बाजार का रुझान

- गुजरात चुनाव में सट्टा बाजार ने अनुमान लगाया था कि भाजपा जीतेगी और हुआ भी वैसा ही. हां, कांग्रेस की तगड़ी तैयारी को देखते हुए एक बार तो सटोरिए भी घबरा गए थे कि कहीं कांग्रेस ना जीत जाए.
बाजार का रुझान
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विधानसभा चुनाव: सट्टा बाजार के रुझान पोलिटिकल पंडितों को चौंकाने वाले हैं
होम -> सियासत
मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान सट्टा बाजार के दावों ने पहले तो भाजपा के जीतने के इशारे दिए थे, लेकिन चुनाव का दिन नजदीक आते-आते कांग्रेस बाजी मारती दिखने लगी. अब राजस्थान चुनाव में भी कांग्रेस का पलड़ा भारी दिख रहा है. चुनावी नतीजे तो 11 दिसंबर को आएंगे, लेकिन सट्टा बाजार ने ये पहले ही बता दिया है कि कौन जीतेगा. अगर सट्टा बाजार की मानें तो मध्य प्रदेश में तो कांग्रेस का वनवास खत्म होगा ही, साथ ही राजस्थान में भी कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी. अगर राजस्थान के सीकर में चल रहे सट्टा बाजार की बात करें तो 2013 में उसने बहुमत के साथ भाजपा की जीत का अनुमान लगाया था, जो बिल्कुल सही रहा था. और इस बार यहां का सट्टा बाजार कांग्रेस की जीत के दावे कर रहा है.
किसे मिलेंगी कितनी सीटें?
राजस्थान में मुख्य रूप से दो ही राजनीतिक पार्टियों में टक्कर होती है- भाजपा और कांग्रेस. एक बार सत्ता भाजपा को मिलती है तो दूसरी बार ये कांग्रेस के हाथ चली जाती है. यहां सीकर, फालोदी और नोखा में मुख्य सट्टा बाजार हैं, जहां पर चुनावी मौसम आते ही करोड़ों रुपए का सट्टा लगता है. माना जा रहा है कि कांग्रेस बहुमत के साथ जीतेगी. कांग्रेस को 118-122 सीटें मिलने की उम्मीद है, बाजार का रुझान बाजार का रुझान जबकि भाजपा 55-57 सीटों पर जी सकती है. देखा जाए तो भाजपा की हालत पहले से बाजार का रुझान कुछ सुधरी है, क्योंकि दो महीने पहले तक तो सट्टा बाजार मान रहा था कि भाजपा को 47-49 सीटें ही मिलेंगी, जबकि कांग्रेस की झोली में 132-134 सीटें जाएंगी. एक बुकी के अनुसार नेताओं के बयान और पॉलिटिकल डेवलपमेंट के आधार पर सट्टेबाजी के रेट हर दिन बदलते रहते हैं. यानी आने वाले दिनों में इसमें कुछ बदलाव देखे जा सकते हैं. जयपुर का सट्टा बाजार भी दावा कर रहा है कि जयपुर की 9 विधानसभा सीटों में से कम से कम 5 सीटों पर कांग्रेस आसानी से विजय पताका फहरा देगी.
छत्तीसगढ़-तेलंगाना में है ये हाल
अगर बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां पर सटोरिए भाजपा पर भरोसा कर रहे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा को 42-43 सीटें मिलेंगी, जबकि कांग्रेस को 36-37 सीटें मिलेंगी. अजित जोगी के गठबंधन को 7 सीटें मिलने का अनुमान है. यहां दूसरे चरण के मतदान के बाद भाजपा की दावेदारी और मजूबत हो गई है. हर 1 रुपए के सट्टे पर भाजपा के जीतने पर 90 पैसे मिलेंगे, जबकि कांग्रेस के जीतने पर 1.40 रुपए मिलेंगे. वहीं दूसरी ओर, तेलंगाना के सट्टा बाजार में टीआरएस के दोबारा सत्ता में आने का अनुमान लगाया जा रहा है.
सट्टा बाजार में पैसे लगाने वालों की बात तो छोड़िए. उनका फायदा-नुकसान जानने से अधिक जरूरी ये जानना है कि सट्टा बाजार के दावों में कितना दम होता है? क्या वाकई जिस ओर सट्टा बाजार झुकता है, उसी पार्टी की जीत होती है? आइए एक नजर डालते हैं पुराने आंकड़ों पर और जानते हैं सट्टा बाजार के अनुमान सही साबित हुए या गलत-
भारत लकड़ी फर्नीचर उद्योग और लकड़ी फर्नीचर बाजार का दबदबा
भारतीय फर्नीचर उद्योग में उपयोग की जाने वाली लकड़ी के लोकप्रिय प्रकारों में सागौन, चंदन, आबनूस, अखरोट, साल, लाल देवदार और शीशम शामिल हैं। भारत में फर्नीचर बाजार असंगठित क्षेत्र से संगठित उद्योग की ओर बढ़ रहा है ताकि फर्नीचर बाजार में तेजी से बदलाव के अनुकूल हो सके।
भारत में लकड़ी के फर्नीचर बाजार के लिए महत्वपूर्ण राज्य बाजार का रुझान हैं: केरल, पंजाब, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।
स्मार्ट गैजेट्स तक पहुंच और हाई-स्पीड 4 जी नेटवर्क की उपलब्धता जैसी तकनीकी प्रगति के साथ, फर्नीचर आइटम खरीदने के लिए ऑनलाइन वितरण चैनल देश में लोकप्रियता हासिल कर रहा है।
भारत में शहरीकरण और एकल परिवारों की बढ़ती संख्या ने लकड़ी के फर्नीचर उत्पादों की मांग को बढ़ा दिया है।
भारत लकड़ी फर्नीचर उद्योग
भारत लकड़ी फर्नीचर उद्योग के रिपोर्ट का दायरा
भारत में लकड़ी के फर्नीचर बाजार का एक पूर्ण पृष्ठभूमि विश्लेषण, जिसमें खंडों द्वारा उभरते रुझानों का आकलन, बाजार की गतिशीलता में उल्लेखनीय परिवर्तन और बाजार का अवलोकन शामिल है, इस रिपोर्ट में शामिल है।
भारत में लकड़ी के फर्नीचर बाजार में दृढ़ लकड़ी और सॉफ्टवुड, प्लाईवुड, टुकड़े टुकड़े, एमडीएफ और अन्य सामग्री में सामग्री, वितरण चैनल द्वारा ऑफ़लाइन और ऑनलाइन में, आवासीय और वाणिज्यिक में आवेदन द्वारा, और उत्पाद के आधार पर बेडरूम में बांटा गया है, कुर्सी।
रसोई और अन्य उत्पाद यह रिपोर्ट उपरोक्त सभी खंडों के लिए मूल्य (मिलियन अमेरिकी डॉलर) के आधार पर भारत में लकड़ी के फर्नीचर बाजार के लिए बाजार का आकार और पूर्वानुमान प्रदान करती है।
भारत लकड़ी फर्नीचर उद्योग और लकड़ी फर्नीचर बाजार का दबदबा
भारतीय फर्नीचर उद्योग में उपयोग की जाने वाली लकड़ी के लोकप्रिय प्रकारों में सागौन, चंदन, आबनूस, अखरोट, साल, लाल देवदार और शीशम शामिल हैं। भारत में फर्नीचर बाजार असंगठित क्षेत्र से संगठित उद्योग की ओर बढ़ रहा है ताकि फर्नीचर बाजार में तेजी से बदलाव के अनुकूल हो सके।
भारत में लकड़ी के फर्नीचर बाजार के लिए महत्वपूर्ण राज्य हैं: केरल, पंजाब, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।
स्मार्ट गैजेट्स तक पहुंच और हाई-स्पीड 4 जी नेटवर्क की उपलब्धता जैसी तकनीकी प्रगति के साथ, फर्नीचर आइटम खरीदने के लिए ऑनलाइन वितरण चैनल देश में लोकप्रियता हासिल कर रहा है।
भारत में शहरीकरण और एकल परिवारों की बढ़ती संख्या ने लकड़ी के फर्नीचर उत्पादों की मांग को बढ़ा दिया है।
भारत लकड़ी फर्नीचर उद्योग
भारत लकड़ी फर्नीचर उद्योग के रिपोर्ट का दायरा
भारत में लकड़ी के फर्नीचर बाजार का एक पूर्ण पृष्ठभूमि विश्लेषण, जिसमें खंडों द्वारा उभरते रुझानों का आकलन, बाजार की गतिशीलता में उल्लेखनीय परिवर्तन बाजार का रुझान और बाजार का अवलोकन शामिल है, इस रिपोर्ट में शामिल है।
भारत में लकड़ी के फर्नीचर बाजार में दृढ़ लकड़ी और सॉफ्टवुड, प्लाईवुड, टुकड़े टुकड़े, एमडीएफ और अन्य सामग्री में सामग्री, वितरण चैनल द्वारा ऑफ़लाइन और ऑनलाइन में, आवासीय और वाणिज्यिक में आवेदन द्वारा, और उत्पाद के आधार पर बेडरूम में बांटा गया है, कुर्सी।
रसोई और अन्य उत्पाद यह रिपोर्ट उपरोक्त सभी खंडों के लिए मूल्य (मिलियन अमेरिकी डॉलर) के आधार पर भारत में लकड़ी के फर्नीचर बाजार के लिए बाजार का आकार और पूर्वानुमान प्रदान करती है।
विधानसभा चुनाव: सट्टा बाजार के रुझान पोलिटिकल पंडितों को चौंकाने वाले हैं
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मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान सट्टा बाजार के दावों ने पहले तो भाजपा के जीतने के इशारे दिए थे, लेकिन चुनाव का दिन नजदीक आते-आते कांग्रेस बाजी मारती दिखने लगी. अब राजस्थान चुनाव में भी कांग्रेस का पलड़ा भारी दिख रहा है. चुनावी नतीजे तो 11 दिसंबर को आएंगे, लेकिन सट्टा बाजार ने ये पहले ही बता दिया है कि कौन जीतेगा. अगर सट्टा बाजार की मानें तो मध्य प्रदेश में तो कांग्रेस का वनवास खत्म होगा ही, साथ ही राजस्थान में भी कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी. अगर राजस्थान के सीकर में चल रहे सट्टा बाजार की बात करें तो 2013 में उसने बहुमत के साथ भाजपा की जीत का अनुमान लगाया था, जो बिल्कुल सही रहा था. और इस बार यहां का सट्टा बाजार कांग्रेस की जीत के दावे कर रहा है.
किसे मिलेंगी कितनी सीटें?
राजस्थान में मुख्य रूप से दो ही राजनीतिक पार्टियों में टक्कर होती है- भाजपा और कांग्रेस. एक बार सत्ता भाजपा को मिलती बाजार का रुझान है तो दूसरी बार ये कांग्रेस के हाथ चली जाती है. यहां सीकर, फालोदी और नोखा में मुख्य सट्टा बाजार हैं, जहां पर चुनावी मौसम आते ही करोड़ों रुपए का सट्टा लगता है. माना जा रहा है कि कांग्रेस बहुमत के साथ जीतेगी. कांग्रेस को 118-122 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि भाजपा 55-57 सीटों पर जी सकती है. देखा जाए तो भाजपा की हालत पहले से कुछ सुधरी है, क्योंकि दो महीने पहले तक तो सट्टा बाजार मान रहा था कि भाजपा को 47-49 सीटें ही मिलेंगी, जबकि कांग्रेस की झोली में 132-134 सीटें जाएंगी. एक बाजार का रुझान बुकी के अनुसार नेताओं के बयान और पॉलिटिकल डेवलपमेंट के आधार पर सट्टेबाजी के रेट हर दिन बदलते रहते हैं. यानी आने वाले दिनों में इसमें कुछ बदलाव देखे जा सकते हैं. जयपुर का सट्टा बाजार भी दावा कर रहा है कि जयपुर की 9 विधानसभा सीटों में से कम से कम 5 सीटों पर कांग्रेस आसानी से विजय पताका फहरा देगी.
छत्तीसगढ़-तेलंगाना में है ये हाल
अगर बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां पर सटोरिए भाजपा पर भरोसा कर रहे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा को 42-43 सीटें मिलेंगी, जबकि कांग्रेस को 36-37 सीटें मिलेंगी. अजित जोगी के गठबंधन को 7 सीटें मिलने का अनुमान है. यहां दूसरे चरण के मतदान के बाद भाजपा की दावेदारी और मजूबत हो गई है. हर 1 रुपए के सट्टे पर भाजपा के जीतने पर 90 पैसे मिलेंगे, जबकि कांग्रेस के जीतने पर 1.40 रुपए मिलेंगे. वहीं दूसरी ओर, तेलंगाना के सट्टा बाजार में टीआरएस के दोबारा सत्ता में आने का अनुमान लगाया जा रहा है.
सट्टा बाजार में पैसे लगाने वालों की बात तो छोड़िए. उनका फायदा-नुकसान जानने से अधिक जरूरी ये जानना है कि सट्टा बाजार के दावों में कितना दम होता है? क्या वाकई जिस ओर सट्टा बाजार झुकता है, उसी पार्टी की जीत होती है? आइए एक नजर डालते हैं पुराने आंकड़ों पर और जानते हैं सट्टा बाजार के अनुमान सही साबित हुए या गलत-