इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य 2023

डीआईपीपी ने बी2बी ई-कॉमर्स में 100% एफडीआई के लिए दिशानिर्देश अधिसूचित किया
इसका उद्देश्य ई-कारोबार क्षेत्र में विदेशी निवेश के संदर्भ में अधिक स्पष्टता लाना और अतिरिक्त विदेशी निवेश को आकर्षित करना है.
केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने 29 मार्च 2016 बी2बी ई-कॉमर्स में स्वतत: माध्यईम से 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के सन्दर्भ में दिशानिर्देश अधिसूचित किए.
इसका उद्देश्य ई-कारोबार क्षेत्र में विदेशी निवेश के संदर्भ में अधिक स्पष्टता लाना और अतिरिक्त विदेशी निवेश को आकृष्टर करना है.
यह दिशानिर्देश समेकित एफडीआई नीति परिपत्र 2015 के अंतर्गत अधिसूचित किया गया.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• किसी भी वस्तु एवं सेवाओ की डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के माध्यम से ख़रीदे या बेचे जाने की प्रक्रिया को ई-कारोबार या ई-कॉमर्स कहते है.
• ई-करोबार खुदरा व्याोपार के बाजार मॉडल में स्वेत: माध्यहम से 100% प्रत्यनक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दी गयी है.
• भंडारण (inventory) पर आधारित ई-कारोबार के मॉडल में प्रत्य क्ष विदेशी निवेश को मंजूरी नहीं दी गई है.
• इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य 2023 इस फैसले से अमेजन और ईबे जैसी विदेशी कंपनियों के अलावा फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसी घरेलू कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा.
• ई-कॉमर्स मार्केट प्लेस विक्रेता को भंडारगृह, लॉजिस्टिक्स, ऑर्डर को पूरा करने, कॉल सेंटर, भुगतान लेने और अन्य सेवाओं के रूप में सपोर्ट सेवाएं उपलब्ध करा सकते हैं हालांकि, इस तरह की इकाइयों का इन्वेंटरी पर स्वामित्व का अधिकार नहीं होगा.
• ई-कॉमर्स कंपनी को अपने मार्केट प्लेस पर किसी एक वेंडर या अपने समूह की कंपनी को कुल बिक्री का 25 प्रतिशत से अधिक करने की अनुमति नहीं होगी.
टिप्पणी
इससे भारतीय बाजार में ई-कॉमर्स मार्केटप्लेट की बदलाव लाने की भूमिका को पहचाना गया है. यह एक वृहद घोषणा है जिससे क्षेत्र के विकास को तेज किया जा सकेगा.
एक वेंडर के लिए 25 प्रतिशत बिक्री की सीमा से मार्केटप्लेस पर वेंडरों का आधार व्यापक हो सकेगा.
भारत का ई-कॉमर्स क्षेत्र तेजी से आगे बढ़ रहा है और यह 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज कर रहा है. 2016 तक यह क्षेत्र 38 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा और इसके 2020 तक 50 अरब डॉलर के आंकड़े को छू जाने की उम्मीद है.
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India's Exports Rise: नवंबर में निर्यात 27 फीसदी बढ़कर हुआ 30.04 अरब डॉलर, व्यापार घाटे में भी हुआ इजाफा
India's Exports in November: देश का निर्यात नवंबर में 27.16 फीसदी बढ़कर 30.04 अरब डॉलर पर पहुंच इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य 2023 गया. सरकार की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है.
By: पीटीआई, एजेंसी | Updated at : 14 Dec 2021 09:41 PM (IST)
इंडिया का एक्सपोर्ट (फाइल फोटो)
India's Exports And Trade Deficit: देश का निर्यात नवंबर में 27.16 फीसदी बढ़कर 30.04 अरब डॉलर पर पहुंच गया. सरकार की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. मुख्य रूप से पेट्रोलियम उत्पाद, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक सामान क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन की वजह से निर्यात बढ़ा है. नवंबर, 2020 में निर्यात 23.62 अरब डॉलर रहा था. आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में आयात 56.58 फीसदी के उछाल से 52.94 अरब डॉलर पर पहुंच गया. एक साल पहले समान महीने में आयात 33.81 अरब डॉलर रहा था.
नवंबर में व्यापार घाटा 22.91 अरब डॉलर
आपको बता दें माह के दौरान सोने का आयात करीब 40 फीसदी के उछाल के साथ 4.22 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले समान महीने में 3.02 अरब डॉलर रहा था. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर में व्यापार घाटा 22.91 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले समान महीने में 10.19 अरब डॉलर था.
अप्रैल-नवंबर में 51.34 फीसदी बढ़ा निर्यात
चालू वित्त वर्ष के पहले आठ माह अप्रैल-नवंबर में वस्तुओं का निर्यात 51.34 फीसदी बढ़कर 263.57 अरब डॉलर पर पहुंच गया. इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह आंकड़ा 174.16 अरब डॉलर रहा था. वित्त वर्ष के पहले आठ माह में आयात 74.84 फीसदी के उछाल के साथ 384.34 अरब डॉलर रहा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 219.82 अरब डॉलर था.
व्यापारा घाटा 164 फीसदी बढ़ा
मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल-नवंबर में व्यापार घाटा 164.49 फीसदी बढ़कर 120.76 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 45.66 अरब डॉलर रहा था. नवंबर में पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात सालाना आधार पर 154.22 फीसदी बढ़कर 3.95 अरब डॉलर रहा. इंजीनियरिंग सामान का निर्यात 37 फीसदी बढ़कर आठ अरब डॉलर रहा.
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इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात बढ़ा
आंकड़ों के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात नवंबर, 2020 के 1.12 अरब डॉलर से बढ़कर समीक्षाधीन महीने में 1.45 अरब डॉलर हो गया, जो 29.83 फीसदी की वृद्धि है. आयात की बात की जाए, तो कोयला, कोक और ब्रिकेट्स का आयात नवंबर में 135.81 फीसदी बढ़कर 3.57 अरब डॉलर रहा. पेट्रोलियम, कच्चे तेल और उत्पादों का आयात भी 132.43 फीसदी बढ़कर 14.67 अरब डॉलर हो गया.
वनस्पति तेल का आयात बढ़ा
वनस्पति तेल का आयात 78.82 फीसदी बढ़कर 1.75 अरब डॉलर पर पहुंच गया. नवंबर, 2021 के लिए सेवाओं के निर्यात का अनुमानित मूल्य 20.33 अरब डॉलर था, जो पिछले साल के इसी महीने के 17.39 अरब डॉलर से 16.88 फीसदी अधिक है. सेवाओं के आयात का अनुमानित मूल्य 11.81 अरब डॉलर रहा. यह नवंबर, 2020 के 9.78 अरब डॉलर की तुलना में 20.71 फीसदी की वृद्धि है.
नवंबर में कुल निर्यात 50.36 अरब रहा
नवंबर में भारत का कुल निर्यात 50.36 अरब अमेरिकी डॉलर रहा, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 22.80 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है. नवंबर में गैर-पेट्रोलियम और गैर-रत्न और आभूषण निर्यात 22.26 फीसदी बढ़कर 23.68 अरब डॉलर हो गया. गैर-पेट्रोलियम, गैर-रत्न और आभूषण (सोना, चांदी और कीमती धातु) का आयात 31.82 डॉलर रहा. यह नवंबर, 2020 के 22.63 अरब डॉलर से 40.64 फीसदी अधिक है.
Published at : 14 Dec 2021 09:41 PM (IST) Tags: India import trade deficit exports business news in hindi Merchandise India's Exports India's Exports in november India's Exports in november 2021 trade deficit hike हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
अप्रैल में 30.7 प्रतिशत बढ़ा एक्सपोर्ट, इन सेक्टर्स ने किया अच्छा प्रदर्शन; जानें कितना रहा व्यापार घाटा
India's merchandise exports: समीक्षाधीन माह (Month under review) में देश का व्यापार घाटा बढ़कर 20.11 अरब डॉलर पर पहुंच गया. वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
आयात भी 30.97 प्रतिशत बढ़कर 60.3 अरब डॉलर हो गया. (फोटो: रॉयटर्स)
India's merchandise exports: पेट्रोलियम प्रोडक्ट, इलेक्ट्रॉनिक सामान और केमिकल जैसे सेक्टर्स के अच्छे प्रदर्शन के कारण अप्रैल में देश का उत्पाद निर्यात (Merchandise exports) 30.7 प्रतिशत बढ़कर 40.19 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया. वाणिज्य मंत्रालय ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. वहीं समीक्षाधीन माह (Month under review) में देश का व्यापार घाटा बढ़कर 20.11 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
30.97 प्रतिशत बढ़ा इंपोर्ट
इस दौरान आयात 30.97 प्रतिशत बढ़कर 60.3 अरब डॉलर हो गया. इससे पहले अप्रैल 2021 में व्यापार घाटा 15.29 अरब डॉलर रहा था. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘पिछले वित्त वर्ष में रिकॉर्ड प्रदर्शन के बाद अप्रैल 2022 में भी निर्यात में मजबूत वृद्धि रही वस्तुओं का निर्यात 40 अरब डॉलर को पार कर एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया.’’
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20.2 अरब डॉलर हुआ पेट्रोलियम, क्रूड का इंपोर्ट
समीक्षाधीन माह में पेट्रोलियम और कच्चे तेल का इंपोर्ट 87.54 प्रतिशत बढ़कर 20.2 अरब डॉलर हो गया. कोयला, कोक और ब्रिकेट्स (कोयले की ईंट) का इंपोर्ट बढ़कर 4.93 अरब डॉलर हो गया जो अप्रैल 2021 में दो अरब डॉलर था. हालांकि, अप्रैल 2022 में सोने का आयात लगभग 72 प्रतिशत घटकर 1.72 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया, जो अप्रैल 2021 में 6.23 अरब डॉलर था.
इंजीनियरिंग सामानों का निर्यात 15.38 फीसदी बढ़कर 9.2 अरब डॉलर हो गया, जबकि पेट्रोलियम उत्पादों का निर्यात 113.21 फीसदी बढ़कर 7.73 अरब डॉलर हो गया. मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल 2022 में सर्विसेस के निर्यात का अनुमानित मूल्य 27.60 अरब अमेरिकी डॉलर है, जो अप्रैल 2021 की तुलना में 52.87 प्रतिशत अधिक है. इस दौरान सेवाओं का आयात 61.87 प्रतिशत बढ़कर 15.57 अरब डॉलर हो गया.
Budget 2022: MSME के लिए 5 साल के 6 हजार करोड़ के प्रोग्राम
Budget 2022: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट आज यानी 1 फरवरी 2022 को पेश कर दिया है. बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने चौथी बार आम बजट (Union Budget 2022-23) को पेश किया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को पहली बार आम बजट (Budget 2022-23) पेश किया था. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार के बजट में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, टैक्स, उद्योग और आम जनजीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण ऐलान किए हैं.
वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट में हुए बड़े ऐलान
- वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट में वित्त मंत्री ने कहा था कि उद्योग एवं वाणिज्य के विकास व संवर्धन के लिए वित्त वर्ष 2020-21 में 27,300 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. समग्र रूप से सुविधा प्रदान करने के लिए एक निवेश मंजूरी प्रकोष्ठ स्थापित किया जाएगा.
- 2021-22 के बजट में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) व्यवस्था के तहत राज्यों के साथ सहयोग से 5 नवीन ‘स्मार्ट सिटी’ विकसित करने का प्रस्ताव किया गया था
- पिछले बजट में मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण एवं सेमी-कंडक्टर पैकेजिंग के निर्माण को प्रोत्साहित करने के इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य 2023 लिए भी एक योजना का प्रस्ताव किया गया था
- 2021-22 के आम बजट में वित्त मंत्री ने बीमा क्षेत्र में स्वीकार्य एफडीआई सीमा 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने और आवश्यक सुरक्षा के साथ विदेशी स्वामित्व एवं नियंत्रण की अनुमति देने के लिए बीमा अधिनियम, 1938 में संशोधन का प्रस्ताव किया था
- पिछले बजट में ऐलान किया गया था कि बीमा क्षेत्र में नई संरचना के तहत बोर्ड में कम से कम 50 प्रतिशत निदेशक स्वतंत्र निदेशक होते हुए ज्यादातर निदेशक और प्रबंधन से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्ति भारतीय होंगे
- वित्त मंत्री ने पिछले बजट में ऐलान किया था कि वित्त वर्ष 2021-22 में बीपीसीएल, एयर इंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल, पवन हंस और नीलांचल इस्पात निगम लिमिटेड सहित सार्वजनिक क्षेत्र के कई उद्यमों का विनिवेश पूरा कर लिया जाएगा
- पिछले बजट में सरकार ने आईडीबीआई बैंक के अलावा सार्वजनिक क्षेत्र के दो अन्य बैंकों और एक साधारण बीमा कंपनी का निजीकरण भी वर्ष 2021-22 में पूरा करने का प्रस्ताव दिया था
- सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के आम बजट में भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ लाने की घोषणा की थी