एक दलाल का वेतन क्या है?

Daily Voice : सितंबर से कम होने लगेगी महंगाई, एक्सपोर्ट से जुड़े शेयरों में होगी जोरदार कमाई
वेतन में बढ़ोतरी और हायर ट्रैवल कॉस्ट की वजह से आईटी सेक्टर के रेवेन्यू और मार्जिन में दबाव देखने को मिल सकता है। हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से आईटी सेक्टर पर कुछ सपोर्ट मिल सकता है
अगर आने वाले महीनों में विदेशी निवेशक एक बार फिर भारत की तरफ रुख करते हैं तो सबसे ज्यादा फायदा बैंकिंग और आईटी सेक्टर को होगा
स्टैंडर्ड चार्टर्ड सिक्योरिटीज (Standard Chartered Securities (India))के मीतेश दलाल का पक्का विश्वास है कि बाजार, इकोनॉमी के बॉटम आउट होने के पहले ही एक बार फिर नीचे से तेजी दिखाना शुरु कर देगा। उनका यह भी कहना है कि सितंबर के महंगाई सालाना आधार पर कम होती नजर आनी शुरु हो जाएगी। हालांकि तिमाही आधार पर महंगाई में पहले से भी कमी आनी शुरु हो गई है।
महंगाई कम होने के साथ ही केंद्रीय बैंक मंदी के डर से निपटने और ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए दरों में बढ़ोतरी की रफ्तार कम करता दिखेगा। उन्होंने इस बातचीत में आगे कहा कि मंदी का डर बाजार की अगली तेजी में सपोर्ट का काम करेगा। बतातें चलें कि मितेश दलाल को फाइनेंशियल मार्केट का 25 साल से ज्यादा का अनुभव है और ये पिछले 13 साल से स्टैंडर्ड चार्टर्ड सिक्योरिटीज के लिए काम कर रहे हैं।
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मितेश दलाल फार्मा और टेलीकॉम सेक्टर पर 'overweight' नजरिए रखते हैं। मनीकंट्रोल से हुई अपनी बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि एफआईआई एक बार फिर भारतीय बाजार का रुख करते हैं तो लॉर्जकैप स्टॉक्स को ग्लोबल ETF फ्लो का सबसे ज्यादा फायदा मिलता नजर आएगा।
भारतीय बाजार पर बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि इस समय महंगाई, बढ़ती ब्याज दरें, बढ़ता वित्तीय घाटा, रुपये की कमजोरी सबसे बड़ी चुनौतियां नजर आ रही हैं। हालांकि कमोडिटी और कच्चे तेल की गिरावट से कुछ सपोर्ट मिल रहा है।
ग्लोबल इकोनॉमी और अमेरिका में मंदी की संभावना पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका और यूरोप में मंदी का जोखिम बढ़ रहा है। ग्लोबल ग्रोथ पर इसका असर 2022 के अंत और 2023 में दिखना शुरु हो जाएगा। हालांकि यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्पादन बढ़ने और डिमांड के सामान्य स्तर पर आने के साथ ही अगले 18 महीनों में कमोडिटी की कीमतों मे गिरावट देखने को मिलेगी। इस बात को लेकर अर्थशास्त्रियों में आम सहमति है कि 2023 के मध्य तक यूएस फे़ड ब्याज दरे बढ़ाकर 3.75 फीसदी तक ला सकता है लेकिन बाजार का यह भी अनुमान है कि अगर अमेरिका में कोई मंदी आती भी है तो यह मंदी बहुत गहरी नहीं होगी।
आईटी सेक्टर पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि "वेतन में बढ़ोतरी और हायर ट्रैवल कॉस्ट की वजह से आईटी सेक्टर के रेवेन्यू और मार्जिन में दबाव देखने को मिल सकता है। हालांकि डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी से आईटी सेक्टर पर कुछ सपोर्ट मिल सकता है। ऐसे में हम आईटी सेक्टर पर न्यूट्रल नजरिया रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि हाल के करेक्शन से आईटी का वैल्यूएशन अच्छा हो गया है। फिर भी हमें मिडकैप आईटी की तुलना में लॉर्जकैप आईटी कंपनियां ज्यादा अच्छी लगती हैं। ऐसे में किसी गिरावट में लंबी अवधि के नजरिए से लॉर्ज कैप आईटी में खरीदारी की जा सकती है"।
उन्होंने इस बातचीत में यह भी कहा कि "अगर आने वाले महीनों में विदेशी निवेशक एक बार फिर भारत की तरफ रुख करते हैं तो सबसे ज्यादा फायदा बैंकिंग और आईटी सेक्टर को होगा। इस समय हम एक्सपोर्ट आधारित सेक्टर जैसे केमिकल, इंजीनियरिंग कंपनियां और ऑटो कॉम्पोनेंट कंपनियों को लेकर पॉजिटिव हैं। इनमें हमें एफपीआई का पैसा आता नजर आ सकता है। इसके अलावा फार्मा और टेलीकॉम सेक्टर पर भी हमारा रुख पॉजिटिव हैं "।
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First Published: Jul 22, 2022 12:20 PM
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भड़ास blog
अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा.
31.8.08
क्या सम्पादक दलाल होते हैं?
शायद यह सवाल आप को परेशान करे लेकिन मैं भी परेशान हुँ कि शायद कहीं सम्मान जनक पेशे के सौदागरो को भी इस इल्ज़ाम से अपनी पोल खुलती नज़र आए और वह अपने अन्दर सुधार की बात सोचें.
समाज को सही रासता दिखाने वाला और समाज में हो रही किसी गलत काम पर लगाम लगाने वाला जब खुद ही इस तरह के काम पर ऊतारु हो जाए तो अफसोस होता ही है. बल्कि सम्मान जनक पेशे में शामिल व्यक्ती को सौदागर और दलाल तक कहने के लिए मजबूर होना पड़ता है. यह शब्ज के चुनाव पर हमें निजी तौर पर अफसोस है.
आप देखेंगे के हर अख़बार के सम्पादक को मोटी रकम दी जाती जाती है. लेकिन अख़बार में करने वाले छोटे पत्रकारो एवं सब ऐडिटरो को बहुत कम पैसे दिए जाते हैं. कारण यह नही है कि मैनेजमेंट उम्हे कम पेसे देना चाहता है. बल्कि अख़बार का सम्पदक यह कहता है कि काम कैसे कराना है (यामी कम पैसे में) यह हम तैय करेंगे.
उस समय सम्पादक के ज़ेहन मे यह बात कतई नही आती के अफसर और नौकर की ही तरह एक दलाल का वेतन क्या है? यहाँ भी तनख़ाह का पैमाना रखा जाए.
आप को याद होगा के छठे वेतन आयोग ने तनखाहो का जो नया पैमाना तैय किया है उस के मुताबिक एक सबसे छोठे दर्जे के मुलाजिन को अगर 10,000 तनखाह दी जाएगी तो सबसे बड़े अफसर को उससे दस गुणा एक लाख की तनखाह दी जाएगी.
इस पर कई अखबारो नें अपनी चिनता जताइ थी और उसे ऊचनीच बढ़ाने वाला कहा था.
लेकिन उन्हे अपने यहॉ की खाई का ख्याल तक नहीं आता. एक अखबार में जो तन्खाह एक पत्रकार को मिलती है उससे 25 गुणा ज़्यादा तन्खाह सम्पादक को मिलती है. कारण साफ है कि सम्पादक एक दलाल की भुमिका में आ जाता है और वह मेनैंजनेट को कहता है कि चिनता छोड़ो पाँच बड़े अधिकारियो को इतनी रकम दो. बाकी को हम देखेगे और मैं अख़बार चला दुंगा. और इस तरह एक नौकर की तन्खाह पर पत्रकार काम करने को मजबुर हो जाता है.
बीडीए में बैठे हैं दलाल, सेंटिंग कर पंचायतों व आरईएस से छीन रहे गांवों के निर्माण कार्य
-जिला पंचायत बैठक में अध्यक्ष मनमोहन नागर ने लगाया बीडीए पर खुला आरोप -आंगनवाड़ी भवनों के घटिया निर्माण, गेहूं तुलाई सेंटर और रिश्वत लेकर शिक्षक की नियुक्ति पर बैठक में हुआ हंगामा भोपाल। नवदुनिया न्यूज भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) में दलाल बैठे हुए हैं। सेटिंग कर ये दलाल पंचायत और आरईएस से ग्रामीण क्षेत्रों के निर्माण कार्य छीन रहे हैं। बीडीए न
-जिला पंचायत बैठक में अध्यक्ष मनमोहन नागर ने लगाया बीडीए पर खुला आरोप
-आंगनवाड़ी भवनों के घटिया निर्माण, गेहूं तुलाई सेंटर और रिश्वत लेकर शिक्षक की नियुक्ति पर बैठक में हुआ हंगामा
भोपाल। नवदुनिया न्यूज
भोपाल विकास प्राधिकरण (बीडीए) में दलाल बैठे हुए हैं। सेटिंग कर ये दलाल पंचायत और आरईएस से ग्रामीण क्षेत्रों के निर्माण कार्य छीन रहे हैं। बीडीए ने ग्रामीण क्षेत्रों में जहां भी भवन बनाए हैं वहां किसी की छत उखड़ रही है या प्लास्टर गिर रहा है, किसी की दीवार में दरार आ गई। यह सनसनीखेज आरोप जिला पंचायत की साधारण सभा की बैठक में खुद अध्यक्ष मनमोहन नागर ने लगाया है। ग्रामीण इलाकों में 450 आंगनवाड़ी भवन बनाए जा रहे हैं। इनमें से 15 का निर्माण पूरा हो गया है, इनमें से 13 बीडीए ने बनाए हैं।
जिला पंचायत सदस्यों ने भी बीडीए द्वारा कराए गए निर्माणकार्यों की शिकायतें की। इसके बाद साधारण सभा की बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में बीडीए को दिए गए सारे काम निरस्त करने और आगे से कोई भी निर्माण कार्य बीडीए को नहीं देना का प्रस्ताव पास किया गया। इसके साथ ही अब तक बने सभी भवनों के निर्माण की गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी। जिला पंचायत सदस्य आरती भीकम सिंह ने बैठक में कोल्हूखेड़ी पंचायत के कडैय्या खेड़ा, मंगलगढ़, मनीखेड़ी में बीडीए ठेकेदार द्वारा सरपंच की आपत्ति के बावजूद जबरन आंगनवाड़ी भवन निर्माण शुरू करने का मुद्दा उठाया। इन आंगनवाड़ी भवनों को कलेक्टर के आदेश से दूसरे गांवों में शिफ्ट किया जा चुका है। इसके बावजूद बीडीए पुराने आदेश के आधार पर जबरन निर्माण करा रहा है। गौरतलब है कि जिले के
बिना पद के रिश्वत लेकर संकुल प्राचार्य ने बना दिया अतिथि शिक्षक अब नहीं मिल रहा वेतन
गुनगा स्कूूल के संकुल प्राचार्य सीपी भलावी पर 2 हजार रुपए की रिश्वत लेकर एक युवक को अतिथि शिक्षक पद पर नियुक्ति देने का मामला सामने आया है। कलारा स्कूल में पिछले एक साल से अध्यापन कर रहे नईमुद्दीन ने वेतन नहीं दिए जाने पर जिला पंचायत बैठक में पहुुंचकर इसकी शिकायत की। नईमुद्दीन ने अपना नियुक्ति पत्र और स्कूल का उपस्थिति रजिस्टर दिखाते हुए संकुल प्राचार्य भलावी पर सरेआम 2 हजार रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगाया। बैठक में मौजूद भलावी ने इस आरोप से इनकार किया। नईमुद्दीन ने जिला पंचायत सीईओ आशीष भार्गव को शिकायत करते हुुए बताया की प्राचार्य स्कूल से गायब रहकर आए दिन पादरी टोला में शराब और मुर्गा पार्टी करते हैं। स्कूल में भी शराब पीकर आते हैं। सीईओ भार्गव ने बताया कि अतिथि शिक्षक के मानदेय की भरपाई प्राचार्य भलावी के वेतन से कटौती कर कराई जाएगी।
शासन में क्या भगवान राम बैठे हैं? किसने लिया फैसला नाम बताओ
करतार वेयरहाउस में गेहूं में मिट्टी मिलावट को लेकर ब्लैकलिस्ट की गईं 9 सोसाइटियों के 12 तुलाई केंद्र दूसरे स्थानों पर शिफ्ट करने पर ग्रामीण जनप्रतिनिधियों ने भारी हंगामा किया। जिला पंचायत अध्यक्ष नागर ने सवाल किया कि यदि ब्लैक लिस्ट की गई 9 सोसाइटियों ने गलती की है तो उन पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई। तुलाई केंद्र शिफ्ट होने से किसानों पर ट्रांसपोर्ट खर्च बढ़ जाएगा, जिसने मिट्टी मिलाई उस पर कार्रवाई करने के बजाय किसानों पर यह अतिरिक्त भार क्यों? खाद्य और सहकारिता विभाग के अफसरों ने कहा कि यह फैसला शासन स्तर पर हुआ है। इस पर नागर ने कहा कि शासन में क्या भगवान राम बैठे हैं, किसके आदेश से यह किसान विरोधी निर्णय लिया गया, उसका नाम बताइए? आप लोग गलत जानकारी ऊपर भेजोगो तो गलत फैसले होंगे ही। लेकिन कोई भी अधिकारी यह नहीं बता सका कि किसके आदेश से 12 तुलाई सेंटर दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किए गए हैं।
सन्हौला अंचल निरीक्षक सह राजस्व कर्मचारी के कार्यालय में पकड़ाए दलाल
भागलपुर जिले के सन्हौला प्रखंड एक दलाल का वेतन क्या है? कार्यालय सटे जो प्रभारी अंचल निरीक्षक सह राजस्व कर्मचारी का जो कार्यालय है,अजब गजब कहानी है उस कार्यालय में राजस्व कर्मचारी तो एक है सिर्फ कर्मचारी महोदय, लेकिन वहां कर्मचारी के पालतू दलाल अनेकों है जब 4 दिन लगातार निरीक्षण के बाद पांचवें दिन कर्मचारी से सवाल किया गया प्रत्येक दिन यह लोग आपके कार्यालय में क्या करते हैं तो पहले तो बोले यह लोग काम से आते हैं लेकिन बाद में कर्मचारी खुद बोलते हैं मैं इसमें से एक को अपने मोटरसाइकिल के ड्राइवर के लिए रखे हैं उसे 7000 प्रत्येक माह देते हैं और साथ ही 2 स्टाफ को रखे हैं जिसे ₹9000 महिना देते हैं अब वहां के अंचलाधिकारी से मैं जानना यह चाहता हूं एक राजस्व कर्मचारी की वेतन कितनी है जो वह 25000 सिर्फ एक दलाल का वेतन क्या है? स्टाफ को सैलरी देते हैं अपने वेतन से ऐसे में वहां उपस्थित फरियादी ने बताया कि यह दलालों का अड्डा बना हुआ है और यहां पैसा देकर ही काम होता है, हम सोचे कि बिना पैसा दिए काम कर आएंगे तो हमें साल भर से चक्कर काटना पड़ रहा है। यही नहीं सन्हौला प्रखंड के राजस्व कर्मचारी इतने ज्ञानी हैं की एक पंचनामा जो सामने देखने मिला जो पंचनामा ग्राम पंचायत में सरपंच के द्वारा बनाया जाता है उनका मान्यता सुप्रीम कोर्ट तक है उसे राजस्व कर्मचारी गलत ठहराते हैं जो 1000 के स्टांप पेपर पर बना रहता है और इस राजस्व कर्मचारी को इतना अधिक वेतन मिलता है कि अपने वेतन से यह ₹25000 स्टाफ को देते हैं और प्राइवेट स्टाफ रखे हुए हैं इससे साफ स्पष्ट होता है की सन्हौला प्रखंड राजस्व कर्मचारी दलालों को पालता है और दलालों का जमावड़ा बना के रखा है , बहुत सारे ऐसे काम है जिसका पूरा सबूत है कि राजस्व कर्मचारी कागज रहते हुए उसका काम नहीं करता है सिर्फ पैसे के लिए, और हद तो तब हो जाती है जब एक ही पंचनामा एक ही बटवारा नामा और एक ही पिता का दोनों पुत्र एक गरीब और एक अमीर जो पैसा देता है उसका मोटेशन हो जाता है और जो नहीं पैसा देता उसका मोटेशन रद्द हो जाता है। यह है सन्हौला क राजस्व कर्मचारी की हकीकत मैं अंचलाधिकारी से यह जानना चाहता हूं इस कर्मचारी का वेतन कितना है कैसे यह ₹25000 स्टाफ को दे रहे हैं
भागलपुर जिले से लगातार भ्रष्टाचार की खबर देखने के लिए आप मेरी खबर को देखते रहिए और अगर जिले में भ्रष्टाचार से जुड़े आपके पास कोई भी सबूत हो तो आप मेरे नंबर 8340432868 पर बता सकते हैं और कुछ भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने में अपना भागीदारी भी निभा सकते हैं।
कुवैत में अकाउंटेंट की जॉब का था वादा, जानिए फिर युवक के साथ क्या हुआ; धोखाधड़ी की कहानी
बीकॉम डिग्रीधारी युवक को नौकरी दिलाने के नाम पर दलाल ने 3.28 लाख रुपए भी ठग लिए। जब युवक कुवैत पहुंचा तो उसे मिला झाड़ू और पोंछा लगाने का काम। वेतन भी 62 हजार रुपए प्रतिमाह की जगह महज 100 दीनार।
राजस्थान के डूंगरपुर में नौकरी के नाम पर धोखाधड़ी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक दलाल ने बीकॉम डिग्रीधारी युवक को कुवैत की कंपनी में अकाउंटेंट की जॉब दिलाने का वादा किया। नौकरी दिलाने के नाम पर दलाल ने उससे 3.28 लाख रुपए भी ठग लिए। जब युवक कुवैत पहुंचा तो उसे मिला झाड़ू और पोंछा लगाने का काम। वेतन भी 62 हजार रुपए प्रतिमाह की जगह महज 100 दीनार। इसके बाद पीड़ित युवक किसी तरह कुवैत से वापस लौटा और धोखाधड़ी का केस दर्ज करवाया है।
250 दीनार महीने का था वादा
एएसआई अमृतलाल ने मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लालपुरा डूंगरपुर निवासी मोहम्मद आकिब पुत्र हाफिज खान ने इस मामले में कच्ची बस्ती डूंगरपुर निवासी फरहान मकरानी पुत्र फैयाज मकरानी के खिलाफ धोखाधड़ी की कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी है। दलाल ने शर्त के मुताबिक कुवैत की कंपनी में अकाउंटेंट की नौकरी दिलवाने और मासिक वेतन 250 दीनार (करीब 62 हजार रुपए) का वादा किया था।
2019 में ले गया था कुवैत
रिपोर्ट के मुताबिक 2019 में पीड़ित आकिब ने अपने मामा मकबूल खान की मौजूदगी में 3 लाख 28 हजार रुपए और पासपोर्ट दलाल फरहान को दिया। लेकिन उसने वीजा के लिए आवेदन नहीं किया। जब रुपए वापस मांगे तो उसने एक कंपनी का वीजा भेज दिया। इसमें अकाउंटेंट की नौकरी का कोई जिक्र नहीं था। 14 दिसंबर 2019 को दलाल उसे कुवैत लेकर गया और 100 दीनार प्रतिमाह में झाड़ू पौछे के काम में लगा दिया।
डर के कारण काम करता रहा
पीड़ित ने बताया कि जब उसने कुवैत में काम करने से मना कर दिया तो उसका पासपोर्ट छीन लिया गया। साथ ही फंसाने की धमकी दी गई। वह डर के कारण काम करता रहा। इस बीच कोरोना के चलते उड़ानें भी रद्द हो गई। किसी तरह उसने लोगों से मदद हासिल की और घर लौट पाया। आते ही उसने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है।