बढ़ जाता हैं।

2.Bollinger Band – High Volatility.

Bollinger Band - High Volatility.

हम Bollinger Bands के उन उपयोग को समझेंगे जो की शेयर बाजार में काम करते हैं।

Price touch to Bollinger Bands.

1.Price touch to Upper Bollinger Band.

Price touch to Upper Bollinger Band.

Price touch to Upper Bollinger Band.

Price जब Upper Band को छूते हुवे ऊपर की तरफ जाता हैं तब हमें मार्किट/शेयर bullish trend में हैं इसका पता चलता हैं। इससे पता चलता हैं की अभी शेयर बेचने का समय नहीं आया हैं।

2.Price touch to Lower Bollinger Band.

Price touch to Lower Bollinger Band.

Bollinger Bands Indicator Strategy in Hindi

Price make support and resistance at middle band .

1.Support

अगर price Lower Band से बढ़ते हुए Middle Band पर सपोर्ट लेकर Upper Band तक जाने में सफल होता हैं तो यह एक Bullish trend हैं।

और जब price Middle Band पर सपोर्ट लेता हैं तब Buying का संकेत होता हैं।

Bollinger Band Support.

Bollinger Band Support.

2.Resistance

अगर price upper band से घटते हुए middle band पर resistance ले कर lower band तक जाने में सफल होता हैं तो यह एक bearish trend हैं।

और जब price Middle Band पर resistance लेता हैं तब selling का संकेत होता हैं।

बोलिंगर बैंड क्या हैं

बोलिंगर बैंड तकनीकी नजरिये से सौदे करने का एक औजार है, जिसे जॉन बोलिंगर ने 1980 की शुरुआत में बनाया था।

बोलिंगर बैंड एक संकेतक है, जिससे निवेशक एक खास समय के दौरान उतार-चढ़ाव और कीमतों के स्तर की तुलना कर सकते हैं। यह मूविंग एवरेज यानी चर औसत के इस्तेमाल से बना उन्नत औजार है।
मूविंग एवरेज की अपनी सीमाएँ हैं। बोलिंगर बैंड इनके साथ-साथ शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव के पहलू को भी शामिल करके इन सीमाओं का समाधान करता है। किसी मूविंग एवरेज के ऊपर या नीचे एक निश्चित प्रतिशत तय करने के बजाय बोलिंगर बैंड की गणना बंद भावों के आधार पर किसी मूविंग एवरेज के ऊपर और नीचे मानक विचलन (स्टैंडर्ड डेविएशन) के आधार पर की जाती है। इन्हें इस सिद्धांत के आधार पर बनाया गया है कि जब उतार-चढ़ाव कम होता है तो बोलिंगर बैंड संकरे होते हैं और जब उतार-चढ़ाव ज्यादा होने पर वे फैल जाते हैं। इसके विभिन्न स्तरों की गणना का सूत्र यह है -
2 मध्यम बैंड = 20 दिनों का मूविंग एवरेज
2 ऊपरी बैंड = मध्यम बैंड + 2 मानक विचलन
2 निचला बैंड = मध्यम बैंड - 2 मानक विचलन
माना जाता है कि 20 दिनों का मूविंग एवरेज छोटी अवधि में महत्वपूर्ण समर्थन या बाधा स्तर का काम करता है। इसलिए हमने 20 दिनों के मूविंग एवरेज को आधार के तौर पर इस्तेमाल किया है। बहुत-से विश्लेषक अपनी पसंद के आधार पर 10, 14 या 26 दिन वगैरह के मूविंग एवरेज को पैमाना बनाते हैं।
मानक विचलन बाजार के उतार-चढ़ाव का अच्छा संकेत देते हैं। मानक विचलन के इस्तेमाल से सुनिश्चित होता है कि इन बैंड यानी धारियों में कीमतों में बदलाव के प्रति तेजी से प्रतिक्रिया होगी। साथ ही इनसे उतार-चढ़ाव ज्यादा और कम होने की अवधि का पता चल सकेगा। कीमतें तेजी से ऊपर या नीचे होने पर उतार-चढ़ाव बढऩे से ये बैंड ज्यादा चौड़े होंगे।
जब बैंड संकरे हो जाते हैं तो कीमतों में आगे तेज बदलाव आने की प्रवृत्ति बनती है। इसे दूसरे शब्दों में इस तरह कहा जा सकता है कि जब कीमतें एक छोटे दायरे में रहती हैं और उतार-चढ़ाव कम रहता है तो बोलिंगर बैंड क्या हैं माँग और आपूर्ति में एक अच्छा संतुलन रहता है।
बैंड का संकुचन हमेशा हाल के बीते समय की चाल के संदर्भ में होता है। इसीलिए बोलिंगर बैंड इस संकुचन प्रक्रिया को साफ तौर पर देखने में मदद करते हैं। इनसे हमें यह भी संकेत मिलता है कि नयी चाल (ब्रेकआउट) कब आ सकती है, क्योंकि नयी चाल किसी भी दिशा में बढऩे पर वे फैलने लगते हैं।
अगर कीमत ऊपरी बैंड या धारी के ऊपर चलने लगती है तो यह तब तक मजबूती का संकेत होता है, जब तक कि वह मध्यम बैंड के नीचे बंद न हो। इसका मतलब यह है कि अगर कीमत बीच की मूविंग एवरेज रेखा के ऊपर बनी हुई है और कई बार ऊपरी बैंड को भी पार कर चुकी हैं तो इसे लगातार तेजी के रुझान का संकेत माना जा सकता है। कारोबारी मध्यम बैंड के नीचे घाटा काटने का स्तर तय करके सौदे बनाये रख सकते हैं। निचले बैंड के मामले में इसका उलटा होता है। अगर शेयर निचले बैंड से टकरा रहा है और मध्यम बैंड के ऊपर बंद होने में नाकाम रहता है तो यह उस शेयर में कमजोरी जारी रहने का संकेत हैं। ऐसे बोलिंगर बैंड क्या हैं में वह शेयर मध्यम बैंड के ऊपर बंद होने तक बिकवाली सौदों में बना रहा जा सकता है।
जब कीमतें बैंड के बाहर चली जाती हैं तो माना जाता है कि वही रुझान जारी है। अगर कीमत ऊपरी बैंड से नीचे आने लगती है और निचले बैंड के करीब या मध्यम बैंड के काफी नीचे बंद होती है तो रुझान पलट सकता है। दूसरी ओर अगर भाव निचले बैंड से चढऩा शुरू करे और ऊपरी बैंड के करीब या मध्यम बैंड के काफी ऊपर बंद हो तो इसे गिरावट का रुझान पलटना कह सकते हैं।
अलग-अलग विश्लेषक अपने विश्लेषण को सही साबित करने के लिए अलग-अलग मानदंडों और तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में निवेशकों को मेरी सलाह है कि वे अपनी रणनीति के मुताबिक बाजार में सौदे करने से पहले उनका कागज पर परीक्षण कर लें। मतलब यह कि कुछ समय तक उसी रणनीति के आधार वास्तविक सौदे करने के बदले काल्पनिक सौदे करके कागज पर लिखते रहें और अंत में देखें कि क्या परिणाम आ रहा है।
(निवेश मंथन, अगस्त 2013)

द्विआधारी विकल्प बोलिंगर बैंड के लिए सूचक (बोलिंगर बैंड सूचक)

द्विआधारी विकल्प संकेतक बोलिंजर बैंड्स - विकसित किया बोलिंगर बैंड क्या हैं गया है और जॉन बोलिंगर ने विस्तार से वर्णन किया गया है। इसका सार तथ्य यह है कि परिसंपत्ति की कीमत गलियारे का एक प्रकार में स्थित है में निहित है, और आप बोलिंगर बैंड क्या हैं खरीद ग्राफ संकेतों विकल्प देख सकते हैं कॉल या डाल । संकेतों के गलियारे की सीमाओं के संबंध में संपत्ति की कीमतों के स्थान पर निर्भर करते हैं।

बोलिंजर बैंड्स एक उपकरण के रूप में तकनीकी विश्लेषणयह अकेले या अन्य संकेतक के साथ संयोजन में उपयोग किया जा सकता है। लेकिन मुझे लगता है कि कह सकते हैं बोलिंगर बैंड व्यक्तिगत रूप से कार्य के साथ एक बहुत अच्छा काम।

तुम एक जीवित ग्राफ पर नजर डालें, तो आप देख सकते हैं कि बोलिंगर बैंड सूचक यह तीन चल औसत के होते हैं। वे सब एक अलग समय अवधि है।

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