ट्रेडिंग के प्रकार

Trading kya hai? Trading कितने प्रकार का होता है? पूरी जानकारी हिंदी में ।
आखिर Trading kya hai ? यह सवाल ज्यादातर स्टॉक मार्केट में आए नए लोगों को बहुत परेशान करता है आजकल स्टॉक मार्केट में कई नए small ratailers आ रहे हैं और वे लोग ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट मैं अंतर को नहीं समझ पा रहे हैं तो आइए आज हम ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट के बारे में इस लेख में पूरा विस्तार से समझते हैं यदि आप स्टॉक मार्केट में नए हैं तो आपको ट्रेडिंग क्या है और इन्वेस्टमेंट क्या है इनके बारे में संपूर्ण ज्ञान होना चाहिए और इस पोस्ट में मैं आपको यही बताने की पूरी कोशिश करूंगा तो आप सभी इस पोस्ट को ध्यान से अंत तक जरूर पढ़ें।
ट्रेडिंग क्या है? Trading Kya Hai?
ट्रेडिंग का हिंदी मतलब होता है व्यापार आसान शब्दों में कहें तो ट्रेडिंग का मतलब होता है खरीदने और बेचने का व्यापार यानी कि किसी वस्तु या सेवा हो कम दामों में खरीद कर अधिक दामों में बेचना और उससे मुनाफा प्राप्त करना व्यापार या ट्रेडिंग कहलाता है।
TRADING KYA HAI
स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग क्या है?
स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग भी इसी प्रकार का होता है परंतु इसने लोग किसी वस्तु या सेवा को नहीं खरीदते या बेचते बल्कि स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग के लिए लोग बड़े-बड़े कंपनियां व छोटे कंपनियों के शेयर को खरीदकर व उन्हें बेचकर मुनाफा प्राप्त करते हैं स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग कि समय अवधि 1 साल की होती है इसका मतलब यह हुआ कि 1 साल के अंदर किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदने व बेचने में हुए मुनाफे को स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग कहते हैं यदि वह 1 साल के समय अवधि से अधिक हो गया तो उसे ट्रेडिंग नहीं इन्वेस्टिंग कहा जाता है
उदाहरण के तौर पर यदि हम किसी भी कंपनी का शेयर खरीद रहे होंगे तो कोई दूसरा व्यक्ति उसी कंपनी के शेयर को बेच रहा होगा तथा उससे वह मुनाफा व नुकसान प्राप्त कर रहा होगा ।
चलिए हम अपने डैली लाइफ में उसे करके आपको बताते हैं यदि हम किसी सब्जी मंडी में जाते हैं और ₹50 की कोई सब्जी लाते हैं और उसी को ₹60 में किसी कस्टमर को बेच देते हैं और रोजाना यही काम करते हैं तो यह ट्रेडिंग कहलाता है।
ठीक इसी प्रकार से स्टॉक मार्केट में भी होता है जब कोई व्यक्ति किसी कंपनी का शेयर कम दामों में खरीदता है तथा उसका दाम बढ़ने पर अधिक दामों में बेच देता है तथा वह उससे कुछ मुनाफा प्राप्त कर लेता है वह उसे 1 साल के समय अवधि के अंदर बेच देता है तो उसे ट्रेडिंग कहते हैं।
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग को काफी रिस्की कहते हैं क्योंकि इसमें कोई नहीं जानता कि शेयर के भाव का Movment कैसा होगा| अगर शेयर से जुड़ी कुछ अच्छी खबर आए तो शेयर के भाव में तेजी दिखाई देगी और जब शेयर से जुड़ी कोई बुरी खबर है तो उस Share के प्राइस में मंदी दिखाई देगी ।
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं ?
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग चार प्रकार के होते हैं
- Scalping Trading
- Intraday Trading
- Swing Trading
- Positional Trading
scalping ट्रेडिंग क्या है ?
Scalping ट्रेडिंग वह trading है जिसमें ट्रेडर कंपनी के शेयर को कुछ सेकण्ड और कुछ मिनटों के लिए ही खरीदता है और बेचता है तथा उससे मुनाफा प्राप्त करता है। ऐसे ट्रेडर को Scalpers कहा जाता है और आपको यह बता दूं कि यह ट्रेडिंग बहुत ही ज्यादा रिस्की होता है
Intraday ट्रेडिंग क्या हैं ?
Intraday trading वह trade है जिसमें कंपनी के शेयर को एक ही दिन में खरीदा तथा बेचा जाए। मतलब यह हुआ कि वह trade जिसमे trader मार्किट सुबह(9:15 AM) खुलने के बाद कंपनी के शेयर को खरीद लेते हैं तथा मार्केट बंद(3:30 PM) होने से पहले उसे बेच देते हैं Intraday ट्रेडिंग कहते है। यह ट्रेडिंग Scalping ट्रेडिंग से थोड़ा कम रिस्की होता है।
Swing trading क्या है ?
Swing trading यह Scalping और Intraday दोनो से अलग है यह कुछ दिनों और कुछ हप्तों के लिये किया जाता है। लेकिन इसमें भी शेयर को खरीदना और बेचना मार्केट खुलने और बंद होने के बीच में ही किया जाता है।
इसमें ट्रेडर किसी भी कंपनी के शेयर को कम दामों में खरीदता है तथा उसे कुछ दिनों व कुछ हप्तों के लिए Hold कर रखता है तथा प्राइस बढ़ने पर उसको बेच देता है तथा मुनाफा प्राप्त कर लेता है। इसमें ट्रेडर को पूरे दिन चार्ट देखने की आवश्यकता नहीं होती है ।यह उन लोगों के लिए है जो जॉब में है व स्टूडेंट है तथा शेयर मार्केट से पैसा कमाना चाहते हैं।
positional trading क्या है ?
Positional trading वह trade है जिसमे शेयर को कुछ महीनों के लिए Hold कर के रखा जाता है तथा इसमे मार्किट के छोटे-मोटे up-down से trader को कुछ फर्क नही पड़ता है यह लंबे समय के लिये होता है तथा यह सबसे कम रिस्की होता है इसमें मार्किट के long term movement को कैप्चर करने के लिये किया जाता है।
Trading और Investment में अंतर
1.Trading में शेयर को (Sort term) छोटे अवधि के लिये खरीदा जाता है और, Investment में शेयर को (long term)लंबे अवधि के लिये खरीदा जाता है।
2.Trading करने वाले को Traders और Investment करने वाला को Investors कहते हैं।
3.Trading करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस का ज्ञान होना चाहिए और इन्वेस्टमेंट करने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस की जानकारी होनी चाहिए।
4.Trading की अवधि 1 साल की होती है और वही Investment की अवधि 1 साल से अधिक होती है।
5.Trading छोटे अवधि के मुनाफे के लिये किया जाता है और Investment लंबे अवधि के मुनाफे के लिये किया जाता है।
Trading के फायदे और नुकसान
ट्रेडिंग छोटे अवधि में अधिक पैसा कमाने के लिए किया जाता है ,जबकि long term (लंबे समय) से इसकी तुलना करें तो यह नुकसानदायक है।
क्योंकि मार्केट गिरने से हम शेयर को टॉप पर ही बेच देते हैं जबकि मार्केट नीचे आने के तुरंत या कुछ समय बाद उतनी ही तेजी से ऊपर जाता है और लंबे समय में होने वाले अधिक प्रॉफिट पानी से हम वंचित रह जाते हैं ।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कैसे कर सकते हैं ?
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग व इन्वेस्टिंग करने के लिए हमे शेयर मार्केट का ज्ञान ट्रेडिंग के प्रकार होना चाहिए तथा हमें टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस का भी जानकारी होना चाहिए सबसे महत्वपूर्ण बात ट्रेडिंग करने के लिए हमें एक अकाउंट की आवश्यकता होती है जिसे डिमैट अकाउंट कहते हैं।
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आज हमने क्या सीखा ?
आज हमने सीखा कि Trading Kya Hai? स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते हैं व हम Trading कैसे कर सकते हैं तथा ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान क्या है।
मुझे उम्मीद है कि आपको मेरी यह लेख Trading kya hai पसंद आई होगी । इसे पढ़कर Trading से जुड़े सारे सवालों के जवाब आपको मिल गए होंगे और मैंने पूरी कोशिश की है कि आपके मन में Trading Kya Hai Hindi me से लेकर जो सवाल है वो सब इस पोस्ट के माध्यम से आप तक पहुँचा सकूँ।
यदि आपके मन में कुछ सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में अपने सवाल पूछ सकते है मैं आपके सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करूंगा और इस पोस्ट को जितना हो सके उतना शेयर करें ताकि सभी लोगों को Trading व स्टॉक मार्केट और उससे जुड़ी सभी जानकारियां आप सभी तक पहुंचते रहें और आप सभी अपना प्यार ऐसे ही बनाए रखें।
Insider Trading- इनसाइडर ट्रेडिंग
इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होती है?
इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) किसी पब्लिक कंपनी के स्टॉक में किसी व्यक्ति द्वारा जिसके पास किसी भी कारण से उस स्टाॅक के बारे में नॉन-पब्लिक, मैटेरियल इंफॉर्मेशन है, ट्रेडिंग किए जाने से संबंधित होती है। इनसाइडर ट्रेडिंग वैध भी हो सकती है और अवैध भी जो इस बात पर निर्भर करती है कि इनसाइडर कब ट्रेड करता है। यह तब अवैध होती है जब मैटेरियल इंफॉर्मेशन नॉन-पब्लिक ही होता है। इनसाइडर ट्रेडिंग के कड़े दुष्परिणाम होते हैं।
मुख्य बातें
- इनसाइडर ट्रेडिंग सार्वजनिक रूप से ट्रेड करने वाली किसी पब्लिक कंपनी के स्टॉक में किसी व्यक्ति द्वारा जिसके पास किसी भी कारण से उस स्टॉक के बारे में नॉन-पब्लिक, मैटेरियल इंफॉर्मेशन है, खरीद या बिक्री करना है।
- मैटेरियल नॉन-पब्लिक इंफॉर्मेशन ऐसी सूचना होती है जो निवेशक के ऐसी सिक्योरिटी बेचने या खरीदने के निर्णय पर उल्लेखनीय प्रभाव डाल सकती है, जिसे अभी तक आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं किया गया है।
- ट्रेडिंग का ट्रेडिंग के प्रकार यह रूप अवैध होता है और संभावित आर्थिक दंड और जेल सहित इसके लिए सख्त सजा हो सकती है।
इनसाइडर ट्रेडिंग को समझना
अमेरिका का सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) इनसाइडर ट्रेडिंग की व्याख्या इस प्रकार करता है: ‘सिक्योरिटी के बारे में विश्वास संबंधी कर्तव्य या मैटेरियल नॉन-पब्लिक इंफॉर्मेशन के आधार पर भरोसे एवं विश्वास के अन्य संबंध के उल्लंघन में किसी सिक्योरिटी को बेचना या खरीदना।' मैटेरियल इंफॉर्मेशन ऐसी सूचना होती है जो सिक्योरिटी के बेचने या खरीदने के निर्णय पर उल्लेखनीय प्रभाव डाल सकती है। नॉन-पब्लिक इंफॉर्मेशन ऐसी सूचना होती है जो आम जनता को कानूनी रूप से उपलब्ध नहीं है। ऐसे किसी व्यक्ति जिसके पास भीतरी सूचना तक पहुंच है, को अन्य निवेशकों की तुलना में एक अनुचित लाभ हासिल है जिसे इसकी सुविधा प्राप्त नहीं है और वह अन्य समान निवेशकों की तुलना में अनुचित लाभ कमा सकता है। अवैध इनसाइडर ट्रेडिंग में दूसरे को इस प्रकार की अवैध गुप्त सूचना देना भी शामिल है।
Trading क्या है? Stocks में कितने प्रकार की होती है? हिंदी में(2022)
आप आप में से बहुत लोगों ने कभी ना कभी अखबारों में न्यूज़ चैनल में मैगजीन में या यूट्यूब पर या फिर किसी वेबसाइट पर शेयर बाजार तथा trading के बारे में जरूर सुना होगा । जिसमें किस तरह बताया जाता है कि आप शेयर बाजार से पैसा कमा सकते हैं। आपने कभी न कभी सुना होगा कि अमीर लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं जिसके कारण वह और अमीर होते जाते हैं। परंतु किसी आम आदमी के पास इतना पैसा नहीं होता कि वह इसमें शुरुआत में इन्वेस्टिंग कर सके तो वह कुछ ही समय में पैसा कमाना चाहता है जिसके लिए वह ट्रेडिंग करता है।आज के इस ब्लॉग के माध्यम से मैं आपको बताऊंगा की ट्रेडिंग क्या होती है तथा ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते हैं । शेयर बाजार मैं शुरुआत करें तो आपको यह क्लियर हो।
Table of Contents
ट्रेडिंग क्या होती है?
Trading शब्द का उपयोग व्यापार में प्राचीन काल से होता आ रहा है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है किसी वस्तु का या किसी उत्पाद का विनिमय करके लाभ प्राप्त करना । अर्थात् जब व्यापारी किसी उत्पाद(product) या वस्तु को कम मूल्य पर खरीदकर अधिक मूल्य पर बेच दे उसे trading कहा जाता है।
शेयर बाजार मैं ट्रेडिंग का अर्थ होता है उसमें लिस्टेड कंपनियों में खरीदी तथा बिक्री करना इसकी समय सीमा 1 दिन से लेकर 1 साल तक होती है अर्थात यदि आप कोई कंपनी के शेयर 1 दिन से लेकर 1 साल तक अपने पास रखते हैं तो कह सकते हैं कि आप उसमे ट्रेडिंग कर रहे हैं। जिसमें कंपनी का शेयर ही उसका उत्पाद होता है जिसमें लेनदेन का काम किया जाता है।
उदाहरण के रूप में हम इसे इस तरीके से समझ सकते हैं कि रिलायंस नाम की कंपनी है जिसका शेयर प्राइस ₹2000 है। एक व्यक्ति जिसका नाम प्रतीक है वह उसके शेयरों को खरीदता है तथा जब शेयर की कीमत 2500 रुपए हो जाती है तो वह उसे बेच देता है तथा उस पर ₹500 का लाभ अर्जित करता है तो हम कह सकते हैं कि उसने उस कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग के प्रकार ट्रेडिंग करके यह पैसे कमाए हैं।
शेयर मार्केट मैं ट्रेडिंग बिना कंपनी के फंडामेंटल को समझें केबल प्राइस के आधार पर की जाती है जिसमें जैसे ही प्राइस बढ़ता है हम शेयर बेचकर पैसे कमा सकते हैं।
इस प्रकार की trading में चार्ट का महत्वपूर्ण स्थान होता है । क्योंकि इस प्रकार की ट्रेडिंग में चार्ट के विभिन्न पैटर्नो का अध्ययन किया जाता है।
जिसमें कंपनी के फंडामेंटल को समझें बिना केवल चार्ट के आधार पर ट्रेडिंग की जाती है ।चार्टों के इस प्रकार के अध्ययन को tecnical analysis कहते है।
ट्रेडिंग के प्रकार
ट्रेडिंग को मुख्यतः 4 प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं।
- Scalping
- Intraday trading
- Swing trading
- Positional trading
Scalping trading क्या होती है।
Scalping से तात्पर्य उस प्रकार की ट्रेडिंग से है जिसमे किसी कंपनी के शेयरों को कुछ समय के लिए खरीदा जाता है तथा फिर उसे बेच दिया जाता है ।
Scalping की समय सीमा 1मिनट से लेकर 15 मिनट तक होती है । इसमें लाभ उस समय के बीच मार्केट में हुए उतार चढ़ाव के आधार पर की जाती है।
Scalping मार्केट में 9:15 से लेकर 9:20 के बीच कभी भी की जा सकती है। इस समय के दौरान आप मार्केट में ट्रेड करके पैसा बना सकते हैं।
Intraday trading क्या होती है?
वह ट्रेडिंग जिसमे किसी कम्पनी के शेयर्स को 1 दिन के के लिए खरीदा तथा बेचा जाता है intraday trading कहलाती है। जो buyers तथा sellers इसमें सक्रिय रूप से trading करते है उन्हे intraday traders कहा जाता है।
Intraday trading की समय सीमा एक दिन के भीतर कितनी भी हो सकती है परंतु यह trading केवल 9:15 से 3:20 तक के बीच मे ही की जा सकती है यदि आप अपने शेयर्स 3:20 तक नहीं बेचते हो तो आपका स्टॉक ब्रोकर्स इन्हे सेल कर देगा ।
इस प्रकार की trading में चार्ट का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता है क्योंकि चार्ट में मार्केट के छोटे से लेकर बड़े उतार चढ़ाव का ब्यौरा होता है चार्ट के अध्ययन के लिए इसमें बहुत सारे tools होते हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग से अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं।
Swing trading क्या होती है?
Swing trading से मार्केट में बहुत सारे लोगों ने पैसा बनाया है। एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जिसमें किसी कंपनी के शेयरों को 1 दिन से अधिक समय के लिए रखा जाता है यह समय एक हफ्ता एक महीना तथा 1 साल तक हो सकता है।
Swing trading में भी चार्ट बहुत अधिक महत्वपूर्ण है इसमें दिए गए विभिन्न टाइम फ्रेम का यूज करके आप मार्केट में आए स्विंग का पता लगा सकते हैं और वहां से पैसा बना सकते हैं।
यह ट्रेडिंग इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें आपको किसी शेयर में बढ़ोतरी के लिए अधिक समय मिल जाता है।
Positional trading क्या होती ट्रेडिंग के प्रकार है?
पोजीशनल ट्रेडिंग स्विंग ट्रेडिंग का एक प्रकार है जिसमें शेयरों को एक से अधिक दिन के लिए रखा जाता है परंतु यदि स्वयं ट्रेडिंग 1 महीने से अधिक के लिए हो जाती हैं तो उसे हम पोजीशनल ट्रेडिंग कह सकते हैं। पोजीशनल ट्रेडिंग में कंपनी के शेयरों को 1 महीने से 1 साल तक के लिए होल्ड किया जाता है तथा चार्ट की मदद से मार्केट में आए उतार-चढ़ाव के आधार पर ट्रेडिंग की जाती है।
आशा करता हूं कि आज के ब्लॉग के माध्यम से आपको ट्रेडिंग क्या होती है तथा यह कितने प्रकार ट्रेडिंग के प्रकार की होती है समझ में आ गया होगा। जिससे आप जब भी शेयर बाजार में शुरुआत करें आपको इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी रहे।
आपको यह ब्लॉग पसंद आया हो या किसी तरह के finace या शेयर बाजार से संबंधित सवाल हो तो हमे comment करके बता सकते है हम आपको पूरी मदद करेंगे ।
Trading क्या होती है?
किसी व्यापार में ट्रेडिंग का तात्पर्य किसी वस्तु या उत्पाद को कम कीमत पर खरीद कर उसे ऊंचे दाम पर बेचकर लाभ प्राप्त करने को कहते हैं।
शेयर बाजार में उत्पाद की जगह कंपनी के शेयरों को खरीदा तथा बेचा जाता है।
Trading के कितने प्रकार होते है
ट्रेडिंग मुख्यतः चार प्रकार की होती है
Scalping, intraday trading, swing trading,तथा positional trading ।
क्या ट्रेडिंग से रेगुलर इनकम बनाई जा सकती है?
शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर के आप रेगुलर इनकम बना सकते हैं बहुत सारे ऐसे लोग हैं जिन्होंने इसे करके रेगुलर इनकम बनाई है परंतु इसमें पैसे कमाने के लिए आपको discipline के साथ यह करनी होगी तभी आप इसमें सफल हो सकते हो ।
स्विंग ट्रेडिंग क्या है | Swing Trading Kya Hai
स्विंग ट्रेडिंग के बारे में एक बात जान लो कोई स्टॉक लगातार अगर गिर रहा है और स्टॉक के फंडामेंटल अच्छे हैं तो आप चेक कर सकते हे कि वह स्टॉक कहा से पलट सकता है। जहा से रिवर्सल आ रहा है उस स्टॉक को हम ले सकते हे।शेयर बाजार में समय के आधार पर 3 तहर के ट्रेडिंग होते जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग ( 1 दिन के अंदर) , स्विंग ट्रेडिंग ( < 1 महीना ) और पोजिशनल ट्रेडिंग ( > 1 महीना ) । आप डेरिवेटिव्स में फ्यूचर और ऑप्शन कॉन्ट्रक्ट ख़रीद कर स्विंग ट्रेडिंग कर सकते है।आपको अच्छे से फ्यूचर और ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में जानने केलिए नीच दिए गए लेक को पढ़े।
इक्विटी बाजार में ट्रेडिंग 2 सेगमेंट होते है
1) कैश ट्रेडिंग
इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप मॉर्निज के बिना आपके खुदके पैसों ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप शेयर की दिलीविरी लेकर खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत कम रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम भी बहोत कम होता है। शेयर बाजार में पेशे आदर ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग नहीं करते है । इसमें लेवल लघु समय ( < 1 वर्ष ) के निवेशक ट्रेडिंग करते है।
2) डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग
इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप ब्रोकर मॉर्निज पैसों के साथ आपके ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप स्टॉक ( ITC , HDFC , Reliance ) , करेंसी ( USD/INR ) , इंडेक्स ( NIFTY 50 / SENSEX ) और कमोडिटी ( Cruid Oil , Gold , Silver ) की दिलीविरी लिए बिना खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत ज्यादा रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम बहोत ज्यादा होता है। शेयर बाजार में पेशेदार ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग करते है ।
डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग 2 तरह के होते है ट्रेडिंग के प्रकार
a) फ्यूचर ट्रेडिंग
शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हे, कोई भी फिक्स प्राइस पर।
b) ऑप्शन ट्रेडिंग
शेयर बाजार मेंहर दिन शेयर और इंडेक्स की मूल्य ऊपर नीचे होते रहता है । इस में अगर आप किसी शेयर को भबिष्य के किसी निधारित मूल्य (strick price) में बेचना और ख़रीदना हो तो आपको किसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है । इस को आसान भासा में स्टॉक हेजिंग कहे ते है इस के निबेश की रिस्क कम होजा ता है । सभी कॉन्ट्रैक्ट का एक निधारित समय सीमा होता है । इसी कॉन्ट्रैक्ट (Option) को बेचना और खरीदना को option trading कहते है ।
ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?
बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।
1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक