ट्रेडिंग नियम

इसके अतिरिक्त, Olymp Trade प्लेटफॉर्म पर Forex, FTT, या Stock ट्रेडिंग मोड में स्टॉक पर अप या डाउन ट्रेड खोलकर, आप केवल संबंधित स्टॉक कीमतों पर ट्रेड करते हैं। आप एक शेयरधारक नहीं बनते हैं और इसलिए, इससे जुड़े जोखिमों का सामना नहीं करते हैं।
उत्कृष्ट ट्रेडिंग नियम
हमारे द्वारा शुरू किए गए फ्लोटिंग लिवरेज सिस्टम में, लिवरेज 1:1000 की ऊंचाई तक पहुंच जाती है, इसका मतलब है हमारे ट्रेडर अपनी खरीदने की पॉवर 1000 गुणा तक बढ़ा सकते हैं। उच्च लिवरेज से हमारे ट्रेडरों को ऐसे अवसर मिलते हैं जिनकी उन्होंने कभी् कल्पना भी नहीं की होती; कम अनुपात में फंड डिपॉजिट की क्षमता लेकिन फिर भी बड़े वॉल्यूम में ट्रेड करना। हमेशा ध्यान रहे कि लिवरेज से हानि की संभावना भी बनी रहती है।.
टाइट स्प्रैड्स एक फॉरेक्स ब्रोकर का चयन करते समय एक प्रमुख शर्त है| ट्रेडिंग की वह प्रारंभिक लागत कम या अधिक की पेशकश स्प्रैड्स कैसे रहे हैं पर निर्भर करता है, हम 0.1* पिप्स से शुरू टाइट स्प्रैड्स को प्रदान करते हैं और यहां तक स्प्रैड्स तथ्य यह है कि शुरू से ही यह लाभ देता है |
*खाता प्रकार एवं बाजारी स्थितियों पर निर्भर करता है
जल्द निष्पादन
ForexTime (FXTM) पर ट्रेडिंग नियम आपके सौदों पर तुरंत कार्यान्वयन किया जाता हैं, तथा यह सुनिश्चित किया जाता हैं कि आपको सबसे अच्छी कीमत मिले और कोई देरी आपकी ट्रेडिंग गतिविधियों के साथ हस्तक्षेप न करें।
NDD प्रौद्योगिकी हमें क्रम में कई तरलता प्रदाताओं के साथ काम करने के लिए सबसे अच्छा बोली के साथ उपलब्ध कराने और कीमतों में पूछने की अनुमति देता है| इस तकनीक के माध्यम से हम गहरे अंतर बैंक तरलता प्रदान करते हैं और आप तुरंत क्रियान्वित किये जा सकते हैं कि दरों के लिए सीधी पहुँच दे*|
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स्वचालित ट्रेडिंग
स्वचालित ट्रेडिंग स्वचालित ट्रेडिंग नियम ट्रेडिंग के साथ, अन्यथा, एल्गोरिथम ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है| एक ट्रेडर एक ट्रेडिंग रणनीति विकसित करता है या किसी और की ट्रेडिंग रणनीति लागू करता है और यह तब विशेषज्ञ सलाहकार की तरह एक स्वचालित ट्रेडिंग प्रणाली द्वारा अपनाया जाता है| इस प्रणाली को स्वचालित रूप से अपने ट्रेडार्स गतिविधियों को स्वचालित बनाने के लिए , पहले से ही लागू रणनीति के अनुसार आप ट्रेडिंग नियम के लिए ट्रेडिंग करने के लिए शुरू होता है| इस प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ ट्रेडार्स को मिलता है और उनको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है| आप जब सो जाते हैं तब भी आप लाभ पा सकते हैं, क्योंकि आपने इस सिस्टम में अपने ट्रेडिंग एल्गोरिथ्म शामिल कर लिया है| यह दिमाग में रखना ज़रूरी है की सिर्फ परंपरागत ट्रेडिंग के साथ ही, नुकसान भी स्वचालित ट्रेडिंग के साथ अनुभव किया जा सकता है|
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जोखिम न्यूनीकरण उपकरण के रूप में डे ट्रेडिंग के नियम
20वीं शताब्दी में, तेजी से विस्तार और तकनीकी प्रगति ने अमेरिकी शेयर बाजार को ट्रेडिंग का जन्मस्थान बना दिया है जैसा कि हम इसे आज जानते हैं। आम लोगों ने देखा कि सार्वजनिक कंपनियां उभरती हैं और शेयर बाजार में कई मिलियन डॉलर की संपत्ति एक से दूसरे में परिवर्तित होती है। स्वाभाविक रूप से, वे सब इसमें सहभागी होना चाहते थे। इसने पैटर्न डे ट्रेडिंग को जन्म दिया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध स्टॉक ट्रेडिंग के साथ, वही चिंगारी आज भी मौजूद है। हालांकि, दुनिया के अधिकांश ट्रेडर के लिए, अधिकांश स्टॉक मुश्किल से उनकी पहुँच के अंदर हैं।
कई सौ डॉलर का स्टॉक उनके लिए एक बड़ा निवेश है। इसलिए, इसे खोना भी उतना ही बड़ा वित्तीय जोखिम बनता है। फिर भी, वे अक्सर इसे अनदेखा कर देते हैं। जल्दी से धन अर्जित करने की इच्छा से प्रेरित होकर, वे एक ठोस जोखिम प्रबंधन रणनीति के बिना ही ट्रेडिंग में कूद पड़ते हैं। तार्किक रूप से, वे अक्सर नुकसान झेल लेते हैं।
पैटर्न डे ट्रेडिंग के तीन गुण
FINRA एक अमेरिका-आधारित संस्था है, जिसका उद्देश्य बड़े पैमाने पर ट्रेडिंग वातावरण को सुरक्षित और अधिक पारदर्शी बनाना है। यह ब्रोकर को विनियमित करके और विशिष्ट मानदंडों के आधार पर ट्रेडर की गतिविधि पर कुछ प्रतिबंध लगाकर किया जाता है। इन प्रतिबंधों में से एक पैटर्न डे ट्रेडिंग नियम है।
FINRA के अनुसार, यहां तीन गुण हैं जिन्हें एक ट्रेडर की गतिविधि को पैटर्न डे ट्रेडिंग, या PDT के रूप में वर्गीकृत करने की आवश्यकता है।
- ट्रेडिंग मार्जिन के साथ की जाती है।
- पांच दिनों में तीन से अधिक ट्रेड बंद किए जाते हैं।
- पांच दिनों के दौरान कुल ट्रेडों में से 6% से अधिक दिवसीय ट्रेड ।
PDT नियम के दो विकल्प चयन
यदि उपरोक्त सभी मानदंड किसी ट्रेडर के ट्रेडिंग खाते पर लागू होते हैं, तो उन्हें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होती है कि उनके पास हर समय न्यूनतम $25,000 उपलब्ध है। इससे वे जितनी बार चाहें उतनी बार ट्रेडिंग कर सकेंगे।
अन्यथा, यदि वे $25,000 के निचे आते हैं, तो उनके कुछ खुले ट्रेड रात-भर के लिए रोके जा सकते हैं या यहां तक कि एक मार्जिन कॉल भी ट्रिगर किया जा सकता है।
इस विनियमन का उद्देश्य FINRA के सामान्य उद्देश्य से आता है। यही ट्रेडर की सुरक्षा है। तर्क इस प्रकार है।
ट्रेडर को ट्रेड से जुड़े जोखिमों से पूरी तरह अवगत होने की आवश्यकता है। इसलिए उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
इस कारण से, ट्रेडर अपने खाते में कुल $25,000 रख सकते हैं और जितना चाहें उतना ट्रेड कर सकते हैं।
अन्यथा, उन्हें अपनी ट्रेडिंग की गति को एक सप्ताह में तीन ट्रेडों से ज्यादा न रखने की आवश्यकता होती है यदि वे खाते के फंडिंग के उस स्तर से नीचे आते हैं।
Gold Trading: सोने की ट्रेडिंग होगी आसान, सरकार ला रही नए नियम- जानिए कैसे होगा फायदा
- News18 हिंदी
- Last Updated : November 18, 2022, 20:49 IST
नई दिल्ली. सोने में ट्रेडिंग करना अब और आसान होने वाला है. Paper Gold में ट्रेडिंग करने वालों कारोबारियों लिए अच्छी ख़बर आई है. Electronic Gold Receipts में Trade करने पर ITC रिफंड नहीं अटकेगा. सूत्रों के मुताबिक EGR यानी Electronic Gold Receipts के जरिए निवेश और ट्रेडिंग को बढ़ावा देने ट्रेडिंग नियम के लिए वित्तमंत्रालय GST से जुड़े नियमों में ढील देने पर विचार कर रहा है.
बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट से इस प्रीसियम मेटल प्रभावी और पारदर्शी कीमत का पता लगाने में मदद मिलेगी. EGR यानी इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट अन्य सिक्योरिटीज जैसा ही होगा. इसकी ट्रेडिंग क्लियरिंग और सेटलमेंट भी दूसरी सिक्योरिटीज की तरह किया जा सकेगा.
शेयर बाजार निवेशकों के लिए जरूरी खबर: क्लाइंट के फंड सेटलमेंट का बदला तरीका, शेयर ट्रेडिंग पड़ेगा महंगा!
Stock Market Trading: शेयर बाजार में ट्रेडिंग या शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं तो ये खबर आपके काम की है। आज यानी 7 अक्टूबर 2022 से स्टॉक ट्रेडिंग देखने वाले ब्रोकरेज हाउसेज़ और ब्रोकर्स के लिए नया नियम ट्रेडिंग नियम लागू हो रहा है। दरअसल, SEBI ने क्लाइंट फंड के सेटलमेंट का तरीका बदल दिया है और इसको लेकर एक गाइडलाइंस भी जारी की गई है। नए नियम के तहतब्रोकर्स को क्लाइंट के रनिंग अकाउंट में बचा हुआ जो भी फंड होगा वो क्लाइंट के बैंक अकाउंट में वापस भेजना होगा। ऐसे में Zerodha के फाउंडर नितिन कामत का मानना है कि नए सिस्टम लागू होने के बाद ब्रोकरेज चार्जेज में इजाफा हो सकता है।
इनसाइडर ट्रेडिंग पर और सख्त हुआ SEBI, पहली बार शुरू किया कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन
Insider Trading: इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर सेबी ने और सख्ती कर दी है. सख्ती के लिए सेबी ने एक नया नियम बनाया है, जिसके तहत अब कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन शुरू कर दिया गया है.
Insider Trading: कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी की तरफ से इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading) को और सख्त नियम लाए जा सकते हैं. सेबी की ओर से इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर सख्ती और बढ़ गई है. इनसाइडर ट्रेडिंग को रोकने के लिए सेबी ने एक बड़ा कदम उठाया है. ज़ी बिजनेस को मिली जानकारी के मुताबिक, आज तक इंटरमीडिएट्री और एक्सचेंजों का फिजिकल इंस्पेक्शन होता था लेकिन अब सेबी (SEBI) ने कंपनियों को भी फिजिकल इंस्पेक्शन करना शुरू कर दिया है. सेबी (Securities Exchange Board of India) ने पहली बार कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन करने का फैसला किया है.
इनसाइडर ट्रेडिंग को लेकर सेबी सख्त
2020 में सेबी एक नया रेगुलेशन लेकर आई थी, जिसनें UPSI सूचना को स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस के तौर पर रखने की ट्रेडिंग नियम बात कही गई थी. अब स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस (SDD) की जांच के लिए स्टॉक एक्सचेंजों को फिजिकल इंस्पेक्शन का निर्देश दिया गया है. अब सेबी की तरफ से BSE-NSE दोनों ही एक्सचेंजों को लगभग टॉप 200 कंपनियों के स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस की जांच करने का आदेश दिया गया है और ट्रेडिंग नियम ये काम इस साल के दिसंबर महीने तक पूरा करना है.
🔸SEBI ने पहली बार कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन शुरू किया
🔸स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस की जांच के लिए स्टॉक एक्सचेंजों को फिजिकल इंस्पेक्शन का निर्देश
मार्च तक 400 कपनियों की करनी है जांच
इसके अलावा टॉप 400 कंपनियों की जांच का टारगेट अगले साल मार्च महीने तक के लिए दिया गया है. बता दें कि देश के एक ट्रेडिंग नियम बड़े होटल की जांच पहले ही हो चुकी है. बता दें कि इनसाइडर ट्रेडिंग पर रोक लगाने के लिए सेबी की ओर से ये कदम उठाया गया है.
मार्केट रेगुलेटर सेबी ये जानना चाहता है कि कंपनियों की ओर से SDD कलेक्शन सही से हुआ है या नहीं. इसके लिए सेबी पहली बार कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन कर रहा है ताकि इनसाइडर ट्रेडिंग जैसे फ्रॉड पर रोक लगाई जा सके.
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SDD (स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डाटाबेस) क्यों जरूरी?
सेबी की ओर से ये प्रक्रिया शुरू हो चुकी है क्योंकि दिसंबर तक टॉप 200 कंपनियों का फिजिकल इंस्पेक्शन करना है. बीएसई-एनएसई के अधिकारी ये काम कर रहे हैं. बता दें कि UPSI की सूचना जिसके साथ भी शेयर की जा रही है, उसका एक डाटा रखना होता है. 2020 के रेगुलेशन को कंपनियां कितनी गंभीरता के साथ ले रही हैं, इस पर कंपनियों से बात करके ही जानकारी मिल सकती है.
UPSI मतलब अनपब्लिश्ड प्राइस सेंसेटिव इन्फॉर्मेशन. ऐसी सूचना, जो अभी तक पब्लिक डोमेन में नहीं आई है और ये कुछ ही लोगों को पता है. इतना ही नहीं ये सूचना प्राइस सेंसेटिव है, यानी कि इससे शेयर की कीमत पर असर पड़ सकता है.