ARP क्या है और यह कैसे काम करता है?

महत्वपूर्ण! यदि उपलब्ध वस्तुओं की पूरी सूची की आवश्यकता है, तो ifconfig टाइप करें।
Protocol क्या है और ये कितने प्रकार होते है?
Protocol Kya Hai:- क्या आपको Protocol के बारे मे जानना चाहते हैं क्या आपको protocol meaning in hindi के बारे मे जानना हैं तो आप सही जगह पर आए हैं क्यूकी मैं इस पोस्ट मे आज what is protocol in hindi के बारे मे बताने वाला हूँ।
प्रोटोकॉल क्या होता हैं प्रोटोकॉल के क्या क्या फायदे हैं और प्रोटोकॉल के क्या क्या हानी हैं इसके साथ साथ Protocol के types के बारे मे जानेंगे तो चलिये इस पोस्ट को शुरू किया जाए और आपको प्रोटोकॉल की पूरी जानकारी दिया जाए।
Protocol Kya Hai
what is Protocol in hindi- दोस्तो सबसे पहले Protocol Kya Hai हैं इसको जानना बेहद जरूरी हैं क्यूकी ये हमारा मुख्य topic हैं। प्रोटोकॉल का संबंध इंटरनेट से हैं इंटरनेट पर हमारी सूचनाओ का आदान प्रदान के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं।
दुनिया मे इंटरनेट फैला हुआ हैं उसके साथ साथ कम्प्युटर भी दुनिया के विभिन्न विभिन्न क्षेत्रों मे फैला हुआ हैं इन computer के बीच मे सूचना, डाटा, फाइल्स का आदान प्रदान करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं इसी नियम को प्रोटोकॉल कहा जाता हैं।
अगर प्रोटोकॉल नही रहेगा तब दुनिया मे कोई भी सूचनाओ का आदान प्रदान करना इतना कठिन होगा की हम समझ भी नहीं सकते हैं।
जैसे आपने बहुत प्रोटोकॉल का नाम सुना होगा जैसे DNS, FTH, HTTPS, RTS, RTSP, NFS, PAP इत्यादि जैसे प्रोटोकॉल हैं। दोस्तो ये था Protocol Kya Hai, उम्मीद हैं आपको समझ आ गया होगा।
Protocol meaning in hindi
दोस्तो आपने तो प्रोटोकॉल क्या हैं ये जाना लेकिन Protocol meaning के बारे मे नहीं जान मैं आपको बताता हूँ की protocol meaning in hindi क्या होता हैं।
Meanings of protocol in Hindi:- Protocol एक english शब्द हैं जिसका हिन्दी मे अर्थ होता हैं मसविदा बनाना ।
प्रोटोकॉल के प्रकार
प्रोटोकॉल के प्रकार क्या क्या होते हैं वैसे तो प्रोटोकॉल बहुत प्रकार के होते हैं लेकिन मैं अपने इस पोस्ट मे आपको 10 types of protocols के बारे मे बताऊंगा।
1.Transmission Control Protocol (TCP)
इसका काम इंटरनेट पर डाटा को एक जगह से दूसरे जगह send करना और recieve करना होता है।
2.इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP)
1970 मे बिकसित किया गाय इस प्रोटोकॉल का काम ये होता है की ये IP adress को रूट करके उसको send करता है।
3.User Datagram Protocol (UDP)
UDP प्रोटोकॉल का काम होता है की ये अलग अलग प्रकार के डिवाइस के साथ कनैक्ट करके उनके साथ एक समन्वय बैठाता है।
4.पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल (POP)
इस प्रोटोकॉल को ईमेल कार्यों के लिए बनाया गया हैं।
5.Simple mail transport Protocol (SMTP)
इसको अलग अलग सबनधित ईमेल को भेजने मे बनाया गया है।
6.फाइल्स ट्रान्सफर प्रोटोकॉल (FTP)
फाइल्स ट्रान्सफर प्रोटोकॉल (FTP) की मदद से हम एक मशीन से दूसरे मशीन मे data को भेज सकते हैं।
7.Hyper Text Transfer Protocol (HTTP)
Hyper Text Transfer Protocol (HTTP) प्रोटोकॉल को वेब browser के url के साथ http रहता हैं इसका संबंध URl से हैं। अगर http किसी url मे लगा हुआ हैंतब वो url safe नहीं हैं।
8.HyperText Transfer Protocol Secure (HTTPS)
HyperText Transfer Protocol Secure (HTTPS) प्रोटोकॉल का संबंध भी URL से हैं आप URL मे देखते होंगे की https हैं इसका मतलब url safe हैं।
9.Telnet
रिमोट लोगिंग के हेल्प से एक कम्प्युटर को दूसरे कम्प्युटर को जोड़ा जाता हैं।
10.Gopher
इस प्रोटोकॉल की मदद से हमे server से डाटा ग्रहण करते हैं।
प्रोटोकॉल के कुछ अन्य प्रकार
ARP- Address Resolution Protocol
DHCP- Dynamic Host Configuration Protocol
IMAP4- Internet Message Access Protocol
SIP- Session Initiation Protocol
RTP- Real-Time Transport Protocol
RLP- Resource Location Protocol
RAP- Route Access Protocol
L2TP- Layer Two Tunnelling Protocol
PPTP- Point To Point Tunnelling Protocol
SNMP- Simple Network Management Protocol
TFTP- Trivial File Transfer Protocol
प्रोटोकॉल के फायदे
- इनसे सबसे बड़ा लाभ हुआ हुआ की दुनिया भर मे एक Connecting information को समझा गया और उसी एक प्रोटोकॉल को पूरी दुनिया follow करती है।
- प्रोटोकॉल से हमारी data transfer और share बहुत आसान हो गया हैं।
- इनकी वजह से आज पूरी दुनिया के computer एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
- प्रोटोकॉल के वजह से आज पूरी दुनिया मे communication करना आसान हो गया हैं।
प्रोटोकॉल के नुकसान
वैसे इनसे उतने अधिक नुकसान नहीं हैं जीतने की इसके लाभ हैं लेकिन फिर भी मैं आपको कुछ हानियाँ बताता हूँ।
- आज प्रोटोकॉल के वजह से पूरी दुनिया मे computer और communication की एक standard नियम हैं इसको सभी को follow करना पड़ता हैं।
- कभी कभी इन प्रोटोकॉल को को hacker hack करके डाटा लीक कर देते हैं जिससे user और public को बहुत नुकसान होता हैं।
हमने क्या सीखा
इस पोस्ट मे हमने Protocol Kya Hai और protocol meaning in hindi के बारे मे जाना। अगर आपको ये मेरा पोस्ट अच्छा लगे तो share करना और कुछ भी स्वला होतो नीचे comment मे जरूर पूछे।
दोस्तो अगर आपको इंटरनेट से पैसा कमाना या टेक की दुनिया की हर छोटी बड़ी न्यूज़ के बारे मे जानना है तो हमारे इस ब्लॉग को फॉलो कर सकते है यहा हम रोजाना पैसा कमाना और tech संबन्धित जानकारी share करते है।
Protocol क्या है और ये कितने प्रकार होते है?
Protocol Kya Hai:- क्या आपको Protocol के बारे मे जानना चाहते हैं क्या आपको protocol meaning in hindi के बारे मे जानना हैं तो आप सही जगह पर आए हैं क्यूकी मैं इस पोस्ट मे आज what is protocol in hindi के बारे मे बताने वाला हूँ।
प्रोटोकॉल क्या होता हैं प्रोटोकॉल के क्या क्या फायदे हैं ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? और प्रोटोकॉल के क्या क्या हानी हैं इसके साथ साथ Protocol के types के बारे मे जानेंगे तो चलिये इस पोस्ट को शुरू किया जाए और आपको प्रोटोकॉल की पूरी जानकारी दिया जाए।
Protocol Kya Hai
what is Protocol in hindi- दोस्तो सबसे पहले Protocol Kya Hai हैं इसको जानना बेहद जरूरी हैं क्यूकी ये हमारा मुख्य topic हैं। प्रोटोकॉल का संबंध इंटरनेट से हैं इंटरनेट पर हमारी सूचनाओ का आदान प्रदान के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं।
दुनिया मे इंटरनेट फैला हुआ हैं उसके साथ साथ कम्प्युटर भी दुनिया के विभिन्न विभिन्न क्षेत्रों मे फैला हुआ हैं इन computer के बीच मे सूचना, डाटा, फाइल्स का आदान प्रदान करने के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं इसी नियम को प्रोटोकॉल कहा जाता हैं।
अगर प्रोटोकॉल नही रहेगा तब दुनिया मे कोई भी सूचनाओ का आदान प्रदान करना इतना कठिन होगा की हम समझ भी नहीं सकते हैं।
जैसे आपने बहुत प्रोटोकॉल का नाम सुना होगा जैसे DNS, FTH, HTTPS, RTS, RTSP, NFS, PAP इत्यादि जैसे प्रोटोकॉल हैं। दोस्तो ये था Protocol Kya Hai, उम्मीद हैं आपको समझ आ गया होगा।
Protocol meaning in hindi
दोस्तो आपने तो प्रोटोकॉल क्या हैं ये जाना लेकिन Protocol meaning के बारे मे नहीं जान मैं आपको बताता हूँ की protocol meaning in hindi क्या होता हैं।
Meanings of protocol in Hindi:- Protocol एक english शब्द हैं जिसका हिन्दी मे अर्थ होता हैं मसविदा बनाना ।
प्रोटोकॉल के प्रकार
प्रोटोकॉल के प्रकार क्या क्या होते हैं वैसे तो प्रोटोकॉल बहुत प्रकार के होते हैं लेकिन मैं अपने इस पोस्ट मे आपको 10 types of protocols के बारे मे बताऊंगा।
1.Transmission Control Protocol (TCP)
इसका काम इंटरनेट पर डाटा को एक जगह से दूसरे जगह send करना और recieve करना होता है।
2.इंटरनेट प्रोटोकॉल (IP)
1970 मे बिकसित किया गाय इस प्रोटोकॉल का काम ये होता है की ये IP adress को रूट करके उसको send करता है।
3.User ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? Datagram Protocol (UDP)
UDP प्रोटोकॉल का काम होता है की ये अलग अलग प्रकार के डिवाइस के साथ कनैक्ट करके उनके साथ एक समन्वय बैठाता है।
4.पोस्ट ऑफिस प्रोटोकॉल (POP)
इस प्रोटोकॉल को ईमेल कार्यों के लिए बनाया गया हैं।
5.Simple mail transport Protocol (SMTP)
इसको अलग अलग सबनधित ईमेल को भेजने मे बनाया गया है।
6.फाइल्स ट्रान्सफर प्रोटोकॉल (FTP)
फाइल्स ट्रान्सफर प्रोटोकॉल (FTP) की मदद से हम एक मशीन से दूसरे मशीन मे data को भेज सकते हैं।
7.Hyper Text Transfer Protocol (HTTP)
Hyper Text Transfer Protocol (HTTP) प्रोटोकॉल को वेब browser के url के साथ http रहता हैं इसका संबंध URl से हैं। अगर http किसी url मे लगा हुआ हैंतब वो url safe नहीं हैं।
8.HyperText Transfer Protocol Secure (HTTPS)
HyperText Transfer Protocol Secure (HTTPS) प्रोटोकॉल का संबंध भी URL से हैं आप URL मे देखते होंगे की https हैं इसका मतलब url safe हैं।
9.Telnet
रिमोट लोगिंग के हेल्प से एक कम्प्युटर को दूसरे कम्प्युटर को जोड़ा जाता हैं।
10.Gopher
इस प्रोटोकॉल की मदद से हमे server से डाटा ग्रहण करते हैं।
प्रोटोकॉल के कुछ अन्य प्रकार
ARP- Address Resolution Protocol
DHCP- Dynamic Host Configuration Protocol
IMAP4- Internet Message Access Protocol
SIP- Session Initiation Protocol
RTP- Real-Time Transport Protocol
RLP- Resource Location Protocol
RAP- Route Access Protocol
L2TP- Layer Two Tunnelling Protocol
PPTP- Point To Point Tunnelling Protocol
SNMP- Simple Network Management Protocol
TFTP- Trivial File Transfer Protocol
प्रोटोकॉल के फायदे
- इनसे सबसे बड़ा लाभ हुआ हुआ की दुनिया भर मे एक Connecting information को समझा गया और उसी एक प्रोटोकॉल को पूरी दुनिया follow करती है।
- प्रोटोकॉल से हमारी data transfer और share बहुत आसान हो गया हैं।
- इनकी वजह से आज पूरी दुनिया के computer एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
- प्रोटोकॉल के वजह से आज पूरी दुनिया मे communication करना आसान हो गया हैं।
प्रोटोकॉल के नुकसान
वैसे इनसे उतने अधिक नुकसान नहीं हैं जीतने की इसके लाभ हैं लेकिन फिर भी मैं आपको कुछ हानियाँ बताता हूँ।
- आज प्रोटोकॉल के वजह से पूरी दुनिया मे computer और communication की एक standard नियम हैं इसको सभी को follow करना पड़ता हैं।
- कभी कभी इन प्रोटोकॉल को को hacker hack करके डाटा लीक कर देते हैं जिससे user और public को बहुत नुकसान होता हैं।
हमने क्या सीखा
इस पोस्ट मे हमने Protocol Kya Hai और protocol meaning in hindi के बारे मे जाना। अगर आपको ये मेरा पोस्ट अच्छा लगे तो share करना और कुछ भी स्वला होतो नीचे comment मे जरूर पूछे।
दोस्तो अगर आपको इंटरनेट से पैसा कमाना या टेक की दुनिया की हर छोटी बड़ी न्यूज़ के बारे मे जानना है तो हमारे इस ब्लॉग को फॉलो कर सकते है यहा हम रोजाना पैसा कमाना और tech संबन्धित जानकारी share करते है।
Router क्या है और इसके प्रकार
Router एक तरह का डिवाइस है जिसका नाम सुनते ही लगभग आधे से ज्यादा लोगों को पता लग जाता है कि यह किसी इंटरनेट कनेक्टिविटी या नेटवर्किंग से संबंधित है. इसका इस्तेमाल एक से अधिक कंप्यूटरों को आपस जोड़ने के लिए किया जा सकता है. आज इस आर्टिकल में में हम आपको बताएंगे कि Router क्या है और इसके प्रकार और यह कैसे काम करता है?, Router in hindi
Router क्या है और इसके प्रकार
Router क्या है?
Router एक तरह का कंप्यूटर जिसका इस्तेमाल नेटवर्किंग के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल करके हम दो या दो से अधिक कंप्यूटरों को एक साथ जोड़ सकते हैं. इसके अलावा हम इसके ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? माध्यम से इंटरनेट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
Router कैसे काम करता है?
Router का इस्तेमाल जैसे कि हमने आपको बताया नेटवर्किंग या इंटरनेट एक्सेस के लिए किया जाता है. हमारा कंप्यूटर है या हमारा कोई भी डिवाइस जब इससे कनेक्ट होता है तो इसके द्वारा हम डाटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक भेज सकते है और वहां से डाटा प्राप्त भी कर सकते हैं. अब आपको पता लग गया होगा कि Router एक मीडियम है जो कि एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क या एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस पर पैकेज डाटा फॉरवर्ड करने और रिसीव करने में हेल्प करता है.
Router में कौन-कौन से पार्ट होते हैं?
ऊपर हमने बात कर ली है कि Router क्या है और Router कैसे काम करता है. अब हम बात करते हैं कि Router के अंदर कौन-कौन से कॉम्पोनेंट हो या पार्ट इस्तेमाल किए गए हैं जिसके यह किसी डिवाइस से कनेक्ट होकर डाटा का आदान प्रदान कर सकता है.
Router में सीपीयू, Flash Memory, Non-Volatile RAM, रेम, नेटवर्क इंटरफेस और कंसोल जैसी चीजें इस्तेमाल की जाती हैं.
यह सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट होती है जो कि किसी भी स्पेशल ऑपरेटिंग सिस्टम को इस्तेमाल करने के लिए बनाया जाता है. Router में इस्तेमाल होने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे Junos, Juniper Routers को शुरू करते हैं और और इसके बाद में Cisco OS इसके आगे के फंक्शन को run करने में मदद करता है.
फ्लैश मेमोरी
यह एक तरह का इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस होता है जो भी ऑपरेटिंग सिस्टम की मेमोरी को स्टोर करने में मदद करता है. यह एक तरह की electronic (solid-state) non-volatile storage medium है जिसको इलेक्ट्रिकली मिटाया जा सकता और rewrite भी किया जा सकता है . Routing algorithm, routing protocol और routing table को store करने में हेल्प मिलती है. जब भी आप Router को अपडेट करते हैं तो उसका अपडेटेड डाटा भी इसी मेमोरी के अंदर जाता है.
Non-Volatile RAM
यह एक परमानेंट मेमोरी होती है जिसमें की ऑपरेटिंग सिस्टम बैकअप रखा जाता है. इसमें Router के boot होने के दौरान कौन सा प्रोग्राम लोड होना है इस तरह की जानकारी और प्रोग्राम रखे जाते हैं.
रैम का इस्तेमाल यहां पर ऑपरेटिंग सिस्टम के लोड होने के बाद में जितने भी Router से ARP tables, routing tables, routing metrics या acket Forwarding Process Speed और इस तरह के डाटा रैम के द्वारा ही संचालित किया जाता है.
नेटवर्क इंटरफ़ेसेज
Router के अंदर बहुत से नेटवर्क इंटरफेस इस्तेमाल किए जाते हैं इसी वजह से आप इसमें Driver की मदद से Connected Port का लगा सकते हैं कि कौन से पोर्ट पर Wire Connection और Wifi कनेक्टेड है.
Console
Router के अंदर Configuring और मैनेजिंग का काम होता है जो कि Consoleके द्वारा किया जाता है. कॉन्फ़िगरेशन और Troubleshooting Command कंसोल के द्वारा भेजे जा सकते हैं. यह कुछ एक Router के अंदर देखने को मिलता है.
Router के प्रकार
आपको मार्केट में अलग-अलग Router देखने को मिल जाएंगे. यहां पर कुछ ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? तरह के Router Network कनेक्टिविटी और कुछ तरह के Router एक्सटेंड करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. नीचे हम आपको Router के लिस्ट दे रहे हैं जिसकी मदद से आप को Router के प्रकार को समझने में मदद मिलेगी.
वायरलेस Router
Wireless Router यानी वाईफाई Router का इस्तेमाल घर, ऑफिस, कॉलेज में इंटरनेट एक्सेस के लिए किया जाता है. इसका इस्तेमाल नेटवर्किंग कंप्यूटर पर डाटा पैकेज ट्रांसफर करने के लिए भी किया जा सकता है. इसमें आपको सिक्योरिटी के लिए पासवर्ड सिस्टम भी रहता है जिससे कि आप कनेक्शन के दौरान डालकर उस वाईफाई Router से कनेक्ट हो सकते हैं.
ब्रॉडबैंड Router
इस तरह के Router VOIP टेक्नोलॉजी पर काम करते हैं इसमें आपको ऐसे Network Port और Phone Line Port दिए जाते है जिसकी मदद से आप घर में ब्रॉडबैंड कनेक्शन को इस्तेमाल कर सकते हैं.
इसके अलावा भी कुछ Router हैं जिनके नाम की लिस्ट हम आपको नीचे दे रहे हैं
- Core Router
- Inter Provider Border Router
- Edge Router
- Subscriber Edge Router
Final Word
आज इस आर्टिकल में हमने आपको बताया की Router क्या है और Router कैसे काम करता है और उसके इस्तेमाल कहां कहां पर किए जाते हैं और कितने प्रकार के Router होते हैं, Router in hindi, router configuration in hindi, wifi router kya hai, best wifi router hindi, router types in hindi. अगर आपको इसके बारे में कुछ और जानना है तो आप नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में भी कमेंट करके पूछ सकते हैं.
लिनक्स पर ifconfig कमांड
डिफ़ॉल्ट रूप से, ifconfig उपयोगिता सिस्टम पर उपलब्ध नहीं है और OS पर नेट-टूल्स पैकेज स्थापित नहीं है। आइए इसे टर्मिनल में एक कमांड के साथ इंस्टॉल करें:
sudo apt-net-tools इंस्टॉल करें
प्रक्रिया 2 मिनट तक चलती है, जिसके बाद उपयोगकर्ता के पास टर्मिनल के माध्यम से नेटवर्क कॉन्फ़िगरेशन तक पहुंच होती है।
उपयोगिता तब ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ सिस्टम प्रक्रिया के रूप में शुरू होती है। यह कॉन्फ़िगरेशन फ़ाइलों से जानकारी एकत्र करता है और इसे डाउनलोड करता है।
ifconfig कमांड में विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला है। उपलब्ध कुंजियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए, टर्मिनल में टाइप करें:
ifconfig -help
- कुंजी [-ए] का अर्थ है "ऑपरेटिंग सिस्टम के सभी नेटवर्क इंटरफेस पर एक अतिरिक्त कार्रवाई लागू करें"।
- विकल्प [-v] उपयोगकर्ता की स्क्रीन पर विवरण प्रदर्शित करता है।
- फ़ंक्शन [-s] [-v] कुंजी की क्रिया का विलोम है। उपयोगिता निर्दिष्ट आइटम के बारे में संक्षिप्त जानकारी प्रदर्शित करती है।
- "इंटरफ़ेस नाम"। उपयोगकर्ता उस नेटवर्क इंटरफ़ेस को निर्दिष्ट करता है जिस पर संचालन लागू किया जाना चाहिए। उदाहरण के लिए, eth0 का अर्थ ईथरनेट नेटवर्क इंटरफ़ेस है।
- "दिशा"। चयनित नेटवर्क इंटरफ़ेस का IP पता दर्ज करें।
आइए उन मानों के बारे में बात करें जो उपयोगकर्ता ifconfig कमांड के लिए सेट करता है। नेटवर्क इंटरफ़ेस को कॉन्फ़िगर करने के लिए, पैरामीटर के साथ उसका नाम और कमांड निर्दिष्ट करें।
महत्वपूर्ण! नेटवर्क तत्व में परिवर्तन केवल सुपरयुसर अधिकारों के साथ किया जा सकता है।
किसी विशिष्ट इंटरफ़ेस के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए, टर्मिनल में विकल्प टाइप करें। उदाहरण के लिए:
सुडो इफकॉन्फिग eth0
कमांड इंगित करता है कि उपयोगकर्ता ऑपरेटिंग सिस्टम को eth0 इंटरफ़ेस के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए कह रहा है।
महत्वपूर्ण! यदि उपलब्ध वस्तुओं की पूरी सूची की आवश्यकता है, तो ifconfig टाइप करें।
निम्नलिखित कुंजियाँ मुख्य रूप से विभिन्न कार्यों के लिए उपयोग की जाती हैं:
- ऊपर और नीचे. नाम से चयनित इंटरफ़ेस को सक्रिय/निष्क्रिय करें। वाक्य - विन्यास:
sudo ifconfig eth0 नीचे
ऑपरेशन की पुष्टि के बाद, ऊपरी दाएं कोने में एक शिलालेख दिखाई देगा।
इसे चालू करने के लिए, उपयुक्त दर्ज करें:
sudo ifconfig eth0 अप
जब आप इसे चालू करते हैं, तो एक सूचना दिखाई देगी - शीर्ष पर एक सिस्टम संदेश।
सुडो ifconfig eth0 arp
महत्वपूर्ण! ARP कमांड से पहले "-" के साथ कमांड को फिर से दर्ज करना प्रोटोकॉल को निष्क्रिय कर देगा।
sudo ifconfig eth0 प्रोमिस्क
सब कुछ अपने स्थान पर वापस करने के लिए, पिछले बिंदु की तरह आगे बढ़ें: कुंजी के सामने एक ऋण चिह्न लगाएं।
सुडो ifconfig eth0 192.168.1.25
महत्वपूर्ण! पता बदलने से पहले, आपको यह जांचना चाहिए कि पता मुफ़्त है या नहीं। यदि नहीं, तो त्रुटि होगी।
sudo ifconfig eth0 नेटमास्क 255.255.255.0
सुडो ifconfig eth0 mtu 1000
sudo ifconfig eth0 प्रसारण 192.168.1.255
sudo ifconfig eth0 hw ईथर 8C:DC:A4:48:C2:C0
ये ifconfig उपयोगिता द्वारा उपयोग की जाने वाली मूल कमांड हैं।
मार्ग सेट करने के लिए दूसरी उपयोगिता कनेक्ट करें।
ifconfig स्थिर मार्गों को संभालना नहीं जानता। इसके लिए लिनक्स पर एक पथ कमांड है।
ऊपर की छवि दो उदाहरण दिखाती है। पहले मामले में, कमांड बिना किसी विकल्प के दिया जाता है। आउटपुट नामों के साथ एक रूट टेबल है। दूसरा विकल्प: -n स्विच जोड़ने से नामों के बजाय आईपी पते प्रदर्शित होते हैं।
नया मार्ग बनाने या जोड़ने के लिए, जोड़ें कुंजी का उपयोग करें और पता, गेटवे और सबनेट मास्क निर्दिष्ट करें। उदाहरण के लिए, 192.168.1.0 से 192.168.1.10 तक डेटा निर्देशित करने वाला मार्ग जोड़ें:
सुडो रूट ऐड-नेट 192.168.1.0 gw 192.168.1.10 eth0
- ऐड की का अर्थ है "एक नया मार्ग बनाएं"। यदि आप मार्ग हटाना चाहते हैं, तो डेल लगाएं।
- -नेट विकल्प उस नेटवर्क को निर्दिष्ट करता है जिस पर उपयोगिता चलती है। होस्ट विकल्प उसी तरह काम करता है, केवल नामों के संदर्भ में।
- GW वर्णों को गेटवे, यानी गेटवे के रूप में डिकोड किया जाता है।
- अंत में नेटवर्क इंटरफ़ेस नाम शामिल करना सुनिश्चित करें। इस उदाहरण में यह eth0 है।
मार्ग उपयोगिता के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कमांड लाइन पर मदद टाइप करें।
अप्रैल 2004 में, ifconfig, arp, netstat, मार्ग और अन्य उपयोगिताओं को एक नए समाधान, iproute2 से बदल दिया गया। इसमें नई सुविधाओं को जोड़ने के साथ सभी पिछली उपयोगिताओं को शामिल किया गया है। उत्पाद का एक बड़ा दोष एक अलग वाक्यविन्यास है।
यही कारण है कि कई sysadmins अभी भी ifconfig, मार्ग, आदि का उपयोग करते हैं। नए विकल्प और चाबियां उनके लिए अपरिचित हैं।
नए पैकेज के मूल आदेश:
- आईपी. विस्तृत नेटवर्क कॉन्फ़िगरेशन के लिए जिम्मेदार। इसमें रूट टेबल, इंटरफेस, एडेप्टर एक्टिवेशन/डिएक्टिवेशन, मल्टीकास्ट एड्रेस और बहुत कुछ शामिल हैं।
- सीटी. इसका अर्थ है "यातायात नियंत्रण"। पैकेजों को स्तरों में वर्गीकृत करने, उन्हें प्राथमिकता देने आदि के लिए डिज़ाइन किया गया।
- एच.एच. यह नेटस्टैट के लिए एक प्रतिस्थापन है। यह अनिवार्य रूप से समान सुविधाओं और क्षमताओं के साथ इसका समकक्ष है।
सामान्य वाक्यविन्यास इस प्रकार है:
IP ऑब्जेक्ट cmd [-arg1, -arg2]
वस्तु - कोई भी वस्तु जिस पर आईपी कमांड लागू होती है। यह नेटवर्क इंटरफ़ेस (eth0) या उसका पता, मार्ग, सुरंग आदि हो सकता है।
Cmd - दी गई वस्तु के लिए। उदाहरण के लिए, eth0 इंटरफ़ेस के लिए हम डाउन कमांड का उपयोग करेंगे।
-आर्ग1, -आर्ग2 - कमांड के लिए अतिरिक्त कुंजियों का सेट।
उपलब्ध कार्यों की विस्तृत सूची प्राप्त करने के लिए, आइए सार्वभौमिक विधि का उपयोग करें: ARP क्या है और यह कैसे काम करता है? कमांड के बाद सहायता कुंजी दर्ज करें।
यह पोस्ट ifconfig कमांड का परिचय देता है, जिसका उपयोग ऑपरेटिंग सिस्टम के Linux परिवार पर नेटवर्किंग को कॉन्फ़िगर करने के लिए किया जाता है। नेटवर्क प्रशासकों द्वारा सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले मानक तर्क दिए गए हैं।
एक अलग अध्याय iproute2 उपयोगिता का वर्णन करता है, जिसने ifconfig को बदल दिया। नवाचारों के बावजूद, यह नए सिंटैक्स के कारण बहुत लोकप्रिय नहीं है।