पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है?

Published - Tuesday, 15 November, 2022
कंपनी का मैनेजमेंट एनालिसिस कैसे करे ? – पोर्टफोलियो फंडामेंटल एनालिसिस टिप्स हिंदी में
आज के इस लेख में हम जानेंगे “मैनेजमेंट एनालिसिस” के बारे में, अगर छोटे शब्दों में समझे तो हम कह सकते हैं कि कंपनी का मैनेजमेंट एनालिसिस – कंपनी के मैनेजमेंट सिस्टम को परखना.
अगर आपका कोई दोस्त आपसे कहता है कि मुझे बिज़नस करने के लिए या किसी और वजह से पैसो की ज़रुरत है तो आप पहले दो चीजों पर गौर फरमाइए-
- नंबर एक ⇒ उसकी एबिलिटी (कहने के अर्थ है कि क्या वो आपके पैसे चूका सकता है ?)
- नंबर दो ⇒ आनेस्टी (यानिकी इमानदारी|)
इमानदारी को परखना बहुत ज्यादा ज़रूरी है क्यूंकि अगर वो इमानदार नहीं हुआ तो समय आने पर अगर आप पैसे मांगेंगे तो शायद उसके पास पैसे होते हुए भी वो आपको पैसे ना दे|
लेकिन अगर आपका दोस्त इमानदार है तो यक़ीनन ही वो आपके पैसे समय पूर्व होने से पहले लौटा देगा.
स्टॉक मार्किट में भी यही दो चीज़े नोटिस की जाती है कि आप जिस कंपनी में इन्वेस्ट करने जा रहे हो उसका मैनेजमेंट Able और Honest होना चाहिए, जो कंपनी के ग्रोथ और शेयरहोल्डर के बारे में सोचता हो.
अब आप सोच रहे होंगे की पैसे इन्वेस्ट करने से पहले हम यह कैसे पता कर सकते हैं कि कंपनी Able और Honest है या नही ? कही इसका कोई रूल तो नहीं है|
तो दोस्तों मै आपको बता दूं कि ऐसा कोई रूल नहीं है| इसकी जाच पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? के लिए आपको कंपनी को कई तरह से परखना पड़ेगा.
ज्यादातर इन्वेस्टर कंपनी के सिर्फ Quantitative बातो पर फोकस करते हैं और मैनेजमेंट एनालिसिस को नज़रंदाज़ कर देते हैं, जो की शायद बहुत बड़े घाटा का कारण बन सकता है.
चलिए एक उदाहरण की मदद से समझते हैं:-
मैनेजमेंट एनालिसिस क्या है – What is Management Analysis in Hindi
रतन टाटा का नाम हम सबने सुना है, टाटा ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्री के मैनेजमेंट के बारे में अगर हम जानना चाहे तो वो बेहद आसान होगा क्यूंकि रतन टाटा के बारे में आये दिन समाचार में सुनते और पढ़ते रहते हैं, जिससे हमे उनके काम करने का तरीका मालूम हो जाता है.
कंपनी के बारे में हम अपनी राय तभी दे सकते हैं जब हमने उसके मैनेजमेंट को अच्छे से एनालाइज किया हो|
अगर आप भी किसी कंपनी में इन्वेस्ट करना चाहते हैं और उसके मैनेजमेंट सिस्टम की जानकारी हासिल करना चाहते हैं तो आपको निम्न स्टेप्स को फॉलो करना चाहिए|
कंपनी का मैनेजमेंट एनालिसिस कैसे करते है ?
#1. DRPH (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस)
जब कोई कंपनी अपना IPO लाती है तभी वो अपना DRPH भी लाती है, यह एक तरीका का कंपनी का बायोडाटा होता है, जिसमे कंपनी के मैनेजमेंट की काफी जानकारों भी दी जाती है| यह एक बहुत अच्छा माध्यम है कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में जानने का|
मान लीजिये आपको TCS का DRPH चेक करना है पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? तो आप गूगल में TCS DRPH सर्च करे, वहाँ आपको विख्यात में सारी जानकारी मिल जाएगी, ठीक इसी तरह आपको जिस भी कंपनी का DRPH चेक करना है उसके बारे में आप सर्च कर सकते हैं.
#2.
गूगल पर कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में रैंडम सर्च कर के इनफार्मेशन हासिल करना| साथ ही विकिपीडिया और Linkedin से कंपनी के मैनेजमेंट के लोगो की प्रोफाइल से उनकी डिटेल्स निकालना बेहद ही आसान और फ़ास्ट तरीका है.
#3.
कंपनी के मैनेजमेंट सिस्टम का इंटरव्यू और स्पीच यू ट्यूब के माध्यम से देखना|
#4.
कोमप्न्य के एनुअल रिपोर्ट में एक सेक्शन होता है जिसका नाम “मैनेजमेंट डिस्कशन एंड एनालिसिस” है| वहाँ आपको कंपनी के पास्ट परफॉरमेंस और फ्यूचर प्लानिंग के बारे में जानने को मिलेगा.
#5. कंपनी के अर्निंग कॉल्स को ध्यान से सुनना, क्यूंकि इसमें आपको पता चलता है कि कंपनी ने पास्ट में क्या किया और आगे क्या पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? करने वाली है| कंपनी अर्निंग कॉल्स क्वाटर्ली रखी जाती है, जिसमे Q एंड A (क्वेश्चन एंड आंसर) सेशन भी होता है.
स्टॉक अड्डा कर के एक यूट्यूब कर के एक चैनल है जिस पर आपको लगभग सभी कंपनी की अर्निंग कॉल्स मील जायेंगी.
कई छोटी-मोटी चीज़े हैं जिसपर आपको मैनेजमेंट एनालिसिस करते वक़्त ध्यान देना चाहिए| जैसे कि कुछ दिन पहले दीप इंडस्ट्रीज पर हम एनालिसिस कर रहे थे जिसका काम एयर एंड नेचुरल गैस कंप्रेसर को करिये पर देने का सर्विस है| और उनके आयल से जुड़े भी कुछ हिस्से हैं.
कंपनी का फाइनेंसियल स्टेटमेंट हमे बहुत अच्छा मिला, फिर जब हम कंपनी के मैनेजमेंट एनालिसिस पर पहुचे तब हमे पता चला की कंपनी पर इनसाइडर ट्रेनिंग चार्जेज हैं.
SEBI इन्वेस्टीगेशन के तहत यह प्रूफ हो गया कि कंपनी के MD को 1.5 करोड़ का मुनाफा हुआ है, जिस वजह से SEBI ने एक्शन भी लिया और फिर तब हमे मैनेजमेंट सिस्टम पर डाउट होने लगा.
कंपनी का फाइनेंसियल स्टेट अच्छा होने के बावजूद हमने एनालिसिस वही पर रोक दिया|
आप चाहे तो गूगल पर किसी भी कंपनी के कंपनी या मैनेजमेंट के नाम के साथ केस या फ्रोड लिख कर सर्च कर सकते हैं, जिससे आपको सारी जानकारी विख्यात में पता चल जाएगी.
चलिए अब एक और उदाहरण की मदद से समझते हैं|
Fundamental Analysis Of Indian Stocks in Hindi
ज्यादातर कंपनी अपना प्रॉफिट शेयरहोल्डर के साथ दो तरह से शेयर करती है|
- डायरेक्टली शेयरहोल्डर को डिविडेंड दे कर|
- शेयर बाय बैक कर के|
कंपनी जब शेयर बाय बैक करती है तो उसके पीछे उसका यह मकसद होना चाहिए की कंपनी के इन्वेस्टर और कंपनी दोनों के लिए फायदेमंद होना चाहिए.
दोस्तों मैनेजमेंट एनालिसिस करने के लिए आपको स्किल इम्प्रूव करना चाहिए जिसका नाम है रीड बिटवीन लाइन्स| कहने का अर्थ है कि जिन लाइन्स को आपने नहीं पढ़ा लेकिन उसका अर्थ उन्ही लाइन्स में छुपा हो उसे आप खोज निकालिए|
आपको मैनेजमेंट की सल्लेरी पर भी नज़र रखनी चाहिए, कई बार जब कंपनी लॉस में चल रही होती है तो मैनेजमेंट अपनी सल्लेरी बढ़ाने के चक्कर में रहती है जो की अच्छी बात नहीं है|
मैनेजमेंट की सल्लेरी की डिटेल आपको कंपनी के एनुअल रिपोर्ट में मिल जाएगी|
दोस्तों आप चाहे तो कंपनी का एनुअल रिपोर्ट Moneycontrol.com या फिर उस कंपनी की वेबसाइट पर जा के निकाल के डाउनलोड कर सकते हैं.
कंपनी का मैनेजमेंट स्टेबल होना चाहिए यानिकी वह कंपनी के साथ लम्बे समय से होना चाहिए|
अगर कंपनी के मैनेजमेंट में लगातार चेंजिस है तो यह अच्छी बात नहीं है| कंपनी के प्रोमोटर्स अपना इन्वेस्टमेंट क्यों कम और ज्यादा कर रहे हैं आपको इसकी भी पूरी जानकारी होनी चाहिए.
ज्यादतर कंपनी में काम कर रहे व्यक्तियों को भी कंपनी के मैनेजमेंट और कंपनी के बारे में काफी जानकारी रहती है, इसलिए कंपनी का मैनेजमेंट एनालिसिस करते वक़्त आप कंपनी के एम्प्लोय्स से भी बात कर के जानकारी हासिल कर सकते हैं.
दोस्तों आशा है इस लेख के माध्यम से आपको जो जानकारी मिली है वह आपके लिए अच्छी और सहायक होगी, आप चाहे तो इसे सोशल मीडिया की मदद से अपने अन्य दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं|
आपका धन्यवाद इस लेख को पढने के लिए| लेख कैसा लगा हमे कमेंट के माध्यम से बताना मत भूलियेगा.
Tata Blackbird के लुक ने लड़कियों को किया घायल! दिल चोरी करने में माहिर हैं इसके….
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंपनी जल्द ही अपनी नई SUV Tata Blackbird को लॉन्च करने की तैयारी कर रही है. अब इस एसयूवी को लेकर नई खबर सामने आ रही है, कहा जा रहा पोर्टफोलियो मैनेजमेंट क्या है? है कि कंपनी इसमें 1.5 लीटर का पावरफुल पेट्रोल-डीजल इंजन इस्तेमाल करने वाली है। एक बार बाजार में आने के बाद, यह टाटा ब्लैकबर्ड मुख्य रूप से हुंडई क्रेटा जैसे मध्यम आकार के एसयूवी मॉडल के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी।
इस एसयूवी में कई लेटेस्ट फीचर्स जैसे कनेक्टेड कार टेक्नोलॉजी, मजबूत बॉडी आर्किटेक्चर, कूप-स्टाइल बॉडी डिजाइन और आकर्षक इंटीरियर शामिल किए जा सकते हैं।
हालांकि, कंपनी ने अभी तक इस एसयूवी के नाम को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है। लेकिन अब इस एसयूवी के चर्चे मीडिया रिपोर्ट्स में चल रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई एसयूवी X1 प्लेटफॉर्म पर आधारित होगी, जिस पर Tata Nexon बनी है। इसकी लंबाई करीब 4.3 मीटर हो सकती है। विशेष रूप से, इसमें कूप-शैली की छत और 50 मिमी लंबा व्हीलबेस मिलेगा, जो अच्छा केबिन स्थान प्रदान करेगा। मौजूदा Tata Nexon के रियर ओवरहैंग को खींचे जाने की उम्मीद है और व्हीलबेस को लगभग 50 मिमी तक बढ़ाया गया है।
इससे आपको एसयूवी में अच्छी सीट भी मिलेगी। सबसे बड़ा बदलाव इस एसयूवी के एक्सटीरियर में देखने को मिलेगा क्योंकि ए-पिलर और दरवाजे नेक्सॉन से ही लिए जा सकते हैं। इसमें लंबे पीछे के दरवाज़े और एक ढलान वाली छत होगी जो फास्टबैक डिज़ाइन को एक बड़े सामान स्थान के साथ पूरक करेगी। लंबा ओवरहैंग पीछे के यात्रियों के लिए लेगरूम को बेहतर बनाने में मदद करेगा।
हालांकि इस एसयूवी के फीचर्स के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन इसमें डुअल फ्रंट एयरबैग, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेकफोर्स डिस्ट्रीब्यूशन (ईबीडी), ब्रेक असिस्ट, इमरजेंसी स्टॉप सिग्नल, व्हीकल स्टेबिलिटी मैनेजमेंट (वीएसएम) के साथ एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (एबीएस) मिलेगा। ), इलेक्ट्रॉनिक स्थिरता नियंत्रण (ईएससी) के साथ प्रदान किया जा सकता है।
कीमत के हिसाब से इस SUV की कीमत Harrier से कम होगी और मार्केट में Hyundai Creta को टक्कर देगी। SUV को एक नए 1.5-लीटर चार-सिलेंडर पेट्रोल इंजन द्वारा संचालित किए जाने की संभावना है जो अधिकतम 160 hp का पावर आउटपुट दे सकता है।
हालांकि, मौजूदा Nexon के पेट्रोल वेरिएंट में 1.2 लीटर Revotron Turbo पेट्रोल इंजन और डीजल वेरिएंट में 1.5 लीटर RevoTorque डीजल इंजन मिलता है। इस एसयूवी को मैनुअल और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन गियरबॉक्स के साथ पेश किया जाएगा।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि कंपनी इस एसयूवी की कीमत क्या तय करती है। Tata Nexon वर्तमान में कंपनी के वाहन पोर्टफोलियो में सबसे अधिक बिकने वाली SUV है, जो 5-स्टार सुरक्षा रेटिंग के साथ सबसे सुरक्षित वाहनों में से एक है।
एक ऐसा निवेश फर्म, जो स्टार्टअप्स के लिए है सक्सेस गारंटी! इन कंपनियों की बदल गई किस्मत
by बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो ।।
Published - Tuesday, 15 November, 2022
मुंबई: भारत के पहले एकीकृत इनक्यूबेटर और शुरुआत से लेकर डेवलपमेंट फेज वाले स्टार्टअप्स के लिए फुल स्टैक निवेशक वेंचर कैटलिस्ट्स ग्रुप (Vcats++) ने घोषणा की है कि इसके पोर्टफोलियो स्टार्टअप्स में से लगभग 54 ने इस साल 50 मिलियन डॉलर से अधिक का वैल्यूएशन हासिल कर लिया है. चैलेंजिंग टाइम की वजह से इस साल फंडिंग में 70% की गिरावट आई, लेकिन इसके बावजूद वेंचर कैटलिस्ट्स काफी तेजी से बढ़ा और अब यह 33 यूनिकॉर्न्स और 100 से अधिक मिनीकॉर्न्स का घर है. पिछले एक साल में कम से कम दो दर्जन कंपनियों का वैल्यूएशन 100 मिलियन डॉलर को पार कर गया है और लगभग तीन स्टार्टअप - Shiprocket, Bharatpe और Vedantu ने यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल किया है.
ग्रुप के पास 300 से अधिक स्टार्टअप्स का पोर्टफोलियो
वेंचर कैटालिस्ट्स ग्रुप एक अर्ली-टू-ग्रोथ स्टेज फंड है, जिसमें शुरुआती स्टेज से लेकर सेक्टर फोकस्ड तक के पांच फंड शामिल हैं. कंपनी ने पहली बार 2020 में अपना 150 मिलियन डॉलर का एक्सीलेरेटर फंड लॉन्च किया था. इसके बाद कंपनी ने चार और फंड्स लॉन्च किए हैं, जिसमें वेंचर कैटालिस्ट्स एंजेल फंड, 200 मिलियन डॉलर का फिनटेक फोकस्ड फंड बीम्स, प्रॉपटेक फंड स्पायर और 200 मिलियन डॉलर का ग्रोथ स्टेज सेक्टर एग्नोस्टिक फंड शामिल है. ग्रुप के पास 300 से अधिक स्टार्टअप्स का एक संयुक्त पोर्टफोलियो है, जिसका समेकित मूल्यांकन लगभग 10 बिलियन डॉलर आंका गया है.
ग्रुप के को-फाउंडर ने क्या कहा
वेंचर कैटलिस्ट्स ग्रुप के को-फाउंडर डॉ. अपूर्व रंजन शर्मा ने कहा, "यह वैल्यूएशन ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो जाता है जब संभावित फंडिंग की कमी की आशंका न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में भी निवेशकों और स्टार्टअप को डरा रही है. यह पोर्टफोलियो कंपनियों के विकास और अप-राउंड के बारे में बात करता है. हमारे अधिकांश पोर्टफोलियो ने पिछले दो वर्षों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है और हम अगले साल इनमें से कम से कम 3-4 को यूनिकॉर्न में बदलता हुआ देख रहे हैं."
कंपनी के तीन फाउंडर
इस कंपनी के तीन फाउंडर हैं- अनिल जैन, अनुज गोलेचा और गौरव जैन. इनका टारगेट कैलेंडर वर्ष 2022 तक 100 एक्जिट्स और अप-राउंड को बंद करना है. वेंचर कैटलिस्ट्स ने अपनी स्थापना के समय से 200 स्टार्टअप में 301 सौदों में निवेश किया है, जो इसे भारत का अग्रणी प्रारंभिक चरण का निवेश मंच बना रहा है. वेंचर कैटलिस्ट्स एक निवेश फर्म से कहीं अधिक है और यह अपने पोर्टफोलियो को प्रदान किए जाने वाले मजबूत परामर्श कार्यक्रम और समय पर मार्गदर्शन में विश्वास करता है, जिसने उन्हें उच्च मूल्यांकन पर राउंड बढ़ाने में मदद की है और स्टार्टअप को उनके ग्रोथ में मदद की है.
स्टार्टअप की सफलता में देते हैं योगदान
वेंचर कैटालिस्ट्स के समर्थन के बारे में बात करते हुए, असिडस ग्लोबल के फाउंडर एवं सीईओ सोमदत्त सिंह ने कहा, "एक अच्छा सलाहकार ढूंढना स्टार्टअप की सफलता के लिए 'छिपा हुआ तरीका' है और 9 यूनिकॉर्न और वीकैट असिडस ग्लोबल के लिए मार्गदर्शक बल रहे हैं. हमें अपने विकास को बढ़ावा देने के लिए 9 यूनिकॉर्न से समर्थन और संसाधन मिले हैं. ठीक से सुसज्जित होने पर, हम दुनिया भर में अपने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज करने के लिए असिडस को आगे बढ़ाने सक्षम हैं. हम मेंटरशिप, वित्तीय संभावनाओं, संभावित वाणिज्यिक अवसरों, उद्योग नेटवर्किंग और सभी तरह के समर्थन के लिए एक वैश्विक नेटवर्क तक पहुंच के कारण वास्तविक दुनिया में आसानी से और तेजी से आगे बढ़ने में सक्षम हैं."
वेंचर कैटालिस्ट्स ने अपने नेटवर्क के माध्यम से 100 मिलियन डॉलर (लगभग 782.4 करोड़ रुपये) के शुरुआती चरण के निवेश को संचालित किया है. 67 स्टार्टअप में, 94 सौदों को क्रियान्वित किया गया, जिनमें से 27 सौदों ने आंशिक या पूर्ण रिटर्न दिया, जबकि शेष में अप-राउंड की स्थिति रही. 17 सौदों के अनुरूप, संपत्ति की वसूली में विफलता के कारण या 1 गुना से कम रिटर्न दिए जाने के कारण 13 स्टार्टअप को बट्टे खाते में डाल दिया गया है.
पोर्टफोलियो में हैं ये बड़े स्टार्टअप्स
प्री-सीड, सीड और सीरीज ए राउंड में निवेश करने और इसके बाद के दौर में अपने पोर्टफोलियो के समर्थन के साथ एकीकृत इनक्यूबेटर ने महत्वपूर्ण मूल्य प्रस्तावों के साथ स्टार्टअप्स में निवेश किया है. इसके पोर्टफोलियो में शामिल कुछ सबसे बड़ी कंपनियों में Bharatpe, Vedantu, Zingbus, Beardo, Supr Daily, Enov8, Home Capital, Blowhorn शामिल हैं. वेंचर कैटालिस्ट्स ने न केवल इन स्टार्टअप्स के स्टार्टिंग फेज से ही समर्थन किया है, बल्कि डेवलपमेंट फेज तक उनकी मदद की है. साथ ही इसने देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को भी लोकतांत्रिक बनाया है. 55 शहरों में मौजूद 3000 से अधिक एंजल निवेशकों के साथ, वेंचर कैटलिस्ट्स का देश में सबसे बड़ा नेटवर्क है, जहां इसने अपने सुनियोजित मास्टरक्लास और टेलर मेड स्टार्टअप कार्यक्रमों के माध्यम से स्टार्टअप निवेश के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद की है.
उद्यम पूंजी उद्योग के विकास पर विचार करते हुए, डॉ शर्मा ने कहा, "भारत में स्टार्टअप के उदय ने पूरी दुनिया में उद्यमिता के लिए एक नया मानदंड स्थापित किया है. वेंचर कैटलिस्ट्स ने उच्च विकास क्षमता वाली कंपनियों का एक विविध, समग्र पोर्टफोलियो बनाने, पूंजी का लाभ उठाने, सलाह देने और एचएनआई, फैमिली ऑफिस, सीएक्सओ और अन्य के हमारे नेटवर्क बनाने के लिए उपाय किए हैं. हमारा उद्देश्य उद्यमी पारिस्थितिकी तंत्र का लोकतंत्रीकरण करना है, जिससे अधिक से अधिक निवेशक तेजी से टर्नअराउंड समय में लाभदायक रिटर्न प्राप्त करने के लिए उच्च रिटर्न असेट क्लास का पता लगा सकें."