ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai

डीमैट अकाउंट के लिए भी नॉमिनी जरूरी है, 31 मार्च तक करें अपडेट
एक डीमैट अकाउंट आपके शेयर सर्टिफिकेट और इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखी गई अन्य प्रतिभूतियों (securities) के लिए एक बैंक अकाउंट की तरह है. इसके जरिये ही आप शेयर मार्केट में लेन-देन करते हैं. मगर ध्यान रखें कि सभी बैंक अकाउंट की तरह डीमैट अकाउंट में भी नॉमिनी का उल्लेख जरूर करें. यदि 31 मार्च तक ऐसा नहीं किया तो अकाउंट बंद हो जाएगा.
हैदराबाद: शेयर बाजारों के नई ऊंचाई पर पहुंचने के साथ ही कई लोग निवेश के लिए आगे आ रहे हैं. लेकिन, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में ट्रेडिंग करने के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. पहले डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना एक कठिन काम था. लेकिन अब, ये अकाउंट टेक्नोलॉजी की बदौलत चुटकियों में खोले जा सकते हैं. इसमें नॉमिनी का शामिल करना भी पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है. आइए जानें कि नॉमिनी को डीमैट अकाउंट में शामिल करना क्यों अनिवार्य है?
एक डीमैट अकाउंट आपके शेयर सर्टिफिकेट और इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखी गई अन्य प्रतिभूतियों (securities) के लिए एक बैंक अकाउंट की तरह है. पेपरवर्क को खत्म करने के लिए इसे 1996 में NSE में ट्रेडिंग के लिए पेश किया गया था. आज, डीमैट अकाउंट के लिए कोई कागजी कार्रवाई नहीं की जाती है और इसके लिए कागज वाले सर्टिफिकेट अब जारी नहीं किए जाते हैं.
डीमैट नॉमिनी (Demat nominee) : जब आप बैंक अकाउंट खोलते हैं या फिक्स्ड डिपॉजिट करते हैं तो उसमें नॉमिनी का नाम दिए गए कॉलम में जरूर लिखना चाहिए. इसी तरह म्यूचुअल फंड में निवेश और बीमा पॉलिसी खरीदते समय भी नॉमिनी के बारे में डिटेल भरना चाहिए. नॉमिनी का नाम शामिल करना इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि अगले पल क्या होने वाला है. एहतियात के तौर पर बैंकों, निवेश एजेंसियों और वित्तीय संस्थानों ने नॉमिनी का नाम शामिल करना अनिवार्य कर दिया गया है.
यदि आप डीमैट अकाउंट खोलते समय या अपने माता-पिता, बच्चों या भाई-बहनों नाम नॉमिनी के तौर पर नहीं करते हैं तो जरूरत के समय उन्हें मुश्किल आ सकती है. वह आपके बाद पैसों पर दावे करने के अधिकारी होते हैं, मगर नॉमिनी के तौर पर नाम नहीं होने से यह रकम उन्हें आसानी से नहीं मिलेगी. इसलिए पहले तो नॉमिनी के तौर पर नाम जरूर भरें. अगर आप रकम के दावेदार के तौर पर कई नॉमिनी बनाते हैं तो यह स्पष्ट कर दें कि रकम का कितना हिस्सा किस नॉमिनी को दिया जाएगा.
डीमैट खाता नामांकित ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai अधिकार (Demat account nominee rights) : यदि आपके खातों और इनवेस्टमेंट के लिए कोई नॉमिनी नहीं है तो आपके वारिसों को अप्रत्याशित घटना के बाद रकम का दावा करते समय कठिनाई हो सकती है. उन्हें नॉमिनी साबित करने के लिए 'वसीयत' और विरासत के प्रमाण पत्र जैसे कई दस्तावेजों की आवश्यकता होती है. इसलिए डीमैट खाता खोलते समय नॉमिनी के नाम को शामिल करके उन्हें सभी कठिनाइयों से बचाया जा सकता है. नियम के अनुसार, आप एक से अधिक नॉमिनी को भी नामांकित कर सकते हैं.
सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) नॉमिनेशन ऑनलाइन: डीमैट अकाउंट डिजिटल तौर खोलना संभव है. इसके नॉमिनी के लिए एक अलग आवेदन जमा करना होता है. हाल ही में सेबी ने इन नियमों में संशोधन किया है. ई-साइन के माध्यम से नॉमिनी को इससे जोड़ा जा सकता है. 1 अक्टूबर, 2021 से डीमैट अकाउंट खोलने वालों को नॉमिनी के नाम का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया गया है.
जिन लोगों ने डीमैट अकाउंट खोला है, वे अपनी नॉमिनी का नाम बदल सकते हैं या इसकी संख्या बढ़ा सकते हैं. मगर जिन्होंने जॉइंट अकाउंट खोला है, उन्हें नॉमिनी में फेरबदल के लिए दोनों पार्टनर के सिग्नेचर की जरूरत होगी. डीपी (Depository Participant) के पास नॉमिनी के नाम निर्धारित आवेदन पत्र में भरकर जमा करना होगा. इसके लिए गवाह के हस्ताक्षर की भी आवश्यकता होगी.
डीमैट खाते में नामांकित व्यक्ति का नाम शामिल करने की अंतिम तिथि: सीडीएसएल के बिजनेस चीफ रामकुमार के अनुसार, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के नियमों के अनुसार डीमैट ग्राहकों को अपने खातों के लिए 31 मार्च, 2022 तक नॉमिनेशन जमा करना जरूरी है, अन्यथा, आपके अकाउंट बंद कर दिया जाएगा. इसलिए, देखें कि आपके डी मैट अकाउंट में नॉमिनी नहीं है तो तुरंत इसका उल्लेख करें. ध्यान रखें कि नॉमिनी का नाम किसी भी समय बदला जा सकता है.
ट्रेडिंग अकाउंट में लाखों रुपए के नुकसान से बचना है तो गलती से भी न भूलें इन टिप्स को
हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों.
हाल के दिनों में फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और आपको इनसे बचकर रहने की जरूरत है। अगर आप थोड़ी सी भी चूक होगी तो आपको लाखों रुपए का चूना लग सकता है। आजकल शेयर मार्केट में ट्रेडिंग में सभी लोगों की दिलचस्पी होती है और आप में से बहुत लोग शेयर बाजार में ट्रेडिंग भी करते होंगे, आपके ट्रेडिंग अकाउंट में काफी स्टॉक्स होंगे और उनकी वैल्यू भी काफी होगी। ऐसे में अगर आप सावधानी नहीं रखेंगे तो आपको लाखों रुपए का नुकसान होने की आशंका है। हम आपको बता रहे हैं, शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते समय किन बातों को गलती से भी नहीं भूलना चाहिए-
> केवल रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के साथ ही व्यवहार/अनुबंध करें - जिस ब्रोकर के साथ आप लेन-देन कर रहे हों, उसके रेजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की जाँच कर लें।
> फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रोटेक्शन प्लान्स से सावधान रहें। ब्रोकर या उनके औथोरइज्ड व्यक्ति या उनका कोई भी प्रतिनिधि/कर्मचारी आपके इन्वेस्ट पर फिक्सड/गारंटीकृत/नियमित रिटर्न/कैपिटल प्रिजरवेसन देने के लिए औथोरइज्ड नहीं है या आपके द्वारा दिये गए पैसो पर ब्याज का भुगतान करने के लिए आपके साथ कोई लोन समझौता करने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai औथोरइज्ड नहीं है। कृपया ध्यान दें कि आपके खाते में इस प्रकार का कोई व्यवहार पाए जाने पर आपका दिवालिया/निष्कासित ब्रोकर संबंधी दावा निरहन कर दिया जाएगा।
> कृपया आपने 'केवाईसी' (KYC) पेपर में सभी जरूरी जानकारी खुद भरें और ब्रोकर से अपने 'केवाईसी' पेपर की नियम अनुसार साइन की हुई प्रति प्राप्त करें। उन सभी शर्तों की जांच करें जिन्हें आपने सहमति और स्वीकृति दी है।
> सुनिश्चित करें कि आपके स्टॉक ब्रोकर के पास हमेशा आपका नया और सही कांटैक्ट डिटेल हो जैसे ईमेल आईडी/मोबाइल नंबर। ईमेल और मोबाइल नंबर जरूरी है और एक्सचेंज रिकॉर्ड में अपडेट के लिए आपको अपने ब्रोकर को मोबाइल नंबर देना होगा। यदि आपको एक्सचेंज/डिपॉजिटरी से नियमित रूप से संदेश नहीं मिल रहे हैं, तो आपको स्टॉक ब्रोकर/एक्सचेंज के पास इस मामले को उठाना चाहिए।
> इलेक्ट्रॉनिक (ई-मेल) कॉन्ट्रैक्ट नोट्स/फाइनेंशियल डिटेल्स का चयन सिर्फ तभी करें जब आप खुद कंप्यूटर के जानकार हों और आपका अपना ई-मेल अकाउंट हो और आप उसे प्रतिदिन/नियमित देखते हो।
> आपके द्वारा किए गए ट्रेड के लिए एक्सचेंज से प्राप्त हुए किसी भी ईमेल/एसएमएस को अनदेखा न करें। अपने ब्रोकर से मिले कॉन्ट्रैक्ट नोट/अकाउंट के डिटेल से इसे वेरिफ़ाई करें। यदि कोई गड़बड़ी हो, तो अपने ब्रोकर को तुरंत इसके बारे में लिखित रूप से सूचित करें और यदि स्टॉक ब्रोकर जवाब नहीं देता है, तो एक्सचेंज/डिपॉजिटरी को तुरंत रिपोर्ट करें।
> आपके द्वारा निश्चित की गई अकाउंट के सेटलमेंट कि फ्रिक्वेन्सी की जांच करें। यदि आपने करेंट अकाउंट (running account) का ऑप्शन चुना है, तो कृपया कन्फ़र्म करें कि आपका ब्रोकर आपके अकाउंट का नियमित रूप से सेटलमेंट करता है और किसी भी स्थिति में 90 दिनों में एक बार ( यदि आपने 30 दिनों के सेटलमेंट का विकल्प चुना है तो 30 दिन) डिटेल्स भेजता है । कृपया ध्यान दें कि आपके ब्रोकर द्वारा डिफॉल्ट होने की स्थिति में एक्सचेंज द्वारा 90 दिनों से अधिक की अवधि के दावे एक्सैप्ट नहीं किए जाएंगे।
> डिपॉजिटरी से प्राप्त जॉइंट अकाउंट की ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai जानकारी (Consolidated Account Statement- CAS) नियमित रूप से वेरिफ़ाई करते रहें और अपने ट्रेड/लेनदेन के साथ सामंजस्य स्थापित करें।
> कन्फ़र्म करें कि पे-आउट की तारीख से 1 वर्किंग डे के भीतर आपके खाते में धनराशि/सिक्योरिटी (शेयर) का पेमेंट हो गया हो। कन्फ़र्म करें कि आपको अपने ट्रेड के 24 घंटों के भीतर कॉन्ट्रैक्ट नोट मिलते हों।
> एनएसई की वेबसाइट पर ट्रेड वेरिफिकेशन की सुविधा भी उपलब्ध है जिसका उपयोग आप अपने ट्रेड के वेरिफिकेशन के लिए कर सकते हैं।
> ब्रोकर के पास अनावश्यक बैलेंस न रखें। कृपया ध्यान रहे कि ब्रोकर के दिवालिया निष्कासित होने पर उन खानों के दावे स्वीकार नहीं होंगे जिनमें 90 दिन से कोई ट्रेड ना हुआ हो।
> ब्रोकर्स को सिक्यूरिटि ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai के ट्रांसफर को मार्जिन के रूप में स्वीकार करने की अनुमति नहीं है। मार्जिन के रूप में दी जाने वाली सिक्योरिटी ग्राहक के अकाउंट में ही रहनी चाहिए और यह ब्रोकर को गिरवी रखी जा सकती हैं। ग्राहकों को किसी भी कारण से ब्रोकर या ब्रोकर के सहयोगी या ब्रोकर के औथोरइज्ड व्यक्ति के साथ कोई सिक्यूरिटी रखने की अनुमति नहीं है। ब्रोकर केवल कस्टमर द्वारा बेची गई सिक्योरिटी के डिपोजिट करने के लिए ग्राहकों से संबंधित सिक्योरिटी ले सकता है।
> भारी मुनाफे का वादा करने वाले शेयर/सिक्योरिटी में व्यापार करने का लालच देकर ईमेल और एसएमएस भेजने वाले धोखेबाजों के झांसे में न आएं। किसी को अपना यूजर आईडी और पासवर्ड ना दें। आपके सारे शेयर या बैलेंस शून्य हो सकता है। यह भी हो सकता है कि आपके खाते में बड़ी राशि की वसूली निकल आए।
> पीओए (पावर ऑफ अटॉर्नी) देते समय सावधान रहें - सभी अधिकार जिनका स्टॉक ब्रोकर प्रयोग कर सकते हैं और समय सीमा जिसके लिए पीओए मान्य है, इसे स्पष्ट रूप से बताएँ। यह ध्यान रहे कि सेबी/एक्सचेंजों के अनुसार पीओए अनिवार्य / आवश्यक नहीं है।
> ब्रोकर द्वारा रिपोर्ट किए गए फंड और सिक्योरिटी बैलेंस के बारे में साप्ताहिक आधार पर एक्सचेंज द्वारा भेजे गए मैसेजों की जांच करें और यदि आप इसमें कोई अंतर पाते हैं, तो तुरंत एक्सचेंज को शिकायत करें।
> किसी के साथ पासवर्ड (इंटरनेट अकाउंट) शेयर न करें। ऐसा करना अपने सुरक्षित पैसे शेयर करने जैसा है।
> कृपया सेबी के रेजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर के अलावा किसी औथोरइज्ड व्यक्ति या ब्रोकर के सहयोगी सहित किसी को भी ट्रेडिंग के उद्देश्य से फंड ट्रांसफर न करें।
डिस्क्लेमर- जानकारी आपको एनएसई से मिली सूचना के आधार पर है।
Trading Account Kya Hai और Trading Account कैसे खोले? [In Detail] Hindi
ट्रेडिंग अकाउंट शेयर बाजारों में ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai इनवेस्ट करने के लिए आवश्यक टूल बन गया है। यह शेयर ट्रेडिंग की पूरी प्रक्रिया को सुरक्षित और तेज बनाता है। यहां हम आपको बताएंगे कि Trading Account क्या है? इसके फायदे और Trading Account कैसे खोले?
- ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? (what is trading account In Hindi) Trading Account Kya Hai?
- Trading account कैसे काम करता है?
- ट्रेडिंग अकाउंट के क्या फायदे हैं?
- ट्रेडिंग खाते के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट्स क्या हैं?
- ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खोलें?
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? (what is trading account In Hindi) Trading Account Kya Hai?
Trading Account Kya Hai
ट्रेडिंग अकाउंट का इस्तेमाल शेयर बाजार में इक्विटी शेयर खरीदने या बेचने के लिए किया जाता है। पहले, ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai स्टॉक एक्सचेंज ओपन आउटरी सिस्टम पर काम करता था। इसमें व्यापारियों ने अपने खरीद-बिक्री के फैसले को बताने के लिए हाथ के संकेतों और बोलकर कम्युनिकेशन का इस्तेमाल किया।
शेयर बाजारों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली को अपनाने के तुरंत बाद, ट्रेडिंग अकाउंट को खुली outcry सिस्टम मे बदल दिया। ऑनलाइन जमाने में, खरीदारों और विक्रेताओं को ऑर्डर देने के लिए स्टॉक एक्सचेंज में फिजिकली रुप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है।
इसके बजाय वे एक रजिस्टर स्टॉक मार्केट ब्रोकर के साथ एक ट्रेडिंग अकाउंट खोलते हैं; जो उनकी ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai ओर से ट्रेडिंग करता है। हर ट्रेडिंग अकाउंट में एक विशिष्ट ट्रेडिंग आईडी होती है जिसका उपयोग ऑनलाइन लेने देने के लिए होता है।
एक ट्रेडिंग अकाउंट एक इन्वेस्टर के ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai डीमैट अकाउंट और बैंक अकाउंट के बीच एक चैन की तरह काम करता है। जब कोई इन्वेस्टर शेयर खरीदना चाहता है, तो वह अपने ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ऑर्डर देता है। लेनदेन स्टॉक एक्सचेंज में प्रोसेसिंग के लिए जाता है। उस पर काम करने के लिए, जरुरी संख्या में शेयर उसके डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं और उसके बैंक अकाउंट से एक उतना पैसा काट ली जाती है।
इक्विटी शेयरों को बेचने के लिए इसी तरह की नियमो को फॉलो किया जाता है। इन्वेस्टर अपने ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से 100 शेयरों के लिए सेल ऑर्डर देता है। यह संबंधित स्टॉक एक्सचेंज में आगे के लिए जाता है।
वन-पॉइंट एक्सेस
आपको भारत में कई एक्सचेंज मिल सकते हैं जो तरह तरह के सिक्योरिटी और सामानों में बिजनेस करते हैं। कुछ प्रमुख एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज (NCDEX), और मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) हैं। एक online trading account होने से इन सभी एक्सचेंजों को सामान्य प्लेटफॉर्म के माध्यम से एक्सेस करने में मदद मिलती है।
ट्रेडिंग खाता इन्वेस्टर के डीमैट अकाउंट और बचत बैंक अकाउंट के बीच एक इंटरफेस के रूप में काम करता है। ट्रेडिंग खाता खोलने की प्रक्रिया और आवश्यक जरूरी डॉक्यूमेंट्स सभी ऑर्गेनाइजेशन में समान हैं।
एक्सपायर डेट वाले किसी भी डॉक्यूमेंट्स को जमा करने से पहले, सुनिश्चित करें कि यह जमा करने की तारीख पर मान्य है। यहां उन डॉक्यूमेंट्स की डिटेल लिस्ट दी गई है जिनकी आपको ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आवश्यकता है।
ऑनलाइन इक्विटी ट्रेडिंग करने के लिए, आपको स्टॉक ब्रोकर के साथ एक ऑनलाइन ट्रेडिंग खाता खोलना होगा। हजारों ग्राहकों के बीच, ब्रोकर को आपका पर्सनल ध्यान देना मुश्किल हो सकता है। ट्रेडिंग अकाउंट पूरे इन्वेस्ट के काम को बहुत आसान बना देता है। आप इन स्टेप्स का पालन करके एक ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं।
- एक ब्रोकर को सलेक्ट करें जिसकी समय पर ऑर्डर पूरा करने की अच्छी रेप्यूटेशन हो। अवसर के सही समय का लाभ ले।
- प्रत्येक ब्रोकर आपके ऑर्डर को प्रोसेस करने के लिए एक कन्फर्म फीस लेता है। इसलिए, पूरे क्षेत्र में ब्रोकरेज दरों की तुलना करना बेहतर है। उचित दरों पर बेहतर सर्विस को एंजॉय करने के लिए मौजुद डिस्काउंट के बारे में भी पूछें।
- ब्रोकरेज फर्म खोजें और ट्रेडिंग खाता खोलने की प्रोसेस के बारे में पूछताछ करें।
- फर्म का एक काम करने वाला खाता खोलने के फॉर्म और अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) फॉर्म के साथ आपके घर आएगा। आपको इन दोनों फॉर्मों को भरना होगा और इसके साथ संबंधित डॉक्यूमेंट्स जोडने होंगे।
- सबमिशन के बाद, फर्म आपके पर्सनल डिटेल को या तो पर्सनल तरीके से चेक या फोन पर कन्फर्म करेगी।
- एक बार आपका एप्लीकेशन पूरा हो जाने के बाद, आपको ट्रेडिंग खाते का डिटेल दे दिया जाएगा।
यहा आपने जाना की Trading Account Kya Hai और Trading Account कैसे खोले? अगर इससे जुड़ी कोई भी सवाल या फीडबैक है तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर पूछे और ज्यादा से ज्यादा शेयर करे।
SBI YONO पर खोलिये डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट; कम होगा खर्च, सालाना AMC पर भी मिलेगी छूट
SBI Yono Trading Offer: शेयर ट्रे़डिंग के लिए आपके पास Demat Account और Trading Account होना चाहिए. SBI Yono के जरिए इन खातों को खोल रहे हैं तो आपके 1350 रुपये बचेंगे.
एसबीआई योनो के तहत शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों के लिए बेहतर ऑफर मिल रहा है. (ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai Image- SBI)
SBI Yono Trading Offer: स्टॉक ट्रे़डिंग के लिए आपके पास Demat Account और Trading Account होना चाहिए. इन दोनों खातों पर शुल्क भी देय होता है लेकिन अगर SBI Yono के जरिए इन खातों को खोल रहे हैं तो आपके 1350 रुपये बचेंगे. अगर आप शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव से नहीं घबराते हैं और अपनी पूंजी पर बेहतर रिटर्न निवेश करना चाहते हैं तो इक्विटी में निवेश बेहतर विकल्प हैं. इसके लिए आपको कुछ जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं जिसके बिना आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं और शेयर्स को होल्ड नहीं कर सकते हैं.
बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक एसबीआई योनो के जरिए इन दोनों खातों को खोलने पर 1350 रुपये की बचत होगी. इसमें 850 रुपये खाता खोलने का शुल्क नहीं लगेगा. इसके अलावा सालाना डीपी एएमसी (एकाउंट मेंटेनेंस चार्ज) के तहत 500 रुपये का चार्ज पहले साल नहीं चुकाना होगा.इस तरह खोलें डीमैट और ट्रेडिंग खाता
- योनो की वेबसाइट पर लॉग इन करें.
- Menu पर क्लिक करें.
- Financial Produts के तहत ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai Investments में Securities पर क्लिक करें.
- Link / Open a New Demat & Trading Account पर क्लिक करें.
- Open Demat & Trading Account पर क्लिक करें. इसके ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai बाद दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर अपना डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं.
Yono App के जरिए ऐसे खोलें खाता
- ऐप में लॉग इन करें.
- मेन्यू ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai के लिए ऊपर बायीं तरफ बने सिंबल पर क्लिक करें
- एक डॉप मेन्यू खुलेगा. उसमें इंवेस्ट पर क्लिक करें.
- अगले मेन्यू में ‘ओपन डीमैट एंड ट्रेडिंग अकाउंट’ पर क्लिक करें.
- Through SBICap Securities के तहत दिए गए विकल्प ‘ओपन डीमैट एंड ट्रेडिंग अकाउंट’ पर क्लिक करें.
- इसके बाद दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें.
क्या होता है डीमैट और ट्रेडिंग खाता
आपने जिन शेयरों या सिक्योरिटीज (बांड्स, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड यूनिट्स इत्यादि) में निवेश किया है, उन्हें डिजिटल मोड में डीमैट खाते में रखा जाता है. इसके विपरीत ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही डीमैट खाते में रखे सिक्योरिटीज की बिक्री की जा सकती है. ट्रेडिंग खाते के जरिए ही स्टॉक एक्सचेंज पर आप शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए पोजिशंस ले सकते हैं. ब्रोकरेज फर्म अकाउंट ओपनिंग्स के लिए शुल्क लेती हैं.
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- ट्रेडिंग खाते के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट्स क्या हैं?
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