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स्विंग ट्रेडिंग क्या है

स्विंग ट्रेडिंग क्या है

Trading in Hindi | ट्रेडिंग कैसे सीखें | ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

Trading क्या होती है और कैसे की जाती है? अगर आपके मन में भी सवाल है तो आपको आज बहुत मज़ा आने वाला है क्योंकि आज हम ट्रेडिंग से जुड़ी सभी जानकारी आपके साथ शेयर करने वाले हैं। हम जानेंगे कैसे दुनिया में लोग मात्र एक दिन में ट्रेडिंग से हज़ारों रूपये कमा लेते हैं और आप ऐसा कैसे कर सकते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के 100 सबसे अमीर आदमियों की लिस्ट में 2 ट्रेडर भी शामिल है जिन्होंने अपनी ट्रेडिंग कला के बल पर बेशुमार दौलत इकट्ठा की है। हालाँकि ऐसे भी लाखों उदाहरण हैं जहाँ ट्रेडिंग ने लोगो को डुबो दिया । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने ट्रेडिंग साइकोलॉजी से जुड़ी किताबें नहीं पढ़ी थी।

मार्किट लोगों के मूड से चलता है और अगर आपको पब्लिक के मन का नहीं पता तो आप एक सफल ट्रेडर नहीं बन पाओगे इसलिए पहले शेयर मार्किट की बेस्ट किताबें पढ़कर ज्ञान अर्जित करें और उसके बाद ही ट्रेडिंग करना शुरू करें।

Trading मीनिंग इन हिंदी

आसान हिंदी भाषा में ट्रेडिंग का मतलब होता है ‘व्यापर’ या ‘लेनदेन’। अब व्यापार तो वैसे किसी भी चीज़ का हो सकता है लेकिन क्योंकि हम यहाँ शेयर मार्किट की बात कर रहे हैं तो यहाँ ट्रेडिंग का मतलब है शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया।

ट्रेडिंग क्या होती है?

जब आप किसी कंपनी के शेयर को कम दाम पर खरीदते हैं और कुछ मिनट, घंटे, या दिनों बाद उस शेयर की कीमत बढ़ जाने के बाद ज़्यादा दाम पर बेचते हैं तो इसी को हम सफल ट्रेडिंग कहते हैं। एक ट्रेडर को सफल तभी कहा जा सकता है जब वह कोई भी शेयर मुनाफे के साथ बेचे अन्यथा अपना नुकसान तो वे लोग भी करते हैं जिन्हे ट्रेडिंग का T भी नहीं पता।

Trading meaning in hindi

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

अब जैसा की हमने आपसे ट्रेडिंग की परिभाषा में कहा की आप किसी शेयर को कुछ मिनटों से लेकर हफ्ते भर तक होल्ड कर सकते है। उसी समय अवधि के अनुसार ट्रेडिंग को मुख्य रूप से दो प्रकार में विभाजित किया गया है:

इंट्राडे ट्रेडिंग(Intraday Trading):

इंट्राडे का हिंदी में मतलब है ‘दिन के अंदर’। जब आप किसी शेयर को एक ही दिन में खरीदते और मार्किट बंद होने से पहले बेच देते हैं तो उस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। इसमें आपको सुबह मार्किट खुलते ही पोजीशन बनानी होती है क्योंकि अच्छे मौके सुबह ही मिलते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग का ही एक और टाइप होता है जिसे हम कहते है स्कल्पिंग(Scalping) जिसमे मार्किट खुलने के एक घंटे के अंदर ही शेयर का खरीदना और बेचना दोनों हो जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading)

स्विंग का हिंदी में मतलब होता है ‘झूलना’ और ट्रेडिंग जगत में भी इसका मतलब होता है किसी शेयर को एक से ज़्यादा ट्रेडिंग सेशन तक पकड़ के रखना और कुछ दिन या हफ़्तों बाद बेचना। हम ऐसा कह सकते है कि आपको एक शेयर लेकर कुछ दिनों या हफ़्तों तक झूलना है और जब उसकी कीमत आपके मुताबिक बढ़ जाये तो उसे बेच देना है। अब क्योंकि स्विंग Trading में हम एक दिन से ज़्यादा शेयर को होल्ड करते हैं इसे हम डिलीवरी(Delivery) ट्रेडिंग भी कहते है।

अगर आप एक हफ्ते के आगे तक अगर कोई शेयर होल्ड करते हैं तो आप पोज़िशनल(Positional) ट्रेडिंग कर रहे हैं और अगर आप 1 महीने से ज़्यादा कोई शेयर रखते है तो फिर आप ट्रेडिंग नहीं इन्वेस्टिंग कर रहे हैं क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की अधिकतम अवधि 2 महीने है। उसमे भी लोग एक हफ्ते से ज़्यादा किसी शेयर को होल्ड नहीं करते तो एक महीना तो बहुत दूर की बात है।

ट्रेडिंग कैसे सीखें? How to Learn Trading in Hindi?

ट्रेडिंग एक ऐसी चीज़ है जो आपको एक दिन में नहीं आएगी। इसके लिए आपको रोज़ पढ़ना पड़ेगा। जिस प्रकार अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते उन्हें पढ़ना पड़ता है। वैसे ही ट्रेडिंग का ज्ञान लेने के लिए आपको स्विंग ट्रेडिंग क्या है टेक्निकल एनालिसिस और Trading Psychology से जुड़ी किताबों को पढ़ना पड़ेगा तब जाकर कुछ बात बनेगी।

इसके बाद भी सिर्फ पढ़ने से काम नहीं चलेगा। आपको मार्किट का रुख देखकर अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी पड़ेगी स्विंग ट्रेडिंग क्या है और जिस शेयर में ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं उसके कैंडलस्टिक चार्ट को देखकर उसका तकनिकी विश्लेषण करना होगा। इसके बाद ही आपको पता चल पायेगा कि वो शेयर ऊपर जायेगा या नहीं।

मार्किट से बड़ा गुरु कोई नहीं है इसलिए अगर आप Trading सीखना चाहते हैं तो लाइव ट्रेडिंग सेशन के दौरान किसी भी स्टॉक को पकड़ लें जिसके प्राइस में तेजी से बदलाव हो रहे हो। उस स्विंग ट्रेडिंग क्या है शेयर के पीछे के पैटर्न को देखकर आने वाले पैटर्न का अंदाज़ा लगाएं और खुद का टेस्ट करें।

स्टॉक मार्किट में एक्सपर्ट निवेशक बनने के लिए आप seekhonivesh.com पर हमारे आर्टिकल पढ़ सकते है। आपको लगभग हर दिन एक नयी जानकारी मिलेगी जो आपको एक सफल निवेशक और बेहतर इंसान बनने में मदद करेगी।

ट्रेडिंग कैसे की जाती है?

Trading शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले एक डीमैट अकाउंट की ज़रूरत पड़ती है जो आपको स्टॉक एक्सचेंज के साथ जोड़ता है। बिना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के बिना आप शेयर खरीदने की सोच भी नहीं सकते।

अगर आपने डीमैट अकाउंट खुलवा लिया है तो आप बिना किसी दिक्कत के ट्रेडिंग शुरू कर सकते है। दुनिया के शेयर बाज़ारों की टाइमिंग अलग अलग होती है जैसे भारतीय स्टॉक मार्किट सुबह 9:15 पर खुलता है और दोपहर 3:30 बजे बंद हो जाता है जबकि अन्य स्टॉक एक्सचेंज जैसे यूरोप,ऑस्ट्रेलिया, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और अमेरिकी नैस्डेक की ओपन टाइमिंग काफी अलग है।

तो जिस मार्किट में आपको Trading करनी है उसकी ओपनिंग और क्लोजिंग टाइमिंग स्विंग ट्रेडिंग क्या है पता करें। फिर ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाएं। ट्रेडिंग अकाउंट इंट्राडे ट्रेडिंग में मदद करेगा और डीमैट आपको स्विंग ट्रेडिंग करने में मदद करेगा क्योंकि आपके ख़रीदे गए शेयर डीमैट के अंदर ही रखे जायेंगे। ये दोनों काम करने के बाद आप आराम से किसी भी शेयर में ट्रेड करना शुरू कर सकते हैं।

शुरुआत में हमेशा बहुत कम पैसे लगाकर देखें ताकि अगर नुकसान भी हो तो कम हो। अगर आप पहली बार में कामयाब नहीं होते हैं तो घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि हमने पहले से ही कम पैसो से शुरुआत की है और वे ही पैसे लगाएं जिनके जाने का आपको गम न हो और लोन लेकर ट्रेड करने की सोच रहे हैं तो ऐसा ख्याल भी मन से निकाल दें।

लोन लेकर ट्रेड करना पाप है इसलिए Trading करने के लिए केवल उन्हों पैसो का स्विंग ट्रेडिंग क्या है इस्तेमाल करे जो अगर चले भी जाये तो आपके परिवार पर कोई असर न पड़े पर अगर आपको रिस्क लेना का शोक है तो आईपीओ में निवेश करना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

ट्रेडिंग (Trading)

छोटे समय में लेनदेन की प्रक्रिया होती है इसमें हानि दोनों जुड़ी होती है एक ट्रेडर अपने लाभ को सोचकर ट्रेडिंग करता है जिसके लिए हमेशा कम दाम में खरीद कर उससे उससे ऊपर की दाम में बेचने की कोशिश करता है यह ट्रेडिंग कहलाता है

ट्रेडिंग वास्तव में थोक- चिल्लर दुकानों में होता है किंतु जब प्रक्रिया हर व्यवसाय में होता है या प्रक्रिया शेयर बाजार में भी होता है शेयर बाजार कि इस प्रक्रिया को कैसे क्रियान्वित किया जाता है और वह कैसे होता है आइए जानते हैं

यह एक प्रकार का व्यवसाय है जानते हैं शेयर बाजार में ट्रेडिंग कितने प्रकार से किया जाता है

शेयर बाजार में ट्रेडिंग के प्रकार

इंट्राडे (Intraday)

आज ही खरीद कर आज ही बेच देना इंट्राडे ट्रेडिंग कहलाता है भारतीय शेयर बाजार में बाजार के खुलने का समय सुबह 9:15 से शाम 3:30 बजे तक चलता है इसमें मानक बढ़ते मूल्य (Uptrend) घटते मूल्य (Downtrend) को ध्यान में रखकर ट्रेडिंग की जाती है

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

स्विंग ट्रेडिंग में आज खरीद कर आज के बाद किसी भी समय अंतराल दिन महीने साल मैं बेचना स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है इसमें सामान्यतया बढ़ते मूल्य ट्रेंड को ध्यान में रखकर ट्रेडिंग होती है

शेयर मार्केट में क्या क्या खरीदा और बेचा जा सकता है जानते हैं

इक्विटी (Equity)

किसी भी कंपनी के शेयर की हिस्सेदारी का कुछ प्रतिशत खरीदना और बेचना जो समय समय में बदलते रहते हैं उसकी खरीदी बिक्री करना इक्विटी ट्रेडिंग होती है इसे इन्वेस्टमेंट के लिए भी खरीदा जाता है

कमोडिटी (Commodity)

इसमें नेचुरल रिसोर्सेज से आने वाले प्रोडक्ट का लेन देन जैसे गोल्ड मेटल सिल्वर क्रूड ऑयल आदि किया जाता है

करंसी (Currency)

इसमें अलग-अलग देशों की करेंसी के उतार-चढ़ाव को देखकर लेनदेन किया जाता है समय परिवर्तित होता रहता है किंतु देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है

डेरिवेटिव (Derivative)

शेयर मार्केट में यह एक ऐसा सिग्मेंट है जहां पर शेयर के लेनदेन के जगह उनके मूल्य के घटने और बढ़ने पर बोली लगाई जाती है और उस बोली का एक कॉन्ट्रैक्ट नोट बनता है क्योंकि यह कॉन्ट्रैक्ट नोट इसलिए यह कम पैसों में किया जा सकता है और इसमें हमें एक लौट मि खरीदी बिक्री की जाती है क्योंकि कॉन्ट्रैक्ट नोट है और कांटेक्ट नोट में एक नियत तिथि होती है जिसे एक्सपायरी भी कहा जाता है और यह पैसे कमाने का सबसे रिस्की और सस्ता तरीका है खरीदी को और बिकवाली को राइटिंग कहते हैं लौट में लेन देन होने के कारण इसमें प्रॉफिट और लॉस नफा नुकसान बहुत जल्दी दिखता है और इसे करने के लिए नॉर्मल ट्रेडिंग से ज्यादा प्रयास करना होता है

डेरिवेटिव मैं दो सेगमेंट होते हैं पहला है फ्यूचर दूसरा है ऑप्शन इसे शार्ट में एफएम भी कहते हैं

डेरीवेटिव के प्रकार

फ्यूचर

इसमें कॉन्ट्रैक्ट खरीदने या बेचने दोनों में काम किया जा सकता है किंतु एक्सपायरी मासिक होती है भारतीय बाजार में एक्सपायरी हर माह के अंतिम गुरुवार को होती है फ्यूचर में लॉस और प्रॉफिट दोनों इक्विटी जैसा ही होगा या यूं कहे तो आपने जितने पैसे लगाए हैं उसमें जो मूल्य दिखा रहा है उसके बराबर ही लॉस और प्रॉफिट हो सकता है और यह बहुत रिस्की ट्रेडिंग होती है

Trading in Hindi | ट्रेडिंग कैसे सीखें | ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

Trading क्या होती है और कैसे की जाती है? अगर आपके मन में भी सवाल है तो आपको आज बहुत मज़ा आने वाला है क्योंकि आज हम ट्रेडिंग से जुड़ी सभी जानकारी आपके साथ शेयर करने वाले हैं। हम जानेंगे कैसे दुनिया में लोग मात्र एक दिन में ट्रेडिंग से हज़ारों रूपये कमा लेते हैं और आप ऐसा कैसे कर सकते हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया के 100 सबसे अमीर आदमियों की लिस्ट में 2 ट्रेडर भी शामिल है जिन्होंने अपनी ट्रेडिंग कला के बल पर बेशुमार दौलत इकट्ठा की है। हालाँकि ऐसे भी लाखों उदाहरण हैं जहाँ ट्रेडिंग ने लोगो को डुबो दिया । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने ट्रेडिंग साइकोलॉजी से जुड़ी किताबें नहीं पढ़ी थी।

मार्किट लोगों के मूड से चलता है और अगर आपको पब्लिक के मन का नहीं पता तो आप एक सफल ट्रेडर नहीं बन पाओगे इसलिए पहले शेयर मार्किट की बेस्ट किताबें पढ़कर ज्ञान अर्जित करें और उसके बाद ही ट्रेडिंग करना शुरू करें।

Trading मीनिंग इन हिंदी

आसान हिंदी भाषा में ट्रेडिंग का मतलब होता है ‘व्यापर’ या ‘लेनदेन’। अब व्यापार तो वैसे किसी भी चीज़ का हो सकता है लेकिन क्योंकि हम यहाँ शेयर मार्किट की बात कर रहे हैं तो यहाँ ट्रेडिंग का मतलब है शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया।

ट्रेडिंग क्या होती है?

जब आप किसी कंपनी के शेयर को कम दाम पर खरीदते हैं और कुछ मिनट, घंटे, या दिनों बाद उस शेयर की कीमत बढ़ जाने के बाद ज़्यादा दाम पर बेचते हैं तो इसी को हम सफल ट्रेडिंग कहते हैं। एक ट्रेडर को सफल तभी कहा जा सकता है जब वह कोई भी शेयर मुनाफे के साथ बेचे अन्यथा अपना नुकसान तो वे लोग भी करते हैं जिन्हे ट्रेडिंग का T भी नहीं पता।

Trading meaning in hindi

ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं?

अब जैसा की हमने आपसे ट्रेडिंग की परिभाषा में कहा की आप किसी स्विंग ट्रेडिंग क्या है शेयर को कुछ मिनटों से लेकर हफ्ते भर तक होल्ड कर सकते है। उसी समय अवधि के अनुसार ट्रेडिंग को मुख्य रूप से दो प्रकार में विभाजित किया गया है:

इंट्राडे ट्रेडिंग(Intraday Trading):

इंट्राडे का हिंदी में मतलब है ‘दिन के अंदर’। जब आप किसी शेयर को एक ही दिन में खरीदते और मार्किट बंद होने से पहले बेच देते हैं तो उस प्रकार की ट्रेडिंग को इंट्राडे ट्रेडिंग कहा जाता है। इसमें आपको सुबह मार्किट खुलते ही पोजीशन बनानी होती है क्योंकि अच्छे मौके सुबह ही मिलते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग का ही एक और टाइप होता है जिसे हम कहते है स्कल्पिंग(Scalping) जिसमे मार्किट खुलने के एक घंटे के अंदर ही शेयर का खरीदना और बेचना दोनों हो जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग(Swing Trading)

स्विंग का हिंदी में मतलब होता है ‘झूलना’ और ट्रेडिंग जगत में भी इसका मतलब होता है किसी शेयर को एक से ज़्यादा ट्रेडिंग सेशन तक पकड़ के रखना और कुछ दिन या हफ़्तों बाद बेचना। हम ऐसा कह सकते है कि आपको एक शेयर लेकर कुछ दिनों या हफ़्तों तक झूलना है और जब उसकी कीमत आपके मुताबिक बढ़ जाये तो उसे बेच देना है। अब क्योंकि स्विंग Trading में हम एक दिन से ज़्यादा शेयर को होल्ड करते हैं इसे हम डिलीवरी(Delivery) ट्रेडिंग भी कहते है।

अगर आप एक हफ्ते के आगे तक अगर कोई शेयर होल्ड करते हैं तो आप पोज़िशनल(Positional) ट्रेडिंग कर रहे हैं और अगर आप 1 महीने से ज़्यादा कोई शेयर रखते है तो फिर आप ट्रेडिंग नहीं इन्वेस्टिंग कर रहे हैं क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग की अधिकतम अवधि 2 महीने है। उसमे भी लोग एक हफ्ते से ज़्यादा किसी शेयर को होल्ड नहीं करते तो एक महीना तो बहुत दूर की बात है।

ट्रेडिंग कैसे सीखें? How to Learn Trading in Hindi?

ट्रेडिंग एक ऐसी चीज़ है जो आपको एक दिन में नहीं आएगी। इसके लिए आपको रोज़ पढ़ना पड़ेगा। जिस प्रकार अच्छी किताबें और अच्छे लोग तुरंत समझ में नहीं आते उन्हें पढ़ना पड़ता है। वैसे ही ट्रेडिंग का ज्ञान लेने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस और Trading Psychology से जुड़ी किताबों को पढ़ना पड़ेगा तब जाकर कुछ बात बनेगी।

इसके बाद भी सिर्फ पढ़ने से काम नहीं चलेगा। आपको मार्किट का रुख देखकर अपनी खुद की स्ट्रेटेजी बनानी पड़ेगी और जिस शेयर में ट्रेडिंग करने की सोच स्विंग ट्रेडिंग क्या है रहे हैं उसके कैंडलस्टिक चार्ट को देखकर उसका तकनिकी विश्लेषण करना होगा। इसके बाद ही आपको पता चल पायेगा कि वो शेयर ऊपर जायेगा या नहीं।

मार्किट से बड़ा गुरु कोई नहीं है इसलिए अगर आप Trading सीखना चाहते हैं तो लाइव ट्रेडिंग सेशन के दौरान किसी भी स्टॉक को पकड़ लें जिसके प्राइस में तेजी से बदलाव हो रहे हो। उस शेयर के पीछे के पैटर्न को देखकर आने वाले पैटर्न का अंदाज़ा लगाएं और खुद का टेस्ट करें।

स्टॉक मार्किट में एक्सपर्ट निवेशक बनने के लिए आप seekhonivesh.com पर हमारे आर्टिकल पढ़ सकते है। आपको लगभग हर दिन एक नयी जानकारी मिलेगी जो आपको एक सफल निवेशक और बेहतर इंसान बनने में मदद करेगी।

ट्रेडिंग कैसे की जाती है?

Trading शुरू करने के लिए आपको सबसे पहले एक डीमैट अकाउंट की ज़रूरत पड़ती है जो आपको स्टॉक एक्सचेंज के साथ जोड़ता है। बिना ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के बिना आप शेयर खरीदने की सोच भी नहीं सकते।

अगर आपने डीमैट अकाउंट खुलवा लिया है तो आप बिना किसी दिक्कत के ट्रेडिंग शुरू कर सकते है। दुनिया के शेयर बाज़ारों की टाइमिंग अलग अलग होती है जैसे भारतीय स्टॉक मार्किट सुबह 9:15 पर खुलता है और दोपहर 3:30 बजे बंद हो जाता है जबकि अन्य स्टॉक एक्सचेंज जैसे यूरोप,ऑस्ट्रेलिया, न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज और अमेरिकी नैस्डेक की ओपन टाइमिंग काफी अलग है।

तो जिस मार्किट में आपको Trading करनी है उसकी ओपनिंग और क्लोजिंग टाइमिंग पता करें। फिर ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाएं। ट्रेडिंग अकाउंट इंट्राडे ट्रेडिंग में मदद करेगा और डीमैट आपको स्विंग ट्रेडिंग करने में मदद करेगा क्योंकि आपके ख़रीदे गए शेयर डीमैट के अंदर ही रखे जायेंगे। ये दोनों काम करने के बाद आप आराम से किसी भी शेयर में ट्रेड करना शुरू कर सकते हैं।

शुरुआत में हमेशा बहुत कम पैसे लगाकर देखें ताकि अगर नुकसान भी हो तो कम हो। अगर आप पहली बार में कामयाब नहीं होते हैं तो घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि हमने पहले से ही कम पैसो से शुरुआत की है और वे ही पैसे लगाएं जिनके जाने का आपको गम न हो और लोन लेकर ट्रेड करने की सोच रहे हैं तो ऐसा ख्याल भी मन से निकाल दें।

लोन लेकर ट्रेड करना पाप है इसलिए Trading करने के लिए केवल उन्हों पैसो का इस्तेमाल करे जो अगर चले भी जाये तो आपके परिवार पर कोई असर न पड़े पर अगर आपको रिस्क लेना का शोक है तो आईपीओ में निवेश करना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।

शेयर बाजार में चाहते हैं पैसा कमाना तो इन 5 पसंदीदा ट्रेडिंग रणनीतियों के बारे में आपको होगा जानना

शेयर बाजार में ट्रेडिंग की कई रणनीतियां हैं लेकिन यहां पर हम सबसे ज्यादा लोकप्रिय रणनीतियों के बारे में चर्चा कर रहे हैं

ट्रेडर्स चाहें तो हर प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत को समझकर ट्रेडिंग में रणनीतियों के संयोजन का उपयोग भी कर सकते हैं

ट्रेडिंग का मतलब सिक्टोरिटीज को खरीदना और बेचना होता है। ट्रेडिंग भी कई प्रकार की होती हैं। एक दिन से लेकर सालों के लंबे अंतराल के लिए भी ट्रेडिंग की जाती है। इसके साथ ही अलग-अलग बाजारों के माहौल और वहां मौजूद जोखिम से जुड़ी विभिन्न ट्रेडिंग रणनीतियां (trading स्विंग ट्रेडिंग क्या है strategies) शेयरों में कारोबार करने के समय अपनाई जाती हैं।

यहां पर हम कुछ ट्रेडिंग रणनीतियों पर चर्चा कर रहे हैं जो बाकी रणनीतियों में से सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। ये रणनीतियां निवेशकों को तर्कसंगत निवेश निर्णय लेने में मदद कर सकती हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading)

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इंट्राडे ट्रेडिंग जिसे डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है। ये ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है जिसमें निवेशक एक ही दिन में शेयरों को खरीदते और बेचते हैं। वे शेयर बाजार के बंद होने के समय से पहले ट्रेडिंग बंद कर देते हैं। एक ही दिन में वे मुनाफा और घाटा बुक करते हैं।

निवेशक इन शेयरों में एक दिन में कुछ सेकंड, घंटे के लिए या इसमें दिन भर में कई बार ट्रेड ले सकते हैं। इसलिए इंट्राडे एक अत्यधिक वोलाटाइल ट्रेडिंग रणनीति मानी जाती और इसके लिए तेजी से निर्णय लेना होता है।

पोजीशनल ट्रेडिंग (Positional Trading)

पोजिशनल ट्रेडिंग एक ऐसी रणनीति है जहां शेयर्स को महीनों या सालों के लंबे समय तक रखा जाता है। ऐसे शेयरों में समय के साथ भाव में बड़ी बढ़त की अपेक्षा के साथ मुनाफा कमाने की उम्मीद की जाती है। निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ कंपनी का टेक्निकल ग्राउंड देखकर इस शैली को अपनाते हैं।

इसलिए इस प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति में आमतौर पर बाजार के रुझान और उतार-चढ़ाव जैसी अल्पकालिक जटिलताओं को नजरअंदाज कर दिया जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading)

स्विंग ट्रेडिंग आमतौर पर एक ऐसी रणनीति है जहां निवेशक शेयरों के भाव में और तेजी की उम्मीद में एक दिन से अधिक समय तक शेयरों को अपने पास रखते हैं। स्विंग ट्रेडर्स आने वाले दिनों में बाजार की गतिविधियों और रुझानों की भविष्यवाणी करने के लिए जाने जाते हैं।

इंट्राडे ट्रेडर्स और स्विंग ट्रेडर्स के बीच स्टॉक को अपने पास रखने की समय सीमा में महत्वपूर्ण अंतर होता है। इसलिए कहा जाता है कि ज्यादातर टेक्निकल ट्रेडर्स स्विंग ट्रेडिंग की कैटेगरी में आते हैं।

टेक्निकल ट्रे़डिंग (Technical Trading)

टेक्निकल ट्रेडिंग में ऐसे निवेशक शामिल हैं जो शेयर बाजार में प्राइस चेंज की भविष्यवाणी करने के लिए अपने तकनीकी विश्लेषण ज्ञान का उपयोग करते हैं। इस ट्रेडिंग शैली में कोई विशेष समय-सीमा नहीं होती है क्योंकि यह एक दिन से लेकर महीनों तक के लिए भी हो सकती है।

बाजार में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकांश ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल्स का उपयोग करते हैं। हालांकि स्टॉक की कीमतों का निर्धारण करते समय सबसे महत्वपूर्ण टेक्निकल एनालिसिस बाजार की परिस्थिति होती है।

फंडामेंटल ट्रेडिंग (Fundamental Trading)

फंडामेंटल ट्रेडिंग का मतलब स्टॉक में निवेश करना होता है जहां ट्रेडर्स समय के साथ भाव में तेजी की उम्मीद के साथ कंपनी के स्टॉक को खरीदता है। इस तरह की ट्रेडिंग में 'बाय एंड होल्ड' रणनीति में विश्वास किया जाता है।

इस प्रकार की ट्रेडिंग आमतौर पर कंपनी के फोकस्ड इंवेंट्स में किया जाता है। इसके लिए फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स, नतीजों, ग्रोध और मैनेजमेंट क्वालिटी का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया जाता है।

मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ये ट्रेडिंग रणनीतियाँ बहुत काम की होती हैं और निवेशक को उस ट्रेडिंग शैली पर निर्णय लेने में मदद करती हैं जिसे वे अपनाना चाहते हैं। प्रत्येक प्रकार की ट्रेडिंग रणनीति से जुड़े जोखिम और लागत की गहन समझ के साथ ट्रेडर्स चाहें तो रणनीतियों के संयोजन का उपयोग करके भी शेयरों में खरीद-फरोख्त कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना हेतु दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।)

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