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लंबी अवधि में धन का निर्माण कैसे करें

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इति भागवत कथा!

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 17 अगस्त 2018 को दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 17 अगस्त 2018 को दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार में शामिल हुए.

2014 के आम चुनाव से पहले के महीनों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राष्ट्रीय प्रवक्ता राम माधव ने भारतीय जनता पार्टी के नेता अरुण शौरी से मिलने का समय मांगा. माधव का उनसे एक अनुरोध था. वह चाहते थे कि शौरी आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत की ओर से बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के साथ बात करें.

भागवत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के छठे सरसंघचालक हैं. 1925 में नागपुर के ब्राह्मण समुदाय के भीतर से संघ उभरा था. इसके संबद्ध संगठनों का नेटवर्क, जिसे सामूहिक रूप से संघ परिवार के कहा जाता है, भारतीय समाज के लगभग हर पहलू में घुसा हुआ है. हिंदुत्व परिवार के प्रमुख के रूप में आरएसएस अपने लंबी अवधि में धन का निर्माण कैसे करें लगभग तीन दर्जन संबद्ध संगठनों के लिए वैचारिक ईंधन प्रदान करता है, जिसमें सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी, देश के सबसे बड़ी ट्रेड यूनियनों में से एक भारतीय मजदूर संघ, विभिन्न विश्वविद्यालयों में सक्रिय एक छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और हिंदू साधुओं के समूह और मठवासी प्रतिष्ठान शामिल हैं. सरसंघचालक इस विशाल बिना आकार वाली प्रणाली पर अंतिम मा​र्गदर्शक के रूप में शासन करता है.

"आप कृपया नरेन्द्रभाई से मोहनजी के बारे में बात करें," शौरी माधव की इस बात को याद करते हैं. माधव के पास शौरी और मोदी के बीच घनिष्ठता का अनुमान लगाने का अच्छा कारण था. 2013 में दोनों की कई बार मुलाकात हुई थी. उसी साल 18 अक्टूबर को मोदी ने शौरी की एक किताब का विमोचन किया था. शौरी को लगता है कि इसी वजह से यह बात फैल गई कि वह मोदी को अच्छी तरह से जानते हैं.

शौरी बताते हैं, "मैंने राम माधव से पूछा कि क्या हुआ." माधव ने बताया कि भागवत ने मोदी की भाषा और अशिष्ट व्यवहार से नाराजगी जताई थी. शौरी ने कहा, "मोदीजी को नागपुर में मोहनजी से मिलने और उनके साथ, आरएसएस चुनाव अभियान में कैसे योगदान दे सकता है, इस पर चर्चा करने के लिए कहा गया था, “लेकिन मोदीजी ने कहा कि वह नागपुर नहीं जाएंगे और (भागवत) को बैठक के लिए अहमदाबाद आना चाहिए. तब मोहनजी अपने दौरे की सारी योजना बदल कर उनसे मिलने अहमदाबाद पहुंचे.''

एक बार अहमदाबाद में, भागवत ने अनुरोध किया कि बैठक आरएसएस कार्यालय में आयोजित की जाए लेकिन मोदी ने इनकार कर दिया. उन्होंने जोर देकर कहा कि भागवत उनके आवास पर आएं. वे अंततः . आरएसएस के किसी संरक्षक के घर पर मिले. शौरी बताते हैं, "मोदी शायद उनके साथ बहुत रूखे थे. बैठक में भागवत ने मोदी को बताना शुरू किया कि चुनाव अभियान कैसे आयोजित किया जाए, क्या किया जाना चाहिए और क्या नहीं किया जाना चाहिए.” शौरी को माधव ने जो बताया उस के अनुसार, मोदी ने कहा, " मोहनजी एक बात याद रखना. अगर मैंने बीजेपी में जाने के आरएसएस के आदेश का पालन नहीं किया होता, तो शायद मैं उस पद पर बैठा होता जहां आप आज हैं.” मोदी ने संगठन में एक प्रचारक के रूप में कई साल बिताए थे.

लंबी अवधि में धन का निर्माण कैसे करें

हालात बता रहे हैं कि केंद्र सरकार के पास देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने के लिए जरूरी योजना है। इस संबंध में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं आकाश प्रकाश

गत पखवाड़े मॉर्गन स्टैनली द्वारा आयोजित निवेश दौरे के सिलसिले में मुझे चार दिन भारत में रहने का अवसर मिला। दो दिन तो मैं उनके सालाना भारतीय सम्मेलन में शामिल हुआ और बाकी दो दिन मुख्य सूचना अधिकारी (सीआईओ) दौरे में बतौर प्रतिभागी। इस दौरान हम नीति निर्माताओं से मिले, उद्योगपतियों से मिले और स्वतंत्र विशेषज्ञों से भी मिले। मुझे कहना होगा कि इस यात्रा का हासिल काफी सकारात्मक रहा। इस दौरान सरकार की दिशा और उसका उद्देश्य एकदम स्पष्टï नजर आए। हां, समय जरूर अपेक्षा से ज्यादा लग रहा है, लोगों को अधिक तीव्र सुधारों की आवश्यकता थी लेकिन अर्थव्यवस्था में बदलाव की योजना है और इसका क्रियान्वयन भी चल रहा है।

कुछ बातों का जिक्र जरूरी है:

1. ऐसी धारणा है कि रेल, सड़क, कोयला, बिजली पारेषण और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में सरकार के नेतृत्व में निवेश में तेजी आ रही है। सरकार को पता है कि कैसे निजी निवेश को बढ़ावा देना होगा। रेलवे सार्वजनिक निवेश का बड़ा वाहक बनता दिख रहा है। रेल मंत्री समझदार हैं, लंबी अवधि के फंड तक उनकी पहुंच है और कई व्यवहार्य योजनाएं उनके समक्ष हैं। इस मोर्चे पर शीघ्र सुधार की उम्मीद की जा सकती है। न केवल माल ढुलाई कॉरिडोर में बल्कि लाइन डबल करने, रोलिंग स्टॉक बढ़ाने और नई लाइन बिछाने में भी।

2. सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है। अधिकारियों का मानना है कि वर्ष 2015-16 लंबी अवधि में धन का निर्माण कैसे करें में करीब 6,000 किलोमीटर सड़क बनेगी और 10,000 किमी के ऑर्डर जारी हो जाएंगे। राजग सरकार के काम संभालते वक्त 80 सड़क परियोजनाएं फंसी हुई थीं जिनमें से अब केवल 20 ही बाकी हैं। 16 परियोजनाएं एनएचएआई के जिम्मे हैं जबकि कई को रद्द कर दोबारा निविदा जारी की गई है। बोली के पहले सख्त मानक लगाए जा रहे हैं ताकि सड़क निर्माण का कार्य तेज गति से पूरा हो सके।

3. कारोबारी लंबी अवधि में धन का निर्माण कैसे करें माहौल को आसान बनाने पर काफी ध्यान दिया जा रहा है। हमने ये चर्चाएं सुनी हैं कि कितनी मंजूरियों का काम ऑनलाइन कर दिया गया है, कैसे राज्यों के बीच कंपनियों के लिए प्रक्रियाएं आसान बनाने की होड़ लगी हुई है और कैसे चीजों को और आसान बनाने का काम तेजी पर है। श्रम कानूनों में सुधार की दिशा में साल भर से काफी काम चल रहा है। यह अकेले पिछले 20 साल की कोशिशों पर भारी है। देश की रैंकिंग में सुधार के गंभीर प्रयास भी नजर आ रहे हैं।

4. बिजली क्षेत्र की बात करें तो लंबी अवधि में धन का निर्माण कैसे करें सौर ऊर्जा और पारेषण वास्तव में दो उत्साहित करने वाले क्षेत्र करार दिए गए हैं। इन दोनों क्षेत्रों में अनेक परियोजनाएं प्रक्रिया में हैं। इनमें निवेशक रुचि दिखा रहे हैं और नीतिगत ढांचा भी तैयार है। नौ महीने में ही दक्षिणी ग्रिड को राष्टï्रीय ग्रिड से जोड़ दिया जाएगा और 4,000 मेगावॉट अधिशेष बिजली को इस्तेमाल किया जाएगा। सही मायनों में बिजली का विकेंद्रीकरण किया जा सकेगा। वितरण लंबे समय से इस क्षेत्र की समस्या बनी हुई है और कोई हल नहीं नजर आ रहा। पैनल में शामिल लोग भी इस बारे में कुछ कहने की स्थिति में नहीं थे।

5. एक शानदार प्रस्तुति में बताया गया कि कैसे अनौपचारिक क्षेत्र में ऋण देने में जबरदस्त अवसर विद्यमान हैं। बताया गया कि देश के शहरी क्षेत्र तक में अधिकांश छोटे उद्यमों और गरीबों की पहुंच औपचारिक ऋण तक नहीं है। आरबीआई के नए दिशानिर्देशों ने छोटे बैंकों को पेशेवर सूक्ष्म वित्त प्रदान करने का अवसर दिया है। यहां रोचक कारोबारी मॉडल देखने को मिल सकते हैं और निवेशकों को नए अवसर भी।

6. कंपनियों के खराब मुनाफे की बात करें तो व्यवस्था में बढ़ी नकदी, मुद्रास्फीति में गिरावट, रुपये की मजबूती और सरकारी खर्च में कटौती ने इस पर असर डाला है। मुद्रास्फीति तथा राजकोष में आ रही स्थिरता के बाद दबाव कम होना शुरू हो जाएगा। बजट में भी कुछ राजकोषीय बचाव की व्यवस्था है और यह सकारात्मक साबित हो सकता है। सभी विभागों को खर्च बढ़ाने का प्रोत्साहन भी मिल रहा है।

7. सरकारी बैंकों की बात करें तो सभी निवेशकों ने इसे लेकर अपनी शंकाएं जाहिर की हैं। कहा जा रहा है कि मौजूदा स्थिति में इनमें नई पूंजी डालने का कोई मतलब नहीं है। सबसे पहले हमें सरकारी बैंकों की प्रशासनिक दिक्कतों को दूर करना होगा, उसके बाद ही पूंजी देने का कोई मतलब है। ऐसा करके फंसे हुए कर्ज में इजाफे को रोका जा सकता है। इन बैंकों में बढिय़ा चेयरमैन लाने की प्रक्रिया चल रही है। इसके बाद नंबर आएगा मुख्य कार्याधिकारियों का। सही प्रत्याशियों की तलाश में समय जरूर लगेगा। यह विचार भी सामने आया है कि कई सरकारी बैंक अचल संपत्ति के जरिये पूंजी जुटा सकते हैं। सरकार भी समझती है कि इन बैंकों को पूंजी उपलब्ध कराने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

8. कारोबारी जगत के लिए भी मौज के दिन जा रहे हैं। प्रवर्तकों द्वारा सारा लाभ अपने लिए रखना ओर कमियों को बैंक की ओर रवाना कर देना अब नहीं चलेगा। आरबीआई और सरकार इस मुद्दे पर एकराय हैं। नए सामरिक पुनर्गठन दिशानिर्देशों को बैंकों के हाथ लगा एक अहम हथियार माना जा सकता है जिनका इस्तेमाल वे कर्जदारों के विरुद्घ कर सकते हैं। परिसंपत्तियों में बिक्री से जुड़ा नया बदलाव लंबी अवधि के दौरान विभिन्न कंपनियों की उत्पादकता बढ़ाने में खासा योगदान देगा।

9. नए छोटे उद्यमों को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला। आईआईअी और आईआईएम के 40 फीसदी युवा नए उद्यमों में शामिल हो रहे हैं या खुद का उद्यम शुरू कर रहे हैं। फंडिंग की व्यवस्था भी सुचारु होती दिख रही है। देश में विभिन्न क्षेत्रों के उद्यमी डिजिटल बदलाव के लिए तैयार दिखाई दे रहे हैं।

10. अचल संपत्ति बाजार सबसे बुरे दौर से दोचार हुआ है। इसने सभी तरह के कच्चे माल पर दबाव बनाया है। फिर चाहे वह सीमेंट हो, इस्पात हो या श्रम। काले धन पर कार्रवाई तेज होने के साथ ही इस दबाव के और बढऩे की आशंका है।

11. शीर्ष पर व्याप्त भ्रष्टाचार में काफी कमी आई है लेकिन निचले स्तर पर वह बरकरार है। बहरहाल, एकदम शुरुआत में इसे बुरा नहीं कहा जा सकता है।

निश्चित तौर पर अल्पावधि में चुनौतियां हैं। ग्रामीण भारत और खपत पर दबाव बना हुआ है। आय में सुधार होने में भी अभी वक्त लगेगा। सरकार में कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए तो अभी भी श्रेष्ठï लोगों की कमी है। आरबीआई जरूरत से ज्यादा निराशावादी रुख रखे हुए है। बाजार सस्ते नहीं हैं। प्रधानमंत्री भी मूलतया मुक्त बाजार के हिमायती नहीं हैं अभी भी वह चीजों में सुधार के लिए सरकार की ताकत पर ही भरोसा कर रहे हैं। नीतियों और अर्थव्यवस्था में जो भी सुधार हुआ है वह उम्मीद से कम रहा है। बाजार में तो आने वाले महीनों में सुधार हो जाएगा। परंतु हम एक कारोबारी दायरे में उलझे हुए हैं जिससे बाहर निकलना मुश्किल होगा। बहरहाल, बाजार में जब भी सुधार होता है तो मेरी नजर में यह लिवाली का अवसर होगा। लंबी अवधि की दिशा स्पष्टï है। आर्थिक सुधार जारी रहेगा, आय बेहतर होगी और मुद्रास्फीति व दरें कम रहेंगी। लंबी अवधि पर निगाह रखिए। बाजार में सुधार होगा और नए अवसर सामने आते रहेंगे।

एक और IPO की कल शेयर बाजार में एंट्री, मुनाफा होगा या डुबेंगे पैसे?

वर्ष 1995 में स्थापित, Keystone Realtors के पास 32 प्रोजेक्ट हैं और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में 12 चालू प्रोजेक्ट और 19 आगामी प्रोजेक्ट हैं। यह कंपनी रुस्तमजी ब्रांड के तहत काम कर रही है।

एक और IPO की कल शेयर बाजार में एंट्री, मुनाफा होगा या डुबेंगे पैसे?

Keystone Realtors IPO: मुंबई की रियल एस्टेट कंपनी कीस्टोन रियल्टर्स के शेयर की 24 नवंबर यानी गुरुवार को लिस्टिंग होने वाली है। यह आईपीओ निवेशकों को कैसा रिस्पॉन्स देने वाला है, एक्सपर्ट के हिसाब से जान लेते हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट: प्रोफिशिएंट इक्विटीज प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और निदेशक मनोज डालमिया ने कहा- Keystone Realtors प्रमुख रियल एस्टेट डेवलपरों में से एक है। कंपनी मुख्य रूप से भारत में रियल एस्टेट निर्माण, विकास और अन्य संबंधित गतिविधियों के कारोबार में लगी हुई है। इसका ग्रे मार्केट प्रीमियम यानी जीएमपी ₹5 है। लिस्टिंग के दिन बड़े मुनाफे की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।

शेयर इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और रिसर्च हेड रवि सिंह के मुताबिक Keystone Realtors के शेयर लिस्टिंग के दिन मामूली प्रीमियम या उसी कीमत पर लिस्ट हो सकते हैं। लंबी अवधि के नजरिए से निवेशक अपनी पोजीशन को होल्ड कर सकते हैं।

बता दें कि यह कंपनी 'रुस्तमजी' ब्रांड के तहत संपत्तियां बेचती है। यह आईपीओ सोमवार, 14 नवंबर, 2022 से बुधवार, 16 नवंबर, 2022 तक खुला था। आईपीओ के लिए प्राइस बैंड 514-541 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है।

वर्ष 1995 में स्थापित, Keystone Realtors के पास 32 प्रोजेक्ट हैं और मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में 12 चालू प्रोजेक्ट और 19 आगामी प्रोजेक्ट हैं। यह कंपनी रुस्तमजी ब्रांड के तहत काम कर रही है।

Loan जल्दी चुकाना होगा बैंक का कर्ज, कैसे खत्म करें ईएमआई? जानिए लोन फोरक्लोजर और इसकी प्रक्रिया

Loan जल्दी चुकाना होगा बैंक का कर्ज, कैसे खत्म करें ईएमआई? जानिए लोन फोरक्लोजर और इसकी प्रक्रिया

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Loan : लोन फोरक्लोजर पूरा करने के लिए आपको बैंक/फाइनेंस कंपनी में आवेदन करना होगा। लोन पुरोबंध पूरा करने के लिए आपको बैंक/फाइनेंस कंपनी(finance company) में आवेदन करना होगा। लोन फोरक्लोजर पूरा करने के लिए आपको बैंक/फाइनेंस कंपनी में आवेदन करना होगा। बैंक प्री-क्लोजर या प्री-क्लोजर के लिए कुछ शुल्क लेते हैं। आम तौर पर यह राशि कुल बकाया ऋण राशि का 2 से 4 प्रतिशत होती है।

Loan : बैंक या एनबीएफसी से कर्ज लेने के बाद कई ग्राहक लंबी अवधि तक ब्याज चुकाने से बचने के लिए कर्ज चुका देते हैं। पर्सनल लोन का ब्याज सबसे ज्यादा होता है, इसलिए आमतौर पर व्यक्ति इसे जल्द से जल्द चुका देना चाहता है।

यदि आप अपना ऋण जल्दी चुकाना चाहते हैं, तो आप ऋण फोरक्लोजर विकल्प ले सकते हैं। क्रेडिट कार्ड ईएमआई या अन्य प्रकार के कर्ज को खत्म करने के लिए प्री-क्लोजर या फॉर-क्लोजर और पार्ट-क्लोजर विकल्प लिए जा सकते हैं।

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Loan : आवेदन कैसे करें?
लोन फोरक्लोजर पूरा करने के लिए आपको बैंक/फाइनेंस कंपनी में आवेदन करना होगा। आपको आवेदन पत्र के साथ अपने मौजूदा गृह ऋण खाता संख्या, पैन और पते की एक प्रति प्रदान करनी होगी।

बैंक प्री-क्लोजर या प्री-क्लोजर के लिए कुछ शुल्क लेते हैं। आम तौर पर यह राशि कुल बकाया ऋण राशि का 2 से 4 प्रतिशत होती है। पूरी राशि प्राप्त करने के बाद बैंक रसीद पत्र जारी करता है। इस पूरी प्रक्रिया के बाद आपको बैंक की ओर से प्री-क्लोजर एग्रीमेंट दिया जाता है।

अगर आपको लगता है कि आपकी आय का एक बड़ा हिस्सा लोन की ईएमआई में चला जाता है, तो लोन को फोरक्लोज़ करना एक समझदारी भरा फैसला है। हालांकि, लोन को तभी फोरक्लोज करें जब आपके पास सरप्लस फंड हो।

Loan : वहीं दूसरी ओर आप चाहें तो अतिरिक्त लाभ कमाने के लिए अधिशेष धन का उपयोग किसी अन्य निवेश में कर सकते हैं।
गृह ऋण के मामले में, उधारकर्ता क्रमशः मूलधन और ब्याज के पुनर्भुगतान के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80C और 24 के तहत कुछ कटौतियों का हकदार है, इसलिए ऋण की परिपक्वता से पहले फोरक्लोज़िंग का अर्थ है

कि ये कटौतियाँ अब आपके लिए उपलब्ध नहीं हैं तुम। . तो अपनी कर योग्य आय की गणना करें और फोरक्लोजिंग पर विचार करें।
इस बात पर हमेशा ध्यान दें कि बैंक आपके लोन पर कितना ब्याज वसूल रहा है। समय-समय पर ब्याज दरों की लंबी अवधि में धन का निर्माण कैसे करें जांच करते रहें।

इस साल मई से आरबीआई ने लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है, लिहाजा हर तरह के कर्ज पर ब्याज बढ़ा है. अगर आपको लगता है कि उच्च ब्याज दरों का पालन करने की संभावना है, तो आप जल्दी ऋण का भुगतान कर सकते हैं।

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