बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है?

आखिर साइबर फिरौती बिटकॉइन में ही क्यों मांगी जा रही है?
बिटकॉइन ने अब दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों और फाइनेंशियल रेग्युलेटर्स की नींद उड़ा दी है. इसके जरिए बढ़ रही फिरौती की घटनाओं ने विभिन्न देशों की वित्तीय कंपनियों, ब्रॉकरेज फर्म और पुलिस महकमों को हिलाकर रख दिया है.
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दुनिया भर में रैनसमवेयर वायरस "ब्रॉनाकाई" से दशहत का माहौल बना हुआ है. वैश्विक साइबर हमले की भयावहता का अंदाज इससे लगाया जा सकता है कि 150 देशों के 2 लाख से ज्यादा कंप्यूटर बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. इसमें फिरौती जिस मुद्रा में मांगी जा रही है, वह ‘बिटकॉइन’ है. अब प्रश्न उठता है कि बिटकॉइन की ऐसी क्या विशेषता है कि फिरौती इसी मुद्रा में मांगी जा रही है? सर्वप्रथम समझते हैं कि बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन एक नई इनोवेटिव टेक्नोलॉजी है, जिसका इस्तमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. यह अनोखी और नई आभासी मुद्रा है. कंप्यूटर नेटवर्कों के द्वारा इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्थता(बिना बैंक) के ट्रंजेक्शन किया जा सकता है.
शुरुआत में कंप्यूटर पर बेहद जटिल कार्यों के बदले ये क्रिप्टो करेंसी कमाई जाती थी. चूंकि यह करेंसी सिर्फ कोड में होती है. इसलिए इसे जब्त भी नहीं किया जा सकता. एक अनुमान के मुताबिक इस समय करीब डेढ़ करोड़ विटकॉइन प्रचलन में है. 2010 में एक हजार विटकॉइन के बदले में एक पिज्जा खरीदा जा सकता है. अभी एक बिटकॉइन की कीमत एक लाख सात हजार रुपये है और अनुमान है कि 2018 तक ये 6 लाख रुपये हो जाएगी. इस डिजिटल करेंसी को डिजिटल वॉलेट में भी रखा जाता है. विटकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है.
फिरौती के लिए बिटकॉइन क्यों?
बिटकॉइन ब्लॉक चेन मेथड का प्रयोग करता है. ये चेन पूरी तरह से ट्रेक की जा सकती है. मगर इस चेन को जिस "डार्क वेब" पर ब्राउज किया जाता है उसे ट्रेक करना काफी कठिन है. साथ ही बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है? बिटकॉइन को करेंसी की मान्यता न देने के चलते इसके रिकॉर्ड्स के लिए कोई स्पष्ट नियम हैं ही नहीं. इसे 2008-09 में सतोषी नाकामोतो नामक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने प्रचलन में लाया था.
बिटकॉइन का संचालन कंप्यूटरों के विकेन्द्रीकृत नेटवर्क से किया जाता है. जहां ट्रांजेक्शन करने वालों की व्यक्तिगत जानकारियों की जरुरत नहीं होती है. क्रेडिट कार्ड या बेंक ट्रांजेक्शन के विपरीत इससे होने वाले ट्रांजिक्शन इररिवर्सिबल होते हैं, अर्थात् इसे वापस नहीं लिया जा सकता है. कहने का आशय है कि यह वन वे ट्रेफिक होता है. वहीं क्रेडिट कार्ड, बैंक ट्रांसफर आदि में पैसे बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है? जहां भेजे जाते हैं, उसका आसानी से पता लगाया जा सकता है, लेकिन इसमें ऐसा संभव नहीं है.
टैक्स चोरी, हवाला, अपराध, आतंकवाद इत्यादि में बिटकॉइन का प्रयोग-
बिटकॉइन की व्याख्या से स्पष्ट है कि इसे ट्रेस करना काफी कठिन है. यही कारण है कि दुनियाभर में कंप्यूटरों को 'फिरौती वायरसों' से खतरा बढ़ता जा रहा है, और इसके लिए फिरौती का बिटकॉइन से अच्छा माध्यम क्या हो सकता है. अभी विप्रो को रसायनिक हमले का धमकी देने वाले ने 500 करोड़ की फिरौती भी बिटकॉइन में ही मांगी है. कालाधन, हवाला, ड्रग्स की खरीदी-बिक्री, टैक्स चोरी और आतंकवादी गतिविधियों में बिटकॉइन का प्रयोग लगातार हो रहा है. बिटकॉइन ने अब दुनिया भर की सुरक्षा एजेंसियों और फाइनेंशियल रेग्युलेटर्स की नींद उड़ा दी है. इसके जरिए बढ़ रही फिरौती की घटनाओं ने विभिन्न देशों की वित्तीय कंपनियों, ब्रॉकरेज फर्म और पुलिस महकमों को हिलाकर रख दिया है.
बिटकॉइन दुनिया भर में मनी लॉन्ड्रिंग का सबसे सुरक्षित तरीका है. आप भारत में बैठे-बैठे अपने खाते के रुपये विटकॉइन वॉलेट में डाल सकते हैं और किसी भी टैक्स हैवन देश में जाकर उन्हें डॉलर में बदल सकते हैं. अमेरिका के लास वेगास के कसीनो में भी आपको विटकॉइन एटीएम लगे मिल जाएंगे.
अगर किसी नौकरशाह को रिश्वत देने के लिए उसको कोई कंपनी बिटकॉइन वॉलेट में पैसा दे तो क्या हमारा सिस्टम इसे पकड़ पाएगा? कुल मिलाकर जब तक विटकॉइन है 'ब्लैक मनी' की समाप्ति मुश्किल है.
बिटकॉइन का मूल्य निर्धारण कैसे ?
बिटकॉइन की कीमत काफी तेजी से ऊपर नीचे होती है. ऐसे में बिटकॉइन का मूल्य निर्धारण बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है? के प्रति जिज्ञासा भी सामान्य है. बिटकॉइन की कीमत मांग और पूर्ति के आधार पर होती है. अगर किसी चीज के लिज मांग जरुरत से ज्यादा हो और आपूर्ति कम हो जाए तो उसकी कीमत बढ़ेगी.
बिटकॉइन के लोकप्रियता का कारण
बिटकॉइन की सुरक्षा उच्चस्तरीय है, अति गुमनाम तरीके इसे आप संचालित कर सकते हैं. क्रिपटोकरेंसी की नकल नहीं कर सकते और भुगतान भी रद्द नहीं किया जा सकता है. साथ ही काफी न्यूनतम शुल्क पर विश्व के किसी भी हिस्से में इसका हस्तांतरण संभव है. औसतन 3-5 कार्य दिवसों के दौरान बैंक हस्तांतरण किया जाता है, लेकिन बिटकॉइन से कुछ सेकेंड में. अगर राशि काफी बड़ी है, तो यह 8-10 मिनट का समय ले सकता है. इसके अतिरिक्त यह मुद्रास्फीति से भी सुरक्षा प्रदान करता है. अपनी काले गतिविधियों के अतिरिक्त इन कारणों से भी बिटकॉइन लोकप्रिय है और इसकी मांग आपूर्ति की तुलना में ज्यादा रहती है.
यही कारण है कि आरबीआई के चेतावनी के बावजूद हर रोज 2500 से ज्यादा लोग बिटकॉइन में पैसा लगा रहे हैं. सरकार ने इसी साल मार्च में कहा था कि बिटकॉइन में पैसा डालना अवैध है. इसे आरबीआई की अनुमति नहीं है. इसमें बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है? पैसा डालने पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस हो सकता है. इसके बावजूद भारत में इसके डाउनलोड की संख्या 5 लाख तक पहुंच गई है.
इस डिजिटल करेंसी को किसी केन्द्रीय बैंक का समर्थन नहीं मिला है. बिटकॉइन का आम लेन देन में मान्यता न मिलना ही इसकी शक्ति है. इस मुद्रा को किसी बैंक ने जारी नहीं किया है. अत: ये किसी देश की मुद्रा नहीं है. इसलिए इस पर कोई टैक्स भी नहीं लगता.
अब समय आ गया है कि संपूर्ण विश्व समुदाय मिलकर बिटकॉइन के खतरनाक रुप को लेकर गंभीर हो. इसे कानूनी मान्यता देने पर इसको लेकर काफी कड़े नियम कायदे बनाने होंगे, जो कहीं न कहीं इसके वर्तमान रुप को बदल देंगे. जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक बिटकॉइन अवैध मामलों का न केवल सबसे लोकप्रिय माध्यम बना रहेगा, अपितु अवैध मामलों का सुगम पनाहगार भी बना रहेगा.
भारत सरकार बिटकॉइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी पर क्यों प्रतिबंध लगाना चाहती है ?
अगर सरकार के नए क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है? बिल को संसद की मंजूरी मिल जाती है तो बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री भारत में गैरकानूनी हो जाएगी. सरकार के इस प्रस्ताव के बाद क्रिप्टोकरेंसी औंधे मुंह गिर रही है.
हैदराबाद : 29 नवंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. इस सत्र में सरकार 26 नए विधेयकों को विचार के लिए संसद में पेश करेगी. इन नए विधेयकों में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' भी शामिल है. अभी इस बिल का मसौदा सार्वजनिक नहीं किया गया है, मगर यह माना जा रहा है कि इस बिल को संसद से मंजूरी मिल जाती है, तो भारत में क्रिप्टो करेंसी की खरीद बिक्री पर प्रतिबंध लग सकता है. इसके बाद इथेरियम और बिटकॉइन जैसी करेंसी में निवेश करना गैर-कानूनी हो जाएगा.
लोकसभा बुलेटिन के 10वें नंबर पर 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' शामिल है.
सरकार के फैसले से लुढ़क गई क्रिप्टो करेंसी : लोकसभा की बुलेटिन में 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' की लिस्टिंग होने की खबर से क्रिप्टो या डिजिटल करेंसी की बिकवाली शुरू हो गई. बाद डॉगकॉइन, शीबा इनू, इथेरियम और बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी के रेट में जबर्दस्त गिरावट हुई. Bitcoin की कीमत 9 नवंबर को 68,327.99 डॉलर थी. बुधवार को इसकी वैल्यू वजीरएक्स पर 25.51 प्रतिशत घटकर 46,601 डॉलर (लगभग 34 लाख रुपये) हो गई. दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम भी आज 22.86 फीसदी गिर गई थी. इसके अलावा अन्य क्रिप्टोकरेंसी रिप्पल, डोगेक्वाइन, कारडानो और शीबा इनू में भी 25 से 30 फीसदी की गिरावट आई है.
अब सरकार ने यह फैसला क्यों किया ? : सरकार ने दो नवंबर, 2017 को आर्थिक मामलों के सचिव की अगुवाई में एक समिति गठित की थी. समिति ने वर्चुअल करेंसी से संबंधित मुद्दों पर अध्ययन करने के बाद सरकार को जुलाई 2021 में अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. समिति के अन्य सदस्यों में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव, सेबी के चेयरमैन और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर शामिल थे. समिति ने निजी क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े जोखिमों, उनके मूल्य में उतार-चढ़ाव के मद्देनजर इन पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी. साथ ही देश में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित किसी भी तरह की गतिविधि के लिए जुर्माना लगाने का भी सुझाव दिया था.
भारत सरकार लाएगी अपनी वर्चुअल करेंसी ? : आरबीआई (RBI) चरणबद्ध तरीके से भारत में सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च करेगा. यह करेंसी रिटेल और होलसेल दो तरीके से उपलब्ध होगी. रिटेल डिजिटल करेंसी का उपयोग आम जनता और कंपनियां करेंगी जबकि होलसेल डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल वित्तीय संस्थाओं द्वारा किया जाएगा. भारत सरकार और रिजर्व बैंक क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री पर लगाम लगाने जा रहा है ताकि डिजिटल करेंसी को सही तरीके से लॉन्च किया जा सके और बाजार में इसकी प्रमाणिकता बनी रहे. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में 70 लाख भारतीयों के पास करीब एक अरब डॉलर मूल्य की क्रिप्टोकरेंसी है. पिछले साल 2020 के मुकाबले इसमें सात गुना बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है? उछाल आया है.
इससे पहले रिजर्व बैंक ने 2018 में क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) की लेनदेन पर रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च, 2020 को यह पाबंदी हटा दी थी.
किन देशों में क्रिप्टो करेंसी को मान्यता मिली है : अभी मध्य अमेरिका के देश अल सल्वाडोर बिटकॉइन को लेकर सुर्खियों में हैं. अल सल्वाडोर ने दुनिया की पहली 'बिटकॉइन सिटी' बनाने की घोषणा की है. राष्ट्रपति नायब बुकेले ने कहा कि इस शहर के निवासियों को कोई आय, संपत्ति, पूंजीगत लाभ या पेरोल कर भी नहीं देना होगा. वहां की सरकार 'बिटकॉइन सिटी' के लिए 1 बिलियन डॉलर के बिटकॉइन बॉन्ड जारी करेगी. हालांकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने बिटक्वाइन से जुड़े जोखिमों को देखते हुए अल सल्वाडोर को बिटकॉइन को वैध मुद्रा के तौर पर इस्तेमाल नहीं करने की सलाह दी है.
इससे पहले कनाडा ने फरवरी 2021 में बिटकॉइन-ट्रेडेड फंड को मंजूरी दी थी. ब्रिटेन में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति का दर्जा प्राप्थ है और निवेशक क्रिप्टो मुनाफे पर इनकम टैक्स भरते हैं. अधिकतर यूरोपीय संघ (ईयू) देशों में क्रिप्टोकरेंसी भी कानूनी है. नेपाल में बिटकॉइन पर बैन है. वियतनाम में इसकी खरीद-बिक्री पर भारी जुर्माना लगता है. चीन में भी क्रिप्टोकरेंसी की लेन-देन पर प्रतिबंध लगाया गया है.
क्रिप्टोकरेंसी के प्रति टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की दीवानगी अक्सर दिखती है. कुछ दिन पहले उन्होंने एक ट्वीट कर कहा था कि टेस्ला को बिटकॉइन के माध्यम से भी खरीद सकते हैंं.
क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन कैसे बनता है : क्रिप्टो करेंसी का वर्चुअल सिक्का माइनिंग के जरिये बनता है. इसके लिए माइनर को जटिल क्रिप्टोग्राफिक मैथमेटिकल पहेली सुलझानी होती है. बिटकॉइन ऑनलाइन माइनिंग पूल का मेंबर को मैथ्स से जुड़े समीकरण सुलझाने की इजाजत दी जाती है. क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग के लिए स्पेशल सॉफ्टवेयर वाले कम्प्यूटर की जरूरत होती है. जब माइनर एक इक्वेशन सुलझा लेता है, तो एक क्रिप्टोकरेंसी का जारी किया जाता है. बदले में माइनर को क्रिप्टोकरेंसी ही दी जाती है. बिटकॉइन के डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर में केवल मान्यता प्राप्त माइनर्स को ही डिजिटल लेजर में ट्रांजैक्शंस अपडेट करने की अनुमति है.
क्रिप्टोकरेंसी-बिटकॉइन आखिर है क्या? क्यों बन गई हैकर्स की पसंद?
मन में कई सवाल होंगे- ये बिटकॉइन, बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है? इथेरियम जैसी चीजें हैं क्या? हैकर्स की पसंद क्यों बन गए हैं? सबके जवब जानिए
हाल ही में पीएम मोदी के एक ट्विटर अकाउंट को हैकर्स ने हैक कर लिया और क्रिप्टोकरेंसी (बिटकॉइन) मांगने लगे. जुलाई में ट्विटर को एक बड़े क्रिप्टो हैक का सामना करना पड़ा था, जिसमें हाई-प्रोफाइल हस्तियों, राजनेताओं जैसे बराक ओबामा, एलन मस्क जैसी शख्सियतों के अकाउंट्स को हैक करके बिटकॉइन का प्रचार किया गया था.
पीएम मोदी के ट्विटर अकाउंट को हैक करते वक्त हैकर्स ने लिखा था-
मैं आप सभी से कोविड -19 के लिए पीएम नेशनल रिलीफ फंड में उदारतापूर्वक दान देने की अपील करता हूं, अब भारत क्रिप्टो करेंसी के साथ शुरुआत करेगा, कृपया दान करें.ईटीएच (इथेरियम).
बिटकॉइन के बाद इथेरियम मार्केट कैपिटल का दूसरा सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म है.
ऐसे में आपके मन में कई सवाल होंगे- ये बिटकॉइन, इथेरियम जैसी चीजें हैं क्या? हैकर्स की पसंद क्यों बन गए हैं? इनका रेगुलेशन कैसे होता है. एक-एक करके इन सवालों के जवाब तलाशेंगे.
वर्चुअल या क्रिप्टो करेंसी का मतलब क्या है ?
वर्चुअल या क्रिप्टो करेंसी एक तरह की डिजिटल करेंसी होती है, जिसे इनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी की मदद से जेनरेट और रेगुलेट किया जाता है. इन करेंसी के क्रिएशन, निवेश, लेन-देन या फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया में भारतीय रिजर्व बैंक या किसी भी दूसरे देश के बैंकिंग रेगुलेटर की प्रभावी भूमिका नहीं होती है. इन करेंसी पर न तो किसी देश की मुहर होती है और न ही इनके भुगतान के लिए किसी तरह की सॉवरेन यानी सरकारी गारंटी होती है.
दुनियाभर में बहुत सारी क्रिप्टो-करेंसी प्रचलित हैं, जिनमें बिटकॉइन सबसे मशहूर है.
उदाहरण से समझिए
गोल्ड एक धातु है जिसकी अपनी वैल्यू होती है. डॉलर कितना महंगा या सस्ता होगा यह अमेरिकी अर्थव्यवस्था की हालत पर निर्भर होता है.रुपए का वैल्यू हमारी बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है? अर्थव्यवस्था से जुड़ा है. पाउंड की सेहत यूके की अर्थव्यवस्था पर निर्भर जबकि येन का जापान की अर्थव्यवस्था पर. इसके अलग बिटकॉइन की कोई अपनी वैल्यू नहीं होती है. इसका इस्तेमाल सट्टेबाजी के लिए होता है, इसी आधार पर ही इसके दाम बढ़ते-घटते रहते हैं. ज्यादा सट्टेबाजी को ज्यादा उतार-चढ़ाव.
बिटकॉइन की 'हैसियत' बढ़ रही है?
बिटकॉइन के चार्ट पर नजर डालें तो अब बिटकॉइन में रिकवरी देखने को मिल रही है. 2019 की शुरुआत में अपना लो बनाने के बाद बिटकॉइन में निचले स्तरों पर अच्छी रिकवरी देखने को मिलली है. मार्च में चौतरफा बिकवाली के बीच बिटकान में भी बिकवाली देखने को मिली थे लेकिन जिस तरह शेयर बाजार में खासी रिकवरी देखने को मिली. वैसी ही रिकवरी बिटकॉइन में देखने को मिली है. मार्च में बिटकॉइन 4500 डॉलर के स्तरों से अब 12000 डॉलर के स्तरों पर पहुंच गया है. जुलाई और अगस्त के महीने में बिटकॉइन में गजब की तेजी देखने को मिली है.
देश में बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है? इसकी कानूनी ‘हैसियत’ क्या है?
देश में क्रिप्टोकरेंसी के कारोबार पर किसी भी तरह का बैन नहीं है. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बैंकिंग प्रतिबंध लगाया गया है. राज्यसभा में इस संबंध में पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त और कॉरपोरेट कार्य राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था कि "वर्तमान में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े मसलों से निपटने के लिए अलग से कोई कानून नहीं है. इस प्रकार आरबीआई, प्रवर्तन निदेशालय, आयकर प्राधिकरण जैसे सभी संबद्ध विभाग और काननू का अनुपालन करवाने वाली एजेंसियां मौजूदा कानून के अनुसार कार्रवाई करती हैं."
हैकर्स की पसंद क्यों हैं?
2009 में लॉन्च हुए बिटकॉइन हैकर्स या साइबर अपराधियों को दो फायदे देते हैं. पहला कि ये एक डिसेंट्रलाइज्ड करेंसी की तरह काम करता है और इसमें बैंक या क्रेडिट बिटकॉइन का उपयोग क्यूँ किया जाता है? कार्ड कंपनी जैसा कोई बिचौलिया नहीं होता और इस वजह से इस्तेमाल करने वाला गुमनाम रहता है. दूसरा बिटकॉइन को वर्चुअल वॉलेट्स में रख सकते हैं, जिनकी पहचान सिर्फ एक नंबर से होती है.
Twitter पर ‘भीड़’ जुटाने का नया फॉर्मूला-‘एक हाथ दे, एक हाथ ले’
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क्या बिटक्वाइन के रूप में सैलरी लेना पसंद करेंगे आप! जानें एक्सपर्ट की राय
डिजिटल सिक्के ने पिछले साल अप्रैल में 1 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप को पार कर लिया.
बिटकॉइन ने लोकप्रियता हासिल की 2017 की शुरुआत में, और यह हकीकत में इस्तेमाल में आने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी बन गई. बिट . अधिक पढ़ें
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- Last Updated : April 03, 2022, 14:04 IST
Digital Currency News: क्रिप्टोकरेंसी बाजार (cryptocurrency market) के लीडर बिटकॉइन (Bitcoin) ने डिजिटल ट्रेडिंग सिस्टम में कई रिकॉर्ड कायम किए हैं. आभासी यानी डिजिटल सिक्के, जिनका ने कोई केंद्रीय बैंक है और न ही कोई कंट्रोलर, ने जल्दी पैसा बनाने के द्वार खोल दिए. अब, यह डिजिटल सिक्का ब्लॉकचेन उद्योग में एक अभिनव भुगतान नेटवर्क और एक नए प्रकार की मुद्रा है. इस रहस्यमय बिटकॉइन का आकर्षण ऐसा है कि कई लोग इसे वेतन के रूप में प्राप्त करने की योजना बना रहे हैं. हालांकि, क्या यह एक अच्छा ऑप्शन है, यह कई वजहों पर निर्भर करता है.
बिटकॉइन में ट्रेडिंग 2009 में शुरू हुई थी. इस डिजिटल सिक्के का आविष्कार किसने किया, यह किसी को पता नहीं है, हालांकि, कई अटकलें और नाम सामने आए हैं. सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) को बिटकॉइन के आविष्कारक के रूप में छद्म नाम वाला व्यक्ति या जापान में रहने का दावा करने वाले व्यक्ति माना जाता है. हालांकि, अभी तक इनकी पुष्टि नहीं हुई है.
2017 में शुरुआत
बिटकॉइन ने लोकप्रियता हासिल की 2017 की शुरुआत में, और यह हकीकत में इस्तेमाल में आने वाली पहली क्रिप्टोकरेंसी बन गई. बिटकॉइन डिसेंट्रलाइज्ड है और आसानी से उपलब्ध है. हालांकि, बिटकॉइन को सामान और सेवाओं को खरीदने के साधन के रूप में अपनाने का विचार अभी भी बड़े पैमाने पर स्वीकार नहीं किया गया है, लेकिन कई कंपनियां, खुदरा विक्रेताओं और प्लेटफॉर्म हैं जो बिटकॉइन को सेवाओं और भुगतानों के लेन-देन के माध्यम के रूप में उपयोग करने में विश्वास रखते हैं.
CoinMarketCap डेटा के अनुसार, आज बिटकॉइन की कीमत 46,644.46 डॉलर है और 24 घंटे की ट्रेडिंग मात्रा 32,264,225,286 डॉलर है. पिछले 24 घंटों में बिटकॉइन में 1.49 प्रतिशत का उछाल आया है. बिटकॉइन की सप्लाई सीमा 21 मिलियन बीटीसी सिक्कों (BTC coins) की है, जबकि वर्तमान में, आपूर्ति 19 मिलियन बीटीसी सिक्कों से अधिक है.
डिजिटल सिक्के ने पिछले साल अप्रैल में 1 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप को पार कर लिया है. हालांकि, विशेषज्ञ बिटकॉइन के आगे बढ़ने को लेकर आशान्वित हैं.
क्या बिटकॉइन को सैलरी के रूप में स्वीकार किया जा सकता है
बिटकॉइन एक प्रक्रिया के लिए बनाए गए हैं जिसे माइनिंग के रूप में जाना जाता है. उन्हें अन्य मुद्राओं, उत्पादों और सेवाओं के लिए आदान-प्रदान करने की अनुमति है. हालांकि, डिजिटल सिक्के की इसके अवैध लेनदेन के लिए भी आलोचना की जाती है. इतना ही नहीं, बिटकॉइन की खनन, मूल्य अस्थिरता और एक्सचेंजों पर बड़ी मात्रा में चोरी की बिजली इस्तेमाल करने के लिए भी आलोचना की गई है.
सट्टे का बुलबुला
कई विशेषज्ञों ने बिटकॉइन को एक सट्टे का बुलबुला कहा है जो आखिर में फट जाएगा. इसका सीधा सा मतलब है, कि बिटकॉइन की कीमत में उच्च अस्थिर आवृत्ति होती है, और साबुन के बुलबुले की तरह ही यह तेजी से फट सकता है. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने बिटकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी बाजार के लिए गेम-चेंजर के रूप में देखा है और ब्लॉकचेन उद्योग के विस्तार के साथ व्यापारिक दुनिया में एक नए युग की शुरुआत कहा है.
कुछ स्थानीय और राष्ट्रीय सरकारों ने आधिकारिक तौर पर कुछ मामलो में बिटकॉइन का उपयोग करना शुरू कर दिया है. अल सल्वाडोर (El Salvador) नामक देश ने बीटीसी को कानूनी निविदा के रूप में अपनाया है.
भारत सरकार सख्त
2017 में रफ्तार पकड़ने के बाद, बिटकॉइन ने कई लोगों को सामान और सेवाओं के भुगतान के रूप में सिक्के का चयन करने के लिए प्रेरित किया, लेकिन यह विचार जल्द ही खारिज कर दिया गया क्योंकि, दुनिया भर के नियामकों ने क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग (cryptocurrency trading) पर लगाम कसने का फैसला किया है.
पिछले महीने, भारत सरकार ने क्रिप्टो ट्रेडिंग पर कड़े कर नियम जारी किए थे. लोकसभा ने वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (वीडीए) या “क्रिप्टो टैक्स” पर कराधान नियमों को मंजूरी दी. ये नए कर नियम 01 अप्रैल, 2022 से प्रभावी हो गए हैं.
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